Thursday, May 20, 2010

2010-05-21 Braja News

नये कमिश्नर ने खींचे अफसरों के कान


मथुरा (DJ, May 21, 2010) । आगरा मंडल के नवागत कमिश्नर सुधीर महादेव बोवड़े ने गुरूवार को यहां अपनी पहली बैठक में ही विकास कार्यो की समीक्षा कर कई विभागों के अफसरों के कान खींचे। उन्होंने वृंदावन प्रोजेक्ट के सभी कार्य तय समय सीमा में ही कराये जाने की अफसरों को ताकीद की। ताज ट्रिपेजियम जोन में शामिल होने की वजह से मथुरा की बिजली आपूर्ति में सुधार पर भी जोर दिया। कमिश्नर के दिल्ली रवाना होने के बाद अफसरों ने राहत की सांस ली।

कमिश्नर श्री बोवड़े दिल्ली जाते वक्त दोपहर करीब दो बजे रिफाइनरी गेस्ट हाउस पहुंचे। यहां जिला प्रशासन, मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण समेत करीब सभी विभागों के अफसर पहले से उपस्थित थे। सभी से परिचय के बाद कमिश्नर ने जनपद में चल रहे विकास कार्यो की समीक्षा शुरू की। इस दौरान नेशनल हाइवे अथारिटी, विद्युत निगम व लोक निर्माण विभाग के अधिकारी खासकर उनके निशाने पर रहे।

कमिश्नर ने कहा कि नेशनल हाईवे और अन्य प्रमुख सड़कों में सुधार की जरूरत है। ऐसा महसूस होता है जैसे सड़कों के पैचवर्क कार्य से हाथ जोड़ लिया गया है। कार्यो में यह शिथिलता समाप्त होनी चाहिये। वृंदावन प्रोजेक्ट में शामिल विकास कार्यों की उन्होंने विस्तार से समीक्षा की।

उन्होंने कहा कि विकास कार्यों की गुणवत्ता के साथ समझौता मंजूर नहीं किया जायेगा। बड़े अफसर समय-समय पर इसकी मानीटरिंग करते रहे। कार्य पूर्ण होने में यदि और देरी हुई तो संबंधित विभाग के अफसरों पर गाज गिरेगी। बैठक समाप्ति के बाद वह सीधे दिल्ली रवाना हो गये।



बेरहम पारा 46 डिग्री पार


मथुरा (DJ, May 21, 2010) । सूरज के तेवर और तीखे हो गए हैं। तापमान में मामूली वृद्धि हो गई है। गुरुवार को जिले का औसत तापमान 46.06 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। शहर और नौहझील इलाका सर्वाधिक गरम रहा। तेज गर्मी में पिछले साल रोपे गए पौधे झुलस कर मर रहे हैं।

सूरज के प्रचंड तेवरों से तापमापी पर पारा उछाल भर रहा है। आईसीटी / सीपीटी के वेदर स्टेशनों पर सर्वाधिक तापमान सदर में 47.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। नौहझील में 0.5 डिग्री सेल्सियस की मामूली वृद्धि हुई और तापमान 47 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

जिले में शहर और नौहझील ही सबसे अधिक गर्म रहा। छाता और बलदेव में भी सूरज की वक्र दृष्टि रही। छाता में 46.3 और बलदेव में 46.1 डिग्री सेल्सियस तक पारा पहुंचा। मांट में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि राया में 45.8 डिग्री, चौमुहां में 45.6 डिग्री, फरह में 45.5 डिग्री तापमान रिकार्ड किया गया। सबसे कम तापमान नंदगांव में 45.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जिले में औसत तापमान 46.06 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। गत दिवस के मुकाबले औसत तापमान में 0.57 डिग्री सेल्सियस की मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

औसत सापेक्ष आर्द्र ता में भी गिरावट आ गई है। वायु मंडल में औसत नमी पन्द्रह प्रतिशत से घटकर तेरह प्रतिशत तक आ गई है। आसमान से बरसती आग की चौतरफा मार पड़ रही है। इंसान और पशु पक्षी ही नहीं बल्कि प्रकृति भी सूरज की आग बरसा रही किरणों को नहीं झेल पा रही हैं। पिछले साल रोपे गए पौधे एक सप्ताह से पड़ रही तेज गर्मी से झुलस कर मर रहे हैं। वन विभाग का अनुमान है कि अब तक 15 से 20 फीसदी पौधे गर्मी की भेंट चढ़ चुके हैं। पिछले साल 416 हेक्टेयर में रोपे गए। दो लाख चालीस हजार पांच सौ पौधों के जीवन कि लिए तेज धूप खतरा बनी हुई है। वन विभाग रोड साइड के पौधों को बचाने के लिए चार टैंकर से पानी दे रहा है, लेकिन बावजूद इसके पौधों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।

