Friday, May 14, 2010

May 15 Braj News

Taken from today's online Dainik Jagaran (Yahoo India) and Amar Ujala websites. This is a lot of fun, but would be better with pictures.

प्रभु ब्याह में मगन-धरा और गगन


मथुरा। अधिक मास का पुण्य दो गुना हो गया। एक पखवाड़े में अपने प्रभु को दो बार दूल्हा के रूप में सजाकर भक्तों ने नया इतिहास बना दिया। प्रभु की मोहिनी छवि, श्रंगार, महोत्सव की सुंदरता तथा श्रद्धा और उमंग का दीदार कर धरा एवं गगन भी मगन दिखाई दिये। अनेक फिल्मों का फिल्मांकन के योग्य इस ब्याह का आनंद लूटने के लिये जुटी भीड़ कई कीर्तिमान तोड़ कर नए प्रतिमान स्थापित कर दिये।

तीन साल तक तिथियों की घट-बढ़ के पश्चात तैयार होता है एक अधिकमास। धर्म क्षेत्र में पुण्य प्राप्ति के लिये इसे सर्वाधिक उत्तम माना जाता है। मंदिरों में पूरे साल में होने वाले सभी मनोरथ इस एक माह में पूर्ण किये जाते हैं। प्रभु द्वारिकाधीश के मंदिर में इसी परंपरा का पालन जोर शोर से किया गया। अभी कुछ ही दिन पूर्व नगर के चतुर्वेदी परिवार ने ब्याबला मनोरथ कराया था। इसका आनंद और उल्लास देखने के बाद अन्य भक्त समाज भी आगे बढ़ा। ऐसे उत्साही सेवकों से भरपूर गिर्राज सेवा समिति ने शुक्रवार को एक बार फिर प्रभु को दूल्हा बनाने की ठानी।

समिति के सेवकों ने कई दिन की तैयारियों के बाद शुक्रवार को सायंकाल द्वारिकानाथ को अलौकिक, दिव्य श्रंगार से सुशोभित कर आनंद की बरसात की। इस दौरान मंदिर और उसके आस-पास के बाजार की चमक-दमक भरी सजावट अत्यंत मोहकता का आमचन कराती रही। महंके और दूर-दराज से मंगाए गये पुष्प तथा इत्र- फुलेल की सुगंध से वातावरण पूरे समय महकता रहा।

सायंकाल 6.30 बजे जैसे ही प्रभु ने मंद-मंद मुस्कान बिखरते हुये दर्शन देना शुरु किया हर ओर से जय-जयकार की ध्वनि ने गगन को मगन कर दिया। समिति के मुरारी अग्रवाल, दीनानाथ, अशोक कुमार आढ़ती, नीरज गोयल ने सपरिवार बराती एवं घरातियों की सेवा की। रात्रि में प्रभु के शयन के पश्चात दोनों पक्षों की जमकर दावत हुई।

..अब गूंजेगी शहनाई, चहकेगी तरुणाई

मथुरा। दैविक विधि-विधान के साथ अधिक मास का शुक्रवार को समापन हो गया। जिन्हें शुभ कर्म करने की एक मास के चाह थी उनका इंतजार खत्म हो गया। धार्मिक तबका शनिवार से अपने सभी शुभ कर्म करने के लिये स्वतंत्र हो जाएगा।

धार्मिक क्षेत्र में नियम है कि तीन साल में बचे समय से बना अधिकमास पुण्य कमाने के लिये भले अत्यंत महत्व का है किंतु इस दौरान शुभ कर्म पूरी तरह प्रतिबंधित होते हैं। तीस दिन से बेटे-बेटियों की शादी, मंदिर, ग्रह, दूकान, निर्माण, वाहन पूजन तथा अन्य प्रकार के सांसारिक शुभ कार्य शुरु करने के लिये इंतजार कर रहे थे। अधिकमास समाप्ति के पश्चात अब उन्हें शहनाई बजवाने तथा सभी शुभ कर्म करने की छूट होगी।

