Wednesday, June 30, 2010

2010-07-01 ब्रज का समाचार

‘आओ मेघा आओ, मेघा पानी तो बरसाओ’


गड़बड़ा गए अनुमान, अभी बारिश का इंतजार
वायु का दबाव नहीं बनने से मानसून हो रहे लेट
अधिकतम तापमान ४५ डिग्री सेल्सियस पहुंचा


कोसीकलां (अमर उजाला ब्यूरो, 2010.07.01) । वायु का आवश्यक दबाव नहीं बनने की वजह से मानसून की चाल गड़बड़ा गई है। काले मेघा रुख इधर नहीं कर रहे हैं। इससे गरमी का प्रकोप और बढ़ गया है। धान की पौध रोपने वाले किसान भी अब बारिश के इंतजार में बेहाल होने लगे हैं।

खेतों में धान पौध को पानी नहीं मिलने से इनका कुम्हलाना शुरू हो गया है। खेतों से लेकर बाजारों तक हर जगह बरसात का इंतजार हो रहा है। ‘आओ मेघा आओ, मेघा पानी तो बरसाओ’ की उम्मीद के साथ लोग जी रहे हैं।

हालांकि मानसून की बारिश २६-२७ जून से शुरू होनी चाहिए थी, लेकिन तयशुदा वक्त से अब मानसून लेट हो गया है। जून की बजाए जुलाई के शुरूआती दिनों में ही बारिश की रिमझिम फुहारों से भीगने का मौका मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मानसून देरी से आएगा। ये देरी एक पखवाड़े तक लंबी हो सकती है। क्योंकि बारिश के लिए आवश्यक वायु का दबाव क्षेत्र नहीं बन पा रहा है। इधर, बुधवार को अधिकतम तापमान ४५ डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। गरमी और चिपचिपाहट ने लोगों को परेशान कर दिया। आर्द्रता में एक फीसदी की कमी से शुष्की रही और लोग हवा के लिए तरस गए।



नौहझील डार्क ब्लॉक, पर बलदेव में सबसे ज्यादा 35 मी. गहराई में पानी


मथुरा (DJ 2010.07.01)। मथुरा जनपद में नौहझील ब्लॉक को डार्क जोन या क्रिटिकल श्रेणी में रखा गया है। अन्य नौ ब्लॉकों में मथुरा, छाता, मांट, राया एवं बलदेव ब्लॉक सेमी क्रिटिकल श्रेणी में हैं। शेष चार ब्लॉक यथा फरह, गोवर्धन, नंदगांव एवं चौमुंहा सामान्य श्रेणी के बताये गये हैं।

भू-गर्भ जल विभाग के मुताबिक किसी भी जिले में ब्लॉकों की श्रेणी उनमें कृषि एवं अन्य कार्यो के लिए दोहित भू-गर्भ जल तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग या वाटर रिचार्जिग के माध्यमों से जमीन के अंदर डाले जाने वाले पानी के प्रतिशत पर निर्भर करती है।

यदि किसी ब्लॉक में सौ प्रतिशत से अधिकपानी का दोहन किया जा रहा है और वर्षा पूर्व या बाद इसमें बीस घन सेमी या कम की गिरावट दर्ज की जाती है तो उक्त ब्लॉक अति दोहित माना जाएगा। इसी तरह किसी ब्लॉक में यदि सत्तर से सौ प्रतिशत भू-गर्भ जल का दोहन हो रहा है तो यह सेमी क्रिटिकल माना जाएगा। नब्बे से सौ प्रतिशत पानी का दोहन करने वाले ब्लॉक क्रिटिकल श्रेणी में रखे गये हैं।



बिना बरसे ही चले गए बादल


मथुरा (DJ 2010.07.01)। कान्हा की नगरी के ऊपर प्री मानसून के बादल फिर छा गए हैं। बुधवार को दोपहर बाद छींटे भी पड़े। तापमान भी पिछले दो दिन से 42 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर बना हुआ है। मौसम विभाग ने जल्द ही बारिश होने के संकेत दिए हैं।

मानसून के आने में भले ही अभी कुछ दिन लग जाए, लेकिन प्री मानसून के बादल फिर छा गए हैं। दोपहर मौसम ने करवट बदली। एक बार लगा कि बारिश होगी, लेकिन छींटे पड़ने के बाद ही बादल चले गए। मौसम का यह परिर्वतन गर्मी से राहत नहीं दे सका। अभी जनमानस उमस भरी गर्मी से परेशान है।

तापमान भी पिछले दो दिन से 42 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर बना हुआ है। कृषि संभागीय परीक्षण एवं प्रदर्शन केंद्र राया पर आर्द्र ता 51 प्रतिशत बनी हुई है। मौसम विभाग ने आंधी के साथ बारिश होने की संभावना व्यक्त करते हुए तापमान में दो तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने के भी संकेत दिए हैं।



बारिश के लिये सवा लाख कायते करीमा का वजीफा


मथुरा (DJ 2010.07.01)। बारिस नहीं होने के कारण सभी धर्म, जाति एवं सम्प्रदाय के प्राणी परेशान हैं। हर तरफ अकुलाहट, चिंता व फिक्र बढ़ रही है। हिंदू, मुस्लिम, सिंख और ईसाई अपने तरीके से प्रार्थना करने में संलग्न हैं। वर्तमान में बिजली की हो रही बेतहासा कटौती तथा दिन-रात की आंख-मिचौनी ने आम आदमी का जीवन दुश्वार कर दिया है। ऐसे माहौल में त्रस्त खुदा के बंदों ने बुधवार को सवा लाख का आयते करीमा का वजीफा पढ़ना शुरु कर दिया।

सदर बाजार स्थित मस्जिद सादुल्ला के सचिव हाजी सैयद बुरहानुल आबेदीन उर्फ चमन अली के सानिध्य में खुदा की इबादत शुरु की गई। आवाम की गुजारिश पर सुबह 6 बजे से ही वजीफा पढ़ना शुरु कर दिया गया। खुदाई खिदतगारों का कहना है कि रोजाना 101 बार पढ़ने से अल्ला तआला मीकाईल

अलैहिस्सलाम फरिश्ते को हुक्म देकर बारिस अता फरमाएंगे। ताकि अल्ला तआला की सारी मखलूक सैराब हो जाए। हाजी चमन अली का कहना है कि इनशा अल्लाह जल्द बारिश होगी। ऐलान किया कि जब तक बारिश नहीं होगी आयते करीमा का वजीफा पढ़ना जारी रहेगा। अल्लाह तआला से गरमी से निजात दिलाने के लिये दुआ के बास्ते इबादत करने में अनेक बंदे शरीक हैं।



ये सरकार नहीं बचाते पानी


मथुरा (DJ 2010.07.01)। वर्षा जल संरक्षण की दृष्टि से मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के अफसर कई साल से रेन वाटर हार्वेस्टिंग का शोर मचा रहे हैं। 300 वर्ग मीटर से अधिक भूखंड क्षेत्रफल के भवन मालिकों से इस तकनीक को अपनाने के लिये कहा जा रहा है, लेकिन इन “सरकारों” पर इसे अपनाने के लिये कौन दबाव बनाएं?

आम जनता की कौन कहे, जनपद में करीब एक दर्जन से अधिक सरकारी महकमे भी विप्रा अफसरों की नहीं सुन रहे। इन विभागों में सिंचाई, जल निगम और कृषि महकमा भी शामिल हैं, जहां पानी से संबंधित कार्य होते हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य यह भी कि विप्रा कर्मी ही नहीं जानते कि पिछले समय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग तकनीकी न अपनाने पर कितने सरकारी, अर्द्ध सरकारी और आम जनता को नोटिस भेजे गये, कार्यवाही करने की बात तो दूर।

जांच-पड़ताल और विभागीय कर्मचारियों से मिली जानकारी अनुसार सिंचाई विभाग, कृषि, लोक निर्माण विभाग, राजीव भवन, जिला अस्पताल और महिला चिकित्सालय, सीएमओ कार्यालय, नगर पालिका परिषद, बीएसएनएल, रोडवेज, एआरटीओ, सेवायोजन कार्यालय, पर्यटन विभाग, पुरातत्व, बीएसए और डीआईओएस कार्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों पर जल संचयन के लिये इस तकनीकी का अभाव है।

दरअसल मथुरा-वृंदावन नगर में औसत वार्षिक वर्षा करीब 575 मिमी ही होती है। एक ओर साल-दर-साल बारिश कम हो रही है तो दूसरी ओर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सबमर्सिबल पंप आदि की बढ़ती संख्या से भूमिगत जलस्तर भी घटता जा रहा है।

वर्ष 2021 तक जनपद की आबादी जब करीब 25 लाख तक पहुंच जायेगी तब क्या हाल होगा ? इसकी कल्पना की जा सकती है। यही वजह कि शासन ने पिछले कुछ साल से 300 वर्ग मीटर से अधिक भूखंड क्षेत्रफल के भवनों में इस तकनीक को अनिवार्य बना दिया है।

कहने के लिये तो विप्रा से स्वीकृत नक्शे में रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिंग तकनीकी का प्रावधान होता है, लेकिन मौके पर इसका निर्माण हो रहा है या नहीं, इसकी जांच-पड़ताल करने की फुर्सत विप्रा के जिम्मेदार कर्मियों को नहीं होती। विप्रा के अधिशासी अभियंता वीके गोयल बताते हैं कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक विप्रा ने सात भवन मानचित्र स्वीकृत किये हैं, इनमें से केवल चार में ही इस तकनीकी को अपनाया गया।


श्रीवृन्दावन-महिमामृतम् १.९८-१००




कदा श्रीमद्वृन्दावनमिह मृषा स्नेहनिगडं
समुच्छिद्य स्वानां शरणमुपयास्यामि विकलः ।
क्वचित् स्वान्तः शल्योद्धरणमभिपश्यन् नहि मनाग्
अपि श्रौते वर्त्मन्यखिलविदुसामनुमते ॥१.९८॥

मैं कब अपने सम्बन्धियों के मिथ्या स्नेहपाशों को तोड़कर एवं समस्त विद्वज्जनों के द्वारा अनुमोदित वैदिक मार्ग से कभी भी अपने हृदय के बाण निकलने की कोई भी आशा न देखकर व्याकुलचित्त से श्रीवृन्दावन की ही शरण ग्रहण करूंगा ॥१.९८॥



वृन्दावनेशैकपदस्पृहोऽपि
महत्तमानां श्रुतभाषितोऽपि ।
विदन्नपि स्वार्तह्विधाति सर्वं
हा धिक् न वृन्दावनमाश्रयामि ॥१.९९॥

श्रीवृन्दावनचन्द्र के चरणकमलों में स्पृहावान् होता हुआ भी महत्पुरुषों के वचन सुनकर भी एवं सब पदार्थों को स्वार्थविध्वंसी, अथवा काम बिगाड़ने वाले) जानता हुआ भी, श्रीवृन्दावन का आश्रय ग्रहण नहीं करता हूं । हाय ! मुझे धिक्कार है ॥१.९९॥



सकृदपि यदि दृष्टा हन्त वृन्दाटवि त्वं
सकृदपि यदि राधाकृष्णनामाभ्यधायि ।
सकृदपि यदि भक्त्या सन्नतास्त्वत्प्रपन्ना
ध्रुवमहह तदा मामस्व नोपेक्षितास्ति ॥१.१००॥

हे माता श्रीवृन्दाटवि ! जीवन में एकबार भी यदि आपके दर्शन कर लूं, जीवन में एक बार भी यदि श्रीराधाकृष्ण नाम उच्चारण कर पाऊं, और जीवन में एक बार भी यदि भक्तिपूर्वक आपके शरणापन्न पुरुषों को प्रणाम कर लूं, तो निश्चय ही आप मेरी उपेक्षा नहीं करोगी ॥१.१००॥



इति श्रीश्रीप्रबोधानन्दसरस्वतीगोस्वामिपादविरचिते
श्रीश्रीवृन्दावनमहिमामृते
प्रथमं शतकम्
॥१॥

Tuesday, June 29, 2010

2010-06-30 ब्रज का समाचार

विकास की भेंट नहीं चढ़ेंगे पेड़


वृंदावन (DJ 2010.06.30)। मथुरा-वृंदावन नगरीय क्षेत्र में विकास कार्यो के लिए अब वृक्षों को नहीं काटा जाएगा। हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है।

वृंदावन में विकास कार्यो के लिए तमाम पेड़ काट दिए गए थे। साढ़े छह सौ से अधिक पेड़ों को काटने की अनुमति वन विभाग ने भी दी थी। इसको लेकर वृंदावन के मधुमंगल शुक्ल ने हाईकोर्ट में जनहित में याचिका दायर की।

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग मथुरा डॉ. केएल मीणा को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए। बीती 25 जून को डीएफओ श्री मीणा ने कोर्ट में उपस्थित होकर अपना जबाव दाखिल किया।

कोर्ट के फैसले से अवगत कराते हुए डीएफओ ने बताया कि न्यायालय ने मथुरा-वृंदावन नगरीय क्षेत्र में विकास कार्यो के लिए पेड़ों के काटने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब विकास कार्यो के लिए कोई भी पेड़ नगरीय क्षेत्र मथुरा-वृंदावन में नहीं काटा जाएगा।



कमिश्नर की डेडलाइन आज खत्म


वृंदावन योजना में ५० प्रतिशत भी विकास कार्य नहीं हुएविभागों में आपसी तालमेल नहीं
मानकों को कर रहे हैं दरकिनार
विकास कार्य में देरी से परेशानी


वृंदावन (AU 2010.06.30)। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट वृंदावन विकास योजना में लगी कार्यदायी संस्थाओं के बीच आपसी तालमेल नहीं बैठ पाया है। इस कारण ही रमणरेती मार्ग पर नाला निर्माण, सड़क निर्माण और विद्युत लाइन स्थानांतरण का कार्य अभी पचास प्रतिशत ही हुए हैं।

मंडलायुक्त द्वारा तीस जून तक कार्य पूरा करने की डेड लाइन कल पूरी हो रही है, लेकिन सभी कार्य अभी अधूरे हैं। कार्यों को तेजी से निपटाने की दौड़ में विभाग मानकों को भी दरकिनार कर रहे हैं। संबंधित विभागों के अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं। विकास कार्यों में हो रही देरी के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ढाई सौ करोड़ की वृंदावन समग्र विकास योजना के अधिकतर कार्यों को मूर्तरूप देने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी और जलनिगम को दी गई हैं। पीडब्ल्यूडी के जिम्मे एक तरफ का नाला और सड़क निर्माण है जबकि दूसरे तरफ का नाला और सीवर लाइन डालने का कार्य जल निगम को करना है। वहीं खंभों और विद्युत लाइन को शिफ्ट करने का कार्य विद्युत विभाग का है। इन्हीं कार्यों की समीक्षा करने एक माह पूर्व आए मंडलायुक्त सुधीर एम बोबड़े ने तीनों विभागों को आपसी तालमेल बैठाकर तीस जून तक सभी कार्य पूर्ण करने के आदेश दिए।

मंडलायुक्त द्वारा दी गई डेड लाइन बुधवार को समाप्त हो रही है। तीनों विभागों ने अभी पचास प्रतिशत भी कार्य नहीं किए। रमणरेती से विद्यापीठ चौराहे तक सड़क कार्य अभी बीच में कई स्थानों पर अधूरा है, तो जल निगम को नाला निर्माण में अतिक्रमण आड़े आ रहे हैं। विद्युत विभाग नाला निर्माण की बाट देख रहा है।

जलनिगम के एक्सईएन लोकेंद्र शर्मा कहते हैं कि निगम ने रमणरेती मार्ग पर लगभग साठ प्रतिशत नाले का निर्माण का कार्य कर दिया है। रमणरेती पुलिस चौकी के सामने और हरि निकुंज से पूर्व पीडब्ल्यूडी द्वारा अतिक्रमण न हटाने के कारण नाला निर्माण कार्य रुका हुआ है। विद्युत विभाग के एसडीओ सुनील कुमार सक्सेना का कहना है कि जब तक नाले नहीं बनेंगे तब तक विभाग द्वारा खंभे लगा पाना मुश्किल है। वैसे विभाग पूरा कार्य एक सप्ताह में पूरा कर लेगा।



इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए हवन किया


बरसात नहीं होने से लोग हुए बेचैन

वृंदावन (AU 2010.06.30)। सूर्यदेव की भयंकर तपिश के कारण आम जनजीवन खासा प्रभावित है। भीषण गर्मी से लोग कराह रहे हैं। वहीं जगह-जगह धार्मिक अनुष्ठान कराए जा रहे हैं ताकि जल्द मानसून आए। लोगों का भीषण गर्मी से निजात मिल सके।

इसी शृंखला में भगवान इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए पं. नंददास महाराज के नेतृत्व में बनखंडी स्थित वेणु गोपाल मंदिर में हवन का आयोजन किया गया। पं. रामप्रकाश आचार्य, पवन शास्त्री, हरिदास, मुरली मोहन, सहित अन्य विद्यार्थियों ने विधि-विधान के साथ यज्ञ संपूर्ण कराया।

इसमें सभी कार्यकर्ताओं ने इंद्र देव से गर्मी से राहत प्रदान करने की प्रार्थना की। ज्योतिषाचार्य जगदीश शर्मा गुरु जी ने कहा कि हिंदू धर्म में हवन के आयोजन प्राकृतिक विपत्तियों से निजात दिलाने में सहायक सिद्ध होते हैं। हमें राजनीति के अलावा भी धर्म का आश्रय जरूर लेना चाहिए। प्रकृति के मूलस्वरूप को बनाए रखने में भी योगदान देना चाहिए।

