Saturday, May 15, 2010

2010-05-16_Braj News

अक्षय तृतीय आज, गूंजने लगेंगी शहनाई


बृज के मंदिरों में होंगे विशेष दर्शन, सजने लगे भव्य फूल बंगले

परंपरा : समृद्ध, सौभाग्य के लिए खरीदेंगे सोना, दान से बनता है धन की प्राप्ति का योग

मथुरा। अक्षय तृतीय पर्व १६ मई को धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिरों में ठाकुर जी के फूल बंगले सजेंगे। समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक सोना खरीदने की तैयारी पूर्ण कर ली गई है। इस पर्व से ही एक बार फिर से शहनाई गूंजने लगेंगी।

मार्केट में सराफा कारोबारियों ने नई डिजाइन के सोने के जेवरात तैयार कराए हैं। मंदिरों में दान पुण्य होगा। सत्तू की बिक्री भी इसी दिन से प्रारंभ हो जाएगी। सहालग का मौसम होने की वजह से अक्षय तृतीय पर्व और भी खास हो गया है।

ज्योतिषाचार्य रविंद्र कुमार के अनुसार बैसाख सुदी तृतीय के दिन अक्षय तृतीय का पुण्य पर्व मनाया जाता है। यह धार्मिक एवं मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम दिन माना गया है। मान्यता अनुसार आज किया हुआ दान अक्षय अमृत पुण्य दान बनता है और कभी भी धन का नाश नहीं होता। इस दिन विवाह करने वालों को शुभ मुहूर्त का योग प्राप्त होता है। आज ही के दिन हयग्रीव एवं परशुराम जी का भी अवतार हुआ था। दान से धन प्राप्ति का योग तो बनता ही है साथ ही चिंरजीवियाें का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इस दिन सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में होता है जो शुभकारी होता है। पं. जयराम शास्त्री बताते हैं कि अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन सोना खरीदने से वर्ष भर सुख समृद्धि घर बनी रहती है।

वहीं स्वर्णकार व सराफा व्यवसायियों ने सोने का स्टॉक करना शुरू कर दिया है। भारी सोने के अलावा हल्के सोने के आभूषणों का स्टॉक उन्होंने पहले से ही कर लिया है। ब्रांडेड कंपनियों द्वारा ग्राहकों को लुभाने के लिए कई प्रकार के डिस्काउंट दिए जा रहे हैं। बैंकों और डाकघर में भी विशेष छूट के सोना बेचा जा रहा है। सर्राफ प्रभात अग्रवाल, कमल अग्रवाल और माधव बंसल का कहना है कि इस बार सोने के आकर्षक डिजाइन वाले जेवरात मौजूद हैं।

इन दान का है विशेष महत्व--
  • सतुआ, स्वर्ण, अक्षय कोष, अन्नदान
  • ब्राह्मण को पीले वस्त्र का दान
  • ठाकुर जी को केसर चंदन दान
  • श्वेत वस्त्र का दान
  • घड़े, छत्री और प्याऊ का दान
  • मंदिरों में होंगे चरण दर्शन

अक्षय तृतीया पर मंदिरों में विशेष रुप से फूल बंगलों एवं चरण दर्शनों का आयोजन किया जाएगा। वृंदावन स्थित बांके बिहारी और गरुण गोविंद आदि प्रमुख मंदिरों पर चरण दर्शन की तैयारियां चल रही हैं।

चरण दर्शन देंगे प्रभु ठाकुर बांकेबिहारी


वृन्दावन (DJ) । वृन्दावन में वर्ष में एक बार होने वाले ठाकुर बांकेबिहारी महाराज के चरण दर्शनों के लिए उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने अपनी व्यवस्थाओं को पूरी तरह चाक-चौबंद कर लिया है। शनिवार को पुलिस एवं प्रशासन के आलाधिकारियों ने बैठक कर पुलिस कर्मियों को खास दिशानिर्देश दिये।

दरअसल गतवर्ष अक्षय तृतीया पर्व पर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दर्शनों के दौरान भारी भीड़ के दवाब के चलते एक महिला श्रद्धालु की मौत हो गयी थी। इसे ध्यान में रखकर इस बार प्रशासन कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता।

मंदिर में भीड़ के दवाब को कम करने के लिए जहां प्रवेश एवं निकास द्वारों को बदला गया है वहीं मंदिर परिसर एवं उसके आसपास भीड़ जमा न होने देने के लिए पुलिसकर्मियों को खास निर्देश दिये गये हैं। शनिवार को फोगला आश्रम में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए एसपी सिटी रामलाल वर्मा ने पुलिस कर्मियों को ड्यूटी के दौरान सतर्क रहने के निर्देश दिये।

साथ ही उन्होंने अवांछनीय तत्वों पर भी पैनी निगाह रखने के आदेश दिये हैं। बैठक में एसपी सिटी द्वारा विभिन्न प्वाइंटों पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी को लेकर आकस्मिक निरीक्षण करने की भी बात कही। नगर में वाहनों के प्रवेश को पूर्णत: प्रतिबंधित करने के लिए मथुरा-वृन्दावन एवं छटीकरा वृन्दावन मार्ग पर बैरियर लगाकर वाहनों को बृज हैल्थकेयर अस्पताल के समीप एवं संत कृपालु महाराज के नवनिर्मित अस्पताल में वाहनों को खड़ा कराया जायेगा।

ठाकुर जी को लगाएंगे कपूर मिश्रित चंदन


सेवायत तैयार कर रहे प्रभु को लगने वाला लेप
तैयारी : सप्त देवालयों में फूल बंगलों का आयोजन प्रारंभ

वृंदावन (AU) । वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया को आखा तीज और अक्षय तृतीया आदि नाम से भी जाना जाता है। इसके बाद ही नगर के सप्त देवालयों में फूल बंगलों का आयोजन प्रारंभ हो जाता है।

वहीं नगर के राधा दामोदर, राधा गोविन्द, राधा मदनमोहन, राधा गोकुलानन्द, राधारमण, राधा श्याम सुंदर, राधा सनेह बिहारी आदि मंदिरों में चंदन शृंगार के अद्भुत दर्शन की झांकी वर्ष में एक बार ही होती है। इसके लिए मंदिर सेवायत ठाकुर जी को लगाए जाने वाले चंदन की घिसाई के कार्य करने में जुट गए हैं। नगर के सप्त देवालयों में से एक राधादामोदर मंदिर में अक्षय तृतीया के अवसर पर ठाकुर जी के श्री विग्रह का सर्वांग शृंगार कपूर मिश्रित चंदन से किया जाएगा।

मंदिर के सेवायत आचार्य निर्मल चंद्र गोस्वामी ने बताया कि चंदन दर्शन के सूत्राधार कलियुग पावन अवतार चैतन्य महाप्रभु के दादा गुरू माधवेंद्र पुरी गोस्वामी थे। वृंदावन में चंदन यात्रा का विशिष्ट भक्ति मय सेवा की परंपरा का शुभारंभ ठा.राधादामोदर महाराज के प्राकट्यकर्ता श्रील जीव गोस्वामी ने अक्षय तृतीय के दिन यहां के समस्त सप्त देवालयों में कराया। पंडित मनीष शुक्ला बताते हैं कि अक्षय तृतीया की तिथि को जो भी दान पुण्य किया जाता है, उसे यह तिथि अक्षय बना देती है।

पालिका की भूमि पर अब बनेगी पार्किंग


पोतराकुंड से भूतेश्वर स्टेशन के मध्य का स्थान चुना
खुशखबरी : बेतरतीब वाहनों को खड़ा करने की समस्या होगी खत्म, डीएम ने सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए लिया निर्णय.

मथुरा (AU) । श्रीकृष्ण जन्मस्थान के समीपवर्ती कालोनियों में देशी-विदेशी श्रद्धालुओं की बेतरतीब खड़ी गाड़ियों की समस्या अब खत्म होगी। जिला प्रशासन ने पोतराकुंड से भूतेश्वर स्टेशन के मध्य पड़ी पालिका की भूमि पर पार्किंग बनाने का निर्णय लिया है। पार्किंग निर्माण का काम विकास प्राधिकरण करवाएगा।

इस आशय की घोषणा जिलाधिकारी दिनेश चंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह की सुरक्षा को लेकर हुई जिला समन्वय समिति की बैठक में शनिवार को की गई। इस मौके पर जन्मभूमि की सुरक्षा से जुड़े पहलुओं को रखा गया। जन्मस्थान के आसपास खड़े होने वाले वाहनों की पार्किंग के मामले पर चर्चा हुई। निर्णय लिया कि पोतराकुंड से भूतेश्वर रेलवे स्टेशन के मध्य स्थित पालिका की भूमि को पार्किंग के रूप में विकसित किया जाए।

वर्तमान में यहां कूड़ा डाला जाता है। बैठक के उपरांत अपर जिलाधिकारी, चीफ इंजीनियर विकास प्राधिकरण राकेश भाई, मंदिर मजिस्ट्रेट जितेंद्र शर्मा, ईओ पालिका भैरपाल सिंह ने स्थल का निरीक्षण किया। इस मौके पर पोतराकुंड पर विकास प्राधिकरण द्वारा लगाई गई पांच हाईमास्क लाइट अक्सर खराब रहने पर भी चर्चा की गई। तय किया गया कि विकास प्राधिकरण इन लाइटों को सही कराकर जन्मस्थान संस्था को रखरखाव के लिए हस्तगत कर देगा। पोतराकुंड पर पंजाब नेशनल बैक द्वारा पोषित प्याऊ को ठीक कराने के निर्देश बैंक को दिए।

जन्मस्थान पर सुरक्षा बतौर मोर्चा बनाने के लिए लोकनिर्माण विभाग को निर्देशित किया गया। सुरक्षा की दृष्टि से जन्मस्थान के पास अग्निशमन केंद्र स्थापना की योजना तैयार की गई। जन्मस्थान परिसर की विद्युत आपूर्ति, सफाई, सीसी कैमरों की स्थिति, अतिक्रमण तथा आवश्यकतानुसार बाहरी क्षेत्रों में चेकिंग पर भी विचार किया गया। बैठक में एसएसपी बीडी पाल्सन समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

शेखावत को था ब्रज से विशेष लगाव


१९५३ में चौक में हुई जनसभा को किया था संबोधित
स्मरण: अमर उजाला को जताई थी ब्रज विकास की चिंता. मुख्यमंत्री बनने पर लगाई थी गिरिराज की परिक्रमा.

मथुरा (AU) । पूर्व उपराष्ट्रपति और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत का ब्रज भूमि से विशेष लगाव था। सबसे पहले वर्ष १९५३ में उन्होंने बृजभूमि को अपने ओजस्वी भाषण से लोगों को झकझोरा था। इसके बाद उनका बृज में आना-जाना लगा रहा। राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने मनौती स्वरूप गोवर्धन की कार से परिक्रमा भी लगाई थी। तब उन्होंने अमर उजाला से बातचीत में ब्रज भूमि के विकास के प्रति अपनी चिंता का अहसास का कराया था।

जनसंघ की राजनीति में आने के बाद १९५२ के आम चुनाव में राजस्थान से चुने जाने के बाद १९५३ में हुए निकाय चुनाव में भैरों सिंह ने मथुरा के चौक बाजार में जनसभा को संबोधित किया था। इसके बाद ब्रज से उनका नाता जुड़ गया। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दर्शन के लिए तो वे दर्जन भर बार मथुरा आए। कई बार तो उन्होंने वरिष्ठ भाजपा नेता बांके बिहारी माहेश्वरी के स्वामी घाट स्थित निवास पर रात्रि विश्राम भी किया। भाजपा नेता के मुताबिक शेखावत जब भी आते तब पार्टी की सक्रियता और स्थानीय राजनीति पर चरचा जरूर करते।

वर्ष १९९६ में राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर चुनने के बाद मनौती स्वरूप उन्होंने गोवर्धन की २१ किलोमीटर लंबी परिक्रमा लगाई थी। उस वक्त तत्कालीन डीएम सदाकांत शुक्ला से उन्होंने ब्रज के हालात जाने थे। अमर उजाला के विशेष बातचीत में शेखावत ने ब्रज के विकास के प्रति अपनी गंभीरता का अहसास ही नहीं कराया, बल्कि परिक्रमा के तत्काल बाद राजस्थान सीमा में आने वाले गोवर्धन परिक्रमा मार्ग के पूंछरी क्षेत्र में सड़क का निर्माण और पौधारोपण कराया। करीब तीन वर्ष पूर्व वे भाजपा नेता कारिंदा सिंह के आवास पर भी आए थे। यह बृजभूमि में उनका आखिरी आगमन था।

दाऊजी के चरण दर्शन आज, समय बदला


बलदेव (AU) । श्रीदाऊजी महाराज मंदिर के प्रबंधक पीतंबर लाल पांडेय के अनुसार अक्षय तृतीया से मंदिर के दर्शनों का समय परिवर्तित हो जाएगा। रविवार से प्रातः छह से बारह बजे, सायं चार से पांच बजे, रात्रि सात से नौ बजे तक मंदिर दर्शनों के लिए खुला रहेगा। इससे पूर्व रविवार को दाऊजी के चरण दर्शनों का आयोजन किया जाएगा। मंदिर पुजारी रामनिवास शर्मा ने बताया कि दाऊजी महाराज के इस विशेष दर्शनों का विशेष पुण्य लाभ मिलता है।