जानकार बताते हैं कि इस बार प्रथमा तिथि शनिवार को कुछ ही समय होने का भी लाभ मिल सकेगा। शुभ कार्य नहीं हो पाने से परेशान लोग शनिवार को लगने वाली द्वितीया तिथि के समय अपने कार्य शुरु कर सकेंगे। इस अधिकमास की समाप्ति का सबसे बड़ा मुहूर्त 16 मई को अक्षय तृतीय के दिन निकलेगा। अबूझ साया तथा अखंड मुहूर्त होने के चलते इस दिन सैकड़ों शादियां तथा पूजन-अर्चन, निर्माण इत्यादि शुभ कर्म किये जाएंगे। सबसे अहम और सगुन कार्य यह होगा कि युवा दिल चहक उठेंगे। सगाई, लगन और शादी जो होने लगेंगी।

मानसून की ज्यादा मेहरबानी फेर न दे किस्मत पर पानी


मथुरा। इस बार मानसून की ज्यादा मेहरबानी हो गई तो किसानों की किस्मत पर ही पानी फिर जाएगा। अधिक बारिश होने पर फसलें डूब जाएंगी। अतिरिक्त पानी को बरसाती नाले तेजी से नहीं खींच पाएंगे। क्योंकि तीन साल से इनकी सफाई नहीं कराई गई है। सभी नाले झाड़-झंखड़, घास-फूस और सिल्ट से अटे पड़े हैं।

बाढ़ आने से निपटने की भले ही तैयारियां चल रही हो, लेकिन अधिक बारिश होने पर फसलों को डूबने से बचाने की अभी कहीं कोई तैयारी नहीं की जा रही है। बरसाती पानी की निकासी के लिए अपर खंड आगरा केनाल में 53, लोअर खंड तृतीय में 51 और निचली मांट ब्रांच खंड गंगा नहर में 63 नाले है। इनमें राल, हुलवाना, कोसी आर्टिरीयल, बठैन और गोवर्धन ड्रेन ट्रंक ड्रेन है।

रनवारी के ऊपर से निकली राल ड्रेन सात गांवों में होने वाले जलभराव की निकासी कर यमुना में गिरती है। कई छोटे नाले भी इसी ड्रेन से जोड़े गए हैं। लालपुर, दहगांव, कामर, गिड़ोह में होने वाले जल भराव को गांव लालपुर से निकली हुलवान ड्रेन खींच कर गोवर्धन ड्रेन में डालती है। खरोट, अजीजपुर, दौताना, छाता, सेमरी और परखम में भरने वाले पानी की निकासी गांव खरोट से करीब दो किलोमीटर दूर से निकली कोसीआर्टिरीयल ड्रेन खींचती है। बठैन, कमई, जाब, खायरा, डहरौली को जलमग्न होने से बचाने का काम बठैन ड्रेन करती है।

कामा रेगुलेटर से निकली अंतर्राज्यीय गोवर्धन ड्रेन सीधे हाथिया, सौंख, रसूलपुर के पानी की निकासी करती है। गांव पैंठा में होने वाले जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए बना पैंठा नाला अतिरिक्त बरसाती पानी को खींच कर इसी ड्रेन में डालता है। हुलवाना और बठैन ड्रेन इसी ड्रेन में जाकर मिलती है। गांव सोन, सैंहा, नगला सांम, चक के पानी को निकासी लालपुर नाले से होती है। कुदरवन और बोरपा नाले से कुदरवन, जुनसुटी, ऊंचा गांव, कुंजेरा नाला कुंजेरा और राधाकुंड नाला राधाकुंड, मुखराई के अतिरिक्त पानी की निकासी होती है।

जिखन गांव नाल भी एक बड़े भू भाग की फसलों को डूबने से बचाता है। पचहेरा, भूरेका, कोलाहार, पथवाला, करहारी, ईखू, नवल गढ़, राया ब्यौंही बिजहारी, महावन, अलीपुर, पचावर, बल्देव, बिलंदपुर नाले सैकड़ों गांवों के किसानों की फसल को अतिरिक्त पानी से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। बताया गया है कि जिलाधिकारी दिनेश चंद शुक्ला ने पिछले दिनों बाढ़ नियंत्रण की ली बैठक में 31 मई तक नालों की सफाई कराए जाने के निर्देश दिए थे। बैठक में स्पष्ट कहा गया था कि बरसाती नालों में पानी के बहाव में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए। अभी तक किसी भी नाले की सफाई का काम शुरू नहीं हो सका है।