इस अवसर पर कृष्णा माता, पुष्पा माता, विमला देवी, जमुना देवी, ज्योति, सुधा, अनुप्रिया, चंपकलता, राधादासी, प्रिय कृष्ण, कुं. सविता, भगवती माताजी आदि महिला भक्त भी उपस्थित थीं।

फोटो-पी-०१ : इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए वेणु गोपाल मंदिर में किए गए हवन यज्ञ में पूर्णाहुति देते भक्त।



प्राचीन कुंडों का हो सकता है योगदान


मथुरा (DJ 2010.06.30)। मथुरा कुंडों का शहर है। प्राचीन नगरी में सैकड़ों कुंड बेकार हो चले हैं। वर्तमान में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग के राधा कुंड, श्याम कुंड, कुसुम सरोवर, मानसी गंगा पर ही प्रशासन का ज्यादा ध्यान है। ब्रज फाउंडेशन और कुछ अन्य निजी संस्थाएं प्राचीन कुंडों के उद्धार के लिए प्रयास कर रही हैं। अगर इन प्राचीन कुंडों को ही पूरी तरह भर दिया जाए वाटर हार्वेस्टिंग अपने आप हो जाए।



सिकुड़ गए मथुरा के तालाब


मथुरा (DJ 2010.06.30)। वर्षा जल संचय के लिए वाटर हार्वेस्टिंग के तमाम दावे किये जा रहे हैं, लेकिन गांव देहात की पुरानी व्यवस्था को दरकिनार कर दिया गया। देहात के अधिकांश तालाब या तो अवैध कब्जे में हैं या सूखे पड़े हैं। नयी योजना में जो तालाब बनाये जा रहे हैं वह भी पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहे।

मानसून सत्र के आते ही बारिश के पानी के संचय को लेकर योजनाओं का खाका खींचा जाने लगा है। गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में रोकने का नारा दिया जा रहा है। मगर तालाबों को उनके मूल रूप में लाने की योजना पर कहीं भी काम नहीं किया जा रहा है।

आबादी क्षेत्र के तालाबों पर अवैध कब्जों की शिकायतों का पुलिंदा अधिकारियों की मेजों पर मोटा हो चुका है। इसके बाद भी अवैध कब्जे न हटा कर उनकी सफाई-खुदाई कराई जा रही है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में सर्वाधिक जोर गांव देहात के तालाबों की सफाई-खुदाई कराकर आदर्श तालाब बनाए जाने पर है। आदर्श तालाब बनाने के लिए उनकी खुदाई के साथ-साथ चारों तरफ पटरी बनाकर सीमांकन का काम तेजी से किया जा रहा है। योजना यह है कि पटरी पर मानसून सत्र में ही पौधे रोप दिए जाएंगे। इसके बाद तालाबों पर बने अवैध कब्जे बरकरार बने रहेंगे। फिर अवैध कब्जों को हटाकर तालाब को उसके मूल रूप में लाए जाने का काम भी मुश्किल हो जाएगा।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में तालाबों की खुदाई-सफाई का काम कर रहे अधिकारियों की माने तो ज्यादातर तालाबों पर ग्रामीणों ने पहले से अवैध कब्जे कर रखे हैं। उनकी पैमाइश कराकर तालाबों की खुदाई-सफाई का काम कहीं भी नहीं कराया जा रहा है। जिस रूप में तालाब है, उसी रूप में उसको आदर्श बनाए जाने का काम चल रहा है। अधिकांश तालाबों की यही स्थिति बताई जा रही है।

अधिकारियों के मुताबिक गांव देहात की आबादी या उससे लगे अधिकांश तालाबों का दायरा कम जरुर हुआ है। कहीं-कहीं तो ग्रामीणों ने तालाबों की भूमि पर अपने भवन तक खड़े कर दिए हैं। उनकी पूर्व में शिकायतें भी हुई, लेकिन जांच प्रक्रिया लंबी होने और राजस्व अधिकारियों की सांठगांठ के चलते उनसे अतिक्रमण नहीं हट सके। यही वजह है कि अधिकांश तालाब सिकुड़ गए।

ज्यादा बारिश होने पर वे तालाब गांव का पानी भी नहीं झेल पाते। गर्मियों की शुरूआत होते ही तालाबों में पानी सूख जाता है। इस स्थिति में तालाबों से वर्ष भर भू-गर्भ जल संचय होता रहेगा। यह बात अधिकारियों के गले भी नहीं उतर रही हैं।

अधिकारियों का ही कहना है कि ग्राम प्रधान गांव की राजनीति के चलते कोई कार्यवाही नहीं करते और कमजोर लोग दबंगों के डर से शिकायत करने नहीं आते। अधिकारी तब तक कार्यवाही नहीं करते, जब तक उनको शिकायत नहीं मिलती। शिकायत मिल भी जाए तो सांठगांठ कर मामले को दबा दिया जाता है।

कुछ लोग न्यायालय की शरण में चले जाते हैं और शिकायत कर्ता फिर ज्यादा लंबी लड़ाई नहीं लड़ता। इसके चलते अवैध कब्जे नहीं हट पाते हैं और तालाबों का दायरा सिमट कर रह जाता है। अब आदर्श तालाब बना दिए जाएंगे तो अतिक्रमणकारियों का रास्ता लगभग साफ हो जाएगा। पटरी बनने के बाद फिर कोई कार्यवाही करने वाला नहीं है।



तालाब-पोखर पर एक-एक कब्जा, कैसे बढ़े जलस्तर


मथुरा (DJ 2010.06.30)। सुप्रीम कोर्ट का एक महत्वपूर्ण आदेश तालाबों को न पाटने से संबंधित है, लेकिन स्थानीय जनपद में हाल यह कि ग्रामीण क्षेत्र की कौन कहे, शहरी इलाकों में भी तालाब व पोखर धड़ल्ले से पाटे जा रहे हैं। पूरे जनपद में पिछले वर्षो में कम से कम पांच दर्जन तालाब व पोखर एक-एक कर अतिक्रमणकारियों की मंशा की भेंट चढ़ गये। सवाल यह कि जब तालाब-पोखर ही नहीं बचेंगे तो जलस्तर में वृद्धि कैसे होगी?

पहले बात करते हैं मथुरा शहर में नये बस स्टैंड के समीप स्थित देव नगर की। कुछ साल पहले नगर पालिका प्रशासन की शह पर कुछ लोगों ने तालाब पाट दिये। पाटे गये तालाब के स्थान पर अब डूडा गरीबों के लिये मकान बनवा रही है।

पिछले माह इस बारे में शिकायत होने पर तत्कालीन प्रभारी सिटी मजिस्ट्रेट राम अरज यादव ने डूडा की परियोजना अधिकारी श्रीमती अंजू सिंह व नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर उपाध्याय बिट्टू से जानकारी प्राप्त की और नगर पालिका प्रशासन को तालाब से अवैध कब्जा हटवाने के निर्देश दिये।

अफसोस प्रभारी सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश को नगर पालिका प्रशासन ने हवा में उड़ा दिया। तालाब-पोखरों पर अतिक्रमण का यह मामला महज बानगी भर है। करीब डेढ़ दशक तक मथुरा शहर में ही एक दर्जन से अधिक पोखर-तालाब हुआ करते थे। एक-एक सब कालोनाइजरों व अन्य लोगों की मंशा की भेंट चढ़ गये।

अब तो कृष्णानगर स्थित अंबेडकर कालोनी के तालाब पर भी कुछ लोगों की कुदृष्टि लग गई है। इसे भी फैक्ट्रियों से निकलने वाली राख और कबाड़ आदि डालकर पाटा जा रहा है। जनकपुरी स्थित तालाब को भी धीरे-धीरे घेरा जा रहा है।

वर्तमान में मथुरा शहर में दो-तीन पोखर-तालाब ही नजर आ रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में जलभराव होने की यह भी एक वजह है। पहले बरसात का पानी इसमें चला जाता था, अब यह नालों की सफाई न होने से गली-मुहल्लों व सड़कों पर भरता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी तालाब व पोखरों पर कब्जों की करीब यही स्थिति है। छाता क्षेत्र के रान्हैरा गांव में तीन में से एक तालाब पर पूरी तरह अतिक्रमण हुआ बताया गया है।



स्वीमिंग पूल: प्रशिक्षक ही नहीं तो कैसे सीखें तैरना


मथुरा (DJ 2010.06.30)। खेलों को बढ़ावा देने के लिये सरकार की व्यवस्था कम से कम मथुरा में तो हजम नहीं होती नजर आ रही है। गनेशरा में स्व. मोहन पहलवान स्पोर्टस स्टेडियम में स्वीमिंग पूल पर पौने दो करोड़ खर्च हो गया पर बिना प्रशिक्षक के तैराक कैसे बनेंगे।

किसी चालक बिना वाहन की, आदमी बिना घर की परिकल्पना नहीं की जा सकती, ठीक उसी तरह किसी भी खेल में प्रशिक्षक बिना खिलाड़ी तैयार करने की भी परिकल्पना बेमानी है। करीब एक करोड़ 88 लाख रुपये की लागत से बने स्वीमिंग पूल के लिये प्रशिक्षक और जीवन रक्षक न होने से तैराक कैसे तैयार हों।

करीब चार वर्ष पूर्व स्टेडियम में एक आधुनिक तरणताल बनवाने के लिये शासन ने 1.88 करोड़ रुपये स्वीकृत किये थे। इस कार्य को कराने के लिये यूपीसीएल दिल्ली की ऐजेंसी को टेंडर दिया था। इस धनराशि से एक तरणताल, 25 केवीए का ट्रांसफार्मर, सीसी सड़क तथा एक स्टोर रुम बनाना था। चरणबद्ध मिली धनराशि से यह कार्य अब लगभग पूर्ण हो चुका है। पानी का ट्यूबवेल भी तैयार है।

सूत्रों की माने तो तरणताल में तैराकी सीखने वालों के लिये शासन की ओर से निर्धारित शुल्क भी तय कर दिये हैं। विडम्बना यह है कि खेल की बारीकी सिखाने वाले ही नहीं हैं तो फिर उसका फायदा कैसे मिले। काफी युवा, छात्र-छात्रा तैराकी सीखने की इच्छा रखते हैं इसे कुछ तो कैरियर बनाकर देश का नाम रोशन भी करने की तमन्ना रखे हुए होंगे, लेकिन क्या करें जब प्रशिक्षक ही नहीं है। गर्मी के मौसम में तैराकी सीखने के साथ ही उसमें तैर कर आनंद लेने वालों को भी इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।


श्रीवृन्दावन-महिमामृतम् १.९५-९७



संक्रान्तं निजकान्तिमण्डलमुदीक्ष्योरस्थले तर्कयन्
नीलां कञ्चुलिकां वरामपनयासक्त्या प्रिये विस्मिते ।
याताया नवकेलिकुञ्जशयनं श्रीराधिकायाः परी
हासाः सन्तु मुदे ममातिहसितालीभिर्बहिस्तद्रसाः ॥
नवकेलिकुञ्जशय्या पर विराजमान श्रीराधा के वक्षस्थल में प्रतिबिम्बित निज कान्तिमण्डल का दर्शन कर और एक नीलकञ्चुलिका का अनुमान करते हुए उसे दूर करने की व्यर्थ चेष्टा के लिये विस्मित प्रिय श्रीकृष्ण के प्रति कुंज के बाहर खड़ी हुई हास्ययुक्ता सखीवृन्द की जो रसपूर्ण परिहासवाणी है, वही मेरे लिये अतिशय आनन्द विधान करे ॥१.९५॥


कदाचित् श्रीराधाचरणकमलद्वन्द्वपतितं
कदाचित् श्रीराधामुखकमलमाध्वीरसपिबम् ।
कदाचित् श्रीराधाकुचकमलकोषद्वयरतं
विलोके तं कृष्णभ्रमरमधि वृन्दावनमहम् ॥
कभी श्रीराधा के चरणकमलों में पतित, कभी श्रीराधा के मुखारविन्दमधुरस पान करने में उन्मत्त और कभी श्रीराधा के कुचकमल कोषद्वय निमग्न कृष्णभ्रमर के में श्रीवृन्दावन में दर्शन करूंगा ॥१.९६॥


निर्विद्य कृत्वाद्यखिलात् कदाहं
च्छित्वा समस्ताश्च जगत्यपेक्षाः ।
प्रविश्य वृन्दावनमत्यसङ्ग-
स्तदीशवार्ताभिरहानि नेष्ये ॥
समस्त कर्तव्यों से निर्वेद प्राप्त कर एवं जगत् की सकल अपेक्षाओं से रहित होकर मैं कब निःसङ्ग भाव से श्रीवृन्दावन में प्रवेश कर श्रीवृन्दावनेश्वरी एवं श्रीवृन्दावनेश्वर की वार्ताओं में, अर्थात् गुणलीलाओं के श्रवणकीर्तन में, दिन यापन करूंगा ? ॥१.९७॥

Monday, June 28, 2010

2010-06-29 ब्रज का समाचार

यमुना में पानी कम गंदगी ज्यादा


मथुरा (DJ 2010.06.29)। दो माह पहले तत्कालीन नोडल अधिकारी ने यमुना कार्ययोजना का भौतिक निरीक्षण किया था और व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए थे, पर हालात बदले नहीं हैं। भीषण गर्मी में यमुना की गंदगी न केवल उबल रही है, बल्कि बदबू से स्नान-आचमन करने वालों का बुरा हाल है।

यमुना में पानी की बेहद कमी हो गयी है। आगरा के लिए गोकुल बैराज से डिस्चार्ज घटा है तो मथुरा में भी कम पानी और ज्यादा गंदगी के कारण लाल कीड़ों की परत पानी में बिछी हुई है। पालिका द्वारा संचालित सीवेज पंपिंग स्टेशन कचरे को एसटीपी पर भेजने से पहले ही यमुना में उड़ेल रहे हैं।

जिलाधिकारी ने पिछले साल एसटीपी साफ करने के आदेश जारी किए थे। उन पर भी अमल अब तक नहीं हो पाया है तो तत्कालीन एडीएम प्रशासन और यमुना कार्ययोजना के नोडल अधिकारी श्रीश चंद्र वर्मा ने ठीक दो माह पहले दोनों एसटीपी समेत नालों, यमुना और सीवेज पंपिंग स्टेशनों का निरीक्षण किया था। उन्हें बाढ़ पुरा एसपीएस पर छह में चार पंप ही ठीक मिले थे,जबकि एक बड़ा और एक छोटा पंप खराब था।

सिल्ट से नाला इस कदर अटा हुआ था कि नाले का पानी एसपीएस में न जाकर सीधे यमुना में ओवर फ्लो कर रहा था। बंगाली घाट एसपीएस और मसानी पंप की भी यही स्थिति मिली थी। यहां चैनल बड़ी मात्रा में सिल्ट से भर गया है, जिसकी वजह से नालों का पानी एसटीपी में न जाकर सीधे यमुना में गिर रहा है। दोनों एसटीपी भी गंदे पानी का शोधन नहीं कर रहे। हालात अब भी पहले जैसे ही हैं।

प्रदूषण कारी उद्योगों में ईटीपी संचालन की मानीटरिंग भी कागजों में ही हो रही है। अधिकांश इकाइयां इन्हें चला ही नहीं रहीं, जिससे यमुना में विषाक्त रसायन घुल रहे हैं। जवाबदेही के मामले में कागजी आदेश जारी कर इति श्री की जा रही है।

धोबी घाट का निर्माण अधर में लटका होने से यमुना में कपड़े धोये जा रहे हैं तो पशुओं के शव भी तैर रहे हैं। इन मामलों में भी हर कार्ययोजना बैठक में निर्देश जारी होते हैं, लेकिन होता कुछ नहीं है। फिलहाल कार्ययोजना की बैठक कब होगी, यह भी तय नहीं है। गंगा दशहरा पर ही यमुना में ताजा पानी न लाकर जिला प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर अपनी अंसेवदनशीलता का परिचय दे चुका है।



अड़ींग में बनेगा १२ मीटर चौड़ा बाईपास

स्टे की भूमि छोड़ शेष हिस्से में बनेगी रोड
रोड का निर्माण १५ जुलाई तक पूरा होगा
मार्ग बनवाने में खर्च होंगे ३० लाख रुपये


मथुरा (AU 2010.06.29)। १२ मीटर चौड़ाई में लगभग ३० लाख की लागत से अड़ींग में अस्थाई बाईपास बनेगा। पीडब्ल्यूडी विवादित भूमि को छोड़कर उसके दोनों ओर रोड तैयार करेगी। सोमवार को मुड़िया पूर्णिमा मेले की तैयारी आठ टेंडर निकाल कर शुरू कर दी।

अड़ीग में यूं तो कुछ समय बाद स्थाई रूप से बाईपास बनना है, लेकिन मुड़िया पूर्णिमा मेले पर जाम की समस्या से निपटने के लिए फिलहाल यहां अस्थाई बाईपास बनाया जा रहा है। १८०० मीटर लंबे इस बाईपास में अडींग के सुरेशचंद्र ने अड़चन डाल दी। उन्होंने प्रशासन को भूमि देने से इंकार करते हुए हाईकोर्ट से स्टे ले लिया।

