Friday, May 21, 2010

2010-05-22 Braja News


जिला प्रशासन ने हटवाए अतिक्रमण


सड़क चौड़ीकरण के लिए चलाया अभियान, हड़कंप
सख्ती : विद्यामंदिर मार्केट के बाहर की दुकानों पर बुलडोजर चलाया

वृंदावन (AU, May 22, 2010) । वृंदावन समग्र विकास योजना की सड़क चौड़ीकरण में बाधक बने अतिक्रमणों को हटाने का कार्य शुक्रवार को एक बार फिर शुरू कर दिया। प्रशासन ने अभियान की शुरुआत रमणरेती से की। दोपहर बाद तक हरि निकुंज चौराहे पर समाप्त कर दिया।

अभियान का नेतृत्व कर रहे सिटी मजिस्टे्रट मनोज कुमार सिंह, सीओ आशुतोष द्विवेदी, पुलिस बल और पीएसी के साथ सुबह करीब नौ बजे सबसे पहले विद्यामंदिर के मार्केट के बाहर की दुकानों पर बुलडोजर चलाया। इसके बाद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी मशीनों ने आईओपी के मार्केट की सीढ़ी, शोरावाला, बालाजी आश्रम की प्याऊ, फोगला आश्रम, हनुमान टेकरी, श्यामाबाई स्कूल, वृंदा फूड्स, भारती फूड्स, साधु वेला, यमुना धाम, नेह निकुंज के अलावा अनेक पक्के अतिक्रमणों को ध्वस्त किया।

जैसे-जैसे बुलडोजर आगे बढ़ता गया, दुकान एवं भवन स्वामियों में हड़कंप मच गया। इसके बाद पीडब्ल्यूडी और पालिका के अधिकारियों ने हरि निकुंज चौराहे से विद्यापीठ चौराहे तक नाप तौल की है। अभियान के दौरान ज्यादातर संतों के आश्रमों और गरीबों की मकान और दुकानें ढहाई गईं, वहीं बड़ों, रसूकदार लोगों के भवनों और प्रतिष्ठान को नहीं छेड़ा गया इससे लोगों में रोष है। इसके अलावा अभियान के दौरान सबसे पहले ब्रज बिहारी कालोनी, इस्कान मंदिर के प्रबंधन के साथ-साथ अन्य कइयों ने प्रशासन के हाथ में कोर्ट का स्टे आर्डर भी थमा दिया।

सपाइयों ने मुआवजा देने की मांग उठाई

प्रशासन द्वारा चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान में राजनैतिक दलों के नेताओं ने भी आम लोगों की रोजी-रोटी न छीने जाने की अपील की। सपा के नगर अध्यक्ष आरके सिंह और पूर्व अध्यक्ष वल्लभ भाई कुशवाहा, अखिलेश गौतम कार्यकर्ताओं के साथ अभियान स्थल पर पहुंचे। उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार और पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन संतराम से क्षेत्रीय लोगों के साथ वार्ता करने की बात कही। वल्लभभाई कुशवाह ने तो दुकान एवं मकान तोड़ने के बदले मुआवजे की मांग की है।

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वृंदावन के रमणरेती इलाके में चलाए गए अभियान के दौरान अतिक्रमण हटाता बुलडोजर।

दस लाख रोपे जायेंगे पौधे


मथुरा (DJ May 22, 2010) । जिले में पौधे रोपने के लक्ष्य में दोगुने से अधिक का इजाफा किया गया है। यह कदम ग्राम विकास मंत्री उत्तर प्रदेश के निर्देश पर उठाया गया है। इस बार मानसून सत्र में विभिन्न विभागों द्वारा दस लाख से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। सभी विभागों को पौधे रोपने का लक्ष्य आवंटित कर दिया गया है।

ग्राम विकास मंत्री उत्तर प्रदेश 27 अप्रैल को पंच सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए यहां आए थे। उन्हें जनपद में कम हरियाली नजर आई। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने जिले के अधिकारियों को अधिक से अधिक पौधे रोपने के निर्देश देते हुए लक्ष्य को दो ढाई गुना बढ़ाए जाने को कहा।