बताया गया है कि नहर और ड्रेनों के किनारे लगे पौधों की सिंचाई करने के लिए टैंकर भी नहीं जा पा रहे हैं। इस काम के लिए मजदूरों को लगाया गया बताया जा रहा है। भीषण गर्मी में पौधों की प्यास न बुझाने से दो तीन साल पहले लगाए गए पौधों की पत्तियां भी तेज धूप की मार से झुलस रही हैं। हालांकि इनके तने को कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा बताया गया है। वन ब्लाकों में तेज गर्मी से आग लगने की आशंका को देखते हुए फायर लाइन बना दी गई है। अग्नि सुरक्षा श्रमिकों को तैनात कर दिया गया है।

अस्पताल डायरिया रोगियों से भरे


मथुरा (DJ, May 21, 2010) । गर्मी के रिकार्ड तोड़ने के साथ ही डायरिया पैर पसारती जा रही है। सरकारी हो या प्राइवेट अस्पताल, सभी डायरिया के रोगियों से भरे पड़े हैं।

जिला अस्पताल के मेडिकल और फीमेल वार्ड में डायरिया के ही रोगी नजर आ रहे हैं। इनमें शहरी और ग्रामीण रोगियों की संख्या करीब-करीब बराबर है। यहां भर्ती होने वाले सभी रोगियों को शरीर में पानी की कमी होने की वजह से पहले ग्लूकोज की बोतल चढ़ायी जा रही है। फिजीशियन डॉ. एके सचदेवा के अनुसार, इस मौसम में बासी भोजन व दूषित पीना पीना जनता की सेहत पर भारी पड़ रहा है।

गर्भ से आकर जीव भटक जाता है


मथुरा (DJ, May 21, 2010) । भागवताचार्य अनीता यादव ने कहा कि आज का मानव लक्ष्य विहीन है। उसे नहीं मालूम कि मुझे यह मानव देह क्यों मिली है। वह भोगों को भोगने में व्यस्त है। जबकि वास्तविकता यह है कि मानव का लक्ष्य है प्रभु को प्राप्त करना। उन्होंने कहा कि जीव तो गर्भ में ही यह प्रण कर लेता है कि हे प्रभु मुझे इस नरक से बाहर निकालो मैं आपका भजन करूंगा। सत्कर्म करूंगा, लेकिन गर्भ से आकर यह जीव भटक जाता है।

उन्होंने कहा कि जीव का स्वभाव होता है कि सुख की चाह, आनन्द की प्राप्ति। जब तक प्राणी को ज्ञान नहीं होता तब तक वह आनन्द व भोगों को देखता रहता है, लेकिन जब ज्ञान हो जाय तब आनन्द प्रभु में नजर आता है।

योग शिविर स्वस्थ रहने के दिये गुर


मथुरा (DJ, May 21, 2010) । जेसीआई ग्रेटर एवं वैदिक योग विज्ञान शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 8 दिवसीय नि:शुल्क योग शिविर में शामिल जनता को स्वस्थ रहने के गुर दिये गये।

16 मई से शोध संस्थान में लगाये शिविर में योग गुरु डा. देवव्रत के नेतृत्व में प्रशिक्षकों ने अनेक रोगों, मानसिक शांति प्राप्त करने के आसन कराए।

पुस्तक पर प्रतिबंध न लगने तक होगा आंदोलन


मथुरा (DJ, May 21, 2010) । शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के तत्वावधान में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अमेरिकी लेखिका की विवादित पुस्तक के विरोध में 25 मई को देश व्यापी धरना-प्रदर्शन में भाग लेगा।

इस संबंध में अभाविप की तैयारी बैठक में गोविंद नगर कार्यालय पर हुई। इसमें आंदोलन समिति के संयोजक डॉ. कमल कौशिक के अलावा डॉ. तेजपाल सिंह ने भी विचार व्यक्त किये।

