Sunday, August 22, 2010

2010-08-22 ब्रज समाचार (2)

रूप गोस्वामी पाद के जीवन पर प्रकाश डाला


वृंदावन – गौडीय वैष्णवाचार्य रूप गोस्वामी पाद की तिरोभाव तिथि पर पत्थरपुरा स्थित बड़ी सुरमा कुंज में संत-विद्वत संगोष्ठी में प्रेमदास शास्त्री ने कहा कि उन्होंने भगवान चैतन्य महाप्रभु की आज्ञा पर मंत्री पद एवं धन-वैभव को त्याग दिया । वे वृंदावन चले आये ।

डा. अच्युतलाल भट्ट ने कहा कि रूप गोस्वामी का नाम स्मरण ही भक्ति प्रदायक है । महंत फूलडोल बिहारी दास महाराज ने कहा कि रूप गोस्वामी जी महाराज की कृपा से ही राधाकृष्ण की प्रेमसेवा प्राप्त हो सकती है ।

डा. शैलेंद्रनाथ पांडेय एवं पं. बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि उनके भक्तिरसामृतसिन्धु तथा उज्ज्वलनीलमणि भक्तिरस के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ हैं ।

संगोष्ठी में महंत सच्चिदानंद दास, स्वामी जगन्नाथानंद, डा. विनोद बनर्जी, गिरिराज शास्त्री उपस्थित थे ।



श्रद्धालुओं ने लगाई गिरिराज परिक्रमा


गोवर्धन (AU 2010.08.21)। श्रावण के अंतिम शनिवार को श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह उमंग के साथ सप्तकोसी परिक्रमा लगाते एवं प्राचीन नारद कुंड स्नान किया ।

स्नान एवं परिक्रमा के बाद श्रद्धालुओं ने प्रमुख मंदिरों में झूले के दर्शन किए एवं पूजा अर्चना की । गिरिराज महाराज की जय-जयकार से संपूर्ण परिक्रमा मार्ग गुंजायमान हो उठा । राधा कुंड और नारद कुंड पर श्रद्धालुओं की भीड़ थी ।

नारद कुंड स्नान के बाद शनिदेव की भक्ति भावना के साथ पूजा अर्चना की । इस दौरान बस स्तैंड बिजली घर, सौंख अड्डा पर सड़क निर्माण कार्य के कारण परेशानि का सामना करना पड़ा । एकादशी होने के कारण गिरिराज मुखारविंद मुकट, दान घाटी, नंदबाबा, प्राचीन मंदिर राधा श्यामसुंदर, देवकी नंदन जी महाराज, विश्वकर्मा मंदिर आदि में ठाकुर जी ने झूलों में विराजमान होकर श्रद्धालुओं को दर्शन दिए ।



व्रजविभूति थे देवरहा बाबा


वृंदावन – योगी सम्राट देवरहा बाबा की २०वीं पुण्यतिथि पर सभा का आयोजन दावानल कुंड पर किया गया । रामजानकी ट्रस्ट द्वारा संत मधुसूदन दास त्यागी के सांनिध्य में हुई सभा में गोपाल लाल शर्मा ने कहा कि देवरहा बाबा ब्रज विभूति थे । राजकुमार मूदड़ा और त्रिलोकीनाथ ने कथा कि बाबा महाराज के दर्शन मात्र से प्राणी का कल्याण हो जाता था । अवधबिहारी दास और संतोष रस्तोगी ने बताया कि वह सभी संप्रदायों का सम्मान करते थे ।



आया सावन झूम के पर थिरके पांव


अग्रसेन मानव सेवा महिला प्रकोष्ठ का आयोजन
अग्रवाल सभा महिला समिति ने मनाया तीज महोत्सव


मथुरा । हरियाली तीज का खुमार अब तलक महिलाओं पर छाया हुआ है । महिला संगठन पर्व का जश्न धूमधाम से मना रहे हैं । सावन के गीत और मल्हार के मध्य सांस्कृतिक कार्यकर्मों से जश्न में चार चांद लगाए जा रहे हैं ।

