ब्रज का विकास कराएंगे गोवा के मुख्यमंत्री
मथुरा। गोवा के मुख्यमंत्री दिगंबर कामथ ने कहा है कि प्रभु श्री कृष्ण की जन्म भूमि में हुआ विकास कार्य पर्याप्त नहीं है। वह अपने व्यक्तिगत संपर्क एवं प्रभाव का इस्तेमाल करके मथुरा-वृंदावन क्षेत्र का और अधिक विकास कराएंगे।
धार्मिक यात्रा पर आये मुख्यमंत्री ने ये बातें गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुये कहीं। श्री कामथ ने पढ़रपुर जैसे धार्मिक स्थल का हवाला देते हुये बताया कि वहां के समुचित विकास के लिये उन्होंने हर संभव सहयोग लिया। उनकी इच्छा है कि सुंदर, मनोरम गोवा तथा भगवान की जन्म भूमि का संबंध आत्मीय बने। एक दूसरे के काम आएं।
मुख्यमंत्री के साथ आये श्री प्रमोद कृष्णम् महाराज ने बताया कि जिस संभल में भगवान कल्कि अवतार धारण करेंगे वह वहां के पीठाधीश्वर हैं। नृसिंह, राम-कृष्ण के बाद अब कल्कि अवतार होगा। उनकी इच्छा है कि प्रभु कृष्ण की नगरी से अमृत से जीवन वास्ते प्रेम का रास्ता निकाले। मुख्यमंत्री श्री कामथ ने सायंकाल रामायण प्रचारिणी समिति के वार्षिकोत्सव, श्री राम कथा-प्रवचन एवं भजन संध्या समारोह का भी आनंद लिया। द्वारिकाधीश व श्री कृष्ण जन्म भूमि स्थित केशव देव के दर्शन किये।
गोवा के मुख्यमंत्री ने मंदिरों के दर्शन किए
वृंदावन। गोवा के मुख्यमंत्री दिगंबर कामथ ने परिवार के साथ गुरुवार की शाम नगर के विभिन्न मंदिरों के दर्शन किए। इस्कॉन मंदिर में दर्शन के बाद वे भक्तों के साथ नाचने भी लगे।
राजनीतिक चर्चा पर एतराज जताते हुए उन्होंने पत्रकारों से धार्मिक बातें कीं। उन्होंने कहा कि गोवा और वृंदावन में बहुत समानताएं भी हैं। वहां पाश्चात्य का प्रेम है तो यहां भक्ति का। भक्ति सर्वोपरि है, इसलिए मनुष्य चाहे कहीं भी रहे लेकिन ब्रज में आकर भक्ति से वंचित नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि गोवा में भी मंदिरों की संख्या बढ़ रही है।
कामथ ने कहा कि गोवा विदेशी एवं देशी सैलानियों के लिए विशेष पर्यटकस्थल है। वहां की सुरक्षा के लिए केंद्र एवं गोवा की सरकार कृत संकल्पित है। इससे पहले उन्होंने इस्कॉन एवं बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर नारायण गिरि महाराज, रामगोपाल, जुगलकिशोर गोस्वामी, रामकिशन उपस्थित थे।
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वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में दर्शन के बाद बाहर आते गोवा के मुख्यमंत्री दिगंबर कामथ।
मथुरा-वृंदावन दस वर्ष पूर्व जैसा ही: कामत
शिरडी जैसा विकास यहां नहीं दिखता
मथुरा। दस वर्ष पूर्व जैसा ही है मथुरा-वृदांवन, जबकि महाराष्ट्र का धार्मिक स्थल शिरडी बदल चुका है। वहां पर्याप्त विकास हुआ है। यह कथन है गोवा के मुख्यमंत्री दिगबंर कामत का। उन्होंने कहा कि मथुरा और वृंदावन समेत ब्रज के समस्त दर्शनीय स्थलों को संजोकर रखने की आवश्कता है।
कामत ने गुरुवार को यहां अमर उजाला से एक अनौपचारिक मुलाकात में कहा कि वह मथुरा-वृदांवन में दर्शन के लिए आते रहे हैं। १० वर्ष से यहां आने के बाद देखा है कि मथुरा-वृंदावन विकास के मामले में पहले जैसा ही है। कोई विकास नहीं दिखा। उन्होंने कहा कि योगीराज श्रीकृष्ण की नगरी की टूटी सड़कें देख श्रद्धालुओं को यह सब कचोटता होगा।
उन्होंने शिरडी का उदाहरण देते हुए कहा कि दस वर्ष पहले वहां कुछ नहीं था। अब शिरडी का विकास देखने लायक है। महाराष्ट्र सरकार ने ऐसा कर दिखाया है। शिरडी आने वाले भक्त को सुविधा मिल रही है। वहां आने वाला हर श्रद्धालु गदगद हो जाता है। इसी प्रकार मथुरा-वृंदावन का विकास भी वह देखना चाहते हैं। वार्ता के दौरान सुनील अग्रवाल स्वीटी, राजन पाठक, कांग्रेस नेता गिरधारी लाल पाठक मौजूद रहे।
वर्तमान में यमुना का अस्तित्व खतरे में
मथुरा। वृन्दावन हेरीटेज एलायंस की एक बैठक बुधवार को वंशीवट स्थित ठा. वंशीवट बिहारी मंदिर में महंत गोविंद शरण महाराज की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें वृन्दावन के बिगड़ते स्वरूप पर चिंता जताई गई। इस अवसर पर भगवतशरण गौतम ने कहा कि यमुना, ब्रज रज एवं प्राचीन वृक्ष वृन्दावन की पहचान हैं।
