Monday, May 24, 2010

2010-05-24 Braja News (2)

मंदिरों के फूलों से भी मिलेगी रोटी


मथुरा (DJ, May 24, 2010) । वन विभाग की योजना परवान चढ़ी तो मंदिरों में ठाकुरजी के विग्रहों पर चढ़ने वाले फूल बेकार नहीं जाएंगे। वृंदावन के मंदिरों से फूलों को एकत्र कराकर धूपबत्ती और अगरबत्ती बनाई जाएंगी। वन विभाग ने प्लांट स्थापित करने की योजना तैयार कर प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। इसमें स्थानीय लोगों को ही रोजगार दिया जाएगा। विभाग मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों की मात्रा का पता करने के लिए सर्वे कराने जा रहा है।

वृंदावन के प्रसिद्ध मंदिर बांके बिहारी, राधा-बल्लभ, इस्कॉन, राधा-दामोदर, राधा-रमण, शाहजी, गोविंद देव, कात्यायनी एवं राधा-श्याम सुंदर समेत अन्य सैकड़ों मंदिरों में हजारों क्िवटल फूल चढ़ाए जाते हैं। विशेष अवसरों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में बड़ी मात्रा में फूलों का प्रयोग किया जाता है। मई-जून में ठाकुर जी को ठंडक पहुंचाने के लिए फूल बंगला सजाए जाते हैं। मंदिरों में चढ़ने वाले फूल फिर किसी काम नही आते। बताया गया है कि इन फूलों को या तो कूड़े के ढेरों पर डाला जा रहा है या फिर यमुना में प्रवाहित किया जा रहा है। यमुना में फूलों को प्रवाहित किए जाने से प्रदूषण बढ़ रहा है।

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने मंदिरों में चढ़ाए जा रहे फूलों का पुन: इस्तेमाल किए जाने की योजना तैयार की है। वन संरक्षक आगरा वृत्त विभात्स रंजन ने बताया कि मंदिरों को साफ सुथरा रखने और यमुना में प्रवाहित किए जाने वाले फूलों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए विभाग ने योजना तैयार कर प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। उन्होंने बताया कि मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों का पुन: इस्तेमाल किए जाने को पहले वृंदावन में प्लांट की स्थापना कराई जाएगी। इसमें धूप बत्ती एवं अगरबत्ती बनाई जाएंगी। वर्मी कम्पोस्ट बनाए जाने की योजना भी इसमें शामिल की गई है।

इस काम में पहले से गठित वन विकास अभिकरण के अंतर्गत संयुक्त समितियों को लगाया जाएगा। समितियों को विभागीय स्तर पर पूरी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि पहले मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों की मात्रा का सर्वे कराया जा रहा है। वर्ष भर में कितने फूल चढ़ते हैं। इसकी जानकारी जुटाने के बाद ही प्लांट की प्लानिंग की जाएगी। इसमें स्थानीय संतों का भी सहयोग लिया जाएगा। उनकी राय जानने के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा। डीएफओ डॉ. केएल मीणा ने बताया कि जल्द ही मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों का सर्वे कराया जाएगा। सर्वे में यह देखा जाएगा कि खास तिथियों में कितने फूल चढ़ते हैं और सामान्य दिनों में कितने। चढ़ने वाले फूलों की औसत मात्रा निकलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।



यमुना प्रदूषण मुक्ति के लिये महा विष्णु यज्ञ


मथुरा (DJ, May 24, 2010) । सरकारी प्रयासों के बाद भी यमुना मैया में प्रतिदिन बढ़ रहे प्रदूषण से दु:खी भक्तों ने महा विष्णु यज्ञ शुरु कर दिया है। गोपाल पीठाधीश्वर विट्ठलेश महाराज ने वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ आहूतियां देकर धार्मिक प्रयास में योगदान दिया।

कालिंदी भक्त समुदाय द्वारा हनुमान गली स्थित यमुना तपोभूमि में किये जा रहे यज्ञ में विश्व कल्याण की भावना भी समाहित है। दर्जनों विप्र पूजन-अर्चन के बाद वेद मंत्रों का सस्वर उच्चारण करते हुये आहूतियां दे रहे हैं। यज्ञ में आयोजक विजय हाथीराम शास्त्री के अलावा मुख्य विद्वान देवदत्त शास्त्री, विश्वनाथ, गोपाला, गणेश, गल्लू, अनूप पंडित, प्रद्युम्न, मनोज, सोमनाथ, भोला नाथ, लाला बाबा, सोमदत्त, रविंद्र नाथ,मनीष, मुरली धर, बाल जी, गोपाल गौरव व राधा बल्लभ समेत अनेक मैया के भक्त भाग ले रहे बताये गये हैं।



