Monday, May 31, 2010

श्रीवृन्दावनमहिमामृत १.२२-२४





चिरादुपनिषद्गिरामति विचार्य तात्पर्यकं
न लब्धुमिह शक्यते यदनु माधुरीमप्यहो ।
तमप्यनुभवेन् महारसनिधिं यदावासत-
स्तदेव परमं मम स्फुरतु धाम वृन्दावनम् ॥

चिर काल पर्यन्त उपनिषत् के वाक्यों के तात्पर्य का विचार करने पर भी, हाय ! अणुमात्र भी जिस माधुरी की प्राप्ति नहीं हो सकती, परं तु श्रीवृन्दावन में वास करने से ही उसी माधुरी के समुद्र का आस्वादन मिलता है, ऐसा सर्वोत्कृष्ट श्रीधाम वृन्दावन मेरे चित्त में स्फुरित हो ॥१.२२॥



सोढ्वा पादप्रहारानपि च शतशतं धिक्कृतीनां च कोटीः
क्षुत्तृट्शीतादिबाधाशतमपि सततं धैर्यमालाम्ब्य सोढ्वा ।
मुञ्चन् शोकाश्रुधारामतिकरुणगिरा राधिकाकृष्णनामा-
न्युद्गायन् कर्हि वृन्दावनमतिविकलोऽकिञ्चनः संचरामि ॥

शत-शत पाद प्रहारों को एवं कोटि-कोटि धिक्कारों को भी सहन करता हुआ, धैर्य पूर्वक निरंतर क्षुधा, तृष्णा, तथा शीत-ग्रीष्मादि के सैकड़ों विघ्न-बाधाओं को अतिक्रम करके भी, मैं कब शोकाश्रु-धारा प्रवाहित करते करते श्री-राधिका कृष्ण की नामावलि को अत्यन्त करुण ध्वनि से उच्चस्वर में गान करता हुआ, अति व्याकुल चित्त से अकिञ्चन होकर श्रीवृन्दावन में इधर-उधर विचरण करूंगा ? ॥१.२३॥



अद्य श्वो वा यास्यतीदं कुदेहं
सर्वे भोगा यान्ति तत्र स्थितेऽपि ।
तस्माद्सौख्याभास उच्चैर्विभाति
नित्यानन्दे नन्द वृन्दावनान्तः ॥

आज किंवा कल ही इस कुत्सित देह का पात होगा, और शरीर रहते हुए भी शीघ्र ही समस्त भोग समाप्त हो जायेंगे । अत एव यह स्पष्ट ही प्रतीत होता है कि पार्थिव वस्तुओं में सुख का आभास मात्र है । इस लिए नित्यानन्ददायी श्रीवृन्दावन में ही आनन्द लाभ कर ॥१.२४॥


2010-06-01 ब्रज का अन्य समाचार

करोड़ों का अर्थ, सेवा के आगे व्यर्थ

मथुरा, कार्यालय संवाददाता (DJ 2010.06.01): भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि एवं उनकी पटरानी यमुना भूमि को प्रदूषण से मुक्त कराने में करोड़ों का अर्थ श्रद्धालुओं की सेवा के आगे व्यर्थ साबित हो गया। रविवार को जब श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान के सेवक कालिंदी में सफाई करने के लिये उतरे तो वातावरण निर्मल हो गया। इस कार्य को प्रेरणा एवं भक्ति का पर्याय मानते हुये स्नान को आने वाले सैकड़ों भक्त भी सेवा में जुट गये। जोश और शुद्धि का जुनून से भरे तीर्थयात्रियों ने सेवकों के स्वर में स्वर मिलाते हुये यमुना मैया की जय-जयकार की। मां कहने तथा उसकी कृपा से यश, कीर्ति, भोजन, वैभव तक प्राप्त करने वाले करोड़ों श्रद्धालु होने तथा करोड़ों का देशी व विदेशी धन खर्च किये जाने के बावजूद सरिता गंदगी से सराबोर हो चुकी है। इस स्वरूप के प्रचार, प्रसार और चित्रांकन में अनेक बाह्य आचरण व्यवहार में लाए गये। कई आर्थिक रूप से भी समृद्ध हो गये। कुछ की यश, कीर्ति जिले से प्रदेश और देश तक जा पहुंची। इसके बाद भी बहुतों का दिल नहीं पसीजा और भक्ति के आवरण से आच्छादित हजारों लोगों का मल-मूत्र तक निरंतर मां के आंचल में समाहित हो रहा है।

सरकारी, अर्द्ध सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं के साथ तीर्थयात्रियों के जरिये भी जब तब धन व्यय हुआ एवं सेवा की गई मगर मैया के अतीत का रूप आज भी नजरों से ओझल ही है। मां की इस दशा को देखकर शर्म भले खुद शर्मसार हो मगर कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें थोड़ा ही सही दर्द दिल से होता है। इसे तबके में शामिल श्री कृष्ण सेवक समाज के लोगों ने रविवार को एक और प्रयास के तौर पर गंगा दशहरा सभी घाटों की सफाई कार्य शुरु किया। संस्थान के सेवक गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने कहा है कि बैराज के कारण यमुना तली में जमी सिल्ट के प्लेट फार्म से हट जाने से श्रद्धालुओं को सुविधा का अनुभव अवश्य होगा। गंगा दशहरा के आने से पूर्व सफाई के लिये संकल्पित सेवकों के साथ इस समय प्रदूषण नियंत्रण विभाग के कर्मी, पालिका कर्मी भी सेवा कार्य पर जोर दे रहे हैं। 25 मई से शुरु हुये इस सेवा कार्य में संस्थान की ओर से रविवार को संयुक्त मुख्य अधिशाषी राजीव श्रीवास्तव, जन संपर्क अधिकारी विजय बहादुर सिंह, अनुरक्षण अधिकारी नारायण राय, सतवीर सिंह, बाबू लाल, राजू समेत कई सेवकों ने अहम सेवा कार्य किया।


टीटीजेड में खड़े पेड़ों से थमी निर्माण रफ्तार

यमुना एक्सप्रेस-वे : सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

आसानी : वन विभाग की बाधा कुछ हद तक दूर कर ली
वन क्षेत्र की भूमि के बजाए दी सुरीर में जमीन


मथुरा (AU 2010.06.01)। कामनवेल्थ गेम्स से पहले यमुना एक्सप्रेस-वे को पूरा करने में सरकारी नियम ही बाधा बने हुए हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे अथारिटी ने वन विभाग की अड़चनों को कुछ हद तक दूर कर लिया है, लेकिन टीटीजेड में खड़े वन विभाग के पेड़ अभी भी इस प्रोजेक्ट के लिए भारी अड़चन पैदा कर रहे हैं। पेड़ों को काटने के मामले में अभी भी उसे सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने का इंतजार है।

नोएडा से आगरा तक एक्सप्रेस-वे निर्माण तो कराया जा चुका है, लेकिन कुछ स्थानों पर वन विभाग और टीटीजेड जोन के अंतर्गत आने वाले पौधे और भूमि के कारण पुल और पुलिया निर्माण का काम अभी भी अधूरा है। कार्यदाई संस्था नोएडा डेवलपमेंट अथारिटी और जेपी ग्रुप ने वन विभाग की अड़चन को लगभग खत्म कर दिया है।

मथुरा, अलीगढ़, हाथरस और आगरा जिले के वन क्षेत्र की भूमि लेने के बदले में अथारिटी ने दूसरे स्थानों पर भूमि खरीद कर दी है। निर्माण के लिए मथुरा में वन क्षेत्र की १.१६७ हेक्टेयर संरक्षित भूमि और आगरा की चार हेक्टेयर भूमि ली गई थी। अॅथारिटी ने आगरा और मथुरा को टुकड़ों में जमीन देने के बजाए मथुरा को दोनों जिलों की मिलाकर कुल ५.१६७ हेक्टेयर भूमि सुरीर कसबे के पास ओहावा बांगर में खरीदकर दे दी है।

हाइवे मार्ग निर्माण में वन विभाग के ५७५ पेड़ कटने हैं। इनका मुआवजा इन दिनों तय करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन सबसे बड़ी बाधा टीटीजेड जोन में लगे पौधे हैं। योजना के अंतर्गत टीटीजेड के ३८० पेड़ आ रहे हैं। इन पौधों के कटवाने के लिए अथारिटी ने भारत सरकार से तो अनुमति ले ली है, लेकिन अभी उसे टीटीजेड अधिनियम के तहत सुप्रीम कोर्ट की अनुमति और चाहिए। इसके लिए अथारिटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी है। प्रभागीय वन निदेशक केएल मीना ने स्वीकार किया कि वन भूमि के एवज में अथारिटी ने उन्हें जमीन खरीद कर दे दी है।


नौहझील को डार्क जोन से मुक्त करने की मांग

१६ मांगों को लेकर कटैलिया के नेतृत्व में धरना जारी

चेतावनी : समस्याओं के समाधान न होने पर आंदोलन होगा तेज


नौहझील (AU 2010.06.01)। यमुना एक्सप्रेस-वे से जुड़ी समस्याओं को लेकर किसानों के दूसरे गुट ने भी आंदोलन की अलख जगा दी। उन्होंने नौहझील विकास खंड पर १६ सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को धरना दिया। किसानों ने किसान नेता रामबाबू कटेलिया के नेतृत्व में एसडीएम को ज्ञापन तो सौंपा, लेकिन धरना-प्रदर्शन जारी रखा।

सोमवार को प्रातः से शुरू हुए धरने पर सैकड़ों ग्रामीण किसान नेता चौ. रामबाबू कटैलिया के नेतृत्व में भीषण गर्मी में भी जमे रहे। धरना दे रहे ग्रामीणों की मांग थी कि जिले की कानून-व्यवस्था दुरुस्त हो। यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण जमीनों की कीमत में और वृद्धि करे। मांट १३२ बिजलीघर से नौहझील का जल्द जोड़ा जाएं।

इसके अलावा बाजना में बिजलीघर जल्द चालू हो, गांव मिठ्ठौली में राष्ट्रीकृत बैंक खुले, नौहझील डार्क जोन से मुक्त हो, पालीखेड़ा और रायपुर में स्वास्थ्य केंद्र खुले, मांट तहसील में चकरोड ओर नालियों पर हो रहे कब्जे हटें।

इन सभी मांगों को लेकर एसडीएम (मांट) राजीव गुप्ता को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के बाद भी ग्रामीणों में उबाल दिखा। किसान नेता रामबाबू कटैलिया ने कहा कि धरना-प्रदर्शन बदस्तूर जारी रहेगा जब तक १६ मांगों को समाधान नहीं हो जाता। इस मौके पर विजेंद्र सिंह, सत्यवीर सिंह, भगवती सिंह, जयवीर सिंह, अमर सिंह, प्रकाश जिंदल, अखिलेश वार्ष्णेय आदि सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे। अध्यक्षता झम्मन सिंह ने की। संचालन नेपाल सिंह ने किया। ज्ञापन लेने के लिए प्रशासन की ओर से प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। विदित हो कि कटैलिया के विरोधी गुट ने एक दिन पहले रविवार को धरना देकर प्रशासन को ललकारा है।


मृदा के लिए 16756 नमूना

मथुरा (DJ 2010.06.01)। अपनी मिट्टी पहचानो अभियान में अब तक मृदा के 16756 नमूना एकत्र किए जा चुके हैं। सोमवार को तृतीय चरण में 5155 नमूना एकत्र किए गए। इनको जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा रहा है। अपनी मिट्टी पहचानो दिवस के तृतीय चरण की शुरूआत उप कृषि निदेशक बलवीर सिंह ने गोवर्धन ब्लॉक के गांव श्यौबा में मिट्टी का नमूना लेकर की।

इस मौके पर भरत सिंह प्रधान के यहां हुई किसान संगोष्ठी में उप कृषि निदेशक ने किसानों को मृदा का परीक्षण करा कर संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग किए जाने की सलाह दी। उन्होंने किसानों को बताया कि असंतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग किए जाने से मृदा की सेहत बिगड़ रही है और भरपूर लागत लगाने के बाद भी उत्पादन में बढ़ोत्तरी नहीं हो पा रही है। उन्होंने किसानों को बताया कि मृदा में जीवांश कार्बन की मात्रा बढ़ाने के लिए खेतों में गोबर, वर्मी, नाडेप और हरी खाद का प्रयोग करें। उन्होंने सरकार की किसान हित में लागू कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए उनका लाभ उठने को कहा। उप कृषि निदेशक ने किसानों को धान की नर्सरी डालने की तकनीकी भी जानकारी दी। संगोष्ठी में प्रताप सिंह, विजेन्द्र सिंह फौजदार, राम स्वरूप, दिगम्बर, नहार सिंह आदि मौजूद थे। छाता में नगर पंचायत चेयरमैन चौधरी जगपाल सिंह की अध्यक्षता में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें भी किसानों को खेती बाड़ी की जानकारी देते हुए मृदा परीक्षण के लाभ बताए। जिले भर में एकत्र किए मृदा के नमूनों को परीक्षण के लिए कृषि प्रक्षेत्र राया की प्रयोगशाला भेजा जा रहा है।


तालाब न भरवाने पर अधिशासी अभियंता को नोटिस

मथुरा (DJ, 2010-06-01) । पहले तालाब भरवाने की फर्जी रिपोर्टिग, फिर उच्च अधिकारी का फोन रिसीव न करना अपर खण्ड आगरा नहर के अधिशासी अभियंता को भारी पड़ गया है। जनपद के मुख्य विकास अधिकारी ने सोमवार को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।

विगत वर्षो की भांति इस साल भी गर्मियों में जिले के गांवों में लोगों के साथ ही पशुओं की पेयजल व्यवस्था के लिए प्रशासन द्वारा कवायद की गई है। नहरों से गांवों में तालाब भरवाने के लिए अपर खण्ड आगरा नहर के अधिशासी अभियंता रमाकांत रस्तोगी को नोडल अफसर मुकर्रर किया गया। मई माह के तीसरे मंगलवार को डीएम डीसी शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित महावन तहसील दिवस में उन्होंने तालाब भरवाये जाने की रिपोर्ट दी थी। जब संबंधित ब्लॉकों के बीडीओ से स्थलीय सत्यापन कराया गया तो हालात सिंचाई विभाग के दावों से विपरीत पाये गये। बीडीओ की रिपोर्ट के अनुसार खुद नोडल अफसर के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मथुरा ब्लॉक के दस तालाबों में से ग्राम तोष, खामनी एवं बाटी के तालाब सूखे मिले। नंदगांव में मनिहारी कुंज, आर्येश्वर मंदिर व विमल कुंड एवं ग्राम गढ़ी बरबारी समेत सात तालाबों में पानी नहीं मिला। इसी ब्लॉक के बिजवारी गांव के तालाब में पानी तो था, पर यह सिंचाई विभाग द्वारा नहीं भरवाया बताया गया। अपर खण्ड आगरा नहर से ही संबंधित फरह ब्लॉक के लक्षित सभी 19 तालाब स्थलीय सत्यापन में सूखे मिले।

मुख्य विकास अधिकारी सोमवार को जब अपने कार्यालय में जन शिकायतें सुन रहे थे तभी मांट के ग्राम हरिया की गढ़ी के ग्रामीण उनसे मिलने पहुंच गये। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी से गांव में तालाब न भरे जाने तथा इससे पशुओं को पानी पिलाने में हो रही दिक्कतों का जिक्र किया।

ग्रामीणों की शिकायत पर मुख्य विकास अधिकारी ने नोडल अफसर के मोबाइल पर फोन किया। वह स्विच ऑफ बताया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने फिर उनके कार्यालय के लैंड लाइन टेलीफोन पर उनसे सम्पर्क करना चाहा। यह फोन उठा ही नहीं। उन्होंने अपर खण्ड आगरा नहर के अधिशासी अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब तलब किया है।


अंधड़ की तबाही से बरसाना बेहाल

पोल और तार उखड़ने से बिजली आपूर्ति चरमराई

विपत्ति : लगातार ४८ घंटे बिजली नहीं आने से पेयजल संकट गहराया


बरसाना (AU 2010.06.01)। दो दिन पहले आए आंधी-तूफान ने विद्युत समस्या से जूझ रहे कसबे और आसपास के चार दर्जन से अधिक गांवों की समस्या और बढ़ा दी है। अंधड़ में बिजली के पोल उखड़ने, ट्रांसफार्मरों के चरमरा जाने और तार टूटने से विद्युत के साथ-साथ पेयजल व्यवस्था भी चरमरा गई है। इससे भीषण गर्मी में ग्रामीणों का अमन-चैन छिन गया है।

शनिवार को आए आंधी-तूफान ने बरसाना कस्बे में त्राहि-त्राहि मचा दी है। अंधड़ से बरसाना में ४०० केवीए का ट्रांसफार्मर फुंक गया। वहीं आसपास के दर्जनों गांवों को जोड़ने वाले ट्रांसफार्मर, विद्युत तार और पोल तक उखड़ गए। इसके चलते बरसाना, कमई, करैला, हाथिया, रांकौली, मानपुर, चिकसौली, ढ़बाला, गाजीपुर, आजनौठ, पिसावा समेत करीब ५० गांवों की विद्युत व्यवस्था ठप हो गई है।
लगातार ४८ घंटे तक बिजली न आने के कारण पेयजल संकट भी खड़ा हो गया है। पहले से ही पेयजल समस्या से जूझते ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ गई है। पूर्व में प्राइवेट सबमर्सिबलों से पानी भरकर काम चला रहे ग्रामीण बिजली के चलते ऐसा भी नहीं कर पा रहे हैं। बरसाना निवासी डा. कृष्णमुरारी गोस्वामी, कोका पंडित, राजेश, राजेद्र सिंह ने बताया कि दो दिन से बिजली न आने के कारण खरीद कर पानी पीना पड़ रहा है।


विद्युत व्यवस्था चरमराने से पानी के लिए भटके

सोमवार को दोपहर नगर की बिजली ठप

कोताही : कई इलाकों में सुबह से ही की कटौती
सब स्टेशन पर अधिक लोड से परेशानी


वृंदावन (AU 2010.06.01)। नगर में विद्युत व्यवस्था एक बार फिर बुरी तरह से चरमरा गई है। विद्युत कटौती के चलते गर्मी से लोग व्याकुल हो गए हैं। सोमवार को सुबह से विद्युत कटौती का क्रम जो शुरू हुआ, वह देर शाम तक जारी रहा। कटौती का असर नगर की पेयजल व्यवस्था पर भी पड़ा। लोग पानी के लिए भटकते दिखे। विद्युत कटौती के कारण बाजारों में दुकानदार भी दिनभर खासे परेशान नजर आए।

