Monday, May 31, 2010

2010-06-01 वृंदावन प्रोजेक्ट : मंडलायुक्त ने समीक्षा की

वृंदावन प्रोजेक्ट : जल निगम को तीन माह का समय दिया


मंडलायुक्त ने समीक्षा की, विभागीय अधिकारियों के पेंच कसे

मंडलायुक्त बोले :
  • इस्कान रोड का कार्य इस महीने पूरा किया जाए
  • क्वालिटी एश्योरेंस के लिए की जाएगी रेंडम चेकिंग
  • धन की कमी के कारण नही लटकेगी कोई योजना
  • अतिक्रमण हटाओ अभियान में कोई भेदभाव नहीं’
मथुरा/ वृंदावन (AU, 2010-06-01) । मंडलायुक्त एसएम बोवड़े ने मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी वृंदावन प्रोजेक्ट का न केवल स्थलीय जायजा लिया, बल्कि अधीनस्थों को विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। मंडलायुक्त ने बिंदुवार समीक्षा बैठक में प्रोजेक्ट की सुस्त रफ्तार के लिए जल निगम के अफसरों को फटकार लगाते हुए चेतावनी दी कि तीन माह में काम पूरा नहीं होने पर संबंधित अफसर को सस्पेंड कर दिया जाएगा। कई कामों पर स्टे मामले में उन्होंने कहा कि इतनी तेजी से काम करो कि स्टे की नौबत न आए। यदि आ भी जाती है तो प्रभावी पैरवी कर स्टे को वेकेट कराया जाए। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में मंडलायुक्त ने प्रोजेक्ट के कार्यों में तेजी लाने को कहा गया है। इस कार्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सोमवार सुबह करीब आठ बजे वृंदावन पहुंचे मंडलायुक्त ने चैतन्य विहार में बेसहारा महिलाओं के लिए बनाए गए आश्रय सदन और रेलवे लाइन स्थित फ्लाई ओवर के कार्य का निरीक्षण किया। इसके बाद पागल बाबा मंदिर के पास १०० बेड के निर्माणाधीन अस्पताल का निरीक्षण करते हुए उन्होंने डिजाइन पर नाराजगी दिखाई। यहां से वह इस्कान रोड का निरीक्षण करने पहुंचे और कार्य की धीमी रफ्तार पर नाराजगी जताते हुए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ३० जून तक कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।

इस मौके पर एसडीएस सदर राकेश मालपानी, विप्रा उपाध्यक्ष आरके सिंह, सचिव मानवेंद्र सिंह, पालिकाध्यक्ष के प्रतिनिधि योगेश द्विवेदी, पीडब्ल्युडी के एक्सीएन संतराम, जल निगम एक्सीएन लोकेंद्र शर्मा, विद्युत विभाग के एक्सीएन जगमोहन लाल, पालिका के ईओ एसके शर्मा आदि मौजूद थे।

बाद में उन्होंने विप्रा सभागार में समीक्षा बैठक के उपरांत पत्रकारों से कहा कि १० दिन में प्रोजेक्ट के कामों में तेजी आई है। न्यायालयों के स्थगनादेश, कुछ स्थानों पर पेड़ हटाने की समस्या तथा कुछ कामों में धन की कमी आ रही है। संबंधित विभागों को प्रभावी पैरवी कर स्टे वैकेट कराने के निर्देश दिए गए हैं। धन की कमी के कारण अटक रही योजनाओं के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि क्वालिटी इंश्योरेंस के लिए अलग से निरीक्षण की व्यवस्था की गई है। अन्य विकास कार्यो की रेंडम चेकिंग कराई जाएगी। सडक निर्माण में अनियमितता पर पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन एवं अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। ठेकेदारों को भी नोटिस दिए गए हैं। वृंदावन-गोवर्धन में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान में भेदभाव की शिकायत पर उन्होंने बताया कि डिजायन के अनुरूप चिन्हांकन किया गया है। इसके बाद भी यदि किसी को लगता है कि भेदभाव बरता जा रहा है तो उसकी जांच होगी।

