Sunday, May 2, 2010

वृन्दावन की मूल संस्कृति का ध्यान रख कर ही विकास कार्य हो

रवीन्द्र कुमार कुलश्रेष्ठ

वृन्दावन (वृन्दावन इन्साफ) : व्रज वृन्दावन हैरिटेज एलायंस की एक बैठक श्री राधा गोकुलानन्द मन्दिरे के प्रांगण में मन्दिरे के महन्त श्री निताइदास महाराज की अध्यक्षता में हुई । बैठक को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार श्री कृष्णगोपाल गुप्ता ने कहा कि वृन्दावन की शोभा यहां की कुंज गलियों से है । यहां पर अनावश्यक सड़क चौड़ीकरण करके यहां के मठ-मन्दिरो एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को न तोडा जाये ।

उन्होंने कहा कि सड़क के किनारे बनाये जा रहे इतने गहरे नाले बनाने से नालों की सफाई नहीं हो पायेगी, जिससे उफनते हुए नाले आनेवाले तीर्थ यात्रियों पर बुरा प्रभाव डालेगा ।

स्वामी सेवक शरण ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण करते समय यदि कोई वृक्ष बीच मेम् आता है तो उसे काटा नहीं जाना चाहिये, बल्कि विभागीय अधिकारियों को सड़क के नक्शे को बदल देना चाहिये । उन्होंने कहा कि एक प्राचीन वृक्ष का मुकाबला नये पौधे नहीं कर सकते ।

पंo बालकृष्ण गौतम ने कहा कि हम सभी ब्रजवासियों का कर्तव्य है कि हम ब्रज के धरोहर एवं संस्कार को सुरक्षित रखेम् । जिसमें पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव हमारे संस्कार में न पडे ।

पण्डा सभा के उपाध्यक्ष श्री रामनारायण ब्रजवासी ने कहा कि वृन्दावन तथा इसके आस-पास के क्षेत्रों में शराब का ठेका नहीं उठने देना चाहिये । उन्होंने कहा कि वृन्दावन में मांस और मदिरा पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगन चाहिये ।

आचार्य श्रीवत्स गुणत्वी ने मांग की कि वृन्दावन को तीर्थ स्थल घोषित किया जाये । उन्होंने कहा कि कुंभ मेला क्षेत्र को संरक्षित करके उसे मेला भूमि घोषित किया जाये, जिससे कि उस स्थान पर ब्रज यात्रा के पडाव डाला जा सके । उस स्थान का उपयोग बडे-बडे कथाओं का आयोजन करने के लिये किया जा सकता है ।

मधुमंगल शुक्ला ने कहा कि यमुना संचरण भूमि से अतिक्रमण हटाना चाहिये, जिससे यमुना के प्रवाह में कोई बाधा उत्पन्न न हो ।

मीराबाई मन्दिर के महन्त श्री प्रद्युम्न प्रताप महाराज ने कहा कि वृन्दावन में तीन मंजिला इमारत से अधिक मंजिल वाले भवन बनाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिये । उन्होंने कहा कि वृन्दावन को तीर्थ भूमि बनाये रखना चाहिये तथा इसे मुम्बाई-दिल्ली के तर्ज पर नहीं बनाया जाना चाहिये ।

विनायक सेवा समिति के अध्यक्ष आचार्य नरेश नारायण ने कहा कि भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित मन्दिरों की हाल दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है । विभाग द्वारा इन स्मारकों के ऊपर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है । इनके मन्दिरों को चारोम् और अवैध निर्माण हो रहा है और विभागीय अधिकारी कुम्भकर्णी नींद सो रहे हैम् ।

इस बैठक में डाo देवेन्द्र चैतन्य, आचार्य सुरेश वेदपाठी, विक्रान्त अग्रवाल, कन्हैया गुप्ता, अशोक गुप्ता, अनन्त किशोर शरण, श्रीमती मालती आदि ने विचार व्यक्त किया ॥

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