Friday, December 24, 2010

मागोइ का उपहार

एक डॉलर और सत्तासी सेंट. बस इतने ही पैसे थे. और इस में से साठ पेनी सिक्के थे. ये पेनी एक-एक दो-दो करके उसने पंसारी और सब्जीवालों के साथ इतनी कड़ी सौदेबाजी करके जमा किये थे कि अपनी कंजूसी पर लज्जा के मारे उसके गाल लाल हो जाया करते थे. डेला ने सिक्कों को तीन बार गिना. एक डॉलर सत्तासी सेंट. बस. और अगले दिन क्रिसमस है.

करने को कुछ नहीं था सिवाय छोटे जर्जर सोफे पर धड़ाम से गिर कर आह भरी जाए. डेला ने ऐसा ही किया. ऐसे करने से यह ही विचार मन में आती है कि मनुष्य का जीवन सिसकने, आंख-नाक से पानि बहाने और मुसकुराने से मिल कर बना है. जिस में आंख-नाक से पानि बहाना मुख्य हैं.

जब तक घर की मालकिन धीरे-धीरे पहले दशा से दूसरी पर आ रही है तो उसके घर की दशा जरा देखें. एक फर्निचर-युक्त फ्लैट, 8 डॉलर साप्ताहिक किराया पर. यह किसी भिखारी का वर्णन नहीं है, लेकिन ठीक ठीक भिक्षा मांगनेवालों की तरह ही है.

नीचे हाल में एक लेटर बॉक्स है जिस में पत्र डालने वाला कोई नहीं है. उस के पास एक बिजली बटन है जिस से कोई प्राणी की उंगली घंटी नहीं बजा सकती. इनके पास एक नेमकार्ड लगा था, जिस पर लिखा है, "मिस्टर जेम्स डिलिंघम यंग."

“डिलिंघम” नाम तब मौज-मस्ती से पुराने खुशहाल समय में लिखा गया था, जब इस नाम का हकदार $30 प्रति सप्ताह का वेतन पाता था. अब जब आमदनी $30 से सिकुड़ कर $20 हो गयी है तो उन्होंने गंभीरता से सोचा कि “डिलिंघम” को सिकोड़ कर एक विनम्र विनीत “डी” करना उचित है.

लेकिन जब भी मिस्टर जेम्स डिलिंघम यंग घर आते और ऊपर अपने फ्लैट में प्रवेश करते तो उसकी पत्नी, मिसेज जेम्स डिलिंघम यंग, जिस का डेला नाम से पहले परिचय कराया गया, उसे "जिम" कहकर जोर से गले लगाया करती थी. जो सब बहुत अच्छा लगता है.

डेला ने अपना रोना समाप्त किया और कपड़े से गाल पर पाउडर लगाया. वह खिड़की के पास खड़ी हो गई और धुंधली नजर से घर के धूसर पिछवाड़े आंगण में धूसर चारदिवारी पर घुम रही धूसर बिल्ली को देखते लगी. कल बड़ा दिन और उसके पास मात्र एक डॉलर और सत्तासी सेंट थे, जिन से जिम के लिये एक उपहार खरीदना पड़ेगा. इतने महीनों से एक-एक पाई बचाने के बाद भी यह हालत है. बीस डॉलर प्रति सप्ताह ज्यादा दिन नहीं चलते हैं. खर्चे उसके अनुमान से ज्यादा हैं. जैसा कि हमेशा होता है. केवल एक डॉलर और सत्तासी सेंट जिम का उपहार खरीदने के लिए. उसका अपना प्रिय जिम.

कितने घंटों से खुश हो कर उसने जिम के लिये कुछ अच्छा खरीदनेकी योजना बनायी थी. कोई अच्छी चीज, कोई दुर्लभ और उत्कृष्ट वस्तु, ऐसा कुछ जिस से वह अपने आप पर जिम की पत्नी होने का गर्व करें.

कमरे में खिड़कियों के बीच एक तंग कांच लगा था. $8 किराये के फ्लैट में आप ने शायद ऐसा कांच देखा होगा. शायद एक पतला और चुस्त व्यक्ति इस कांच के सामने तीव्र गति से गजरते हुए अपनी आकृति की एक-एक लंबा हिस्से का टुकड़ा एक साथ जोड़ कर अपने पूरे रूप का सटीक अनुमान लगा सकता है. डेला पतली होने के कारण इस कला में माहिर थी.

अचानक वह खिड़की से घुमकर शीशे के सामने खड़ी हो गयी है. उसकी आँखें चमक रही थीं, पर बीस सेकंड के अंदर उसके चेहरे का रंग उतर गया. तेजी से उसने अपने बाल खोलकर नीचे लहरा दिये.

अभी श्रोताओंको एक बात बताना जरूरी है कि जेम्स डिलिंघम यंग नामक दम्पति की केवल दो संपत्तियां थीं जिन पर उन दोनों को अत्यन्त गर्व था. एक जिम की सोने की घड़ी, जो उसकी पिता-दादा की जायदाद थी. और दूसरी—डेला के केश. अगर शबा की महारानी स्वयं उनकी सामनेवाली फ्लैट में रहती तो डेला कभी अपने बाल खोलकर खिड़की से बाहर लहराकर उसके गहनों की शोभा कम कर देती. और अगर खुद सम्राट सुलैमान इस फ्लैट के तहखाने में ढेर लगे खजाने का मालिक बन जाता, तो जिम उसके पास से गुजरने पर हर बार अपनी घड़ी बाहर निकालता, कि देखें कैसे सुलैमान ईर्ष्या से अपनी दाढ़ी खींचता है.

अब डेला के बाल उसके चारों तरफ बिखर कर भूरे पानी के झरने की तरह लहरा रहे थे. बालों ने घुटनों के नीचे तक पहुंच कर उसे कपड़े की तरह ढक लिया था. डेला ने घबराकर जल्दी से बालों को ऊपर उठाया एक क्षण के लिये लड़खड़ा कर फिर सीधी खड़ी हो गयी, जबकि एक-दो आंसू उसकी आंखों से निकल कर लाल कालीन पर छिटक गये.

उसने अपना पुराना भूरे रंग का जैकेट पहना, और भूरे रंग का पुराना हैट. और फिर तेजी से आँखों में शानदार चमक लिये. अपनी स्कर्ट को लहराती हुए दरवाजे से बाहर निकली और सीढ़ियों से उतर कर नीचे सड़क पर चलने लगी.

जहां वह जाकर रुकी वहां एक दुकान के बोर्ड पर लिखा था: " मैडम जाफरानी. यहां केश की सभी सामग्री के लिये सम्पर्क करें". डेला तुरंत दौड़ कर सीढ़ियों से ऊपर गयी, और अपने आपको संभाल कर हांफते हुए अंदर गयी. मैडम बड़ी थी, उसके त्वचा और बाल बहुत ज्यादा सफेद थे, और वह रुखी स्वभावा थी. संक्षेपतः, वह बिलकुल जाफरान जैसी नहीं लगती थी.

डेला ने पूछा,"क्या आप मेरे बाल खरीदेंगी ?"

"हां बिल्कुल, मैं बाल खरीदती हूं," मैडम ने कहा. "अपनी टोपी उतार, तेरा क्या है जरा देखें."

बाल भूरे पानी के झरने की तरह लहराने लगे.

मैडम ने अपने अनुभवी हाथों से बाल पकड़ कर कहा, "बीस डॉलर."

डेला ने कहा, “ठीक है, मुझे तुरंत पैसे दे दो.”

आहा! अगले दो घंटे कैसे गुलाबी पंखों पर उड़ गये! ना, ना, यह अनुपयुक्त रूपक भूल जाओ. जिम के उपहार के लिये वह उत्तेजित होकर उन्मादिता-सी दुकानों को उलट-पालट कर रही थी.

आखिर में उसे मिल ही गया, जो निश्चित रूप से जिम के लिए ही बना था, अन्य किसी के लिये नहीं. किसी दुकान में इस जैसा कुछ और नहीं था, क्योंकि उसने सब दुकानों को उलट-पालट करके देखा था. यह एक प्लैटिनम की चेन थी, यह एक प्लैटिनम की साधारण और पवित्र डिजाइन वाली चेन थी, जिसकी कीमत उसकी चमक-दमक और नक्काशी से नहीं, बल्कि धातु के स्वाभाविक गुण से ही पता चल जाती है. जैसा सब अच्छी चीजों के लिये लागू होना चाहिये. और यह चेन जिम की घड़ी के लायक भी थी. यह जिम की तरह शालीन और मूल्यवान थी.

उस ने चेन का मूल्य इक्कीस डॉलर चुकाया और बाकी सत्तासी सेंट लेकर शीघ्र घर वापस आयी. उसने सोचा कि आज से जिम अपनी घड़ी में चेन लगाकर कभी भी कहीं भी लोगों के बीच अपनी घड़ी में समय देख सकेगा. इतनी शानदार घड़ी होने के बावजूद उसे देखने में जिम को शरम आती, क्योंकि इस में चेन की बजाय चमड़े का एक पुराना पट्टा था.

जब डेला घर पहुंची तो उसका नशा दूर हुआ और थोड़ा होश आया. उसने कर्लिंग आइरन निकाल कर गैस जलायी और प्यार की उदारता से जो नुकसान हुआ, उसे सुधारने के लिये बाकी बचे बालों को घूंघराला बनाने लगी. हे प्रिय मित्रो ! ऐसा नुकसान भरपायी करना कभी आसान नहीं है.

चालीस मिनट के अंदर उसका सिर छोटे छोटे घूँघराले बालों से ढक गया. अभी वह अजीब ढंग से इस्कूल से भागे हुए एक बच्चे की तरह लग रही थी. उसने आईने में अपने-आपको देर तक बड़ी गौर से देखने के बाद सोचा, “अगर जिम मुझे जान से मार न डालें तो मुझे दुबारा देखने के पहले ही कहेगा कि मैं कोनी आइलैंड की नर्तकी की तरह लगती हूं. हाय ! लेकिन मैं एक डॉलर और सत्तासी सेंट से क्या कर पाती ?"

सात बजते ही कॉफी बन चुकी थी और स्टोव के पीछे फ्राइंग पैन खाना बनाने के लिए तैयार रखा था.

जिम कभी देर से नहीं आता. डेला ने चेन को अपने हाथ में रखा और दरवाजे के पास मेज के कोने पर बैठ गयी. फिर उसने नीचे सीढ़ियों पर जिमके कदमों की आहट सुनी तो उसके चेहरे का रंग उड़ गया. वह हमेशा मामुली मामलों के लिये भी मौन प्रार्थना किया करती थी, आज भी वह फुसफुसायी, "हे भगवान ! कि मैं आज भी उसे पहले जितनी सुंदर लगूं."

दरवाजा खुला और जिम ने अंदर आ कर इसे बंद कर दिया. देखने में वह पतला और गंभीर था. बेचारा, सिर्फ बाईस साल का था और इसी उम्र में भी एक परिवार का बोझ उसके कांधों पर था. उसे एक नये ओवरकोट की जरूरत थी और हाथों पर दस्ताने भी थे नहीं.

दरवाजे के सामने जिम रुक कर ऐसे निश्चल खड़ा हो गया जैसे बटेर की गंध पाके शिकारी कुत्ता. उसकी दृष्टि डेला पर टिकी थी और उसकी आंखों में जो भाव आया था, जिसे डेला समझ नहीं पायी. वह भयभीत हो गयी. जिम को न गुस्सा था, न आश्चर्य, न ही अस्वीकृति, न सदमा. ऐसा कोई भाव नहीं था जिस के लिये वह तैयार थी. बस वह उसी भाव से टकटकी लगा कर उसे घूर रहा था.

डेला टेबिल के पीछे से खिसक कर जिम के पास पहुंची.

"प्रिय जिम!" डेला चिल्लायी, "मुझे एसे मत घूरो. मैंने अपने बाल कटवा कर इस लिये बेच दिये कि मैं तुम्हे एक अच्छा-सा उपहार दिये विना नहीं रह सकती. मेरे बाल फिर बड़े हो जाएंगे. मेरे बाल तेजी से बढ़ते हैं. आप बुरा मत मानो. मुझे बस यह सब करना पड़ा. चलो, अब खुश होकर एक बार 'मेरी क्रिसमस!' कहो. तुम्हें पता नहीं है मैं तुम्हारे लिए कितना सुंदर उपहार लायी हूं!"

जिम ने हिचकिचाते हुए पूछा, "क्या तुम ने बाल कटवा दिये?” जैसे कि कठिन मानसिक उलझन के कारण अभी भी मुद्दा समझ नहीं पाया.

डेला ने जवाब दिया, "हां, जिम, कटवा कर बेच भी दिये. क्या मैं तुम्हें ऐसे अच्छी नहीं लगती हूं ? मैं बालों के विना भी वही डेला हूं, न?"

जिम अचरजता से कमरे की चारों तरफ निहारता था. बेवकूफ का सा फिर सवाल पुछा, "तुम कहती हो कि तुम्हारे बाल चले गये ?"

"ऐसे ढूंढ़ने का कोई लाभ नहीं,” डेला ने कहा, “बताया हूं, बेच दिये. बिक चुके हैं. बस खतम. आज क्रिसमस की शाम है, जिम. दया करो, मेरे साथ अच्छी बातें करो, क्योंकि ये बाल मैं ने तुम्हारे लिए कटवाये हैं. शायद मेरे सिर के बाल गिने जा सकते हैं..." गभीर होकर मधुरता से कहने लगी. "लेकिन मेरे प्यार की गिनती कोई नहीं कर सकेगा... क्या अभी खाना चढ़ा दूँ, जिम ?"

जिम जैसे बेहोशी से एक दम जागा हो. उस ने उठ कर डेला को अपने बांहों में भर लिया. दस सेकंड के लिए हम किसी दूसरी तरफ ध्यान दें और कुछ अलग तरह से विचार करें. देखिये, हफ्ते में आठ डलार या वर्ष मैं एक करोड़, इस से क्या फ़र्क पड़ता है ? कोई गणितज्ञ या वाक्पटु व्यक्ति गलत की जवाब देगा.

जो मागोइ जेसू के पास आये थे, वे मूल्यवान उपहार लाये थे, पर उनके उपहारों में ये सब नहीं था. इस गंभीर रहस्य पर हम बाद में रोशनी डालेंगे.

जिम ने अपने ओवरकोट की जेब से एक पैकेट निकाला और मेज पर फेंक दिया.

"मुझे गलत मत समझो, डेल," उसने कहा, "तुम्हारे बाल कटवाने, गंजी हो जाने या शैम्पू करने से मेरा तुम्हारे प्रति प्रेम कम नहीं होता. लेकिन अगर तुम यह पैकेट खोलोगी, शायद तुम समझ जाओगी मैं क्यों घबराया."

सफेद फुर्तीली उंगलियों के द्वारा डेला स्ट्रिंग और कागज फाड़ने लगी. फाड़ते ही खुशी की लहर दौड़ गयी और फिर हाय! क्षण भर बाद औरतों की तरह आँसू और रोना-धोना शूरु हो गया. जिस के कारण उनकी सान्त्वना देने के लिये गृह स्वामी को अपनी सारी शक्तियों का प्रयोग करना पड़ा.

क्योंकि, पैकट में उन कंघियों का सेट था, जिन्हें डेला काफी समय से ब्रॉडवे की एक दुकान की खिड़की में देख कर पाने की कामना करती थी. उसके सुंदर बालों में दायें-बायें और पीछे लगाने वाली कंघियां, असली कछुए के खोल से बनी और रत्नों से सुसज्जित थीं. बस उतनी सुंदर जितने उसके गायब हुए बाल. वे कंघियां महंगी थीं, डेला जानती थी. इन कंघियों के पाने की लेश मात्र उम्मीद नहीं होने के बाद भी, उसका दिल उनके लिये कितना तरसता और लालायित रहता था. और अब, वे उसकी थीं, लेकिन इनसे सजाने संवारने वाले बाल जा चुके थे.

डेला ने इन कंघियों को छाती से लगा लिया और भरी हुई आँखों से ऊपर देख कर मुस्काते हुए बोली: "जिम, मेरे बाल बहुत तेजी से बढ़ते हैं !"

अचानक डेला छोटी बिल्ली की तरह उछल कर चिल्लायी, "ओह, ओह !" जिम ने अभी तक उसका सुंदर उपहार नहीं देखा है. डेला ने उत्सुकता से उसे अपनी हथेली पर रखा था. यह कीमती धुंधली धातु डेला के जोश और उत्साह की तरह चमक रही थी.