वर्तमान में यमुना का अस्तित्व खतरे में है। आचार्य नरेश नारायण ने कहा कि यमुना में नालों को गिरने से रोका जाय। कोई भी ब्रजवासी यमुना को गंदा होते नहीं देख सकता है। अधिवक्ता प्रतिभा शर्मा ने कहा कि यमुना योगीराज भगवान श्रीकृष्ण एवं राधारानी की लीलाओं की रास लीलाओं की साक्षी रही है।
इसे जितनी प्राचीनता से सुसज्जित किया जाय, वह उतनी ही सुंदर लगेगी। बालकृष्ण गौतम ने कहा कि वृन्दावन के घाट अन्य तीर्थ स्थलियों के घाटों से वास्तुकला की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं। इनको भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित किया जाना चाहिए।
सांसद ने ली यमुना प्रदूषण की जानकारी
मथुरा। सांसद जयंत चौधरी ने गुरुवार को यमुना प्रदूषण मुद्दे पर शहर के गणमान्य व्यक्तियों के साथ मंथन किया। इस मौके पर इस मुद्दे से जुड़े तमाम लोगों ने उन्हें प्रदूषण मुक्ति में आने वाली अड़चनों और प्रशासनिक रुख की जानकारी दी। इस पर सांसद ने इस मामले को संसद में उठाने का आश्वासन दिया।
सांसद जयंत चौधरी ने यमुना प्रदूषण मुद्दे पर स्वयं पहल करते हुए इस मामले से जुड़े चतुर्वेदी समाज, ब्राह्मण समाज, प्रेस एवं संभ्रांत लोगों की बैठक बुलाई। इस मौके पर उन्होंने सभी से यमुना को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए सुझाव मांगे। इस दौरान कांतानाथ चतुर्वेदी ने अवगत कराया कि इस मामले में करोड़ों खर्च के बाद भी यमुना की दशा नहीं सुधरी है।
हाईकोर्ट के आदेशों की प्रशासन लगातार धज्जियां उड़ा रहा है। इस पर सांसद जयंत ने हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों की कापी मांगी। साथ ही इस मुद्दे को संसद में उठाने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि इस मामले में रालोद का एक प्रतिनिधिमंडल प्रशासन से मिलेगा। इस मौके पर प्रशासन से जवाब-तलब कर करोड़ों खर्च कहां हुआ, इसका ब्यौरा मांगा जाएगा। इस अवसर पर रालोद के नगर अध्यक्ष श्याम चतुर्वेदी, संजीव चतुर्वेदी समेत अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
पेयजल और सफाई
मथुरा। एक तरफ शासन भीषण गर्मी में पानी और गंदगी को लेकर संवेदनशील है तो दूसरी तरफ अफसरों की मौज मस्ती चल रही है। पेयजल और सफाई के लिए जिम्मेदार अधिकारी कहां गये हैं और कब आयेंगे कोई नहीं जानता।
सूत्रों के अनुसार वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. बृजेश चंद्रा सफाई कार्यो में रुचि नहीं ले रहे। मुख्य स्वच्छता निरीक्षक नरेश बाबू कोर्ट में पेशी के लिए एक दिन का अवकाश लेकर गए थे।
पेयजल की किल्लत के बीच तो हाल और भी बुरा है। कार्यवाहक जलकल अभियंता कुं. रवींद्र सिंह दो दिन के अवकाश पर गए थे, लेकिन वह तीस अप्रैल से गायब हैं। उनकी अनुपस्थिति में जलकल में आने वाली शिकायतों का निस्तारण लटका हुआ है। नलकूपों की हालत खराब बतायी जा रही है।
अपर जिलाधिकारी कानून व्यवस्था एवं वित्त प्रभारी अवधेश तिवारी दो बार खराब एवं नए बने नलकूपों का निरीक्षण कर चुके हैं, लेकिन जो खराब हैं, उनकी मरम्मत का कार्य ठीक से नहीं हो रहा है तो दूसरी ओर कई नए नलकूपों से सप्लाई अभी भी शुरू नहीं हो पायी है।
भागवत 3ाव!ा से ान की प्राक्त्रित
मथुरा। ब्रजराज श्री कृष्ण के गोपियों संग प्रेम और स्नेह की कथाओं से आज पूरा देश ही नहीं बल्कि धरती के कोने-कोने पर प्रेम संदेश फैला हुआ है। जिससे विदेशों से भी कृष्ण प्रेम रस में डूबने के लिए श्रद्धालुओं का जमघट ब्रज में लगा रहता है।
यह प्रवचन नगर के बल्देवगंज में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास पं. नन्नूमल शास्त्री ने श्रद्धालुओं को कथा रसपान कराने के दौरान व्यक्त किये। उन्होने कहा कि बिना प्रेम और स्नेह के प्रार्थना सफल नहीं होती। तभी तो जब ऊधौ श्री कृष्ण को गोकुल से लेने आए तो गोपियों ने उन्हें कृष्ण को न ले जाने देने के लिए हर सम्भव प्रयास किये।
जिस पर जिस कृष्ण ने कहा कि मेरा तन जरूर जा रहा है, लेकिन मन हमेशा तुम्हारे पास ही रहेगा। इस दौरान उन्होने ये तो प्रेम की बात है ऊधौ भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान कलाकरों द्वारा प्रस्तुत संगीतमयी धुनों ने पूरा वातावरण कृष्णमयी कर दिया।
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