अफसरों ने एक माह के लिए उसकी भूमि किराए पर लेनी चाही, किंतु बात नहीं बनी। सुरेश के टस से मस न होने से परेशान पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने समस्या का हल खोज लिया।

उन्होंने उसकी भूमि के ३०० मीटर टुकड़े को छोड़कर दोनों तरफ से बाईपास बनाने की योजना बनाई है। यह अस्थाई रोड १२ मीटर चौड़ाई का होगा। पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता संतराम ने बताया कि अड़ीग में किसान की भूमि के दोनों ओर अस्थाई रोड बनाई जा रही है। बाईपास १५ जुलाई तक पूर्ण हो जाएगा।



परित्यक्तों के वात्सल्य में बड़े हो रहे अनचाहे


मथुरा (DJ 2010.06.29)। अनचाहे और तिरस्कृत शिशुओं के लिए यह अद्भुत कंसेप्ट है। चोर दरवाजे पर रखा यह पालना ऐसे करीब दो सौ शिशुओं को जीवन दे चुका है। किन्हीं कमजोर पलों में हो गयी गलती को स्वीकार करने और आत्मसात कर समाज में अस्तित्व के साथ सम्मान दिलाने की परंपरा को वात्सल्य ग्राम बखूबी आगे बढ़ा रहा है। यही वजह है कि वात्सल्य ग्राम ब्रज भूमि के नये ब्रांड अंबेसडर के रूप में विकसित हो रहा है।

मथुरा से वृंदावन के रास्ते में स्थित वात्सल्य ग्राम को देश और दुनिया के लोग नए तरीके से जान और समझ रहे हैं। यह अतिश्योक्ति नहीं है कि इस स्थल की वजह से ब्रज की भी पहचान बढ़ रही है और यह स्थल देशी-विदेशी यात्रियों के लिए नये पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। यहां आए दिन औसतन पांच सौ पर्यटक पहुंचते हैं।

मथुरा-वृंदावन के इस नए ब्रांड अंबेसडर की इमेज के मूल में यही पालना है, जिसने अब तक करीब दो सौ अनचाहे शिशुओं को नया जीवन दिया है। वात्सल्य ग्राम के मुख्य दरवाजे के बराबर चोर दरवाजा ही है, जिसके अंदर रखा यह वह पालना अनचाहे शिशुओं को स्वीकार करता है। समाज के कोप से बचाने के लिए रात के अंधेरे में यह पालना दो हाथों से हो चुकी गलती के प्रतिसाद को स्वीकार करता है। इसके गद्दे के नीचे लगा सेंसर किसी नए जीवन के आने की सूचना देता है और इसी के साथ वात्सल्य ग्राम का वात्सल्य उस अनचाहे और तिरस्कृत शिशु पर उमड़ना शुरू हो जाता है।

किसी भी परिस्थिति से पैदा हुए ऐसे शिशु को लाने वाले को न कोई देख पाता है और न देखना चाहता है। अपनी गलती से अपनी ही नजरों में गिरे को यहां कोई और गिराना भी नहीं चाहता। डाक्टरी चेकअप के बाद इन शिशुओं को पूरा परिवार देने और समृद्ध तरीके से लालन-पालन की व्यवस्था समाज के सहयोग से ही चल रही है।

यहां इस समय ढाई सौ से ज्यादा बच्चे हैं, जिनमें कुछ ही अदालत अथवा अन्य वजहों से यहां आए हैं, सर्वाधिक संख्या उस पालने के जरिए ही यहां पहुंची है। वात्सल्य ग्राम में इस समय बारह परिवार रह रहे हैं, जबकि सोलह परिवार की क्षमता है और इसे बढ़ाकर सौ किया जा रहा है। हरेक परिवार में नानी, मौसी, मां व उनके बेटा-बेटी हैं। एक परिवार पांच कमरे में फ्लैट में रहता है। उनका अपना मासिक बजट है, जो पंद्रह हजार करीब का सि महंगाई में रखा गया है।

समाज के ठुकराए अनाथों को समाज के लिए दिग्दर्शक बनाने के पहल करने वाला यह ऐसा पहला प्रकल्प भी है, जहां अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम और नारी निकेतन की संयुक्त मगर बेहतर व्यवस्था दी जा रही है। रक्त संबंधों से अलग इस व्यवस्था में बच्चों को गोत्र देने की व्यवस्था भी है। हर बच्चे का गोत्र परमानंद है तो उनके पिता के रूप में संजय भाई का नाम दर्ज किया जाता है, जो साध्वी ऋतंभरा के गुरु भाई हैं।



दो दिन में ही जागी मां की ममता


वृन्दावन (DJ 2010.06.29)। वृन्दावन के ठा. श्री बांकेबिहारी जी मंदिर की देहरी पर मिले अबोध बालक के मामले में सोमवार को उस समय नया मोड़ आ गया जब बालक की मां की सोयी ममता जाग उठी और उसने बालक को वापस ले जाने का दावा कर दिया। बालक को जांच होने तक राजकीय शिशु गृह में रखा गया है।

उल्लेखनीय है कि शनिवार की रात बांकेबिहारी मंदिर की देहरी पर एक पांच माह का अबोध बालक मिला था जिसे गोपीनाथ नगला निवासी संजीव पाराशर की सुपुर्दगी में पुलिस द्वारा दे दिया गया था। रविवार को राजकीय शिशु गृह के प्रभारी अधिकारी राजीव गुप्ता ने बालक को शिशुगृह संरक्षण में भेजने के आदेश दे दिये लेकिन सोमवार की प्रात: अपने आपको बालक की मां बताने वाली एक महिला थाना कोतवाली पहुंच गयी एवं बालक को उसके संरक्षण में देने की गुजारिश की।

बताया जाता है कि मूल रूप से जिला बुलंदशहर के कस्बा दनकौर की रहने वाली मोनी नामक युवती का इश्क दो वर्ष पूर्व नरेला दिल्ली के रहने वाले टैक्सी चालक अर्जुन से हुआ। दोनों ने मंदिर में हिंदू रीतिरिवाज के अनुसार शादी कर ली। करीब पांच माह पूर्व मोनी ने एक बालक को जन्म दिया। मोनी का कहना है कि करीब एक माह पूर्व अर्जुन आपसी कलह के चलते उसे व उसके बालक को छोड़कर कहीं चला गया।

अर्जुन के अचानक चले जाने से वह दाने-दाने को मोहताज हो गयी और बालक की परवरिश का संकट खड़ा हो गया और समाज की तमाम समस्याओं से जूझते हुए शुक्रवार को मोनी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए बालक को बिहारी जी मंदिर की देहरी पर छोड़ दिया लेकिन कुछ ही घंटों में उसकी सोयी ममता पुन: जाग उठी। काफी मंथन के बाद सोमवार की प्रात: वह बालक को वापस लेने पहुंच गयी। लेकिन कानूनी प्रक्रिया के चलते बालक उसके संरक्षण में नहीं मिल सका है और राजकीय शिशु गृह के अधीक्षक प्रेमेन्द्र चौधरी बालक को अपने साथ ले गये जहां कानूनी जांच एवं कानूनी प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत बालक को पुन: उसकी मां को सौंपा जायेगा।



गरीबों के लिए कामन किचिन


कंपनियां मुहैया कराएंगी गैस सिलेंडर और चूल्हे
शुरूआत में आधा दर्जन गांव में बनेंगी रसोई
प्रधान पर रखरखाव और संचालन का जिम्मा


कोसीकलां (AU 2010.06.29)। पैट्रोलियम मंत्रालय की पहल पर पेट्रोलियम कंपनियां गांवों में कामन किचिन बनवाएंगी। क्षेत्र में इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। शुरूआती दौर में क्षेत्र के आधा दर्जन गांव में कामन किचिन बनाए जाएंगे।

कामन किचिन गांव में स्थित पंचायत भवन, कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर जैसे सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक किचिन के लिए पांच सिंगल बर्नर चूल्हे, चार सिलेंडर, रेग्यूलेटर, रबर ट्यूब आदि पेट्रोलियम कंपनी निःशुल्क उपलब्ध कराएंगी। इसके रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होगी।

इस किचिन में कोई भी ग्रामीण आकर अपना खाना पका सकेगा। सूत्रों का कहना है कि एक घंटे तक गैस के इस्तेमाल पर दस, पैंतालीस मिनट पर आठ, तीस मिनट पर पांच और पंद्रह मिनट गैस इस्तेमाल करने वाले को तीन रुपये अदा करने होंगे। इस धनराशि का उपयोग सिलेंडरों की रिफलिंग और देखरेख के लिए तैनात किए गए कर्मचारी पर किया जाएगा।

इस योजना के शुरूआती दौर में गांव अजीजपुर, नगरिया, धमसींगा में कामन किचिन स्थापित किए जाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। अगले माह क्षेत्र में इन किचिनों की शुरू होने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि सरकार द्वारा ये रसोई गरीबों को लाभ पहुंचाने के लिए पहली बार खोली जा रही हैं। इस नीति से उन गरीब लोगों को लाभ होगा, जिनका ईंधन बरसात और सरदी में भीग जाता है। इस संबंध में आईओसी के क्षेत्रीय प्रबंधक मनीष अग्रवाल से वार्ता करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।



एक दर्जन विद्युत खंभों से तार चोरी


बिचपुरी चौकी पर प्रभारी नहीं मिलने से दर्ज नहीं हुई रिपोर्ट
दर्जनों गांव में रात को छा जाता है अंधेरा
भीषण गर्मी में बिजली नहीं आने से परेशानी


राया (AU 2010.06.29)। सुथरिया मार्ग से शनिवार को चोर हजारों रुपये की कीमत के विद्युत तार एक दर्जन खंभों से चोरी कर ले गए। इससे एक दर्जन से अधिक गांवों में रात को अंधकार फैल जाता है। पहले दिन चोरों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज नहीं हुई है। विद्युत आपूर्ति बाधित होने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

गत दिन अज्ञात चोर सुथरिया से बड़ेरा तक एक दर्जन खंभों (एचटी लाइन) से हजारों रुपये कीमत का विद्युत तार काट कर ले गए थे। तार कटने के कारण नया बांस, आयराखेड़ा, भूडा, मुडफौरी, भंकरपुर बसैला, लालपुर, सुथरिया नगला बुर्ज, नगला दीपा, नगला करना, नगला चिकन सहित आदि गांव की विद्युत आपूर्ति बंद हो गई।

बताया गया कि रात के दौरान चोर टाटा ४०७ से आए थे और आपूर्ति बंद होने पर लाइन को काट कर ले गए। मामले के संबंध में अवर अभियंता ओपी सिंह जब चौकी बिचपुरी पर रिपोर्ट दर्ज कराने गए तो वहां पर चौकी प्रभारी नहीं मिलने से रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी है। रिपोर्ट दर्ज होने पर स्टीमेट बनेगा, जब कहीं जाकर नई विद्युत लाइन को डाला जाएगा। विदित रहे कि सोनई क्षेत्र में दो दिन पूर्व ही हजारों रुपये का विद्युत तार चोरी की घटना हुई है। विद्युत आपूर्ति बाधित होने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्राम के जगदीश प्रसाद शर्मा, फतेह चंद्र पाठक, हरि सिंह, श्रीप्रसाद, देवीचरन, सतेंद्र सिंह, गजाधर सिंह, रवि कुमार, वंशी तेहरिया आदि ने विद्युत लाइन चालू कराने की मांग की है।

सीओ को चेकिंग में नहीं मिले प्रभारी

राया (ब्यूरो)। क्षेत्राधिकारी महावन जगदीश सिंह ने जब बिचपुरी चौकी का निरीक्षण किया तो मालूम पड़ा कि चौकी प्रभारी कहीं बहार गए हैं। इस पर उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को मामले के बारे में बताते हुए रपट लिख दी है। गौरतलब है कि बिचपुरी चौकी प्रभारी के अकसर गायब होने की चर्चा क्षेत्र में बनी रहती है।



शहर में जाम लगने पर दो सिपाही निलंबित


यातायात व्यवस्था गड़बड़ाने पर कार्रवाई

मथुरा (AU 2010.06.29)। शहर की यातायात व्यवस्था को तार-तार कर जाम के हालात पैदा करने वाले गोविंदनगर थाने के दो सिपाहियों को एसएसपी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

पुलिस प्रवक्ता के अनुसार गोकुल रेस्टोरेंट से शहर के लिए आने वाले हैवी वाहनों पर यातायात नियमों के अनुसार प्रतिबंध है। इसके बावजूद थाना गोविंद नगर में तैनात सिपाही बृजमोहन और हेतराम ने ड्यूटी के दौरान इस मार्ग से आने वाले हैवी वाहनों को शहर में प्रवेश करा दिया। हैवी वाहनों के प्रवेश के चलते शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई और जगह-जगह जाम लग गया। इसके चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह बात जब एसएसपी बीडी पॉल्सन के संज्ञान में आई तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से दोनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया।



मानसी गंगा में बच्ची की डूबने से मौत


साथियों संग स्नान करने के लिए गई थी
आधा घंटे बाद गोताखोरों ने निकला शव


गोवर्धन (AU 2010.06.29)। मानसी गंगा में सोमवार को स्नान करते समय पैर फिसल जाने से पांच वर्षीय बालिका की डूब जाने से मौत हो गई।

कसबे के दसबिसा मोहल्ला निवासी सत्यप्रकाश की पांच वर्षीय पुत्री महक सोमवार को मोहल्ले के अन्य बच्चों के साथ मानसी गंगा पर नहाने के लिए चली गई। मानसी गंगा के घाट पर स्नान करते समय अचानक महक का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चली गई। महक को पानी में डूबते देख उसके साथ गए बच्चों ने शोर किया। बच्चों का शोर सुनकर जब तक लोग वहां पहुंचे उस समय तक बालिका पानी में डूब चुकी थी। महक के मानसी गंगा में डूबने का पता लगते ही जहां उसके परिजन इस ओर दौड़ पड़े वहीं मोहल्ले के काफी लोग भी मानसी गंगा पर पहुंच गए।

पानी में डूबी बच्ची को निकालने के लिए काफी लोग मानसी गंगा में कूद पड़े। करीब आधा घंटे से अधिक देर तक मशक्कत के बाद बच्ची को निकाला जा सका। उस समय तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। गोताखोरों का कहना है कि पानी में बच्ची जहां मिली वहां पर पानी काफी गहरा होने के साथ वहां दल-दल भी है। बच्ची की मौत की खबर से मोहल्ले में शोक का माहौल हो गया।


श्रीवृन्दावन-महिमामृतम् १.९२-९४


ऋणग्रस्तो यायां कथमहह वृन्दावनमहं
त्यजेयं वा वृद्धावगतिपितरौ दारशिशुकान् ।
कथं वा मज्जीवान् बत परिहरेयं निजजनान्
सतां श्लाघ्यो भूत्वात्मफलकलनो मुह्यति कुधीः ॥

अहो! ऋणी होकर मैं कैसे श्रीवृन्दावन जाऊं ? अगति वृद्ध मातापिता एवं स्त्रीपुत्रादि को मैं कैसे छोड़ सकता हूं ? और जो मद्गतप्राण हैं, ऐसे अपने परिवार के लोगों को मैं कैसे त्याग करूं ? इस प्रकार की निष्फल चिन्ताएं कर सज्जनपुरुषों से प्रशंसनीय होकर कुबुद्धि पुरुष मोहित होते हैं ॥१.९२॥


जानन्नप्यमृतं विहाय गरलं भुञ्जे स्वयं बन्धनम्
अप्यर्तिव्रातनिबन्धनं दृढतरं कुर्वे सुदृक्स्वन्धवत् ।
श्रीवृन्दाटवि मातरेकमिह मज्जीवातुरस्ति स्वयं
यत्त्वं स्नेहमयी विकृष्य जनतां स्वाङ्कं समानेष्यसि ॥
श्रीराधाकृष्ण रहस्यमय शृङ्गाररसात्मक दास्यरस ही मेरा अभिलषित पुरुषार्थ है । मैं कब यह समस्त त्याग कर नियत काल पर्यन्त श्रीवृन्दावन में वास करूंगा ? इस प्रकार से जो पुरुष गृहादि में परम आसक्ति के कारण एवं उसे त्याग करने में असमर्थ होता हुआ वाक्य द्वारा ही केवल घोषणा करता रहता है, उसकी रक्षा श्रीवृन्दाटवी करती है ॥१.९४॥


राधाकृष्णरहस्यदास्यरस एवेष्टः पुमर्थो मम
त्यक्त्वा सर्वमहं कदापि नियतं वत्स्यामि वृन्दावने ।
इत्थं स्यादपि वाचि यस्य परमासक्तस्य गेहादिके
नासक्तापिसक्तता परिहृतौ तं पाति वृन्दाटवी ॥१.९४॥

अमृत जानते हुए भी उसे त्याग कर मैं स्वयं विष पान कर रहा हूं, सुन्दर नेत्र रखते हुए भी महा अंधे की तरह दुखों के समूह के कारण बन्धन को और भी दृढतर करता जा रहा हूं । हे माता वृन्दाटवि ! मुझे एकमात्र यही जीवनाशा दीखती है कि आप स्नेहमयी हो । अतः परिवारसम्बन्धियों से खैंचकर मुखे अपनी गोद में ले लोगी ॥१.९३॥