वृंदावन: अक्षय तृतीया पर यातायात के पुख्ता



मथुरा। पुलिस ने अक्षय तृतीया पर वृंदावन नगर में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए यातायात व्यवस्था का खाका तैयार किया है। वाहन पार्किंग के स्थल भी चयन कर लिये गए हैं। बांकेबिहारी मंदिर को जाने वाली सड़क पर बैरीकेडिंग लगाई जायेगी। पोंटून पुल से चार पहिया वाहनों के नगर के अंदर प्रवेश पर रोक रहेगी।

अपर पुलिस अधीक्षक नगर रामलाल वर्मा ने बताया कि रविवार को अक्षय तृतीया पर वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारी जी के दर्शन करने को श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए यातायात व्यवस्था पर मंथन किया गया। श्री वर्मा ने बताया कि दिल्ली और आगरा राजमार्ग से आने वाले समस्त वाहनों को छटीकरा से होकर रमणरेती से पूर्व पार्किंग स्थलों पर पार्क कराया जायेगा। छोटे वाहन एफसीआई गोदाम के अहाते व बड़े वाहन पीएल सर्राफ अस्पताल के समीप सेठ नारायण दस के प्लाट में पार्क होंगे। मथुरा से जाने वाले छोटे वाहन टीबी सेनोटोरियम के अहाते, बृजवासी अहाते एवं कात्यानी देवी अहाते में पार्क होंगे। बड़े वाहन टीबी सेनोटोरियम अस्पताल के सामने मार्ग पर पार्क कराए जायेंगे। यहीं से टेम्पो सवारी उठायेंगे। यहीं पर सवारी छोड़ेंगे। रोडवेज की बसें दिल्ली-आगरा राजमार्ग से वृंदावन जा सकेंगी। बसें मथुरा होकर वृंदावन रोडवेज बस स्टैंड जा सकेंगी। रिक्शा, साइकिल, मोटरसाइकिल, विद्यापीठ चौराहे पर डा.के.गोपाल की कोठी के सामने चौराहा गौतम पाड़ा, तिराहा सेवाकुंज की ओर गली राधा दामोदर रोड, प्रेमगली और सत्याकुंज से भजनकुंज रोड से ओम बिहारी मंदिर की ओर नहीं जाने दिए जायेंगे। इन स्थानों पर नगर पालिका बैरिकेडिंग करायेगी। मांट की ओर से आने वाले चार पहिया वाहन पोंन्टून पुल से नहीं निकलने दिए जायेंगे।

आसमान से बरस रही आग


मथुरा। पिछले तीन दिन से आसमान से बरस रही आग ने जनमानस का हाल बेहाल कर दिया है। तापमान भले ही एक डिग्री सेल्सियस नीचे खिसक गया हो, लेकिन गर्मी के तेवरों में कहीं भी कमी नहीं आई है। मौसम के जानकारों का पूर्वानुमान है कि दो चार दिन में बूंदाबांदी हो सकती है।

मौसम ने सुबह बदलाव के संकेत दिए थे। आसमान में अचानक बादल छा गए और इक्का-दुक्का बूंद भी गिरी। इसके बाद मौसम साफ हो गया। सूरज के चढ़ते ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। दोपहर में आग बरसने लगी। कृषि संभागीय परीक्षण एवं प्रदर्शन केंद्र राया के तापमापी पर गत दिवस अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, लेकिन शुक्रवार को इसमें एक डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ गई। दिन का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

रात में भी पारा एक डिग्री गिर कर 25 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। आर्द्ररता में भी दो प्रतिशत की कमी आई। वायुमंडल में नमी 36 प्रतिशत से घट कर 32 प्रतिशत पर आ गई है। पारा भले ही एक डिग्री सेल्सियस गिर गया हो, लेकिन गर्मी की मार जनमानस पर बरकरार पड़ रही है। एलर्जी एवं चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल अग्रवाल ने बताया कि सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा को नुकसान पहुंच रहा है सनवर्न की शिकायत बढ़ने लगी है। शरीर के खुले भाग धूप में निकलने से काले पड़ने लगे हैं। शरीर में फुंसी भी निकल रही है। इनको खुजलाने से शरीर में संक्रमण फैल रहा है। नेत्र विशेषज्ञ डॉ. मुकेश जैन ने बताया कि आंखों में भी एलर्जी की शिकायत बढ़ रही है। आंख लाल पड़ रही हैं और उनसे चिपचिपा पदार्थ निकल रहा है।


