Sunday, August 8, 2010

2010-08-09 ब्रज का समाचार

अवैध निर्माणों पर चेता एएसआई


मथुरा (AU 2010.08.09)। संरक्षित स्मारकों और धरोहरों के करीब बढ़ते अतिक्रमण को केंद्रीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने संजीदगी से लेना शुरू कर दिया है। जिले के क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी ने भी प्राचीन इमारतों के आसपास अवैध निर्माण करने वाले दर्जनभर लोगों को नोटिस भेजे हैं। इस बारे में पुलिस सहायता के लिए भी लिखा गया है।

शासन के नवीन प्रावधानों के अनुसार एएसआई द्वारा संरक्षित प्राचीन धरोहरों के २०० मीटर दायरे में किसी भी प्रकार के निर्माण के लिए एएसआई से एनओसी लेना अनिवार्य कर दिया गया है। धरोहरों के १०० मीटर के दायरे में पूर्व से ही नवीन निर्माणों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इन स्मारकों के करीब पूर्व में हुए निर्माणों के लिए तो अब कुछ नहीं किया जा सकता पर जो नवीन अब निर्माण किए जा रहे हैं, उनको रोकने के लिए पुरातत्व विभाग सतर्क हो गया है।

अब १०० मीटर के दायरे में पुराने समय से बने मकानों और इमारतों की मरम्मत के लिए भी पुरातत्व विभाग से एनओसी लेनी पड़ेगी। इसी प्रकार के अवैध नव निर्माण केंद्रीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित कंकाली टीला, जयसिंहपुरा, गोपालखेरा, वृंदावन स्थित गोविंद देव मंदिर, मदन मोहन मंदिर, राधाबल्लभ मंदिर, जुगल किशोर मंदिर आदि के आसपास भी किए जा रहे हैं।

विभाग ने निर्माण कर रहे करीब एक दर्जन लोगों को नोटिस भेजे हैं। क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी आरसी शर्मा ने बताया इन लोगों को नोटिस भेज एनओसी लेने को कहा गया है। पुलिस को भी पत्र लिख कार्रवाई में मदद मांगी है।



बाबा भोले पर चढ़ा गंगा जल


मथुरा (DJ 2010.08.09)। हजारों कावड़ियों ने रविवार को देवाधिदेव महादेव के मंदिरों में गंगा जल चढ़ा कर ओघड़दानी की जय-जयकार की। हरिद्वार से अनेक तस्वीर एवं वस्त्र-आभूषणों में गंगा मैया का जल लेकर रवाना हुये भक्तों ने मास शिव रात्रि का पर्व मनाया।

प्रभु के सेवकों ने रविवार को खाली बार मानने की प्राचीन मान्यता को दर किनार करते हुये मंदिर में जलाभिषेक कर धर्म-कर्म किये। इस दौरान शहर के प्रसिद्ध भूतेश्वर मंदिर में जलाभिषेक करने वालों की बहुत भीड़ रही। रंगेश्वर, पिपलेश्वर, नील कंठेश्वर, गोकरणेश्वर, गर्तेश्वर मंदिरों पर भी भक्त समुदाय ने श्रद्धा के साथ दर्शन किये।

जल चढ़ाने के बारे में शिव भक्त राधा बल्लभ शर्मा ने बताया कि हरिद्वार से जल लाने वाले लाखों लोगों ने देश के विभिन्न अंचलों में मासिक शिव रात्रि रविवार को ही जलाभिषेक करने का निर्णय लिया। वे व्रत सोमवार को रखेंगे। 28 को हरिद्वार रवाना हुये और रविवार को प्राचीन भूतेश्वर मंदिर पर साथी शिव सेवकों प्रताप गोवाल, विष्णु, सत्यवीर, पप्पू जैवाल, जगदीश व देवेंद्र ने कहा कि वे सोमवार को छटीकरा में प्रभु पर जला चढ़ाएंगे।

दूसरी ओर भगवान के मंदिरों पर श्रावण के तीसरे सोमवार को धूम-धाम से मनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। किसी मंदिर में बर्फ को तो किसी में फल-फूल का बंगला सजाने का फैसला लिया गया है।