मंत्री के निर्देश पर जिले में 345150 पौधे रोपने के लक्ष्य को बढ़ाकर 1043350 लाख कर दिया गया। वन विभाग 364 हेक्टेयर में चार लाख पौधे लगाएगा। इसकी तैयारियां विभाग ने कर ली हैं। 2600 पौधे उर्जा विभाग, 9100 औद्योगिक विकास, 14950 आवास एवं शहरी नियोजन, 11050 सिंचाई विभाग, 7800 पीडब्ल्यूडी, 650 सहकारिता, 5200 भूमि एवं जल संरक्षण, 50000 उद्यान विभाग, 10000 शिक्षा विभाग और कृषि विभाग को 30000 पौधे लगाने हैं। ग्राम्य विकास विभाग को 500000 पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया है। इसमें सभी दस ब्लॉकों को 50000-50000 पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया है।

बताया गया है कि पौधे रोपने को मुख्य विकास अधिकारी ने पिछले दिनों बुलाई संबंधित विभागों की बैठक में दस-दस हजार पौधे रोपने का लक्ष्य ब्लॉकों को अलग से दे दिया। डीएफओ डॉ. केएल मीणा ने बताया कि विभागीय नर्सरियों में पौधे तैयार हैं। मानसून की पहली बारिश होने के बाद पौधे रोपने का काम शुरू कर दिया है।

उन्होंने बताया कि इस बार 53600 शीशम, 1190 बेल, 1000 महुआ, 50 आम, 21835 नीम, 13800 इमली, 14600 जामुन, 15980 यूके लिप्टस, 10200 अर्जुन, 62400 कंजी, 21000 सिरस, 4600 सागौन, 1800 सेमल, 29800 पापड़ी, 18800 केसिया श्यामिया, 4185 पाइकस, 6200 बकेन, 11020 जंगल जलेबी, 27560 अन्य फलदार, 50280 शोभाकार पौधे रोपे जाएंगे।

नालों को कवर किए जाने से कम होंगी समस्याएं


मथुरा (DJ May 22, 2010) । बसपा के मथुरा-वृंदावन विधान सभा क्षेत्र के कोआर्डीनेटर डॉ. अशोक अग्रवाल ने कहा है कि जहां सड़कें कम चौड़ी हैं वहां जेनर्म में अंर्तगत निर्माणाधीन नालों को कवर किए जाने से समस्याएं कम होंगी। उन्होंने इस पर हर्ष भी व्यक्त किया है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि खुले नालों से जहां एक तरफ गंदगी एवं दुर्गध आने से स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता था और आए दिन दुर्घटनाएं होती थी। वहीं इनको कवर किए जाने से उक्त समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

पारा 45.48 डिग्री, तप रहे पृथ्वी-आसमां


मथुरा। सूरज के तेवरों में अभी कोई कमी नहीं आई है। शुक्रवार को तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई। जिले का औसत तापमान 45.48 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। शहर में तापमान 47.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। भीषण गर्मी से जनमानस का हाल बेहाल है।

सूरज की तेजस्विता में कमी नहीं आ रही है। शुक्रवार को औसत तापमान में .58 डिग्री सेल्सियस की मामूली गिरावट दर्ज की गई। आईसीटी/सीपीटी के वेदर स्टेशनों पर सर्वाधिक तापमान सदर में दूसरे दिन भी 47.1 डिग्री सेल्सियस बना रहा। नौहझील में भी तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई। यहां तापमान 45.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

छाता और बलदेव में सूरज ने नरमी बरती। छाता में पारा 45 और बलदेव में 44.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गत दिवस के मुकाबले छाता और बलदेव में तापमान में मामूली गिरावट आई है। मांट में भी पारा एक डिग्री सेल्सियस नीचे खिसक कर 45 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। राया में पारा दो डिग्री सेल्सियस नीचे लुढ़का है। 45.8 डिग्री से गिरकर राया में तापमान 43.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। चौमुहां में तापमान में मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। तापमान 45.6 डिग्री से बढ़कर 45.7 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। फरह में भी तापमान ने मामूली उछाल भरी। फरह में 45.5 डिग्री से बढ़कर तापमान 45.8 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा। नंदगांव में 45.2 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर तापमान 46.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। जिले में औसत तापमान 45.48 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