Sunday, June 27, 2010

2010-06-28 ब्रज का समाचार

बूंदाबांदी से राहत, उमस से आहत

हर ओर मानसून के दस्तक देने की चाहत

गर्मी की मार से लोग पसीना-पसीना
मौसमी बीमारियां पसारने लगीं
पैर मानसून में देरी से सूखे के हालात


मथुरा (AU 2010.06.28)। रविवार की अल सुबह हल्की बूंदाबांदी से थोड़ी राहत तो महसूस हुई, लेकिन दोपहर में उमस ने दम निकाल दिया। मौसम की मार से बीमारियां भी पनप रही हैं। मानसून में देरी से हालात सूखे जैसे हो चले हैं।

दिनभर पसीना और चिपचिपाहट ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया। इस बीच आसमान पर मंडराते बादल जरूर राहत देते रहे। राया शोध केंद्र पर पिछले २४ घंटे में १० मिमी वर्षा दर्ज की गई। अधिकतम तापमान ४१ डिग्री सेल्यियस और न्यूनतम २६ डिग्री दर्ज किया गया।

मौसम विभाग ने अगले २४ घंटों में बूंदाबांदी की संभावना जताई है। वर्षा न होने से किसानों में बेचैनी बढ़ रही है। खरीफ की फसल बुवाई का समय १५ जून के बाद प्रारंभ हो जाता है, किंतु इस बार मानसून के दस्तक न देने से हालात दिन-प्रतिदिन खराब हो रहे हैं। हालात सूखे की ओर बढ़ रहे हैं।

न झमाझम बरसात हो रही और न ही उमस में कोई कमी आ रही है। मौसम का तल्ख रूप मौसमी बीमारियों को दावत दे रहा सो अलग। हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, खांसी, जुकाम ,बुखार और गले में दर्द के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिला अस्पताल में पीड़ितों का तांता लगा है।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. आलोक अग्रवाल ने बताया कि जून के महीने में खांसी, जुकाम और वायरल पीड़ितों की संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। बच्चे, युवा और वृद्ध सभी परेशान हैं। फिजीशियन डा. मनीष बंसल बताते हैं कि मौसम का रुख कई बीमारियों को जन्म दे रहा है।



गरीब कन्या की भव्य शादी


मथुरा (DJ 2010.06.28)। किसी गरीब परिवार की कन्या की भव्य शादी। सुनने में भले ही अतिश्योक्तिपूर्ण लगे, लेकिन है हकीकत। समाजसेवियों ने रविवार को हुई इस शादी में लड़की को वह सब कुछ सामान दिया ही जो गृहस्थी जमाने के लिये जरूरी होती है, बल्कि करीब ढाई-सौ घराती-बारातियों को दावत भी खिलाया गया।

खामनी गांव के समीप स्थित पन्डूपुर गांव निवासी ताराचन्द्र की आठ लड़कियां हैं। गरीब तारा के पास केवल ढाई बीघा के आसपास जमीन है। उसने अपने चौथे नंबर की लड़की रानी की शादी अवैरनी निवासी तेजवीर के साथ तय कर दी।

ताराचन्द्र की गरीबी की जानकारी मिली तो राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता मेघश्याम सिंह एड. ने रानी की शादी करने का निर्णय लिया। इस कार्य में उनके कुछ पड़ोसियों ने भी सहयोग किया। रानी की बारात रविवार को श्री सिंह के घर के समीप गाजे-बाजे के साथ आयी।

बारात में करीब सवा सौ बाराती शामिल थे। शादी के लिये यहां शानदार मंडप सजा ही था, खानपान का भी बढि़या बंदोबस्त किया गया था। विदाई में लड़की को कूलर, फ्रीज, कलर टीवी, बेड, सोफासेट, आलमारी, 55 एल्युमीनियम व पांच पीतल के वर्तन व मिक्सी आदि गृहस्थी के सामान दिये गये। रानी की शादी की भव्यता से खुश उसके पिता ताराचन्द्र ने बताया कि अब उसके सिर से काफी बोझ उतर गया है। बारातियों के आवभगत में गिर्राज सिंह एड.,हवलदार उदय सिंह, मंगल सिंह, मुंशी व श्याम आदि लोग लगे रहे। रानी की शाम को विदाई हो गई।



कथित आतंकी धमकी से जंक्शन पर सुरक्षा चाक-चौबंद


मथुरा (DJ 2010.06.28)। केरला एक्सप्रेस को इस माह की 27 तारीख तक बम से उड़ाने की कथित आतंकी धमकी ने रेलवे प्रशासन को चकरघिन्नी बना दिया है। धमकी की खुफिया रिपोर्ट के बाद से ही जंक्शन पर केरला एक्सप्रेस की डॉग स्क्वायड से सघन तलाशी करायी जा रही है। जंक्शन परिसर में यात्रियों की आवाजाही पर भी आरपीएफ और जीआरपी के जवान सतर्क निगाह रखे हुए हैं।

पिछले दिनों खुफिया जानकारी मिली थी कि देश की लम्बी दूरी की गाड़ी केरला एक्सप्रेस को बम से उड़ाने की योजना है। इसको लेकर रेलवे प्रशासन को सतर्क कर दिया गया। हाई एलर्ट होने के बाद से ही मथुरा जंक्शन पर प्रतिदिन अप-डाउन की केरला एक्सप्रेस की सघन तलाशी करायी जा रही है। इतना ही नहीं आरपीएफ का डॉग स्क्वायड दल भी चेकिंग में लगी हुई है।

रविवार को भी प्रात: से ही आरपीएफ-जीआरपी ने जंक्शन पर हर आने जाने वाले यात्री पर चौकन्नी नजर रखी, इतना ही नहीं मथुरा होकर गुजरने वाली अप और डाउन की केरला एक्सप्रेस में सघन तलाशी अभियान चलाकर चेकिंग की गयी। लेकिन इस दौरान कुछ भी संदिग्ध चीज नहीं मिली। आरपीएफ प्रभारी बी के शर्मा ने बताया कि जंक्शन पर चेकिंग अभियान जारी है।



अतिक्रमण अभियान: मची रही हर तरफ खलबली


गोवर्धन (DJ 2010.06.28)। गोवर्धन के मुड़िया पूनो मेले के लिए अतिक्रमण हटाये जाने के दौरान गोवर्धन में खलबली मची रही। कोई गैस सिलेंडर लेकर भागता दिखा तो कोई खुद ही अपना सामान हटाने लगा। इस दौरान दो स्थानों पर दुकानों के सामान नमूने भी लिये।

जैसे-जैसे मुड़िया पूर्णिमा मेला आ रहा है तैयारियां भी अमली जामा पहनती दिख रही हैं। परिक्रमा मार्ग में अतिक्रमण हटवाए गये। जैसे ही पुलिस फोर्स लोगों को दिखा वैसे ही दुकानों के सामने से लगे तख्ता पट्टा कुर्सियां आदि सामानों को लोग हटाते नजर आए।

इस दौरान गाड़ियों में एसडीएम सदर राकेश मालपाणी, सीओ सदर कायम सिंह और थानाध्यक्ष मनीष सक्सेना पुलिस फोर्स के साथ चल रहे थे। कहीं-कहीं अफसरों ने सख्ती से अतिक्रमण हटवाए। दूसरी ओर अफसरों के साथ खाद्य विभाग और आपूर्ति विभाग की टीम भी साथ चल रही थी। ऐसे में दो स्थानों पर दुकानों पर रखे सामान के नमूने भी टीम ने लिये।


Saturday, June 26, 2010

श्रीवृन्दावन-महिमामृत १.८९-९१

रमणरेति मार्ग, १९७७ (रामदास)


निष्किञ्चनो नित्यविविक्तसेवी
वृन्दावने दैवतवृन्दवन्द्ये ।
श्रीराधिकामाधवनामधाम-
द्वयं कदा भावभरेण सेव्ये ॥

निष्किञ्चन एवं नित्य निर्जनवासी होकर मैं कब देवतागणों से भी वन्दनीय इस श्रीवृन्दावन में श्रीराधामाधव नामक जोड़ी की भावपूर्वक सेवा करूंगा ॥१.८९॥




निजसर्वनाशकरमात्मसुहृत्
सुतदारमित्रपरिवारगणम् ।
परिवञ्च्य कर्हि दृढबुद्धिरहं
प्रपलाय यामि हरिकेलिवनम् ॥

अपना सर्वनाश करने वाले अपने सुहृत्, स्त्री, पुत्र, मित्रादि परिवार के लोगों की वञ्चना कर, कब मैं दृढबुद्धिपूर्वक दौड़कर श्रीहरि के केलिवन श्रीवृन्दावन का आश्रय करूंगा ? ॥१.९०॥





जन्मान्यसङ्ख्यानि गतानि मे वृथा
व्यग्रात्मनो देहगृहादिचेष्टया ।
अद्यापि मुह्याम्यपि बुद्धिमानहं
तवैव वृन्दाटवि नाम मे गतिः ॥

देहगेहादि की चेष्टा में व्यग्रचित्त होकर मेरे अनगिनत जन्म वृथा नाश हो गए हैं । हाय ! बुद्धिमान होकर भी आज तक मैं मोह में फसा रहा । हे वृन्दाटवि ! अब आपका नाम ही मेरी एकमात्र गति है ॥१.९१॥


2010-06-27 ब्रज का समाचार

जल उत्सव के दर्शन के लिए भक्त उमड़े

फव्वारों के मध्य श्रद्धालुओं ने दर्शन किए
शुल्क पूर्णिमा पर मनाया जाता है जल उत्सव
मंदिरों में भव्य फूल बंगले सजा कर पूजा की


वृंदावन (अमर उजाला ब्यूरो 2010.06.27)। पूर्णिमा के पावन अवसर पर शनिवार की शाम को नगर के मंदिरों में जल उत्सव का आयोजन किया गया। इसी क्रम में शाह बिहारी मंदिर में हुए जल उत्सव में युगल सरकार ठाकुर शाह विहारी महाराज ने जलविहार किया।

शुल्क पूर्णिमा के पर्व पर जलविहार का उत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। ठाकुरजी को शीतल जल और फलों का विशेष भोग भी लगाया जाता है।

इसी शृंखला में शनिवार को शाह बिहारी मंदिर के बगीचे में फव्वारे चलाए गए और विभिन्न प्रकार के फूलों से भव्य बंगला सजाया गया। जिस सिंहासन पर ठाकुर शाह बिहारी महाराज बिराजे हुए थे, उसके नीचे जल झालर बह रही थी।

ठाकुर शाह विहारी महाराज जलविहार निकुंज में जलयात्रा के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं में होड़ देखी गई। मंदिर के सेवायत केएस शाह, डा. प्रफुल्ल शाह और प्रशांत शाह ने बताया कि यह आयोजन हर वर्ष ज्येष्ठ माह की समाप्ति की पूर्णिमा पर मनाया जाता है।

वहीं, ठाकुर श्रीराधा वल्लभ मंदिर, ठाकुर राधा गोपीनाथ मंदिर, राधा रमण मंदिर सहित अनेक मंदिर में जल विहार का आयोजन हुआ और भव्य फूल बंगले सजाए गए।

फोटो-पी-३ - जल उत्सव के अवसर पर ठाकुर शाह बिहारी भक्तों को दर्शन देते हुए।



ज्येष्ठ पूर्णिमा पर जनसैलाब उमड़ा

भीषण गर्मी में नहीं डिगी आस्था, श्रद्धालुओें ने परिक्रमा दी
रोडवेज की व्यवस्था रही बेहाल
डग्गेमार वाहन-चालक खुशहाल


गोवर्धन (अमर उजाला ब्यूरो 2010.06.27) । ज्येष्ठ पूर्णिमा पर कलियुग के प्रथम देवता गिरिराज महाराज की सप्तकोसी परिक्रमा लगाने वालों का सैलाब उमड़ा पड़ा। रातभर बिजली की आंख मिचौनी से कई श्रद्धालु बिछड़ गए, वहीं परिवहन निगम की बसों की अव्यवस्था के चलते डग्गेमार वाहनों का बोलबाला रहा।

देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं का गिरिराज महाराज की परिक्रमा का क्रम शनिवार तक बदस्तूर जारी रहा। शुक्रवार की रात अचानक भीड़ बढ़ने से प्रशासनिक व्यवस्थाएं चौपट हो गईं। गोवर्धन में जाम नहीं लगे। इसके लिए पुलिस को मथुरा से गोवर्धन एवं डींग से गोवर्धन आने वाले भारी वाहनों को रोकना पड़ा। उसके बावजूद रातभर छोटे-छाटे वाहन से चारों तरफ जाम लगता रहा।

परिक्रमार्थियों को दो किलोमीटर पैदल चलकर परिक्रमा शुरू करनी पड़ी। सुबह होते-होते पीने के पानी की किल्लत होने लगी। सौंख अड्डे से डींग रोड, दानघाटी मंदिर मार्ग पर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। रोडवेज की बसें न होने से डग्गेमार वाहनों को बोलबाला रहा। यात्रियों ने जान जोखिम में डालकर इनमें सवारी की। छतों पर लटककर श्रद्धालु गंतव्य तक पहुंचे। प्रातःकाल मथुरा-बांदीकु ई ट्रेन में यात्रियों की यह हालत हो गई कि बोगियाें और इंजन के आसपास चढ़कर यात्रा करने को लोग मजबूर हुए।



मानसी गंगा प्रोजेक्ट की जांच के आदेश


गोवर्धन (DJ 2010.06.27)। मानसी गंगा प्रोजेक्ट को लेकर जिलाधिकारी ने सफाई कार्य की जांच के लिए तीन विभागों की जांच कमेटी गठित कर जल्द रिपोर्ट देने के निर्देश दिये हैं। दूसरी ओर मानसी गंगा के कायरें में मनमानी को लेकर धरने पर बैठे नगर पंचायत के चेयरमैन ने आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया।

कई महीने से चल रहे मानसी गंगा प्रोजेक्ट की धीमी गति और मनमानी की कई बार शिकायत हो चुकी थी। चेयरमैन गोवर्धन नगर पंचायत गौर गोपाल मुखिया ने गड़बड़ी न रुकने पर शनिवार को धरना शुरू कर दिया। दैनिक जागरण ने इस मनमानी को उजागर किया तो जिलाधिकारी ने उसे गंभीरता से लिया। उन्होंने सबसे पहले खुद ही अफसरों के साथ स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने कार्यो की जांच के लिए लोक निर्माण विभाग, जल निगम और सिंचाई अफसरों की एक कमेटी गठित कर दी। कमेटी को जल्द ही जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है।

दूसरी तरफ मानसी गंगा के गऊ घाट पर धरने पर बैठे नगर पंचायत चेयरमैन गौर गोपाल मुखिया और सभासदों से मुलाकात को एसडीएम सदर राकेश मालपानी पहुंचे। उन्होंने जांच कमेटी गठित किये जाने की जानकारी दी। चेयरमैन गौर गोपाल मुखिया ने बताया कि उनकी प्रमुख मांग है कि मानसी गंगा की सफाई को लेकर मनमानी की जा रही है। सभासद रवि भारद्वाज ने बताया कि मनमानी रोकने के लिए हम चेयरमैन का सहयोग कर रहे हैं। एसडीएम के आश्वासन के बाद चेयरमैन ने धरना समाप्त कर दिया।



मुड़िया पूनो: इमरजेंसी प्लान तैयार


गोवर्धन (DJ 2010.06.27)। अगले माह से शुरू होने वाले गोवर्धन मुड़िया पूनों मेला की व्यवस्था तैयारी के लिये डीएम ने संबंधित सरकारी महकमों को इमरजेंसी प्लान तैयार करने के निर्देश दिये हैं। खास बात यह कि अबकी वीवीआईपी के आने की संभावना के मद्देनजर बड़ी और छोटी परिक्रमा मार्ग में एक-एक हैलीपैड बनाया जायेगा, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर तीसरी आंख भी लगवाये जाएंगे।

परिक्रमा मार्ग पर एक भी भंडारा और स्टाल आदि नहीं लगेगी। जहां तक सफाई व्यवस्था की बात है मथुरा नगर पालिका के संसाधनों के इस्तेमाल का भी निर्णय लिया गया है। शनिवार प्रात: कैंप कार्यालय पर डीएम डीसी शुक्ल ने विभागवार मुड़िया पूनो मेले की तैयारी व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुये इस साल बेहतर व्यवस्था पर जोर दिया और कहा कि इसके लिये अब शासन से दो करोड़ 29 लाख की डिमांड की गई है।

उन्होंने अडींग मे बाईपास की व्यवस्था एक पखवाड़े में तथा गोवर्धन से सौंख रोड की मरम्मत का कार्य दस जुलाई तक कराने के निर्देश दिये। इस बार रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था के लिये गोवर्धन व राधाकुंड में लगे हाईमास्क पर अलग-अलग ट्रांसफार्मर लगेंगे। मानसी गंगा सफाई में निकली सिल्ट से सड़क पर जमा होने वाली मिट्टी की सफाई दो दिन में शुरू हो जायेगी। मानसी गंगा में टयूबवेल से साफ पानी भरा जायेगा।

डीएम श्री शुक्ल ने मंदिरों के प्रबंधकों और संस्थाओं से भी आग्रह किया है कि वे मानसी गंगा में मंदिर का चढ़ा दूध व अन्य कूड़ा-कचरा नहीं डालें। ऐसा होने पर कार्यवाही होगी। उन्होंने बताया कि परिक्रमा मार्ग में सड़क पर बहने वाली पानी की निकासी के लिये अंडर ग्राउंड पाइप डाले जाएंगे। परिक्रमा मार्ग में आठ स्थानों पर अस्सी सीटों के शौचालय बनाये जाएंगे।