अग्रसेन मानव सेवा महिलाओंका प्रकोष्ठ का कार्यक्रम आया सावन झूम के चित्रकूट मसानी पर आयोजित किया गया । शुभारंभ मुख्य अतिथि निर्मल अग्रवाल ने राधा-कृष्ण की छवि के समक्ष दीप प्रवलित कर किया ।

इस मौके पर महिलाओं ने नृत्य किया और प्रतियोगिताओं में भाग लिया । साथ ही लकी ड्रा निकाला गया । सावन के गीत लिखो, बाल उठाओ टब में डालो, सब्जी ढूंढो, बरसात में छाता लगाकर चलो जैसी रोचक प्रतियोगिताएं आयोज्ज्त हुईं ।

श्री अग्रवाल सभा महिला समिति का हरियाली तीज महोत्सव रंगारंग कार्यक्रमों के मध्यम मनाया गया । इसका शुभारंभ मुख्य अतिथि बीना अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया । महिलाओं ने राधा कृष्ण की अनूठी प्रस्तुतियां दीं । इस अवसर मीरा मित्तल ने हास्य प्रद प्रस्तुति दी जिसे श्रोताओं ने बेहद सराहा ।

इस मौके पर श्रोताओं को सावन के महत्त्व से रूबरू कराया गया । इस दौरान आयोजित किचन चैंपियन शो में संगीता अग्रवाल को विजेता घोषित किया गया ।



भागवत मोक्ष के साधनों में सर्वश्रेष्ठ


वृंदावन –



भागवत मोक्ष के साधनों में सर्वश्रेष्ठ


वृंदावन – श्रीराधा सर्वैश्वर भगवान के प्रथम पाट्योत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में महामंडलेश्वर राधामोहन दास ने कहा कि भागवत मानस के मोक्ष और कल्याण के साधनों में सर्वश्रेष्ठ है ।

श्रीराधा सर्वैश्वर पीठ आश्रम पर महाराज जी ने कहा कि मन को भागवत परायण बनाने के लिए गुरुदेव के वचनों में निष्ठा, संतों क् समागम और ग्रंथों का श्रवण-कीर्तन करना चाहिये । यदि हम भगवान के चरणों में सुख की अनुभूति कर लें तो भगवान गोवर्धननाथ की सहज प्राप्ति हो जाएगी ।

उन्होंने कहा कि भजन मोक्ष प्राप्ति का एक ऐसा सशक्त माध्यम है । इसमें बड़ी से बड़ी से आसुरी शक्तियां भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती हैं । इस मौके पर उन्होंने कथा में भगवान के सभी अवतारों की विस्तार से व्याख्या की ॥



सच्चे मन से करें प्रभु की उपासना


वृंदावन – यदि हमें भगवान की उपासना सच्चे मन से करनी है तो हमें आचरण, व्यवहार और खानपान शुद्ध और सात्त्विक रखना होगा । मन, वचन और कर्म से हमें पूर्णरूपेण सात्त्विक आचरण करना होगा । तभी हम भगवान उपासना के अधिकारी हो सकते हैं । ये वाक्य रमणरेति स्थित पद्मश्री स्वामी रामस्वरूप शर्मा के लीला पंडाल में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में व्यासपीठ से भागवताचार्य डा. बड़े ठाकुर ने प्रवचन के दौरान कहे ।

कथा के पश्चात मुख्य यजमान एसएन शर्मा ने पत्नी मनोरमा शर्मा सहित भागवतजी का पूजन-अर्चन किया । इस अवसर पर तोताराम उपाध्याय, ब्रजमोहन खांडल, रतनलाल, सुरेशचंद्र शर्मा, मनीष शुक्ला, दिनेश मनी, नित्यानंद शर्मा, शांति शर्मा, ब्रजभूषण अरोड़ा आदि थे ॥


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