महकेगा गोवर्धन पर्वत, कूकेगा कोकिलावन
मथुरा (DJ May 19, 2010) । आगरा-मथुरा के पर्यटन को एक ही सर्किट से जोड़ने की तैयारियां शुरू हो गई है। इस पर अमल हुआ तो गोवर्धन पर्वत फिर से हरा-भरा होकर महक उठेगा और कोकिलावन भी कूकेगा। वन विभाग ने इसके लिए शासन को 13.91 करोड़ रुपये की योजना भेजी है।
वन संरक्षक आगरा विभात्स रंजन ने सोमवार को विभागीय गेस्ट हाउस में 'जागरण' के साथ बातचीत करते हुए यह जानकारी दी। श्री रंजन ने बताया कि आगरा-मथुरा के पर्यटन को एक ही सर्किट से जोड़ने के लिए विभाग ने 13.91 करोड़ रुपये की योजना बनाकर प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। मथुरा में कोकिलावन, गोवर्धन और आगरा में सूर सरोवर, खंदारी में जॉगर्स पार्क, नैचर वॉक और वटरफ्लाई पार्क विकसित किए जाएंगे।
कोकिलावन में शनिदेव का मंदिर होने से यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। पर्यटक भी अब यहां पहुंचने लगे हैं। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मंदिर के पास के तालाब को पूरी तरह से विकासित किया जाएगा। परिक्रमा मार्ग की भी हालत सुधारी जाएगी। पर्यटकों के ठहरने के लिए एक विश्राम गृह का निर्माण कराने के साथ ही पेयजल और शौचालय का भी निर्माण कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कोकिलावन में बंदरों को लोग जगह-जगह खाने-पीने की सामग्री डाल रहे हैं। इससे उनमें काटने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। बंदरों के इस आतंक को रोकने के लिए ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि सभी बंदरों को एक ही स्थान पर खाने-पीने की सामग्री डाली जाए। उन्होंने बताया कि इस पूरे स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा।
श्री रंजन ने बताया कि गोवर्धन पर्वत पर हरियाली करने की भी योजना तैयार की गई है। पुराने पौधों को कांट-छांट कर सुंदर बनाया जाएगा और नये नये पौधे भी लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मंदिर पर दूध-पानी बहुत चढ़ाया जाता है। जिस स्थान पर यह एकत्र होकर सड़ रहा है। उस स्थान पर दुर्गध बहुत आ रही है। विभाग ने ऐसी योजना तैयार की है कि इस बेस्ट दूध-पानी को गिर्राज जी पर्वत के ऊपर ले जाया जाएगा
कुष्ठ रोगियों के बच्चों को मिलेगा सहाय
मथुरा (DJ May 19, 2010)। कुष्ठ रोग को छूत का रोग मानते हुए आम जनमानस इस रोग से पीड़ित लोगों से दूर रहने के साथ ही उन्हें हेय दृष्टि से भी देखता है। ऐसे में मानवता की सेवा का संकल्प लेकर कार्य करने वाली सामाजिक संस्था 'सृजन' ने कुष्ठ रोगियों के बच्चों को शिक्षा, चिकित्सा व पुर्नवास देने को सेवा धाम प्रकल्प की आधार शिला रख निर्माण कार्य शुरु करा दिया है।
विगत दिनों सृजन संस्था के तत्वावधान में गोवर्धन-छाता रोड स्थित गांव पाडल के समीप विधि-विधान पूर्वक भूमि पूजन कराकर कार्ष्णि गुरूशरणानंद के कर कमलों से सेवा धाम प्रकल्प की आधार शिला रखवाई। इसके बाद निर्माण कार्य भी शुरू हो गया।
इस मौके पर गुरूशरणानंद महाराज ने संस्था के फलीभूत होने का आशीर्वाद देते हुए कहा कि कुष्ठ रोगियों के बच्चों के लिये की जाने वाली पहल सराहनीय है। मानवता के लिये इससे बड़ी कोई और दूसरी सेवा नहीं हो सकती है। क्योंकि इस रोग की चपेट में आने वाले भी समाज के लोग ही होते हैं।
अगर जानकारों की मानें तो यह रोग छूत रोग नहीं है, इस रोग के पीड़ित के सम्पर्क में आने अथवा रोगी को छूने से दूसरे लोगों में यह रोग फैलता नहीं है। इस बारे में संस्था के महासचिव कुलदीप गुप्ता ने बताया कि संस्था के पदाधिकारियों ने पीड़ित मानवता की सेवा का संकल्प लेते हुए कुष्ठ रोग से पीड़ित बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा, चिकित्सा व पुर्नवास की सुविधा देने के उद्देश्य से सेवा धाम प्रकल्प की स्थापना का निर्णय लिया था।
समारोह में देश भर से आये अनेक समाज सेवियों ने इस कार्य के लिये आर्थिक सहायता देने की घोषणा कर उनकी हौसला अफजाई की।
सूरज आग बबूला, 45.7 डिग्री पर पहुंचा पारा
मथुरा (DJ May 19, 2010)। पिछले चार दिन से पड़ रही भीषण गर्मी से इंसान ही नहीं, पशु-पक्षियों का भी हाल बेहाल है। आग उगल रहे सूरज की किरणों से फसलें भी झुलसने लगी है। मंगलवार को जिले में औसत तापमान 45.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वायुमंडल में भी औसत नमी चौदह प्रतिशत रह गई है। आने वाले 72 घंटों में भी जनपदवासियों को कोई राहत मिलने की संभावना नहीं है।
समूचा जनपद इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है। आसमान में सूरज के चढ़ने के साथ-साथ ही गर्मी असहनीय होती चली जा रही है। राजस्थान से आ रही गर्म हवा बेचैनी बढ़ा रही है। रात में भी चैन नहीं है। पंखा गर्म हवा फेंक रहे हैं तो कूलर भी ज्यादा राहत नहीं दे पा रहे हैं।
बिजली की कटौती होते ही लोग घरों में गर्मी से उबलने लगते हैं। दिन-रात की भीषण गर्मी ने इंसानों को ही नहीं पशु पक्षियों का भी हाल बेहाल कर रखा है। सुबह नौ बजे से लेकर शाम चार बजे तक सड़कों पर निकलने में बदन जल रहा है। बाजारों में दिन के मुकाबले सूरज ढलने के बाद ही रौनक दिखाई दे रही है।
रेलवे स्टेशन और बस स्टैंडों पर उतर रहे यात्रियों को गर्मी की बेरहम मार से परेशान देखा जा रहा है। दोपहर में कम ही लोग घरों से निकल रहे हैं। दिन के मुकाबले नेशनल हाइवे पर रात में वाहन ज्यादा दौड़ रहे हैं। लंबी दूरी की यात्रा पर निकले ट्रक और कारों को दोपहर में नेशनल हाइवे के किनारे होटल और ढाबों पर खड़े हुए देखा जा रहा है। गर्मी की मार के असहनीय होने पर रिक्शा चालक और राहगीरों को पेड़ों की छांव में शरण लेनी पड़ रही है।
जिन तालाबों को गर्मी के शुरूआत में भरा गया था, उनका भी जल स्तर तली में आ गया है। इससे पशु पक्षियों के लिए पानी का संकट बना हुआ है। तेज धूप से फसलें भी झुलसने लगी है। तीसरे चौथे दिन ही सिंचाई के बाद खेतों से नमी गायब हो रही है।
मंगलवार को जनपद में औसत तापमान 45.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वायु मंडल में औसत नमी भी 14 प्रतिशत दर्ज की गई। मौसम के जानकारों के मुताबिक आने वाले 72 घंटे में गर्मी से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है।
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