मुसीबत न बन जाए मानसून की बारिश


मथुरा (DJ, May 24, 2010) । मानसूनी बारिश का समय नजदीक आने के साथ ही स्टार्म वाटर ड्रेनेज का शहरी क्षेत्रों में निर्माण करा रही जल निगम की सीवरेज एंड ड्रेनेज इकाई के अफसरों की परेशानी बढ़ती जा रही है। महाप्रबंधक एसके वर्मा ने नगर पालिका प्रशासन को भेजे पत्र में यह जानना चाहा है कि वह मानसूनी बारिश की शुरूआत से पहले नालों की सफाई करा पायेगा या नहीं। वर्तमान स्थिति को देखते हुये यह प्रतीत हो रहा है कि इस बार मानसून की बारिश शहरी जनता को अधिक सतायेगी।

करीब एक माह बाद मानसूनी बारिश की शुरूआत हो जायेगी, लेकिन शहरी क्षेत्र के अधिकांश नाले अब भी गंदगी से लबालब हैं। हाइवे से भूतेश्वर की ओर आने वाला नाला हो या नये बस स्टैंड के आसपास का या फिर भैंस बहोरा, सुभाषनगर होते हुये अंतापाड़ा से गुजरने वाला नाला, किसी की सफाई नहीं हो पायी है। नगर पालिका प्रशासन के दावों के विपरीत इनकी सफाई कब तक हो पायेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। इनमें भैंस बहोरा, सुभाषनगर होते हुये अंतापाड़ा से गुजरने वाला नाला सबसे महत्वपूर्ण है। इस नाले की सफाई न होने की स्थिति में वनखंडी, सुभाष नगर के साथ ही पूरे अंतापाड़ा क्षेत्र में पानी भर जाने की आशंका है।

गौरतलब है कि होलीगेट समेत आसपास के क्षेत्रों का पानी इसी नाले में जाता है। दूसरी ओर स्टार्म वाटर ड्रेनेज का निर्माण कार्य भी धीमी गति से चल रहा है। नाला निर्माण व कुप्रबंधन की वजह से इस समय भी तमाम शहरी इलाकों में पानी भर रहा है। संभव है कि अंतापाड़ा जैसे निचले स्थानों पर बारिश का पानी घरों में भर जाये और नगर पालिका प्रशासन व जिला प्रशासन के अफसर पिछले वर्षो की तरह इस बार भी लकीर पिटते नजर आएं।



परशुराम शोभायात्रा के लिये डोर टू डोर संपर्क


मथुरा (DJ, May 24, 2010) । भगवान परशुराम की शोभायात्रा को भव्य, दिव्य व विशाल बनाने के लिये विप्र समुदाय जुट गया है। कार्यकर्ताओं ने डोर टू डोर जन संपर्क कर विप्रों में जोश भरना शुरु कर दिया है। प्रमुख यात्रा संयोजक एसके शर्मा का कहना है कि 27 को पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा। इसके लिये विशेष प्रकार के पुष्प बाहर से मंगाए गये हैं। छावनी परिषद के पूर्व चेयरमैन कमल कांत उपमन्यु के आवास पर हुई बैठक में बसपा भाईचारा कमेटी के मंडल कोआर्डिनेटर देवेंद्र गौतम गुड्डृू ने सभी विप्रों से यात्रा में तन-मन व धन से सहयोग कर अभूतपूर्व बनाने पर जोर दिया। उपमन्यु ने लोगों से सभी दलगत व मतभेदों को भुलाकर भगवान की शोभायात्रा में भाग लेने का आह्वान किया।
अनिल परशुराम, योगेश पंडित व पंकज शर्मा ने कहा यात्रा बाटी वाली कुंज से सायं 4 बजे आरंभ होकर प्रमुख बाजार से होकर डीग गेट पर सम्पन्न होगी। ब्रज मोहन भारद्वाज, राकेश शर्मा, मनोज, राधेश्याम शर्मा सर्वेश शर्मा, सोमेंद्र भारद्वाज, हरीश शर्मा, हरदेव शर्मा एवं लक्ष्मण प्रसाद डेरी ने सभी विप्रों से भाग लेने का आग्रह किया है।



यमुना में चार बच्चे डूबे


मथुरा (DJ, May 24, 2010) । थाना नौहझील के अड्डा फिरोजपुर यमुना की खादरों में बकरी चराने गए आधा दर्जन बच्चे यमुना नदी में नहाते समय डूब गए। दो बच्चे जैसे-तैसे बचा लिये गए। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण व बच्चों के परिजन आ गए। करीब एक घंटे बाद चारों बच्चों को गोताखोरों ने नदी से निकाला। अस्पताल ले जाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया है। आक्रोशित लोगों ने नौहझील में बाजना तिराहा पर जाम लगा दिया।
कस्बा नौहझील के शहबाज पुत्र रफीक, नाजिर पुत्र खलील, जाविद पुत्र शब्बीर, अकील पुत्र मुन्ना, अरबाज पुत्र रफीक व सागर पुत्र रग्गा बकरी चराने यमुना नदी की खादर में गए हुए थे।

सभी आठ से बारह साल के मध्य है। बकरी चराते बच्चों को गर्मी का एहसास हुआ तो वे यमुना नदी में नहाने उतर गए। बताते हैं कि दो बच्चे अरबाज पुत्र रफीक व सागर पुत्र रग्गा निवासी टोली मोहल्ला नौहझील तो किनारे पर ही नहाते रहे अन्य चार बच्चे गहरे पानी में प्रवेश कर गए।