परिक्रमा मार्ग की सफाई व्यवस्था में जिला पंचायत राज विभाग को भी लगाया जा रहा है। बाहर से भी सफाई कर्मी बुलाये जाएंगे। बैठक में निर्णय के अनुसार मेले के दौरान प्राइवेट बसों का संचालन बंद रहेगा। श्रद्धालुओं को ढोने के लिये रोडवेज द्वारा 1200 बसों का बेड़ा लगाया जा रहा है। प्रमुख तिथियों में गोवर्धन जाने का वन-वे मार्ग रहेगा। डीएम श्री शुक्ल ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये हर संभव बढि़या इंतजामात किये जाएंगे।



आंशिक चंद्रग्रहण से हलचल

जनपद में नहीं दिखने पर भी रीतियां निभाई
दान-पुण्य का चला सिलसिला
यमुना स्नान कर परंपरा निभाई


मथुरा (अमर उजाला ब्यूरो 2010.06.27)। साल के पहले चंद्रग्रहण को आस्थावानों ने संजीदगी से लिया। हालांकि आंशिक चंद्रग्रहण मथुरा में नहीं दिखाई दिया। बावजूद इसके धर्मप्रेमियों में ग्रहण को लेकर हलचल रही। ग्रहण के दुष्प्रभाव और राशियों पर इसका प्रभाव जानने की भी लोगों में उत्सुकता रही। ग्रहण के किसी भी प्रकार के प्रभाव से बचने के लिए लोगों ने दान-पुण्य की परंपरा निभाई और पूजा-पाठ किया।

वृद्धों और बुजुर्गों ने देश के किसी भी हिस्से में दिखने वाले आंशिक चंद्रग्रहण को चंद्रग्रहण के प्रभाव के तुल्य मानते हुए पूजा-पाठ और दान-पुण्य किया। इस दौरान घरों पर भजन, कीर्तन किए गए। कुछ ने यज्ञ इत्यादि का भी आयोजन किया। यमुना स्नान की परंपरा भी निभाई गई। लोगों ने वस्त्र और खादान्न का दान किया। सूतक के दौरान आस्थावान लोगों ने परंपरा का निर्वाह करते हुए भोजन, शयन से दूरी बनाए रखी।

ज्योतिषियों के खटकते रहे फोन

मथुरा। ऐसे लोगों की संख्या भी अधिक रही, जिन्होंने ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं माना। ऐसे लोग राशियों पर प्रभाव को लेकर चिंतित रहे। लोग दुष्प्रभाव के बचाव जानने के लिए फोन के माध्यम से ज्योतिषियों से जानते रहे। कुप्रभावों की आशंका से लोगों ने खूब दान-पुण्य और पूजा पाठ किया। पंडित रघुनंदन चतुर्वेदी ने बताया कि राशियों पर प्रभाव जानने के लिए कई यजमानों के फोन लगातार आए।



श्रद्धालुओं ने कोकिलावन की परिक्रमा लगाई

भीड़ का नियंत्रित करने में आयोजकों ने मशक्कत की
बिहार के सांसद ने शनिदेव के दर्शन किए
हरियाणा से राज्यसभा सदस्य ने भी पूजा की


कोसीकलां (अमर उजाला ब्यूरो 2010.06.27) । ज्येष्ठ पूर्णिमा के मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने कोकिलावन के सूरज कुंड में स्नान कर शनिदेव की परिक्रमा कर पूजा-अर्चना की। भीड़ को देखकर मंदिर आयोजकों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। मंदिर के इर्द-गिर्द भी सुरक्षा व्यवस्था का कोई इंतजाम नहीं गया था।

शनिवार की तड़के श्रद्धालुओं ने सूरज कुंड में स्नान किया। तत्पश्चात तीन कोस की परिक्रमा लगानी शुरू कर दी। परिक्रमा के बाद श्रद्धालुओं ने शनि की पूजा-अर्चना कर मनौती मांगी। देर रात में तो मंदिर पर भीड़ इस कदर जुट गई कि पैर रखने के लिए भी जगह नहीं बची। पूरा परिक्रमा मार्ग श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। हर कोई शनि के प्रकोप से बचने के लिए पूजा में लीन था। मंदिर के बाहर भी दीपक जलाने वालों की लंबी-लंबी कतारें लगी थीं।

मंदिर के पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे। पूरे परिक्रमा परिसर में एक भी पुलिसकर्मी नहीं दिखाई दिया। बिहार के सांसद काशीनाथ मिश्र और हरियाणा से राज्यसभा सदस्य सुम्मेर सिंह ने कोकिलावन पहुंचकर शनिदेव की पूजा की। मंदिर के महंत प्रेमदास महाराज ने उन्हें पटुका उड़ाकर स्वागत किया।

जेबकटों ने दिखाई जमकर सफाई

कोसीकलां। कोकिलावन में शनिवार को जेबकटों ने दर्जनभर से अधिक श्रद्धालुओं की जेबें साफ कर दीं। फरीदाबाद निवासी सरोज जैन जब सूरज कुंड के महिला घाट पर स्नान कर रही थी तो किसी ने उनका बैग पार कर दिया। बैग में दो हजार रुपये की नकदी और कपड़े आदि थे। वहीं, दिल्ली निवासी मुकेशपाल सिंह के पर्स को चोरों ने उड़ा दिया। घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है।



मुड़िया मेले पर चार जोड़ा स्पेशल ट्रेन


आगरा मंडल ने भेजा प्रस्ताव, पांच ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाएंगे
इंटरसिटी को ग्वालियर तक बढ़ाने की मांग की
अफसरों को मुख्यालय की स्वीकृति का इंतजार


मथुरा (अमर उजाला ब्यूरो 2010.06.27)। मुड़िया पूर्णिमा मेले की तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं। इसके लिए चार जोड़ा स्पेशल ट्रेन को मथुरा तक बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया है। करीब इतनी ही ट्रेनों में स्पेशल कोच लगाए जाने की डिमांड हुई है। अब अफसरों को मुख्यालय की स्वीकृति का इंतजार है।

२१ जुलाई को आने वाली मुड़िया पूर्णिमा के लिए रेलवे ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। यात्रियों को आराम दायक यात्रा कराने के लिए स्थानीय प्रशासन ने चार जोड़ा स्पेशल ट्रेनों को मथुरा तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए अलवर रूट पर मेला स्पेशल चलाने का प्रस्ताव रखा गया है। रतलाम रूट पर भी एक ट्रेन चलाने तथा झांसी-आगरा पैसेंजर को मथुरा तक बढ़ाने की इजाजत मांगी गई है।

यही नहीं दिल्ली आगरा के मध्य चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस को ग्वालियर तक बढ़ाने की संस्तुति की गई है। इधर ३२१-३२२ अलवर पैसेंजर, ३२३-३२४ बांदीकुई पैसेंजर, २५५-२५६ रतलाम पैसेंजर, पटना-मथुरा एक्सप्रेस एवं इलाहाबाद-मथुरा एक्सप्रेस में छह-छह अतिरिक्त कोच लगाने की डिमांड की गई है। मेले के दौरान खुलने वाली अतिरिक्त खिड़कियों एवं राउंड द क्लाक काउंटर चलाने के लिए ३५ बाबुओं की डिमांड की गई है।

सुरक्षा एवं सफाई के लिए अतिरिक्त स्टाफ भी मांगा गया है। इन सभी बिंदुओं पर प्रस्ताव आगरा मंडल होता हुआ इलाहाबाद मुख्यालय पहुंच गया है। अफसरों को अब वहां से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। मंडलीय जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र ढिल्लन ने स्वीकार किया कि मुड़िया पूर्णिमा मेले की व्यवस्थाओं का प्रस्ताव इलाहाबाद भेज दिया गया है।



मथुरा में यमुना के घाटों की सफाई का काम जोरों पर


(Hindustan, 2010.06.27) मथुरा में इन दिनों यमुना नदी के घाटों की सफाई का कार्य जोरों पर है। गंगा दशहरा पर्व (21 जून) से पहले यह कार्य पूर्ण कर लिया जाए ताकि देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु मथुरा तथा वन्दावन के घाटों पर स्वच्छ जल में स्नान कर कर सकें।

मथुरा को प्रदूषणमुक्त बनाए रखने के लिए तैनात किए गए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी उठाने के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी सहयोग कर रहे है। इस पावन कार्य के लिए पांच अधिकारियों ने अपने वेतन से 42 हजार रूपये की धनराशि दी है। बाकी अपेक्षित धनराशि भी स्थानीय उद्यमियों व जनसहयोग से जुटाई गयी है।

पिछले कई वर्षों से श्रीकृष्ण सेवा संस्थान गंगा दशहरा तथा यमुना छठ आदि पर्वों पर अपने स्तर से सफाई कराता चला आ रहा है। इस वर्ष भी यही तय किया गया था, लेकिन क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी आरके सिंह के पहल पर उनके साथी सहायक अभियंता अवनीश कुमार तिवारी, सहायक वैज्ञानिक अधिकारी अरविंद कुमार, अवर अभियंता सत्यविजय तथा वैज्ञानिक सहायक स्नेहलता ने भी अपने वेतन का एक निश्चित हिस्सा देकर यमुना शुद्धीकरण कार्य में अपना सहयोग देकर जन अभियान का रूप दे दिया।

यमुना सफाई अभियान से जुड़े कार्यकर्ता गोपेश्वर नाथ चतुव्रेदी ने बताया कि यह अभियान 20 जून तक जारी रहेगा। मथुरा के घाटों की सफाई के पश्चात वृन्दावन के केशीघाट आदि इलाकों की सफाई का कार्य किया जाएगा।



यमुना में लेटकर वर्षा के लिए प्रार्थना की


इंद्र को प्रसन्न करने में जुटे संत बिहारी शरण
प्रयाग घाट पर पानी में घंटों एक मुद्रा में लेटे
पूर्व में भी सार्थक हुआ उनका अनोखा योग


मथुरा (अमर उजाला ब्यूरो 2010.06.27) । बरसात के लिए इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। कोई यज्ञ कर रहा है तो कोई अनुष्ठान। ब्रज के संत बरसात के लिए यमुना में साधना करने लगे हैं। उनकी साधना अपने आप में बेहद खास है। सुबह और शाम यमुना में कई घंटे एक ही मुद्रा में लेटकर वह वर्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

टटिया स्थान के संत बिहारी शरणदास जी द्वारा प्रयाग घाट पर की जा रही तपस्या जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। करीब ८० वर्ष की आयु के संत बिहारी ने जब-जब इस प्रकार की तपस्या की है तब-तब मेघ ब्रज पर मेहरबान हुआ है। पिछले तीस दिनों से बदस्तूर अपनी साधना को जारी रखे हैं। यमुना के प्रदूषण, कीड़े-मकौड़े और सूर्य की तपिश में जहां कुछ ही मिनट गुजारना लोगों के लिए मुश्किल होता है, उक्त संत सुबह-शाम दो से तीन घंटे यमुना में शरीर को लिटाकर साधना करते हैं। उनका सिर ही यमुना से बाहर होता है। इस मुद्रा में संत हिलते तक नहीं है और न ही किसी से बात करते हैं।

साधना कर सच करीं भविष्यवाणी

मथुरा। सन २००२ में जब मथुरा को सूखा ग्रस्त घोषित किया गया था तब भी बाबा ने इसी साधना के साथ सात दिन में पूरे प्रदेश में वर्षा की भविष्यवाणी की थी। वह सच साबित हुई थी। २००४ और २००६ में भी बरसात न होने पर उन्होंने यही क्रिया अपनाकर फिर बरसात की भविष्यवाणी की, जो सच निकली। जानकार उनकी भविष्यवाणी पर विश्वास जमाए हुए हैं।



भीगने को मचल रहा मन


मथुरा (DJ 2010.06.27)। मानसून के आगे बढ़ने की खबरों से मन भीगने के लिए मचलने लगा है। सभी को मानसून की रेल को कान्हा की नगरी में पहुंचने का इंतजार है। हर इंसान की जुबान पर एक ही बात है कि अब बारिश होनी चाहिए। किसान भी इसी इंतजार में बैठे हुए हैं। बारिश होते ही खरीफ की फसलों की बुवाई के साथ ही धान की रोपाई का कम गति पकड़ जाएगा।

भीषण गर्मी की मार सहन करते-करते अब सभी को बरखा रानी के आने का इंतजार है। मौसम विभाग जल्द प्री मानसून की बारिश होने का पूर्वानुमान लगा रहा है। शनिवार को तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ गई है। न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस से गिरकर 28 और अधिकतम 45 डिग्री से गिरकर 44 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। आर्द्राता 50 से 60 प्रतिशत के बीच बनी हुई है। मौसम के जानकार जल्द ही बारिश होने की संभावनाएं व्यक्त कर रहे हैं। सभी का मन बारिश की बूंदों में भीगने के लिए मचल रहा है। आम आदमी से लेकर अफसर सभी की जुबान पर एक ही शब्द है कि अब बारिश होनी चाहिए। तभी गर्मी से राहत मिल पाएगी।

किसान तो आसमान की तरफ टकटकी लगाकर देख रहे हैं। बारिश होते ही वे खेती बाड़ी के काम में व्यस्त हो जाएंगे। खरीफ की फसलों की बुवाई शुरू हो जाएगी। धान की रोपाई का काम भी गति पकड़ लेगा। किसानों ने इसकी तैयारियां कर ली है।



बांके बिहारी की चौखट पर मिला अबोध


वृन्दावन (DJ 2010.06.27) । वृन्दावन में बांके बिहारी मंदिर की चौखट पर कोई अभागी मां पांच माह के बच्चे को छोड़कर चली गयी है। जिसे पुलिस की सुपुर्दगी में दे दिया गया है।

बांके बिहारी मंदिर में शनिवार रात साढ़े आठ बजे करीब पांच माह का अबोध बच्चा चौखट पर रो रहा था। लोगों ने पहले समझा कोई महिला बच्चे को लिटाकर दर्शन करने गयी होगी। काफी देर बाद भी जब महिला नहीं आयी तो वहां मौजूद दर्शनार्थियों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिसकर्मियों ने बच्चे को गोद में लेकर उसके परिजनों के बारे में पूछताछ की लेकिन उनका कोई पता नहीं चला।

बच्चा देखने में मध्यम वर्गीय परिवार का जान पड़ता है। लड़के ने गुलाबी रंग की टी-शर्ट एवं नेकर पहनी हुई थी और उसके पास एक प्रतिष्ठित कम्पनी का साबुन, तेल, शैंपू का किट, तौलिया रखा हुआ था। आशंका जतायी जा रही है कि कोई महिला बालक को चौखट पर छोड़कर चली गयी। पांच महीने के बच्चे को किन परिस्थितियों में अभागी मां ने छोड़ा इनका पता तो तब ही चलेगा जब उसकी खोज होगी। फिलहाल वृंदावन में बच्चे को गोद लेने वालों की लाइन लग गयी है।



जेबकटों की मौज, पुलिस हुई मस्त


मथुरा (DJ 2010.06.27)। उद्धव कुंड के निकट रीवा, मध्य प्रदेश निवासी लक्ष्मीनारायण की पत्नी गायत्री परिक्रमा कर रही थी। उस समय एक युवक ने उनकी चेन गले से तोड़ने की कोशिश की। शोर मचाने पर वह भाग खड़ा हुआ। पुलिस की हीलाहवाली देखने को मिली। जेबकटों ने कई की जेबों पर हाथ साफ किया। पुलिस की व्यवस्था न होने से जेबकटों का हौवा दिखाई दिया।



गोवर्धन में ताबड़तोड़ वारदातें

स्टेशन पर तीन महिलाओं के चेन टूटी
मानसी गंगा पर बैग और कपड़े ले भागा
उद्धव कुंड पर दंपति से बैग छीन ले गए


गोवर्धन/मथुरा (अमर उजाला ब्यूरो 2010.06.27)। गोवर्धन परिक्रमा को आए हजारों श्रद्धालुओं की सुरक्षा पुलिस भरोसे नहीं भगवान भरोसे चल रही है। चेन स्नेचर और उठाइगीरों की बन आई है। यही कारण है कि बदमाश कई महिलाओं के गले से सोने की चेन और बैग छीन कर भाग गए।

गोवर्धन की सभासद मंजू खंडेलवाल शनिवार को जयपुर के लिए स्टेशन से टिकट खरीद रहीं थी। इस बीच एक युवक ने उनके गले में पड़ी डेढ़ तोले की चेन तोड़ ली। सभासद ने युवक को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन चेन बरामद नहीं हो सकी।

यही नहीं, टिकट खरीदने के दौरान नगर, भरतपुर निवासी रंधीर सिंह की पत्नी रावती के गले से भी सोने की चेन तोड़ ली गई। सीकर, भरतपुर निवासी शील देवी पत्नी रामचंद के कानों की सोने की झुमकी बदमाश खींच ले गए। सभी घटनाओं में बदमाशों ने भीड़ का फायदा उठाया।

यही नहीं, मुखारविंद मंदिर में दर्शन के दौरान रेवाड़ी निवासी किरन देवी पत्नी अनिल कुमार के गले की चेन खिंच ली गई। झालावाड़, राजस्थान निवासी राजेंद्र प्रसाद मानसी गंगा के किनारे अपने कपड़े और बैग रख कर स्नान कर रहे थे। इसी बीच कोई बदमाश उनके कपड़े उठा ले गया। पीड़ित का कहना है कि बैग में १५ हजार रुपये की नकदी और अन्य सामान था।