कुसुम सरोवर पर बिखरेगी अब शरदोत्सव की छटा


संस्कृति विभाग ने शासन को भेजा प्रस्ताव

अब हर वर्ष के लिए यही होगा आयोजन स्थल
पांच एकड़ में फैले गुलाब बाड़ी में बनेगा मंच

अमर उजाला एक्सक्लूसिव

मथुरा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो ब्रज के बहुप्रतीक्षित शरद महोत्सव के रंग अब गोवर्धन स्थित पौराणिक स्थल कुसुम वन सरोवर पर बिखरा करेंगे। चंद्रमा की धवल चांदनी और कृष्ण लीला के साक्षी खूबसूरत सरोवर पर कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियां भारतीय संस्कृति की एक अलग ही छवि प्रस्तुत करेंगी। यह पर्यटन और संस्कृति दृष्टिकोण से बेहद बेहतरीन साबित होगा। इसी कांसेप्ट के साथ संस्कृति विभाग ने कुसुम सरोवर पर शरदोत्सव के प्रतिवर्ष आयोजन का प्रस्ताव शासन को भेजा है।

गौरतलब है कि अप्रैल में केंद्रीय और राज्य पर्यटन सचिव के संयुक्त दौरे ने ही कुसुम सरोवर की कायापलट के संकेत दे दिए थे। सचिवों ने कुसुम सरोवर की भव्यता से प्रभावित होकर इसके उच्चस्तरीय विकास की योजना बनाने के निर्देश संबधित अधिकारियों को दिए थे। सूत्रों के मुताबिक इन निर्देशों के मद्देनजर ही इस स्थल पर शरद महोत्सव जैसे उत्सव के आयोजन की योजना बनाई गई है। इसके पास होने की संभावना जताई जा रही है।

इससे पूर्व पौराणिक स्थल को आयोजन के लिए मुफीद बनाया जाएगा। कुसुम वन सरोवर स्थित पांच एकड़ में फैले गुलाब बाड़ी क्षेत्र से बबूल और अन्य पेड़ हटवाकर इस स्थल पर महोत्सव के लिए मंच और लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। पार्किंग स्थल, पहुंच मार्ग आदि का विकास किया जाएगा। संस्कृति, पर्यटन और पुरातत्व विभाग मिल कर विकास कार्य करेंगे।

उप्र संस्कृति विभाग के वाईपी सिंह ने बताया कि कुसुम सरोवर पर शरद महोत्सव के आयोजन का प्रपोजल शासन को भेजा गया है। बजट पास होने का इंतजार है। आगरा मंडल के कल्चरल इंचार्ज रत्नेश शर्मा ने बताया कि प्रपोजल पास होने के बाद इस दिशा में कारगर कदम उठाए जाएंगे।

अक्षय तृतीया : मंदिरों में सजने लगे फूल बंगले


वृंदावन में उमड़ने लगा श्रद्धालुओं का रेला इंतजाम

बांके बिहारी मंदिर में चरण दर्शन की तैयारी पूरी वाहनों का प्रवेश होगा वर्जित, अन्य जिले से मांगा फोर्स |

वृंदावन। १६ मई को अक्षय तृतीया पर्व पर श्री धाम वृंदावन के सप्त देवालयों में विविध धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस पावन पर्व की मंदिरों में तैयारी जोरों पर हैं। मंदिरों को भव्यता देने के लिए सजाया संवारा जा रहा है। वहीं अनेक मंदिरों में भव्य फूल बंगले भी सजाए जाएंगे।