"वाकई यह अति सुंदर है न, जिम ? इसके लिये मैंने पुरा शहर छान मारा. अब आप दिन में सौ बार घड़ी में समय देख सकते हो. घड़ी दो मुझे. मैं देखना चाहती हूं कि यह चेन उस पर कैसी लगती है."

उसकी बात मानने के बजाय जिम ने सोफे पर गिर कर अपने हाथों को सिरे के पीछे रख लिया और मुस्कुराने लगा.

"डेल," उसने कहा, "चलो, कुछ देर के लिये अपने क्रिसमस के उपहार एक तरफ रख दें. ये बेश कीमती चीजें हैं जो अभी इस्तेमाल नहीं कर सकते. मैं ने तुम्हारी कंघी खरीदने के लिए अपनी घड़ी बेच दी. अब तुम शायद खाना बना सकती हो."

मागोइ दूरदर्शी लोग थे, जैसे आप सब जानते होंगे, कितने दूरदर्शी थे वे. वे चरनी के शिशु के लिए तोहफे लाये थे. इस तरह उन्होंने क्रिसमस के समय तोहफे देने की प्रथा को जन्म दिया. दूरदर्शी होने के नाते, उनके उपहार निःसंदेह उपयुक्त थे, संभवतः किसी उपहार के दो बार मिलने पर अदला-बदली करने का अधिकार भी मिल जाता था. और यहाँ मैं ने आप के लिए असंतोषजनक ढंग से एक फ्लैट में रहनेवाले दो मूर्ख बच्चों की कथा सुनायी, जिन्होंने बड़े भोलेपन से एक दूसरे के लिये अपने घर की सब से बड़ी सम्पत्तियां न्यौछावर कर दी.

लेकिन समझदार और दूरदर्शी लोगों के लिए एक अंतिम वाक्य कहा जाए, कि दुनिया के समस्त उपहार देनेवालों में से यह जोड़ी समझदार और दूरदर्शी है. हे साधु जन! मेरी सुनिये ! सर्वत्र सर्वदा ऐसे लोग सब से समझदार और दूरदर्शी उपहार देने वाले हैं. मागोइ वे ही हैं.


The Gift of the Magi by O. Henry. Translated by Jagat and Vivek Arya.

Wednesday, August 25, 2010

श्रीवृन्दावनमहिमामृतम् ३.६२-६४


बरसाना (Photo from Lake of Flowers).




प्रसीद श्रीवृन्दावन वितनु मां स्वैकतृणकं
यदङ्घ्रिस्पर्शात्युत्सवमनुभवेत्त्वय्युदितयोः ।
तयोर्गौरश्यामाद्भुतरसिकयूनोर्नवनव
स्मरोत्कण्ठाभाजोर्निभृतवनवीथ्यां विहरतोः ॥
हे वृन्दावन ! अपना एकमें क्षुद्र तृण कृपाकर मुखे दान करो, जो तुम्हारे बीच विराजमान नव नव कामोत्कण्ठयुक्त, निर्जन वनपथ में विहार करने वाले उन गौरश्यामवर्ण अद्भुत रसिकयुगल के चरणकमलों के स्पर्श का सुख अनुभव करता रहता है ॥३.६२॥




न कालिन्दीमिन्दीवरकमलकह्लारकुमुदा
दिभिर्नित्योत्फुल्लैर्मधुपकुलझङ्कारमधुरैः ।
सहालिश्रीराधामुरलिधरकेलिप्रणयिनीम्
अपश्यन् यो वृन्दावनपरिसरे जीवित स किम् ॥
नीलोत्पल, कमल, कह्लार और कुमुदिनी आदि पुष्पों से प्रफुल्लित, भंवरों की गुञ्जार से मधुर एवं जिसमें सखियों के सहित श्रीराधा-मुरलीधर केलि करते हैं, ऐसी श्रीयमुना जी के, श्रीवृन्दावन में जो व्यक्ति विना दर्शन किये जीवित रहता है, उसे क्या लाभ ? अर्थात् उसका जन्म वृथा है ॥३.६३॥




वृन्दारण्यमिलत्कलिन्दतनयां वन्देऽरविन्देन तां
नानारत्नमयेन नित्यरुचिरामानन्दसिन्धुस्रुताम् ।
रम्यां चान्यविचित्रदिव्यकुसुमैर् गम्यां न सम्यक् त्रयी
मौलीनामपि मत्तषट्पदखगश्रेणीसुकोलाहलाम् ॥
श्रीवृन्दावन से संयुक्त उस श्रीयमुना जी को मैं नमस्कार करता हूं, जो अनेक प्रकार के रत्नमय कमलों से नित्य मनोहर हो रही है, एवं आनन्द समुद्र की कन्या है, अन्योन्य विचित्र दिव्य कुसुमों से सुशोभिता है, ऋक्, साम, यजु वेदत्रय शिरोमणि भी जिसकी सम्यक् महिमा को नहीं जान सकते एवं मत्त मधुकरों तथा विविध पक्षियों के कोलाहल से मुखरित हो रही है ॥३.६४॥


Tuesday, August 24, 2010

श्रीवृन्दावनमहिमामृतम् ३.५९-६१


राधाकी मानलीला (बरसाना) (Photo from Lake of Flowers).




स्त्रीपुत्रदेहगेहद्रविणादौ मैव विश्वसीर्मूढ ।
क्षणमपि नैव विचारय चारय वृन्दारण्यमुखं चरणौ ॥
हे मूर्ख! स्त्री पुत्र देह घर सम्पत्ति आदि का विश्वास मत कर, एक क्षण भी विचार न करके श्रीवृन्दावन की ओर पांव बढ़ा ॥३.५९॥




राधाकृष्णविलासरञ्जितलतासाद्मलिपद्माकर-
श्रीकालिन्द्तटीपटीरविपिनाद्यद्रीन्द्रसत्कन्दरम् ।
जीवातुर्मम नित्यसौभगचमत्कारैकधाराकरं
नित्यानङ्कुशवर्धमानपरमाश्चर्यर्द्धि वृन्दावनम् ॥
श्रीराधा-कृष्ण के विलास से रञ्जित लतागृहों एवं तडा़ों से, श्रीकालिन्दी के किनारों पर स्थित चन्दन-वनादिकों से, एवं श्रीगिरिराज की सुन्दर सुन्दर गुफाओं से जो सुशोभित है, जो एकमें सौभाग्य एवं चमत्कार की वर्षा करता है, तथा जो नित्य स्वतन्त्र रूप से वर्धनशील परम आश्चर्य की समृद्धि से पूर्ण है, ऐसा श्रीवृन्दावन मेरी जीवन औषध है ॥३.६०॥




शरीरं श्रीवृन्दावनभुवि सदा स्थापय मनः
सदा पार्श्वे वृन्दावनरसिकयोर्न्यस्य भजने ।
वचस्तत्केलीनामनवरतगाने रमय तत्
कथापीयूषादौ श्रवणयुगलं प्रीतिविकलम् ॥
शरीर को सदा श्रीवृन्दावन भूमि में स्थिर रख, मनको श्रीवृन्दावन रसिकयुगल श्रीराधा-कृष्ण के निकट भजन में लगा, उनकी लीला गान में निरन्तर वाणी का प्रयोग कर एवं प्रेम से व्याकुल कानों को उनके कथामृत से तृप्त कर ॥३.६१॥


Monday, August 23, 2010

श्रीवृन्दावनमहिमामृतम् ३.५६-५८


बरसाने का दृश्य (Photo from Lake of Flowers).


मानापमानकोटिभिरक्षुभितात्मा समस्तनिरपेक्षः ।
वृन्दावनभुवि राधानागरमाराधये कदा मुदितः ॥
कोटि कोटि मानापमान होने पर भी क्षुभित न होकर किसी की भी अपेक्षा न करते हुए कब श्रीवृन्दावन में श्रीराधानागर की आनन्दपूर्वक मैं आराधना करूंगा ॥३.५६॥




वृन्दावनैकशरणस्त्यक्तश्रुतिलोकवर्त्मसंचरणः ।
भावाद्धरिचर्णान्तरपरिचरणाद्व्याकुलः कदा नु स्याम् ॥
अहो एकमें श्रीवृन्दावन की ही शरण ग्रहण करके वेदमार्ग एवं लौकिक समस्त आचरण त्याग कर, कब भावपूर्वक श्रीहरि के चरणों की मानसी सेवा करके मैं व्याकुल होऊंगा ॥३.५७॥




इह न सुखं न सुखमरे क्वापि वृथा न पत मोहजालेऽस्मिन् ।
अनुदिनं परमानन्दवृन्दावनं हि समाश्रयाद्यैव ॥
इस संसार में सुख नहीं है । अरे ! कहीं भी सुख नहीं है ! वृथा इस मोह जाल में मत फंस । आज ही नित्य परमानन्दमय श्रीवृन्दावन का सम्यक् प्रकार से आश्रय ग्रहण कर ॥३.५८॥


Sunday, August 22, 2010

2010-08-23 ब्रज समाचार

श्रावण में श्रद्धालुओं से ब्रज गुलजार


मथुरा (AU, August 23, 2010) । सावन की भीड़ अब ब्रज में हर ओर दिखने लगी है। रक्षाबंधन से पूर्व रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर चहल-पहल बढ़ गई है। धर्मशालाएं और गेस्टहाउस तीर्थयात्रियों से भर गए हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तक मथुरा शहर ही नहीं बरसाना, वृंदावन, गोवर्धन, बलदेव व गोकुल में खासी भीड़ रहेगी।

रक्षाबंधन से पहले ही श्रद्धालुओं ने ब्रज में डेरा डाल लिया है। श्रावण के दौरान शहर के प्रमुख धार्मिक आयोजनों को देखने की इनकी दिलचस्पी देखते ही बन रही है। द्वारिकाधीश मंदिर और श्री कृष्णजन्म स्थान पर हिंडोलों और घटा दर्शकों को आकर्षित कर रहीं हैं। धर्मशालाओं और गेस्टहाउस पर भी अब रौनक हो गई है। तीर्थ पुरोहित कांतानाथ चतुर्वेदी बताते हैं कि शहर के ८० प्रतिशत धर्मशाला और गेस्टहाउस पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा है। पहले से ही बुकिंग हो गई है।

वहीं, रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में मिठाई का कारोबार खूब हो रहा है। रात-दिन घेवर तैयार किया जा रहा है। महंगाई के चलते घेवर के दामों में पिछली वर्ष की अपेक्षा ३० से ४० रुपये प्रति किलो की वृद्धि हुई है। मलाई और सादा घेवर की कीमत ऊंची दुकानों पर २२० रुपये प्रति किलो तक कर दी गई हैं, जबकि छोटे और कस्बाई मिष्ठान विक्रेताओं के यहां १६० रुपये किलो तक घेवर बेचा जा रहा है।

त्योहार पर वन-वे ट्रैफिक

मथुरा (ब्यूरो)। सावन में तीर्थयात्रियों की आमद पर लगा ब्रेक रक्षाबंधन से पूर्व टूटता दिखने लगा है। स्थानीय लोग भी तैयारियों में जुटे हैं। भीड़ को देखते हुए प्रमुख बाजारों में वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू करनी पड़ रही है। भीड़ का आलम यह है कि छत्ता बाजार में दिन के समय पुलिस को वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था करनी पड़ रही है।

आकर्षक गिफ्ट आइटम और राखी

मथुरा (ब्यूरो)। रक्षा सूत्र बांधने पर बहनों को उपहार देने का प्रचलन जोर पकड़ने लगा है। आभूषणों से लेकर कपड़ों और खिलौने तक बहनों को गिफ्ट किए जाते हैं। यही वजह है कि आभूषण विक्रेताओं ने जहां चांदी और सोने के रक्षा सूत्र तैयार किए हैं, वहीं वस्त्र विक्रेताओं ने साड़ी, सूट, जींस और टी-शर्ट की खास रैंज प्रदर्शित की है। राखी स्पेशल के नाम से छूट भी दी जा रही है। गिफ्ट आयट्म विक्रेता भी इस दौड़ में पीछे नहीं।



श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां शुरू


मथुरा (AU, August 23, 2010) । श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव समिति और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के तत्वावधान में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। ३० अगस्त से श्रीकृष्ण जन्मस्थान रंगमंच पर वृंदावन के रासाचार्य स्वामी श्रीराम शर्मा निमाई के निर्देशन में १० दिवसीय रासलीलाएं होंगी।

समिति के महामंत्री कृष्ण मुरारी बंसल, सांस्कृतिक कार्यक्रम संयोजक मूलचंद्र गर्ग, गिरीश चंद्र सर्राफ ने बताया कि जन्माष्टमी (दो सितंबर) को सांस्कृतिक कार्यक्रम, भक्ति, संगीत और पदगान आदि होंगे। मुख्य अतिथि कार्ष्णि स्वामी गुरुशरणानंद महाराज होंगे। इसी ही दिन शाम चार बजे शोभायात्रा भरतपुर गेट से होलीगेट, छत्ता बाजार, विश्रामघाट, मंडी रामदास होते हुए श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर पहुंचेगी। छह को भगवान कृष्ण को छप्पन भोग का प्रसाद लगाया जाएगा।



रौद्र रूप लेने लगी कालिंदी


मथुरा/वृंदावन/कोसीकलां ा (AU, August 23, 2010) । यमुना अब रौद्र रूप में आने लगी है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में हुई वर्षा के पानी का दबाव मथुरा की सीमा में बढ़ गया है। पूर्व में छोड़ पानी निकल भी नहीं पाया कि रविवार को ताजेवाला बांध से ३.०४ लाख क्यूसेक पानी और छोड़ दिया गया। यह पानी पांच दिन बाद मथुरा में बाढ़ के हालात पैदा कर सकता है। वृंदावन के कुछ निचले इलाकों में पानी भर गया है। इससे ऊपर नौहझील और शेरगढ़ के खादरों में भी यमुना ने फसल को बहा दिया है।

यमुना में एक सप्ताह से ४० हजार ५०० क्यूसेक के आसपास पानी प्रवाहित हो रहा है। पांच दिन पूर्व ६६ हजार क्यूसेक पानी ओखला डैम से छोड़ा गया। यह पानी शनिवार रात से मथुरा की सीमा में है। इससे यमुना के किनारे निचले इलाकों में पानी भरने लगा है। रविवार दोपहर एक बजे मथुरा में यमुना का जल स्तर १६९.९७ था। शाम छह बजे १६९.९८ हो गया। वह खतरे के निशान से मात्र २२ सेमी नीचे है जबकि वर्तमान में यमुना चेतावनी निशान से ७७ सेमी ऊपर है।

जिला प्रशासन ने बढ़ते पानी के खतरे को देख निचले इलाकों में बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को मुनादी करा दी है। आधा दर्जन स्थानों पर बाढ़ चौकियां स्थापित करा दी हैं। गोकुल बैराज के सभी २२ गेट रविवार दोपहर खोल दिए गए। बाढ़ राहत प्रभारी एडीएम (वित्त व राजस्व) ज्ञानेश कुमार ने बताया कि हरियाणा स्थित ताजेवाला हेड से रविवार को ३.०४ लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है। इसका असर मथुरा में पांच दिन बाद देखने को मिलेगा। इसके लिए यमुना किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा है।

वृंदावन संवाददाता के अनुसार दो दिन से जलस्तर तेजी के साथ बढ़ा है। यमुना किनारे बसी कालोनी कालीदह घाट, सूरज घाट, जुगल घाट, पानी घाट, दुर्गापुरम, यमुना नगर कालोनी के कुछ क्षेत्र इसकी चपेट में आ गए हैं। इससे सैकड़ों लोगों घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। कई आश्रम और गौशालाएं भी जलमग्न हो गईं हैं।

कोसीकलां संवाददाता के अनुसार प्रशासन ने संभावित बाढ़ से निपटने के लिए आधे-अधूरे इंतजाम किए हैं। किसानों का कहना है कि यमुना में पानी का चढ़ाव प्रति घंटे के हिसाब से बढ़ रहा है। क्षेत्र के गांव रामपुर, बढ़ा, मंझोई, शाहपुर, पीरपुर, चौड़रस, धीमरी, धानौता, सिहाना की ओर पानी ने फसलों को चपेट में ले लिया है। छाता के तहसीलदार कुलदेव सिंह ने अधीनस्थों के साथ यमुना से प्रभावित होने वाले गांवों का जायजा लिया। बाजना संवाददाता के अनुसार नौहझील के आसपास खादर में पानी बढ़ गया। निचले इलाकों में झोपड़ी डूब गई हैं।