सरकार द्वारा विकास कार्यों में करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी नगर की विद्युत व्यवस्था पटरी पर नहीं लौटी है। सोमवार को सुबह से ही नगर की विद्युत व्यवस्था लड़खड़ा गई। सुबह नौ बजे नगर के राधा निवास, गौर नगर कालोनी, मथुरा दरवाजा, किशोरपुरा, अटल्ला चुंगी आदि इलाके के लोगों को विद्युत कटौती की मार झेलनी पड़ी। वहीं, दोपहर दो बजे संपूर्ण नगर की विद्युत व्यवस्था ठप हो गई, जो पांच बजे सुचारु हो सकी। इसके बाद भी बिजली का आना जाना लगा रहा।

बिजली गुल रहने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। विद्युत कटौती का असर नगर की पेयजल व्यवस्था पर भी पड़ता दिखा। लोगों को पानी के लिए घरों से बाहर आकर अन्य हैंडपंपों से पानी की ढुलाई करनी पड़ी। विद्युत उपखंड अधिकारी सुनील सक्सेना ने बिजली गुल होने का कारण सब स्टेशन पर अधिक लोड होना बताया।


चार दिन से बिजली नहीं

वृंदावन (AU 2010.06.01)। नगर के परिक्रमा अटलवन स्थित टहरीवाला सहित पूरे क्षेत्र में पिछले चार दिन से बिजली नहीं है। इस बारे में बाबा सेवक शरण ने बताया कि क्षेत्र का विद्युत तार टूटने के कारण क्षेत्र में बिजली नहीं आ रही है। कई बार विभाग को अवगत करा दिया गया है फिर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।


2010-06-01 वृंदावन प्रोजेक्ट : मंडलायुक्त ने समीक्षा की

वृंदावन प्रोजेक्ट : जल निगम को तीन माह का समय दिया


मंडलायुक्त ने समीक्षा की, विभागीय अधिकारियों के पेंच कसे

मंडलायुक्त बोले :
  • इस्कान रोड का कार्य इस महीने पूरा किया जाए
  • क्वालिटी एश्योरेंस के लिए की जाएगी रेंडम चेकिंग
  • धन की कमी के कारण नही लटकेगी कोई योजना
  • अतिक्रमण हटाओ अभियान में कोई भेदभाव नहीं’
मथुरा/ वृंदावन (AU, 2010-06-01) । मंडलायुक्त एसएम बोवड़े ने मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी वृंदावन प्रोजेक्ट का न केवल स्थलीय जायजा लिया, बल्कि अधीनस्थों को विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। मंडलायुक्त ने बिंदुवार समीक्षा बैठक में प्रोजेक्ट की सुस्त रफ्तार के लिए जल निगम के अफसरों को फटकार लगाते हुए चेतावनी दी कि तीन माह में काम पूरा नहीं होने पर संबंधित अफसर को सस्पेंड कर दिया जाएगा। कई कामों पर स्टे मामले में उन्होंने कहा कि इतनी तेजी से काम करो कि स्टे की नौबत न आए। यदि आ भी जाती है तो प्रभावी पैरवी कर स्टे को वेकेट कराया जाए। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में मंडलायुक्त ने प्रोजेक्ट के कार्यों में तेजी लाने को कहा गया है। इस कार्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सोमवार सुबह करीब आठ बजे वृंदावन पहुंचे मंडलायुक्त ने चैतन्य विहार में बेसहारा महिलाओं के लिए बनाए गए आश्रय सदन और रेलवे लाइन स्थित फ्लाई ओवर के कार्य का निरीक्षण किया। इसके बाद पागल बाबा मंदिर के पास १०० बेड के निर्माणाधीन अस्पताल का निरीक्षण करते हुए उन्होंने डिजाइन पर नाराजगी दिखाई। यहां से वह इस्कान रोड का निरीक्षण करने पहुंचे और कार्य की धीमी रफ्तार पर नाराजगी जताते हुए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ३० जून तक कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।

इस मौके पर एसडीएस सदर राकेश मालपानी, विप्रा उपाध्यक्ष आरके सिंह, सचिव मानवेंद्र सिंह, पालिकाध्यक्ष के प्रतिनिधि योगेश द्विवेदी, पीडब्ल्युडी के एक्सीएन संतराम, जल निगम एक्सीएन लोकेंद्र शर्मा, विद्युत विभाग के एक्सीएन जगमोहन लाल, पालिका के ईओ एसके शर्मा आदि मौजूद थे।

बाद में उन्होंने विप्रा सभागार में समीक्षा बैठक के उपरांत पत्रकारों से कहा कि १० दिन में प्रोजेक्ट के कामों में तेजी आई है। न्यायालयों के स्थगनादेश, कुछ स्थानों पर पेड़ हटाने की समस्या तथा कुछ कामों में धन की कमी आ रही है। संबंधित विभागों को प्रभावी पैरवी कर स्टे वैकेट कराने के निर्देश दिए गए हैं। धन की कमी के कारण अटक रही योजनाओं के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि क्वालिटी इंश्योरेंस के लिए अलग से निरीक्षण की व्यवस्था की गई है। अन्य विकास कार्यो की रेंडम चेकिंग कराई जाएगी। सडक निर्माण में अनियमितता पर पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन एवं अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। ठेकेदारों को भी नोटिस दिए गए हैं। वृंदावन-गोवर्धन में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान में भेदभाव की शिकायत पर उन्होंने बताया कि डिजायन के अनुरूप चिन्हांकन किया गया है। इसके बाद भी यदि किसी को लगता है कि भेदभाव बरता जा रहा है तो उसकी जांच होगी।

उन्होंने बताया कि वृंदावन में नवनिर्मित महिला अस्पताल के लिए स्टाफ एवं उपकरण के लिए शासन को धन अवमुक्त करने का प्रस्ताव भेजा गया है। सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि परियोजना जिस हिसाब से डिजाइन की गई है, उस पर अमल भी उसी तरह से हो। पीडब्ल्यूडी एवं जलनिगम में मतभेद खत्म करने को इनकी ज्वाइंट कमेटी तैयार की गई है।

मंडलायुक्त भी फंसे जाम में

वृंदावन। धर्मनगरी में जाम लगना आम बात है, लेकिन सोमवार को उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति बन गई, जब मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने आए मंडलायुक्त सुधीर महादेव बोबड़े को भी जाम से जूझना पड़ा। कई जगहों के निरीक्षण के बाद जब मंडलायुक्त हरि निकुंज चौराहे से रमणरेती रोड की तरफ बढ़े तो सड़क चौड़ीकरण के चलते जगह-जगह गंदगी, गड्ढे तथा मलबा पड़ा होने और एक तरफ की सड़क बनने के कारण वह २० मिनट का जाम में फंसे रहे। जाम खुलने पर उन्होंने पूरे पैदल ही निरीक्षण किया। बाद में जब स्थानीय लोगों एवं अधिकारियों ने उनसे वन-वे ट्रैफिक करवाए जाने की मांग की, तो उन्होंने इस पर विचार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जब तक रमणरेती मार्ग नहीं बना जाता, तब तक वन वे ही रखा जाए और वाहनों को इस मार्ग पर न आने दिया जाए।



वृंदावन प्रोजेक्ट: काम समय पर नहीं तो निलंबन


मथुरा (DJ, 2010-06-01) । आगरा मंडल के कमिश्नर एसएम बोवड़े वृंदावन प्रोजेक्ट में शामिल परियोजनाओं के पूरा होने में लेटलतीफी पर सोमवार को यहां अफसरों के नकेल कस गये। उनके निशाने पर लोक निर्माण विभाग, जल निगम और विद्युत निगम के अफसर रहे। इन अफसरों को उन्होंने ताकीद किया कि यदि तय समय में परियोजनाएं पूरी नहीं हुई तो वे अपना निलंबन तय समझें। उन्होंने परियोजनाओं के लिये अवशेष धन को अवमुक्त कराने के लिये शासन में पैरवी तेज करने के निर्देश दिये। वृंदावन में अतिक्रमण हटाने के मामले में भेदभाव की शिकायत पर कमिश्नर ने विप्रा व लोक निर्माण विभाग के अफसरों से बैठक में ही जवाब-तलब किये।

वृंदावन प्रोजेक्ट में शामिल परियोजनाओं के प्रगति का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण में कार्यदायी संस्थाओं व जिला प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में कमिश्नर श्री बोवड़े ने हरेक परियोजनाओं के प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने जल निगम और पीडब्लूडी अफसरों से सीवरेज व ड्रेनेज लाइन तथा सड़क निर्माण के कार्य में हो रही देरी के बारे में बात की। अफसरों ने इस मामले में एक-दूसरे पर दोषारोपण करने के साथ ही शासन से धन न मिलने की दुहाई दी।

विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता को भी संबंधित कार्य समय से पूरा कराने की हिदायत दी गई। कमिश्नर ने कहा कि जिन परियोजनाओं के समय से पूरा होने में स्थगनादेश आड़े आ रहे हैं, उसे ब्रेकेट कराने के लिये तेजी से प्रयास किया जाये। बाद में पत्रकारों से बातचीत में कमिश्नर ने बताया कि जल निगम और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को ज्वाइंट कमेटी बनाकर आपसी तालमेल बढ़ाने के लिये कहा गया है।

वृंदावन में अतिक्रमण हटाने में भी एकरूपता लायी जायेगी। वृंदावन में बन रहे अस्पताल में मैन पावर व उपकरण आदि की फेहरिस्त तैयार कर शासन को भिजवाने के निर्देश दिये गये हैं। श्री बोवड़े ने कहा कि प्रोजेक्ट में शामिल सभी कार्य इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएंगे। बातचीत के दौरान प्रभारी डीएम व अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ज्ञानेश कुमार, विप्रा उपाध्यक्ष आरके सिंह, एडीएम कानून-व्यवस्था अवधेश तिवारी, विप्रा सचिव मानवेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।


Sunday, May 30, 2010

श्रीवृन्दावन-महिमामृत १.१९-२१


श्रीराधिकामदनमोहन्केलिकुञ्ज-
पुञ्जैर्वृतद्रुमलताघनरत्नभूमि ।
आनन्दमत्तमृगपक्षीकुलाकुलं श्री-
वृन्दावनं हरति कस्य हठान् न चेत: ॥
श्रीराधामदनमोहन के केलि-कुंज समूह से आकीर्ण घन-घन वृक्ष-लताओं से परिवेष्टित रत्न-भूमि-युक्त एवं आनन्द-मत्त पशु-पक्षियों से आकुलित, यह श्रीवृन्दावन बलपूर्वक किस का चित्त हरण नहीं करता ? ॥१९॥



कस्यापि दिव्यरतिमन्मथकोटिरूप-
धामद्वयस्य कनकासितरत्नभासम् ।
अत्यद्भुतैर्मदनकेलिविलासवृन्दै-
र्वृन्दावनं मधुरिमाम्बुधिमग्नमीक्षे ॥
किसी दिव्य कोटि कोटि रति-कामदेव रूप विशिष्ट अनिर्वचनीय विग्रह युगल की, अर्थात् श्री राधा कृष्ण की, स्वर्ण नील ज्योति से उद्भासित, अतीव अद्भुत काम-केलि-विलासादि के माधुर्य सागर में निमग्न श्री-वृन्दावन के दर्शनों की मैं इच्छा करता हूं ॥२०॥



गाढासक्तिमतामपीह विषयेष्वत्यन्तनिर्वेदतो
दृक्पातेऽप्यसहिष्णुतातिशयिनां योगे समुद्योगिनाम् ।
ब्रह्मानन्दरसैकलीनमनसां गोविन्दपादाम्बुज-
द्वन्द्वाविष्टधियां च मोहनमिदं वृन्दावनं स्वैर्गुणैः ॥
इस संसार के विषयों में गाढ़ आसक्ति युक्त पुरुषों के मन को, परम वैराग्य के कारण जो पुरुष इन विषयों पर दृष्टिपात करने में ही अत्यन्त असहिष्णु हैं, उनके मन को, योग मार्ग में सम्यक् प्रकार उद्योगी जनों के मन को, केवल मात्र ब्रह्मानन्द रस में मग्न चित्त व्यक्तियों के मन को, और फिर श्री गोविन्द चरणारविन्द में आविष्ट चित्त भक्त वृन्दों के भी मन को, यह श्रीवृन्दावन अपने गुण समूह से मोहित किये रखता है ॥१.२१॥


2010-05-31 ब्रज का समाचार

चरम पर पहुंचा ‘यमुना जल प्रदूषण मुक्ति अभियान’


श्रीकृष्ण जन्मस्थान का यमुना सेवा प्रकल्प जुटा
स्वच्छता : तीर्थ यात्री भी करसेवा में सम्मिलित


मथुरा (AU, May 31, 2010)। "यमुना जल प्रदूषण मुक्ति अभियान" के तहत रविवार को कालिंदी में युद्ध स्तर पर सफाई अभियान चलाया गया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के यमुना सेवा प्रकल्प के कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से सिल्ट निकालने में जुटे रहे।

रविवार को जन्मस्थान के सभी अधिकारी और कर्मचारियों ने तड़के यमुना तट पर पहुंच कर व्यापक स्तर पर सफाई कार्य शुरू किया। कार्यकर्ताओं के उत्साह को देखकर नित्य यमुना स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालु और अन्य तीर्थयात्री भी करसेवा में सम्मिलित हो गए। "यमुना मैया की जय" के जयकारों से वातावरण गूंज उठा।

सफाई अभियान के समापन पर कार्यक्रम का निर्देशन कर रहे हिंदूवादी नेता गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने कहा कि गंगा दशहरा के अवसर पर यमुना स्नान के लिए सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए कारसेवा का कार्य बंगालीघाट तक किया जा रहा है। बैराज से यमुना की तली में जमी सिल्ट के कारण श्रद्धालुओं को अत्यधिक असुविधा हो रही थी। प्रदूषण नियंत्रण विभाग का सक्रिय सहयोग प्राप्त हो रहा है, जिसके कारण व्यवसाईयों और उद्योगपतियों का सहयोग भी मिल रहा है।

करसेवा में प्रदूषण नियंत्रण विभाग के वैज्ञानिक अधिकारी डा. अरविंद कुमार, नागेश शुक्ल, नगरपालिका के स्वास्थ्य निरीक्षक नरेश चंद्र, मुकेश यादव, श्यामबाबू, राजेश यादव, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के संयुक्त मुख्य अधिशाषी राजीव श्रीवास्तव, जनसंपर्क अधिकारी विजय बहादुर सिंह, अनुरक्षण अधिकारी नारायण राय, गुलाब सिंह और सतवीर सिंह आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

यमुना से निकाली गई सिल्ट
यमुना किनारे घाटो पर निकाली जा रही सिल्ट के लिए पालिका के ५० सफाई कर्मचारी भी जुटे हुए हैं। मुख्य स्वच्छता निरीक्षक नरेश बाबू की देखरेख में हुए कार्य को पालिका के वित्त प्रभारी एडीएम अवधेश तिवारी ने परखा। इस मौके पर गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी, मुकेश कुमार यादव, ललित कुमार चंद्रा, राजेश कुमार यादव मौजूद रहे।



मनरेगा: 59 हजार हेक्टेयर में होगी मेंड़बंदी


मथुरा (DJ, May 31, 2010) । जनपद में बारिश के पानी को रिचार्ज करने के लिए करीब 59 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल की मेंड़बंदी कराई जाएगी। 68.3 करोड़ रुपये की यह योजना पांच साल में पूरी होगी। पहले साल तीस फीसदी क्षेत्रफल में मेंड़बंदी कराई जाएगी। सभी काम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कराए जाएंगे। इसके लिए भूमि संरक्षण विभाग ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है।

भूगर्भ जल का अत्यधिक दोहन किए जाने से पानी का स्तर लगातार नीचे खिसक रहा है। जल स्तर का लेवल बनाए रखने के लिए भूमि संरक्षण विभाग ने खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में रोकने की योजना तैयार की है।

योजनांतर्गत 59 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में मेंड़बंदी कराई जाएगी। यह काम पांच साल में पूरा कराया जाएगा। इस पर करीब 68.3 करोड़ रुपये का परिव्यय किया जाना है। मेंड़बंदी के लिए जिले के ब्लॉक नौहझील, छाता, मथुरा, राया, मांट और बलदेव को चुना गया है।

यहां बताते चलें कि शासन ने नौहझील ब्लॉक को पहले ही डार्क ब्लॉक घोषित कर दिया है। जबकि ब्लॉक बलदेव में किसान तीन सौ फीट अधिक गहराई से पानी खींच कर खेतों की सिंचाई कर रहे हैं। अन्य ब्लॉकों में भी जल स्तर काफी नीचे खिसक गया है।

ब्लॉक नौहझील में 18 हजार, छाता में 13 हजार, मथुरा और राया में छह-छह हजार तथा मांट और बलदेव में आठ-आठ हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में छोटी और बड़ी मेंड़ बनाई जाएंगी। पहले साल तीस फीसदी, दूसरे साल पैंतालीस फीसदी, तीसरे साल पन्द्रह फीसदी और चौथे व पांच वें साल में पांच-पांच फीसदी क्षेत्रफल में मेडबंदी का काम कराया जाना है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में होने वाली मेड़बंदी अप-डाउन खेतों की ही कराई जाएगी। जिला भूमि संरक्षण अधिकारी अशोक कुमार तेवतिया ने बताया कि छोटी मेंड़ डेढ़ से दो फीट ऊंची, बड़ी मेंड़ दो से ढाई फीट ऊंची बनाई जाएंगी।

एक बड़ा बांध का भी निर्माण कराया जाएगा जिसकी ऊंचाई कम से कम दो मीटर होगी। अति कटान वाले खेतों में ही बड़े बांध बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए चयनित ब्लॉकों में सर्वे कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई की पहली बरसात के बाद काम शुरू हो जाएगा। बताया यह गया है कि अभी शासन ने योजना पर काम शुरू कराने के लिए धनराशि भी आवंटित नहीं की है।