बांके बिहारी मंदिर में वर्ष में एक बार होने वाले चरण दर्शन के लिए मंदिर में तैयारियां पूरी की
यह पर्यटन और संस्कृति दृष्टिकोण से बेहद बेहतरीन साबित होगा। इसी कांसेप्ट के साथ संस्कृति विभाग ने कुसुम सरोवर पर शरदोत्सव के प्रतिवर्ष आयोजन का प्रस्ताव शासन को भेजा है।

गौरतलब है कि अप्रैल में केंद्रीय और राज्य पर्यटन सचिव के संयुक्त दौरे ने ही कुसुम सरोवर की कायापलट के संकेत दे दिए थे। सचिवों ने कुसुम सरोवर की भव्यता से प्रभावित होकर इसके उच्चस्तरीय विकास की योजना बनाने के निर्देश संबधित अधिकारियों को दिए थे। सूत्रों के मुताबिक इन निर्देशों के मद्देनजर ही इस स्थल पर शरद महोत्सव जैसे उत्सव के आयोजन की योजना बनाई गई है। इसके पास होने की संभावना जताई जा रही है।

इससे पूर्व पौराणिक स्थल को आयोजन के लिए मुफीद बनाया जाएगा। कुसुम वन सरोवर स्थित पांच एकड़ में फैले गुलाब बाड़ी क्षेत्र से बबूल और अन्य पेड़ हटवाकर इस स्थल पर महोत्सव के लिए मंच और लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। पार्किंग स्थल, पहुंच मार्ग आदि का विकास किया जाएगा। संस्कृति, पर्यटन और पुरातत्व विभाग मिल कर विकास कार्य करेंगे।

उप्र संस्कृति विभाग के वाईपी सिंह ने बताया कि कुसुम सरोवर पर शरद महोत्सव के आयोजन का प्रपोजल शासन को भेजा गया है। बजट पास होने का इंतजार है। आगरा मंडल के कल्चरल इंचार्ज रत्नेश शर्मा ने बताया कि प्रपोजल पास होने के बाद इस दिशा में कारगर कदम उठाए जाएंगे।


पहले जयपुर मंदिर में होता था उत्सव


मथुरा। वर्षों तक शरदोत्सव वृंदावन स्थित राजस्थान सरकार के देवस्थान के अधीन संचालित जयपुर मंदिर में हुआ करता था। पिछले ८-१० सालों से ये महोत्सव नहीं हो पा रहा। संस्कृति विभाग और प्रशासन की पहल पर वर्ष २००९ में ये आयोजन एक बार फिर वृंदावन स्थित शोध संस्थान पर आयोजित किया गया। विभागीय अधिकारियों के अनुसार अब यह आयोजन गोवर्धन में किए जाएगा।

यह पर्यटन और संस्कृति दृष्टिकोण से बेहद बेहतरीन साबित होगा। इसी कांसेप्ट के साथ संस्कृति विभाग ने कुसुम सरोवर पर शरदोत्सव के प्रतिवर्ष आयोजन का प्रस्ताव शासन को भेजा है।

गौरतलब है कि अप्रैल में केंद्रीय और राज्य पर्यटन सचिव के संयुक्त दौरे ने ही कुसुम सरोवर की कायापलट के संकेत दे दिए थे। सचिवों ने कुसुम सरोवर की भव्यता से प्रभावित होकर इसके उच्चस्तरीय विकास की योजना बनाने के निर्देश संबधित अधिकारियों को दिए थे। सूत्रों के मुताबिक इन निर्देशों के मद्देनजर ही इस स्थल पर शरद महोत्सव जैसे उत्सव के आयोजन की योजना बनाई गई है। इसके पास होने की संभावना जताई जा रही है।

इससे पूर्व पौराणिक स्थल को आयोजन के लिए मुफीद बनाया जाएगा। कुसुम वन सरोवर स्थित पांच एकड़ में फैले गुलाब बाड़ी क्षेत्र से बबूल और अन्य पेड़ हटवाकर इस स्थल पर महोत्सव के लिए मंच और लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। पार्किंग स्थल, पहुंच मार्ग आदि का विकास किया जाएगा। संस्कृति, पर्यटन और पुरातत्व विभाग मिल कर विकास कार्य करेंगे।

