Monday, May 17, 2010

2010-05-18_Braj News

बरसाना में अनूठे विवाह की धूम


राधारानी एवं अष्ट सखियों का शास्वत प्रेम हुआ साकार
आस्था : नौ निर्धन कन्याएं विवाह बंधन में बंधी. राजसी ठाट-बाट से सभी दुल्हनें विदा. कस्बावासी ही नहीं श्रद्धालु भी खूब झूमे

बरसाना (AU May 18, 2010) । राधारानी और उनकी सहचरी अष्ट सखियों को समर्पित नौ निर्धन कन्याओं का विवाह रविवार की सायं राजसी ठाट-बाट के साथ संपन्न हुआ। इस अनोखे समारोह में कस्बावासियों के साथ देशी-विदेशी भक्त भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस दौरान एक घंटे तक हुई आतिशबाजी एवं कलाकारों द्वारा सजाया गया शादी मंडप सभी के आकर्षण का केंद्र रहा।

बरसाना कसबे के लिए रविवार की सायं खास रही। इस दिन बृजेश्वरी इंटर कालेज बरसाना में राधारानी एवं अष्ट सखियों के प्रेम को साकार करते हुए नौ निर्धन कन्याओं का विवाह कराया गया। ये सभी राधारानी की सखियों के गांव चिकसौली, कमई, करहला, आजनौठ, सुनहरा, ऊंचागांव, रांकौली एवं बरसाना की युवतियां थी। बरात राधा बिहारी इंटर कालेज से आई।

इसमें घोड़ों पर सवार नौ दूल्हे पूरे ठाट-बाट के साथ विवाह स्थल पहुंचे। समूचा कसबा एवं यहां आए देशी-विदेशी श्रद्धालु झूमते नजर आए। विवाह से पहले जब लकदक अंदाज में सजी नौ दुल्हनें राधारानी मंदिर में आशीर्वाद लेने पहुंची तो वहां का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया। श्रद्धालुओं ने दुल्हनों को राधारानी एवं सखियों का प्रतिरूप मानते हुए चरणवंदन कर पुण्य कमाया।

विवाह स्थल को भी मथुरा, कोसी एवं दिल्ली के कलाकारों ने भव्य तरीके से सजाया था। इस दौरान बारात में आए ६७५ बरातियों तथा मेहमानों का स्वागत किया। वर माला के उपरांत एक घंटे तक आतिशबाजी की गई। वरिष्ठ समाजसेवी राधेश्याम शर्मा की प्रेरणा से हुए इस कार्यक्रम के आयोजक मंडल में राधाचरण किंकर, सतीश बाबू, सत्यनारायण मधु, नरेद्र अग्रवाल, डा. सुभाष तोमर, केदारनाथ बौबी, राजीव गर्ग, राजेश बंसल आदि शामिल हैं। इस मौके पर विशेष रूप से नगर पंचायत प्रतिनिधि डा. कृष्णमुरारी गोस्वामी, नरेंद्र अग्रवाल, अजय त्रिपाठी, केके गौड़ आदि उपस्थित थे।

आगरा-मथुरा के पर्यटन को एक सर्किट से जोड़ने की तैयारी


मथुरा (DJ May 18, 2010) । आगरा-मथुरा के पर्यटन को एक ही सर्किट से जोड़ने की तैयारियां शुरू हो गई है। वन विभाग ने 13.91 करोड़ की योजना बनाकर प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। इसमें धार्मिक स्थल गोवर्धन पर्वत और कोकिलावन को विकसित किए जाने की भी योजना शामिल है।

वन संरक्षक आगरा विभात्स रंजन ने सोमवार को विभागीय गेस्ट हाउस में दैनिक जागरण के साथ बातचीत करते हुए यह जानकारी दी। श्री रंजन ने बताया कि आगरा-मथुरा के पर्यटन को एक ही सर्किट से जोड़ने के लिए विभाग ने 13.91 करोड़ रुपये की योजना बनाकर प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।

मथुरा में कोकिलावन, गोवर्धन और आगरा में सूर सरोवर, खंदारी में जॉगर्स पार्क, नैचर वॉक और वटरफ्लाई पार्क विकसित किए जाएंगे। कोकिलावन में शनिदेव का मंदिर होने से यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। पर्यटक भी अब यहां पहुंचने लगे हैं। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मंदिर के पास के तालाब को पूरी तरह से विकासित किया जाएगा। परिक्रमा मार्ग की भी हालत सुधारी जाएगी। पर्यटकों के ठहरने के लिए एक विश्राम गृह का निर्माण कराने के साथ ही पेयजल और शौचालय का भी निर्माण कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कोकिलावन में बंदरों को लोग जगह-जगह खाने-पीने की सामग्री डाल रहे हैं। इससे उनमें काटने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। बंदरों के इस आतंक को रोकने के लिए ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि सभी बंदरों को एक ही स्थान पर खाने-पीने की सामग्री डाली जाए। उन्होंने बताया कि इस पूरे स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा।