पत्रकारों के लिए जनहित सर्वोपरि हो


हिंदी पत्रकारिता दिवस
प्रेस क्लब भवन का सपना पूरा करेंगे : श्याम
समाज को पत्रकारों से बहुत उम्मीदें : पाल्सन


मथुरा (AU, May 31, 2010) । प्रेस क्लब के नए भवन का सपना शहर में जल्द पूरा होगा। साथ ही वरिष्ठ पत्रकार स्व. मुरारीलाल चतुर्वेदी की स्मृति में शहर की एक सड़क का नामकरण होगा।

यह जानकारी उपजा एवं ब्रज प्रेस क्लब की ओर से रविवार को एक होटल में हिंदी पत्रकारिता दिवस पर हुई संगोष्ठी में दी गई। पूर्व मंत्री श्याम सुंदर शर्मा ने कहा कि हमें गर्व है कि अन्य बहुत से जिलों की तुलना में मथुरा में स्वस्थ व सही पत्रकारिता हो रही है। उन्होंने कहा कि शासन ने प्रेस क्लब के भवन की अड़चन खत्म कर दी है। अब यह बनकर रहेगा।

एसएसपी बीडी पाल्सन ने कहा कि खबरें सच्चाई की कसौटी पर खरी उतरनी चाहिए। यही एक सच्चे पत्रकार से समाज अपेक्षा रखता है। कांग्रेस विधायक प्रदीप माथुर ने कहा कि पत्रकार बगैर दबाव के स्वतंत्र होकर अपनी खबरें लिखें। पत्रकार स्वयं सही खबर देने का निर्णय लें। विधायक राजकुमार रावत ने पत्रकारों से जनहित के कार्यों में बिना डरे कार्य करने की अपील की। चेयरमैन श्याम सुंदर उपाध्याय ने स्व. मुरारीलाल चतुर्वेदी की याद में सड़क का नामकरण करने की घोषणा की। संत अवशेषानंद महाराज ने कहा कि पत्रकारिता मिशन की बजाए व्यावसायिक हो गई है। इसके बावजूद पत्रकारों के लिए न तो होली है और न ही दीवाली।

एएसपी रामलाल वर्मा ने कहा कि समाज के लिए पुलिस और मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसे नकारा नहीं जा सकता। एडीएम श्रीचंद वर्मा ने कहा कि चौथा स्तंभ कमजोर न पड़े, इसके लिए शपथ लेकर आगे बढ़ते रहना चाहिए। सहायक सूचना निदेशक सर्वेश कुमार दुबे, उद्योगपति पवन चतुर्वेदी, सीओ रिफाइनरी प्रीति बाला गुप्ता, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक सिंह, सीओ आशुतोष द्विवेदी आदि ने विचार व्यक्त किए ।

इससे पहले मां सरस्वती के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित किए गए। इस अवसर पर पत्रकार उपेंद्र त्रिपाठी, भारतेंदु सिंह, महेश वार्ष्णेय, किशन अग्रवाल, पवन निशांत, नगेंद्र राठौर, सोमेंद्र भारद्वाज, मोहन श्याम रावत, राकेश चौधरी, आसिफ अली, परवेज, सतीश कुमार, एएन अनु, गिरीश, बिजेंद्र, नितिन गौतम, हरेंद्र चौधरी, अनेक सिंह, मोहन श्याम शर्मा, पवन गौतम, मदन गोपाल शर्मा, मनोज श्रीवास्तव, धर्मेंद चतुर्वेदी मौजूद रहे। अध्यक्षता अनंत स्वरूप देशभक्त ने की। संचालन अनिल चतुर्वेदी, अनूप शर्मा ने किया। धन्यवाद उपजा अध्यक्ष कमलकांत उपमन्यु और महासचिव पवन नवरत्न ने किया। अध्यक्ष और महासचिव ने अतिथियों को भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर भेंटकर सम्मानित किया।


देश, समाज और मीडिया एक दूसरे के पूरक


मथुरा (DJ, May 31, 2010)। 'कुरीतियां सब जगह फैल गई है, सड़ते खेत से तुलसी का पौधा भी उग सकता है, सड़ते बीज से उन्नत पौधा भी निकल सकता है। यह सब मीडिया ही कर सकता है, जो समाज को प्रत्येक दिन सच का आईना दिखाता है।'

यह विचार पत्रकारिता दिवस के मौके पर यूपी जर्नलिस्ट एसोसिएशन एवं ब्रज प्रेस क्लब द्वारा होटल विंग्सटन में शनिवार को आयोजित सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीडी पॉल्सन ने व्यक्त किये। विशिष्ट अतिथि मांट विधायक पूर्व मंत्री श्याम सुंदर शर्मा ने कहा कि राजनीतिक लोगों को यह चिंता करने की जरूरत नहीं होने चाहिए कि उनकी खबर अखबार में छपी है या नहीं खबर तो अपने आप ही छप जाएगी जब अच्छा कार्य करेंगे। अगर पत्रकारिता न होती तो गांधी की अहिंसा का बोध कौन कराता। उन्होंने प्रेस क्लब के निर्माण में पूरी मदद करने की बात कही। मथुरा-वृन्दावन के विधायक प्रदीप माथुर ने कहा कि इस दिवस के अलावा हर दिन परिचर्चा करनी चाहिए। कहा कि पत्रकार की कलम सरकार बना भी सकती है और गिरा भी सकती है। गोकुल के विधायक राजकुमार रावत ने इस मौके पर प्रदेश के नगर विकास मंत्री से नकुल दुबे से बातचीत करने के बाद घोषणा करते हुए कहा कि प्रेस क्लब की फाइल को जल्द ही शासन से मंजूरी मिलेगी। नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर उपाध्याय ने कहा कि पत्रकार समाज का दर्पण होता है।

वे जनहित में लेखनी चलाएं। उन्होंने कहा कि प्रेस क्लब के लिए पालिका परिषद पूर्व में घोषणा कर चुकी है इस कार्य में पालिका के स्तर पर कोई अड़चन नहीं आने दी जाएगी। एसपी सिटी रामलाल वर्मा ने कहा कि स्वस्थ समाज को बनाए रखने में पुलिस और मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है।

एडीएम प्रशासन श्रीश चंद शर्मा ने कहा कि भारत में भी अब सुबह आदमी अखबार पढ़ता है, भले उसे चाय नहीं मिले, लेकिन अखबार का उसे इंतजार रहता है। सहायक सूचना निदेशक सर्वेश कुमार द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारिता के पेशे को स्वच्छ रखने की जरूरत है। प्रमुख उद्योगपति पवन चतुर्वेदी ने कहा कि आज मूल्यों का अवमूल्यन हो रहा है। सिर्फ एक-दूसरे पर दोषारोपण हो रहा है, लेकिन इसकी जड़ हम हैं। इसलिए हमें सुधरना हैं। सीओ आशुतोष द्विवेदी एवं सीओ रिफाइनरी प्रीती बाला गुप्ता ने मीडिया को अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बताया। उपजा अध्यक्ष कमलकांत उपमन्यु ने पत्रकारों की ओर से कुछ समस्याओं की ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया जिसका सभी पत्रकारों ने समर्थन किया।

इनके अलावा कार्यक्रम में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक सिंह, संत स्वामी अवशेषानंद महाराज, वरिष्ठ पत्रकार भारतेंदु सिंह, उपेन्द्र त्रिपाठी, अशोक चौधरी आदि ने जोशीले विचार व्यक्त किये। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ एसएसपी श्री पॉल्सन, पालिकाध्यक्ष श्री उपाध्याय, एडीएम श्री वर्मा, एसपी सिटी श्री वर्मा ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण पर व दीप प्रज्वलित कर किया। अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एएस वाजपेयी ने की।

अंत में उपजा एवं ब्रज प्रेस क्लब के अध्यक्ष कमलकांत उपमन्यु एवं महासचिव पवन नवरत्‍‌न ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन अनूप शर्मा व अनिल चतुर्वेदी ने किया।

इस मौके पर सभी पत्रकारों और अतिथियों ने एक दूसरे को सम्मानित किया। इस मौके पर सीओ सिटी डा. संजय कुमार, डा. विशाल खुराना, जीएलए के सचिव नीरज अग्रवाल, विंग्सटन के एमडी सुनील अग्रवाल, जिला सहकारी बैंक के उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा, श्रीग्रुप निदेशक सुरेश कौशिक के अलावा पत्रकारों में सीपी सिकरवार, किशन चंद अग्रवाल, महेश वाष्र्णेय, विनोद शर्मा, मुकेश उपाध्याय, कार्तिकेय नाथ द्विवेदी, भोलेश्वर उपमन्यु, मोहन श्याम रावत, योगेश खत्री, मनोज चौधरी, राकेश चौधरी, अफजाल अहमद, पवन निशांत, एएन अनु, नितिन गौतम, हरेन्द्र चौधरी, सतीश कुमार, अजय शर्मा, नगेन्द्र राठौर, ओमवीर सारस्वत, मदन गोपाल, पवन गौतम, हरिओम चौधरी, मनीष लम्बरदार, अनुपम आचार्य, विपिन पाराशर, धर्मेन्द्र चतुर्वेदी, मुकुल गौतम, राजीव अग्रवाल, सत्यदेव उपमन्यु, उत्तम सारस्वत, संदीप गुप्ता, राकेश सिंह बंटी, अनिल अग्रवाल, केके शर्मा बबलू, राम लाल, आशिफ अली पप्पी, अंशु गौड़, परवेज अहमद आदि मौजूद थे। अंत में सभी ने वरिष्ठ पत्रकार स्व. मुरारी लाल चतुर्वेदी को श्रद्धांजलि दी।



बिकने से बची बंगाल की किशोरी


मंडी चौराहे पर सौदे से पूर्व पुलिस का सटीक छापा
गौरतलब : रिक्शा वाला पश्चिम बंगाल से लाया था
पुलिस ने माता पिता को बुला सौंप दिया
पुलिस कार्रवाई की माता-पिता ने की प्रशंसा


मथुरा (DJ, May 31, 2010)। पश्चिम बंगाल से लाई गई किशोरी को मंडी चौराहे के निकट बिक्री किए जाने से पूर्व पुलिस ने बरामद कर उसके परिवारीजनों को बुलाकर सौंप दिया। लड़की को बेचने और खरीदने वाले मौके से भाग गए।

पुलिस के अनुसार मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल निवासी गुना मंडल नामक व्यक्ति मथुरा-वृंदावन में रिक्शा चलाकर गुजर-बसर करता है। वह गांव से अपने रिश्तेदार की १४ वर्षीय पुत्री को बहला-फुसला कर १९ मई को मथुरा ले आया। गुना मंडल ने बालिका का सौदा मंडी समिति इलाके में रहने वाले किसी ग्रामीण से बीस हजार रुपये में कर दिया। इस बात का पता मुर्शिदाबाद गांव के मानिक मंडल को लगा, जो मथुरा में नमकीन बेचने का काम करता है। मानिक मंडल के काफी समझाने के बाद भी गुना मंडल लड़की का सौदा करने से बाज नहीं आया।

मानिक मंडल उसकी जानकारी लेने में लग गया। उसे पता लगा कि गुना मंडल लड़की को लेकर बेचने के लिए मंडी समिति चौराहे पर पहुंच गया। उसने चौकी कृष्णानगर के प्रभारी को इस बारे में सूचना देते हुए तुरंत कार्रवाई करने का अनुरोध किया। पुलिस को आता देख लड़की को बेचने और खरीदने वाले दोनों वहां से भाग निकले। पुलिस ने लड़की को बरामद कर महिला थाने भेज दिया। बताया गया कि महिला थाने से पुलिस ने लड़की के माता-पिता के बारे में जानकारी कर उन्हें सूचना दी। मुर्शिदाबाद से आए माता-पिता किशोरी को अपने साथ ले गया।



दहेज नहीं मिला, तो ले ली विवाहिता की जान


शव गांव तेहरा से दूर खेत में फेंका
कार्रवाई : पति और जेठ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज,
पुलिस ने पति को हिरासत में लिया

वृंदावन (AU, May 31, 2010) । थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव तेहरा में दहेज के लिए विवाहिता की हत्या कर दी गई। हत्यारोपियों ने गुमराह करने की नीयत से शव को गांव से दूर खेत में फेंक दिया। मृतका के सिर और गले पर चोट के निशान पाए गए हैं। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है। इस संबंध में मृतका के पिता ने उसके पति और जेठ के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया है।

रविवार की सुबह लगभग पांच बजे शौच को गए ग्रामीणों ने विजयपाल के खेत में महिला का शव पड़ा देखा। उसके सिर से खून बह रहा था। गांव में महिला की हत्या की सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई। सैकड़ों ग्रामीण वहां पहुंच गए। कुछ लोगों ने मृतका की शिनाख्त गांव में रहने वाले मनीराम राजपूत की पत्नी शशि के रूप में की। मनीराम मौके पर पहुंच गया और शव को खेत से उठाकर घर ले आया।

सूचना पर एसपी सिटी रामलाल वर्मा और कोतवाली प्रभारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद शव को कब्जे में ले लिया। जानकारी होने पर रविवार की शाम मृतका के पिता भोजराज आगरा से वृंदावन पहुंच गए। आगरा के गांव नंद का नगला निवासी भोजराज ने शशि के पति मनीराम और उसके बड़े भाई गोपाल के खिलाफ दहेज के लिए हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराया है। भोजराज के अनुसार उसने अपनी पुत्री शशि की शादी तीन वर्ष पूर्व मनीराम के साथ की थी। शादी के कुछ दिन बाद से ही मनीराम शशि को दहेज के लिए परेशान करने लगा था। पुलिस ने आरोपी मनीराम को हिरासत में ले लिया है।

Saturday, May 29, 2010

वृन्दावन-महिमामृत १.१६-१८

आज दुख की खबर प्राप्त करके में श्री गिरि गोवर्धन की दुश्चिन्ता में डुब गया हूं । कलि युग दैनोंदिन प्रभावशाली होता चलता है, और लोग समझते हैं प्रगति । अन्धं तमः प्रविशन्ति हुई अवस्था । गोवर्धन की चारों ओर गाल्फ कोर्स, लक्शरी कांडो इत्यादि बनाते रहते हैं डिल्ली शहर के बुजुर्गों के लिये, और साधु-संन्यासी, तीर्थ-यात्री, आध्यात्मिक-चेतना सम्पन्न लोगों का भावमय परिवेश सब बरबाद कर देते हैं ।

कलियुग का हाथी हुआ कार गाड़ी । वह इतना बड़ा राजा बन गया बैठा कि उनके लिये आम मानुष के खेती-घर-दुकान सब नुकसान दिया जा सकता हैं, लेकिन राजा का सड़क निर्माण करना ही है । मार्ग प्रशस्त करना ही है ।

हम तो विकास का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन प्रगति के नाम पर ऐतिह्यपूर्ण तीर्थ-स्थानों की मूल-सम्पत्ति—उन का भक्ति स्मरण और ध्यान के द्वारा गठित गाढ़ आध्यात्मिक परिवेश—का सर्वनाश करना कलियुग के करतूत के सिवा और कुछ नहीं ।


अच्छा, चलिये, भाइओ बहनें ! श्रील प्रबोधानन्द सरस्वती के दिव्यदृष्ट ब्रजधाम में प्रवेश करके उसी रसामृत में नहाके स्वात्मा को तनिक शीतल करें--



स्वच्छं स्वच्छन्दमेवास्त्यतिमधुररसनिर्झरादम्बु तातुं
भोक्तुं स्वादूनि कामं सकलतरुतले शीर्णपर्णानि सन्ति ।
कामं निःशीतवातं विमलगिरिगुहाद्यस्ति निर्भाति वस्तुं
श्रीवृन्दारण्यमेतत् तदपि यदि जिहासामि हा हा हतोऽस्मि ॥१.१६॥
स्वच्छन्द पान करने के लिए स्रोतों का स्वच्छ एवं अति मधुर-रस-विशिष्ट जल है, यथेच्छ भोजन के लिए समस्त वृक्षों के नीचे सुस्वादु शीर्ण सूखे पत्र विद्यमान हैं, यथेष्ट उष्ण एवं निर्वात विमल गिरि गुफाएं हैं, यह श्रीवृन्दावन सर्वथा वास करने के उपयोगी प्रतीत होता है, तथापि हाय, यदि इसे त्याग करूं, तो मैं अत्यन्त मन्दभाग्य हूं ॥१६॥


महाप्रेमाम्भोधेर्यदनुपमसारं यदमलं
हरिप्रेमाम्भोधेः मधुरमधुरं द्वीपवलयम् ।
मुनीन्द्राणां वृन्दैः कलितरसवृन्दावनमहो
तदेतद्देहान्तावधि समधिवासं दिशतु मे ॥१.१७॥
महाप्रेम-समुद्र की जो अनुपम विमल सार वस्तु है, जो श्रीहरि के प्रेमसागर का अति मधुर द्वीप-भूषण सदृश है, एवं जो श्रेष्ठ मुनिगणों द्वारा आस्वादित रससमूह का आधार स्वरूप है, वह श्रीवृन्दावन मृत्युकाल पर्यन्त मुझे सम्यक् प्रकार से आश्रय दान करे ॥१७॥



वापीकूपतडागकोटिभिरहो दिव्यामृताभिर्युतं
दिव्योद्यत्फलपुष्पबाटिकमनन्ताश्चर्यवल्लीद्रुमम् ।
द्वियानन्तपतन्मृगं वनभुवां शोभाभिरत्यद्भुतं
दिव्यानेकनिकुञ्जमञ्जुलतरं ध्यायामि वृन्दावनम् ॥१.१८॥
दिव्य जल से पूर्ण कोटि कोटि सरोवर, कूप एवं तडागों से जो युक्त है, दिव्य दिव्य फल एवं पुष्प बाटिकाओं से जो मण्डित है, अनन्त चमत्कारकारी वृक्ष-लताओं से जो समाकीर्ण है, जहां असंख्य दिव्य दिव्य पशु इधर-उधर धावमान हैं, जो ब्रज भूमि की विचित्र शोभा से समुद्भासित है, एवं जो अगणित दिव्य मनोहर निकुंज से परिशोभित है, ऐसे श्रीवृन्दावन का मैं ध्यान करता हूं ॥१८॥