शिव भक्तों ने भोले का जलाभिषेक किया


कोसीकलां (AU 2010.08.09)। मन की उमंग में भोले की तरंग ... बोल बम-बम से गूंज रहा है वातावरण। सावन की शिवरात्रि के मौके पर रविवार को क्षेत्र में कई स्थानों पर शिवालयों में हजारों श्रद्धालुओं ने
जलाभिषेक किया। महिला और पुरुष नगर के प्रमुख तालाबशाही स्थित महादेव मंदिर पर पूजा-अर्चना और दर्शन के लिए उमड़े। इस दौरान मंदिरों में विशेष साज-सज्जा की गई थी। नगर के अन्य मंदिरों में शिव भक्त पूजा-अर्चना के साथ शाम से देर रात तक दर्शनों के लिए उमड़ पड़े।

इन दिनों सावन का पवित्र मास चल रहा है। ऐसा माना जाता है कि यह महीना अन्य माह की अपेक्षा पवित्र और श्रेष्ठ होता है। इस माह में शिव की भक्ति से मनोकामना पूर्ण होती है। शिव लिंग पर पवित्र जल चढ़ाते हुए वे समृद्ध और सुखी जीवन की कामना करते हैं। रामलीला संस्थान के अध्यक्ष चौधरी मदनलाल ने शिविर लगाकर कांवरियों को फलाहार की व्यवस्था की।

खड़ी कांवड लाने वाले भक्त रातभर कांवर को कंधे पर उठाकर घूमते रहे। ब्रह्म मुहूर्त पर मंदिर खुलते ही उन्होंने जलाभिषेक शुरू कर दिया। बम-बम भोले के जयघोष से गूंज उठे मंदिर परिसर। शाम को मंदिर पर फूल बंगला की झांकी सजाई गई। झांकी देखने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। नगर के अनेक शिवालयों में भी श्रद्धालुओं में पूजा-अर्चना करने के लिए होड़ लगी हुई थी। भगवती मंदिर पर भी पूजन और दर्शन के लिए महिलाओं के आने का क्रम शुरू हो गया ।




जन्माष्टमी : सहूलियत के साथ रहेंगी सभी पर निगाहें


मथुरा (DJ 2010.08.09)। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं की सहूलियतों का ध्यान रखते हुये सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखने का निर्णय लिया गया है। सुरक्षा कर्मी जन्मभूमि क्षेत्र के चारों ओर निगाह रखेंगे। इस बार भंडारे लगाने की अनुमति नगर मजिस्ट्रेट से प्राप्त करनी होगी।

जिला मजिस्ट्रेट डीसी शुक्ल की अध्यक्षता में श्री कृष्ण जन्म स्थान स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में ये निर्णय लिये गये। निर्णय के मुताबिक, कानून-व्यवस्था की दृष्टि से जन्मभूमि के आसपास रेड और यलो जोन समेत मथुरा-वृंदावन के सभी प्रमुख मंदिरों में मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी और पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात किये जाएंगे।

जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में श्रद्धालुओं का प्रवेश गोविंद नगर गेट और निकासी मुख्य द्वार से होगी।

बैठक में 11 स्थानों पर पार्किंग बनाकर इसका जिम्मा नगर पालिका को सौंपने, पांच स्थानों पर सामानघर बनाकर इसकी जिम्मेदारी श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान को सौंपने का निर्णय लिया गया। किसी भी आकस्मिकता के दृष्टिगत श्रीकृष्ण जन्म स्थान परिसर के आसपास व बाहरी गेटों पर चार एंबुलेंस, यलो जोन के आउटर कट पर बैरिकेडिंग व बैरियर लगाये जाएंगे।

पूरे नगर में पर्याप्त रोशनी के लिये नगर पालिका और मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण को जिम्मेदारी सौंपी गई है। श्रद्धालुओं को वृंदावन ले जाने के लिये बीस बसें संचालित की जाएंगी। जिला मजिस्ट्रेट ने नगर की सड़कों की मरम्मत कराने के निर्देश लोक निर्माण विभाग और विप्रा अफसरों को दिये हैं। श्री शुक्ल ने संबंधित सभी विभागों के अफसरों को समय से कार्य पूरा करने के लिये कहा। जन्मभूमि के आसपास स्थित होटल और धर्मशालाओं की आकस्मिक चेकिंग जल्द शुरू कर दी जायेगी।



वाल्मीकि समाज का शोषण बर्दाश्त नहीं


वृंदावन (AU 2010.08.09)। उत्तर प्रदेशीय सफाई मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष एनआर वाल्मीकि ने राधा निवास स्थित वाल्मीकि बस्ती शिवजी मंदिर पर सफाई कर्मचारियों की सभा में कहा कि वाल्मीकि समाज अपनी शक्ति को पहचानकर ईमानदारी और समाज के हित में कर्तव्य का पालन करे। उन्होंने कहा कि समाज का शोषण करने वाले और समाज में जहर घोलने वाले असामाजिक तत्वों से सावधान रहें।

उन्होंने कहा कि वाल्मीकि समाज का शोषण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि समाज को चाहिए कि वह संगठित हो और देशहित में योगदान दें। उन्होंने संघ के कार्यकर्ता सोरन सिंह चंदेल को नगर अध्यक्ष बनाने की घोषणा करते हुए धारा (३५) के अधीन कार्य करने के लिए अधिकृत किया। इस अवसर पर गुरुचरन चौहान, राधेश्याम, कालीचरन भारती, ब्रजीराम, नारायण दास, विजयपाल, गिर्राज प्रसाद, मुरारीलाल, ब्रजमोहन चंदेल, मोहन सिंह, रमेश जयादार, चंद्रसागर, शकुंतला देवी, शांति, मीरा, देवी, अंगूरी, रोनवरी, मोहन देवी, गड़िया आदि उपस्थित थे।



डेढ़ माह में कैसे बनेंगी सड़कें


मथुरा (AU 2010.08.09)। राष्ट्रमंडल खेलों के मद्देनजर शहर में बनाई जाने वाली आधा दर्जन सड़कों के निर्माण पर सवाल उठने लगे हैं। बरसात के दिनों में मात्र डेढ़ माह में शहर के बीच सड़कों का पूरा कराने का कोई ठोस इंतजाम नजर नहीं आ रहे हैं।

राष्ट्रमंडल खेलों के लिए शहर की आधा दर्जन सड़कों को चमकाने तथा उनके निर्माण का जिम्मा लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड कार्यालय को सौंपा गया है। इसमें होटल शीतल रीजेंसी से गोविंदनगर श्रीकृष्ण जन्म स्थान तक, स्टेट बैंक चौराहे से संग्रहालय तक, हाइवे से श्रीकृष्ण जन्मस्थान, भूतेश्वर से मसानी तिराहे तक, औरंगाबाद से टैंक चौराहे तक, क्वालिटी तिराहे से डीग गेट तक की सड़कों को गड्ढा मुक्त व नई लेयर डालकर पेवर मशीन से सड़क बनाने के प्रस्ताव भेजे थे।

सड़कों के किनारे दोनों ओर इंटरलाकिंग सड़क तथा नालियों का निर्माण भी होना है। लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड कार्य को अमलीजामा पहनाने के लिए फाइलें लखनऊ स्वीकृति को भेजी हैं। कार्यवाहक एक्सईएन एमके शर्मा ने बताया कि फाइल विशेष सचिव के पास स्वीकृति को भेज दी है।

स्वीकृति मिलने के बाद समयावधि में काम पूरा करा लिया जाएगा। अभी तक उन्हें राज्य सरकार ने स्वीकृत तक नहीं किया है। विभागीय सूत्रों का मानना है कि बरसात के दिनों में शहर के बीचों बीच इतने कम समय में सड़कों का निर्माण कैसे पूरा होगा जबकि आगामी माह में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व भी है। इसमें जुटने वाली भीड़ भी काम कराने में काफी रोड़ा साबित होगी।


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