परिक्रमा मार्ग पर हरीनगर, दिल्ली से शादी के बाद परिक्रमा करने के लिए अपने पति देवेंद्र पाल के साथ आई कुसुम उद्धव कुंड के समीप शुक्रवार की रात करीब ग्यारह बजे बदमाश बैग छीन कर भाग गए। बैग में तीन तोले की चेन, मंगल सूत्र पांच हजार रुपये नकदी थी। पिछले चौबीस घंटे के दौरान बदमाशों ने एक के बाद एक घटना की, लेकिन पुलिस ने इन घटनाओं को दर्ज नहीं किया।



बंदरों के काटने से वृद्ध गंभीर


मथुरा (DJ 2010.06.27)। बंदरों के काटने से 75 वर्षीय ठकुरिया निवासी राल गंभीर रूप से घायल हो गया। इसकी हालत नाजुक बनी हुई है। इसके शरीर में कई जगह टांके आए हैं।



राधाकुंड में दिल्ली का युवक डूबा, मौत


गोवर्धन/मथुरा (DJ 2010.06.27)। इंटर परीक्षा में पास होने पर मौसा के साथ शनिवार को गोवर्धन की परिक्रमा लगाने आए दिल्ली के युवक की राधा कुंड में पैर फिसल जाने से डूबकर मौत हो गई।

ब्रह्मपुरी दिल्ली निवासी किशन पाल का १८ वर्षीय पुत्र हिमांशु इंटर की परीक्षा में पास हुआ तो उसकी इच्छा गोवर्धन में गिर्राज जी की परिक्रमा करने की हुई। हिमांशु शुक्रवार को मौसा मनोज कुमार शर्मा के साथ गिर्राज जी की परिक्रमा करने को आया। शनिवार की प्रातः राधाकुंड में उसका पैर फिसल गया और वह कुंड के गहरे पानी में जाकर डूब गया। काफी प्रयास के बाद दो घंटे बाद हिमांशु का शव बाहर निकला जा सका।


श्रीवृन्दावन-महिमामृत १.८६-८८




विषयविषकृमीणां बोधमात्रात्मभाजां
समयसमयसर्वेशैकभक्त्याश्रितानाम् ।
न निजरुचिकरं वर्त्मोत्सृजन्तः स्थिताः स्मो
वयममलसुखौघस्यन्दिवृन्दावनाशाः ॥

विषयरूप विष के जो कृमि लोलुप हैं, उनका, बोधमात्रात्मवादी रुक्षज्ञानियों का, एवं वृद्धावस्था में भय से भगवान् का भजन करने वालों का मार्ग हमारे रुचिकर नहीं है । अतः उसको त्याग पूर्वक हम निर्मल सुखराशि देनेवाले श्रीवृन्दावन की आशा लेकर बैठे हैं ॥१.८६॥





उन्मत्तप्रायवाचः परिभूषितधियो माययानर्थबीजं
स्वार्थं मत्वा कृतार्था अथ न सुखविवेकादयो ग्राह्यवाचः ।
स्वीयाः सर्वे जिघांसन्त्यहह बहुमृषा स्नेहपाशैर्निबध्य
श्रीवृन्दारण्य यायामहमहितसमाजात् कदा निसृतस्त्वाम् ॥

सम्बन्धि अथवा मित्रों के वाक्य पागलों के से हैं । माया से मोहित होकर उनकी बुद्धिवृत्ति नाश हो गई है, अनर्थों के बीज को ही स्वार्थ मानकर वे कृतकृतार्थ हो रहे हैं एवं वास्तव सुख तथा विवेकादि के उपदेश को वे ग्रहण नहीं करते । अहो मेरे स्वजनगण अत्यन्त झूठे स्नेहपाशों में बान्ध कर मुझे मारने की चेष्टा करते हैं । हे श्रीवृन्दावन ! मैं कब इस अनिष्टकारी समाज से छुटकारा पाकर आपके आश्रित हूंगा ? ॥१.८७॥





गृहान्धकूपे पतितः कदा माम्
उद्धृत्य मूढं कृपया स्वयैव ।
कामादिकालाहिगुणैर्निगीर्णं
मातेव वृन्दाटवि नेष्यसेऽङ्कम् ॥

मैं जो गृहरूप अन्धे कूप में गिरा हुआ हूं, कामादि कराल कालसर्प से ग्रस्त हूं एवं मूर्ख हूं, हे वृन्दाटवि ! आप कब कृपापूर्वक मेरा उद्धार कर, माता की भांति मुखे अपनी गोदी में स्थान दोगी ? ॥१.८८॥


Friday, June 25, 2010

2010-06-26 ब्रज का समाचार

कृष्ण-सुदामा की दोस्ती आदर्श : शास्त्री


मथुरा (DJ 2010.06.26)। नौहझील क्षेत्र के गांव सींगौनी के श्रृंगऋषि आश्रम पर हो रही श्रीमद् भागवत कथा में समापन के दिन कथा व्यास पं. उदय चंद शास्त्री ने सुदामा चरित्र का बड़ा मार्मिक वर्णन किया।

उन्होंने सुदामा और कृष्ण की मित्रता को एक आदर्श मिसाल बताते हुए सुदामा जी के कृष्ण के प्रति निष्कटक भाव को रेखांकित करते हुऐ भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।


सींगौनी में आयोजित कथा भागवत के आखिरी दिन व्यास पीठ ने मित्रता का अनूठा वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता निष्कपट भाव से और मित्र के प्रति पूर्ण समर्पित होकर निभानी चाहिए।

उन्होंने श्रीकृष्ण सुदामा की आदर्श मित्रता का उदाहरण देते हुए कहा कि भूख वश सुदामा ने श्रीकृष्ण के हिस्से के चावल खा लिये परन्तु भगवान ने बदले में राजपाठ से नवाजा। उन्होंने आगे कहा कि मित्र के आगे कभी भी अपने दुख दर्द को छुपाना नहीं चाहिए। अगर मित्रता के बीच में ऐसे बातें आती हैं तो मित्रता सच्ची नहीं होती। व्यास पीठ सींगौनी के श्रृंग ऋषि आश्रम पर माधव दास बाबा और ग्रामीणों के सहयोग से कथा कर रहे हैं।



कृष्ण की उपासना से मनुष्य की मुक्ति संभव


वृन्दावन (DJ 2010.06.26)। पवित्र श्रीधाम वृन्दावन में भगवान श्री राधाकृष्ण की उपासना से जगत का कल्याण होता है। इस दिव्य स्थान पर आने मात्र से ही जीव के मोक्ष का द्वार स्वत: ही प्रशस्त हो जाता है।

श्रीराम सत्संग समिति के तत्वावधान में केशवधाम के समीप स्थित नवनिर्मित श्रीराम सेवाश्रम के लोकार्पण समारोह में विचार व्यक्त करते हुए गंगा रक्षा मंच के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी हंसदास महाराज ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन भगवान श्रीकृष्ण की लीलास्थली है। यहां भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करने से मनुष्य की मुक्ति संभव है।

का‌र्ष्णि गुरुशरणानंद महाराज ने कहा कि इसी स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं के माध्यम से जगत का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि समस्त हिंदुओं के हृदय में उनके आराध्य निवास करते हैं, यही कारण है कि हमसभी लोग भगवान से एक क्षण भी दूर नहीं हो सकते।

इससे पूर्व एकादश दिवसीय मंगलमय प्रवेशोत्सव का शुभारम्भ प्रात: फोगला आश्रम से निकलने वाली भव्य शोभायात्रा से हुआ।



श्रीकृष्ण विष्णु भगवान के साक्षात अवतार थे


वृन्दावन (DJ 2010.06.26)। भगवान श्रीकृष्ण ही एकमात्र ऐसे अवतार हैं जिनकी सुरभि सात समंदर पार संसार के अनेकों देशों तक पहुंच चुकी है। पाश्चात्य संस्कृति की चकाचौंध में डूबे अनेक देशों में भगवान श्रीकृष्ण का कर्मयोगी के रूप में श्रीमद् भागवत गीता के माध्यम से दिया गया संदेश विदेशियों को कृष्ण भक्ति में डुबो रहा है।

वंशीवट स्थित सुदामाकुटी में चल रहे श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ में व्यासपीठ से प्रवचन करते हुए संत नारायण दास महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण, विष्णु भगवान के साक्षात अवतार थे। उनकी प्रत्येक लीला में एक सार्थक संदेश अर्न्त निहित था। भगवान श्रीकृष्ण के सरल, निश्छल और अनुरागमय व्यक्तित्व ने जन-जन को मोहा है।

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन दर्शन की सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि कोटि-कोटि भारतीय व विदेशी भक्तजन उनकी अनुरक्ति में विरक्ति और विरक्ति में अनुरक्ति का शाश्वत सुख प्राप्त कर रहे हैं। इससे पूर्व श्रीमद्भागवत के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा व्यास द्वारा श्रद्धालुओं को वस्त्र, फल, मिष्ठान, खिलौने इत्यादि लुटाये गये।



तालमेल के अभाव में टला अतिक्रमण विरोधी अभियान


मथुरा (DJ 2010.06.26)। कोसीकलां नगर में बहुप्रतिक्षित अतिक्रमण हटाओ अभियान के लिए पूरे जोर शोर से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत कार्यवाहियां की गयी। पालिका कर्मचारियों सहित तमाम पुलिस एवं पीएसी बल के जवान पूरे दिन अभियान चलने के इंतजार में अधिकारियों के आदेश का इंतजार करते रहे। लेकिन पालिका एवं प्रशासनिक अधिकारियों में तालमेल न होने के कारण एक बार फिर अतिक्रमण हटाओ अभियान टल गया।

गुरुवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत नगर पालिका परिषद द्वारा नगर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाना था। इसके लिए पूर्वान्ह ग्यारह बजे तक थाना परिसर में सर्किल फोर्स सहित पीएसी के जवान भी पहुंच गये। जैसे-जैसे समय बढ़ता गया पालिका अधिकारी एवं कर्मचारी भी जेसीबी मशीन लेकर थाना के समीप आ डटे।

अब इंतजार था तो बस प्रशासनिक अधिकारियों का। घंटों इंतजार के बाद भी जब कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा। तो अधिशासी अधिकारी डीके श्रीवास्तव ने कोतवाल ओंकार सिंह से इस सम्बन्ध में वार्ता की। जिस पर उन्होने बिना प्रशासनिक अधिकारियों के अतिक्रमण हटाओ अभियान के साथ चलने से इंकार कर दिया बताया तथा प्रशासनिक अधिकारियों के इंतजार की बात कही। दोपहर करीब ढाई बजे तक जब कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा तो अतिक्रमण हटाओ अभियान को एक बार फिर टाल दिया गया।

उपजिलाधिकारी छाता राजपाल सिंह ने बताया कि उनके द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत थाना में 18 सव इंसपेक्टर, महिला पुलिस, पीएसी प्लाटून एवं सर्किल फोर्स को अतिक्रमण हटाओ अभियान के लिए भेज दिया था। इसके लिए सीओ छाता बाबूलाल आर्य सहित वे स्वयं भी थाना जा पहुंचे लेकिन नगर पालिका अधिशासी अधिकारी के न पहुंचने पर कोई भी कार्यवाही नहीं हो सकी।



प्रभु द्वारिकानाथ का यमुना जल से हुआ ज्येष्ठाभिषेक


मथुरा (DJ 2010.06.26)। भगवान राजाधिराज ने शुक्रवार को कालिंदी के जल से स्नान किया। विद्वानों ने मंत्रोच्चारण के मध्य मंगल कलशों से धारा बहा कर प्रभु को शीतलता प्रदान की। मनमोहक वस्त्र एवं स्वर्ण-रजत आभूषण से श्रंगार किया गया। इस दौरान मंदिर में इत्र की सुगंध से वातावरण महकता रहा।

ग्रीष्म ऋतु में प्रभु का ज्येष्ठ मास में यमुना जल से विशेष अभिषेक तथा श्रंगार करने की परंपरा है। पुष्टि मार्गीय सेवक समाज ने इस प्राचीन परंपरा को आगे बढ़ाते हुये अपूर्व भक्ति एवं श्रद्धा के साथ द्वारिकाधीश का अभिषेक किया। ब्रह्मा मुहूर्त में सेवक दल ग्यारह मंगल कलशों को कालिंदी के प्राचीन विश्राम घाट से भर कर लाए। मंदिर के भक्त समाज ने मंगला आरती के बाद विधि पूर्वक जल से स्नान कराया।

इस दौरान विद्वत समाज मंत्रों का उच्चारण करता रहा। प्रभु के स्नान के बाद भक्तों ने ऋतु के मुताबिक सुंदर एवं मोहक परिधान तथा आभूषण धारण कराए। इस दौरान इत्र, फुलेल तथा पुष्पों की मनभावन सुगंध वातावरण को सम्मोहित करती रही। सुबह 6 बजे से चला यह धार्मिक आयोजन मध्यान्ह शयन के समय तक दर्शकों का मन मोहित करता रहा।

सांध्य समय में इस मोहिनी छवि का दीदार करने के लिये देश-प्रदेश के सुदूर स्थानों से श्रद्धालु यहां पहुंचे। प्रभु के शयन के लिये जाने तक स्थानीय एवं परदेशी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। महिलाओं ने मंगल गायन तथा सस्वर आरती प्रस्तुत कर प्रांगण को प्रेम ध्वनि से मुग्ध किया।



पापा! मैं भी हैलीकॉप्टर से दुल्हन लाऊंगा


मथुरा (DJ 2010.06.26)। गोवर्धन में हैलीकॉप्टर से राजकुमारी अपने 'राजा' संग ससुराल में क्या आई, शादी योग्य युवा दिल भी उड़नखटोला से हमसफर को लाने का ख्वाब पालने लगे हैं। सम्पन्न घरानों की ओर से हैलीकॉप्टर उपलब्ध कराने वाली कम्पनी से पूछताछ की होड़ं सी मच गई है।

इसके लिए नोएडा और दिल्ली और गुड़गांव की कई कम्पनियों से शादी के लिए हैलीकाप्टर लेने के लिए सम्पर्क साधना शुरू कर दिया गया है। वो दिन दूर नहीं, जब शादी की शान में चार चांद लगाने के लिए अब तो कान्हा की नगरी के आसमान में फक-फक करते हैलीकाप्टर नजर आएंगे। ब्रज में इस तरह का नया ट्रेंड बनने जा रहा है।

महज अपने पिता रवि केशोरैया और बाबा स्व. गोपीनाथ के ख्याल को हकीकत में तब्दील करने और अपनी दुल्हन राजकुमारी को ठीक 'राजकुमारी' की तरह शाही अंदाज में डीग के गांव सांवई से हैलीकाप्टर में विदा कर लाने वाले गोवर्धन के तुलसी ने जैसे यूथ बिग्रेड को शादी को यादगार बनाने का नया अंदाज दे दिया है।

गिरिराज धाम की धरती पर तुलसी और राजकुमारी हैलीकाप्टर से उतरे तो देखने वालों का सीना शान से फूल गया। फूलता भी क्यों ना उनका लाल इतिहास जो बना रहा था। तुलसी की मां जमुना देवी अपने बेटे के इस अंदाज से बेहद खुश हैं। लेकिन अब कान्हा की नगरी में यह ट्रेंड बनने जा रहा है।

तमाम लोग अब अपनी खुशियों को हैलीकाप्टर में बैठ कर मनाना चाहते हैं। यही कारण है कि लोग हैलीकाप्टर लाने के लिए तरीके और कौन-कौन सी कम्पनी इसे उपलब्ध कराने के लिए मार्केट में हैं इसका पता लगाने के लिए दिल्ली, नोएडा और गुड़गांव में कम्पनियों से सम्पर्क कर रहे हैं। कई ट्रैवल्स एजेंसियों के आपरेटरों की नजर में मथुरा खास होने जा रहा है।

नोएडा में हैलीकाप्टर मुहैया कराने वाली निजी कम्पनी स्टिक के सीनियर आफीसर कर्नल सूरी ने बताया कि उनसे मथुरा के कई लोग शादी के लिए हैलीकाप्टर बुक कराने के लिए जानकारी कर रहे हैं। उनका कहना था कि यह अच्छा संकेत है कि इसी बहाने एनसीआर की कम्पनियों को ब्रजभूमि से बिजनेस मिलेगा। गाजियाबाद के अनिल शर्मा कहते हैं कि एनसीआर और उसके आसपास तो इस तरह का चलन है लेकिन मथुरा में उन्होंने शादी के मौके पर दुल्हन विदा कराने को पहली बार हैलीकाप्टर यूज देखा है।



भव का अभाव भाव को जागृत करता है : डा. मनोजमोहन


मथुरा (DJ 2010.06.26)। भव का अभाव ही भाव को जागृत करने वाला है। जीवन में भाव का अभाव न रहे यही रामकथा का प्रभाव है। भगवान भव में नहीं अपितु भाव भूमि में उपस्थित रहते हैं।

गांधी मार्ग स्थित श्रीनाथ धाम में आयोजित दिव्य श्रीराम कथा के अवसर पर व्यासपीठ से प्रवचन करते हुए मानस राजहंस डा. मनोज मोहन शास्त्री ने गुरुवार को कहा कि जीवन में समस्या का समाधान मन मुखी ढंग से नहीं होता अपितु गुरु मुखी ढंग से होता है।