रजवाहों में पानी हो गया ओवर फ्लो


कोसीकलां। बरसात के साथ रजवाहे और ड्रेन उबल पड़े। हजारों एकड़ भूमि जलमग्न हो गई। कोसी क्षेत्र के गांवों में तबाही का मंजर पैदा हो गया है। धान की फसल नष्ट हो गई। चारे और ईंधन का भी अभाव पैदा हो गया है।

बठैनकलां, बठैनखुर्द, सुरवारी, जाब, धर्मनगर, पीपरवाला, सिरथला, पूठरी, कांमर, गढ़ी बरवारी आदि में भारी बारिश के बाद जलभराव हो गया है। खेतों का पानी सड़क को काटकर गांव की ओर रुख करने लगा है। जलभराव के बाद रजवाहों में पानी ओवर चल रहा है। ग्रामीणों के अनेक मकान भी धराशाई हो गए हैं। बुर्जी-बिटौरे नष्ट होने से चारे और ईंधन का संकट पैदा होने लगा है। खेतों में खड़ी धान की फसल की पानी की भेंट चढ़ जाएगी। ग्रामीण का कहना था कि जैसे-तैसे कर्ज लेकर उन्होंने धान की पौध की रोपाई की थी। यही स्थिती रही तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।



आधा दर्जन गांवों को पानी ने घेरा


मथुरा । बरसात से क्षेत्र के निचले इलाके वाले करीब आधा दर्जन गांवों के हालात बिगड़ सकते हैं। बरसाती पानी खेतों को डुबोकर गांवों के आसपास आ गया है। पशुओं के बांधने से लेकर दैनिक कार्यो के लिए भी कोई स्थान नहीं बचा है। आगे और बरसात हुई तो हालात बेकाबू होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

काफी इंतजार के बाद आई बरसात से मौसम जरूर सुहाना हो गया है लेकिन तराई वाले इलाकों में हालात बद से बदतर होने की कगार पर हैं। गांव लालपुर, कामर, सिरथला, बठैनकलां, बठैन खुर्द, हुलवाना आदि करीब आधा दर्जन गांव बरसाती पानी की चपेट में आ चुके हैं। इनके पड़ोसी गांवों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इन गांवों से पानी निकासी के इंतजाम नाकाफी साबित हुए हैं। यहां पानी खेतों को ड़ूबोता हुआ गांवों तक पहुंच गया है। फिलहाल पिछले तीन दिनों से लगातार रुक-रुक कर हो रही बरसात से यहां खेत खलिहान पानी से लबालब हो गए हैं। सैकड़ों एकड़ फसल बरसाती पानी की चपेट में आ चुकी है।



अब खतरा ही खतरा


मथुरा । यमुना की त्यौरियांच्चढ़ने के साथ ही मथुरा में रविवार को खतरे का 'सायरन' बज ग या। लगातार उफनती जा रही यमुना के तेवर देख प्रशासन ने तटवर्ती इलाके में मुनादी करवा दी। गांवों को खाली करने की सलाह के साथ ही उनके अस्थाई ठिकाने भी बना दिये हैं। अगले दो दिन खतरे की घंटी और तेज होने की आशंका जताई गई है।

यमुना में ताजेवाला बांध से लगातार चौथे दिन 3.24 लाख क्यूसेक पानी और छोडे़ जाने से मथुरा में यमुना खतरे की ओर बढ़ती जा रही है।

सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता रमाकांत रस्तोगी के मुताबिक दिल्ली ओखला से सर्वाधिक जल रविवार सुबह 8 बजे 66003 क्यूसेक छोड़ा गया। हालांकि यमुना अभी भी खतरे के निशान से नीचे बह रही है। यमुना के जल स्तर बढ़ने के साथ ही गोकुल बैराज से डिच्चार्ज बढ़ा दिया गया है।

अपर जिलाधिकारी वित्त ज्ञानेश कुमार का कहना था कि अगले दो दिन में जल स्तर में बढ़ोत्तरी की संभावना के मद्देनजर छाता, मांट, मथुरा एवं महावन तहसीलों में यमुना तटवर्ती क्षेत्र में बसे गांवों में तहसील की टीम भेजकर मुनादी करा दी गई है। बाढ़ में फंसने वाले ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर ठहराने के लिये विद्यालय चिन्हित कर लिये गये हैं।


श्रीवृन्दावनमहिमामृतम् ३.५३-५५


बरसाने का दृश्य (Photo from Lake of Flowers).





वृन्दावनमनुविन्दाम्यहमपि देहं श्वशूकरादीनाम् ।
न पुनः परत्र सच्चित्सुखमयमपि दुर्लभं देवैः ॥
श्रीवृन्दावन के कूकर शूकरादि का शरीर भी धारण करूंगा, किन्तु और जगह देवताओं के लिये भी दुर्लभ सच्चिदानन्दमय शरीर को मैं नहीं चाहता ॥३.५३॥




श्रीवृन्दावनमध्ये बहुदुःखेनापि यातु जन्मैतत् ।
लोकोत्तरसुखसम्पत्त्यापि न चान्यत्र मे निमिषः ॥
श्रीवृन्दावन में अत्यन्त दुखों में ही मेरा यह जन्म बीत जाये, तथापि अन्य स्थान पर अलौकिक सुख सम्पत्ति एक निमिष काल के लिये भी प्रार्थना नहीं करूंगा ॥३.५४॥




करतलकलितकपोलो गलदश्रुलोचनः कृष्ण कृष्णेति ।
विलपन् रहसि कदा स्यां वृन्दारण्येऽत्यकिञ्चनो धन्यः ॥
हथेली पर कपोल धर कर अश्रु पूर्ण नेत्रों से कृष्ण कृष्ण कहकर विलाप करते करते कब श्रीवृन्दावन के निर्जन स्थान पर अति दीनभाव से रहकर मैं कृतार्थ होऊंगा ॥३.५५॥


2010-08-22 ब्रज समाचार (2)

रूप गोस्वामी पाद के जीवन पर प्रकाश डाला


वृंदावन – गौडीय वैष्णवाचार्य रूप गोस्वामी पाद की तिरोभाव तिथि पर पत्थरपुरा स्थित बड़ी सुरमा कुंज में संत-विद्वत संगोष्ठी में प्रेमदास शास्त्री ने कहा कि उन्होंने भगवान चैतन्य महाप्रभु की आज्ञा पर मंत्री पद एवं धन-वैभव को त्याग दिया । वे वृंदावन चले आये ।

डा. अच्युतलाल भट्ट ने कहा कि रूप गोस्वामी का नाम स्मरण ही भक्ति प्रदायक है । महंत फूलडोल बिहारी दास महाराज ने कहा कि रूप गोस्वामी जी महाराज की कृपा से ही राधाकृष्ण की प्रेमसेवा प्राप्त हो सकती है ।

डा. शैलेंद्रनाथ पांडेय एवं पं. बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि उनके भक्तिरसामृतसिन्धु तथा उज्ज्वलनीलमणि भक्तिरस के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ हैं ।

संगोष्ठी में महंत सच्चिदानंद दास, स्वामी जगन्नाथानंद, डा. विनोद बनर्जी, गिरिराज शास्त्री उपस्थित थे ।



श्रद्धालुओं ने लगाई गिरिराज परिक्रमा


गोवर्धन (AU 2010.08.21)। श्रावण के अंतिम शनिवार को श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह उमंग के साथ सप्तकोसी परिक्रमा लगाते एवं प्राचीन नारद कुंड स्नान किया ।

स्नान एवं परिक्रमा के बाद श्रद्धालुओं ने प्रमुख मंदिरों में झूले के दर्शन किए एवं पूजा अर्चना की । गिरिराज महाराज की जय-जयकार से संपूर्ण परिक्रमा मार्ग गुंजायमान हो उठा । राधा कुंड और नारद कुंड पर श्रद्धालुओं की भीड़ थी ।

नारद कुंड स्नान के बाद शनिदेव की भक्ति भावना के साथ पूजा अर्चना की । इस दौरान बस स्तैंड बिजली घर, सौंख अड्डा पर सड़क निर्माण कार्य के कारण परेशानि का सामना करना पड़ा । एकादशी होने के कारण गिरिराज मुखारविंद मुकट, दान घाटी, नंदबाबा, प्राचीन मंदिर राधा श्यामसुंदर, देवकी नंदन जी महाराज, विश्वकर्मा मंदिर आदि में ठाकुर जी ने झूलों में विराजमान होकर श्रद्धालुओं को दर्शन दिए ।



व्रजविभूति थे देवरहा बाबा


वृंदावन – योगी सम्राट देवरहा बाबा की २०वीं पुण्यतिथि पर सभा का आयोजन दावानल कुंड पर किया गया । रामजानकी ट्रस्ट द्वारा संत मधुसूदन दास त्यागी के सांनिध्य में हुई सभा में गोपाल लाल शर्मा ने कहा कि देवरहा बाबा ब्रज विभूति थे । राजकुमार मूदड़ा और त्रिलोकीनाथ ने कथा कि बाबा महाराज के दर्शन मात्र से प्राणी का कल्याण हो जाता था । अवधबिहारी दास और संतोष रस्तोगी ने बताया कि वह सभी संप्रदायों का सम्मान करते थे ।



आया सावन झूम के पर थिरके पांव


अग्रसेन मानव सेवा महिला प्रकोष्ठ का आयोजन
अग्रवाल सभा महिला समिति ने मनाया तीज महोत्सव


मथुरा । हरियाली तीज का खुमार अब तलक महिलाओं पर छाया हुआ है । महिला संगठन पर्व का जश्न धूमधाम से मना रहे हैं । सावन के गीत और मल्हार के मध्य सांस्कृतिक कार्यकर्मों से जश्न में चार चांद लगाए जा रहे हैं ।

अग्रसेन मानव सेवा महिलाओंका प्रकोष्ठ का कार्यक्रम आया सावन झूम के चित्रकूट मसानी पर आयोजित किया गया । शुभारंभ मुख्य अतिथि निर्मल अग्रवाल ने राधा-कृष्ण की छवि के समक्ष दीप प्रवलित कर किया ।

इस मौके पर महिलाओं ने नृत्य किया और प्रतियोगिताओं में भाग लिया । साथ ही लकी ड्रा निकाला गया । सावन के गीत लिखो, बाल उठाओ टब में डालो, सब्जी ढूंढो, बरसात में छाता लगाकर चलो जैसी रोचक प्रतियोगिताएं आयोज्ज्त हुईं ।

श्री अग्रवाल सभा महिला समिति का हरियाली तीज महोत्सव रंगारंग कार्यक्रमों के मध्यम मनाया गया । इसका शुभारंभ मुख्य अतिथि बीना अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया । महिलाओं ने राधा कृष्ण की अनूठी प्रस्तुतियां दीं । इस अवसर मीरा मित्तल ने हास्य प्रद प्रस्तुति दी जिसे श्रोताओं ने बेहद सराहा ।

इस मौके पर श्रोताओं को सावन के महत्त्व से रूबरू कराया गया । इस दौरान आयोजित किचन चैंपियन शो में संगीता अग्रवाल को विजेता घोषित किया गया ।



भागवत मोक्ष के साधनों में सर्वश्रेष्ठ


वृंदावन –



भागवत मोक्ष के साधनों में सर्वश्रेष्ठ


वृंदावन – श्रीराधा सर्वैश्वर भगवान के प्रथम पाट्योत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में महामंडलेश्वर राधामोहन दास ने कहा कि भागवत मानस के मोक्ष और कल्याण के साधनों में सर्वश्रेष्ठ है ।

श्रीराधा सर्वैश्वर पीठ आश्रम पर महाराज जी ने कहा कि मन को भागवत परायण बनाने के लिए गुरुदेव के वचनों में निष्ठा, संतों क् समागम और ग्रंथों का श्रवण-कीर्तन करना चाहिये । यदि हम भगवान के चरणों में सुख की अनुभूति कर लें तो भगवान गोवर्धननाथ की सहज प्राप्ति हो जाएगी ।

उन्होंने कहा कि भजन मोक्ष प्राप्ति का एक ऐसा सशक्त माध्यम है । इसमें बड़ी से बड़ी से आसुरी शक्तियां भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती हैं । इस मौके पर उन्होंने कथा में भगवान के सभी अवतारों की विस्तार से व्याख्या की ॥



सच्चे मन से करें प्रभु की उपासना


वृंदावन – यदि हमें भगवान की उपासना सच्चे मन से करनी है तो हमें आचरण, व्यवहार और खानपान शुद्ध और सात्त्विक रखना होगा । मन, वचन और कर्म से हमें पूर्णरूपेण सात्त्विक आचरण करना होगा । तभी हम भगवान उपासना के अधिकारी हो सकते हैं । ये वाक्य रमणरेति स्थित पद्मश्री स्वामी रामस्वरूप शर्मा के लीला पंडाल में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में व्यासपीठ से भागवताचार्य डा. बड़े ठाकुर ने प्रवचन के दौरान कहे ।

कथा के पश्चात मुख्य यजमान एसएन शर्मा ने पत्नी मनोरमा शर्मा सहित भागवतजी का पूजन-अर्चन किया । इस अवसर पर तोताराम उपाध्याय, ब्रजमोहन खांडल, रतनलाल, सुरेशचंद्र शर्मा, मनीष शुक्ला, दिनेश मनी, नित्यानंद शर्मा, शांति शर्मा, ब्रजभूषण अरोड़ा आदि थे ॥


Saturday, August 21, 2010

2010-08-22 ब्रज समाचार

डगमग व्यवस्था पर अस्था अडिग


मथुरा (DJ 2010.08.21)। यह सावन-भादों का मौसम है, यानि ब्रज की मौज-बहार का समय है। सावन से शुरू होने वाली वैष्णव यात्रियों की आमद कार्तिक तक जारी रहने वाली है, पर व्यवस्थाएं इतनी चौपट हैं कि एनआरआई और गुजराती यात्री सिर्फ रस्म पूरी करने आ रहा है, यानि कि ब्रज का पर्यटन उद्योग अगले महीने शुरू होने वाली ब्रज चौरासी कोस यात्राओं में भी कमर सीधी नहीं कर सकेगा।

वर्ष 1549 में महाप्रभु वल्लभाचार्य को आज ही के दिन गोवर्धन नाथ ने दर्शन दिए थे। श्रावण सुदी ग्यारस यानि शुक्रवार की आधी रात को श्री यमुना की पूजा करने के लिए गोकुल में दो हजार से ज्यादा गुजराती श्रद्धालु पहुंचे हैं। यह तो बानगी भर है। ठीक 21 दिन बाद ब्रज चौरासी कोस की यात्राएं शुरू होंगीं, जिनमें हजारों श्रद्धालु चालीस दिन में इस दूरी को पूरी करेंगे। उनकी आस्था अडिग है, पर चौरासी कोस मार्ग में शासन-प्रशासन की व्यवस्थाएं डिगी हुई हैं।

गोकुल के गोविंद घाट पर शुक्रवार की आधी रात में श्री यमुना को पवित्रा चढ़ाई गयी। गोकुल नाथ जी पर यही क्रम शनिवार को दोहराया जाएगा। लेकिन पौराणिक व धार्मिक महत्व के कुंडों के दर्शन को आतुर श्रद्धालु उबकायी भरते देखे गए। गोकुल के पतित पावन कुंड, पूतना कुंड और कमल कुंड आदि अतिक्रमण व गंदगी से जो भरे हुए हैं। पतित पावन कुंड में तो गटर का पानी गिर रहा है।

यही स्थिति ब्रज चौरासी कोस के सभी कुंड और सरोवरों की है, जबकि पड़ाव स्थल भी जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग की प्राथमिकता में शुमार नहीं हो सके हैं। ब्रज चौरासी कोस की यात्राएं भाद्रपद में सितंबर से शुरू हो रही हैं। यात्रा मार्ग में 25 पड़ाव स्थल हैं, पर अब मात्र 18 ही ऐसे बचे हैं, जिनका कुछ स्वरूप बचा हुआ है। प्रशासन की ओर से इन पड़ाव स्थलों को न तो सुरक्षित रखा गया है और न ही यात्राओं के दौरान कोई व्यवस्था की जाती रही है। गोकुल तीर्थ राज ट्रस्ट के अध्यक्ष नारायण तिवारी ने बताया है कि गोकुल में कुंड, पड़ाव स्थल व महा प्रभु की बैठकें यात्राओं के लायक नहीं बनायी गयी हैं।