उप्र संस्कृति विभाग के वाईपी सिंह ने बताया कि कुसुम सरोवर पर शरद महोत्सव के आयोजन का प्रपोजल शासन को भेजा गया है। बजट पास होने का इंतजार है। आगरा मंडल के कल्चरल इंचार्ज रत्नेश शर्मा ने बताया कि प्रपोजल पास होने के बाद इस दिशा में कारगर कदम उठाए जाएंगे।


पोखर और तालाब सूखे पशु-पक्षी अकुलाए

पानी नहीं भरवाया तो करेंगे आंदोलन: हालात ज्वार-बाजरा सूखने के कगार पर पानी की टंकी और हैंडपंप खराब

अकोस (बलदेव)। गरमी चरम पर पहुंचने से देहात में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। पोखर और तालाब सूखने लगे हैं। इंसान तो इंसान पशु-पक्षी भी पानी के लिए अकुला रहे हैं। समस्या से आक्रोशित ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

क्षेत्र के गांव बरौली, कचनऊ और पटलौनी में पानी की टंकियां बंद पड़ी हैं। गढ़ी सुक्खा, मगना, गढ़सौली, नगला डियोंड़िया, आंगई और सेलखेड़ा आदि गांव की पोखर सूखने से पशुओं तक को पीने के पानी के लाले पड़े हैं। बलदेव, दघेंटा रजवाहा में कई माह से पानी नहीं आया। इससे पेयजल के साथ पशुओं के लिए हरा चारा उगाने तक की समस्या खड़ी हो गई है। ज्वार-बाजरा की फसल पानी के अभाव में सूख रही है।

गांव चौरम्बार के अजीत सिंह, गढ़ी सुक्खा के कोमल सिंह, गढ़सौली के राजपाल तोमर, मड़ौरा के योगेंद्र सिंह, सेलखेड़ा के श्रीनिवास पहलवान, पटलौनी के डा. मीनेश चौधरी आदि ने बंद पड़ हैंडपंपों को चालू कराने की प्रशासन से मांग की है। किसान नेता बुद्धा सिंह प्रधान, रालोद मंडल उपाध्यक्ष डा. एनपी सिंह भरंगर, भाजपा ब्लाक अध्यक्ष डा. धु्रव सिंह तोमर, भाकियू नेता गजेंद्र सिंह पंच आदि ने जिलाधिकारी से सूखी पड़ी पोखर और तालाबों को भरवाने, रजवाहों में पानी छुड़वाने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि समस्या का समाधान नहीं किया तो आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

छटीकरा से न जाकर मथुरा मार्ग से वृंदावन पहुंचेंगी बसें


अक्षय तृतीया पर ट्रैफिक का नया खाका: रूट डाइवर्जन

पैंटून पुल से किसी वाहन को नहीं आने दिया जाएगा। पानी गांव पुल से होकर वाहनों को गुजरने की व्यवस्था।

मथुरा। अक्षय तृतीया के पर्व के मद्दे नजर वृंदावन नगर में यातायात व्यवस्था की गई है। रोडवेज की बसें हाइवे से छटीकरा होती हुए वृंदावन न जाकर मथुरा रोड होकर सीधा वृंदावन बस अड्डा पहुंचेगी। वहीं वाहनों को मांट के पैंटून पुल की बजाए पानी गांव पुल से मथुरा में प्रवेश कराया जाएगा।

एसएसपी बीडी पॉल्सन ने इस संबंध में बताया कि दिल्ली और आगरा राजमार्ग से आने वाले सभी वाहनों को छटीकरा होकर रमणरेती के पूर्व पार्क कराया जाएगा। छोटे वाहनों को एफसीआई गोदाम के अहाते में तथा बड़े वाहनों को पीएल सर्राफा अस्पताल के पास सेठ नारायण दास के अहाते में पार्क कराया जाएगा। वाहनों को रोड के किनारे खड़ा नहीं होने दिया जाएगा। परिक्रमा मार्ग की ओर किसी भी वाहन को जाने नहीं दिया जाएगा। कुछ वाहन सुनरख रोड से परिक्रमा में प्रवेश करेंगे उन्हें तिराहे पर ही रोक कर पार्क करा दिया जाएगा।