गत दिवस के मुकाबले औसत तापमान में .58 डिग्री सेल्सियस की मामूली गिरावट आई। औसत सापेक्ष आ‌र्द्रता में भी गिरावट का दौर जारी रहा। वायु मंडल में औसत नमी पन्द्रह प्रतिशत से घटकर ग्यारह प्रतिशत पर आ गई। दिन रात पड़ रही भीषण गर्मी से जनमानस का हाल बेहाल है। उनकी परेशानियां तब बढ़ जाती है, जब विद्युत आपूर्ति ठप हो जाती है। दोपहर में तीन से चार घंटे तक की जा रही बिजली की कटौती ने लोगों की नाक में दम कर रखा है। बिजली के साथ-साथ पेयजल संकट बरकरार बना हुआ है। शहर हो या फिर देहात सभी जगह से लोग पानी संकट की शिकायत सरकारी कार्यालयों में दर्ज कर रहे हैं। फिजीशियन डॉ. मनीष बंसल बताते हैं कि गर्मी से जनित बीमारियां लोगों को घेर रही है। ज्यादा देर तक धूप में चलने या फिर काम करने से वाले लोगों का बदन झुलस रहा है।

चिराग तले अंधेरा


मथुरा (DJ May 22, 2010) । जिला प्रशासन जनपद की प्यास बुझाने की भाग दौड़ में लगा हुआ है। खुद के यहां लगे आरओ प्लांट और हैंड पम्पों पर एक नजर भी इनायत नहीं की जा रही है। कलक्ट्रेट परिसर में ही आरओ प्लांट व हैंडपंप खराब पड़े हैं, लेकिन अफसरों की या तो नजर नही पड़ी या फिर सही कराने की फुर्सत नहीं मिल रही है। जबकि पूरे जनपद में खराब हैंडपंपों की मरम्मत, री-बोरिंग और तालाबों को भरवाने का अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्ट्रेट परिसर में तीनों आरओ प्लांट खराब बताये गये हैं। इसी तरह कई हैंडपंप भी खराब हैं। कर्मचारियों को अनुभागों में रखे घड़ों को भरने के लिये दूर से पानी ढोना पड़ रहा है।

कलक्ट्रेट परिसर में तीन आरओ प्लांट लगे हैं। एडीएम के कार्यालय के बाहर लगे आरओ प्लांट के रखरखाव व मरम्मत आदि का जिम्मा एक राष्ट्रीयकृत बैंक के पास है। आरओ प्लांट खराब है, यह जानकारी संबंधित बैंक को देने की जहमत भी नहीं उठायी जा रही। नजारत के सामने व एसएसपी कार्यालय के साइड में लगे आरओ प्लांट भी पानी ठंडा नहीं कर रहे। नजारत और संबंधित अन्य अफसरों के पास इसे सही कराने की फुर्सत नहीं है। जाहिर है, कलेक्ट्रेट के अनुभागों और अधिवक्ताओं के पास आने वाले वादकारियों और अन्य लोगों को शीतल की बजाय गर्म जल पीने को मिल रहा है। कुछ कलक्ट्रेट कर्मियों के अनुसार, प्लांट खराब होने की जानकारी अफसरों को भी है, लेकिन वे इसे सही कराने की जरूरत नहीं समझ रहे। इसी तरह कलेक्ट्रेट परिसर में लगे चार हैंडपंप भी खराब बताये गये हैं। यहां गौरतलब है कि गर्मी के प्रकोप में तेजी आने के साथ ही शासन ने अफसरों को शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में खराब हैंडपंपों की मरम्मत आदि कराने के निर्देश दे दिये गये थे।

विद्युत: परेशान जनता, बेवश अफसर


मथुरा (DJ May 22, 2010)। कोसीकलां में प्रदर्शन, नारेबाजी, हंगामा और हा-हाकार। हालात बेकाबू और अधिकारी लाचार। विद्युत कटौती की भीषण स्थिति। कुछ ऐसे ही दृश्य नगर में आए दिन बन रहे हैं। इसके बाद भी कुछ नहीं बदला रहा है तो वह विद्युत कटौती की समस्या। जनता सुधार चाहती है। अधिकारी सफाई दे रहे हैं। लेकिन नतीजा फिलहाल सिफर है। कटौती से तंग शहर एवं देहात उबल रहा है। जनता सड़कों पर आ गई है। जिसको लेकर अब राजनैतिक गलियारों में भी उफान आना शुरू हो गया है। नतीजतन पिछले करीब एक सप्ताह में विद्युत संकट से जूझती जनता ने इतने प्रदर्शन, हंगामे, ज्ञापन दे दिए हैं कि जनता के उग्र होते प्रदर्शनों को लेकर भयभीत अधिकारियों ने दफ्तरों में बैठना छोड़ दिया है।

अधिकारियों का कहना है कि जब आपूर्ति ऊपर से ही नहीं मिलेगी तो वे समस्या का समाधान कैसे कर पाएंगे। जनता के आक्रोश को झेल रहे एक्सईएन सुनील सिन्हा ने बताया कि समस्या को वे समझते हैं। इसके लिए उन्होंने समय- समय पर अपने अधिकारियों को मौखिक एवं लिखित रूप में अवगत कराकर आपूर्ति सुचारू कराने की बात कही है। लेकिन इसके सकारात्मक नतीजा नहीं आ सके। ऐसे में वे क्या करें? भाजपा व रालोद ने अपने- अपने प्रदर्शन और पत्रों में इस समस्या के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने समस्या समाधान न होने पर अनशन आदि की भी धमकी दी है। वहीं दूसरी ओर जब इस बावत बसपा सरकार के एमएलसी चौधरी लेखराज सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वे पूर्व में भी उक्त समस्या को लेकर अधिकारियों से बातचीत कर चुके हैं। इस समस्या को लेकर अब व्यवसायिक शिक्षा मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण एवं वे स्वयं लखनऊ जा रहे हैं। वहां इस समस्या को प्रमुखता से रखा जाएगा।

नालों को कवर किए जाने से कम होंगी समस्याएं

मथुरा (DJ May 22, 2010) । बसपा के मथुरा-वृंदावन विधान सभा क्षेत्र के कोआर्डीनेटर डॉ. अशोक अग्रवाल ने कहा है कि जहां सड़कें कम चौड़ी हैं वहां जेनर्म में अंर्तगत निर्माणाधीन नालों को कवर किए जाने से समस्याएं कम होंगी। उन्होंने इस पर हर्ष भी व्यक्त किया है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि खुले नालों से जहां एक तरफ गंदगी एवं दुर्गध आने से स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता था और आए दिन दुर्घटनाएं होती थी। वहीं इनको कवर किए जाने से उक्त समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

पारा 45.48 डिग्री, तप रहे पृथ्वी-आसमां


मथुरा। सूरज के तेवरों में अभी कोई कमी नहीं आई है। शुक्रवार को तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई। जिले का औसत तापमान 45.48 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। शहर में तापमान 47.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। भीषण गर्मी से जनमानस का हाल बेहाल है।

सूरज की तेजस्विता में कमी नहीं आ रही है। शुक्रवार को औसत तापमान में .58 डिग्री सेल्सियस की मामूली गिरावट दर्ज की गई। आईसीटी/सीपीटी के वेदर स्टेशनों पर सर्वाधिक तापमान सदर में दूसरे दिन भी 47.1 डिग्री सेल्सियस बना रहा। नौहझील में भी तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई। यहां तापमान 45.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

छाता और बलदेव में सूरज ने नरमी बरती। छाता में पारा 45 और बलदेव में 44.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गत दिवस के मुकाबले छाता और बलदेव में तापमान में मामूली गिरावट आई है। मांट में भी पारा एक डिग्री सेल्सियस नीचे खिसक कर 45 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। राया में पारा दो डिग्री सेल्सियस नीचे लुढ़का है। 45.8 डिग्री से गिरकर राया में तापमान 43.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। चौमुहां में तापमान में मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। तापमान 45.6 डिग्री से बढ़कर 45.7 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। फरह में भी तापमान ने मामूली उछाल भरी। फरह में 45.5 डिग्री से बढ़कर तापमान 45.8 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा। नंदगांव में 45.2 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर तापमान 46.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। जिले में औसत तापमान 45.48 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

