यमुना में पानी कम गंदगी ज्यादा
मथुरा (DJ 2010.06.29)। दो माह पहले तत्कालीन नोडल अधिकारी ने यमुना कार्ययोजना का भौतिक निरीक्षण किया था और व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए थे, पर हालात बदले नहीं हैं। भीषण गर्मी में यमुना की गंदगी न केवल उबल रही है, बल्कि बदबू से स्नान-आचमन करने वालों का बुरा हाल है।
यमुना में पानी की बेहद कमी हो गयी है। आगरा के लिए गोकुल बैराज से डिस्चार्ज घटा है तो मथुरा में भी कम पानी और ज्यादा गंदगी के कारण लाल कीड़ों की परत पानी में बिछी हुई है। पालिका द्वारा संचालित सीवेज पंपिंग स्टेशन कचरे को एसटीपी पर भेजने से पहले ही यमुना में उड़ेल रहे हैं।
जिलाधिकारी ने पिछले साल एसटीपी साफ करने के आदेश जारी किए थे। उन पर भी अमल अब तक नहीं हो पाया है तो तत्कालीन एडीएम प्रशासन और यमुना कार्ययोजना के नोडल अधिकारी श्रीश चंद्र वर्मा ने ठीक दो माह पहले दोनों एसटीपी समेत नालों, यमुना और सीवेज पंपिंग स्टेशनों का निरीक्षण किया था। उन्हें बाढ़ पुरा एसपीएस पर छह में चार पंप ही ठीक मिले थे,जबकि एक बड़ा और एक छोटा पंप खराब था।
सिल्ट से नाला इस कदर अटा हुआ था कि नाले का पानी एसपीएस में न जाकर सीधे यमुना में ओवर फ्लो कर रहा था। बंगाली घाट एसपीएस और मसानी पंप की भी यही स्थिति मिली थी। यहां चैनल बड़ी मात्रा में सिल्ट से भर गया है, जिसकी वजह से नालों का पानी एसटीपी में न जाकर सीधे यमुना में गिर रहा है। दोनों एसटीपी भी गंदे पानी का शोधन नहीं कर रहे। हालात अब भी पहले जैसे ही हैं।
प्रदूषण कारी उद्योगों में ईटीपी संचालन की मानीटरिंग भी कागजों में ही हो रही है। अधिकांश इकाइयां इन्हें चला ही नहीं रहीं, जिससे यमुना में विषाक्त रसायन घुल रहे हैं। जवाबदेही के मामले में कागजी आदेश जारी कर इति श्री की जा रही है।
धोबी घाट का निर्माण अधर में लटका होने से यमुना में कपड़े धोये जा रहे हैं तो पशुओं के शव भी तैर रहे हैं। इन मामलों में भी हर कार्ययोजना बैठक में निर्देश जारी होते हैं, लेकिन होता कुछ नहीं है। फिलहाल कार्ययोजना की बैठक कब होगी, यह भी तय नहीं है। गंगा दशहरा पर ही यमुना में ताजा पानी न लाकर जिला प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर अपनी अंसेवदनशीलता का परिचय दे चुका है।
अड़ींग में बनेगा १२ मीटर चौड़ा बाईपास
स्टे की भूमि छोड़ शेष हिस्से में बनेगी रोडरोड का निर्माण १५ जुलाई तक पूरा होगा
मार्ग बनवाने में खर्च होंगे ३० लाख रुपये
मथुरा (AU 2010.06.29)। १२ मीटर चौड़ाई में लगभग ३० लाख की लागत से अड़ींग में अस्थाई बाईपास बनेगा। पीडब्ल्यूडी विवादित भूमि को छोड़कर उसके दोनों ओर रोड तैयार करेगी। सोमवार को मुड़िया पूर्णिमा मेले की तैयारी आठ टेंडर निकाल कर शुरू कर दी।
अड़ीग में यूं तो कुछ समय बाद स्थाई रूप से बाईपास बनना है, लेकिन मुड़िया पूर्णिमा मेले पर जाम की समस्या से निपटने के लिए फिलहाल यहां अस्थाई बाईपास बनाया जा रहा है। १८०० मीटर लंबे इस बाईपास में अडींग के सुरेशचंद्र ने अड़चन डाल दी। उन्होंने प्रशासन को भूमि देने से इंकार करते हुए हाईकोर्ट से स्टे ले लिया।
अफसरों ने एक माह के लिए उसकी भूमि किराए पर लेनी चाही, किंतु बात नहीं बनी। सुरेश के टस से मस न होने से परेशान पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने समस्या का हल खोज लिया।
उन्होंने उसकी भूमि के ३०० मीटर टुकड़े को छोड़कर दोनों तरफ से बाईपास बनाने की योजना बनाई है। यह अस्थाई रोड १२ मीटर चौड़ाई का होगा। पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता संतराम ने बताया कि अड़ीग में किसान की भूमि के दोनों ओर अस्थाई रोड बनाई जा रही है। बाईपास १५ जुलाई तक पूर्ण हो जाएगा।
परित्यक्तों के वात्सल्य में बड़े हो रहे अनचाहे