उन्होंने बताया कि वृंदावन में नवनिर्मित महिला अस्पताल के लिए स्टाफ एवं उपकरण के लिए शासन को धन अवमुक्त करने का प्रस्ताव भेजा गया है। सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि परियोजना जिस हिसाब से डिजाइन की गई है, उस पर अमल भी उसी तरह से हो। पीडब्ल्यूडी एवं जलनिगम में मतभेद खत्म करने को इनकी ज्वाइंट कमेटी तैयार की गई है।

मंडलायुक्त भी फंसे जाम में

वृंदावन। धर्मनगरी में जाम लगना आम बात है, लेकिन सोमवार को उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति बन गई, जब मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने आए मंडलायुक्त सुधीर महादेव बोबड़े को भी जाम से जूझना पड़ा। कई जगहों के निरीक्षण के बाद जब मंडलायुक्त हरि निकुंज चौराहे से रमणरेती रोड की तरफ बढ़े तो सड़क चौड़ीकरण के चलते जगह-जगह गंदगी, गड्ढे तथा मलबा पड़ा होने और एक तरफ की सड़क बनने के कारण वह २० मिनट का जाम में फंसे रहे। जाम खुलने पर उन्होंने पूरे पैदल ही निरीक्षण किया। बाद में जब स्थानीय लोगों एवं अधिकारियों ने उनसे वन-वे ट्रैफिक करवाए जाने की मांग की, तो उन्होंने इस पर विचार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जब तक रमणरेती मार्ग नहीं बना जाता, तब तक वन वे ही रखा जाए और वाहनों को इस मार्ग पर न आने दिया जाए।



वृंदावन प्रोजेक्ट: काम समय पर नहीं तो निलंबन


मथुरा (DJ, 2010-06-01) । आगरा मंडल के कमिश्नर एसएम बोवड़े वृंदावन प्रोजेक्ट में शामिल परियोजनाओं के पूरा होने में लेटलतीफी पर सोमवार को यहां अफसरों के नकेल कस गये। उनके निशाने पर लोक निर्माण विभाग, जल निगम और विद्युत निगम के अफसर रहे। इन अफसरों को उन्होंने ताकीद किया कि यदि तय समय में परियोजनाएं पूरी नहीं हुई तो वे अपना निलंबन तय समझें। उन्होंने परियोजनाओं के लिये अवशेष धन को अवमुक्त कराने के लिये शासन में पैरवी तेज करने के निर्देश दिये। वृंदावन में अतिक्रमण हटाने के मामले में भेदभाव की शिकायत पर कमिश्नर ने विप्रा व लोक निर्माण विभाग के अफसरों से बैठक में ही जवाब-तलब किये।

वृंदावन प्रोजेक्ट में शामिल परियोजनाओं के प्रगति का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण में कार्यदायी संस्थाओं व जिला प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक में कमिश्नर श्री बोवड़े ने हरेक परियोजनाओं के प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने जल निगम और पीडब्लूडी अफसरों से सीवरेज व ड्रेनेज लाइन तथा सड़क निर्माण के कार्य में हो रही देरी के बारे में बात की। अफसरों ने इस मामले में एक-दूसरे पर दोषारोपण करने के साथ ही शासन से धन न मिलने की दुहाई दी।

विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता को भी संबंधित कार्य समय से पूरा कराने की हिदायत दी गई। कमिश्नर ने कहा कि जिन परियोजनाओं के समय से पूरा होने में स्थगनादेश आड़े आ रहे हैं, उसे ब्रेकेट कराने के लिये तेजी से प्रयास किया जाये। बाद में पत्रकारों से बातचीत में कमिश्नर ने बताया कि जल निगम और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को ज्वाइंट कमेटी बनाकर आपसी तालमेल बढ़ाने के लिये कहा गया है।

वृंदावन में अतिक्रमण हटाने में भी एकरूपता लायी जायेगी। वृंदावन में बन रहे अस्पताल में मैन पावर व उपकरण आदि की फेहरिस्त तैयार कर शासन को भिजवाने के निर्देश दिये गये हैं। श्री बोवड़े ने कहा कि प्रोजेक्ट में शामिल सभी कार्य इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएंगे। बातचीत के दौरान प्रभारी डीएम व अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ज्ञानेश कुमार, विप्रा उपाध्यक्ष आरके सिंह, एडीएम कानून-व्यवस्था अवधेश तिवारी, विप्रा सचिव मानवेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।


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