Sunday, May 16, 2010

2010-05-17_Braj News

अक्षय तृतीया पर पुण्य कमाने की श्रद्घालुओं में रही होड़


मथुरा (DJ, May 17, 2010) । अक्षय तृतीया पर अक्षय पुण्य की प्राप्ति के लिये हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रभु के मंदिरों में लम्बी कतारें लगीं। कालिंदी के प्रदूषण को विस्मृत करते हुये भक्तों ने श्रद्धा के साथ स्नान किया। श्रद्धालुओं ने प्राचीन परंपरा का पालन करते हुये सतुआ, मटका, पंखा जैसी वस्तुएं दान किये। भीड़ के कारण मुख्य मार्गो पर बार-बार लगते रहे जाम से राहगीर सुबह से रात्रि तक कराहते रहे।

अक्षय तृतीय भगवान परशुराम के जन्म के साथ आदि काल से श्री विष्णु का दिन माना जाता है। वैशाख मास की अमावस्या के बाद आने वाली इस तिथि पर प्रभु दर्शन, स्नान, दान का विशेष महत्व होता है। प्राचीन काल से चली आ रही इस धार्मिक परंपरा को आगे बढ़ाते हुये महिला-पुरुषों ने घर-घर और मंदिर-मंदिर धर्म का जयघोष किया। इस विशिष्ट पर्व पर प्रभु आंगन में दान, स्नान का पुण्य प्राप्त करने के लिये हजारों विदेशी श्रद्धालु भी शहर में पहुंचे।

श्रद्धालुओं ने यथा श्रद्धा यमुना मैया में स्नान किया और इसके पश्चात विश्व प्रसिद्ध द्वारिकाधीश तथा श्रीकृष्ण जन्म भूमि के दर्शन कर वहां तमाम वस्तुएं दान कीं। अनेक भक्तों ने जगह-जगह साधु-विप्र सेवा का भी पुण्य कमाया। इन दोनों मंदिरों में मंगला के समय से शयन तक विशेष भीड़ लगी रही। इनके साथ ही दीर्घ विष्णु, आदि वराह, श्वेत वराह, शत्रुघन, श्रुति कीर्ति, छोटे-बड़े मदन मोहनजी, रंगेश्वर, भूतेश्वर, पिपलेश्वर, गोकरणेश्वर, गर्तेश्वर, कैंट काली, बगुला मुखी समेत अनेक मंदिरों में भीड़ रही।

दान-पुण्य का सिलसिला घरों में भी सुबह से ही शुरु हो गया। महिलाओं ने पूजन, अर्चन के पश्चात घड़े, सुराही, पंखा, सतुआ, फल, पान-सुपाड़ी एवं पूजा की अनेक सामग्री श्रद्धा और साम‌र्थ्य के मुताबिक बुजुर्गो, पुरोहित तथा मंदिरों में दान की। हजारों श्रद्धालुओं ने मीठे व शीतल जल से लोगों की प्यास बुझाने का पुण्य लिया। इस दौरान शहर के सभी प्रमुख मार्गो पर बार-बार जाम लगे। द्वारिकाधीश, भरतपुर गेट, होली गेट, चौक बाजार, डीग गेट, जन्म भूमि के पास रेलवे फाटक तथा रोडवेज के नये स्टेंड पर हालात कई मर्तबा बेकाबू हुये। यातायात कानून के पालन को तैनात सरकारी मुलाजिम न सिर्फ असहाय बल्कि नकारा साबित होते रहे। भीषण गर्मी में पसीने से तर होने वाले श्रद्धालु जब भी जाम में फंसते व्यवस्था को कोसना उनकी मजबूरी बन जाता। तमाम लोगों को परेशानी दूर करने की प्रार्थना भगवान से करते भी देखा गया।

अक्षय तृतीयाः मंदिरों में दर्शन को उमड़े श्रद्धालु


यमुना स्नान कर देव प्रतिमाओं का किया पूजन
परंपरा : अक्षय पुण्य कमाने लगी होड़ द्वारिकाधीश पर जाम के हालात

मथुरा (AU, May 17, 2010) । अक्षय तृतीया पर यमुना स्नान के साथ-साथ नगर के मंदिरों में आयोजित हुए विशेष दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही। गोवर्धन में भी बड़ी संख्या में लोग परिक्रमा देने पहुंचे।