2010-05-30 गोवर्धन की विशिष्ट खबर


गोवर्धन में तहस-नहस करते रहे महाबली, पत्थर फेंके


गोवर्धन (DJ May 30, 2010) । गोवर्धन में सड़क चौड़ीकरण योजना के तहत शनिवार को फिर से सड़क के दोनों ओर तोड़फोड़ अभियान चलाया गया। इस दौरान पुलिस की मौजूदगी में जेसीबी पक्के मकानों- दुकानों पर चली। आन्योर गांव में घुसते ही ग्रामीणों ने तोड़ फोड़ का विरोध करते हुए पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। पुलिस ने पथराव करते लोगों को डंडे फटकारकर ही खदेड़ दिया। तोड़फोड़ गोकुल के विधायक द्वारा पूर्व में जनता और लोक निर्माण विभाग के बीच तय मानक के अनुसार ही हुई। इस दौरान पूरे कस्बे सहित परिक्रमा मार्ग में जबर्दस्त खलबली मची रही।

शनिवार को सुबह ही कस्बा में काफी पुलिस फोर्स और तीन जेसीबी मशीनों को लेकर पहुंचे अफसरों को देख लोगों में खलबली मच गई सबसे पहले सुबह करीब नौ बजे से सौंख की ओर से सौंख रोड पर सड़क के दोनों ओर मिलाकर कुल 66 फुट चौड़ा करने के लिए पैमाइश के फीता डाल कर तोड़ फोड़ अभियान शुरू किया गया। इस दौरान एसडीएम राकेश मालपाणी ने अभियान की कमान अपने हाथ रखी। उनके साथ सीओ सदर और लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता संतराम साथ थे।

तोड़ फोड़ कराने का काम अभियंता करा रहे थे और लोगों की समस्या और शिकायतों को सुन कर निस्तारण एसडीएम करते दिखे। इस दौरान सौंख रोड पर सड़क किनारे स्कूल और गेस्ट हाउस सहित करीब दो तीन दर्जन से ज्यादा मकान व दुकान का बाहरी हिस्सा तोड़ कर सड़क खाली कराई गई। कई दीवारों को भी ढहा दिया गया।

इसके अलावा सौंख अड्डा पर स्थित प्राचीन सूरदास स्थली का संकेत पक्का पुराना गेट भी जमींदोज कर दिया गया। पास ही बनी तीर्थ विकास ट्रस्ट की प्याऊ को हटवाने के लिए निर्देश दिये। इसके बाद सौंख अड्डा की दानघाटी रोड पर स्थित दुकानों के कुछ हिस्से और छजली व नालियों पर बने निर्माण को साफ कर दिया गया। तोड़फोड़ अभियान दोपहर तक दानघाटी रोड होकर परिक्रमा मार्ग की ओर उतर गया। इस दौरान कुछ स्थानों पर हुई गलत तरीके से तोड़फोड़ का विरोध भी हुआ।

इस मामले में गोकुल के विधायक ने फोन पर अधिकारियों से वार्ता कर जनता द्वारा पूर्व में तय किये गये 66 फुट के ही चौड़ा करने के मानक के तहत कार्य करने के लिए कहा। विधायक राजकुमार रावत ने फोन पर बताया कि किसी भी दुकानदार और मकान मालिक के साथ कोई अन्याय या भेदभाव नहीं होने दिया जाएगा। यदि किसी भी जगह कोई मनमानी की शिकायत मिली तो वे प्रशासन से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि विकास की दृष्टि से सड़क योजना पूरी होने चाहिए, लेकिन किसी का घर या दुकान उजाड़ कर नहीं। इसके लिए अफसरों को पहले से ही निर्देश दिये गये हैं।

उधर परिक्रमा मार्ग में दुकान को गलत तरीके से तोड़फोड़ होने के मामले में कांग्रेसी नेता कुं. नरेन्द्र सिंह कार्यकर्ताओं के साथ पहुंच गये। सीओ सदर से बातचीत के दौरान उनकी तीखी नोंक झोंक भी हुई। लेकिन बाद में मामला शांत हो गया। श्री सिंह का कहना था कि लोगों के साथ भेद भाव तरीके से प्रशासन मनमानी कर तोड़फोड़ करा रहा है। कहीं-कहीं मानवता को देखते हुए राहत भी दी जानी चाहिए। गांव आन्यौर में दुकान तोड़े जाने से नाराज कुछ लोगों ने जेसीबी मशीन पर कुछ ईट पत्थर फेंके गये। लेकिन पुलिस ने डंडे फटकारते हुए पथराव करते युवाओं को भगा दिया। अभियान के चलते तमाम लोगों को नुकसान हुआ है। शाम को अभियान को आन्यौर पर रोक कर दूसरे दिन चलाने का निर्णय लिया।



महाबली ने गोवर्धन में मचाई खलबली


सात घंटे तक चले अभियान में ढहाए अतिक्रमण

दिक्कत : अन्यौर और गोवर्धन में झेलना पड़ा जनता का विरोध,
टीम पर लगाया अनियमितताएं बरतने का आरोप


गोवर्धन (AU, May 30, 2010) । गोवर्धन में चले ‘अतिक्रमण हटाओ अभियान’ से हड़कंप मच गया। पुलिस-प्रशासन ने मकान के छज्जे एवं दुकानों को गिराने में देर नहीं की। गांव अन्यौर में टीम के घुसने से पहले विरोध झेलना पड़ा। मकान नहीं तोड़ने के आश्वासन पर ही अधिकारी घुस सके। गोवर्धन में एक मिठाई विक्रेता की बढ़ी दुकान को न तोड़ने पर जनता में उबाल दिखा।

सुबह १० बजे गिर्राज नर्सिंग होम से शुरू हुआ अभियान को देख कई दुकानदार तो अपने सामान को लेकर निकल गए, वहीं पक्की दुकानों के बढ़े छज्जे खुद ही तोड़ने लगे। अभियान में चल रहे एसडीएम (सदर) राकेश मालपानी, सीओ सदर कायम सिंह, पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के एक्सईएन संतराम, नायब तहसीलदार और नगर पंचायत के ईओ रजनेश पुलिस को लेकर आगे बढ़ते चल रहे थे। रास्ते में जो भी सड़क पर अतिक्रमण दिखा, उसे ढहाने में तनिक भी देर नहीं की।

सड़क किनारे लगे होर्डिंग भी हटवा दिए गए। सौंख अड्डे से सौंख चौराहे तक अतिक्रमण को साफ कर दिया गया, तभी एक मिठाई विक्रेता को छोड़ने पर ग्रामीणों में उबाल दिखा। प्रशासन से उसे भी तोड़ने की लोगों ने कही। मिठाई विक्रेता पर स्टे का हवाला देकर अधिकारियों ने उबाल को शांत किया। उसके बाद रामानंद आश्रम का चबूतरा तोड़कर अभियान गांव आन्यौर की तरफ बढ़ने लगा। ग्रामीण महिलाएं अपने घरों पर पत्थर लेकर तैयार खड़ी थी, वहीं पुरुष भी टीम को गांव में न घुसने देने के लिए पूरी तरह मुस्तैद दिखे।

आन्यौर में घुसने से पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुंवर नरेंद्र सिंह वहां आ धमके। उन्होंने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से ग्रामीणों के मकान न तोड़ने की बात कही। इस पर अधिकारी राजी हुए तो उन्हें गांव में घुसने दिया गया। रास्ते में आ रहे छज्जे, स्लैप को तोड़ा गया। करीब सात घंटे तक चले अभियान ने गोवर्धन के लोगों में हड़कंप मचा दिया। लोगों का आरोप था कि पारदर्शिता नहीं बरती गई हैं।


2010-05-30 ब्रज का समाचार

रोड पर गड्डे बने जी का जंजाल


वृन्दावन (DJ May 30, 2010) । वृन्दावन समग्र विकास योजना अब लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुकी है। अब तक नगर की गलियों में हो रहे विकास कार्यो से परेशान जनता मुख्य मार्ग पर भी चलने में डरने लगी है। मथुरा-वृन्दावन मार्ग पर सड़क के बीचों बीच बने गहरे गड्ढे जनता के लिए दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं।

वृन्दावन प्रोजेक्ट में अधिकारियों का सुपरविजन न होने के कारण प्रोजेक्ट के विभिन्न कार्य जनता के लिए दोहरी परेशानी का कारण बन गये हैं। नगर की संकरी गलियों में हो रहे विकास कार्यो के कारण पहले ही नगरवासी दुखी थे, अब मथुरा-वृन्दावन मुख्य मार्ग पर जहां-तहां बन चुके गड्ढे हादसों को न्यौता दे रहे हैं। जगह-जगह पाइप एवं सीवर लाइन टूटने के कारण सड़क धंस जाने से अचानक गहरे गड्ढे बन गये हैं।

मथुरा मार्ग पर टैम्पो स्टैण्ड के समीप ऐसा ही एक गड्ढा खुलेआम दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रहा है। सड़क पर गहरा दिखने वाला यह गड्ढा शनिवार को बारिश के कारण पानी से लबालब भर गया। जिससे गड्ढे की गहराई का अंदाजा न होने के कारण कई वाहन स्वामी गिरकर बुरी तरह चुटैल हो गये। वहीं बारिश का पानी समीप की कालोनियों में भी भर गया। वृन्दावन प्रोजेक्ट के विकास कार्यो की दुर्दशा दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।


आध्यात्मिक शिक्षा चरित्र निर्माण का साधन


मथुरा (DJ May 30, 2010) । मूल्यवान वस्तु किसी को सिर्फ धनवान बना सकती है परंतु गुणवान नहीं, आध्यात्मिक शिक्षा चरित्र निर्माण करती है। भारत का आज विश्व में स्थान, सम्मान और महत्व उच्च चरित्रवान, महान दार्शनिक तथा अनन्य आध्यात्मिक विभूतियों से है। उनके दिखाए गये मार्ग सच्चे हैं जिन पर चलकर चरित्र निर्माण किया जा सकता है। ग्राम मुड़लिया में चल रही वेद कथा में वेदज्ञाता सुश्री सरिता ने अपनी कथा के दौरान यह विचार व्यक्त किये।


सूरज सुखा रहा यमुना का पानी


मथुरा (DJ May 30, 2010) । यह लगातार बढ़ रहे तापमान का ही असर है कि यमुना में बह रहा नालों का पानी भी सूख रहा है, इससे आगरा की ओर जाने वाले पानी की मात्रा लगातार कम हो गयी है। यमुना का पानी तेरह दिन में करीब दो सौ क्यूसिक सूख चुका है।

आगरा जल संस्थान के काम आने वाला पानी मथुरा से ही जाता है। डेढ़ माह पहले तक गोकुल बैराज से 11 सौ क्यूसिक पानी का डिस्चार्ज नियमित रूप से हो रहा था, लेकिन पिछले पंद्रह दिन से पड़ रही भीषण गर्मी ने अब तक पचास फीसदी पानी सुखा दिया है।

यह सही है कि यमुना में नालों का पानी ही तैर रहा है। इतना पानी नालों की बदौलत ही भरा हुआ है। अन्यथा ओखला बैराज से 101 क्यूसिक पानी और हरनौल एस्केप से ढाई सौ क्यूसिक गंगाजल ही मिलता है। गंगाजल की मात्रा तो इससे भी कम हो सकती है। फिर भी कागजों में कुल साढ़े तीन सौ क्यूसिक पानी के अतिरिक्त जो मात्रा यमुना में बनी रहती है, वह उद्योगों व घरों का पानी ही है।

लेकिन पिछले तेरह दिन में यह पानी भी सूख रहा है। 47 डिग्री सेल्सियस के आसपास घूम रहे तापमान के बीच आगरा को डिस्चार्ज किए जाने वाले पानी में भारी कमी आ गयी है। इससे आगरा शहर में पेयजल संकट खड़ा हो सकता है।

बैराज से मिले आंकड़े बता रहे हैं कि 21 से 24 मई के बीच ही दो सौ क्यूसिक की कमी आ गयी है। 15 मई को बैराज से आगरा के लिए 867 क्यूसिक पानी जारी किया गया था और 21 मई तक इतनी मात्रा में ही पानी जा रहा था, पर 24 मई को कुल 694 क्यूसिक ही पानी डिस्चार्ज किया जा सका। बीते दिन 698 क्यूसिक पानी भेजा गया।
बताया गया है कि यमुना में पानी की कमी तो हो ही रही है, इस बीच बैराज पौंड के जलस्तर को भी मेंटेन करना है, इसलिए अतिरिक्त पानी ही हमेशा की तरह आगरा को डिस्चार्ज किया रहा है।

यमुना कार्ययोजना के याची गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी का कहना है कि यमुना में पानी की कमी से गंदगी सतह पर आ रही है और पानी में भारी बदबू व कीड़े तैर रहे हैं। गंगा दशहरा के स्नान के लिए जिला प्रशासन से अतिरिक्त पानी छुड़वाए जाने की मांग की गयी है।

ब्रज लाइफ लाइन वैलफेयर के संयोजक महेंद्र नाथ चतुर्वेदी का कहना है कि यमुना में पानी की वजह से बैराज लैब में क्लोरीन की ज्यादा मात्रा यूज की जा रही है। पहले की तुलना में पानी का स्वाद भी बदल गया है। ज्यादा केमिकल की मात्रा जल शोधन में प्रयोग होने से जन सामान्य का स्वास्थ्य खराब होने का खतरा बढ़ गया है।



ब्रज की दुर्दशा पर आहत दिखे लालु पुला तेजप्रताप


मथुरा (DJ May 30, 2010) । राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजप्रताप यादव ब्रज की दुर्दशा को लेकर खासे आहत नजर आये। अपनी पीड़ा को उजागर करते हुए उन्होंने ब्रज विकास के लिए ब्रजवासियों का सहयोग मांगा और हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया।

शनिवार को ग्राम बड़ी आटस में समाजवादी पार्टी मथुरा-वृन्दावन विधानसभा अध्यक्ष ठा. मुकेश सिंह सिकरवार के पिता स्व. श्यामलाल सिकरवार की स्मृति में बन रही धर्मशाला एवं मूर्ति का निरीक्षण करने आये तेजप्रताप यादव ने कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार को ब्रज मण्डल की महत्ता समझनी चाहिए। मथुरा-वृन्दावन में देश-विदेश के लाखों करोड़ों तीर्थयात्री भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का दर्शन करने आते हैं ऐसे में यहां की महत्ता को नकारा नहीं जा सकता।

प्रदेश सरकार को पर्यटन की दृष्टि से सम्पूर्ण ब्रज मण्डल का विकास कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की आल्हादिनी शक्ति राधारानी के गांव बरसाना में पहाड़ियों का अवैध खनन चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि यदि ब्रजवासी उनका सहयोग करें तो वह ब्रज की पहाड़ियों का खनन रोकने के लिए प्रयास करेंगे।



पीडब्ल्यूडी का जल निगम को नोटिस


नाला निर्माण और जलभराव से सड़कें हो रहीं क्षतिग्रस्त
सख्ती : निगम को टूटी सड़कों की मरम्मत के निर्देश,
लगातार दूसरी बार जारी किया गया है नोटिस,
कार्रवाई से जिलाधिकारी को अवगत कराया


मथुरा (AU, May 30, 2010) । नाला निर्माण के दौरान जल निकासी का इंतजाम न करना जल निगम को भारी पड़ रहा है। जलभराव के कारण सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से पीडब्ल्यूडी अफसरों की त्योरियां चढ़ी हुई हैं। पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन ने इस मामले में जल निगम को नोटिस दे दिया है। नोटिस में जल निगम को क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कराने के निर्देश दिए गए हैं।

नर्म के स्टोर्म वाटर प्रोजेक्ट के तहत जल निगम के मार्फत कार्यदायी संस्था इन दिनों शहर में दो नालों का निर्माण करा रही है। दोनों नालों का एक साथ निर्माण होने तथा जलनिकासी की व्यवस्था न करने से तमाम विसंगतियां पैदा हो गई हैं। इंडस्ट्रियल एरिया समेत शहर के अन्य घनी आबादी वाले क्षेत्रों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। जलभराव का असर सड़कों पर पड़ा है।

जलभराव और निर्माण के चलते सड़कों में तमाम स्थानों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। कई जगह से सड़क कट भी गई है। इससे पीडब्ल्यूडी अफसर खफा हैं। इस मामले में पूर्व में एक बार जल निगम को नोटिस देने के बाद शनिवार को पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन ने एक बार फिर जल निगम को नोटिस भेजा है। नोटिस में निर्माण और जलभराव से सड़क टूटने का हवाला देकर इनकी मरम्मत को कहा गया है।

डीएम को भी पत्र लिखकर समस्या की जानकारी दे दी गई है। एक्सईएन संतराम ने बताया कि शनिवार को जल निगम को नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस में जलभराव रोकने, भरे पानी की पंपिंग कराने तथा टूटी सड़कों की मरम्मत की बात कही गई है।



सवर्ण गरीबों के साथ अन्याय बंद हो


मथुरा (DJ May 30, 2010) । जातिगत आरक्षण से आहत सवर्ण विकास समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने कहा है कि सरकार को अब सवर्ण गरीबों के साथ अन्याय बंद कर देना चाहिये। इस मौके पर क्षत्रिय नेता कुं. नरेंद्र सिंह ने जातिगत आरक्षण को समाप्त करने पर जोर दिया।

समिति अध्यक्ष ने आगे कहा कि संगठन कार्यकर्ताओं ने प्रत्येक स्तर पर गरीबों के हित में कार्य करने का संकल्प लिया है। बहुत जगह कार्य हो रहा है। अब मथुरा में भी गरीब तबके की हमदर्दी करने लिये कार्य शुरु हो गया है। समिति की प्रदेश कार्यसमिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं लक्ष्मी ग्रुप के चेयरमैन गजेंद्र शर्मा ने कहा कि जिन जातियों को आरक्षण दिया जा रहा है क्या उनमें धनवान नहीं है। उन्हें आरक्षण क्यों दिया जा रहा है। सवर्ण गरीबों को आरक्षण न दिया जाना तथा अमीरों को देना जारी रखना सरासर अन्याय है।

क्षत्रिय नेता कुं. नरेंद्र सिंह एवं मोहन सिंह राजपूत ने समिति कार्यक्रमों में सवर्ण समाज के हित तथा योग्यता व गरीबी आधारित आरक्षण के लिये हर प्रकार का सहयोग करने की घोषणा की।