गत दिवस के मुकाबले औसत तापमान में .58 डिग्री सेल्सियस की मामूली गिरावट आई। औसत सापेक्ष आ‌र्द्रता में भी गिरावट का दौर जारी रहा। वायु मंडल में औसत नमी पन्द्रह प्रतिशत से घटकर ग्यारह प्रतिशत पर आ गई। दिन रात पड़ रही भीषण गर्मी से जनमानस का हाल बेहाल है। उनकी परेशानियां तब बढ़ जाती है, जब विद्युत आपूर्ति ठप हो जाती है। दोपहर में तीन से चार घंटे तक की जा रही बिजली की कटौती ने लोगों की नाक में दम कर रखा है। बिजली के साथ-साथ पेयजल संकट बरकरार बना हुआ है। शहर हो या फिर देहात सभी जगह से लोग पानी संकट की शिकायत सरकारी कार्यालयों में दर्ज कर रहे हैं। फिजीशियन डॉ. मनीष बंसल बताते हैं कि गर्मी से जनित बीमारियां लोगों को घेर रही है। ज्यादा देर तक धूप में चलने या फिर काम करने से वाले लोगों का बदन झुलस रहा है।

वेटन रिले रूट में जिले का नाम नहीं


कामनवेल्थ गेम्स में कृष्ण स्थली उपेक्षित, ताज नगरी को प्राथमिकता

निराशा : ओलंपिक संघ, जनप्रतिनिधि, प्रशासन की रुचि नहीं, वर्ष २००६, २००८ में जनपद में ठहरी थी वेटन रिले

मथुरा (AU May 22, 2010) अमर उजाला विशेष । कामनवेल्थ गेम्स के आयोजन से पूर्व निकलने वाली वेटन रिले के रूट चार्ट मेें मथुरा का नाम शामिल नहीं है। इससे खेल प्रेमियों में निराशा छा गयी है। इधर खेल संघ और आयोजन समिति अब भी वेटन के मथुरा में आने की संभावना का दावा कर रहे है।

दिल्ली में आयोजित कामनवेल्थ २०१० खेल आयोजन में विश्व के ७० देशों के लगभग आठ हजार खिलाड़ी और बड़ी संख्या में विदेशियों के प्रतिनिधिमंडल आ रहे हैं। खेलों के शुरू होने से पूर्व ही वेटन रिले को हाथ में लेकर संख्या में खिलाड़ी का काफिला गुजरता है। इस बार ये काफिला मथुरा में नहीं आ रहा है। भगवान कृष्ण की नगरी तथा इस्कान टेंपल के अलावा विदेश के कोने-कोने में बृज के चाहने वालों की अच्छी संख्या होने के बाद भी ताज महल को तरजीह दी गई है।

दिलचस्प बात ये है इससे पूर्व वर्ष २००६ में ऑस्टे्रलिया में हुए कामन वेल्थ की वेटन का मथुरा होकर ही गुजरी थी। वहीं २००८ में यूथ कामनवेल्थ की वेटन का ठहराव जिले के डिग्री कालेज में हुआ था। इस बार ऐसा न हो पाने की वजह जनप्रतिनिधि, प्रशासन और ओलंपिक संघ की कमजोर पैरवी माना जा रहा है। इस संदर्भ के ओलंपिक संघ के प्रांतीय सचिव आनंदेश्वर पांडे का कहना है कि अभी वेटन के मथुरा आने की संभावनाएं बचीं है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे है। हाल ही में आयोजन समिति के सदस्य बने जीडी शर्मा का दावा भी कुछ इसी प्रकार का है।

क्या है वेटन रिले ?

कामन वेल्थ से पूर्व निकाली जाने वाली वेटन एक टार्च नुमा आकृति की मशाल होती है। इस पर स्पर्श के साथ ही उक्त खिलाड़ी और स्थल का नाम विश्व परिदृश्य पर झलकता है।

होटल, पर्यटन उद्योग को झटका

मथुरा। जिला पर्यटन अधिकारी डीके शर्मा ने बताया अभी तक वेटन का जनपद आगमन का कार्यक्रम नहीं है ये निराशाजनक है। उन्होंने स्वीकारा इससे जनपद में आने वाले पर्यटकों की संख्या पर असर पड़ेगा। वहीं होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रांतीय सचिव अमित जैन और होटल व्यवसायी राजीव ‘ब्रजवासी’ का कहना है वेटन रिले के जनपद में न आने से होटल उद्योग की सभी तैयारियां धरी रह जाएंगी।

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