मथुरा की ओर से वृंदावन आने वाले छोटे वाहनों को टीवी सैनिटोरियम से पहले बृजवासी अहाते में तथा टीवी अस्पताल के अहाते में एवं कात्यानी देवी अहाते में पार्क कराया जाएगा। बड़े वाहन टीवी सैनिटोरियम अस्पताल के सामने पार्क कराए जाएंगे। रिक्शा, साइकिल, मोटरसाइकिल बांके बिहारी मंदिर की तरफ से यातायात को प्रभावित कर सकते हैं। अतः रिक्शा, साइकिल एवं बाइक विद्यापीठ चौराहा. डा. के गोपल की कोठी के सामने चौराहा गौतम पाड़ा, तिराहा सेवाकुंज की ओर गली, राधादामोदर रोड, प्रेम गली, सत्या कुंज से भजन कुंज रोड से ओम बिहारी मंदिर की ओर नहीं जाने दिए जाएंगे। रंगजी मंदिर के सामने विद्यापीठ तिराहा, रमणरेती अटल्ला चुंगी के पास बांके बिहारी वाली सड़क पर बैरीकेडिंग की व्यवस्था की गई है।

अमावस्या पर गोवर्धन में उमड़े लाखों श्रद्धालु


अधिकमास के अंतिम दिन पुण्य कमाने की होड़
समूचे परिक्रमा मार्ग में लगे भंडारे एवं प्याऊ की सेवा

गोवर्धन। अधिक मास के अंतिम दिन अमावस्या के अवसर पर रात्रि में परिक्रमार्थियों को जन सैलाब उमड़ा। अव्यवस्थाओं पर आस्था भारी पड़ गई। रात्रि को गई बिजली प्रातः तक नहीं आई। फलतः परिक्रमार्थियों को काफी दिक्कतें हुइर्ं। श्रद्धालुओं ने मानसी गंगा का स्नान कर गिरिराज पूजा की।

अधिक मास के अवसर पर अमावस्या के होने के कारण चौदस की रात्रि में १० बजे से परिक्रमा में सिर ही सिर दिखने लगे। वहीं मथुरा पैंठ वाली पार्किंग पर प्राइवेट डग्गेमार वाहनों के कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसी कारण श्रद्धालुओं ने तीन किलोमीटर दूर से परिक्रमा प्रारंभ की। परिक्रमा मार्ग में सड़क निर्माण के चलते जगह-जगह गिट्टियां होने से परेशानी उठानी पड़ी। आन्यौर परिक्रमा मार्ग में नालियां गंदगी से भरी पड़ी थी। उधर जतीपुरा स्थित गिरिराज मुखारबिंद के बाजार में अतिक्रमण के चलते परेशानी श्रद्धालुओं को कष्ट झेलना पड़ा। पूंछरी के लौठा के निकट अंधकार रहा। बड़ा बाजार की नालियों का पानी मार्ग में फैल रहा था, जिससे नगर पंचायत की सफाई व्यवस्था की पोल खुलती दिखी।

अमावस्या के कारण सप्तकोसी परिक्रमा मार्ग स्थित भंडारे चल रहे थे, वहीं निःशुल्क दवा का भी वितरण हो रहा था। राधाकुण्ड परिक्रमा मार्ग में वैष्णव सेवा आश्रम पर श्री जयश्री कृष्णाचार्य के निर्देशन में प्रसाद वितरण हुआ। श्रीराधा दामोदर सेवा आश्रम ट्रस्ट की ओर से प्याऊ लगाई गई। रामानदांश्रम आन्यौर परिक्रमा मार्ग में संत कृष्णदास कंचन महाराज के निर्देशन में रात्रि भर प्रसाद वितरण हुआ। कंचन धाम पर रामलीला में दर्शकों को बैठाकर भोजन कराया गया। कलाधारी आश्रम पर चल रहे भण्डारों को बाल भोग, राजभोग के साथ जलजीरा की प्याऊ लगाई। गिरिराज सेवा समिति मुंबई श्रीचंद मुक्खीराम नदबई, भरतपुर की ओर से श्रद्धालुओं को शर्बत दिया गया।

No comments: