Sunday, May 23, 2010

2010-05-24 Braja News

पथवारी पूजा को लेकर राया के दो गांव में तनाव


नरवै, थना अमर सिंह के ग्रामीणों में तकरार
सतर्कता : सुरक्षा की दृष्टि से गांव में पुलिस फोर्स तैनात, अकाल मौतें रोकने को अनुष्ठान का मामला; थना अमर सिंह में पथवारी के लिए चंदा

राया (AU May 24, 2010) । पथवारी पूजा को लेकर ग्राम नरवै और थना अमर सिंह के ग्रामीणों के आमने-सामने आने से रविवार को भी तनाव के हालात बने रहे। हालांकि पुलिस ने मामला शांत करा दिया, लेकिन हालात न बिगड़ें इसे देखते हुए सतर्कता बरती जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से दोनों गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
मांट रोड स्थित ग्राम थना अमर सिंह में गत माह से अकाल मौतें हो रही थीं। दो माह में करीब दो दर्जन लोग असमय काल के गाल में समा चुके हैं। इसी समस्या के समाधान के लिए एक महात्मा ने गांव में कलश यात्रा और माता काली की पैदल यात्रा निकाल कर पथवारी की पूजा अर्चना करने को कहा।

विगत १८ मई से कलश यात्रा के साथ अनुष्ठान शुरू कर दिया गया। गत सायं माता काली की सवारी निकाली गई। माता काली के स्वरूप के साथ ग्रामीण पथवारी पूजने जा रहे थे। थना अमर सिंह के सामने ही ग्राम नरवै है। शनिवार को किसी ने यह अफवाह फैला दी कि काली के स्वरूप ने पथवारी की पूजा कर ली तो नरवै गांव पर संकट आ सकता है। इसी को लेकर ग्रामीण लामबंद हो गए। काली की सवारी को रोक दिया गया। देखते ही देखते दोनाें गांवों के लोग लाठी-डंडा निकाल कर सड़क पर आ गए।

सूचना मिलते ही थाना प्रभारी मय फोर्स घटनास्थल पर पहुंच गए और दोनों गांवों के लोगों को समझा-बुझा कर मामला शांत करा दिया। घटनाक्रम को लेकर ग्रामीणों में तनाव पूर्ण शांति है। सुरक्षा की दृष्टि से दोनों गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी है। बताया गया कि अब ग्राम थना अमर सिंह के ग्रामीण अलग पथवारी की स्थापना करेंगे। इसके लिए गांव में चंदा एकत्रित होना शुरू हो गया है।


रुक नहीं रहे यमुना और कुंडों में डूबने के हादसे


गौरतलब : डेढ़ माह पूर्व पानीगांव के चार बच्चे यमुना डूबे थे ; वृंदावन के केशी घाट पर भी एक युवक डूब गया था ; राधाकुंड में स्नान करते डूब गए थे तीन परिक्रमार्थी

मथुरा (AU May 24, 2010) । यमुना, राधाकुंड समेत क्षीरसागर में पिछले दो माह के दौरान पानी में डूबकर कई अभागों की मौत हो चुकी है। थाना यमुनापार के नीमगांव में भी डेढ़ माह पूर्व परिवारीजनों के साथ यमुना पार करते चार बच्चों की पानी में डूबने से मौत हुई थी। यहीं नहीं, वृंदावन के केशी घाट पर भी एक युवक स्नान करते समय डूब चुका है। तीन परिक्रमार्थी स्नान करते राधाकुंड में डूब गए थे।

ग्राम अड्डा फिरोजपुर (नौहझील) में चार बच्चों की यमुना में डूबने से जिस तरह रविवार को मौत हुई, उसी तरह पानीगांव में भी १५ अप्रैल को हृदय विदारक घटना हो चुकी है। उस दिन अशोक और ठाकुरदास अपने बच्चों के साथ खेत से लौटते समय गांव आने के लिए रबर के ट्यूब से यमुना पार कर रहे थे। ट्यूब पर अशोक की पुत्री अर्चना, किरन और पुत्र संदीप तथा ठाकुरदास की पुत्री पूनम बैठी हुई थी। यमुना में अचानक ट्यूबपलट जाने से चारों बचे यमुना के गहरे पानी में डूब गए। काफी प्रयास के बाद चारों बच्चों के शव पानी से निकाले जा सके थे।
१६ मई को वृंदावन के केशी घाट पर स्नान करते समय यमुना में डूबने से बरसाना के २० वर्षीय सोनू की मौत हो गई थी। गोवर्धन में परिक्रमा करते मई माह में राधाकुंड में स्नान करते समय डूबकर दिल्ली के एक, मानसी गंगा में डूबने से दो युवकों की मौत हो चुकी है। बलदेव के क्षीर सागर में भी बलदेव के राजकुमार पाठक की डूबने के कारण चार माह पूर्व मौत हो चुकी है।