अक्षय तृतीया पर अक्षय पुण्य कमाने की लालसा हर किसी में दिखाई दी। तड़के ही विश्राम घाट पर यमुना में स्नान करने वालों का तांता लगा रहा। लोगों ने जगह-जगह शर्बत की प्याऊ लगाई। मंदिर द्वारिकाधीश में दर्शन के लिए सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। यहां प्रत्येक झांकी में भारी भीड़ रही। इसके चलते मंदिर मार्ग पर जाम के हालात बने रहे। जाम से निपटने के लिए पुलिस को अच्छी-खासी मशक्कत करनी पड़ी। ठाकुर मदनमोहन जी मंदिर में भी विशेष मनोरथ आयोजित हुए। रंगेश्वर महादेव मंदिर, बगुला मुखी और कैंट स्थित काली देवी मंदिर पर भी दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

कसबा बलदेव के दाऊ जी मंदिर पर आयोजित हुए चरण दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इस मौके पर लोगों ने नगर की परिक्रमा भी लगाई। गोवर्धन में परिक्रमा करने का सिलसिला और तेज हो गया। यहां दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने परिक्रमा लगाने के साथ-साथ गिरिराज महाराज पर दूध चढ़ाया।

अक्षय तृतीया पर बजने लगी शहनाई


१८ को शहर में सबसे बड़ी सहालग
उल्लास : गरमी के बाद भी मच रही धूम

मथुरा (AU, May 17, 2010) । अक्षय तृतीया पर नगर और देहात में रविवार को विवाह समारोहों का शुभारंभ हो गया। ग्रीष्म ऋतु होने की वजह से शादियों की सबसे ज्यादा धूम ग्रामीण अंचलों में रही। इसके चलते देर रात तक गांवों में बारातों की धूम मची रही।

अधिक मास की समाप्ति के बाद सहालग का दौर रविवार से प्रारंभ हो गया। पहले दिन शहरी क्षेत्र में बमुश्किल दर्जन भर विवाह समारोह आयोजित हुए, जबकि ग्रामीण अंचलों में इनकी संख्या दोगुनी से भी अधिक रही। विवाह सम के चलते भीषण गरमी के बाद देहात में जगह-जगह दिन भर तैयारियां चलती रहीं। ट्रैक्टर ट्रालियों और बसों से लोग बरात लेकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचे। गरमी की अधिकता के चलते देर रात्रि तक गांव और कसबों में बारातों की चढ़ाई होती रही।

शहर के मैरिज होम्स में भी शादियों की धूम रही। बारातों में लोग जमकर थिरके। विवाह मुहूर्त के अनुसार शहरी क्षेत्र में १८ मई को अच्छी-खासी संख्या में विवाह समारोह आयोजित होंगे। इसके लिए बैंडबाजे और साज-सजावट वालों ने तैयारियां कर ली हैं। बाजारों में खरीददारी के लिए भीड़ बढ़ने लगी है। इसका असर रविवार को दिखाई दिया। रेडीमेड वस्त्र विक्रेताओं के यहां सबसे ज्यादा भीड़ नजर आई।

बांके बिहारी मंदिर में पुलिस रही सतर्क


वृंदावन (AU, May 17, 2010) । । गत वर्ष अक्षय तृतीया पर बांके बिहारी मंदिर में दर्शनों के दौरान दम घुटने से महिला श्रद्धालु की हुई मौत के बाद इस बार जिला प्रशासन ने सुरक्षा के साथ-साथ मंदिर में भीड़ को नियंत्रित करने की व्यवस्था की। बांके बिहारी मंदिर में दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए क्षेत्र में पुलिसबल तैनात किया गया। इसके साथ ही नगर के प्रमुख मंदिरों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए। इधर, नगर की सीमा में चार पहिया वाहनों का प्रवेश वर्जित किया गया था, लेकिन पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी सवारियां भरकर टेंपो धड़ल्ले से दौड़ते दिखे। इससे नगर के इस्कॉन मंदिर, हरिनिकुंज, विद्यापीठ चौराहा, श्रोतमुनि, अटल्ला चुंगी आदि में जाम की स्थिति बनी रही।

आसमां की आग से धधक रही जमीं

मथुरा (DJ, May 17, 2010) । आसमान से बरस रही आग से धरती धधकने लगी है। दिन रात पड़ रही भीषण गर्मी से जनमानस बिलबिला रहा है। दोपहर की धूप बर्दाश्त क्षमता से बाहर हो गई है। रविवार को तापमापी पर पारा 43 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