श्री रंजन ने बताया कि गोवर्धन पर्वत पर हरियाली करने की भी योजना तैयार की गई है। पुराने पौधों को कांट-छांट कर सुंदर बनाया जाएगा और नये नये पौधे भी लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मंदिर पर दूध-पानी बहुत चढ़ाया जाता है। जिस स्थान पर यह एकत्र होकर सड़ रहा है। उस स्थान पर दुर्गध बहुत आ रही है।

विभाग ने ऐसी योजना तैयार की है कि इस बेस्ट दूध-पानी को गिर्राज जी पर्वत के ऊपर ले जाया जाएगा। इससे पर्वत पर नमी बनी रहेगी। नमी बने रहने से पौधे आसानी से जम जाएंगे और पर्वत हरा-भरा हो जाएगा। पर्वत के हरा-भरा होने से लोगों का इस तरफ आकर्षण बढ़ेगा। इस मौके पर डीएफओ डॉ. केएल मीणा भी मौजूद थे।

नाला सफाई में फिर आड़े आया अतिक्रमण


मथुरा (DJ, May 18, 2010) । डीग गेट एवं संकट मोचन हनुमान मंदिर के आसपास नाला सफाई में अतिक्रमण फिर से आड़े आ गए। फलस्वरूप यहां जेसीबी काम नहीं कर सकी। किसी तरह मैनुअली कुछ सिल्ट निकाली जा सकी।

इन दिनों नाला सफाई का कार्य पालिका प्रशासन करा रहा है। अभी श्री कृष्ण जन्म स्थान से भूतेश्वर तिराहे तक ही सफाई चल रही है। सोमवार को कार्य के लिए केवल दो दर्जन सफाई कर्मचारी ही ड्यूटी पर पहुंचे। इनसे जन्मभूमि रेलवे फाटक से अंगूरी वाटिका पश्चिमी साइड में यादव मिठाई वाले से रेलवे लाइन में उत्तरी साइड में नाला साफ कराया गया। लेकिन डीग गेट चौकी व संकट मोचन हनुमान मंदिर के आसपास सफाई कार्य सुचारू रूप से नहीं हो सका।

यहां अवैध रूप से पाटे गए नाले को कुछ जगह से खोलकर मुख्य स्वच्छता निरीक्षक नत्थी लाल कुशवाहा ने मैनुअली सफाई करायी और दुकानदारों को खुद अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी।

किसानों के सर से उतरा जैविक खेती का भूत


मथुरा (DJ, May 18, 2010) । जैविक पद्धति से खेती करने का भूत किसानों के सिर से उतरने लगा है। जिले में तीन-चार साल लगातार प्रयास कर कुछ किसानों ने जैविक पद्धति से अनाज और सब्जियों का उत्पादन भी किया, लेकिन प्रमाण पत्र न होने के कारण कोई भी इनको जैविक उत्पाद मानने को तैयार नहीं हुआ। इस स्थिति में किसानों को अपनी उपज को सामान्य कीमतों पर ही खुले बाजार में बेचना पड़ गया।

अनाज और सब्जियों के उत्पादन में अंधाधुंध रसायनिक उर्वरक और जहरीले कीटनाशकों के प्रयोग से न केवल मृदा की उर्वरा शक्ति प्रभावित हुए बल्कि इंसान और पशुओं के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ने लगा। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए जैविक पद्धति से खेती करने पर जोर दिया गया।

कृषि और उद्यान विभाग ने नाडेप और वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए किसानों की आर्थिक मदद भी की। हरी खाद तैयार करने के लिए किसानों को नि:शुल्क ढैंचा का बीज भी पिछले सालों में बांटा गया। बायो एजेंट और बायो पेस्टीसाइड़ भी छूट पर दिए जा रहे हैं। इसके पीछे सरकार की एक ही मंशा थी कि किसान खेतों में रासायनिक उर्वरक और जहरीले कीटनाशकों का प्रयोग कम कर जैविक पद्धति से खेती करना शुरू करें। किसानों को इसके लिए राजी भी किया गया।

बाबू गढ़, भौगांव, गढ़ाया लतीफपुर, सेही आदि गांवों में कुछ किसानों ने खेतों में रासायनिक उर्वरक और जहरीले कीटनाशकों का प्रयोग पूरी तरह से बंद कर गोबर, वर्मी और नाडेप खाद का प्रयोग करके उत्पादन किया। पहली साल में उत्पादन पचास फीसदी ही हुआ, लेकिन किसानों ने हिम्मत नहीं हारी। दूसरे साल भी उत्पादन में मामूली बढ़ोत्तरी हुई। पर किसान लगे रहे। तीन चार साल बाद पूरा उत्पादन होने लगा।

लेकिन किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या उस समय आई, जब वे अपने उत्पादन को बेचने के लिए मंडियों में गए। मंडियों में किसानों ने अपने उत्पादन को जैविक होने का दावा तो किया, लेकिन इसका कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके। किसानों ने अपनी इस पीड़ा से जिलाधिकारी समेत कृषि और उद्यान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत कराया। मंडी में जैविक उत्पादों की बिक्री के लिए एक स्थान सुनिश्चित किए जाने की मांग की गई, लेकिन कोई भी अधिकारी किसानों की इस मांग को पूरी नहीं करवा सका। थक हार कर किसानों को अपने उत्पादन को मंडियों में सामान्य कीमतों पर ही बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। यही प्रमुख वजह है कि अब किसानों का जैविक पद्धति से खेती करने से मोह भंग होने लगा है।