आकाशीय बिजली और आंधी ने ली सात लोगों की जान


मथुरा (DJ, May 30, 2010) । दो स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने से पांच लोगों की जान चली गयी और तीन लोग झुलस गये। आकाशीय बिजली ने 38 भेड़ और दो भैंसों को भी काल का ग्रास बना दिया। जब कि सुरवारी और बाजना के पास आंधी ने दो अन्य लोगों की जान ले ली।

गोवर्धन प्रतिनिधि के अनुसार थाना क्षेत्र के गांव पांडल और ओम नगर के बीच शनिवार को लगभग सवा तीन बजे झोपड़ी पर बिजली गिर गयी। यहीं पर ओम नगर निवासी जयपाल की झोपड़ी है। शनिवार को अपराह्न तेज आंधी आते ही वहां से गुजर रहे प्रताप पुत्र कन्ना राम निवासी महादेव गढ़ी पाली और खीमा राम (50) पुत्र हरिदार मांगड़ी निवासी पाली जोधपुर बैठ गये। प्रताप और कन्ना राम अपने अन्य साथियों के साथ भेड़ चराने के लिए पाली से गंगा की तरफ आये थे। अब ये लोग वापस लौट रहे थे। इनकी भेड़ झोपड़ी के आस-पास बैठ गयीं। सवा तीन बजे आकाशीय बिजली गिरी और सब कुछ भस्म करती चली गयी। बिजली गिरते ही बहुत तेज आवास हुई। बिजली गिरने से प्रताप और कन्ना राम की मौत हो गयी। 38 भेड़ भी जलकर मर गयीं।

दूसरी तरफ नंदगांव के गांव भड़ौकर में पहाड़ी के पास क्रेशर के पास बिजली गिरी। हमारे नंदगांव प्रतिनिधि के अनुसार क्रेशर पर पत्थर पिसाई का काम करने वाले मजदूर टीन की झोपड़ी डालकर रहते हैं। अपराह्न आंधी आते ही मजदूर अपनी-अपनी झोपड़ियों में बैठ गये। साढ़े तीन बजे करीब एक टीन की झोपड़ी पर बिजली गिर गयी। इस झुग्गी में छह लोग मौजूद थे। बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत हो गयी जबकि तीन बुरी तरह घायल हो गये। ये सभी बिहार के रहने वाले थे। मरने वालों में केशव यादव (32) पुत्र बाबूजी यादव निवासी देवी पंट्टी सुपौल बिहार, विजन (23) पुत्र बहौरी यादव, सिखावन सुपौल, गजेन्द्र यादव (25) पुत्र तिरकू यादव, सुखावन सुपौल थे। शंभू यादव (27) पुत्र हरेन्द्र यादव राघवपुर सुपौल, विजेन्द्र (28) पुत्र भम्बेश्वर किशनपुरा सुपौल, राझा (26) पुत्र कुंजी लाल किशनपुरा सुपौल बिहार बुरी तरह झुलस गये। उन्हें उपचार के लिए कोसीकलां के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

दूसरी तरफ नंदगांव में बिजली का खंभा गिरने से एक युवक की मौत हो गयी। नंदगांव प्रतिनिधि के अनुसार नंदगांव से कोसी जा रहा कल्लू पुत्र श्याम निवासी दिवाका मोहल्ला आंधी आने पर सुरवारी के समीप रुक गया। इसी दौरान दो खंभे गिर पड़े जिससे कल्लू की मौत हो गयी।

बाजना प्रतिनिधि के अनुसार मुड़लिया गांव में भागवत कथा के दौरान पेड़ टूटने से शांति देवी पत्नी नेकसा निवासी मुड़लिया और रामदेई निवासी अहमदपुर दब गयीं। भीड़ ने इन्हें निकाला तब तक शांति देवी ने दम तोड़ दिया।

इसके अलावा सुरीर के टैंटीगांव में कृष्णा की दो मंजिला मकान की दीवार गिर गई और कमरे में बैठी कृष्णा की पुत्री प्रियंका और उमा मलबे में दबकर घायल हो गई। गंभीर अवस्था में दोनों को उपचार के लिए अलीगढ़ ले जाया गया। यहां दो भैंस आकाशीय बिजली से मर गयीं। सौंख में नगीना पुत्री मौहम्मदिया के ऊपर टीन गिर गया और वह घायल हो गयी। आंधी ने कई स्थानों पर कहर बरपाया। रेलवे ट्रैक पर फरह के नजदीक पेड़ गिरने से पौन घंटे यातायात बाधित रहा। हाइवे पर भी कई जगह पेड़ गिरने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।



आकाशीय बिजली गिरने से पांच की मौत, तीन झुलसे


बरसाना के गांव भड़ोकर में तीन मजदूर काल के गाल में समाए
काला शनिवार : गोवर्धन के पाडल में चरवाहे मामा-भांजे भी मृत,
तीन दर्जन भेड़ और भैंस मरीं, दीवार ध्वस्त हुई


कोसीकलां/गोवर्धन/बरसाना (AU, May 30, 2010) । शनिवार को अंधड़ और आकाशीय बिजली कहर बनकर टूट पड़ी। आकाशीय बिजली गिरने से बरसाना के गांव भड़ोकर में तीन मजदूर एवं गोवर्धन के गांव पाडल में भेड़ चरा रहे दो चरवाहे काल के गाल में समा गए। तीन दर्जन से अधिक भेड़ और भैंस भी मौत के मुंह में समा गईं। प्रशासन आपदा राहत के लिए सर्वे में जुट गया है।

बरसाना के गांव भड़ोकर में काम की तलाश में आए सूपोल (बिहार) निवासी केशव यादव (३२) पुत्र बाबू यादव, विजन यादव (२३) पुत्र बहोरी यादव, गजेंद्र यादव (२८) पुत्र लिलकू, शंभू, विजेंद्र और रांझा कमरे में बैठे थे। लगभग पौने तीन बजे तेज आवाज के साथ आकाशीय बिजली गिरी। इसमें सभी मजदूर बुरी तरह झुलस गए। इन्हें कोसी के नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। वहां केशव, विजन और गजेंद्र को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर एसडीएम (छाता) राजपाल सिंह आदि अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

उधर, गोवर्धन-छाता मार्ग पर गांव पाडल के जंगल में राजस्थान के गांव गिडा, पाली निवासी ५५ वर्षीय खेमो अपने २५ वर्षीय भांजे प्रताप के साथ भेड़ चरा रहा था। शनिवार की शाम करीब चार बजे अचानक आए अंधड़ और बूंदाबांदी से बचने के लिए मामा-भांजे भेड़ों को लेकर खेत में लगी एक भूसे की बुर्जी के पीछे खड़े हो गए। इसी बीच आकाशीय बिजली इन लोगों पर गिर गई। इससे दोनों की मौत हो गई। वहां खड़ी ३८ भेड़ भी मर गईं।
टैंटीगांव-सुरीर के गांव महमूद गढ़ी में भी आकाशीय बिजली गिरने से घर के समीप बंधी सोरन की दो भैंस जलकर मर गई। टैंटीगांव निवासी त्रिलोक चंद के भाई के मकान का निर्माण हो रहा था। अंधड़ के चलते दीवार की ईंटें त्रिलोक चंद के घर में आ गिरी। ईंट लगने से त्रिलोक चंद की बेटी प्रियंका का पैर टूट गया। प्रियंका को इलाज के लिए अलीगढ़ ले जाया गया है।



अंधड़ से कोहराम, बरसात से राहत


मार्गों किनारे लगे पेड़ गिरने से आवागमन ठप, वाहनों की लगी कतार
आपदा : बलदेव में पुलिस चौकी पर पेड़ गिरा, पुलिसकर्मी बचे,
महावन में पेड़ के नीचे दुकानदार समेत आधा दर्जन दबे


मथुरा (AU, May 30, 2010)। अंधड़ ने देहात में कोहराम मचा दिया। जगह-जगह बिजली के खंबे, दीवार, पेड़, होर्डिंग्स गिरने से आफत खड़ी हो गयी। इसके चलते विद्युत आपूर्ति बुरी तरह लड़खड़ा गयी। महावन में पेड़ गिरने से दुकान पर बैठे आधा दर्जन लोग दब गए। शहर में अंधड़ का आंशिक असर रहा।

बलदेव व अकोस संवाददाता के अनुसार शनिवार सायं तेज अंधड़ में मेला रोड स्थित पुरानी पुलिस चौकी पर काफी पुराना पेड़ अचानक भरभरा कर गिर गया, जिससे कई पुलिसकर्मी बाल बाल बच गये। पुलिस चौकी के सामने ही स्थित विष्णु पांडेय के मकान की छत्त व मकान को काफी नुकसान हो गया। थाने के समीप स्थित जवाहर रोड पर गोयल प्रेस की अस्सी फुट लंबी दीवार ढह गयी। तेज अधंड से जगह-जगह पेड़ धराशायी हो गए वहीं कई जगहों से बिजली के खंभे व तार, होर्डिग्स,घरों की टीन उड़ गयी। बलदेव बरौली मार्ग पर एक दर्जन बिजली के खंभे तथा पेड़ों के गिरने से आवागमन ठप्प हो गया। इससे जाम लग गया और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी। महावन में मोहल्ला बलदेव गढ़ में खोखे में बैठे राजबहादुर सहित आधा दर्जन ग्राहकों पर नीम का पेड़ गिर पड़ा। इससे सभी बाल-बाल बचे। वहीं यादराम के मकान के निकट पेड़ गिरने से नजदीक ही खेल रहे बच्चे बाल-बाल बचे।

छाता, सोंख संवाददाताओं के अनुसार अंधड़ और बरसात के चलते कई स्थानों पर पेड़ और बिजली के खंबे गिर गये। इससे आपूर्ति ठप्प हो गयी। बाबा कढ़ेरा सिंह विद्यालय की दीवार भी अंधड़ में क्षतिग्रस्त हो गयी। वहीं कई कालोनियों में जलभराव हो गया।

शनिवार को तेज अंधड़ के साथ हुई बरसात से पारा दो डिग्री और लुढ़क गया। पिछले दो दिनों में पारे में सात डिग्री की गिरावट दर्ज की गयी है। राया शोध केंद्र प्रभारी डा.श्याम सुंदर शर्मा के अनुसार शनिवार को अधिकतम तापमान ३८ डिग्री व न्यूनतम २४ डिग्री दर्ज किया गया। पारे में गिरावट से गर्मी से परेशान लोगों ने राहत की सांस ली है।

मृतक आश्रितों को मिलेगा एक-एक लाख

मथुरा। उप जिला अधिकारी छाता राजपाल सिंह ने बताया शनिवार को बरसाना के गांव भड़ोकर में आकाशीय बिजली से मौत के मुंह में समाये तीन मजदूरों के आश्रितों को आपदा राहत कोष से एक-एक लाख का मुआवजा दिया जायेगा। वहीं उप जिला अधिकारी सदर राकेश मालपानी के अनुसार गोवर्धन के गांव पाडल में बिजली गिरने से मरे दो लोगों को आर्थिक मदद के लिये शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है। समर्पण गोशाला के सत्यभान शर्मा ने मृतक मामा भांजे के आश्रितों को ५१००-५१०० रुपये देने की घोषणा की है।



बढ़ा में ग्रामीणों ने किया पुलिस पर पथराव


प्रेमी की तलाश में आई पुलिस की हुई मजामत

कोसीकलां (AU, May 30,, 2010) । प्रेमी की तलाश में आई बुलंदशहर पुलिस की बढ़ा में काफी मजामत हुई। ग्रामीणों ने पुलिस पर ईंट-पत्थर भी फेंके। बाद में पुलिस दबे पांव लौट गई।

एक माह पूर्व गांव बढ़ा की एक युवती अपने प्रेमी के साथ भाग निकली। युवती के परिजनों ने जब दबाव बनाया तो युवती वापस आ गई। युवक का कोई पता नहीं चला। युवक के परिजनों ने उसकी हत्या की आशंका भी व्यक्त की। इसके लिए उन्होंने बुलंदशहर में शिकायत भी दर्ज कराई तो बुलंदशहर पुलिस शुक्रवार रात ढाई बजे गांव में आई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि पुलिस ने ग्रामीणों के किवाड़ खटखटाने शुरू कर दिए। किसी ने भी अपने किवाड़ नहीं खोले। इस पर पुलिसकर्मी दीवारों को फांदकर मकानों में प्रवेश कर गए। अचानक रात्रि में पुलिसकर्मियों के प्रवेश को देख ग्रामीणों ने सोचा कि बदमाश आ गए।

ग्रामीणों ने शोरगुल मचाना शुरू कर दिया। इससे काफी ग्रामीण एकत्रित हो गए और पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। पथराव होता देख पुलिस दबे पांव लौट गई। उधर, सूत्रों का कहना है कि बुलंदशहर पुलिस थाने में बिना आमद दर्ज कराए ही गांव पहुंच गई थी। जिससे उसको नीचा देखना पड़ा। इस संबंध में एसओ शेरगढ़ वीपी गिरि से बात करने का प्रयास किया गया तो संपर्क नहीं हो सका। बताते चलें कि गत रविवार को कोसी में नंदगांव रोड पर एक महिला चिकित्सक को पकड़ने आई हरियाणा पुलिस भी बिना आमद दर्ज कराए ही पहुंच गई, जहां उसकी मजामत हुई।



अंधड़ के बाद वृंदावन की विद्युत व्यवस्था चरमराई


विभाग की खुली पोल, घंटों बिजली रही गुल
दिक्कत : बिजली न मिलने से जनजीवन प्रभावित,
दुकानदार भी खासे परेशान दिखाई दिए


वृंदावन (AU, May 30, 2010) । नगर में विद्युत व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। शनिवार की दोपहर आई तेज आंधी के बाद हुई बारिश ने जहां लोगों को कुछ राहत मिली वहीं विद्युत आपूर्ति घंटों ठप होने के कारण जनजीवन प्रभावित हो गया है। बाजारों में दुकानदार खासे परेशान नजर आए। इधर, विद्युत व्यवस्था ठप होने के कारण घरों के टेलीविजन सेट बंद पड़े रहे। बच्चे विद्युत विभाग को कोसते नजर आए। लोग कहते दिखे कि आंधी ने विद्युत विभाग की पोल खोल दी है। सरकार द्वारा करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाने के बाद भी विद्युत व्यवस्था पटरी पर नहीं लौटी है।

आंधी के बाद गुल हुई बिजली को ठीक करने के लिए विभाग के कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं, बिजली गुल रहने से स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। विद्युत उपखंड अधिकारी सुनील सक्सेना ने बताया कि आंधी में तार टूटने का डर रहता है, इसलिए नगर की विद्युत लाइन बंद कर दी जाती है।


Friday, May 28, 2010

वृन्दावन-महिमामृत १.१३-१५


श्रीवृन्दावनवासिनि स्थिरचरे दोषान् मम श्रावयेद्
योऽसौ किं शतधा छिनत्ति नहि मां शस्त्रैरथास्त्रैः शितैः ।
सर्वाधीशितुरेव जीवनवने द्वेषन् च मात्रं चरेद्
एकस्यापि तृणस्य घोरनरकात् तं कः कदा वोद्धरेत् ॥१.१३॥
श्रीवृन्दावन वासी स्थावर जङ्गम में दोष हैं, ऐसा जो कोई मुझे सुनाता है, वह क्या तेज किये हुए अस्त्र द्वारा मेरे सैकड़ों टूकड़ों नहीं करता है ? सर्वाधीश्वर प्राण समान प्रिय वृन्दावन के एक तृण के प्रति भी जो स्वल्प द्वेषाचरण करता है, उसका फिर घोर नरक से क्या कभी कोई उद्धार करेगा ?



श्रीवृन्दारण्यशोभामृतलहरीः समालोकतो विह्वला मे
दृष्टिर्वा भातु वृन्दावनमहिमसुधावारिधौ मज्जताद्धीः ।
श्रीवृन्दारण्यभूमौ लुठतु मम तनुर्विह्वलानन्दपूरैः
श्रीवृन्दारण्यसत्त्वेष्वहह तत इतो दण्डवन् मे नतिः स्यात् ॥१.१४॥
श्रीवृन्दारण्य की शोभामृत तरङ्गों को अवलोकन करते करते मेरे लोचन विह्वल हों, श्रीवृन्दावन के महिमा-सुधा-समुद्र में मेरी बुद्धि मज्जन करे । सान्द्रानन्द प्रवाह में विभोर होकर मेरा शरीर श्रीवृन्दावन की भूमि पर लुण्ठन करे । अहो श्रीवृन्दावनवासी सर्व जीवों के चरणों में जस से इतस्ततः दण्डवत् प्रणाम कर सकूं ॥१४॥



यत्र क्रीडन्ति कृष्णप्रियसखिसुबलाद्यद्भुताभीरबाला
मोदन्ते यत्र राधारतिमयललिताद्युज्ज्वलश्रीकिशोर्यः ।
आश्चर्यानङ्गरङ्गैरहह निशि दिवा खेलनासक्तराधा-
कृष्णौ रत्येकतृष्णौ मम समुदयतां श्रीलवृन्दावनं तत् ॥१.१५॥
जहां श्रीकृष्ण के प्रिय सखा सुबलादि अद्भुत अद्भुत गोपबालक क्रीड़ा करते हैं, जहां श्रीराधा प्रति रतिशालिनी ललितादि उज्ज्वल-रस-विशिष्टा श्रीकिशोरीवृन्द आनन्दित हो रही हैं, दिन रात आश्चर्य अनङ्ग-रङ्ग में खेलनपरायण रति में ही एक मात्र तृष्णायुक्त श्रीराधाकृष्ण उसी श्रीवृन्दावन को मेरे हृदय में सुप्रकाशित करें ॥१५॥



यहां कई सूत्र मिलते हैं जो सरस्वतीपाद के अत्यन्त हृद्य हैं । एक, वह कभी धामवासिओं को प्राकृत नहीं मानता । बृजवासी प्राणीमात्र ही साक्षात् भगवत्स्वरूप हैं । यही बात बार बार कहेंगे, आगे देखेंगे । दूसरी बात है सर्वेन्द्रियों द्वारा वृन्दावन और युगलसरकार की सेवा । एक मिनट जैसे अन्यत्र आविष्ट न हो । आंख वृन्दावन का सौन्दर्य देखें, फूलों का मनोमोहक महक सूंघे । ऐसे आस्वादन के द्वारा भगवत्सेवा भक्तिमार्ग का वैशिष्ट्य है । वृन्दावन धाम का यह स्वरूप सेवार्थ हम उसका स्वाभाविक सौन्दर्यादि प्रकट कराने के व्रती हैं । और तीसरे श्लोक में, प्रबोधनन्द सरस्वती पाद साक्षात् दिव्य राधा-कृष्ण लीला दर्शन पाते हैं, जिसका नैरन्तर्य आधुनिक मायामय दृश्यों के पीछे छिपता है ।

जै श्री राधे श्याम !!

2010-05-29 ब्रज का समाचार

पोशाक की दुकान में आग लगी


आग का कारण शाट सर्किट, गोदाम के ऊपर से जा रहीं विद्युत केबल
नाराजगी : व्यापारियों में विद्युत विभाग के प्रति रोष, दमकल के पहुंचने से पहले ही पाया काबू


वृंदावन (AU, May 29, 2010) । नगर के अति व्यस्ततम लोई बाजार में स्थित पोशाक की दुकान में शुक्रवार को शाट सर्किट से आग लग गई। इससे दुकान के अंदर रखा सामान जलकर स्याह हो गया। आग से लाखों का नुकसान होने का अनुमान है। फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पूर्व व्यापारियों ने आनन-फानन में आग पर काबू पाया।

नारायण दास अग्रवाल की लोई बाजार में गोवर्धन पूजन भंडार नाम से प्रतिष्ठान है। इसमें वह कंठीमाला, मुकुट, पोशाक आदि का कारोबार करते हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शुक्रवार की सुबह लगभग आठ बजे दुकान के ऊपर लटक रही बिजली की केबलें आपस में टकराने लगीं और उनमें से चिंगारियां निकलने लगी।

अचानक दुकान के ऊपर स्थित गोदाम में रखे सामान ने चिंगारी पकड़ ली। देखते ही देखते गोदाम आग की लपटों से घिर गया। इसके बाद आग ने दुकान को भी चपेट में ले लिया। लोगों में यह देख हड़कंप मच गया। व्यापारियों ने विद्युत विभाग में फोन कर क्षेत्र की लाइट बंद करवाई। कुछ ही देर में दुकान स्वामी नारायण दास भी मौके पर पहुंच गए। लोगों ने फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी, लेकिन फायर बिग्रेड के पहुंचने से पूर्व स्थानीय व्यापारियों ने आग पर काबू पा लिया। क्षेत्र के व्यापारी विपिन अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, केजी गुप्ता ने इसे विद्युत विभाग की लापरवाही बताते हुए रोष प्रकट किया।

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वृंदावन के लोई बाजार स्थित दुकान में लगी आग के बाद बिखरे सामान को देखते स्थानीय लोग।



पूजन सामग्री की दुकान में लगी आग


वृन्दावन (DJ, May 29, 2010) । वृन्दावन नगर के लोईबाजार क्षेत्र स्थित पूजन सामग्री की दुकान में प्रात: आग लग जाने से लाखों रुपये का माल जलकर राख हो गया। मौके पर पहुंची फायर बिग्रेड से पूर्व ही स्थानीय लोगों के सहयोग से आग पर काबू पाया जा सका।

लोईबाजार क्षेत्र में नारायण दास अग्रवाल की गोवर्धन पूजन भण्डार नाम से कंठी-माला की दुकान है। दुकान के ऊपर गोदाम भी बना हुआ है। प्रात: लगभग 8 बजे दुकान के गोदाम से अचानक धुंआ उठने लगा। आस पड़ोस के लोगों ने तत्काल इसकी सूचना दुकान स्वामी को दी। इसी बीच आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मौके पर पहुंचे दुकान स्वामी एवं स्थानीय लोगों ने आग बुझाने का भरसक प्रयास किया। इसी बीच फायर बिग्रेड की गाड़ी भी मौके पर पहुंच गयी और बमुश्किल आग को काबू किया जा सका। लेकिन तब तक गोदाम में रखा लाखों रुपये का माल जलकर राख हो चुका था।



सूरमा कुंज में मनाया नृसिंह जयंती महोत्सव


वृन्दावन (DJ, May 29, 2010) । पत्थरपुरा स्थित बड़ी सूरमा कुंज में भगवान नृसिंह जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। महोत्सव भगवान नृसिंह का अभिषेक एवं भव्य फूल बंगला सजाया गया। इस अवसर पर महंत प्रेमदास शास्त्री ने कहा कि भक्तराज प्रह्लाद की रक्षा और असुरराज हिरण्यकशिपु के वध के लिए नृसिंह भगवान का अवतार हुआ। इस दौरान श्री शास्त्री ने प्रह्लाद की निर्मल भक्ति, अनन्य शरणागति तथा नृसिंह भगवान की भक्तवत्सलता व करुणा की कथा सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।



प्रदेश में गौकशी पूरी तरह प्रतिबंधित: अवधपाल


वृन्दावन (DJ, May 29, 2010) । प्रदेश के दुग्ध विकास एवं पशुधन मंत्री अवध पाल सिंह का कहना है कि प्रदेश में गौकशी पूरी तरह प्रतिबंधित है। गौकशी करने वाले लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा और उनके ऊपर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।

शुक्रवार को परिक्रमा मार्ग स्थित स्वामी प्रज्ञानानंद महाराज के आश्रम में पत्रकारों से रूबरू होते हुए श्री सिंह ने कहा कि गौकशी रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कड़े कानून बनाये गये हैं और उन पर अमल करने के लिए खासे निर्देश दिये गये हैं।

उन्होंने कहा कि गौकशी करने वाले लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिंथेटिक दूध की बिक्री के लिए पिछली सरकारें दोषी हैं। लेकिन प्रदेश की बसपा सरकार ने सिंथेटिक दूध बनाने वाले लोगों की धर-पकड़ के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि सिंथेटिक दूध की बिक्री करने वाले लोग भी जघन्य अपराध कर रहे हैं जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि पशु धन विकास के लिए केन्द्र सरकार राज्य सरकार को अपेक्षित सहयोग नहीं कर रही है। जिसके चलते प्रदेश में पशु धन विकास पूरी गति से नहीं हो पा रहा है। साथ ही किसान भी इस ओर आकर्षक नहीं हो रहे हैं।



सिंथेटिक दूध बेचने वालों को नहीं छोड़ेंगेः अवधपाल


दूध का उत्पादन घटने से बढ़तीं हैं कीमतें
बेबाक : छापे में पकड़े गए विक्रेताओं के दूध की मौके पर होगी जांच
पशुओं को अच्छा चारा उपलब्ध करा रही है प्रदेश सरकार


वृंदावन (AU, May 29, 2010) । प्रदेश के दुग्ध एवं पशुधन विकास मंत्री अवधपाल सिंह यादव ने कहा कि सिंथेटिक दूध बेचने वालों का बख्शा नहीं जाएगा। छापे के दौरान पकड़े गए नकली दूध विक्रेताओं का नमूना लेकर मौके पर ही जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। वे शुक्रवार को महामंडलेश्वर अवध बिहारी दास महाराज के गोधूलिपुरम स्थित आश्रम में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने नकली दूध बेचने के पीछे पिछली सरकारों को दोषी ठहराया।

उन्होंने बताया कि गर्मियों में दूध का उत्पादन घटने से कीमतों में उछाल आ जाता है। अवधपाल सिंह यादव ने कहा कि अब पशुओं को अच्छा चारा उपलब्ध हो, इसके लिए सरकारी फार्मों पर उच्च स्तरीय बीज तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार चाहती है कि पशुपालन को उद्योग के क्षेत्र से जोड़ा जाए, लेकिन यूपीए सरकार इसके लिए तैयार नहीं है।

उन्होंने बताया कि गौवध पर प्रदेश में पूर्ण प्रतिबंध है। अगर कोई गौकशी करता हुआ पाया गया तो इसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने पिछले दिनों थाना बरसाना के हाथिया में शादी समारोह के दौरान गौकशी के मामले के प्रति अनभिज्ञता जाहिर की।

इससे पूर्व अवधपाल सिंह यादव ने गोधूलिपुरम स्थित संत प्रज्ञानानंद महाराज और महंत अवध बिहारी दास महाराज से आशीर्वाद लिया।

कैप्शन- वृंदावन के गोधूलिपुरम स्थित आश्रम में प्रदेश के दुग्ध एवं पशुधन विकास मंत्री अवधपाल सिंह यादव साथ हैं संत प्रज्ञानानंद महाराज और महामंडलेश्वर अवधबिहारी दास महाराज एवं अन्य।



महिलाओं ने सीखे योग के गुर


मथुरा (DJ, May 29, 2010)। श्री अग्रवाल महिला सभा की सेविकाओं ने शिविर में पहुंचकर योग के गुर सीखे। जन-जन में आरोग्यता का मंत्र फूंकने के लिये किये इस प्रयास में पतंजलि योग समिति की जिला प्रभारी संगीता पाटिल ने प्रशिक्षण प्रदान किया।



पेड़ काटने को लेकर मारपीट


मथुरा (DJ, May 29, 2010)। कोसीकलां में खाली पड़ी जमीन में एक ही मोहल्ले के दो पक्षों के लोग आपस में बबूल का पेड़ काटने को लेकर भिड़ गये। घटना में करीब आधा दर्जन लोगों के चोटे आई हैं। दोनो पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ मारपीट की तहरीर दी है।

मिली जानकारी के अनुसार मीनानगर निवासी जाकिर, नसरू, अल्लानूर लाला एवं विशन पत्‍‌नी नसरू ने थाना में दी तहरीर में कहा है कि मुन्ना व उसके लडकों ने उसकी जमीन से बबूल का पेड़ काट लिया तथा मना करने पर उन्हे लाठी डण्डों से मारपीट कर घायल कर दिया। वहीं दूसरे पक्ष भूरा , मुन्ना, शहीद ने भी नसरू, तोती, विशन के खिलाफ मारपीट की रिपोर्ट तहरीर दी है। बताया गया कि मारपीट में एक पक्ष के चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।



जली विवाहिता ने दम तोड़ा


मथुरा (DJ, May 29, 2010)। थाना नौहझील के कस्बा बाजना निवासी 28 वर्षीय विवाहिता ने शुक्रवार को जली अवस्था में उपचार के दौरान स्वर्ण जयंती अस्पताल में दम तोड़ दिया है। विवाहिता का पिछले एक हफ्ता से इलाज किया जा रहा था। बाजना निवासी रेनू पत्‍‌नी नबाव सिंह को परिजन 19 मई को 60 प्रतिशत जली अवस्था में स्वर्ण जयंती अस्तपाल लेकर आए थे। तभी से विवाहिता का उपचार चल रहा है। रेनू ने अपने ऊपर गृहक्लेश के चलते मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली थी।



श्रम: काम नहीं तो वेतन नहीं


मथुरा (DJ, May 29, 2010)। दो साल से बाल श्रमिकों को वजीफा नहीं मिला है और न ही नये एनजीओ को कार्यभार दिया जा सका है। परेशान परियोजना निदेशक (पीडी) ने पहले काम फिर वेतन का निर्देश जारी किया है।

नेशनल चाइल्ड वेलफेयर स्कीम के अंतर्गत जिले में 32 विशेष बाल श्रमिक विद्यालय कार्यरत हैं। इनमें से 13 के संचालक दो एनजीओ इस योजना से अलग हो चुके हैं। इनकी जगह जिलाधिकारी ने छह नये एनजीओ चयनित किये। इन एनजीओ को 15 मई से चार्ज लेना था लेकिन आवंटित विद्यालयों का सर्वे किये जाने के अलावा काम नहीं बढ़ा। इन विद्यालय के लिये तैनात फील्ड अफसर नदारद रहते हैं।

विद्यालयों के हालात ये हैं कि उनमें अध्ययनरत बाल श्रमिकों को मिलने वाले एक सौ रुपये मासिक वजीफा की 08 से सूची ही नहीं तैयार की गई है। किस विद्यालय में कितने बच्चों ने परीक्षा दी है और किसका रिजल्ट निकल गया है, इसकी भी रिपोर्ट तैयार नहीं है। एक एनजीओ के सात विद्यालय मुक्त कर दिये हैं मगर उन पर नये एनजीओ को उपयोगी सहयोग देकर तैनात नहीं किया गया है।

योजना के कार्यालय में सहायक व लिपिक ही दिखाई देते हैं। सूत्र बताते हैं कि बाल श्रमिकों की 20 मई तक मिलने वाला परीक्षा का परिणाम अभी तक नहीं मिला है। इस बारे में सहायक श्रमायुक्त एवं परियोजना के निदेशक सुनील कुमार कहते हैं कि यही पता नहीं चलता कि स्टाफ कहां रहता है। फील्ड का बहाना करने के बावजूद फील्ड के कार्य की रिपोर्ट पिछले दो माह से प्रस्तुत नहीं की गई हैं। एक कर्मचारी की स्थिति तो यह है कि वह अब तक 18 अवकाश लेकर परियोजना का मजाक बनाए हुये है। कई एनजीओ रिपोर्ट दे चुके हैं मगर फील्ड अफसर उनका वेरीफिकेशन करके नहीं दे रहे हैं।

परीक्षा, परीक्षाफल के बारे में श्री कुमार का कहना है कि यह कार्य शिक्षा विभाग से संबंधित है। किंतु इसकी भी जरूरी जानकारी फील्ड अफसरों ने नहीं दी है। सहायक श्रमायुक्त ने बताया कि अब उन्होंने पहले पूरा काम कराने के बाद ही कर्मचारियों का वेतन जारी करने का फैसला किया है। दो माह के चैक बनकर तैयार हैं, परंतु बिना काम के दाम नहीं दिये जायेंगे।



हवा ने निकाली सूरज की अकड़


मथुरा (DJ, May 29, 2010)। हवाओं ने आसमान से बरस रही आग को ठंडा कर दिया। गुरुवार-शुक्रवार की रात में हवाओं की तेज रफ्तार के आगे सूरज की एक नहीं चल सकी। हवाओं के तेवर देख वह ठंडा पड़ गया। शुक्रवार को जिले में औसत तापमान 43.19 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। आर्द्रता भी में बढ़ोत्तरी हो गई है। गर्मी से अकुला रहे लोगों को भी राहत मिली।

मौसम में परिर्वतन की चली बयार ने शुक्रवार को सूरज की अकड़ ढीली कर दी। तेज रफ्तार में चली हवाओं से तापमापी पर पारा धड़ाम से तीन डिग्री नीचे आ गया। 46 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चल रहा औसत तापमान नीचे लुढ़क कर 43.19 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। नौहझील सर्वाधिक गर्म क्षेत्र रहा। यहां पारा 45 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

शहर और गोवर्धन क्षेत्र भी गर्म रहे। शहर में तापमान 44.5 और गोवर्धन में 44.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जबकि फरह में पारा नीचे खिसक कर 44 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। मांट में तापमान 43.4, राया में 41, बल्देव में 40.5, चौमुहां में 42.5, छाता में 43.8 और नंदगांव में 43 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। 15 से 17 प्रतिशत के बीच चल रही आ‌र्द्रता बढ़कर 24 प्रतिशत पर पहुंच गई। कृषि संभागीय परीक्षण एवं प्रदर्शन केंद्र राया के तापमापी पर तापमान में अप्रत्याशित गिरावट दर्ज की गई। यहां पारा पांच डिग्री सेल्सियस तक नीचे लुढ़क गया। 45 डिग्री सेल्सियस से गिर कर पारा 40 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। न्यूनतम तापमान में भी तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई। रात में पारा 28 डिग्री से नीचे खिसक कर 25 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। आ‌र्द्रता में भी तेरह प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। वायुमंडल में नमी 32 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत पर पहुंच गई।



छात्रों में पंकज शर्मा, छात्राओं में स्वाति सिंह प्रथम


वृंदावन में परीक्षा का सौ फीसदी रिजल्ट

वृंदावन (AU, May 29, 2010) । सीबीएसई का हाईस्कूल के परीक्षा परिणाम को लेकर शुक्रवार को सुबह से छात्रों में हलचल रही। परीक्षार्थी परीक्षा परिणाम की जानकारी के लिए जानकारी करते देखे गए। छात्रों में पंकज शर्र्मा और छात्राओं में स्वाति सिंह ने प्रथम स्थान पाया है।

परमेश्वरी देवी धानुका विद्या मंदिर के छात्र पंकज शर्मा ने ९.८ (सीजीपीए) ग्रेड प्राप्त कर नगर में अव्वल स्थान पाया। अनुपम शर्मा, जयतिकृष्ण गोस्वामी एवं कपिल अग्रवाल ने संयुक्त रूप से ९.६ ग्रेड प्राप्त कर द्वितीय स्थान लिया। वहीं नितेश अग्रवाल, प्रशांत वार्ष्णेय और शिवम पाराशर ने ९.४ ग्रेड तथा रवि कुमार सिसौदिया ने ९.२ ग्रेड प्राप्त किया। विद्यालय के मीडिया प्रभारी राजीव पांडेय ने अनुसार विद्यालय का रिजल्ट शत-प्रतिशत रहा।

हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय की छात्रा स्वाति सिंह का ९.४ (सीजीपीए) ग्रेड रहा। अर्चना दुबे एवं वसुंधरा अग्रवाल ने संयुक्त रूप से ९.२ ग्रेड लेकर विद्यालय में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इसके अलावा बृजेश चौधरी और नेहा अग्रवाल का भी संयुक्त रूप से ९.० ग्रेड रहा। पोर्टरबर्चर्ड स्कूल की छात्रा महिमा शर्मा ने ८.४ और चेतन शर्मा ने ७.६ ग्रेड प्राप्त किया। वहीं वृंदावन पब्लिक स्कूल के ३८ छात्रों में से सभी ने सफलता प्राप्त की।

छात्र-छात्राओं के प्रदर्शन पर हनुमान प्रसाद धानुका विद्या मंदिर की प्रधानाचार्या अंजू सूद, परमेश्वरी देवी धानुका के प्रधानाचार्य शिशुपाल सिंह, वृंदावन पब्लिक स्कूल के निदेशक डा. ओमजी एवं पोर्टरबर्चर्ड स्कूल के प्रधानाचार्य शालिनी रॉबिन तथा शिक्षक गणों ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।



नक्सलवाद की आड़ में आतंकी तो नहीं : रामानंदाचार्य


मथुरा। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय निर्देशक जगद्गुरु रामानंदाचार्य ने कहा कि नक्सलवाद की आड़ में कहीं आतंकी तो घटनाओं को अंजाम नहीं दे रहे। केंद्र जांच कराए। गौवंश और गंगा की रक्षा को वृहद कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

श्री आचार्य मुंबई जाते समय रेलवे स्टेशन पर अपने भक्तों से वार्ता कर रहे थे। नक्सलवाद व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने का नाम है, लेकिन नक्सली हमलों में बड़ी संख्या में आम लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। ऐसे में ये आशंका प्रबल हो गयी है कि कहीं नक्सलवाद की आड़ में आतंकी तो घटनाओं को अंजाम नहीं दे रहे।

उन्होंने कहा कि जल्द ही गौवंश और गंगा की रक्षा को देश भर में जनजागरण अभियान चलाया जायेगा। इससे गांव-गांव और घर-घर जाकर लोगों को जोड़ा जायेगा। राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज वृंदावन आकर कार्यकारिणी गठन करेंगे। रेलवे स्टेशन पर उपजा के जिलाध्यक्ष कमलकांत उपमन्यु, जिला जाट कल्याण महासभा के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह, पंडित राधेश्याम शर्मा, चौधरी चंद्रपाल सिंह पौनियां, चौधरी राम रतन सिंह ने उनसे आशीर्वाद पाया।



बाल्टी और केन लेकर किया प्रदर्शन


पानी के लिए प्रशासन को सोमवार तक का अल्टीमेटम
आक्रोश : समस्या नहीं सुलझने पर मंगलवार से भूखहड़ताल, एक पखवाड़े में आधा दर्जन पशु काल कवलित


मथुरा। पेयजल संकट और तालाबों के सूखे होने से कुपित ग्रामसभा मिश्री के नगला अलगर्जी के दलित शुक्रवार को उबल पड़े। उन्होंने राजीव भवन के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया। इस दौरान दलित महिलाओं ने हाथों में केन और बाल्टियों को लहराते हुए प्रशासन की भर्त्सना की। उन्होंने प्रशासन चेतावनी दी कि यदि सोमवार तक समस्या नहीं सुलझी तो मंगलवार से भूख हड़ताल की जाएगी।

प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए ग्राम पंचायत सदस्य चरन सिंह ने बताया कि नगला अलगर्जी में पीने का पानी का कोई इंतजाम नहीं है। भीषण गर्मी में महिलाओं को दो किलोमीटर दूर स्थित बिचपुरी से पानी भरकर लाना पड़ता है। वीरेंद्र सिंह ने बताया कि गांव के तालाब सूखे पड़े हैं। इस वजह से पशुओं को पानी नहीं मिलने से एक पखवाड़े में करीब आधा दर्जन पशु काल कवलित हो गए हैं।

भैरवदत्त, मनीष और रामवीर ने कहा कि यदि प्रशासन ने सोमवार तक पानी का इंतजाम नहीं किया तो मंगलवार से ग्रामीण राजीव भवन में भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। ग्रामीणों ने सीडीओ की अनुपस्थिति में डीडीओ को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर महेंद्र, रनवीर, मुरारीलाल, रामचंदी, रामसनेही, कुसुमा देवी, कांता, मछला, कृष्णा देवी, सीमा, अल्पना, सूरजवती, मीरा, रचना और रानी आदि थे।


Thursday, May 27, 2010

किशोर वन का पुनर्स्थापन


पर्यावरण विरासत की संरक्षण हेतु पवित्र कुंजों के संरक्षण और पुनरुद्धार परियोजना के माध्यम से वृंदावन में एक प्रयोगात्मक परियोजना

पृष्ठभूमि वृन्दावन, प्रकृति के साथ उत्तर प्रदेश का संबंध हजारो वर्षों से है। यह एक तीर्थ स्थान इसलिए है, क्योंकि यहां श्री कृष्ण भगवान ने वृक्षों, पहाड़ों, नदियों और पशुओं की पूजा तो की ही थी, साथ ही साथ अपने परिवार, मित्रों और भक्तों को भी उनकी पूजा करना सिखाया था। वृंदावन का नाम ही पूजनीय तुलसी (वृंदा) के पौधे और देवी के नाम से आधारित है, जिसका इस वन में निवास है।

पूरा वृंदावन शहर, और ब्रज मण्डल, जिसका वह भाग है, किसी समय पावन कुंजों और वनों के विशाल क्षेत्रों से भरा हुआ था। आज, अल्हड़ विकास और कुप्रबंधन की वजह से ये पवित्र हरे स्थान सिकुड़ कर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गये हैं। केवल मुट्ठी-भर गिने-चुने स्थान बचे हैं और ये भी पानी कि कमी और बंदरों की बढ़ती संख्या से ग्रस्त हैं, जो कि शहर के आपे से बाहर होती जा रही हैं।

पवित्र कुंजों के संरक्षण और पुनरुद्धार परियोजना का यह लक्ष्य है कि पर्यावरण की धरोहर के इन अंतिम बुर्जों को बचाया जाए, और इस अनुभव को ब्रज में होनेवाले बृहत्कार्यों के लिए एक प्रयोगात्मक परियोजना माना जाए।

भारतीय लोगों के विचार में वृंदावन एक मनोरम अलौकिक छोटा सा शहर है, जो यमुना नदी के निकट एक महिमाशाली वन में स्थित है, जिसके पास हरी-हरी घास के खुले मैदान हैं जहां गाएं चरती हैं। यह दृश्य उन कहानियों की पृष्ठभूमि बन जाता है, जिनमें बाल कृष्ण ने क्रीड़ा और महान कार्य किये। ये बहुचर्चित कहानियां आजकल कार्टून के रूप में टेलीविज़न पर दर्शित हो रही हैं, जो इस समय भारत के बच्चों की रुचि में दूसरे नम्बर पर है।

यह भावनात्मक दृश्य पहले ही भागवत पुराण, सूरदास, रूप गोस्वामी, और जयदेव जैसे महापुरुषों की अनंत भक्ति रचनाओं में पाया जाता है, और ‘वृंदावन’ का नाम लेते ही जैसे आंखों के सामने आ जाता है। इसके अलावा, भगवान कृष्ण के निवास स्थान माने जाने के कारण इसे तीर्थ-स्थान माना जाता है। तीर्थ-यात्री यहां हज़ारों सालों से पीढ़ी-दर-पीढ़ी आते रहे हैं, केवल इसलिए कि वह पर्यावरण के उस परिवेश का अनुभव करना चाहते हैं जिससे भगवान कृष्ण के वृंदावन जीवन का आभास हो सके और उनमें भक्ति-भाव उत्पन्न हो सके।

लेकिन अब वृंदावन जाकर जो दृश्य देखने को मिलता है, वह है भीड़ से भरी सड़कों पर कचरे के ठोस एक भूलभुलैयां। दुःख की बात तो यह है कि यहां ऐसे कुछ नहीं है जो कि “वन” कहलाया जा सके। कुछ ही पेड़ हैं, जो कि विकास कार्य के नाम पर किसी भी समय काटे जा सकते हैं। सड़कें चौड़ी की जा रही हैं, नई इमारतों का निर्माण हो रहा है, जिसका मतलब है अधिक लोग, अधिक मोटरागाड़ियां, अधिक कूड़ा, और हरित क्षेत्रों एवं पानी का अभाव। तीर्थ यात्रा आर्थिक विकास को बढावा देती है, और आर्थिक विकास तीर्थ को, लेकिन वृंदावन में आर्थिक विकास ऐसी टेढ़ी चाल चल रहा है कि वह उसी धरोहर का विनाश करने की धमकी दे रहा है, जिस वजह से वृंदावन का नाम है।

पर्यावरण के इस तीव्र नुकसान की वजह से लोगों का नाता इस तीर्थ-स्थान की अलौकिकता से टूटता जा रहा है। पवित्र कुंजों के संरक्षण और पुनरुद्धार परियोजना द्वारा इस नाते को पुनः जोड़ने से हम आम जनता में जागरूकता बढ़ा सकते हैं कि वह अपने पर्यावरण का संरक्षण कर सके।

ये कुण्ड, वन, और यमुना जी बृज-वृंदावन की धरोहर हैं, जिन पर अत्याचारी आक्रमण हो रहा है। पारंपरिक वर्षा जल संचयन सूखे जा रहे हैं, वन लुप्त होते जा रहे हैं, और यमुना तो केवल बीमारी फैलाने और पनपने का एक गंदा नाला बन कर रह गई है। ब्रज धाम की पावन भूमि जो करोड़ों भक्तों के मार्मिक वन्दनाओं में वास करती है, जल्द ही हमेशा हमेशा के लिए नष्ट हो जाएगी, यदि कदम न उठाए जाए।

पवित्र कुंजों के संरक्षण और पुनरुद्धार परियोजना

पर्यावरण की धरोहर का पुनरुद्धार और भविष्य के लिए आशा की किरण॒ धरोहर उस संस्कृतिक विरासत को कहते हैं जो हम अपने भूतकाल से पाते हैं और अपने भविष्य को देते हैं। भारतीय सांस्कृतिक विरासत अपने आप में अनूठी इसलिए है कि वह प्रकृति का सम्मान करती है और यह मानती है कि संसार के हर जीव-जन्तु का इस प्रकृति में एक विशेष स्थान है। प्रकृति को एक मां के रूप में देखा जाता है जो भिन्न-भिन्न परम्पराओं, रीति-रिवाज़ओं और जीवन के हर क्षेत्र में प्रत्यक्ष होता है -- ब्रज-मंडल में तो विशेषतः ऐसा आम देखने को मिलता है।









ब्रज में ही नहीं, बल्कि भारत में कई और जगह (यहां तक कि विदेशों में भी) श्री कृष्ण ही वह महत्वपूर्ण कड़ी हैं जो लोगों को उनके पर्यावरण से जोड़ते हैं। हमारे पवित्र ग्रंथों में कई ऐसे उदाहरण हैं जिससे हमें पता चलता है कि कृष्ण के जीवन काल में प्रकृति और पर्यावरण कितना मायने रखते थे। श्रीमद् भागवत में श्रीकृष्ण अपने पिता नन्दा महाराज से कहते हैं, “न तो यह शहर, न ये गांव, न उनमें बने घर, या खेत हमारे हैं। हम तो वनों के निवासी हैं, और हम सदा वनों और पहाड़ों में ही वास करेंगे।

यही वह धरोहर है जिसका हम पुनरुद्धार करने की इच्छा रखते हैं। लोगों को ब्रज के इन कुंजों, उद्यानों और वनों की रक्षा करने का प्रशिक्षण दिया जायेगा, और हम पुनः उस सांस्कृतिक धरोहर से पहचान जोड़ सकेंगे जो कि पर्यटन से जल्दी पैसा

कमाने की होड़ में हम से लुप्त हो गई है। यदि यह अल्हड़ विकास की होड़ रोकी न गई तो उद्यानों के साथा-साथ पर्यटन और तीर्थ दोनों लुप्त हो जाएंगे। अभी ही वह समय है जब हम इस को पलट सकते हैं, और लोगों को दिखा सकते हैं कि अंततः दूरदर्शिता तोड़अ-फ़ोड़ में नहीं, बल्कि संरक्षण में है।

किशोर वन का पुनर्स्थापन पवित्र कुंजों के संरक्षण की एक प्रयोगात्मक परियोजना

हमारी प्रयोगात्मक परियोजना के लिए सबसे पहले किशोर वन का चुना जाना साफ़ ज़ाहिर है। वृंदावन के कई पावन कुंजों में से केवल तीन ही आजकल मौजूद हैं। ये हैं निधिवन, सेवाकुंज, और किशोर वन। किशोर वन इन तीनों में से सब से छोटा है, और इसलिए हमारी परियोजना प्रारम्भ करने के लिए उत्तम है।









भूतकाल में रचित कृष्ण की लीलाओं के प्रमाण के तौर पर मौजूद किशोर वन और अन्य दोनो कुंज, जल्दि ही लुप्त हो जाने के ख़तरे में हैं। माना जाता है कि यही वह स्थान हैं जहां कृष्ण ने अपनी गोपियों के संग बांसुरी बजाते हुए रास नृत्य किया था। यह भी माना जाता है कि आज भी ऐसा होता चला आ रहा है, इसलिए किसी को सूर्यास्त के पश्चात इन कुंजों में जाने कि अनुमति नहीं होती, कहीं दिव्य गतिविधियों में बाधा न बन पाए।

इस समय, वृंदावन के कुंजों में केवल कुछ बिखरे हुए बौना झाड़ियों के झुर्मठ हैं। पवित्र कुंजों के संरक्षण की एक प्रयोगात्मक परियोजना के अंतरगत हमारी यह कोशिश रहेगी कि हम इन कुंजों को लोकप्रिय कल्पना और पवित्र ग्रंथों में कथित महिमा के पुनः अधिकारी बनाएंगे, और यह हम नीचे उल्लिखित उद्देश्यों को पूरा करने के द्वारा करेंगे।

उद्देश्य

पहला कदम : तैयारी
१. स्थानीय वनस्पतियों एवं पशुवर्ग का सर्वे करना
२. पावन कुंज प्रबंधन समिति का निर्माण करना
३. पावन कुंज प्रबंधन कार्यशाला करवाना

दूसरा कदम : पुनरुद्धार
४. ब्रज वृन्दावन के विशिष्ट वृक्ष उगाने की नर्सरी का विकास करना
५. कुंज में गोलाकार पथ का निर्माण करना
६. किशोर वन में छोटे-छोटे स्पीकर द्वारा बांसुरी वादन लोगों को सुनाना जिस से श्री कृष्ण के मौजूद होने का अहसास सबको होता रहे।
७. वृक्षों को बंदरों से बचाने के लिए जालियां लगवाना
८. आगन्तुकों के लिए कुंज के उत्तम उपयोग करने के लिए एक पुस्तिका का उत्पादन करना

तीसरा कदम : रखरखाव, सामुदायिक भागीदारी और शिक्षा

९. एक कार्यशाला समुदाय की जरूरत का आकलन करने के लिए व्यवस्थित करना
१०. स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर, पवित्र कुंजों की सुरक्षा के महत्त्व और संरक्षण पर केन्द्रित शिक्षा कार्यक्रम आयोजित करना
११.बागान ड्राइव का प्रयोजन करना जिसमें स्कूली बच्चों में भाग लेंगे

चौथा कदम : आगे के लिए तैयारी

१२. ब्रज के सभी पावन कुंजों का गमन करवाने के लिए २ टूर-गाइड की पहचान और नियुक्ति करना
१३. ब्रज के सभी पावन कुंजों की पहचान करना

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किशोरवन की इदानींतन रेगिस्थान की सी परिस्थिति

श्री-वृन्दावन-महिमामृत (1.10-12)

Photo by Vishakha Dasi.

तत्रैवाविर्भवद्रूपशोभा
वैदग्ध्यान्योऽन्यानुरागाद्भुतौघौ ।
नित्याभङ्गप्रोन्मदानङ्गरङ्गौ
राधाकृष्णौ खेलतः स्वालिजुष्टौ ॥१.१०॥
उस स्थान पर रूप-शोभा, वैदग्धी तथा पारस्परिक अनुराग के अद्भुत सागर का, एवं नित्य तथा भंगरहित उन्मादनकारी अनङ्ग-रङ्ग का आविर्भाव कर, श्री-राधाकृष्ण अपनी सखियों के सहित मिलकर लीला करते हैं ॥१.१०॥
अत्युत्कृष्टे सकलविधया श्रीलवृन्दावनेऽस्मिन्
दोषान् दृष्टान् निजहतदृशा वास्तवान् ये वदन्ति ।
तादृक् मूढा हरि हरि मम प्राणबाधेऽप्यदृश्याः
सम्भाव्या वा कथमपि नहि प्रायः सर्वस्वहास्याः ॥१.११॥
सर्वभाव से अति उत्कृष्ट इस श्री-वृंदावन में निज दुर्भाग्यवश दृष्ट-दोषों को जो लोग सत्य मान कर वर्णन करते हैं, अहो ! उन मूर्ख लोगों के मैं प्राण सङ्कट आने पर भी दर्शन नहीं करूंगा । किसी भी विषय में क्यों न हो, क्या वे सब के सामने उपहास्यास्पद न होकर रह सकते हैं ?
ब्रह्मानन्दमवाप्य तीव्रतपसा सम्यक्प्रसाद्येश्वरं
गोरूपाः सकला इहोपनिषदः कृष्णे रमन्ते व्रजे ।
वृन्दारण्यतृणं तु दिव्यरसदं नित्यं चरन्त्योऽनिशं
राधाकृष्णपादाम्बुजोत्तमरसास्वादेन पूर्णाः स्थिताः ॥१.१२॥
वेद और उपनिषद् समूह ब्रह्मानन्द को प्राप्त होकर भी तीव्र तपस्या द्वारा ईश्वर की सम्यक् रूप से आराधना कर इस श्री कृष्ण के ब्रज में धेनुरूप धारण करके आनन्द लाभ करते हैं । वे दिव्य रस-दान-कारी श्री-वृंदावन के तृण भक्षण कर निशिदिन नित्य श्रीराधाकृष्ण के चरणकमलों के उत्तम रसास्वादन से परिपूर्ण तृप्त होकर अवस्थान करते हैं ॥१.१२॥


2010-05-28 ब्रज का समाचार

हिताश्रम में विद्वत सम्मेलन आयोजित


वृन्दावन (DJ, May 28, 2010) । गांधी मार्ग स्थित हिताश्रम सत्संग भूमि में चल रहे श्रीहित हरिवंश महाप्रभु के सप्त दिवसीय जयंती महोत्सव के अन्तर्गत गुरुवार को संत-विद्वत सम्मेलन का आयोजन किया गया।

सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए बाबा राधामाधव दास ने कहा कि हरिवंश महाप्रभु का सबसे बड़ा अवदान वृन्दावन रस का प्राकट्य है। उन्होंने विभिन्न पुराणों का सरल भाष्य अपनी रसोपासना के रूप में प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि पुराणाचार्य श्रीनाथ शास्त्री ने कहा कि हरिवंश महाप्रभु राधाबल्लभीय सम्प्रदाय की रस नीति के स्तंभ थे। हिताश्रम के अध्यक्ष महंत कमल दास महाराज ने कहा कि हितजी ने जिन दिव्य तत्वों का उद्घाटन किया वह आज भी प्रणम्य हैं। आचार्य विष्णु मोहन नागार्च ने कहा कि हरिवंश महाप्रभु का सबसे बड़ा अवदान राधाचरण प्रधान उपासना है। डॉ. अच्युतलाल भट्ट ने कहा कि हित जी का मत था कि वृन्दावन रज की निष्ठा बगैर इसके रस को प्राप्त नहीं किया जा सकता है। पं. बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि हित तत्व ही राधा तत्व और प्रेम तत्व है।



परशुराम मय हुई कृष्णनगरी


झांकियों ने हर किसी का मन मोहा, पग-पग पर पुष्पवर्षा

भक्ति : गूंजते रहे महर्षि परशुराम के जयकारे, स्वागत में उमड़े स्वयंसेवी और संगठन


मथुरा (AU, May 28, 2010) । भगवान श्री परशुराम शोभायात्रा समिति के तत्वावधान में गुरुवार को निकाली गई महर्षि परशुराम शोभायात्रा से समूचा शहर परशुराम मय हो गया। हाथी-घोड़ा, ऊंट और महिलाओं की कलश यात्रा आकर्षण का केंद्र रही। पग-पग पर पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया गया।

लाल दरवाजा स्थित बाटी वाली कुंज से निकाली गई परशुराम शोभायात्रा में सबसे आगे हाथ, ऊंट और घोड़े की सवारी थी। इसके पीछे सहत्रार्जुन का वध करते हुए भगवान परशुराम की झांकी लोगों का मनमोह रही थी। श्रीनाथजी की झांकी के आगे यहां बैंड की धुन पर भक्तिरस बरस रहा था, वहीं जमुनादेवी शर्मा के निर्देशन में ५१ महिलाएं कलश लेकर निकलीं।

इनके पीछे राधाकृष्ण की झांकी थी और तीन सवारियों पर प्रबुद्ध विप्रजनों को विराजमान किया गया। इनके अलावा वामन अवतार, यमुनाजी आदि देवी-देवताओं की झांकियां थीं। शीतला घाटी अखाड़े उस्ताद और शिष्य पटेबाजी से हर किसी को रोमांचित कर रहे थे। महर्षि परशुराम की आकर्षक झांकी के आगे बैंड पर बरस रहे भक्तिरस के बीच विप्रजन व युवा जयकारे लगाते चल रहे थे। शहर के साथ-साथ इस बार ग्रामीण अंचल के विप्रों ने भी बड़ी संख्या में शोभायात्रा में भाग लिया।

शोभायात्रा का चौक बाजार, गांधी पार्क, कुशक गली, स्वामी घाट, नया बाजार, असकुंडा, विश्राम बाजार, छत्ता बाजार, होली गेट, गोविंद गंज, कोतवाली रोड, भरतपुर गेट एवं घीया मंडी में विप्र, व्यापारी एवं सामाजिक संगठनों द्वारा जोशीला स्वागत किया गया।

इससे पूर्व बाटीवाली कुंज (लाल दरवाजा) पर यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें शोत्रायात्रा के मुख्य संयोजक एसके शर्मा, श्रीपरशुराम शोभायात्रा समिति के अध्यक्ष पं. रामगोपाल शर्मा, प्राधिकारी अनिल शर्मा, योगेश शर्मा मीना वाले आदि ने भाग लिया। तत्पश्चात यहां से भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना व आरती कर शोभायात्रा प्रारंभ की गई। अखिल भारतीय ब्राह्म्मण महासभा एवं ब्रजमंडलीय युवा ब्राह्म्मण महासभा की ओर से पूर्व मंत्री श्यामसुंदर शर्मा ने पदाधिकारियों के साथ महर्षि परशुराम की महाआरती की। उनके साथ रमेश दत्त शर्मा, महेंद्र सिंह शर्मा, राजेश पाठक, हरीश शर्मा, मुकुलकांत उपाध्याय, अमर चंद्र पचौरी, डा. गिरवर सिंह शर्मा, रामनिवास पाराशर, पं. सुरेश कौशिक, राजकुमार शर्मा आदि थे।

शोभायात्रा में पं. मनोज शर्मा, प्रदीप वल्लभ शर्मा, अनिल परशुराम, यूडी शर्मा, ब्रजेंद्र शर्मा, पं. विपिन गौतम कीर्तिपाल शर्मा, बसंत किशोर पाठक, प्रेमहरि शास्त्री, बॉबी डेयरी वाले, हनुमान डेयरी वाले, प्रदीप गोस्वामी, शैलेंद्र हकीम, योगेश आभा, नगर पालिका अध्यक्ष श्यामसुंदर उपाध्याय बिट्टू, सोहनलाल शर्मा कातिब, प्रेमी मथुरिया, दिनेश हकीम, अमित हकीम, तरुण हकीम, ताराचंद्र गोस्वामी आदि विप्रजन थे।



जाम में फंसे लोगों ने गेट तोड़ा


छाता-बरसाना मार्ग पर गेटमैन को पीट चाबी छीनी

गुस्सा : आगरा-निजामुद्दीन ईएमयू पर पथराव, आधा दर्जन एक्सप्रेस ट्रेनें ५० मिनट लेट


छाता (मथुरा)। छाता-बरसाना मार्ग स्थित रेलवे क्रासिंग पर दो घंटे तक फाटक लगा होने से जाम में फंसे लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। गेटमैन के साथ मारपीट कर लोगों ने चाबी छीन ली। गेट नहीं खुला तो उसे तोड़ दिया। आगरा-निजामुद्दीन ईएमयू पर पथराव किया गया। सूचना मिलने पर कंट्रोल ने ट्रेनों को जहां के तहां खड़ा दिया। इसके चलते करीब आधा दर्जन ट्रेनें ५० मिनट तक प्रभावित रहीं।

मथुरा-दिल्ली रेल मार्ग स्थित छाता-बरसाना मार्ग पर गेट संख्या ५४४ रात्रि ६.२० बजे बंद कर दिया गया। ट्रेनें निकाली जाने लगीं। करीब दो घंटे बाद भी फाटक नहीं खुला। इसके चलते छाता-बरसाना मार्ग पर दो-दो किलोमीटर लंबा जाम लग गया। गरमी और उमस से अकुलाए यात्रियों की तबीयत बिगड़ने लगी तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। पूर्णिमा के कारण बरसाना व गोवर्धन से ज्यादा भीड़ के कारण जाम लग गया था।

लोग गेटमैन के पास पहुंच कर गेट खोलने के लिए दबाव बनाने लगे। गेटमैन ने फाटक नहीं खोला तो उसके साथ जमकर मारपीट की गई। कुछ लोगों ने गेट की चाबी छीन ली और गेट को खोलने लगे। इस बीच रात्रि करीब साढ़े आठ बजे आगरा से निजामुद्दीन जा रही ईएमयू गुजरी तो लोगों ने पथराव कर उसके शीशे क्षतिग्रस्त कर दिए। एक मालगाड़ी को भी रोकने का प्रयास किया। गेट नहीं खुला तो लोगों ने नट-बोल्ट खोल लिए और दोनों साइड के गेट को तोड़कर वाहन निकालने शुरू कर दिए। गेटमैन ने इसकी सूचना तत्काल कंट्रोल को दी। सूचना मिलते ही छाता और गोहारी के बीच ट्रेनों को जहां के तहां रोक दिया गया। सूचना मिलने पर आरपीएफ मौके पर पहुंच गई। रात्रि सवा नौ बजे दोनों ओर जंजीर डालकर ट्रेनों की पायलटिंग शुरू कर दी गई। इसके बाद एक-एक कर ट्रेनों को निकालने का काम शुरू हो गया।

पीआरओ भूपेंद्र ढिल्लन ने बताया कि घटना के चलते करीब आधा दर्जन ट्रेनें ५०-५० मिनट तक प्रभावित हुई हैं। ट्रेनों को पायलटिंग कर निकाला जा रहा है। फाटक को ठीक करने के लिए आगरा से टीम रवाना कर दी गई है।



जून तक 45 वार्डो में 90 सड़कें


मथुरा (DJ, May 28, 2010) । अधिकांश वार्डो की ऐसी गलियां जहां के नागरिकों को कभी सड़कें मयस्सर नहीं हो सकी हैं, आगामी जून तक उनके आवागमन के रास्ते पहले से ज्यादा सुगम हो सकते हैं। नगर पालिका सभी वार्डो में ढाई करोड़ से 90 सड़कें और नालियां बनाने जा रही है।

सब कुछ ठीकठाक रहा तो नई सीमेंटेड सड़कें पुरानी गलियों में बनती नजर आएंगी। पालिका परिषद ने ऐसे अधिकांश वार्ड शामिल किए हैं, जहां की गलियां सालों से पक्की सड़कों की मोहताज बनी हुई हैं, जबकि कुछ वार्डो में विभिन्न योजनाओं के तहत पिछले तीन साल में विकास कार्य हो चुके हैं, उनको छोड़ भी दिया है।

हरेक वार्ड का पिछले विकास कार्यो के सापेक्ष ही आंकलन किया गया है। इनमें दलित व पिछड़ी बस्तियां प्रमुख रूप से शामिल की गयी हैं। योजना के तहत अधिकांश वार्ड लिए तो गए हैं, लेकिन इनमें प्रमुख मार्ग शामिल नहीं किए हैं। परिषद द्वारा तैयार प्लान के अनुसार छोटी गलियां ली गयी हैं। वार्डो में जो अंदरूनी इलाके हैं, वे इस योजना के तहत सड़कों से आच्छादित हो सकते हैं।

पालिका परिषद ढाई करोड़ की धनराशि से इन सड़कों समेत नालियों का निर्माण कराने जा रही है। योजना तैयार कर ली गयी है और सड़कों का चिन्हांकन भी किया जा चुका है। बताया गया है कि टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। सड़क निर्माण कार्य जून अंत कर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।



डीएम के आदेशों को जल निगम ने क्वाता बताई


मथुरा (DJ, May 28, 2010)। शासन-प्रशासन की लाख चेतावनियों, फटकारों और कार्यवाही किये जाने के आदेशों के विपरीत वृन्दावन प्रोजेक्ट में कार्य कर रहे ठेकेदार अपनी जमकर मनमानी कर रहे हैं। नगर में जलनिगम द्वारा बनाये जा रहे नालों का निर्माण जगह-जगह पर बंद कर दिया गया है। जिससे नगरवासियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं नाले अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो रहे हैं।

वृन्दावन समग्र विकास योजना में देरी को लेकर अभी हाल ही में प्रदेश मुखिया मायावती ने अधिकारियों को योजना के कार्यो को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये थे। इससे पहले भी जिलाधिकारी दिनेशचंद शुक्ला वृन्दावन प्रोजेक्ट की समीक्षा के दौरान समस्त कार्यो को 30 जून तक पूरा करने के निर्देश दे चुके थे, लेकिन वृन्दावन प्रोजेक्ट में कार्य कर रहे ठेकेदारों ने शासन-प्रशासन के आदेशों को भी ठेंगा दिखा दिया। लखनऊ एवं मथुरा के निर्देशों के विपरीत आज भी सभी कार्य अधूरे पडे़ हैं। इनमें नाले निर्माण कार्य पर तो पूरी तरह ब्रेक लग चुके हैं।

अधिकारियों को भ्रमित करने के लिए ठेकेदारों ने कई स्थानों पर नालों का निर्माण प्रारंभ किया, लेकिन अधिकारियों की नजर हटते ही ठेकेदारों ने कार्य बंद कर दिया और अन्य स्थान पर काम शुरू करवा दिया। आधे-अधूरे नालों के निर्माण के कारण क्षेत्रवासियों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं नालों का निर्माण न होने वे अपने उद्देश्यों में भी सफल नहीं हो रहे हैं। वृन्दावन प्रोजेक्ट में ठेकेदारों की लगाम कसने के लिए अब जिलाधिकारी कौन से शक्ति का इस्तेमाल करेंगे यह तो समय ही बतायेगा।



लाल निशान ने छटीकरा में मचाई खलबली


मथुरा (DJ, May 28, 2010)। । राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कस्बा गांव छटीकरा में सड़क के दोनों ओर सड़क चौड़ी करने के लिए मकान-दुकानों पर लाल निशान लगने से जबर्दस्त खलबली मच गई है। लोग अपने-अपने तरीके से इस मामले का विरोध कर रहे हैं।

कस्बा में छटीकरा-गोवर्धन रोड पर रेलवे क्रासिंग रोड पर दोनों ओर दुकान और मकानों पर सड़क चौड़ाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने लाल निशान लगा दिये गये हैं। ग्रामीणों की बेचैनी इस बात को लेकर है कि विभाग सड़क को दोनों ओर 55-55 फुट चौड़ी करना चाहता है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि ऐसा हुआ तो तमाम लोग परिवार बर्बाद हो जाएंगे। दुकानदार बेरोजगार हो जाएंगे। ज्यादा तोड़फोड़ होने से लोगों का मोटा नुकसान होगा।

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क को मनमर्जी तरीके से चौड़ी करने के नाम पर तोड़फोड़ नहीं होने देंगे, इसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े।



दहेज में कार और फ्लैट नहीं मिला तो मार डाला


घटना : टाउनशिप की घटना में पति समेत तीन गिरफ्तार, रिफाइनरी में कार्यरत हैं मृतका के पिता और पति

बाद/मथुरा (AU, May 28, 2010)।। रिफाइनरी नगर में बुधवार रात ससुराल में विवाहिता फांसी पर लटकी मिली। पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का अभियोग दर्ज किया है। पति समेत तीन लोग जेल भेजे गए हैं। दहेज में कार और फ्लैट की मांग की जा रही थी।

पुलिस के अनुसार रिफाइनरी के प्रोजेक्ट मैनेजर पोहप सिंह की पुत्री अंकिता सिंह की शादी डेढ़ साल पहले रिफाइनरी में ही कार्यरत कंप्यूटर असिस्टेंट धर्मेश चौहान के साथ हुई थी। धर्मेश रिफाइनरी नगर के क्वार्टर नंबर २/६६ में पत्नी, भाई, बहन और मां के साथ रहता है। धर्मेश का छह माह का पुत्र प्रबल भी है। पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में मृतका के पिता पोहप सिंह ने आरोप लगाया है कि धर्मेश और उसके परिवारीजन दहेज में स्विफ्ट कार और नोएडा में फ्लैट की मांग कर रहे थे। मांग पूरी न होने पर २६ मई की रात धर्मेश और उसके परिजनों ने अंकिता को जहर देने के बाद फांसी पर लटका दिया।

पड़ोसियों के आने और दबाव बनाने पर यह लोग उसे स्वर्ण जयंती अस्पताल ले गए। वहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। अंकिता की मौत के बाद ससुरालीजन भागने लगे, जिन्हें लोगों ने पकड़ लिया। पुलिस ने अंकिता सिंह के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोहप सिंह की तहरीर पर रिफाइनरी पुलिस ने पति धर्मेश चौहान, देवर संजय चौहान एवं उनकी मां रानी को गिरफ्तार कर लिया। ननद मेनका भाग निकली। पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है।

मथुरा (DJ, May 28, 2010)। । रिफाइनरी में तैनात असिस्टेंट कम्प्यूटर इंजीनियर और उसके परिवारीजनों ने विवाहिता को अतिरिक्त दहेज न लाने पर मार डाला। पुलिस ने तीन परिजनों को मौके से गिरफ्तार कर लिया है। मृतक विवाहिता रिफाइनरी आफीसर्स एसोसिएशन के पूर्व सचिव की पुत्री है।

रिफाइनरी आफीसर्स एसोसिएशन के पूर्व सचिव पोहप सिंह राजपूत ने अपनी पुत्री अंकिता राजपूत का विवाह करीब डेढ़ वर्ष पूर्व 23 नवम्बर 08 को रिफाइनरी नगर निवासी के.के.सिंह के पुत्र धर्मेश चौहान के साथ किया था। धर्मेश चौहान रिफाइनरी में असिस्टेंट कम्प्यूटर इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। ससुरालीजन शादी के बाद से अंकिता पर और रकम लाने का दबाव बनाते रहे। ससुरालीजन कुछ दिन पहले ही पोहपसिंह के धौलीप्याऊ निवास पर आए थे। इन लोगों ने नोएडा में फ्लेट बुक कराये जाने के लिए 15 लाख रुपये देने की मांग की। कुछ दिन बाद धनराशि देने की कह दिया गया। इसके बाद ससुराली जनों ने अंकिता का मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न शुरू कर दिया। विरोध करने पर मारपीट शुरू कर दी। बुधवार की रात को ससुराली जनों ने अंकिता का गला दबाकर हत्या कर दी। इसकी जानकारी मायके पक्ष को अन्य पड़ोसियों से मिली। रात में सभी लोग रिफाइनरी नगर पहुंच गए। मायके पक्ष के लोगों ने जहर देने का भी गंभीर आरोप लगाया। हालांकि रात में ही विवाहिता को स्वर्ण जयंती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। रात में ही थाना रिफाइनरी प्रभारी अनूप कुमार भारती पुलिस फोर्स के साथ रिफाइनरी नगर पहुंच गए।



आईआईटी में स्थान प्राप्त कर वृंदावन का नाम रोशन किया


वृंदावन (AU, May 28, 2010)। । । वृंदावन सेवा कुंज निवासी और कान्हा माखन पब्लिक स्कूल की छात्रा प्रियांशी गोयल ने आईआईटी में स्थान प्राप्त कर नगर का नाम रोशन किया है। प्रियांशी गोयल ने बताया कि वह आईआईटी में स्थान लेने के बाद कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करेंगी।

उन्होंने बताया कि उनके जीवन का खास मकसद पढ़ाई को निरंतर जारी रखना है। इसके पीछे उनका मुख्य उद्देश्य देश सेवा तथा मानव सेवा है। प्रियांशी का कहना है कि इस सब सफलता के पीछे माता-पिता के साथ स्कूल की अच्छी शिक्षा, सभी गुरुजनों का आशीर्वाद और सहपाठियों का सहयोग है। उन्होंने कहा कि उनके पिताजी प्रदीप गोयल व्यवसायी हैं तथा मां बबिता गोयल गृहिणी हैं।

पिता प्रदीप ने बताया कि उनकी बेटी ने कठिन परिश्रम कर आईआईटी में स्थान पाकर नगर का नाम रोशन किया है। वहीं कान्हा माखन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक अनिल अग्रवाल, प्रधानाचार्य अनिल यदुवंशी, जनसंपर्क अधिकारी अनूप शर्मा एवं कार्यालय अधीक्षक हरिनारायण मिश्रा ने प्रियांशी गोयल के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।