कृषि संभागीय परीक्षण एवं प्रदर्शन केंद्र राया के तापमापी पर पारा पिछले एक सप्ताह से 42 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है। रविवार को दिन में तापमान ने एक डिग्री सेल्सियस की छलांग भरी। तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर 43 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। न्यूनतम तापमान ने भी ऊपर की तरफ रुख किया। रात में पारा 24 डिग्री सेल्सियस से उछल कर 25 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। आर्द्र ता 31 प्रतिशत रिकार्ड की गई। जबकि घरों में लगे तापमापी पर दिन का पारा 44 डिग्री सेल्सियस तक मापा गया। कान्हा की नगरी भीषण गर्मी की चपेट में है। सूरज निकलते ही आसमान से आग बरसना शुरू हो जाता है। दिन रात पड़ रही गर्मी और गर्म हवाओं की मार से जनमानस बिलबिला रहा है। दोपहर की धूप बर्दाश्त क्षमता से बाहर हो गई है।

लोग बाहर निकलने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे हैं। धूप से बचाव के पूरे इंतजाम के साथ ही लोग मजबूरी घरों से बाहर निकल रहे हैं। दोहपर में सड़कों पर सन्नाटे की स्थिति बनने लगी है। लंबी दूरी की यात्रा पर निकले वाहनों को सड़कों के किनारे ढाबों और पेड़ों के नीचे खड़े हुए देखा जा रहा है। दुपहिया वाहन पर सफर करना मुश्किल हो गया है। दोहपर में चलने पर शरीर झुलसने लगता है। रेल गाड़ियों और साधारण बसों में यात्रा करने वाले यात्री भी गर्मी की चपेट में आकर बीमार पड़ रहे हैं। बच्चों की भी हालत खराब होने लगी है। प्राइवेट नर्सिग होमों में बीमार बच्चों की लंबी लाइन है। मौसम के जानकर वरिष्ठ शोध सहायक श्याम सुंदर शर्मा का अनुमान है कि फिलहाल गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद कम ही है। पूर्वानुमान यह लगाया जा रहा है कि दो-तीन दिन बाद जनपद में छिटपुट बूंदाबांदी हो सकती है।

किताब पर आपत्ति, अमेरिकी दूतावास पर प्रदर्शन 25 को


मथुरा (DJ, May 17, 2010) । अमेरिकी महिला लेखक वेण्डी डोनीगर द्वारा लिखित पुस्तक द हिन्दूज एन आल्टरनेटिव हिस्ट्री में हिंदू देवी देवता, महापुरुषों एवं क्रांतिकारियों को अपमानित किए जाने के विरोध में शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति में आक्रोश मुखर हो गया है। समिति 25 मई को अमेरिकी दूतावास नई दिल्ली के सामने प्रदर्शन कर धरना देगी। देश के अन्य हिस्सों में भी धरना-प्रदर्शन किए जाएंगे।

रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के स्थानीय कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के राष्ट्रीय सह संयोजक एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सचिव अतुल कोठारी ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ बत्रा की अध्यक्षता में भोपाल में हुई राष्ट्रीय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि देश की संस्कृति, धर्म और परंपराओं को खत्म करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर षड़यंत्र रचकर पाठ्यक्रमों को विकृत किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि सभी राज्यों में इकाईयों का गठन करते हुए शिक्षा पर कार्य कर रहे समस्त संगठनों, समितियों, संस्थाओं और शिक्षाविदें के साथ नियमित बैठकें की जा रही है। उन्होंने बताया कि अमेरिकी महिला लेखक वेण्डी डोनीगर द्वारा लिखित पुस्तक द हिन्दूज एन आल्टरनेटिव हिस्ट्री में हिंदू देवी देवता, महापुरुषों एवं क्रांतिकारियों को अपमानित किया गया है। इसके खिलाफ समिति 25 मई को देश भर में एक साथ धरना प्रदर्शन करने जा रही है। मुख्य प्रदर्शन नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास पर किया जाएगा।

पुस्तक की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रधानमंत्री और अमेरिका के राजदूत के नाम संबोधित ज्ञापन भी दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ऑन लाइन पिटीशन पर अभी तक पुस्तक के विरोध में दस हजार से ज्यादा हस्ताक्षर हुए है। इस अभियान को और तेज किया जा रहा है। समिति देश के सभी विश्वविद्यालयों मे जाकर कुलपतियों को अपने यहां होने वाले दीक्षांत समारोह भारतीय वेश मे कराए जाने की मांग कर रही है। इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है। उन्होंने वर्तमान परीक्षा प्रणाली को बदलने जाने की वकालत करते हुए कहा कि समिति छात्रों को मानसिक दबाव से उबारने के लिए भी जागरुक अभियान चलाने जा रही है। इस मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राकेश चतुर्वेदी भी मौजूद थे।

भूगर्भ जल स्तर में गिरावट या किसानों के गले की फांस


मथुरा (DJ, May 17, 2010) । भूगर्भ जल स्तर के लिहाज से नौहझील ब्लाक का क्रिटिकल श्रेणी में होना इस ब्लाक से जुड़े करीब चार दर्जन से अधिक गांवों के किसानों के लिये गले की फांस बन गया है।

जलस्तर में गिरावट रोकने की आड़ लेकर विद्युत निगम के अफसर करीब ढाई साल से किसानों के टयूबवेलों को बिजली कनेक्शन नहीं दे रहे हैं। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि केंद्रीय भूगर्भ जल स्तर प्राधिकरण खेती के लिये टयूबवेलों के कनेक्शन प्रतिबंधित न होने की बात कह रहा है, वहीं स्थानीय अफसरों का कहना है वे केंद्रीय भूगर्भ जल स्तर प्राधिकरण के आदेश को मानने के लिये बाध्य नहीं, उनके लिये राज्य सरकार का आदेश मान्य है।

भूगर्भ जल स्तर के लिहाज से नौहझील ब्लाक क्रिटिकल श्रेणी तथा मांट, राया, छाता, बल्देव व मथुरा सदर ब्लाक सेमी क्रिटिकल श्रेणी में हैं। नतीजतन नौहझील ब्लाक से जुड़े करीब पचास गांवों के किसानों की आफत आ गई है। एक तरफ यहां से गुजरने वाली निचली मांट ब्रांच खंड गंग नहर अक्सर सूखी पड़ी रहती है तो दूसरी ओर जल दोहन रोकने के लिहाज से विद्युत निगम के अधिकारी किसानों के टयूबवेलों को बिजली कनेक्शन जारी नहीं कर रहे। परिणामस्वरूप अधिकांश किसान सिंचाई को पानी के लिये तरस रहे हैं। विद्युत निगम के अफसर इस मामले में ऊर्जा मंत्री के आदेश का भी पालन नहीं कर रहे।

पिछले साल दिसंबर माह में ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने नौहझील ब्लाक के भिदौनी गांव निवासी खुशीराम के टयूबवेल को सामान्य योजना अंतर्गत बिजली कनेक्शन जारी करने के आदेश दिये थे, लेकिन डार्क जोन का बहाना लेकर अफसरों ने कनेक्शन स्वीकृत करने से मना कर दिया।

अधीक्षण अभियंता देवेंद्र पचुरिया का कहना है कि अगर राज्य सरकार आदेश जारी कर दे तो उन्हें टयूबवेल कनेक्शन देने में कोई हर्ज नहीं। क्षेत्रीय अधिशासी अभियंता केके भारद्वाज का कहना है कि निगम ऐसे किसानों से आवेदन ही प्राप्त नहीं कर रहा। दूसरी ओर केंद्रीय भूगर्भ जल स्तर प्राधिकरण के वैज्ञानिक एस.भटटाचार्य का कहना है कि प्राधिकरण की ओर से नौहझील ब्लाक के किसानों के टयूबवेलों को कनेक्शन देने पर रोक नहीं लगाई गई है।

प्राचीन धरोहर को बचाने की मांग उठी


मथुरा (DJ, May 17, 2010) । स्वामी मोहनानंद लाल बाबा ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भारत सरकार के महानिदेशक को प्रेषित पत्र में नगर की प्राचीन धरोहर एवं घाटों को भू माफियाओं के कब्जे से बचाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि कुछ भू माफिया यहां की गरिमा एवं संस्कृति को मिटाना चाहते हैं। यहां की कई पौराणिक कुंजों पर इनका अधिपत्य हो चुका है। जहां से भू माफियाओं द्वारा सैकड़ों वर्ष पुरानी एवं विशेष धातु से बनी मूर्तियों को इधर-उधर किया जा चुका है। वहीं घाटों पर कब्जा कर ऐसे भू माफिया आम जनता को घाटों पर होने वाले विभिन्न कार्यो को करने से रोक रहे हैं। उन्होंने महानिदेशक से नगर की प्राचीन संस्कृति को बचाने के लिए कठोर कदम उठाने की अपील की है।

जगह जगह लगे रहे गंदगी के ढेर


वृंदावन (AU, May 17, 2010)। जिला प्रशासन के दावों के बावजूद भी बांके बिहारी मंदिर मार्ग सहित कई प्रमुख मार्गों पर भी गंदगी के ढेर देखे गए। मोतीझील पर नाले की सिल्ट को पालिका प्रशासन द्वारा नहीं हटवाया गया। वहीं, दुसायत में व्याप्त ढलावघर भी श्रद्धालुओं के मन को ठेस पहुंचा रहा था। फोगला आश्रम के समीप नालों का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है।


Radha Damodar temple, Vrindavan. Photo by Deenabandhu Das.

1 comment:

Jagadananda Das said...

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