उन्होंने कहा कि एकत्रित होने एवं एक होने की परिभाषायें सिद्ध हैं। लोग एकत्रित होते हैं तो हाथ मिलते हैं और एक होते हैं तो हृदय मिलते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में दण्ड (डण्डे) का तो समर्थन है लेकिन उद्दण्ड का नहीं। जो बोध से भरा हो वह क्रोध से भरा नहीं रह सकता।



अयोध्या में ही बनेगा राम मंदिर : हंसदास

साधु-संत नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए अग्रसर
हमारे देश की सबसे पवित्र नदी है गंगा
प्रदेशों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए


वृंदावन (अमर उजाला ब्यूरो 2010.06.26) । अखिल भारतीय संत समाज के निदेशक जगद्गुरु हंसदास महाराज ने कहा कि गंगा भारत की पवित्र नदी है। गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए भगीरथी प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वार गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करने को सही कदम बताया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में ही राम मंदिर बनवाया जाएगा।

हंसदास शुक्रवार को रमणरेती स्थित सूरज आश्रम में पत्रकारों से रू-ब-रू हुए। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों से होकर गंगा बह रही है, केंद्र सरकार उन राज्यों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करे। इसके अलावा प्रदूषण से मुक्ति दिलवाने के लिए संत और अधिकारियों का एक पैनल बनाया जाए, जो इस नदी का औचक निरीक्षण कर रिपोर्ट केंद्र को भेज सकें।

हंसदास महाराज ने यमुना नदी में गिर रहे नाले और गंदगी पर भी क्षोभ व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की पटरानी यमुना की दुर्दशा के लिए दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश शासन भी दोषी है। उन्होंने कहा कि साधु-संत भारत की हर नदी को स्वच्छ रखने के लिए एक बड़ा आंदोलन चलाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में ही राम मंदिर बनेगा, कहीं अन्यत्र नहीं। वार्ता में उपजा के जिलाध्यक्ष कमलकांत उपमन्यु भी उपस्थित थे।



भीषण गर्मी ने ली भिखारी की जान

मौसम में आर्द्रता के कारण उमस बढ़ी

मथुरा (AU 2010.06.26)। शुक्रवार को गर्मी ने खूब परेशान किया। गर्मी से परेशान एक भिखारी ने गोवर्धन में दम तोड़ दिया। सूरज की तपिश बरकरार है। शुक्रवार को प्रातः मौसम में हल्की नरमी रही, किंतु सुबह दस बजे सूर्य की तपिश असहनीय होने लगी। आसमान पर बादल घिरे रहे। आर्द्रता कम नहीं हुई, जिससे उमस के हालात बने रहे।

राया स्थित कृषि विज्ञान शोध केंद्र के मौसम अनुभाग के अनुसार शुक्रवार को अधिकतम तापमान एक डिग्री घटकर ४३ डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। न्यूनतम तापमान ३२ डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम में आर्द्रता ५३ प्रतिशत रही।

उधर, गोवर्धन संवाददाता के अनुसार गर्मी असहनीय होती जा रही है। गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में ५० वर्षीय एक भिखारी ने दम तोड़ दिया। उसकी जेब से अठन्नी व चवहन्नी निकलीं। शक्ल से वह भिखारी प्रतीत होता है।



ग्रामीणों को समझाया शिक्षा का महत्त्व


मथुरा (DJ 2010.06.26)। गांव मनीगढ़ी में बालाजी सैकेन्ड्री स्कूल का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर मौजूद अतिथियों ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला।

स्कूल का उद्घाटन राष्ट्रीय लोकदल जिलाध्यक्ष रामवीर सिंह भरंगर, ठा. रामपाल सिंह, देवराज सिंह व ओमप्रकाश गोस्वामी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्कूल की स्थापना की गयी है ताकि क्षेत्र के बच्चे भी शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें। कमेटी के अध्यक्ष भगवान सिंह फौजदार, प्रबंधक पूरन सिंह, रनवीर सिंह आदि ने आए अतिथिओं का स्वागत किया। इस मौके पर गायक कलाकार राजबाला व नरदेव ने आसपास के गांव से आए।


Thursday, June 24, 2010

श्रीवृन्दावन-महिमामृत १.८३-८५


रतिरतिपतिकोटिसुन्दरं तत्प्रमुषितकोटिरमारमापतिश्रि ।
कनकमरकताभमूर्तिवृन्दाविपिनविहारि महोद्वयं भजामि ॥
कोटि कोटि रति-कामदेव से भी अधिक सौन्दर्यशाली, कोटि कोटि रमा एवं नारायण की शोभा को तिरस्कार करने वाले, स्वर्ण तथा इन्द्रनीलाभ मूर्तिधारी तथा श्रीवृन्दावनविहारी उस ज्योतिर्मय विग्रहयुगल श्रीयुगलकिशोर को मैं भजता हूं ॥१.८३॥



तदखिलभगवत्स्वरूपरूपामृतरसतोऽप्यतिमाधुरीधुरीणम् ।
कुवलयकमनीयधामराधापदरसपूर्णवने भ्रमद्भजामः ॥
अखिल भगवत्-स्वरूपों के रूपामृत रस से भी अतिशय माधुर्यमण्डित श्रीराधापदकमलरस से पूर्ण बन में भ्रमण करनेवाले उस सुप्रसिद्ध कुवलयवत् नीलकमलवत् विग्रह श्यामसुन्दर की हम भजना करते हैं ॥१.८४॥



अलक्ष्याः श्रीलक्ष्म्या अपि च भगवत्या भगवतः
सदा वक्षस्थाया मधुरमधुराः केचन रसाः ।
अहो यद्दासीभिः सततमनुभूयन्त ऊरुभिः
प्रकारैस् तां राधां भज दयित वृन्दावने वने ॥
भगवती श्रीलक्ष्मीदेवी सदा श्रीभगवान् की वक्षःस्थलविलासिनी होते हुए भी जिन किन्हीं किन्हीं मधुरतम रसों का आस्वादन नहीं कर सकती, अहो जिनकी दासियां भी अनेक प्रकार से उस रस का सर्वदा आस्वादन करती हैं, हे प्रिय ! श्रीवृन्दावन वास करके उस श्रीराधा जी का भजन कर ॥१.८५॥


2010-06-25 ब्रज का समाचार

परिक्रमा मार्ग का मॉडल कर रहे तैयार

वृंदावन (ब्यूरो) (AU 2010.06.25)। मुख्यमंत्री मायावती के ड्रीम वृंदावन प्रोजेक्ट के अंतर्गत करीब एक किलोमीटर तक परिक्रमा मार्ग का मॉडल तैयार कराया जा रहा है। कार्यदायी संस्था जेपी ग्रुप इस मॉडल को तैयार करने में जुटी हुई है। कार्य भले ही कच्छप गति से किया जा रहा हो, फिर भी लोगों में कार्य से विकास की उम्मीद जागी है।

परिक्रमा मार्ग के कार्य में तेजी दिखाते हुए कुंभ मेलास्थल के समीप एक किलोमीटर परिक्रमा मार्ग के मॉडल का आधार तैयार कर लिया है। बाकी कार्य को भी जल्द कर लिए जाने की उम्मीद जताई गई है। इसके बाद ही अधिकारी मार्ग को आगे बनाने के लिए हरी झंडी दे सकेंगे। जेपी गु्रप के प्रोजेक्ट मैनेजर एके तिवारी ने बताया कि मॉडल रोड की चौड़ाई लगभग पंद्रह मीटर रखी जा रही है।

इसमें से डाबर रोड़ की चौड़ाई अठारह फुट, मिट्टी डला हुआ फुटपाथ की चौड़ाई करीब नौ फुट के अलावा सड़क के दोनों ओर पांच-पांच फुट पर टाइल्स लगाई गईं हैं। बाकी में पानी निकासी के लिए नाला बनाया गया है। इसके बाद अधिकारियों की स्वीकृति के बाद आगे का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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कैप्शन-कुंभ मेला स्थल के समीप वृंदावन परिक्रमा मार्ग पर बनाए जा रहे मॉडल रोड का दृश्य।



गोवर्धन: जलभराव से डूबा मंदिर, गलियों में गंदगी


मथुरा (DJ 2010.06.25)। गोवर्धन कस्बे में घनी आबादी वाला इलाका और नगर पंचायत का वार्ड तीन इस समय बेहद संकट में है। गलियों में भीषण गंदगी और जलभराव ने हालात नारकीय कर दिये हैं। यहां तक कि मोहल्ले की बगीची में स्थित भोले मंदिर पानी में डूब गया है। इसके बाद भी इस ओर न तो प्रशासन का कोई ध्यान है और न ही जिला प्रशासन का ही।

यूं तो वार्ड तीन में समस्याएं होना कोई नई बात नहीं है। यहां काफी समय से सफाई इंतजाम ना के बारबर हैं। यहां कई गलियों में इंटरलाकिंग सड़क तो बनी, लेकिन पानी भराव की स्थिति में निकास होने के कोई इंतजाम नहीं किये गये। इसका खामियाजा वार्ड क्षेत्र में रहने वाले लोग कर रहे हैं। हालात यहां तक कि समीप स्थित बगीची में जल भराव हो गया है। इससे बगीची में भोले बाबा का मंदिर भी डूब रहा है। इससे लोगों का पूजा करना भी बंद हो गया है। इसकी शिकायत कई बार वार्ड सभासद से लेकर पंचायत तक कर दी गई, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।

इससे लोगों का हाल बेहाल हो गया है। यहां तक कि परेशान लोगों ने दैनिक जागरण कार्यालय आकर अपनी स्थिति बताई और समस्या को प्रशासन तक पहुंचाने की मांग की है। मोहल्ले में गली गलियारों में भीषण गंदगी एकत्र हो रही है। गर्मी के समय गंदगी होना बीमारियों को न्यौता देने के बराबर साबित हो रहा है। लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन और नगर पंचायत ने ध्यान न दिया तो मजबूरन आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा।



कूलर और पंखों में भी नहीं सूख रहा पसीना


न्यूनतम ३० और अधिकतम तापमान ४४ डिग्री
पेड़ों की छांव और पार्क लग रहे सुहावने
एक-दो दिन में बरसात होने की संभावना


मथुरा (अमर उजाला ब्यूरो. 2010.06.25)। सूरज की तपिश बरकरार है। गुरुवार को भी बहुत गर्मी रही। बीच में एकाध बार सूर्य बादलों से घिरा लेकिन गर्मी ने पीछा नहीं छोड़ा। शाम को मौसम में आर्द्रता बढ़ जाने से उमस के हालात बन गए।

राया स्थित कृषि विज्ञान शोध केंद्र के मौसम अनुभाग के अनुसार गुरुवार का अधिकतम तापमान ४४ डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो बुधवार की तुलना में एक डिग्री कम है। रात के तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। न्यूनतम तापमान ३० डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम में आर्द्रता ५३ प्रतिशत आंकी गई। इसलिए सूरज की तपिश से बचने के सभी उपाय फेल नजर आ रहे हैं। धूप की तेजी के चलते पंखा और कूलरों में भी पसीना का बहना बंद नहीं है। ऐसे में लोग प्राकृतिक उपायों की ओर अग्रसर हो रहे हैं।

धूप से बचने के लिए घरों में कैद लोगों को शाम होने पर अकुलाहट महसूस हो रही है। ऐसे में लोग पेड़ की घनी छांव, हरियाली वाले पार्क की ओर आ रहे हैं। राहत की बात यह है कि अगले २४ से ४८ घंटों में बरसात की संभावना व्यक्त की गई है। राया शोध केंद्र पर तैनात मौसम विशेषज्ञ श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि अधिकतम तापमान ४४ डिग्री तथा न्यूनतम ३० डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

बेलगिरी और ठंडाई से मिल रही ठंडक
मथुरा (AU 2010.06.25)। गर्मी से बचने के लिए कोल्ड ड्रिंक्स नाकाफी साबित हो रही है। ऐसे में देसी उपाय लोगों को भा रहे हैं। घर से निकलने से पहले नींबू-पानी, नींबू-शिकंजी, नमकीन लस्सी का सहारा लिया जा रहा है। वहीं, ठंडाई के शौकीन सिल और बट्टों पर तरावट वाली चीजों को घोट कर पी रहे हैं। बाजारों में बेलगिरी और अन्नास के जूस की मांग बढ़ गई है।



अंधविश्वास दूर करने निकले भंते


मथुरा (DJ 2010.06.25)। दो फीट की तलवार मुंह में डालना, तलवार से हाथ काटना, जीभ में त्रिशूल आर-पार करना, बॉक्स से नोट बनाना और मंत्र से आग लगना। यह कोई जादू नहीं है, बल्कि हाथ की सफाई है। जादू और तांत्रिकों की इसी पोल को खोलने को भान्ते बुद्ध प्रकाश शहर और गांवों में जाकर लोगों में बढ़ रहे अंधविश्वास को दूर करने का काम कर रहे हैं।

अल्पसंख्यक आयोग बिहार के सदस्य रहे भन्ते बुद्ध प्रकाश ने समाज से अंधविश्वास को मिटाने के लिए 'अंधविश्वास भगाओ देश बचाओ' मुहिम छेड़ रखी है। गुरुवार को दैनिक जागरण कार्यालय आए श्री प्रकाश ने हाथ की सफाई का करिश्मा दिखाते हुए बताया कि जादू के नाम पर आज भीड़ एकत्र हो जाती है। जादू एक विज्ञान है और हाथ की सफाई है।

उन्होंने तलवार से अपना हाथ काट कर दिखाया और बाद में बताया कि इस तलवार में एक कट है। जो हाथ में फंस जाता है और ऐसा लगता है कि हाथ कट गया। इसी तरह से अंगुली में पहनी अंगूठी में एक चुम्बक लगी हुई थी। इसके प्रभाव में आते ही घड़ी बंद हो गई। मुंह में दो फीट की तलवार डालकर उन्होंने सभी को आश्चर्य में डाल दिया, लेकिन बाद में बताया कि यह तलवार रोल की तरह है जो मुंह में जाकर मुड़ जाती है। उन्होंने कहा कि कोई भी तलवार मुंह में भीतर नहीं जा सकती।


इसी तरह से उन्होंने एक बैग में कपड़े की कतरन डाली और उनको जोड़ कर दिखा दिया। उन्होंने बताया कि बैग में दो परत है। इनमें एक बटन लगी हुई है। इसके सहारे एक परत को हटा कर दूसरे परत से सिला हुआ कपड़ा निकाला गया है। इसी तरह से तांत्रिक लोगों को गुमराह कर देश को विकलांग बनाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने मंत्र से आग लगाकर दिखाई और बताया कि इसमें रसायनों का प्रयोग किया गया। मंत्र से आग नहीं लगाई जा सकती है। जादू से कोई चीज नहीं बनाई जा सकती। फिर लोग तांत्रिक के जाल में फंस कर बेवकूफ बन रहे हैं।

आज विज्ञान इतनी तरक्की कर चुका है कि विदेश में लोग चांद पर घर बसाने की बात कर हैं, लेकिन भारत में लोग जादू टोना के चक्कर में पड़े हुए हैं। उन्होंने पुर्नजन्म की घटनाओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसे कई मामले देखे और उन बच्चों से भी बातचीत की। बच्चे रटी रटाई भाषा बोलते हैं। इसके पीछे उन्होंने किसी साजिश का होना बताया और कहा कि जब उन्होंने ऐसे बच्चों से उनके पूर्व जन्म को लेकर कुछ सवाल किए तो वे कुछ नहीं बता पाए। उन्होंने बताया कि अब तक वे पन्द्रह प्रदेश के करीब दो हजार से अधिक गांवों में लोगों के बीच कार्यक्रम प्रस्तुत कर उनकी शंका दूर कर चुके हैं।


Wednesday, June 23, 2010

श्रीवृन्दावन-महिमामृत १.८०-८२




महाभाग्यैरवाप्तं वपुर् इदमिहाकर्णि महिमाद्
भुतो वृन्दाटव्याः कलितमखिलं स्वप्नसदृशम् ।
शुभायामाश्वासो नहि नहि मतौ नापि वपुषि
क्षणेऽस्मिन्न् एव त्वं तदभिचल वृन्दावनवनम् ॥१.८०॥

महाभाग्य से यह नरतन पाया है । महाभाग्य से श्रीवृन्दावन की अद्भुत महिमा भी सुनी है । समस्त संसार स्वप्नसमान है, यह भी महाभाग्य से जान लिया है । शुभबुद्धि का आश्वास नहीं किया जाता, आज शुभबुद्धि है, कल न भी रहे, और शरीर का भी विश्वास नहीं है, अतः इसी क्षण ही तू श्रीवृन्दावन के लिये प्रस्थान कर ॥१.८०॥



भ्रातर्यर्हि निमीलितोऽस्मि नयने तत्र क्व कान्तात्मज
भ्रातृस्वाप्तसुहृद्गणः क्व च गुणाः कुत्र प्रतिष्ठादयः ।
कुत्राहङ्कृत्यः प्रभुत्वधनविद्याद्यैस् ततः सर्वतस्
त्वं निर्विद्य सविद्य किन्तु न चलस्य् अद्यैव वृन्दावनम् ॥