यमुना में नहाते चार बच्चों की डूबने से मौत


दर्दनाक : इलाज में लापरवाही बरतने पर हंगामा ; ढाई घंटे रहा नौहझील-बाजना मार्ग जाम ; एक-एक लाख की घोषणा पर खुला जाम

नौहझील/मथुरा (AU May 24, 2010) । कसबे के समीपवर्ती अड्डा फिरोजपुर में रविवार दोपहर यमुना में स्नान करते चार बच्चे गहरे पानी में चले जाने से डूब गए। ग्रामीणों ने चारों को पानी में से निकाल पीएचसी नौहझील पहुंचाया, किंतु उन्हें बचाया नहीं जा सका। बाद में गुस्साए ग्रामीणों ने इलाज में लापरवाही पर जमकर हंगामा किया। बाजना मार्ग पर जाम लगा दिया। एसडीएम ने पीड़ित परिवारों को अर्थिक सहायता के रूप में एक -एक लाख के मुआवजे की घोषणा की। इसके बाद जाम खुल सका।

घटनाक्रम के अनुसार नौहझील से सटे अड्डा फिरोजपुर निवासी शब्बीर का १४ वर्षीय पुत्र जावेद, खलील का १० वर्षीय पुत्र नासिर, रफीक का नौ वर्षीय पुत्र शहबाज, मुन्ना खां का १० वर्षीय पुत्र अकील और अरवाज बकरियां चराने के लिए यमुना के खादर में गए थे। दोपहर करीब एक बजे पांचों बच्चे बकरियों को पानी पिलाने के लिए यमुना में गए। चारों बच्चे यमुना में स्नान करने लगे। बालक अबराज किनारे बैठा रहा।

चारों बालक यमुना में स्नान करते हुए गहरे पानी में चले गए। कुछ देर बाद ही वे डूबने लगे। अराबाज शोर मचाते हुए नौहझील पहुंचा। उसने चार बच्चों के यमुना में डूबने की जानकारी लोगों को दी। कुछ ही देर में नौहझील से बड़ी संख्या में ग्रामीण और बच्चों के परिजन यमुना की ओर दौड़ पड़े। काफी प्रयास के बाद ग्रामीणों ने डूबे चारों बच्चों को निकाला। चारों को नौहझील पीएचसी ले जाया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि चिकित्सकों ने इलाज में लापरवाही बरती, जिससे उनकी मौत हो गई। आक्रोशित ग्रामीणों ने चिकित्सकों के साथ हाथापाई भी की। ग्रामीणों ने बच्चों के शवों को नौहझील-बाजना चौराहे पर रख दोपहर ढाई बजे जाम लगा दिया। ग्रामीण चिकित्सक और फार्मासिस्ट के स्थानांतरण तथा मृतकों के परिजनों को मुआवजे की मांग करने लगे।

जाम लगने पर सहकारी बैंक के चेयरमैन डा. ललित शर्मा, ठाकुर रामपाल सिंह, समाजसेवी एसके शर्मा भी मौके पर पहुंच गए। इन लोगों ने पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए हर संभव मद्द करने का भरोसा दिया। थाना प्रभारी नौहझील के साथ सीओ मांट के अलावा तहसीलदार मांट, एसडीएम मांट राजीव गुप्ता भी मौके पर पहुंच गए। एसडीएम ने मृतकों के परिवारों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिलाने की घोषणा की। इसके बाद साढ़े चार बजे ग्रामीणों ने जाम खोल दिया।

चारों बच्चे मृत आए थे : डाक्टर
मथुरा । पीएचसी पर तैनात चिकित्सक डा. खानचंद का कहना है कि चारों बच्चों को यहां मृतावस्था में लाया गया था। वह मृत बच्चों का क्या इलाज करते। उन पर बच्चों के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया जा रहा है, जो निराधार है।


व्यापारी बाजार बंद कर २६ को बिजलीघर घेरेंगे


मात्र सात-आठ घंटे ही मिल रही सप्लाई ; गुस्सा : व्यापारी नेताओं ने तीन दिन का अल्टीमेटम दिया