मथुरा (DJ 2010.06.29)। अनचाहे और तिरस्कृत शिशुओं के लिए यह अद्भुत कंसेप्ट है। चोर दरवाजे पर रखा यह पालना ऐसे करीब दो सौ शिशुओं को जीवन दे चुका है। किन्हीं कमजोर पलों में हो गयी गलती को स्वीकार करने और आत्मसात कर समाज में अस्तित्व के साथ सम्मान दिलाने की परंपरा को वात्सल्य ग्राम बखूबी आगे बढ़ा रहा है। यही वजह है कि वात्सल्य ग्राम ब्रज भूमि के नये ब्रांड अंबेसडर के रूप में विकसित हो रहा है।
मथुरा से वृंदावन के रास्ते में स्थित वात्सल्य ग्राम को देश और दुनिया के लोग नए तरीके से जान और समझ रहे हैं। यह अतिश्योक्ति नहीं है कि इस स्थल की वजह से ब्रज की भी पहचान बढ़ रही है और यह स्थल देशी-विदेशी यात्रियों के लिए नये पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। यहां आए दिन औसतन पांच सौ पर्यटक पहुंचते हैं।
मथुरा-वृंदावन के इस नए ब्रांड अंबेसडर की इमेज के मूल में यही पालना है, जिसने अब तक करीब दो सौ अनचाहे शिशुओं को नया जीवन दिया है। वात्सल्य ग्राम के मुख्य दरवाजे के बराबर चोर दरवाजा ही है, जिसके अंदर रखा यह वह पालना अनचाहे शिशुओं को स्वीकार करता है। समाज के कोप से बचाने के लिए रात के अंधेरे में यह पालना दो हाथों से हो चुकी गलती के प्रतिसाद को स्वीकार करता है। इसके गद्दे के नीचे लगा सेंसर किसी नए जीवन के आने की सूचना देता है और इसी के साथ वात्सल्य ग्राम का वात्सल्य उस अनचाहे और तिरस्कृत शिशु पर उमड़ना शुरू हो जाता है।
किसी भी परिस्थिति से पैदा हुए ऐसे शिशु को लाने वाले को न कोई देख पाता है और न देखना चाहता है। अपनी गलती से अपनी ही नजरों में गिरे को यहां कोई और गिराना भी नहीं चाहता। डाक्टरी चेकअप के बाद इन शिशुओं को पूरा परिवार देने और समृद्ध तरीके से लालन-पालन की व्यवस्था समाज के सहयोग से ही चल रही है।
यहां इस समय ढाई सौ से ज्यादा बच्चे हैं, जिनमें कुछ ही अदालत अथवा अन्य वजहों से यहां आए हैं, सर्वाधिक संख्या उस पालने के जरिए ही यहां पहुंची है। वात्सल्य ग्राम में इस समय बारह परिवार रह रहे हैं, जबकि सोलह परिवार की क्षमता है और इसे बढ़ाकर सौ किया जा रहा है। हरेक परिवार में नानी, मौसी, मां व उनके बेटा-बेटी हैं। एक परिवार पांच कमरे में फ्लैट में रहता है। उनका अपना मासिक बजट है, जो पंद्रह हजार करीब का सि महंगाई में रखा गया है।
समाज के ठुकराए अनाथों को समाज के लिए दिग्दर्शक बनाने के पहल करने वाला यह ऐसा पहला प्रकल्प भी है, जहां अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम और नारी निकेतन की संयुक्त मगर बेहतर व्यवस्था दी जा रही है। रक्त संबंधों से अलग इस व्यवस्था में बच्चों को गोत्र देने की व्यवस्था भी है। हर बच्चे का गोत्र परमानंद है तो उनके पिता के रूप में संजय भाई का नाम दर्ज किया जाता है, जो साध्वी ऋतंभरा के गुरु भाई हैं।
दो दिन में ही जागी मां की ममता
वृन्दावन (DJ 2010.06.29)। वृन्दावन के ठा. श्री बांकेबिहारी जी मंदिर की देहरी पर मिले अबोध बालक के मामले में सोमवार को उस समय नया मोड़ आ गया जब बालक की मां की सोयी ममता जाग उठी और उसने बालक को वापस ले जाने का दावा कर दिया। बालक को जांच होने तक राजकीय शिशु गृह में रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार की रात बांकेबिहारी मंदिर की देहरी पर एक पांच माह का अबोध बालक मिला था जिसे गोपीनाथ नगला निवासी संजीव पाराशर की सुपुर्दगी में पुलिस द्वारा दे दिया गया था। रविवार को राजकीय शिशु गृह के प्रभारी अधिकारी राजीव गुप्ता ने बालक को शिशुगृह संरक्षण में भेजने के आदेश दे दिये लेकिन सोमवार की प्रात: अपने आपको बालक की मां बताने वाली एक महिला थाना कोतवाली पहुंच गयी एवं बालक को उसके संरक्षण में देने की गुजारिश की।