रक्षाबंधन और जन्माष्टमी पर आधा दर्जन नई ट्रेन


मथुरा (DJ 2010.08.21)। रक्षाबंधन तथा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा कराने के लिए रेलवे ने कमर कस ली है। इसके लिए रेलवे आधा दर्जन नई गाड़ियां चलाएगा। वहीं आधा दर्जन गाड़ियों में कोच बढ़ाकर उन्हें मथुरा तक चलाया जाएगा।

डीआरएम देवेश मिश्रा की पीआरओ भूपेंद्र कौर ढिल्लन ने बताया कि झांसी-आगरा पैसेंजर तथा ग्वालियर-आगरा पैसेंजर सहित दोनों गाड़ियों को मथुरा तक बढ़ाया गया है। यह गाड़ी २२ से २६ तक मथुरा तक चलेंगी। मथुरा-अलवर पैसेंजर, मथुरा-बांदीकुई पैसेंजर में चार कोच बढ़ाए गए हैं। इलाहाबाद-मथुरा एक्सप्रेस में २२ अगस्त से पांच सितंबर तक तीन कोच बढ़ाए हैं। मेला स्पेशल गाड़ियों में रेवाड़ी से मथुरा के लिए नई गाड़ी चलाई जाएगी। यह गाड़ी रेवाड़ी से अपराह्न ३.३५ बजे चलकर रात्रि नौ बजे मथुरा पहुंचेगी। यह गाड़ी २२ अगस्त से नौ सितंबर तक चलेगी।

बांदीकुई से मथुरा के लिए नई गाड़ी चलेगी। यह गाड़ी बांदीकुई से प्रातः ९.२० चलकर सायंकाल ५ः२० मथुरा आएगी। बांदीकुई से मथुरा के लिए एक और मेला स्पेशल चलाई जाएगी। यह गाड़ी बांदीकुई से ४.१० बजे चलकर ८.४५ बजे मथुरा पहुंचेगी। यह गाड़ी २३ से २७ तक चलेगी। कासगंज-मथुरा स्पेशल नई गाड़ी चलाई जाएगी। यह कासगंज से सुबह १०.२० चलकर १.०५ बजे मथुरा पहुंचेगी। वापसी में १.४० बजे चलकर ४.२० बजे कासगंज पहुंचेगी। यह गाड़ी २३ अगस्त से २५ अगस्त तक चलेगी तथा बाद में ३१ अगस्त से २ सितंबर तक चलेगी। स्पेशल गाड़ियों के सुरक्षित संचालन तथा बेहतरी के लिए बाहर से स्टाफ बुला लिया गया है। भीड़ के दबाव को देखते हुए अतिरिक्त टिकट खिड़की भी खोली जाएगी।l

ब्रज यात्रा पर संकट के बादल


मथुरा (AU 2010.08.21)। ५२५ वर्षों से ब्रज में निकाली जा रही ब्रज यात्रा पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यह संकट प्रशासन की टालमटोल के कारण उत्पन्न हुआ है। इस मामले में यात्रा प्रबंधकों द्वारा कई बार प्रार्थना पत्र देने के बावजूद न तो प्रशासन और न ही पुलिस ने अनुमति दी है। इससे तीर्थ पुरोहितों में नाराजगी व्याप्त है। उन्होंने डीएम से यात्रा की अनुमति अतिशीघ्र दिए जाने की मांग की है।

५२५ वर्ष पूर्व दक्षिण भारत के चंपाहरण स्थान पर जन्मे महाप्रभु श्रीमद् वल्लभाचार्य ने भाद्र प्रद माह में ४० दिवसीय ब्रजयात्रा प्रारंभ की थी। यह यात्रा इस बार १२ से १८ सितंबर तक संपूर्ण ब्रज में निकाली जानी है। हर साल निकाली जाने वाली इस यात्रा में बड़ी संख्या में साधु महात्मा, तीर्थ पुरोहित, विद्वान और देश विदेश के हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस बार प्रशासन की हठधर्मिता से यात्रा के आयोजन पर संकट खड़ा हो गया है।

तीर्थ पुरोहित परिषद के प्रांतीय महामंत्री कांतानाथ चतुर्वेदी ने बताया कि यात्रा प्रबंधकों के तमाम प्रार्थना पत्रों के बावजूद न तो पुलिस एवं प्रशासन ने यात्रा की अनुमति दी है। यही नहीं यात्रा के पड़ाव स्थल बनवाने एवं रास्ते में पड़ने वाले कुंड और सरोवरों की सफाई तक नहीं कराई गई है।

उन्होंने डीएम से यात्रा की अनुमति दिलाने की मांग की है। साथ ही राजस्थान और हरियाणा में आने वाले कुछ भाग के लिए वहां के डीएम से वार्ता कर यात्रा की व्यवस्थाएं कराने की अपील की है। मांग करने वालों में राष्ट्रीय महामंत्री प्रयागनाथ चतुर्वेदी, गणेश चतुर्वेदी, शिव चतुर्वेदी, सोमनाथ, माधवलाल, रामदास चतुर्वेदी, कृष्णकांत, प्रवीन, श्यामू, अनिल, आेंकारनाथ, राजू सरदार, मूला पंडित आदि शामिल थे।



यमुना के जलस्तर में और वृद्धि



मथुरा/वृंदावन/कोसीकलां AU 2010.08.21)।। ताजेवाला बांध से छोड़े गए पानी का असर मथुरा जिले में हल्का सा दिखने लगा है। यमुना के जलस्तर में वृंदावन व मथुरा में वृद्धि देखी जा रही है। जलस्तर बढ़ने से तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग चिंतित हैं।

कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ सकता है। यमुना के जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के चेहरे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट देखी जा सकती हैं। यमुना के जलस्तर में अगर और बढ़ोत्तरी हुई तो किनारे की कालोनियों में यमुना का पानी घुसने की संभावना है। प्रयाग घाट पर मथुरा में शनिवार को जलस्तर चेतावनी निशान से ५६ सेंटीमीटर ऊपर १६४.७६ मीटर तक पहुंच गया।

इधर, ओखला से ५६ हजार क्यूसेक अतिरिक्त जल छोड़ा गया है। इतनी अधिक मात्रा में पानी आने से वृंदावन, बलदेव एवं अन्य के लो फ्लड एरिया में खलबली मची हुई है। वृंदावन एवं बलदेव में तो यमुना का पानी फसलों को छूने लगा है। इससे दोनों क्षेत्रों में खलबली मची हुई है। इससे निपटने के लिए सिंचाई विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी करा दी है। वृंदावन के सूरजघाट कालोनी निवासी राकेश, विजय और महेश मल्लाह का कहना है कि अगर यमुना का जलस्तर और बढ़ा तो हमे अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ सकता है। कोसीकलां संवाददाता के अनुसार छाता तहसील के यमुना किनारे वाले इलाकों में मुनादी करा दी गई है।



केजेएस के यलो जोन में मीना मसजिद का दरवाजा निकाला


मथुरा AU 2010.08.21)।। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के यलो जोन में स्थित मीना मसजिद में बगैर अनुमति के रातों-रात दरवाजा निकाल लिया गया। एक रेलकर्मी की सूचना पर जन्मस्थान के सुरक्षा अधिकारी सक्रिय हुए। उन्होंने दरवाजे को अस्थाई रूप से बंद कराया। इस घटना से हिंदूवादियों में उबाल है।

डीग गेट के समीप वृंदावन-मथुरा रेल लाइन से लगी मीना मसजिद में ग्रिल काटकर दरवाजा निकाल लिया गया। यह ग्रिल जन्मभूमि और ईदगाह की सुरक्षा के लिए लगी थी। एक रेलकर्मी ने इसे देख लिया। उसने जन्मभूमि के सुरक्षा अधिकारियों को सूचना दी। इस पर जन्मस्थान का खुफिया तंत्र भी सक्रिय हो गया। पुलिस-प्रशासन के अफसरों में खलबली मच गई। एसपी सुरक्षा आरपीएस यादव समेत प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे और उच्चाधिकारियों को अवगत कराया।

सूत्र बताते हैं कि इस दरवाजे को बिना रोक-टोक मसजिद में आने-जाने के लिए निकाला गया। इससे हिंदूवादियों में आक्रोश देखा गया। उन्होंने एकत्रित होकर पुलिस-प्रशासन के अफसरों पर दबाव बनाना शुरू किया। मामला बिगड़ न जाए, इसे देखते हुए आनन-फानन में सुरक्षा अधिकारियों ने दरवाजे को बंद करा दिया। अभी दरवाजा अस्थाई रूप से दीवार लगाकर बंद किया गया है। एसपी सुरक्षा आरपीएस यादव का कहना है कि दरवाजा सदैव के लिए बंद करा दिया गया है। उधर, नवागत एसएसपी लव कुमार से इस संबंध में पूछा गया तो वह इस घटना से अनभिज्ञ दिखे। उन्होंने कहा कि वह जन्मस्थान प्रशासन से पूरी घटनाक्रम की जानकारी लेंगे।



केजेएस में गेट निकालने पर रोष


वृंदावन AU 2010.08.21)।। विश्व हिंदू परिषद की शनिवार को बैठक में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के अति सुरक्षा क्षेत्र में मस्जिद की दीवार तोड़कर आवागमन के लिए गेट निकालने पर रोष व्यक्त किया गया।

बैठक में विहिप के कारकारी जिलाध्यक्ष ठा. बच्चू सिंह ने कहा कि करोड़ों रुपया सुरक्षा के नाम पर व्यय होता है। फिर भी पुलिस तथा खुफिया तंत्र को जानकारी नहीं मिली। यह जिला प्रशासन के लिए शर्मनाक है। डा. हरिवल्लभ शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन को चाहिए कि उस स्थान पर स्थायी रूप से मजबूत दीवार बनाकर पुनः बेरीकेडिंग लगा देनी चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि पूर्व नियोजित दीर्घकालीन योजना के लिए अति सुरक्षा क्षेत्र में यह कार्य बिना किसी भय के करना किसी साजिश को दर्शाता है। बैठक में ओमप्रकाश शर्मा, गोपाल शर्मा, राधावल्लभ शर्मा, बाबा कंचन दास, केशव सारस्वत, धन्नाराम चौधरी, गोपाल, अजय सिंह आदि रहे।



अधिकारियों का नगर में पैदल भ्रमण


मथुरा (DJ 2010.08.21)। त्यौहारों को मद्देनजर रखते हुए शहरी क्षेत्र में प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों में नगर में पैदल भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

त्यौहारों को मद्देनजर रखते हुए प्रशासन और पुलिस सतर्क बनी हुई है। सिटी मजिस्ट्रेट राम औतार रमन, एसपी सिटी रामलाल वर्मा और सीओ सिटी डॉ. संजय कुमार ने मय फोर्स के डीग गेट, मछली मंडी, खारी कुआं, मटिया गेट, चौक बाजार होते हुए होली गेट तक पैदल ही भ्रमण किया। प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियों को देखकर पहले तो यह समझा कि कहीं कोई घटना घट गई, लेकिन बाद में पता चला कि अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए निकले हैं।



की फजीहत, कनेक्शन को कवायद


मथुरा (DJ 2010.08.21)। भारत संचार निगम को नेटवर्क सुधारने की चिंता तो है नहीं कनेक्शन बढ़ाने की कवायद में जुटा हुआ है। स्थिति ये है कि जिले में संचार निगम के 120 मोबाइल टावर पूरी तरह कवरेज नहीं दे पा रहे हैं तो गोवर्धन क्षेत्र में नेटवर्क काम करना ही बंद कर देता है। ऐसे में उसके लिए छह महीने में पचास हजार नए कनेक्शनों का लक्ष्य प्राप्त करना आसान नहीं होगा।

बीएसएनएल ग्राहकों को आकर्षित करता रहा है, पर पिछले दो साल में वह एक लाख के आंकड़े तक किसी तरह पहुंच सका है और इसमें वृद्धि अब नाम मात्र को ही हो रही है। इसकी वजह है पूरे जनपद में एक समान कवरेज एरिया न होना। बताया गया है कि हाइवे से ही गोवर्धन मार्ग में अड़ींग से कुछ पहले तक उसके सिगनल पूरी तरह काम नहीं कर रहे हैं। इस मार्ग पर प्रवेश करते ही मोबाइल स्क्रीन चेक मोबाइल आपरेटर मेसेज दिखाने लगती हैं।

निगम प्रशासन इस एरिया में अभी तक कोई नया टावर नहीं लगा सका है। इस तरह के ब्लैंक पैचेज देहात में कई प्रमुख मार्गो पर ही बताए गए हैं। ओल व मगोर्रा के बीच ही निगम के मोबाइल टावर इतने सिगनल नहीं निकाल रहे कि वे राजस्थान से आने वाले सिगनल्स को मात दे सकें। फलस्वरूप स्थानीय ग्राहकों को कई बार रोमिंग दर से कॉल शुल्क अदा करना पड़ रहा है। यही स्थिति जतीपुरा व राधा कुंड के कुछ एरिया में बनी हुई है।

बल्देव, मांट व बरसाना-नंद गांव की ओर भी यही समस्या बतायी गयी है, जबकि उसे शहर की तुलना में देहात से ग्राहक ज्यादा मिल रहे हैं। निगम के वर्तमान में एक सौ बीस मोबाइल टावर काम कर रहे हैं। इसी साल उसने आधा दर्जन से ज्यादा टावर लगाए हैं, पर सितंबर तक जो टावर लगने थे, उन पर अभी कार्य शुरू भी नहीं हुआ है।

निगम प्रशासन को अगले साल मार्च तक 45 टावर और लगाने हैं, जिनमें 17 टावर थ्री जी सेवा के और शेष 28 मोबाइल टावर लगाए जाने हैं। इनकी स्थापना के साथ ही उसे पचास हजार नए कनेक्शन देने का लक्ष्य मिला हुआ है। स्थिति यह है कि टावर सामग्री उसे समय से नहीं मिल पा रही।


श्रीवृन्दावनमहिमामृतम् ३.५०-५२


बरसाने का दृश्य (Photo from Lake of Flowers).