हे भ्रातः ! जब तुम दोनों नेत्र बन्द करोगे मृत्यु के समय, तब तुम्हारे स्त्री, पुत्र, भ्राता एवं विश्वासपात्र सुहृद्गण कहां रहेंगे ? तुम्हारे गुण, तुम्हारी प्रतिष्ठा आदि किस काम आवेंगे ? प्रभुता, धन एवं विद्या जनित जो अभिमान है, वह कहां रहेगा ? इसलिये, हे सुविज्ञ ! सबों से वैराग्य करके आज ही तू क्यों श्रीवृन्दावन नहीं चलता ? ॥१.८१॥



रुददपि पितृमातृबन्धुपुत्रादिकम्
अपहाय निशम्य नार्हदुक्तीः ।
हृदि परमकठोरतां दधानो
द्रुतमवलोकय कृष्णकेलिकुञ्जम् ॥

रोते हुए पिता, माता, बन्धु तथा पुत्रादिकों का भी त्याग कर, तुम्हारे श्रीवृन्दावन जाने में यदि वे स्नेहवश रोते हैं, पूजनीय व्यक्तियों के वाक्यों को सुन ही न, हृदय में परम कठोरता पोषण करते हुए श्रीकृष्ण का केलिकुञ्ज वृन्दावन का दर्शन कर ॥१.८२॥


2010-06-24 ब्रज का समाचार

पुरातत्त्व विभाग के निर्णय से धरोहरें सुरक्षित रहेंगी

वृन्दावन (DJ 2010.06.23)। वृन्दावन नगरपालिका परिषद की पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं शिक्षाविद डा. लक्ष्मी गौतम ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अन्तर्गत बनने वाले नेशनल मिशन फार मोन्यूमेट्स एवं एंटीक्यूटी का स्वागत किया है।

डा. गौतम ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का एक नया कदम जो कि देश की महत्वपूर्ण धरोहरों, स्मारकों, कलाकृतियों, अभिलेखों, शिलालेखों, ताम्रलेखों, मूर्तियों, चित्रों आदि को नेशनल मिशन फार मोन्यूमेट्स एवं एंटीक्यूटी के तहत संरक्षित करेगा। उन्होंने कहा कि यह निश्चित ही सराहनीय प्रयास है। देश की सभ्यता एवं संस्कृति को जीवंत रखने एवं भावी पीढ़ी को अवगत कराने में ये अवशेष महत्वपूर्ण हैं।



अभिनेत्री हेमामालिनी ने लिया गौ सेवा का संकल्प

वृंदावन (DJ 2010.06.23)। भारतीय संस्कृति का मूलाधार करुणा, सद्भावना और प्रेम पर आधारित है। गौवंश इन सभी विशेषताओं से परिपूर्ण है। भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए गौवंश का उन्नयन आज की महती आवश्यकता है।

ग्राम अक्रूर स्थित श्री गोविंद गौशाला में आयोजित सड़क लोकार्पण समारोह में विचार व्यक्त करते हुए राज्यसभा सांसद पद्मश्री हेमामालिनी ने कहा कि गौ माता हिंदुओं की आस्था की प्रतीक है। प्रत्येक हिंदू को गौवंश के उन्नयन की दिशा में कार्य करना चाहिए।

वात्सल्य ग्राम की अधिष्ठात्री साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि गौवंश की रक्षा से ही राष्ट्र की उन्नति संभव है। पंजाब पुलिस के पूर्व महानिदेशक केपीएस गिल ने कहा कि आज देश आतंकवाद से जूझ रहा है। सरकार की कुछ कमजोरियों के चलते अलगाववादी हम पर हावी हो रहे हैं। यह देश की संस्कृति के छिन्न-भिन्न होने के कारण हो रहा है। हमें संस्कृति को बचाये रखने के लिए एकजुटता दिखानी होगी।

समारोह की अध्यक्षता कर रहे गोवर्धन पीठाधीश्वर कंचन दास महाराज एवं मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास महाराज, संत बालकराम महाराज ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इससे पूर्व याज्ञिकरत्न पं. विष्णुकांत शास्त्री व पं. मृदुलकांत शास्त्री के आचार्यत्व में वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य राज्यसभा सांसद हेमामालिनी ने अपनी सांसद निधि से निर्मित 600 मीटर लम्बी सड़क का लोकार्पण किया। लगभग 16 लाख रुपये की लागत से बनने वाली यह सड़क मथुरा मार्ग से गोविंद गौधाम गौशाला तक बनायी गयी है।



बांकेबिहारी की भूमि में मिलती है शांति : हेमा

मंत्रोच्चारण के बीच सड़क का लोकार्पण
सांसद निधि से किया गया सड़क निर्माण


वृंदावन (AU 2010.06.23)। फिल्म अभिनेत्री पद्मश्री हेमा मालिनी ने कहा कि साधु-संतों के बीच बैठकर जन्म सफल हो गया है। फिल्मी दुनिया में रहकर नाम और धन अर्जित किया और राजनीति में रहकर ख्याति प्राप्त की, लेकिन मन की शांति बांकेबिहारी की इस पावन भूमि श्रीधाम वृंदावन में आकर ही मिलती है।

वे ग्राम अक्रूर स्थित गोविंद गोधाम गौशाला में बुधवार सायंकाल आयोजित सड़क लोकार्पण समारोह में विचार व्यक्त कर रही थीं। उन्होंने बताया कि उनकी सांसद निधि से वृंदावन की भूमि और गोविंद गोधाम गौशाला को जोड़ने के लिए जो सड़क निर्माण हुआ, उससे वह वास्तव में अभिभूत हैं। कार्यक्रम में दीदी मां साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि गोमाता करुणा की प्रतिमूर्ति है। उन्होंने गोमाता के कटान पर चिंता जताते हुए हिंदूओं को एकजुट होकर गाय की रक्षा करने का संकल्प दिलाया।

मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि सच्चा राष्ट्रभक्त वह है, जो गोसेवा करता है। गोवर्धन पीठाधीश्वर कंचनदास महाराज ने कहा कि प्रत्येक प्राणी को प्रतिदिन गाय की सेवा के दानराशि अवश्य निकालनी चाहिए।

पूर्व डीजीपी केपीएस गिल ने देश में बढ़ते आतंकवाद पर चिंता जताते हुए सद्भावना पर बल दिया।

इससे पूर्व आचार्य विष्णुकांत शास्त्री के आचार्यत्व में पद्मश्री हेमा मालिनी एवं कंचनदास महाराज ने छह सौ मीटर की सड़क का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री रविकांत गर्ग, पूर्व विधायक चंदन सिंह, विपिन अग्रवाल, महंत बालकराम, सुंदरदास धमीजा, रामकिशन अग्रवाल, सतीश गुप्ता, पंकज पंडित, ललित जालान, भीमसेन अग्रवाल, डा. सुरेश द्विवेदी, विनय सिंगल, एसीपी शर्मा आदि उपस्थित थे।

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ग्राम अक्रूर में अपनी सांसद निधि से बनी सड़क का लोकार्पण करतीं फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी। साथ हैं गोवर्धन पीठाधीश्वर कंचनदास महाराज।

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गोविंद गोधाम गौशाला में लोकार्पण समारोह में मंचासीन फिल्म अभिनेत्री पद्मश्री हेमामालिनी, गोवर्धन पीठाधीश्वर कंचनदास महाराज, साध्वी ऋतम्भरा एवं पूर्व डीजीपी केपीएस गिल।



मुड़िया पूर्णिमा के लिए भारी भरकम बजट की डिमांड

मथुरा (DJ 2010.06.23) । गोवर्धन का मुड़िया पूनो भले ही राजकीय मेला घोषित कर दिया गया है, लेकिन अगले माह से शुरू होने वाले इस मेले से संबंधित व्यवस्थाओं की तैयारी के लिये जिला प्रशासन को अभी भी बजट मिलने का इंतजार है। संबंधित सरकारी महकमों ने व्यवस्था के लिये जिला प्रशासन से चार करोड़ से अधिक बजट शासन से उपलब्ध कराने की अपेक्षा की है। अफसरों को मालूम है कि शासन से शायद ही इतना भारी-भरकम बजट मिले, इसलिये वे बुधवार को इसमें कुछ कटौती करने का प्रयास करते नजर आये।

मुड़िया पूनो मेले की शुरूआत 25 जुलाई से हो रही है। पांच दिन के इस मेले में करीब 50 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इस तरह मेले की तैयारियों के लिये जिला प्रशासन के पास एक माह का ही वक्त बचा है। मेला संबंधी तैयारियों के लिये विद्युत निगम की ओर से एक करोड़ सैंतीस लाख, स्वास्थ्य विभाग साढ़े आठ लाख, मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण चालीस लाख, नगर पंचायत राधाकुंड 1568900, नगर पंचायत गोवर्धन 4525000, लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड 13546306, पुलिस विभाग 2784000, पर्यटन विभाग 595000, डीजल-पेट्रोल के लिये दो लाख अस्सी हजार, कार्यालय खर्च एक लाख तथा मेले में आने वाले विशिष्ट जनों के सत्कार मद में पचास हजार की डिमांड जिला प्रशासन से की गई है।

अब सवाल यह कि क्या शासन इस भारी भरकम बजट को उपलब्ध करायेगा? जिला प्रशासन के अफसर भी इसकी कम ही उम्मीद मानकर चल रहे हैं। यही वजह कि ये बुधवार को संबंधित सरकारी विभागों से दुबारा बजट तैयार कराकर भिजवाने के लिये कहते रहे। विभागों से संशोधित बजट मिलने की बात कही जा रही है। इस मसले पर डीएम डीसी शुक्ल ने भी अपने अधीनस्थ अफसरों से विचार-विमर्श किया।



गोवर्धन: मुडि़या पूर्णिमा मेले में श्रद्धा होगी तार-तार

मथुरा (DJ 2010.06.23)। गिरिराज धाम में लगने वाले प्रख्यात मुड़िया पूर्णिमा मेला में इस बार भी आने वाले तमाम श्रद्धालुओं की श्रद्धा तार-तार होने के आसार लग रहे हैं। परिक्रमा मार्ग के उखड़-खाबड़ रहने और मानसी गंगा के सभी घाटों पर पर्याप्त पानी न होने से श्रद्धालु डुबकी नहीं लगा सकेंगे। राजकीय दर्जा प्राप्त मेले में स्थानीय अफसर फिक्रमंद नहीं दिखते।

साल भर के इंतजार के बाद गोवर्धन में उत्तर भारत का प्रख्यात मुड़िया पूर्णिमा मेला 25 जुलाई को गिरिराज महाराज की नगरी में लगना है। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी प्रशासन की है। लेकिन जिस तरह से गोवर्धन में सरकारी व्यवस्था मुंह फैलाए हुए हैं उससे कम ही उम्मीद हैं कि मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को आराम दायक कोई सुविधा नसीब होगी।

सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भावनाएं मानसी गंगा में स्नान को लेकर आहत होंगी। दरअसल मानसी गंगा को स्वच्छ बनाने का काम काफी समय से चल रहा है। इसके तहत पानी को स्वच्छ करने के लिए प्लांट, सीवर संचालन के लिए सीवरेज प्लांट के साथ ही गंगा की खुदाई कर इसमें स्वच्छ जल भरवाने के कार्य शामिल हैं। फिलहाल गंगा में एक कोने में दूषित पानी से स्नान करने की व्यवस्था कर रखी हे। जबकि गंगा का करीब नब्बे प्रतिशत हिस्सा सूखा पड़ा है। घाटों पर निर्माण कार्य चल रहे हैं। मिट्टी खुदाई का कार्य मशीनों के माध्यम से चल रहा है। मुख्य मार्ग भी सीवर लाइन कार्य पूरे होने के कारण उखड़ा पड़ा है। कहीं-कहीं सीवर के चैम्बर धंस गये हैं। कई गलियों में अभी भी सीवर का कार्य अधूरा है।

ऐसे में श्रद्धालुओं को महज बीस दिन में कहां से पूरी गंगा में स्वच्छ पानी भरवाया जाएगा यह बताने को कोई तैयार नहीं है। जाहिर है कि इतने कम समय में न तो गंगा योजना पूरी होने वाली है और न ही पूरी गंगा में पानी भर सकेगा। यदि पानी भरवाने की व्यवस्था की गई तो फिर से लाखों रुपये पानी निकलवाने पर खर्च होंगे और कार्य दायी संस्था की आगामी योजना पर पानी फिरेगा सो अलग। ऐसे में श्रद्धालु गुरू पूर्णिमा पर्व पर कैसे आस्था की डुबकी लगा पाएंगे यह सोचनीय है।

इसके अलावा परिक्रमा मार्ग सहित प्रमुख सड़कों के निर्माण भी शामिल हैं। मजे की बात है कि यह सब कार्य एक साथ छेड़े गये हैं। इसके चलते हर तरफ कार्य फैले हुए हैं। सड़कों के कार्य अभी अधूरे पड़े हैं। परिक्रमा मार्ग का कच्चा हिस्सा भी बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। उस पर लोक निर्माण विभाग ने गिट्टियां डाल दी हैं। जतीपुरा मार्ग पर बनाए गये सीसी रोड को डामर रोड से जोड़ने के बीच दोनों ओर ऊंची ठोकर बन गई हैं। इसे समतल नहीं किया गया तो तमाम श्रद्धालुओं के पैर टकराएंगे। इसके अलावा सौंख रोड, डीग रोड, बरसाना रोड पर भी कमोवेश यही हालत है। मथुरा रोड पर भी निर्माण चल रहा है। अभी कितना और कितने दिन कार्य चलेगा इसका कोई अता पता नहीं है।



योग का लिया प्रशिक्षण

कोसीकलां (DJ 2010.06.23)। कोसीकलां नगर के शेरगढ़ रोड स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में महर्षि दयानंद स्नेह आश्रम के तत्वावधान में आयोजित योग शिविर में महिला-पुरूषों ने योग प्रशिक्षण लिया।

प्रात: करीब साढ़े पांच बजे विद्यालय प्रांगण में स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती द्वारा लोगों को योग प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान उन्होने ब्रहम यज्ञ के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ब्रहम शब्द के अर्थ ईश्वर, विद्या एवं वेद हैं।

ईश्वर का चिंतन करना करना, विद्या का अध्ययन एवं वेद का स्वाध्याय करना ही ब्रहम यज्ञ कहलाता है। शरीर की शुद्धि के साथ-साथ अंतकरण की शुद्धि अवश्य करनी चाहिए क्योंकि अंत:करण ही परमेश्वर की प्राप्ति का सर्वोत्तम साधन है। उन्होने बच्चों को परमात्मा, ओउम तथा गायत्री मंत्र की महत्ता के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि परमात्मा का निज, मुख्य एवं सर्वोत्तम नाम ओउम हैं। इस दौरान नगर के दर्जनों गणमान्य लोग मौजूद थे।



पानी के लिए महिलाओं ने मटके फोड़े, रोष

१० दिन से नलकूप खराब, पेयजल संकट

जुलूस निकालकर प्रदर्शनकारियों ने की नारेबाजी

जलापूर्ति सुचारु नहीं हुई तो फिर घेरेंगे पालिका



कोसीकलां (AU 2010.06.23)। कमला नगर में पेयजल समस्या से जूझ रहे कालोनी वासियों का आक्रोश बुधवार को फूट पड़ा। उन्होंने जुलूस निकालकर पालिका कार्यालय में मटके फोड़े और जमकर नारेबाजी की। अगर दो दिन में जलापूर्ति सुचारु नहीं हुई तो पुनः घेराव किए जाने की चेतावनी दी।

दस दिनों से खराब पड़े नलकूप को सही कराने की मांग को लेकर कालौनी में प्रातः से ही लोगों में रोष फैलने लगा। प्रातः ११ बजे काफी संख्या में महिलाएं, बच्चे और पुरुष एकत्रित हो गए। महिलाएं हाथों में खाली मटके लेकर जुलूस के रूप में पालिका कार्यालय पहुंच गए। जहां पालिका अधिकारियों के गायब मिलने पर वे आक्रोशित हो गए और नारेबाजी करनी शुरू कर दी।

कालोनी वासियों के पहुंचने की खबर मिलने पर लेखा विभाग के योगेंद्र शर्मा वहां पहुंच गए और आक्रोशित लोगों को समझाया। शीघ्र ही नलकूप को सही करा दिया जाएगा। कालोनी के रणधीर सिंह, अमर सिंह, मनोज, लालचंद का कहना था कि ऐसे अधिकारी, कर्मचारी पहले पालिका में कभी नहीं देखे, जो १०-१० दिनों से खराब पड़े नलकूप को भी ऐसी भीषण गरमी में सही नहीं करा रहे। उनका कहना था कि अगर दो दिन के अंदर आपूर्ति सुचारु नहीं हुई तो पुनः पालिका में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।

शीला, कृष्णा, विमला, निर्मला का कहना था कि गरमी में तीन से पांच रुपये में कैन खरीद कर पानी पी रहे हैं। प्रदर्शन करने वालों में रमनलाल अग्रवाल, डा. एलपी शर्मा, मोतीलाल शर्मा, गोविंद राम शर्मा, अमरसिंह गौतम, लालसिंह, बिरजो, मनोज, मुकेश, प्रकाश, सुरेश सेठ, राजेंद्र अग्रवाल, मुन्नी, गंगादेई, निम्मी, लच्छो, सुनीता, मिथलेश, मीना आदि प्रमुख थे।

फोटो संख्या १- कोसीकलां में पेयजल समस्या को लेकर पालिका कार्यालय में मटके फोड़ती महिलाएं।