बताया जाता है कि मूल रूप से जिला बुलंदशहर के कस्बा दनकौर की रहने वाली मोनी नामक युवती का इश्क दो वर्ष पूर्व नरेला दिल्ली के रहने वाले टैक्सी चालक अर्जुन से हुआ। दोनों ने मंदिर में हिंदू रीतिरिवाज के अनुसार शादी कर ली। करीब पांच माह पूर्व मोनी ने एक बालक को जन्म दिया। मोनी का कहना है कि करीब एक माह पूर्व अर्जुन आपसी कलह के चलते उसे व उसके बालक को छोड़कर कहीं चला गया।
अर्जुन के अचानक चले जाने से वह दाने-दाने को मोहताज हो गयी और बालक की परवरिश का संकट खड़ा हो गया और समाज की तमाम समस्याओं से जूझते हुए शुक्रवार को मोनी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए बालक को बिहारी जी मंदिर की देहरी पर छोड़ दिया लेकिन कुछ ही घंटों में उसकी सोयी ममता पुन: जाग उठी। काफी मंथन के बाद सोमवार की प्रात: वह बालक को वापस लेने पहुंच गयी। लेकिन कानूनी प्रक्रिया के चलते बालक उसके संरक्षण में नहीं मिल सका है और राजकीय शिशु गृह के अधीक्षक प्रेमेन्द्र चौधरी बालक को अपने साथ ले गये जहां कानूनी जांच एवं कानूनी प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत बालक को पुन: उसकी मां को सौंपा जायेगा।
गरीबों के लिए कामन किचिन
कंपनियां मुहैया कराएंगी गैस सिलेंडर और चूल्हे
शुरूआत में आधा दर्जन गांव में बनेंगी रसोई
प्रधान पर रखरखाव और संचालन का जिम्मा
कोसीकलां (AU 2010.06.29)। पैट्रोलियम मंत्रालय की पहल पर पेट्रोलियम कंपनियां गांवों में कामन किचिन बनवाएंगी। क्षेत्र में इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। शुरूआती दौर में क्षेत्र के आधा दर्जन गांव में कामन किचिन बनाए जाएंगे।
कामन किचिन गांव में स्थित पंचायत भवन, कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर जैसे सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक किचिन के लिए पांच सिंगल बर्नर चूल्हे, चार सिलेंडर, रेग्यूलेटर, रबर ट्यूब आदि पेट्रोलियम कंपनी निःशुल्क उपलब्ध कराएंगी। इसके रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होगी।
इस किचिन में कोई भी ग्रामीण आकर अपना खाना पका सकेगा। सूत्रों का कहना है कि एक घंटे तक गैस के इस्तेमाल पर दस, पैंतालीस मिनट पर आठ, तीस मिनट पर पांच और पंद्रह मिनट गैस इस्तेमाल करने वाले को तीन रुपये अदा करने होंगे। इस धनराशि का उपयोग सिलेंडरों की रिफलिंग और देखरेख के लिए तैनात किए गए कर्मचारी पर किया जाएगा।
इस योजना के शुरूआती दौर में गांव अजीजपुर, नगरिया, धमसींगा में कामन किचिन स्थापित किए जाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। अगले माह क्षेत्र में इन किचिनों की शुरू होने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि सरकार द्वारा ये रसोई गरीबों को लाभ पहुंचाने के लिए पहली बार खोली जा रही हैं। इस नीति से उन गरीब लोगों को लाभ होगा, जिनका ईंधन बरसात और सरदी में भीग जाता है। इस संबंध में आईओसी के क्षेत्रीय प्रबंधक मनीष अग्रवाल से वार्ता करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
एक दर्जन विद्युत खंभों से तार चोरी
बिचपुरी चौकी पर प्रभारी नहीं मिलने से दर्ज नहीं हुई रिपोर्ट
दर्जनों गांव में रात को छा जाता है अंधेरा
भीषण गर्मी में बिजली नहीं आने से परेशानी
राया (AU 2010.06.29)। सुथरिया मार्ग से शनिवार को चोर हजारों रुपये की कीमत के विद्युत तार एक दर्जन खंभों से चोरी कर ले गए। इससे एक दर्जन से अधिक गांवों में रात को अंधकार फैल जाता है। पहले दिन चोरों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज नहीं हुई है। विद्युत आपूर्ति बाधित होने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
गत दिन अज्ञात चोर सुथरिया से बड़ेरा तक एक दर्जन खंभों (एचटी लाइन) से हजारों रुपये कीमत का विद्युत तार काट कर ले गए थे। तार कटने के कारण नया बांस, आयराखेड़ा, भूडा, मुडफौरी, भंकरपुर बसैला, लालपुर, सुथरिया नगला बुर्ज, नगला दीपा, नगला करना, नगला चिकन सहित आदि गांव की विद्युत आपूर्ति बंद हो गई।