शादी से कुछ घंटे पहले दूल्हा प्रेमिका के साथ भागा


मथुरा (DJ, May 18, 2010) । । शहर के बालाजी पुरम में एक दूल्हा शादी से कुछ घंटे पहले ही अपनी प्रेमिका के साथ भाग गया। आनन-फानन में बिचौलिया को अपने पुत्र के साथ दुल्हन ब्याह कर लानी पड़ी।

हुआ यह कि राजबहादुर लेखपाल निवासी कालोनी बालाजी पुरम, मथुरा के दो पुत्रों मुकेश व बल्देव की शादी आगरा के दयालबाग से दो सगी बहिनों के साथ तय हुई थी। लड़की पक्ष के लोग दो दिन पहले ही दोनों लड़कों का सिक्का करके गए थे। सिक्का का कार्यक्रम हाइवे स्थित एक मैरिज होम में रखा गया था। उस दिन दावत भी रखी गई थी। रविवार को दोनों की बारात आगरा पहुंच गई।

बारात का जोर शोर से स्वागत किया गया था। बताते हैं कि शादी के कुछ घंटे पहले ही बड़ा दूल्हा मुकेश गायब हो गया। परिजनों ने उसकी काफी खोज की लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका। इस घटना से बाराती और दुल्हन पक्ष के होश उड़ गए।

पहले तो दोनों तरफ से गहमा-गहमी हुई। बाद में बारात में गए बुर्जुगों ने पंचायत कर बिचौलिया बालाजी पुरम निवासी सत्यवीर सिंह के पुत्र के साथ बड़ी लड़की की शादी करा दी। तब कहीं जाकर शादी का कार्यक्रम सकुशल संपन्न हो सका। बिना तैयारी के दूल्हा बने युवक के परिजन इस शादी से काफी खुश हैं। लेखपाल के घर छोटी बेटी दुल्हन बनकर आ गई है, लेकिन बड़े बेटे के कृत्य से घर में खुशी का माहौल काफूर है।

बताया जा रहा है कि मुकेश कालोनी की रहने वाली अपनी प्रेमिका के साथ भाग गया है। दोनों की खोजबीन की जा रही है। यह मामला अभी पुलिस थाने नहीं पहुंचा है। यह वाकया कालोनी में चर्चा का विषय बना हुआ है।

दूल्हा शादी से पहले ले भागा पड़ोसिन


दुल्हन के लिए आनन-फानन में तलाशा नया वर
बेशर्मी : रंगीन मिजाज दूल्हे ने तीन परिवारों की इज्जत उछाली

मथुरा (AU, May 18, 2010) । । अपनी शादी के एन वक्त पर एक रंगीन मिजाज दूल्हा पड़ोसिन युवती को ले भागा। यह हरकत कर उसने तीन परिवारों को संकट में डाल दिया। आनन-फानन में लड़की पक्ष को एक दूल्हा तलाशना पड़ा, जिससे उसकी शादी की गई।

यह वाकिया थाना हाइवे क्षेत्र स्थित बालाजीपुरम कालोनी का है। यहां रहने वाले राजस्व विभाग के एक कर्मचारी के दो बेटों की बारात रविवार को दयालबाग, आगरा जानी थी। दोनों की सगाई हाइवे स्थित मीरा मगन मैरिज होम में हुई। रविवार को बारात जाने से कुछ पल पहले ही बड़ा बेटा पड़ोस में रहने वाली एक लड़की को भागा ले गया। परिजन और रिश्तेदारों को जब दूल्हा के भाग जाने की खबर लगी, तो सभी सकते में आ गए। दोनों की तलाश की गई। उसके यार दोस्तों से भी पूछा गया। इसके बावजूद उसका कहीं पता नहीं लगा।

बारात के स्वागत का इंतजार कर रहे लड़की के परिवारीजनों को जब इस बात का पता लगा तो मानो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। अब समस्या थी कि उस लड़की की शादी के लिए इतनी जल्दी लड़के का इंतजाम कहां से किया जाए? आनन-फानन में बालाजीपुरम के एक सजातीय युवक को लड़की से शादी करने के लिए तैयार किया गया। इस तरह दोनों लड़की की शादी हो गई और दोनों ही परिवारों की इज्जत बच गई। कालोनी में इस घटना को लेकर हर व्यक्ति की जुबान पर चर्चा है। युवक और लड़की का अभी तक कुछ पता नहीं है। लड़की के परिजन भी अपनी इज्जत की खातिर फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं।

1 comment:

Jagadananda Das said...

Fascinating stuff. It is marriage season in Braj. I am not including the killings and car accidents. But there is one interesting story about the failure of organic farming efforts in the Braj area.