अधिक मास के समापन पर नगर में उमड़े परक्रिमार्थियों का लोगों ने जगह-जगह सेवा सत्कार किया।
नगर में श्रद्धालुओं की सेवा में बस स्टैंड, शिव रतन बाजार, मोती बाजार, सराय, परिक्रमा मार्ग, रामजी मंदिर, नरहौली में शनिदेव मंदिर आदि प्रमुख स्थानों पर भंडारा और प्रसाद की व्यवस्थाएं की गईं। इसके अलावा पूड़ी सब्जी, बूंदी, मोमनथार, चाय, हलुआ आदि वितरित किया। इस अवसर पर दाऊदयाल शर्मा, बच्चन लाल पांडेय काकाजी, ज्ञानेंद्र पांडेय, अखिलेश पाठक, सोनू, मुकुट बिहारी, विनोद गर्ग, तोष पांडेय, अगंद शर्मा, बिहारी लाल, दाऊदयाल और सुनील अग्रवाल आदि थे।

भारतीय संस्कृति के पुरोधा है मुकुंद हरि महाराज


विद्वत सम्मेलन में संतों ने रखे विचार
आयोजन : पांच दिन तक मनाया जाएगा जयंती महोत्सव

वृंदावन (AU)। सुदामा कुटी में चल रहे संकीर्तन सम्राट स्वामी मुकुंद हरि महाराज के पांच दिवसीय जयंती महोत्सव के अंतर्गत संत-विद्वत सम्मेलन में सुदामा कुटी के अध्यक्ष महंत भगवान दास महाराज ने कहा कि संकीर्तन सम्राट स्वामी मुकुंद हरि महाराज भारतीय संस्कृति के बहुमूल्य पुरोधा थे। वह स्वरचित पदों का गायन अपने मधुर कंठ से करके सभी को भाव-विभोर कर देते थे। उनका सवर कोयल के समान था। मुख्य अतिथि चतुः संप्रदाय विरक्त वैष्णव परिषद् के अध्यक्ष महंत सच्चिदानंद दास महाराज ने बाबा गोपालदास लघु सखी कृत मुकुंद हरि चालीसा नामक पुस्तक का लोकार्पण किया।

संयोजक बाबा गोपालदास ने कहा कि इस संसार में प्रतिदिन असंख्य व्यक्ति पैदा होते हैं और असंख्य लोग विदा होते हैं। याद केवल स्वामी मुकुंद हरि जैसे संतों को ही किया जाता है। कार्यक्रम में संगीतज्ञ वरुण, अंबरीश, नरेश कुमार ने मृदुल स्वर लहरियों के मध्य मुकुंद हरि महाराज द्वारा रचित पदों का गायन कर मंत्र मुग्ध कर दिया। इस अवसर पर स्वामी आदित्यानंद महाराज, महंत जगन्नाथ दास शास्त्री, भक्तमाल दास, बिहार लाल वशिष्ठ, डा. गोपाल चतुर्वेदी आदि उपस्थित थे।

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कैप्शन- वृंदावन के सुदामा कुटी में मुकुंद हरि महाराज के जयंती महोत्सव में उपस्थित संत एवं विद्वतजन।

महर्षि परशुराम जयंती पर विद्वत संगोष्ठी


मथुरा (DJ)। श्री रंगनाथ लोक सेवा संस्थान के तत्वावधान में भगवान परशुराम जयंती की पूर्व बेला पर एक विद्वत संगोष्ठी का आयोजन शनिवार को रंगनाथ प्रेस प्रांगण में किया गया।

इस अवसर पर आचार्य नरेश नारायण ने भगवान परशुराम को श्रीमन्नारायण का आवेशावतार बताते हुए 24 अवतारों में श्रेष्ठ अवतार बताया। उन्होंने कहा कि महर्षि परशुराम ने 21 बार पृथ्वी को जीतकर उसे ब्राह्माणों को प्रदान किया। महेश शर्मा ने कहा कि हमें अपने जीवन में बड़ों का सम्मान करना सीखना चाहिए। सुरेश शर्मा ने कहा कि शक्ति तप से प्राप्त होता है। आज विप्र समाज तप से विमुख होता जा रहा है।

आनंद शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम अपने पिता के आज्ञाकारी थे। पिता का आशीर्वाद सर्वोपरि है। गिरिराज शास्त्री ने कहा कि भगवान मानव जीवन को संतुलित बनाने के लिए समय-समय पर अवतार धारण करते हैं। मधुमंगल शुक्ला ने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की चिंता छोड़नी पड़ती है। भगवान परशुराम जी हमारे आदर्श हैं। महेश भारद्वाज ने कहा कि ब्राह्माणों को संतोषी एवं तपस्वी होना चाहिए तभी विप्र समाज का गौरव बढे़गा।

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