मंदिरों के आसपास इलाकों में अनैतिक धंधों का बोलबाला


मथुरा (DJ, May 21, 2010) । देव-दानव संस्कृति में भेद करने का कार्य भगवान, ऋषि-मुनि तथा आधुनिक संतों ने किया है। वतन का इतिहास बताता है कि प्रभु एवं शक्ति ने राक्षस विनाश तथा देव रक्षा के लिये अवतार लिये। आज भी अत्याचारी, अनाचारी तबका से पीड़ित व्यक्ति न सिर्फ देवी-देवताओं की मिन्नत करते हैं बल्कि संतों की शरण भी लेते हैं। मगर इनमें से अनेक ऐसे भी हैं जो बदलते युग के प्रभाव से रक्ष संस्कृति का पोषण करना अपना धर्म समझते हैं।

कलि का असर कहें या फिर धन पिपाशा प्रभु के नगर में तमाम व्यक्ति मांस का भक्षण तथा उसका विक्रय अवैध व अनैतिक रूप से करने में लगे हैं। इनमें दर्जनों व्यक्ति वे हैं जो धार्मिक संस्थाओं, मंदिरों तथा संतों से धन, दुकान, कृपा एवं ग्राहक भी प्राप्त कर रहे हैं। मिलावटी खाद्य, पेय पदार्थ और नशा की वस्तुएं बेचना भी इनके लिये देव संस्कृति का परिचायक बन गया है। धंधा चोखा करने के चक्कर में दूसरे को पीड़ा पहुंचाने में इस तबका को तनिक हया-शर्म नहीं आती।

यूं कन्हैया की नगरी सम्पूर्ण धर्म नगरी है परंतु इसमें अधर्म के पर्यायवाची कर्म अधिक किये जा रहे हैं। अनेक स्थानों पर मंदिर, धार्मिक ट्रस्ट की दुकानों से ऐसे पदार्थ बेचे जा रहे हैं जिन्हें धर्म में सर्वथा त्याज्य माना जाता है। धर्म एवं संतों का जयघोष करने के समय आकर्षक फिल्म बनवाने वाला तबका भी इसमें भरपूर योगदान दे रहा है। एक कौम विशेष जिसमें मांस, अंडा का सेवन गलत नहीं माना जाता उसे छोड़ भी दिया जाए तो भी इन चीजों के विक्रय का स्तर, तरीका तथा स्थान का चयन है वह कम चौकाने वाला नहीं है।

विश्व प्रसिद्ध तथा व्यक्ति की आस्था के प्रमुख केंद्र के इलाके भी मादक पदार्थ एवं अभक्ष की बिक्री के बहुचर्चित केंद्र बन गये हैं। काली-गोरी चमड़ी के सौदे भी महाप्रभु की जन्म भूमि में खूब होते हैं। द्वारिकाधीश, जन्म भूमि, कालिंदी किनारे, भरतपुर गेट, चौक बाजार, भूतेश्वर, होली गेट क्षेत्र मे कई प्रकार के अनैतिक धंधों का बोलबाला है। कई ऐसी दुकानें मौजूद हैं जिन पर भगवान, माता, हनुमान, शिव की न सिर्फ तस्वीर लगी हैं बल्कि विक्रेता तक उनका वास्ता देकर ग्राहक को विश्वास में लेते हैं। होली गेट इलाका में एक दुकान तो ऐसी है जिसका मालिक लिखित में बकायदा रमण बिहारी लिखा हुआ है परंतु इस पर प्रतिदिन सार्वजनिक रूप से अंडे बेचे जाते हैं। संत कृपा का प्रचार-प्रसार करने वाले अनेक स्वयंभू भक्त ऐसे हैं जो भगवान की मूर्ति एवं सिक्के तक मिलावट कर सरेआम विक्रय करते हैं। इनमें अनेक ऐसे भी हैं जिन्हें देश के कानून की तनिक परवाह नहीं है और जिनका निर्माण दशकों पूर्व बंद हो गया उन विक्टोरिया के सिक्कों तक हो धड़ल्ले से बेच रहे हैं।

दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया भजन गायक साधु


मथुरा (DJ, May 21, 2010) । दिल्ली में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान सिपाही की हत्या के मामले में गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने वृंदावन से एक साधु को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पुलिस किसी युवक की शिनाख्त को साधु को मथुरा, वृंदावन, नंदगांव व बरसाना ले गई। साधु भजन गायक बताया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार कुछ समय पूर्व नगर के प्रमुख साधु ने दिल्ली में एक धार्मिक कार्यक्रम किया था। इसके अन्तर्गत साधु के साथ रहने वाले एक व्यक्ति ने कार्यक्रम में आयोजकों के साथ धोखाधड़ी की थी। इसी कार्यक्रम के दौरान एक सिपाही की हत्या कर दी गई थी। उक्त मामले में दिल्ली में अपराध भी पंजीकृत हुआ है। उक्त मामले में कार्यवाही करते हुए दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को नगर में दबिश देकर साधु को हिरासत में ले लिया। बताया जाता है कि साधु के साथ रहने वाले राजू नामक युवक की तलाश में मथुरा, वृंदावन, नंदगांव व बरसाना में दबिश दी गई है। दिल्ली पुलिस ने साधु को हिरासत में लेने से पूर्व पुलिस के आला अधिकारियों से संपर्क भी किया था। साधु भजन गायक बताया जा रहा है। इसके नाम की पुष्टि करने से पुलिस के आला अधिकारी बच रहे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीडी पाल्सन का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने एक साधु को वृंदावन से हिरासत में लिया है। इसके साथ रहने वाले राजू नामक युवक की पुलिस को तलाश है। यह युवक साधु के साथ एक फोटो में है। संभवत: साधु से उस युवक की शिनाख्त कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। श्री पाल्सन ने साधु के संबंध में कुछ भी जानकारी होने से इंकार कर दिया।

विप्रा और पालिका में रार


मथुरा (DJ, May 21, 2010) । करीब साढ़े सात करोड़ रुपये के मुआवजे के लिए मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण और मथुरा नगर पालिका परिषद में कलह शुरू होती दिखाई पड़ रही है। दोनों महकमों की अपनी-अपनी दलील है। नगर पालिका प्रशासन बिर्जापुर में भूमि अधिग्रहण के मामले में मुआवजा के रूप में इस धन की डिमांड कर रहा है, वहीं मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के अफसर दूसरी ही दलील दे रहे हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन बताया गया है।

मामला सदर तहसील अंतर्गत हाईवे स्थित बिर्जापुर की 8.83 एकड़ भूमि से संबंधित है। मथुरा नगर पालिका प्रशासन का कहना है कि यह भूमि सुनियोजित विकास और सौंदर्यीकरण के लिए अधिग्रहण कर मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण को हस्तांतरित की गई थी। ग्राम सभा की यह भूमि सीमा विस्तार में नगर पालिका के अधीन आयी थी। इसलिए मथुरा नगर पालिका को मुआवजे के रूप में यह धनराशि मिलनी चाहिये।

दूसरी ओर मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के अफसरों का कहना है कि वर्ष 90 में तत्कालीन जिलाधिकारी के पत्र द्वारा इस भूमि का कब्जा विप्रा को अगस्त 90 को प्राप्त हुआ था। डीएम के आदेश के खिलाफ कुछ लोग परगनाधिकारी के न्यायालय की शरण में चले गये। परगनाधिकारी के न्यायालय ने संबंधित भूमि को संक्रमणीय भूमिधर घोषित किया। इस आदेश के खिलाफ अपने न्यायालय में दायर अपील में कमिश्नर ने परगनाधिकारी के आदेश को निरस्त कर दिया था। इसके बाद दूसरे पक्ष के लोग कमिश्नर न्यायालय के आदेश के खिलाफ राजस्व परिषद न्यायालय में चले गये। राजस्व परिषद ने अगस्त वर्ष 2003 में दूसरे पक्ष के हक में एक पक्षीय आदेश कर दिया। इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गई।

हाईकोर्ट ने फरवरी 2005 में पारित आदेश द्वारा डीएम के वर्ष 90 में दिये आदेश को निरस्त कर दिया। इसके बाद मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने मई 2006 को इस मामले में यथास्थिति बनाये रखने के आदेश दिये। वर्तमान में भी संबंधित याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन बताई गई है। विकास प्राधिकरण के अफसरों का कहना है कि उक्त वादों में ग्राम सभा बिर्जापुर और मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण पक्षकार हैं। मथुरा नगर पालिका परिषद न तो पक्षकार है, न ही उसके द्वारा इस मामले में पैरवी की जा रही है। इस परिस्थिति में मथुरा नगर पालिका प्रशासन द्वारा संबंधित भूमि के मुआवजे के लिए विप्रा को लिखा-पढ़ी करना न्याय संगत नहीं है।

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