कोसीकलां। भीषण गरमी के बीच निरंतर बढ़ रही बिजली कटौती के विरोध में व्यापारियों में चरणबद्ध आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। विद्युत विभाग और प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए व्यापारियों ने बाजार बंद कर बिजलीघर का घेराव करने की चेतावनी दी है, अगर फिर भी आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो प्रशासनिक अधिकारियों का घेराव किया जाएगा।

व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रांतीय संगठन मंत्री तरुण सेठ ने रविवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि बिजली कटौती से आम जनजीवन ठप होकर रह गया है। मात्र सात-आठ घंटे ही बिजली मिल पा रही है। बिजली की मनमानी कटौती से उद्योग चौपट हो रहे हैं। मंडल के नगर अध्यक्ष हरिशरण बिछोरिया ने कहा कि ग्रामीण अंचलों में तो दो-दो दिनों तक बिजली के दर्शन नहीं हो रहे। दिनभर में घंटे भर भी बिजली न मिलने से लोगों का बुरा हाल है। इसी को ध्यान में रखते हुए व्यापारियों ने व्यापक स्तर पर आंदोलन छेड़ने का निर्णय लिया है।

विद्युत विभाग और प्रशासन ने यदि २५ मई तक आपूर्ति सुचारुनहीं कराई तो २६ मई को बाजार बंद कर बिजलीघर पर धरना दिया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान अधिकारियों को कोई काम नहीं करने दिया जाएगा। वार्ता के दौरान कन्हैयालाल गोयल, सुभाष बजाज, भीमराज बजाज, नेमचंद गर्ग, महेश महावर, विमल जैन, ब्रजभूषण अग्रवाल, राजू, महेशचंद्र, अजय, अंकित, योगेश खंडेलवाल आदि मौजूद थे।


राया के विद्युत उपकेंद्र पर प्रदर्शन, घेराव


बिजली संकट से बिलबिलाए ग्रामीणों के सब्र का बांध टूटा
अल्टीमेटम : आपूर्ति में सुधार न हुआ तो चक्काजाम; बलदेव और महावन में भी हालात बिगड़े


राया/बलदेव/महावन (AU May 24, 2010) । विद्युत आपूर्ति में लगातार हो रहे व्यवधान से ग्रामीणों का हाल-बेहाल है। कई मिन्नतों और चेतावनियों के बाद भी हालात नहीं सुधर रहे। गरमी से बिलबिला रहे लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है। रविवार को राया के बाशिंदे यहां विद्युत उपकेंद्र पर पहुंच गए। जमकर नारेबाजी कर हंगामा किया। चेतावनी दी गई कि यदि आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।

भीषण गरमी में जहां लोगों को हर पल बिजली की जरूरत महसूस हो रही है, वहीं विद्युत विभाग हाथ खड़े करता जा रहा है। राया, बलदेव और महावन क्षेत्र में हाल-बेहाल है। दिन-रात और दोपहर में लगातार दो घंटे भी आपूर्ति नहीं मिल पा रही। पेयजल की आपूर्ति भी प्रभावित है। बलदेव और महावन के लोगों ने कहा है कि विद्युत कटौती का समय निश्चित किया जाए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो उनको आंदोलन पर मजबूर होना पड़ेगा।

शनिवार को बिगड़े हालात रविवार को भी न सुधरने पर राया के बाशिंदे आक्रोशित हो गए। लोग ब्लाक प्रमुख अशोक सिंह के नेतृत्व में विद्युत उपकेंद्र राया पर पहुंच गए। उनके साथ बल्टी गढ़ी, ब्यौंही, बिजाहरी, मदैम खजूरी, अनौड़ा, नगौड़ा, केशर गढ़ी, भरऊ गढ़ आदि स्थानों के ग्रामीण भी आ गए। लोगों ने विद्युत अधिकारियों के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और उनका घेराव कर लिया। ब्लाक प्रमुख ने अल्टीमेटम दिया कि अगर विद्युत व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो वह चक्का जाम करेंगे।

ग्रामीणों का कहना है कि बिजली आने के कारण फसल सूख रही है। पशुओं के लिए पानी नहीं मिल रहा है। जान-बूझकर अनौड़ा फीडर को बंद रखा जाता है। विद्युत उप केंद्र राया पर प्रदर्शन करने वालों में उमेश शंकर शर्मा, पूरन सिंह, रघुवीर सिंह, औकार सिंह, बलवीर सिंह, नवाब सिंह, हिम्मत सिंह, देवराज सिंह, धर्मेंद्र कुमार आदि थे।

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