बताया गया कि रात के दौरान चोर टाटा ४०७ से आए थे और आपूर्ति बंद होने पर लाइन को काट कर ले गए। मामले के संबंध में अवर अभियंता ओपी सिंह जब चौकी बिचपुरी पर रिपोर्ट दर्ज कराने गए तो वहां पर चौकी प्रभारी नहीं मिलने से रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी है। रिपोर्ट दर्ज होने पर स्टीमेट बनेगा, जब कहीं जाकर नई विद्युत लाइन को डाला जाएगा। विदित रहे कि सोनई क्षेत्र में दो दिन पूर्व ही हजारों रुपये का विद्युत तार चोरी की घटना हुई है। विद्युत आपूर्ति बाधित होने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्राम के जगदीश प्रसाद शर्मा, फतेह चंद्र पाठक, हरि सिंह, श्रीप्रसाद, देवीचरन, सतेंद्र सिंह, गजाधर सिंह, रवि कुमार, वंशी तेहरिया आदि ने विद्युत लाइन चालू कराने की मांग की है।
सीओ को चेकिंग में नहीं मिले प्रभारी
राया (ब्यूरो)। क्षेत्राधिकारी महावन जगदीश सिंह ने जब बिचपुरी चौकी का निरीक्षण किया तो मालूम पड़ा कि चौकी प्रभारी कहीं बहार गए हैं। इस पर उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को मामले के बारे में बताते हुए रपट लिख दी है। गौरतलब है कि बिचपुरी चौकी प्रभारी के अकसर गायब होने की चर्चा क्षेत्र में बनी रहती है।
शहर में जाम लगने पर दो सिपाही निलंबित
यातायात व्यवस्था गड़बड़ाने पर कार्रवाई
मथुरा (AU 2010.06.29)। शहर की यातायात व्यवस्था को तार-तार कर जाम के हालात पैदा करने वाले गोविंदनगर थाने के दो सिपाहियों को एसएसपी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार गोकुल रेस्टोरेंट से शहर के लिए आने वाले हैवी वाहनों पर यातायात नियमों के अनुसार प्रतिबंध है। इसके बावजूद थाना गोविंद नगर में तैनात सिपाही बृजमोहन और हेतराम ने ड्यूटी के दौरान इस मार्ग से आने वाले हैवी वाहनों को शहर में प्रवेश करा दिया। हैवी वाहनों के प्रवेश के चलते शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई और जगह-जगह जाम लग गया। इसके चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह बात जब एसएसपी बीडी पॉल्सन के संज्ञान में आई तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से दोनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया।
मानसी गंगा में बच्ची की डूबने से मौत
साथियों संग स्नान करने के लिए गई थी
आधा घंटे बाद गोताखोरों ने निकला शव
गोवर्धन (AU 2010.06.29)। मानसी गंगा में सोमवार को स्नान करते समय पैर फिसल जाने से पांच वर्षीय बालिका की डूब जाने से मौत हो गई।
कसबे के दसबिसा मोहल्ला निवासी सत्यप्रकाश की पांच वर्षीय पुत्री महक सोमवार को मोहल्ले के अन्य बच्चों के साथ मानसी गंगा पर नहाने के लिए चली गई। मानसी गंगा के घाट पर स्नान करते समय अचानक महक का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चली गई। महक को पानी में डूबते देख उसके साथ गए बच्चों ने शोर किया। बच्चों का शोर सुनकर जब तक लोग वहां पहुंचे उस समय तक बालिका पानी में डूब चुकी थी। महक के मानसी गंगा में डूबने का पता लगते ही जहां उसके परिजन इस ओर दौड़ पड़े वहीं मोहल्ले के काफी लोग भी मानसी गंगा पर पहुंच गए।
पानी में डूबी बच्ची को निकालने के लिए काफी लोग मानसी गंगा में कूद पड़े। करीब आधा घंटे से अधिक देर तक मशक्कत के बाद बच्ची को निकाला जा सका। उस समय तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। गोताखोरों का कहना है कि पानी में बच्ची जहां मिली वहां पर पानी काफी गहरा होने के साथ वहां दल-दल भी है। बच्ची की मौत की खबर से मोहल्ले में शोक का माहौल हो गया।
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