उद्दामः काम एवेतररसलवकस्पर्शमात्रासहिष्णु
नित्यं वर्धिष्णुरत्युच्छलितरसमहाम्भोधि नित्यं च यत्र ।
यत् किञ्चिज्जङ्गमस्थास्नु च परममहाश्चर्यनानासमृद्ध्या
शश्वद्वृद्ध्या स्वयं चानिशमुदितमिदं भातु वृन्दावनं मे ॥
जो स्थान उत्कट काम स्वरूप है, अन्य रसों के थोड़े स्पर्श में को भी जो सहन नहीं करता, जिस स्थान पर नित्य वर्धन शील रति के द्वारा उच्छलित रस महासमुद्र नित्य प्रवाहित होता है, जहां स्थावर जङ्गम समस्त वस्तुएं परम महाश्चर्यमय अनेक समृद्धि और निरन्तर वृद्धि के साथ रात दिन प्रकाशित होती हैं, वही यह श्रीवृन्दावन मेरे हृदय में प्रकाशित हो ॥३.५०॥




तथा परमपावनं भुवि चकास्ति वृन्दावनं
यथा हरिरसे मनः स्वयमनङ्कुशे धावति ।
परन्तु यदि तद्गतस्थिरचरेषु नो कायवाङ्
मनोभिरपराधिता भवति बाधिता तत्त्वधीः ॥
जैसे स्वतन्त्र हरिरस में स्वयं ही धावित होता है, वैसे ही परम पावन श्रीवृन्दावन पृथिवी मण्डल में प्रकाशित होता है, परंतु यदि श्रीवृन्दावन के स्थावर जङ्गमात्मक वस्तुओं के प्रति काय-मन-वाक्य से अपराधी होकर तत्त्व विचार बुद्धि बाधित न हो, अर्थात् अपराधी होने में तत्त्व बुद्धि नाश हो जाती है, जिससे श्रीवृन्दावन के प्रकाश का अनुभव नहीं होता ॥३.५१॥




मग्नं श्रीराधिकाश्रीमुरलिधरमहाप्रेमसिन्धौ निमग्नं
तद्गौरश्यामगात्रच्छविमयजलधौ प्रोज्झितावारपारे ।
शोभामाधुर्यपूर्णार्णवबुडितमहोमत्तमेतन् ममान्तः
श्रीवृन्दारण्यमेव स्फुरतु न कलितं माययाविद्यया च ॥
अहो ! श्रीराधा एवं मुरलीधर के महाप्रेमसिन्धु में मग्न एवं उस गौरश्याम विग्रह के कान्तिमय आर-पार-विहीन समुद्र में जो निमग्न है, तथा उनकी शोभा और माधुर्य के सागर में डूबा हुआ मत्त यह श्रीवृन्दावन, जो मेंयति एवं अविद्या का रचा नहीं, मेरे अन्तःकरण में स्फुरित हो ॥३.५२॥


२०१०-०८-२१ ब्रज का समाचार

एकादशी पर श्रद्धालुओं ने परिक्रमा लगाई


कलात्मक झूले में विराजमान प्रभु ने दर्शन दिए

वृंदावन (AU 2010.08.20) : श्रावण की एकदशी पर्व पर शुक्रवार को वृंदावन की पंचकोसी परिक्रमा लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। परिक्रमा देने से पहले श्रद्धालुओं ने यमुना स्नान किया । मंदिरों में झूले भी सजाए गए ।

सुबह से ही परिक्रमा मार्ग राधे राधे और ठाकुर बांके बिहारी की जयजयकार से गुंजायमान हो उठा । पुण्य अर्जित करने के उद्देश्य से परिक्रमा मार्ग में महिला, बच्चे, वृद्ध दिखाई दे रहे थे । हालांकि जर्जर परिक्रमा मार्ग से गुजरने में श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा । लेकिन परेशानियों पर आस्था हावी रही ।

एकादशी पर राधावल्लभ, राधारमण, राधाश्यामसुंदर, रंगजी मंदिर, राधादामोदर आदि मंदिरों में ठाकुरजी ने आकर्षक और कलात्मक झूलों में विराजमान होकर श्रद्धालुओं को दर्शन दिया ॥



वृक्षों का कटान रोकना जरूरी


गोविंद मठ आश्रम में पौधारोपण कार्यक्रम
पेड़ों का कटान नहीं रोका तो मानव सभ्यता खतरे में


वृंदावन (2010.08.20) : सद् भावना पखवाड़े के अंतर्गत नेहरू युवा केंद्र द्वारा कैमारवन स्थित गोविंद मठ आश्रम में शुक्रवार को पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस दौरान कदंब के पौधे लगाए गए।

कार्यक्रम का शुभारंभ करने के बाद सीडीओ अजय शंकर पांडेय ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि वृक्ष विश्व की धरोहर है । इनसे ही हमें प्राणवायु आक्सीजन प्राप्त होती है ।

वर्तमान में इनका कटान बहुत तेजी से जारी है । अगर इसे नहीं रोका गया तो मानव सभ्यता खतरे में पड़ जाएगी । नेहरू युवा केंद्र के जिला समन्वयक गोपाल भगत ने कहा कि राजीव गांधी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में यह सद् भावना दिवस १५ दिन तक मनाया जाता है ।

इस सद् भावना पखवाड़े का उद्घाटन पौधारोपण से किया गया है । उन्होंने कहा कि लगभग पूरे जिले में सैकड़ों पौधे लगाने का हमारा संकल्प है । इसके अंतर्गत शुक्रवार को पचास कदंब पौधे वृंदावन में लगाए गए हैं। स्वयंसेवकों ने आश्रमों में जगह-जगह पौधारोपण किया।

कार्यक्रम में महंत एएस विज्ञानाचार्य, वृषभान गोस्वामी, उमेश चंद्र शर्मा, विजयलक्ष्मी यादव, मुनेंद्र कुमार, लोकेश शर्मा, ऊषा चौधरी, सीमा शर्मा, पूजा शर्मा, मनीषा शर्मा, आदि लोग उपस्थित थे ।।



पौधारोपण बहाना है समस्याएं बताना है


सीडीओ कार्यालय में दर्जनों अर्जियां लंबित
मनरेगा समेत कई योजनाओं में धांधली


मथुरा (AU 2010.08.20) : सीडीओ का कदंब प्रेम अब उन्हें बुलाने का बहाना बन गया है । अव्यवस्थाओं से परेशान ग्रामीण गांव की समस्या का हल निकालने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं ।

लोग उन्हें पौधारोपण के बहाने से गांव बुलाते हौं और सभी समस्याओं का ब्योरा थमा देते हैं । सीडीओ अजय शंकर पांडेय ने ब्रज के प्राचीन स्वरूप को लौटाने के लिए कदंब के पौधे रोपे जाने को मुहिम छेड़ रखी है, लेकिन उनका कदंब प्रेम अब नजराने का रूप ले चुका है ।

राजीव भवन के सूत्रों के अनुसार इस तरह की दर्जनों अर्जियां सीडीओ कार्यालय में लंबित हैं । शुक्रबार को भी फरह एवं वृंदावन में ग्रामीणों ने उन्हें कदंब के वृक्षों का रोपण का बहाना बनाकर बुलाकर मनरेगा समेत अन्य योजनाओं में चल रही तमाम धांधलियों के बारे में सीडीओ बताया । ग्रामीणों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा ।



निशाने पर ईटीपी नहीं लगाने वाले उद्योग


मथुरा (AU 2010.08.20) : उत्प्रवाह शुद्धिकरण संयंत्र (ईटीपी) संचालित नहीं करने वाले उद्योगों को बंद करने से संबंधी कार्यवाही जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रारंभ कर दी है। वहीं इसे संचालित करने वाले उद्योगों को परमीशन भी दी जाएगी।

उद्योगों में गंदा पानी साफ करने के लिए ईटीपी लगाने का प्रावधान है। जिले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस संयंत्र को अनिवार्य रुप से उद्योगों में लगाने के लिए कड़ाई की थी। जिन उद्योगों में ईटीपी नहीं लगे थे, उनको नोटिस भेजे गए थे। सबसे अधिक नोटिस टोंटी उद्योगों को दिए गए। ईटीपी संचालन नहीं होने पर इन उद्योगों को करीब एक साल से बोर्ड द्वारा परमीशन भी नहीं दी जा रही थी। सख्ती का असर जनपद के २७ उद्योगों पर हुआ टोंटी उद्योग एसोसिएशन द्वारा प्राइवेट आदमी आर्गनाइस कर हफ्ते में दो बार पानी साफ करने की व्यवस्था कर ली गई। इन उद्योगों को अब बोर्ड द्वारा परमीशन देने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

ईटीपी संचालन के लिए अब बोर्ड और सजग हो गया है। यही कारण है कि जिले के हर उद्योग में ईटीपी संचालन की गति परखने के लिए व्यापक स्तर पर सर्वे करने का उसने मन बना लिया है। सर्वे के बाद ईटीपी संचालित न करने वाले उद्योगों को पुनः नोटिस भेजा जाएगा। इसके बाद उनके खिलाफ बंदी की कार्यवाही की जाएगी। पॉल्यूशन बोर्ड आफीसर आरके सिंह ने बताया रक्षा बंधन के बाद अवैध उद्योगों का सर्वे शुरू होगा।



केजेएस के समीप मसजिद में गेट निकालने का मामला


विहिप और बजरंग दल में आया उबाल
स्थायी रूप से गेट बंद करने की मांग


मथुरा (AU 2010.08.20) : श्री कृष्ण जन्म स्थान के समीप मीना मस्जिद में निकाले गए दर्वाजे को लेकर विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल में उबाल है । हिंदूवादियों ने कहा है कि शांत महौल को बिगड़ने की साजिश की गई है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।

विहिप नगर इकाई की आपातकालीन बैठक में जन्मस्थान प्रशासन की हीलाहवाली पर रोष जताया गया । आए दिन जन्मस्थान पर आनेवाले श्रद्धालुओं से अभद्रता करने वाले अलर्ट सुरक्षा कर्मियों को मसजिदे में हो रहे निर्माण कार्य की भनक तक नहीं लगी । हिन्दूवादियों का कहना है कि पूरे तरीके से दर्वाजे को हटवाकर दीवार से नहीं पटवाया गया तो विहिप आंदोलन करेगा ।

रोष जताने वालों में जिला मीडिया प्रभारी विजय बहादुर सिंह, अमरकांत मिश्रा, डा. रमन टंडन, नगर अध्यक्ष पंकज पंडित, उमेश गर्ग, राजीवराज पाठक, सुरेश वर्मा, नरेश शर्मा, मानवेंद्र दीक्षित, दिनेश चौधरी, ंलय राठौर, कन्हैयालाल ङौतम, गिर्राज शर्मा, आयुष शर्मा हैं ।

बजरंग दल के प्रांत सुरक्षा प्रभारी चंद्रपाल सिंह कुंतल ने कहा कि मसजिद में दरवाजे निकलने के बाद भी खुफिया विभाग की निद्रा नहीं टुटी । उन्होंने कहा कि जन्मस्थान की सुरक्षा पर पूरा अमला जुटा होने के बाद भी दरवाजा निकलना नाकामी की और इशारा करता है । उन्होंने जिला प्रशासन से दरवाजे को पूरी तरह बंद कराते हुए सुरक्षा की पुनः बैरिकेडिंग लगाने की मांग की है ।


२०१०-०८-१९ ब्रज का समाचार

गहवरवन में विचार संगोष्ठी २२ को


बरसाना (AU 2010.08.19) : गहवरवन में चचल रहे अवैध खनन को लेकर वन वचाओ पहाड बचाओ विषयक संगोष्ठी २२ अगस्त को मध्याह्न १२ बजे से होगी । इसमें जनपद के बुद्धिजीवी भाग लेंगे । आयोजक एवं बार अध्यक्ष आलोक सिंह एवं सचिव अजय तेहरिया ने बताया कि व्रज में कभी ४८ वन थे । भूमाफिया की बुरी नजर के कारण सभी वन समाप्त हो गए । अब केवल राधारानी द्वारा बसाया गया गहवरवन ही बचा है । उस पर भी भूमाफिया और खनन माफिया की नजर है । यह गोष्ठी इसी ज्वलंत विषय को उठाकर प्रश्सन की नींद खोलेगी ।



बंदर तोडफोड देते हैं सामान

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मथुरा (AU 2010.08.19) : गोविंद नगर और महाविद्या कालोनी के बाशिंदे बंदरों के उत्पात से परेशान हैं । कालोनी की महिल् सोमवती, हेमारानी, नीतू, माधवी, कांती देवी, पूजा अग्रवाल, राधारानी, ओमवती, संगीता ने पालिकाध्यक्ष को भेजे पत्र में लिखा है कि उनका बंदरों ने घर से बहार निकलना भी दूभर कर दिया है । बंदर घर के बाहर से कपडों बर्तन आदि को उठा ले जाते हैं । उन्होंने बंदरों को पकडवाने की मांग की है ।



बितिया करती है दो कुलों को पवित्र


वृंदाबन (AU 2010.08.19) : श्रीनाथ सेवा संस्थान एवं भुवालका जन कल्याण ट्रस्ट के संयुक्त तत्त्वावधान में गांधी मार्ग स्थित श्रीनाथ धाम में आयोजित सम्मान समारोह में मेधावी विद्यार्थियों के साथ विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लोगों का भी सम्मान किया गया ।

समारोह में भक्ति के क्षेत्र में डा. रंगीलीशरण महाराज, चिकित्सा में डा. विनय इंजीनियर, भागवत विद्वान में गिरिराज शास्त्री, शिक्षा में रामगोपाल गुप्त, आयुर्वेद चिकित्सा में नरोत्तमलाल गुप्त, समाज सेवा में प्रभा शर्मा का शील ओढाकर और धनराशि देकर ब्रज विभूति के रूप में सम्मानित किया गया ।

वर्ष २०१० में इंटरमीडिएट और हाईस्कूल की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले १७ विद्यार्थियों को धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र दिया गया। इस मौके पर रामकथा वक्ता इंदुभूषण रामायणी ने कहा कि पुत्र एक मानव कुल पवित्र करता है, जबकि पुत्री दो कुलों को पवित्र करती है । कार्यक्रम का शुभारंभ इस्कान मंदिर के प्रेसिडेंट स्वामी महामंत्री दास द्वारा बांके बिहारी के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण किया गया ।


Friday, August 20, 2010

2010-08-21 ब्रज समाचार

यमुना का जलस्तर और बढ़ गया


मथुर (AU 2010.08.20): ताजेवाला बांध से लगातार पानी छोड़े जाने से यमुना नदी का जलस्तर शुक्रवार को बढ़कर १६४.६७ मीटर तक पहुंच गया। चेतावनी निशान से ४७ सेंटीमीटर ऊपर। इसके चलते लो फ्लड एरिया में खलबली मची रही। हालांकि विशेषज्ञ इसे सामान्य स्थिति करार दे रहे हैं। चिंता तो ताजेवाला बांध से गत दिवस छोड़े गए १.४२ लाख क्यूसेक पानी को लेकर है। इसके चलते लो प्लड एरिया में मुनादी पिटवा दी गई है।



नाला निर्माण में देरी लोगों ने किया प्रदर्शन


वृंदावन (AU 2010.08.20): । वृंदावन समग्र विकास योजना के तहत रमणरेती क्षेत्र में नाला निर्माण में हो रही देरी और मानकों की अनदेखी से लोगों में नाराजगी है। लोगों ने संबंधित विभाग और कार्यदायी ठेकेदार के खिलाफ प्रदर्शन कर जिला प्रशासन से मामले की जांच की मांग की ह

रमणरती मार्ग पर जल निगम द्वारा नाला निर्माण में मानकों को ताक पर रख दिया गया है। यहां आरसीसी के स्थान पर ईंटों का नाला तो बनाया ही जा रहा है। साथ ही कार्य धीमि गति से हो रहा है। इससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। नाले का निर्माण जैसे ही किया होता है उसके कुछ समय बाद ही संबंधित ठेकेदार उसमें पानी भरवा देते हैं। इससे नाले की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लग गया है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मामले की शिकायत की है।

स्थानीय निवासी गोपाल शर्मा, पूरन बघेल, शेर सिंह, हरिओम, चिरंजीलाल, रमन बघेल, हरे कृष्ण शर्मा, भगवानदास शर्मा, खुशीराम, प्रह्लाद, यादराम, रामलाल सैनी, भीमसेन, शिवकुमार, स्वामी कन्हैयालाल, स्वामी देवकी नंदन आदि का कहना है कि नाला निर्माण धीमी गति से हो रहा है। इससे कालोनी से निकलने वाले सभी मार्ग बाधित हो गए हैं। लोगों का कहना है कि ठेकेदार ने मानकों की अनदेखी कर आरसीसी का नहीं ईंटों का नाला बना डाला। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से नाला निर्माण की जांच करने की मांग की है।



रक्षाबंधन पर रौद्र रूप दिखायेगी यमुना


मथुरा(DJ 2010.08.20) । यमुना नदी में दूसरे दिन भी ताजेवाला बांध से काफी बड़ी मात्रा में जल छोड़ा गया है। सबसे अधिक 2 लाख क्यूसिक से ज्यादा जल गुरूवार को 10 बजे छोड़ा गया, जो यहां रक्षाबंधन के दिन आ पहुंचेगा। इस दिन यमुना नदी का स्वरूप विकराल होगा। गोकुल बैराज के गेट खोलने की हिदायत दे दी गई है। पूर्व में छोड़े जल का असर मथुरा के घाटों पर दिखाई देने लगा है। जिला प्रशासन ने यमुना किनारे बसे गांवों में मुनादी करा चेतावनी दे दी है।

ताजेवाला बांध में पानी का दबाव कम करने के उद्देश्य से यमुना नदी में लगातार दूसरे दिन भी पानी छोड़ा गया। गुरूवार रात 1 बजे से जल छोड़ने का क्रम शुक्रवार को सुबह 9 बजे तक चलता रहा। इसमें सबसे अधिक 2,08,005 क्यूसेक छोड़ा गया है। सिंचाई विभाग द्वारा स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार रात से पानी छोड़ने की मात्रा में कमी आयी है। रात 8 बजे 1,18,860 क्यूसेक, 9 बजे 82880 क्यूसेक, 10 बजे 63060 क्यूसेक, 11 बजे 52201 क्यूसेक, गुरूवार 12 बजे 43351 क्यूसेक, 1 बजे 35289 क्यूसेक, 2 बजे 38465 क्यूसेक, 3 बजे 36869 क्यूसेक, शुक्रवार सुबह 5 बजे 28359 क्यूसेक, 6 बजे 32839 क्यूसेक, 7 बजे 32839 क्यूसेक, 8 बजे 38345 क्यूसेक और सुबह 9 बजे 45353 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। सिंचाई विभाग अपर खंड के अधिशासी अभियंता रमाकांत रस्तोगी ने बताया कि ताजेवाला बांध से प्रति घंटे छोड़े गए जल को लेकर लगातार नजर रखी जा रही है। इसके अलावा ओखला बैराज पर हो रही जल वृद्धि का आंकलन किया जा रहा है। गुरूवार-शुक्रवार रात 1 बजे ओखला बैराज पर जल वृद्धि 15472 क्यूसेक थी, जो सुबह 5 बजे तक स्थिर रही। सुबह 6 बजे ओखला पर पानी बढ़कर 16323 क्यूसेक, 7 बजे 17965 क्यूसेक, 8 बजे 25686 क्यूसेक और 9 बजे तक 38400 क्यूसेक पहुंच गया है। मथुरा के प्रयागघाट पर यमुना नदी में पानी का लेवल 164.67 मीटर समुद्र तल जा पहुंचा है। फिलहाल यह लेवल खतरा के निशान 165.20 मीटर समुद्र तल से काफी नीचे है।



डगमग व्यवस्था पर अस्था अडिग


मथुरा (AU 2010.08.20)। यह सावन-भादों का मौसम है, यानि ब्रज की मौज-बहार का समय है। सावन से शुरू होने वाली वैष्णव यात्रियों की आमद कार्तिक तक जारी रहने वाली है, पर व्यवस्थाएं इतनी चौपट हैं कि एनआरआई और गुजराती यात्री सिर्फ रस्म पूरी करने आ रहा है, यानि कि ब्रज का पर्यटन उद्योग अगले महीने शुरू होने वाली ब्रज चौरासी कोस यात्राओं में भी कमर सीधी नहीं कर सकेगा।

वर्ष 1549 में महाप्रभु वल्लभाचार्य को आज ही के दिन गोवर्धन नाथ ने दर्शन दिए थे। श्रावण सुदी ग्यारस यानि शुक्रवार की आधी रात को श्री यमुना की पूजा करने के लिए गोकुल में दो हजार से ज्यादा गुजराती श्रद्धालु पहुंचे हैं। यह तो बानगी भर है। ठीक 21 दिन बाद ब्रज चौरासी कोस की यात्राएं शुरू होंगीं, जिनमें हजारों श्रद्धालु चालीस दिन में इस दूरी को पूरी करेंगे। उनकी आस्था अडिग है, पर चौरासी कोस मार्ग में शासन-प्रशासन की व्यवस्थाएं डिगी हुई हैं।

गोकुल के गोविंद घाट पर शुक्रवार की आधी रात में श्री यमुना को पवित्रा चढ़ाई गयी। गोकुल नाथ जी पर यही क्रम शनिवार को दोहराया जाएगा। लेकिन पौराणिक व धार्मिक महत्व के कुंडों के दर्शन को आतुर श्रद्धालु उबकायी भरते देखे गए। गोकुल के पतित पावन कुंड, पूतना कुंड और कमल कुंड आदि अतिक्रमण व गंदगी से जो भरे हुए हैं। पतित पावन कुंड में तो गटर का पानी गिर रहा है।

यही स्थिति ब्रज चौरासी कोस के सभी कुंड और सरोवरों की है, जबकि पड़ाव स्थल भी जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग की प्राथमिकता में शुमार नहीं हो सके हैं। ब्रज चौरासी कोस की यात्राएं भाद्रपद में सितंबर से शुरू हो रही हैं। यात्रा मार्ग में 25 पड़ाव स्थल हैं, पर अब मात्र 18 ही ऐसे बचे हैं, जिनका कुछ स्वरूप बचा हुआ है। प्रशासन की ओर से इन पड़ाव स्थलों को न तो सुरक्षित रखा गया है और न ही यात्राओं के दौरान कोई व्यवस्था की जाती रही है। गोकुल तीर्थ राज ट्रस्ट के अध्यक्ष नारायण तिवारी ने बताया है कि गोकुल में कुंड, पड़ाव स्थल व महा प्रभु की बैठकें यात्राओं के लायक नहीं बनायी गयी हैं।


2010-08-20 ब्रज समाचार

गुरुवार को भूतेश्वर स्थित मंदिर श्री मथुराधीश प्रभु में आयोजित काली घटा के मनोरम दर्शन ।

द्वारिकाधीश में बिजली कड़की, छा गई काली घटा


मथुरा (AU 2010.08.19)। सावन के महीने में प्राचीन राजाधिराज (द्वारिकाधीश) मंदिर में गुरुवार को काली घटा केदर्शन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आसमान पर कड़कती बिजली और काली घटा ने रोमांच पैदा कर दिया। दर्शन खुलने के साथ भक्तों की भीड़ लग गई। यह क्रम देर रात तक चलता रहा। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रशासन व पुलिस का खासी मशक्कत करनी पड़ी।



जन्मस्थान पर काली घटा दर्शन को उमड़े श्रद्घालु


मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित केशवदेव मंदिर में काली घटा के दर्शन को श्रद्धालु उमड़े। प्रवेश द्वार पर भव्य सज्जा कर काली घटा के दृश्य का निर्माण किया गया था। मंदिर में प्रवेश करते ही चमकती, गरजती बिजली, बरसते हुए मेघ, नृत्य करते मोर, उपवन में चहचहाते पक्षियों के मध्य भगवान श्रीकृष्ण की गिरिराज पर्वत को उठाए हुए झांकी, वन उपवन की सज्जा में विराजे ठाकुर श्री केशवदेवजी के मनोहारी दर्शन करके श्रद्धालु अभिभूत हो उठे। इस प्रसिद्ध काली घटा की सज्जा में जहां प्राकृतिक संपदा लता, पता, पुष्प एवं पत्र आदि का अधिक प्रयोग हुआ, वहीं भगवान श्री केशवदेव जी की पोशाक एवं श्रृंगार भी अधिक दर्शनीय थे।



दिल्ली से अधिकारियों ने आकर निरीक्षण किया


मथुरा (AU 2010.08.19)। कामनवेल्थ गेम्स के प्रति जागरूकता का संदेश लेकर आ रही क्वींस बैटन रिले के स्वागत कोलेकर दिल्ली के अधिकारियों की टीम ने स्टेडियम का निरीक्षण किया। बैटन रिले के स्वागत में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारियों के बारे में भी जानकारी ली। कोआर्डिनेटर ने खिलाड़ियों के चयन न होने पर नाराजगी जताई।

क्वींस बैटन रिले के आगरा-मथुरा कार्यक्रम के समन्वयक लॉयड डिसूजा ने स्व. मोहन पहलवान गणेशरा स्पोर्ट्स स्टेडियम का गुरुवार शाम को निरीक्षण किया। उन्होंने रिले के साथ आने वाले खिलाड़ियों के स्वागत में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारियों का जायजा लिया। ट्रैक की स्थिति देखी तथा जिला खेल अधिकारी समरीश सोमाल से बैटन लेकर दौड़ने वाले खिलाड़ियों सहित अन्य के नामों की सूची मांगी।

जिला खेल अधिकारी ने बताया कि अब तक मात्र एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मुख्तयार सिंह का नाम ही उनके पास आया है। कुछ एसोसिएशन ने भी प्रांतीय सचिव के पत्र उपलब्ध नहीं कराए हैं। इस पर नाराजगी जताते हुए समन्वयक ने जल्द ही खिलाड़ियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए। टीम ने सांस्कृतिक आयोजन स्थल का भी निरीक्षण किया। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा किए जा रहे रिनोएशन कार्य की जानकारी ली।



यमुना: खतरे के निशान तक पहुंचा पानी


मथुरा (DJ 2010.08.19)। दिल्ली ओखला बैराज से यमुना नदी में बुधवार की रात छोड़े गए 1.42 लाख क्यूसेक पानी से जल स्तर में वृद्धि हो गई है। इससे यमुना नदी का जलस्तर चेतावनी प्वाइंट तक जा पहुंचा है। नदी के आस-पास के गांवों के लोगों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

यमुना नदी में दिल्ली ओखला बैराज से बुधवार-गुरूवार की रात 1 बजे मथुरा के लिये पानी छोड़ा गया। जो गुरूवार सुबह तक जारी रहा। हालांकि यमुना नदी में पानी धीरे-धीरे छोड़ा गया था। इससे पानी आने से यमुना का जल स्तर तो बढ़ा, लेकिन सीमावर्ती गांवों में यमुना जल से तबाही नहीं हुई। गुरूवार सुबह 9 बजे तक यमुना नदी में 1,42,660 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका था। ताजेवाला बांध से दिल्ली और पानी छोड़ा गया तो उसका मथुरा में असर दिखाई देगा। इसके लिये यमुना नदी के किनारे बसे गांवों के ग्रामीणों को सतर्कता बरतने को कहा गया है।



श्रीवृन्दावनमहिमामृतम् ३.४७-४९


बरसाने का दृश्य (Photo from Lake of Flowers).




न तापः साधूनामकृतिषु तथा साधुकृतिषु
प्रकम्पः कालाहेरपि न हि न वा देहदलने ।
प्रहर्षो न ब्रह्माद्यधिकविभवे नापि परमा
मृतब्रह्मानन्दे समधिगतवृन्दावनभुवः ॥
जिन्होंने श्रीवृन्दावन भूमि को भली प्रकार प्राप्त कर लिया है, उनको सत्कर्मों के करने में या न करने में कुछ भी दुख नहीं, काले सर्प से एवं शरीर के नाश होने में भी उन्हें कुछ भय नहीं है, ब्रह्मादि से अधिक सम्पत्ति के प्राप्त होने में और परमामृत ब्रह्मानन्द की प्राप्ति में भी उनको कुछ आनन्द नहीं मिलता ॥३.४७॥



अलमलमतिघोरानर्थकारीन्द्रियाणा-
मतिशयपरितोषैर्दुष्करैर्दुस्तरैश्च ।
विदधदिव सशोको येन केनापि देह-
स्थितिमध्वस वृन्दारण्यमेकान्तरत्या ॥
अति घोर अनर्थ करने वाली इन्द्रियों को दुष्कर तथा दुस्तर उपायों से सन्तुष्ट करने का अब कोई प्रयोजन नहीं । देह यात्रा निर्वाह करने के लिये जिस किसी उपाय का अवलम्बन करके शोकातुर होते हुए एकान्त भाव से इस श्रीवृन्दावन में निवास कर ॥३.४८॥



लुठन् रासस्थल्यां निरवधि पठन् कृष्णचरितं
रटन् हा कृष्णेति प्रतिपदमटंश्चापि परितः ।
त्रुटन् नानाग्रन्थिः स्फुटदमलभावोऽश्रुनिवहैर्
नटन् गायन् वृन्दावनमतिमहान् पङ्किलयति ॥
जो व्यक्ति निरन्तर रासस्थली में लुण्ठन करता है, श्रीकृष्ण के चरित्रों का पाठ करता है, हा कृष्ण रटता है, एवं श्री वृन्दावन के सर्व स्थानों पर भ्रमण करता है, उसके हृदय की नाना ग्रन्थियां – अविद्या, काम, कर्मादि – नाश होकर विशुद्ध भाव की स्फूर्ति होती है एवं वही अति भाग्यवान महापुरुष नृत्य तथा संकीर्तन करते करते अश्रुधारा से श्रीवृन्दावन को पंक युक्त कर देता है ॥३.४९॥


Thursday, August 19, 2010

श्रीवृन्दावनमहिमामृतम् ३.४४-४६


बरसाने का दृश्य (Photo from Lake of Flowers).



मुक्तिर्याति यतो बहिर्बहिरहो सम्मार्जनीघातत-
स्त्रस्तास्ता वरसिद्धयो विदधते काक्वादि यत् सेवितुम् ।
यन्नाम्नैव विदूरगापि विलयं मायापि यायादहो
तद्वृन्दावनमत्यचिन्त्यमहिमा देहान्तमाश्रीयताम् ॥
जहां से मुक्ति सन्मार्जनी बुहारी की चोट खाकर दूर से अति दूर जा पड़ती है, जिसकी सेवा करने के लिये श्रेष्ठ अष्ट सिद्धियां विनय प्रार्थआ करने में भी भयभीत होती हैं । अहो ! जिसका नाम सुनते ही माया दूर जा पड़ती है एवं नाश हो जाती है, उस अति अचिन्त्य महिमायुक्त श्रीवृन्दावन का देहपात पर्यन्त आश्रय कर ॥३.४४॥



अहो वृन्दारण्यं प्रतिपदविनिस्यन्दिपरमोन्
मदप्रेमानन्दामृतजलधिलोभाकुलयति ।
रमेशब्रह्मादीन् अथ भगवतः पार्षदवरा
नतो धीरा नीराञ्जलिमपि निपीयात्र वसत ॥
अहो ! श्रीवृन्दावन पद पद में ही परम उन्माद उत्पन्न करने वाले प्रेमानन्दसमुद्र को प्रवाहित कर रहा हैं, लक्ष्मी, शिव ब्रह्मादि को एवं शब्धगवान् के श्रेष्ठ पार्षदों को भी लालायित कर आकुल किये रखता है, अत एव हे धीर पुरुषो ! अञ्जलि भर पानी पीकर भी श्रीवृन्दावन में वास करो ॥३.४५॥



त्वयाकण्ठं पीतं यदि परमपीयूषमपि किं
ततो यद्युर्वश्याः स्तनयुगलमाश्लेषि किमतः ।
यदि ब्रह्मानन्दामृतमपि समास्वादि किमतो
यतस्थूत्कृत्येदं व्यसृजदपि वृन्दावनतृणम् ॥
यदि तुमने पेट भरकर अमृत भी पान कर लिया, तो उससे क्या ? यदि उर्वशी के स्तन युगल का तुमने आलिङ्गन कर लिया, तो क्या ? और यदि ब्रह्मानन्द् अमृत का भी भली प्रकार आस्वादन तुम्हें मिले, तो भी उससे क्या फल ? क्योंकि श्रीवृन्दावन के तो तृण ने भी इन समस्त वस्तुओं को थुत्कार कर त्याग दिया है ॥३.४६॥


Wednesday, August 18, 2010

2010-08-19 ब्रज समाचार

केशवदेव व राजाधिराज हुए लाल


मथुरा (DJ, 2010.08.18)। त्रिलोक के नाथ प्रभु श्रीकृष्ण की जन्मभूमि में शुभ के प्रतीक लाल रंग की अनुपम रंगत बिखरी। प्रभु के घर में पहुंचे श्रद्धालुओं ने मोहक छवि तथा परिसर की छटा का दीदार कर स्वयं को धन्य किया। कल जन्मभूमि और द्वारिकानाथ में काली छटा बिखरेगी।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा-संस्थान ने श्रावण मास में भक्त एवं भगवान को एकाकार करने तथा प्राचीन संस्कृति को प्रोत्साहन देने लिये मंदिर परिसर को सुंदर व आनंद प्रदाता बनाया। कई प्रकार के रंग-बिरंगे पुष्पों से परिसर, झूला व घटाओं को सजाया। इस दौरान इत्र-पुष्पों की सुगंध के मध्य मधुर कंठ से प्रभु का गुणगान दर्शकों के तन-मन को रस विभोर करता रहा। सायंकाल शुरु हुआ मनभावन छटा के दर्शन देर रात्रि तक किये गये। संस्थान के सचिव कपिल शर्मा के मुताबिक 19 अगस्त को श्री कृष्ण जन्म एवं उनके गोकुल गमन काल की भयानक रात्रि के काले रंग की घटा सजाई जाएगी।

दूसरी ओर द्वारिका के नाथ के मंदिर में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुलाबी घटा सजाई गई। मंगलवार को राजाधिराज ने लाल घटा में भक्तों पर कृपा की बरसात की।



श्रीकृष्ण जन्मोत्सव लीला सुन श्रोता


मथुरा (DJ, 2010.08.18)। भक्ति रूपी दिव्य शक्ति से विश्व के जनमानस की दिनचर्या पवित्र होती है। भक्ति की शक्ति अपार है। जो भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति करते हैं उनका जीवन दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाता है।

गांधी मार्ग स्थित श्रीनाथ धाम में आयोजित श्रीमद्भागवत में बोलते हुए डा. मनोज मोहन शास्त्री ने बुधवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का बखान करते हुए कहा कि धरती पर पाप बढ़ने के कारण भगवान अवतार लेते हैं। धर्म की स्थापना कर जनमानस को कष्ट रहित जीवन प्रदान करने के लिए भगवान अवतार लेते है।

इससे पूर्व कथा व्यास ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में श्रोताओं को फल, वस्त्र, खिलौने आदि लुटाये।



गरूण गोविंद मेला में उमड़े श्रद्धालु


मथुरा (DJ, 2010.08.18)। छटीकरा गांव में गरूण गोविंद मंदिर पर लगे वार्षिक मेला मेला में दिन भर भक्तों का आना जाना रहा। तमाम श्रद्धालुओं गरूण गोविंद मंदिर में दर्शन किये। कुण्ड में स्नान कर पुण्य कमाया। इस मौके पर कुश्ती दंगल का आयोजन भी हुआ।

प्रसिद्ध गरूण गोविंद मंदिर पर लगे मेला में दर दराज के तमाम लोगों ने यहां पहुंच कर मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की। सबसे पहले श्रद्धालुओं ने कुण्ड में स्नान किया। इसके बाद पूजा अर्चना में शामिल हुए। इस मौके पर मेला के मुख्य आकर्षण कुश्ती दंगल को देखने के लिए काफी लोग उमड़े। इसमें हुए कुश्ती दंगल में तमाम पहलवानों ने जोर आजमाए। आखिरी कुश्ती चौमुहां के देवेन्द्र पहलवान अखाड़ा भूतेश्वर ने पलवल के सोनू पहलवान को चित कर जीत ली। इस मौके पर अन्य तमाम छोटे बड़े पहलवानों ने अपना दमखम दिखाया। दंगल में आयोजन कमेटी ने देवेन्द्र पहलवान को 3100 रुपये और चौकी इंचार्ज जैंत ने 1500 रुपये के अलावा दर्शकों ने भी नगद इनाम दिये।



भूमिगत विद्युत केबल बनी जी का जंजाल


वृंदावन (AU, 2010.08.18)। वृंदावन विकास योजना के अंतर्गत विद्युत विभाग द्वारा बांके बिहारी क्षेत्र से लेकर विद्यापीठ चौराहे तक डाली जा रही भूमिगत विद्युत केबल डालने से लोगों के लिए काफी परेशानी खड़ी हो गई। अधिशासी अभियंता को लिखे पत्र में शयन बिहारी, ज्ञानप्रकाश एवं रमेशचंद्र ने कहा कि बांके बिहारी क्षेत्र के अंतर्गत मनीपाड़ा और पुराना शहर क्षेत्र में भूमिगत केबिल लाइन लापरवाही पूर्ण ढंग से डाली गई है। इससे भविष्य में लोगों को काफी दिक्कत होगी।

भुवन शर्मा, श्रीकृष्ण सरस, कन्हैया शर्मा, सतीश वेदपाठी, गिरीश गौतम, अजय अग्रवाल, मेघश्याम गौतम, लाड़ली, गिरधारी, नीरज, गिरधारीलाल द्विवेदी एवं कृष्ण गोपाल द्विवेदी ने कहा कि केबल डालने के दौरान की गई खुदाई में नगर पालिका की पानी की मुख्य पाइप लाइन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अगर विभाग द्वारा विद्युत केबल डाल दी जाएगी तो भविष्य में नए कनेक्शन लेने तथा पुराने कनेक्शन के जरिये विद्युत करंट आने की पूर्ण आशंका बनी रहेगी। पत्र में लोगों ने विद्युत विभाग अधिशासी अभियंता से पालिका के जलकल प्रभारी के साथ मिलकर जनता की समस्या के निराकरण की मांग की।



गांव उधर से कदंब वन स्थापित करना शुरू


मथुरा (AU, 2010.08.18)। जनपद में सघन पौधारोपण के तहत कदंब वन स्थापित किए जाने का अभियान शुरू कर दिया है। बुधवार को सीडीओ की मौजूदगी में मांट विकास खंड स्थित गांव उधर में तीन हजार कदंब के पौधे लगाना प्रारंभ कर दिया। इसमें १.२३ लाख की लागत आएगी है।

ब्रज के प्राचीन स्वरूप को बनाए रखने तथा पर्यावरण संतुलन की दृष्टि से सीडीओ अजय शंकर पांडेय ने जनपद में ‘कदंब वन लगाओ’ अभियान शुरू कराया है। इस योजना के अनुसार हरेक विकास खंड में कम से कम एक कदंब वन लगाना है। बुधवार को सीडीओ ने मांट विकास खंड के गांव उधर में कदंब वन योजना का सूत्रपात किया। टीम के साथ पहुंचे सीडीओ ने स्वयं पौधा लगाकर अभियान का महत्व बताया। यहां तीन हजार कदंब के पौधे लगाए जाने की योजना है। इसमें १.२३ लाख रुपये की लागत आएगी। उन्होंने प्रत्येक ग्रामीण से एक पौधा गोद लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि ग्रामीण पौधा गोद लेंगे और उस पर अपना नाम अंकित कराकर उसकी समुचित देखभाल करेंगे तो कदंब वन पनपने से कोई नहीं रोक सकेगा।



सिक्स लेन पर रिफायनरी का बैरियर


मथुरा (DJ, 2010.08.18)। दिल्ली से आगरा तक करीब 200 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग को सिक्स लेन करने की प्रक्रिया में मथुरा रिफायनरी बैरियर बन रही है। गृह मंत्रालय ने परिवहन मंत्रालय को लिखे पत्र में चिंता जताई है कि पहले से ही संवेदनशील रिफायनरी हाइवे चौड़ीकरण से और खतरे में पड़ जायेगी।

समय-समय पर सुरक्षा बरतने के दिशा-निर्देशों में मथुरा रिफायनरी को प्राथमिकता पर रखा जाता है। फोर लेन दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग के बिल्कुल किनारे स्थित रिफाइनरी लंबे समय से आतंकियों के निशाने पर है। सुरक्षा एजेंसियों से इस आशय की रिपोर्ट मिलने के बाद मथुरा रिफाइनरी की सुरक्षा को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार पहले से चिंतित हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण नेशनल हाइवे को सिक्स लेन बनाने जा रहा है। इसके लिये सर्वे आदि हो चुका है। हाइवे के सिक्स लेन बनने पर एक ओर रिफायनरी की चारदीवारी करीब-करीब नेशनल हाइवे से छू जायेगी तो दूसरी ओर रिफायनरी की पानी की पाइप लाइन और सीवर लाइनें क्षतिग्रस्त हो जायेंगी। रिफायनरी के कई महत्वपूर्ण प्लांट चारदीवारी के समीप हैं। गृह मंत्रालय में डिप्टी सेकेट्री एनआई चौधरी ने इस चिंता से केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेट्री पीके त्रिपाठी को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है।



हाईवे चौड़ीकरण से मथुरा रिफायनरी को खतरा


मथुरा (DJ, 2010.08.18)। दिल्ली से आगरा तक करीब दो सौ किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग को छह लेन बनाने के निर्णय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की पेशानी पर बल डाल दिया है। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने हाइवे के चौड़ा होने की स्थिति में पहले से आतंकियों के निशाने पर रहे मथुरा रिफाइनरी की सुरक्षा को और खतरा बता दिया है। इस बारे में रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अफसर ने केंद्रीय परिवहन मंत्रालय (रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे)के एक बड़े अधिकारी को पत्र लिखकर मथुरा रिफाइनरी के आसपास दो किलोमीटर के दायरे में नेशनल हाइवे को सिक्स लेन न बनवाने के लिये भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व यूपी सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अफसर ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि मथुरा रिफाइनरी की सुरक्षा व्यवस्था के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता।

फोर लेन दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग के बिल्कुल किनारे स्थित आईओसीएल रिफाइनरी लंबे समय से आतंकियों के निशाने पर है। सुरक्षा एजेंसियों से इस आशय की रिपोर्ट मिलने के बाद मथुरा रिफाइनरी की सुरक्षा को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार पहले से चिंतित हैं। ऐसे में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण नेशनल हाइवे को सिक्स लेन बनाने जा रहा है। इसके लिये सर्वे आदि की औपचारिकता पूरी की ली गई है। हाइवे के सिक्स लेन बनने पर एक ओर रिफाइनरी की चारदीवारी करीब-करीब नेशनल हाइवे से छू जायेगी तो दूसरी ओर रिफाइनरी की पानी की पाइप लाइन और सीवर लाइनें क्षतिग्रस्त हो जायेंगी। रिफाइनरी के कई महत्वपूर्ण प्लांट चारदीवारी के समीप हैं। जाहिर है, ऐेसे में मथुरा रिफाइनरी अधिक महफूज नहीं रह पायेगी। इस बारे में केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की चिंता बढ़ गई है। डिप्टी सेकेट्री एनआई चौधरी ने इस चिंता से केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेट्री पीके त्रिपाठी को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है। श्री चौधरी ने मथुरा रिफाइनरी की सुरक्षा व्यवस्था को महत्वपूर्ण बताते हुये कहा है कि इसके साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। इसलिये रिफाइनरी के आसपास करीब दो किमी दायरे में नेशनल हाइवे का चौड़ीकरण न कराया जाये।


2010-08-18 ब्रज समाचार

प्रेम उपासना का रूप : वागीश


वृंदावन (अमर उजाला, अगस्त १८, २०१०) : रमण रेती मार्ग स्थित ठाकुरजी आश्रम में सत्य सनातन सेवार्थ संस्थान द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में भागवताचार्य आचार्य मारुतिनन्दन वागीश ने कहा कि कृष्ण कथा से दैहिक, दैविक और भौतिक ताप नष्टा होते हैं ।

उन्होंने कहा कि मन को भगवान् के चरण्णों में लगाना चाहिए और तन से भगवान् के द्वारा बनाए गए संसार की सेवा करनी चाहिए । गोपियों के जीवन में यही दो बातें थीं, जिसके कारण भगवान उसके साथ लीला बिहारी बन गए । वागीश ने बताया कि प्रेम उपासना का रूप है । उन्होंने रुक्मिणी विवाह का वर्णन किया ।

इस अवसार पर कृष्णकुमार अग्रवाल, विधा अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, भगवती सोमानी, अंजु अग्रवाल, विनोद विहारी शास्त्री, संतोष शास्त्री आदि उपस्थित थे ।



महापुरुषों के चरण पड़ने से तीर्थ बन जाता है स्थान


गुरुदेव करह बिहारी की जयंती मनाई

वृंदावन : करह आश्रम में गुरुदेव करह बिहारी का जयंती महोत्सव विविध धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मनाया गया ।

इस अवसर पर आयोजित विद्वत संगोष्ठी में स्वामी जगदानंद महरज ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने अपने पराए का भेद मिटाकर संदेश दिया कि संत सभी के होते हैं । जो भी उनके पास आता है, जैसी भावना लेकर आता है, उसे वैसा ही फल देते हैं ।

श्रीनाथ शास्त्री ने कहा कि संत अनंत के समान होते हैं । किशोरी रमणाचार्य ने कहा कि तुलसीदासजी ने सभी धर्मों का सभी संप्रदायों का समन्वय किया । रज बाबा ने रामदास बाबा को तुलसीदास का ही अवतार बताया । संतदास महरज ने कहा कि महापुरुषों की पद रज पाए बिना किसी के जीवन में भक्ति नहीं आ सकती ।

महंत सच्चिदानंददास एवं सुतीक्ष्णदास महरज ने कहा कि महापुरुषों के चरण जहां पड़ जाएं, वह स्थान तीर्थ बन जाता है । सेवानंद ब्रह्मचारी महरज ने महाराजश्री के जीवन पर प्रकाश डाला । महंत वैष्णवदास, शैलेंद्र पांडे, बाबा अनिरुद्धाचार्य, रंगीली बाबा, श्यामसुंदर, पं. विहारीलाल वशिष्ठ, रामदास सिद्धा आदि उपस्थित थे ।



तुलसीदास के बताए मार्ग पर चलें


वृंदावन : ब्राह्मण महासभा द्वारा तुलसी जयंती महोत्सव का आयोजन शक्खर सिंधी धर्मशाला में किया गया । महोत्सव में सुशीलचंद्र शर्मा ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने विश्व को रामचरित मानस के रूप में पथ प्रदर्शक दिया है । इसके अनुसार चलने पर मानव का कल्याण होता है । इसके अवसर पर जिलेदार शुक्ल, रमेशचंद्र गौतम, अयोध्या शास्त्री, वंशी शुक्ला आदि मौजूद थे ।

विहारघाट स्थित निंबार्क जूनियर हाईस्कूल में तुलसी जयंती पर आयोजित प्रतियोगिता में प्रधानाचार्य ब्रजकिशोर त्रिपाठी ने प्रकाश डाला । प्रतियोगिता में प्राथमिक वर्ग में गोविन्द त्रिपाठी प्रथम, राधिका श्रीवास्तव द्वितीय तथा ऋषभ शर्मा तृतीय स्थान पर रहे । जूनियर वर्ग में कृष्णांगी त्रिपाठी, श्रीकांत पालीवाल और रोहित गौतम ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान पाया ।

इस अवसर पर राकेश पाठक, नरेंद्र गुप्ता, पूनम चतुर्वेदी आदि थे । अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा द्वारा गोस्वामी तुलसीदास के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर् संगोष्ठी का शुभारंभ किया था । इस अवसर पर अध्यक्सा अतुल कृष्ण गोस्वामी, नंददास महाराज, पं. बिहारीलाल वशिष्ठ, गिरधारी शुक्ला आदि थे ।



भगवान राम जन-जन की आस्था के प्रतीक


राम रूप सज्जा प्रतियोगिता आयोजन

वृन्दावन : भगवान राम जन-जन की आस्था के प्रतीक हैं । उनका संपूर्ण जीवन सभी के लिए अनुकरणीय है ।

यह विचार किशन स्वरूप अस्थाना ने प्रताप बाजार ट् सरस्वती शिशु ंं ं वृन्दावन बाल विकास मंच द्वारा आयोजित मानस मुक्ताक्षरी प्रतियोगिता एवं राम रूप सज्जा प्रतियोगिता के अवसर पर व्यक्त किए । रामगोपाल गुप्ता ने कहा कि राम रूप सज्जा प्रतियोगिता का यह आयोजन प्रशंसनीय और सराहनीय है । निर्णायक परमानन्द गुप्त एवं चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने बच्चों से प्रतिदिन रामचरित मानस की एक चौपाई पढ़ने और याद करने को कहा । इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं गोस्वामी तुलसीदास के चित्रपट पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया ।

प्रतियोगिता तीन वर्गों में आयोजित की गई । इसमें जगन्नाथ प्रसाद गणेशी लाल बजाज चल वैजयंती सरस्वती शिशु मंदिर ने, जूनियर वर्ग की स्वामी मुकुंद हरि महरज चल वैजयंती मां श्यामा बाल शिक्षा संस्थान एवं स्वामी मेघश्याम चल वैजयंती हनुमान प्रसाद धानुका विद्या मंदिर ने जीती ।

प्रतियोगिता में हजारीमल सोमानी इंटर कालेज, परमेश्वरी देवी धानुका विद्या मंदिर, प्रोग्रेस पब्लिक स्कूल, श्रीजी विद्या मंदिर, टैगोर बाल मंदिर के छात्रों ने भाग लिया । इस अवसर पर ईश्वर प्रसाद, लाल सिंह, कृष्णकुमार अग्रवाल, संजय शर्मा, कौशल किशोर भट्ट आदि उपस्थित थे ।

प्रतियोगिता में हजारीमल सोमानी इंटर कालेज, परमेश्वरी देवी धानुका विद्या मंदिर, प्रोग्रेस पब्लिक स्कूल, श्रीजी विद्या मंदिर, टैगोर बाल मंदिर के छात्रों ने भाग लिया । इस अवसर पर ईश्वर प्रसाद, लाल सिंह, कृष्णकुमार अग्रवाल, संजय शर्मा, कौशल किशोर भट्ट आदि उपस्थित थे ।


श्रीवृन्दावनमहिमामृतम् ३.४१-४३


बरसाने का दृश्य (Photo from Lake of Flowers).



त्रिभङ्गीमुत्तुङ्गीकृतरसतरङ्गैर्नवनवो-
न्मदानङ्गे नीलोज्ज्वलघननिभाङ्गे दधदहो ।
लसद्बर्होत्तंसी मणिमयवतंसी व्रजकुला
बलानीविस्रंसी स्फुरतु मम वंशीमुखहरिः ॥

अहो ! उच्च उच्चरस तरङ्ग मय नित्यनवीन उन्माद करने वाली कामक्रीड़ा में चञ्चल, उज्ज्वल मेघ के सदृश अङ्गों से जो त्रिभङ्ग हो रहे हैं, मोरपुच्छ एवं मणिमय कुण्डलधारी ब्रज की अबलाओं का नीविबन्धन शिथिल करने वाले मुख पर वंशीधारी श्रीहरि हृदय में स्फुरित हों ॥३.४१॥



राधाकृष्णानङ्गतृष्णामहाब्धि-
निर्मर्यादं वर्धयन् नित्यमेव ।
सान्द्रानन्दापारसर्वोर्ध्वपार-
श्रीमद्वृन्दाकाननं पीणनं नः ॥

जो श्रीराधा-कृष्ण की कामतृष्णा के महासमुद्र की निरन्तर ही असीम वृद्धि करता है एवं जो आनन्दधनराशि के अपार सर्वोत्तम सौन्दर्य तथा सौभाग्य से युक्त है, वही श्रीवृन्दावन ही हमारा प्रीतिस्थल है ॥३.४२॥



केकाभिर्मुखरीकृताखिलदिशो नृत्यन्त्यहो केकिन-
श्चूतानां विटपे कुहूरिति मुहुः कूजन्त्यहो कोकिलाः ।
गायन्ति प्रतिपुष्पवल्लिमधुरं भृङ्गाङ्गनाः सर्वतः
प्रोन्मीलन्ति विचित्रदिव्यकुसुमामोदाश्च वृन्दावने ॥

अहो ! श्रीवृन्दावन आनां मोर अपनी केकाध्वनि से दशों दिशाओं को मुखरित कर नृत्य करते हैं, कोकिलाएं आनम्रवृक्षों पर बारबार कुहूकुहू शब्द कर रही हैं, भंवरे इधर उधर प्रति पुष्पलता पर मधुर गान कर रहे हैं, विचित्र दिव्य फूलों की सुगन्धि चारों दिशाओं को सुवासित कर रही है ॥३.४३॥


Tuesday, August 17, 2010

श्रीवृन्दावनमहिमामृतम् ३.३८-४०


राधाकुण्ड (Photo from Lake of Flowers).




थुत्कारयन्तौ भजतां सर्वानन्दरसोन्नतीः ।
यो भजेन् नित्यमेकेन भावेन तमहं भजे ॥
वे श्रीराधा-कृष्ण भजनानन्दी जनों के सब प्रकार के आनन्द रस की पराकाष्ठा को भी थुत्कार करके विराजमान हैं, जो एकान्त भाव से नित्य इन का भजन कर सकता है, मैं उसका भजन करता हूं ॥३.३८॥



त्रैगुण्यातीतपूर्णोज्ज्वलविमलमहाकामराजात्मदिव्य-
ज्ज्योतिः स्वानन्दसिन्धूत्थितमधुरतरद्वीपवृन्दावनान्तः ।
श्रीराधाकृष्णतीव्रप्रणयरसभरोदञ्चरोमाञ्चपुञ्जाः
कुञ्जालिष्वात्मनाथद्वयपरिचरणव्यग्रगोपालबालाः ॥
त्रिगुण सत-रज-तम रहित पूर्ण उज्ज्वल विमल महाकामराज स्वरूप दिव्य ज्योति के स्वानन्द सागर से प्रकट हुए मधुरतर द्वीप के समान जो श्रीवृन्दावन है, उसके कुञ्जों में श्रीराधा-कृष्ण के तीव्र प्रेमरस में पूर्ण होकर पुलकित शरीर से अपने प्रियतम नाथ श्रीयुगलकिशोर की सेवामें गोप बालाएं संलग्न हैं ॥३.३९॥



काञ्चीमञ्जीरकेयूरकवलयघटारत्नताटङ्करम्याः
श्रीमन्नासाग्रलोलन्मणिकनकलसन्मौक्तिकाश्चित्रशाटीः ।
सुश्रोणीश्चारुमध्या रुचिरकुचतटीः कञ्चुकोद्भासिहारा
लोलद्वेण्यग्रगुच्छाः स्मर कनकरुचीर्दासिका राधिकायाः ॥
जो मेखला, नूपुर, बाजुबन्द, कङ्कण एवं अनेक रत्न जटित अंगूठी आदि भूषणों से सुशोभित हैं, जिनके सुन्दर नासाग्र भाग में मणि एवं सुवर्णयुक्त मुक्ता डोलायमान हैं, परिधान में विचित्र साड़ी है, कटिदेश अति सुन्दर एवं जिन की कञ्चुकी पर चमकते हुए हारों की छटा है, वेणियों के गुच्छे आन्दोलित हो रहे हैं, ऐसी स्वर्णवर्ण विशिष्ट श्रीराधिका की दासियों को स्मरण कर ॥३.४०॥


2010-08-17 ब्रज समाचार

बाबा जाहरवीर के भक्त आराध्य की जय-जयकार करेंगे


मथुरा (DJ, 2010.08.16) । बाबा जाहरवीर का भक्त समुदाय बुधवार को अपने आराध्य की जय-जयकार करेगा।

नव युवक छल्ला कमेटी सायंकाल 5 बजे वृंदावन दरवाजा स्थित बाबा के मंदिर से धूमधाम से शोभायात्रा निकालेगी। रात्रि में जागरण एवं अखाड़ेवाजी का प्रदर्शन किया जाएगा। कमेटी सत्यदेव शर्मा, शिवचरन लाल, संतोष भाई, मदन चौधरी, सोनू शर्मा, धनपत शर्मा एवं योगेश शर्मा ने सभी भक्तों से आयोजन में भाग लेने का आग्रह किया है।

गोगाजी का छड़ी महोत्सव बुधवार को भक्त मंडल कृष्णा नगर स्थित शास्त्री नगर में मंगलवार को भक्ति भाव से मनाएगा। यहां मौजूद मंदिर में पुष्प बंगला संजेगा और कलाकार बाबा गुणगान करेंगे। महंत शिव कुमार ने अनुयायियों से उत्सव में आने का आग्रह किया है।



संतों के प्रस्ताव पर सहमति के हस्ताक्षर करा रही विहिप


मथुरा (DJ, 2010.08.16) । राम जन्म भूमि मंदिर पर अदालत का फैसला आने वाला है तो दूसरी ओर विश्व हिंदू परिषद व उसके सहयोगी संगठनों ने सक्रियता बढ़ा दी है। मंदिर निर्माण पर संतों के प्रस्ताव के बहाने गांव-गांव जन जागरण शुरू किया गया है। श्री हनुमत शक्ति जागरण अनुष्ठान अभियान अगले तीन महीने तक चलेगा।

विश्व हिंदू परिषद व उसके सहयोगी संगठन अगले तीन माह तक गांव-गांव इस अनुष्ठान को करेंगे और मंदिर निर्माण पर संतों के पारित प्रस्ताव पर सहमति व समर्थन जुटाएंगे। इसके लिए आम जन से हस्ताक्षर कराए जाएंगे। अभियान सोमवार को तुलसीदास जयंती पर देश भर में शुरू किया गया है।\

मथुरा में बजरंग चौराहे पर सायं के समय अनुष्ठान शुरू किया गया। इसमें परिषद के राष्ट्रीय नेता आचार्य गिरिराज किशोर भी आने वाले थे, लेकिन भारी बारिश के कारण उनका आगमन एैन मौके पर स्थगित हो गया। इस बीच अनुष्ठान कार्यक्रम ब्रज मंडल के प्रमुख संत श्री चित्प्रकाशानंद की उपस्थिति में शुरू हुआ।

श्री हनुमान मंदिर प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में हनुमान चालीसा का सामूहिक पारायण किया गया और भव्य मंदिर के समर्थन में हस्ताक्षर कराए गए। इस मौके पर जिलाध्यक्ष ठा. ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि अक्षय नवमी तक चलने वाले इस अभियान में संपूर्ण हिंदू समाज को जागृत किया जाएगा और संगठित समाज की शक्ति से केंद्र व प्रदेश के सरकारों को अवगत कराया जाएगा।



ब्रज पर बरसे इन्द्रदेव


मथुरा (DJ, 2010.08.16)। श्रावण के चौथे सोमवार को इंद्र भगवान ने ब्रज भूमि पर घनघोर वर्षा की। मूसलाधार बारिश ने सुबह से बनी हुई उमस को ठंडा कर दिया, पर जनजीवन भी ठप कर दिया। शहर को आने वाले सभी रास्ते पानी से ब्लाक हो गए तो घनी बस्तियों में भी नाले-नालियां उफन उठे।

सोमवार सायं ठीक 5.25 से शुरू हुई मूसलाधार बारिश एक घंटा से भी ज्यादा समय तक जारी रही। बरस रहे पानी के वेग से पूरे शहर का जनजीवन कई घंटे के लिए जाम हो गया।

चौक बाजार, डोरी बाजार में दुकानों के अंदर पानी चला गया। इससे दुकानदारों का एक बार फिर नुकसान हुआ है। यहां एक रिक्शा सड़क पर तेज गति से बह रहे पानी में यमुना की ओर बह गया, जो किसी तरह बेरीकेडिंग पर जाकर रुका। यहां मंडी राम दास और डोरी बाजार में दुकानदारों ने बारिश शुरू होने के कुछ देर बाद ही शटर गिरा दिए। यही हाल छत्ता बाजार में भी रहा। यहां होली गेट के भीतर दोनों ओर की दुकानें बंद हो गयीं। तमाम दुकानों में पानी भर गया। होली गेट बाहर पानी के जमाव से यातायात ठप हो गया। एक कार इंजन में पानी भर जाने से जलभराव में फंस गयी तो कई रिक्शे सड़क खराब होने से पलट गए। दोनों ओर की दुकानों में पानी भर गया।

क्वालिटी तिराहे से डैंपीयर नगर के मार्ग पर भी सड़क का भरा पानी दुकानों के अंदर घुस गया। बीएसए कालेज से लेकर भूतेश्वर तिराहे तक भारी जलभराव बना रहा। मसानी चौराहे व डीग गेट तिराहे पर भी स्थिति ऐसी ही रही। और तो और कोतवाली से लेकर गोविंद गंज व होली गेट की सड़क पर फुटपाथ भी जलभराव से भर गए।
शहर भर के नाले उफनते देखे गए। अंबेडकर नगर कालोनी समेत कई निचले इलाके में बनी बाहरी कालोनियां पूरी तरह जलमग्न हो गयीं।
मूसलाधार बारिश से शहर भर में मार्ग लॉक हो गए। लोग जहां के तहां फंस गये। वाटर लाकिंग कई जगह देर रात तक बनी रही। नए बस स्टेंड की रेलवे पुलिया का नासूर फिर से उभर आया तो भूतेश्वर रेलवे पुलिया के नीचे भी जलभराव रहा। महोली रोड पर शक्ति नगर, दीप नगर, मानस नगर आदि इलाकों में नाले का उल्टा बहाव जलभराव को निकलने



खूब हुई नाला सफाई, पर अटी रही सिल्ट


मथुरा (DJ, 2010.08.16)। कई बार सही समय पर समस्या प्रबंधन न होने का खामियाजा बार-बार भुगतना पड़ता है। नाला सफाई में पालिका प्रशासन का पैसा और समय तो खराब हो ही रहा है, जबकि नाले साफ न कराए जाने की शिकायतें भी वह झेल रही है। फलस्वरूप अगले सत्र से क्रमश: वार्ड वार सफाई कराने की योजना है।

पालिका बोर्ड के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में एक बार ठेका उठाकर नाला सफाई करायी गयी थी। उसके अगले साल पालिका प्रशासक ने नवंबर माह से अभियान चलाया, पर अधूरा ही रहा। इसके बाद के सालों में जब-तब सफाई कार्य कराया जाता रहा, पर नाले साफ न कराने की तोहमत पालिका पर लगी हुई है। बता दें कि ठेका उठाकर अथवा पालिका अपनी ओर से मानसून पहले साफ सफाई करा देती तो शायद उसे बाद के महीनों में एक-एक नाले को बार-बार साफ न कराना पड़ता, पर अब स्थिति ऐसी है कि मानसून की बारिश पिछले महीने में जब कुछ समय के लिए बंद हुई तो कई नाले साफ करा दिए गए।

सौंख रोड नाले की सिल्ट तो इन दिनों भी निकाली जा रही है। अधिशासी अधिकारी ने खुद कई नाले साफ करवाए हैं। जानकारों की मानें तो कई नाले इस साल में कई-कई बार साफ हो चुके हैं। लेकिन सिल्ट अटी हुई है और जलभराव की समस्या है कि खत्म ही नहीं हो रही। यही हाल डीग गेट नाला और अंबाखार नाले का है।

पिछले महीने नाले साफ न कराए जाने पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए तो भी नाले साफ कराए गए थे। जानकारों की मानें तो नालों से सिल्ट तो निकाली जा रही है, पर अतिक्रमण की वजह से कई पेच बचे हुए हैं। इनके कारण बारिश का पानी निकल नहीं पाता और जलभराव हो जाता है।



घर-घर पूजे विषधर, दूध पिलाया जीभर


मथुरा (DJ, 2010.08.16)।। सृष्टि के संचालक श्री हरि की शैया बने और अपने फन पर प्रथ्वी को धारण करने वाले शेषनाग के वंश की प्रभु नगर में घर-घर पूजा की गई। श्रद्धालुओं ने प्रतीक एवं जीवित विषधरों को जी भर दूध पिलाया और पकवानों का भोग अर्पित किया। भक्त महिलाएं प्राचीन नाग टीले पर भी पहुंची और महाशिव की मेघला के आधार देव का श्रद्धा व भक्ति भाव से वंदन किया।

भक्ति से परिपूर्ण नारीयों ने अपने घरों में नाग देवता के चित्र बनाये। परंपरा के अनुसार पूजन किया। घरों में तैयार किये गये पकवान, मिष्ठान एवं दुग्ध इत्यादि खाद्य व पेय सामग्री अर्पित की। इस दौरान महिलाओं ने अपने परिवार पर दया कर मनोकामना पूर्ण करने की याचना की। नाग पंचमी के इस धार्मिक पर्व पर नाग टीले पर सुबह से लेकर सायंकाल तक महिला-पुरुषों एवं बच्चों का तांता लगा रहा। नाग साथ रखकर परिवार को भरण पोषण करने वालों ने मंदिरों, आम रास्तों तथा घर-घर पहुंचकर भक्तों को दर्शन का लाभ कराया। पं. अजय तेलंग एवं आचार्य भोला बाबा महाराज ने कालसर्प योग शांति यज्ञ आयोजित कर भक्तों को लाभान्वित करने का प्रयास किया। इस दौरान मंत्र उच्चारण संग आहुतियां दी गई।



शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़


मथुरा ब्यूरो। श्रावण मास के तीसरे सोमवार को शिवालय व मंदिरों में दर्शनार्थियाें का तांता लगा रहा। इसमें लोगों ने मंदिरों में विशेष तौर पर पूजा अर्चना की।

शहर के गल्तेश्वर महादेव, शहर कोतवाल भूतेश्वर मंदिर, रंगेश्वर महादेव, पिपलेश्वर महादेव सहित सैकड़ाें मंदिरों में श्रावण मांस के सोमवार को श्रद्धालुओं की दिनभर भीड़ लगी रही। महिलाओं ने बिल्व पत्र तथा फूलों से भगवान भोले नाथ, शिव परिवार, पंच परिवारों की विशेष पूजा अर्चना कर मनौती मांगी। इसके अलावा आगरा में सिकंदरा स्थित कैलाश मंदिर पर होने वाली विशेष पूजा व परिक्रमा के चलते हाईवे के रूट डायवर्ट कर दिए।

इसमें दिल्ली से आगरा जाने वाले वाहनों को टाउनशिप तिराहे से राया सादाबाद तथा बल्देव सादाबाद होकर गुजारा वही हाईवे को एत्मादपुर आगरा से डायवर्ट कर सादाबाद, मुड़ी की चौराहा होते हुए बल्देव को डायवर्ट का मथुरा की ओर निकाला। इससे हाईवे पर जाम के हालात बने रहे। बार-बार जाम लगने पर ट्रैफिक व सिविल पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।