जब गहरे पानी में वे डूबने लगे तो दोनों बच्चे भाग कर नौहझील आए। इस पर गांव के अन्य लोग यमुना किनारे पहुंच गए। आनन-फानन में गोताखोर अमीर अहमद व शरीफ को यमुना में उतारा गया। दोनों गोताखोर एक घंटा की मशक्कत के बाद डूबे चारों बच्चों को निकाल कर किनारे ले आए। सभी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नौहझील लाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया।

बच्चों की मौत की सूचना पर कस्बा नौहझील में मातम छा गया। मृतकों के परिजन भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच गए। परिजनों का रोकर बुरा हाल था। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने चारों बच्चों के शवों को मथुरा-नौहझील मार्ग स्थित बाजना तिराहा पर रख दिया। इससे मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लम्बी-लम्बी लाइनें लग गई। जाम लगाते लोग गरीब मृत बच्चों के परिजनों को मुआवजा दिलाए जाने की मांग कर रहे थे।

उपजिलाधिकारी ने मृतकों के परिजनों को एक लाख रुपये सहायता राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दिलाने का आश्वासन दिया, तब जाम खुला। परिजनों को दस हजार रुपये बच्चों के अंतिम संस्कार को दिए|



अल्पसंख्यक किशोरी को नंगा कर गांव में घुमाया


मथुरा (DJ, May 24, 2010) । गोवर्धन के समीपवर्ती गांव नीमगांव में दंबंगों ने अल्पसंख्यक समुदाय की किशोरी के कपड़े फाड़कर उसे सरे-राह बेइज्जत किया। इतने पर भी मन नहीं भरा तो उसे नग्नावस्था में गांव में भी घुमाया। किशोरी की मां ने विरोध किया तो उसकी भी पिटाई कर दी गई। दबंगों ने कई घंटे तक मां-बेटी को गांव से बाहर ही नहीं निकलने दिया। ग्रामीणों को भी धमकाया गया। बाद में किसी तरह पीड़ित पक्ष किशोरी को चादर से ढक कर थाने लाया। पुलिस ने मामले में एनसीआर दर्ज कर इसे दबाने का प्रयास किया। अब पुलिस इसे मारपीट का मामला बता रही है।

गांव नीमगांव निवासी सल्लन की पत्‍‌नी रामवती अपनी किशोर वय पुत्री मल्लो (सभी नाम बदले हुए) के साथ शनिवार को अपराह्न गांव में ही कन्हैया ठाकुर के खेत पर बने कुआं पर कपड़े धोने गई थी। अभी वह कुछ ही कपड़े धो पायी थी कि कन्हैया का पुत्र कमली, उसकी पत्‍‌नी व बच्चे आ गए। कमली ने मां-बेटी को कुआं पर कपड़े न धोने की हिदायत देते हुए वहां से चले जाने को कहा। उन्होंने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग भी किया। मां-बेटी ने कुछ और कपड़े धो लेने की प्रार्थना की तो कमली की पत्‍‌नी ने गाली-गलौज कर दी।

इसका विरोध किया गया तो रामवती के साथ मारपीट कर दी गई। इसी बीच कमली ठाकुर के दों पुत्र और आ गए। दोनों ने मां-बेटी की पिटाई लगा दी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि लड़कों ने किशोरी के कपड़े फाड़ दिए, और उसे मारते-पीटते गांव में ले आए। गांव के अन्य लोगों ने विरोध किया तो उनको भी जान से मारने की धमकी दे दी गई। पीड़ित मां-बेटी को भी थाने न जाने की धमकी दी गई। सायं सल्लन के मजदूरी करके लौटने पर मां-बेटी ने उसे पूरी घटना से अवगत कराया। बताते हैं कि कमली के लड़कों ने शिकायत करने पहुंचे सल्लन से भी मारपीट कर डाली। बताया गया कि प्रधान व अन्य ग्रामीणों के साथ पीड़ित पक्ष किसी तरह से थाना गोवर्धन पहुंचा।

यहां पर उनको कई घंटे तक थाने में बिठाए रखा गया। थाने में किशोरी को चादर ओढाकर लाया गया था। उसके फटे कपड़े भी पुलिस को दिखाए गए। पुलिस ने देर सायं इस मामले में सल्लन की तहरीर पर एनसीआर दर्ज कर ली। पीड़ित मां-बेटी का मेडिकल भी कराया गया। अब पुलिस इस मामले को मारपीट का बता कर जान छुड़ाने का प्रयास कर रही है। थाना पुलिस दोनों पक्षों में राजीनामा कराए जाने के प्रयास में भी जुटी बताई गई है। इधर घटना के दूसरे दिन शाम छह बजे तक एसपी सिटी रामलाल के संज्ञान में यह मामला ही नहीं था। गोवर्धन थाना उनके ही अधिकार क्षेत्र में है। उन्होंने इस बारे में सम्पर्क किये जाने पर मामले से अनभिज्ञता जताई।

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