Thursday, June 17, 2010

2010-06-18 ब्रज का समाचार

मथुरा : यलो जोन में तेजतर्रार पुलिस कर्मी होंगे तैनात: सहगल


मथुरा (DJ 2010.06.18)। अपर पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) रमेश सहगल ने कहा कि यलो जोन में तेजतर्रार पुलिस कर्मी तैनात किए जायेंगे। उनका मानना था कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म स्थान आतंकवादियों के निशाने पर है। उन्होंने विवादित स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था का मौके पर जाकर जायजा लिया।

अपर पुलिस महानिदेशक सुरक्षा श्री सहगल अतिसंवेदनशील श्रीकृष्ण जन्म स्थान की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गुरूवार को हाई पावर कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने आए हुए थे। बैठक में भाग लेने से पूर्व उन्होंने श्रीकृष्ण जन्म स्थान-शाही ईदगाह मस्जिद की सुरक्षा व्यवस्था का भ्रमण कर जायजा लिया।

उन्होंने सभी पाइंट पर सुरक्षा व्यवस्था को परखा। यलो जोन की सुरक्षा की भी समीक्षा की। श्री सहगल ने स्पष्ट किया कि रेड जोन की सुरक्षा के अलावा यलो जोन की सुरक्षा व्यवस्था भी काफी महत्वपूर्ण है। यहां पर तेजतर्रार पुलिस कर्मियों को ड्यूटी पर लगाया जायेगा।

उन्होंने सीसी कैमरे, टावर आदि की समीक्षा भी की। खराब पड़े उपकरणों को बदले जाने पर जोर दिया। केंद्रीय सुरक्षा बलों की आवास समस्या पर विचार-विमर्श किया गया। जन्म स्थान पर स्थायी फायर व्यवस्था और एम्बुलेंस पर भी विचार-विमर्श किया गया। दोनों ही बिन्दुओं को गंभीरता से लिया गया।



भू-जल संरक्षण के लिए आगे आएं नागरिक : डीएम

जल के अपव्यय पर रोक का आह्वान

विचार : लगातार गिर रहा भूमि का पानी चिंतनीय
सरकारी स्तर से ६५ करोड़ की योजना जारी


मथुरा (AU 2010.06.18)। भू-जल सप्ताह के अंतिम दिन जिलाधिकारी दिनेश चंद्र शुक्ल ने भू-जल संरक्षण के लिए नागरिकों से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि बगैर जन सहयोग के इस कार्यक्रम को क्रियान्वित करना नामुमकिन है। उन्होंने नागरिकों से भू-जल की स्थिति समझकर जल के अपव्यय पर रोक लगाने का आह्वान किया।

डीएम ने स्थानीय होटल में भू-जल संरक्षण और वर्षा जल संरक्षण विषयक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लगातार गिर रहा भू-जल स्तर चिंता का विषय है। इस समस्या के निदान के लिए आम नागरिकों का सहयोग आवश्यक है। सरकारी स्तर पर ६५ करोड़ रुपये की योजनाएं जिले के छह ब्लाकों में क्रियान्वित कराई जा रही हैं। इसमें नागरिकों को भी आगे बढ़ कर सहयोग करना होगा।

हर व्यक्ति रोजमर्रा की छोटी-छोटी क्रियाओं में जल की बचत कर सकता है। मेड़बंदी जैसे कार्य से खेतों में वर्षा का जल संचयन हो सकता है। उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं से जल संरक्षण के कार्य में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने का आग्रह किया।

प्रभागीय निदेशक (वन) केएल मीना ने जल संरक्षण में वृक्षों की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्षा का मुख्य स्त्रोत वृक्ष हैं।

गोष्ठी के दौरान समूचे कार्यक्रम स्थल पर जल संरक्षण पर आधारित स्लोगन आकर्षण का केंद्र रहे। अंत में जन सामान्य को जल की बचत एवं वर्षा जल संरक्षण पर आधारित साहित्य का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर समाजसेवी गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी, अध्यक्ष बार एसोसिएशन आलोक सिंह, डा. रामअवतार शर्मा और जिला कृषि अधिकारी बलवीर सिंह ने विचार व्यक्त किए।


दशहरा के लिए सजने लगा पतंगों का बाजार

उत्साह : पतंगों की खरीददारी में आई तेजी
पतंगबाजी का शौक २१ को होगा पूरा


मथुरा (AU 2010.06.18)। गंगा दशहरा पर पतंगबाजी को लेकर शहर में उत्साह जागने लगा है। बाजारों में भी पतंगों की दुकानें सजी हुई हैं। युवा और बच्चे पर्व का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सुबह से जमकर पंतगबाजी की योजना है। त्योहार पर पतंग से पेच लड़ाने का मौका कोई भी छोड़ना नहीं चाह रहा।

२१ जून को पड़ने वाले गंगा दशहरा पर्व के लिए पतंगबाजों ने पतंगों और मांजों का कलेक्शन अभी से प्रारंभ कर दिया है। बाजार भी पर्व को भुनाने के लिए तैयार हो चुका है। रंग-बिरंगी लुहावनी पतंगे मार्केट में आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। चाइनीज पतंगों का क्रेज सबसे अधिक देखा जा रहा है। विभिन्न डिजाइनों की चाइनीज पतंगे सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इसके अलावा परंपरागत रूप से बासी कागज से तैयार पतंगे भी खूब बिक रही हैं।

पॉलीथिन की पतंगे सस्ती होने के कारण बच्चे इनको खरीदना पसंद कर रहे हैं। मार्केट में पतंगे एक से लेकर ३० रुपये तक में उपलब्ध हैं। मांजों और सद्दों की चरखियों की बिक्री में भी तेजी से उछाल आया है। पतंग विक्रेता अश्वनी सिंह बताते हैं कि अभी तक पतंग और चरखियों की खरीददारी मंद पड़ी हुई थी, लेकिन पिछले चार-पांच दिनों से इनकी बिक्री में इजाफा हुआ है।



चार ताजी बूंद नहीं यमुना में


मथुरा (DJ 2010.06.18)। मथुरा (DJ 2010.06.18)। चौथे दिन गंगा दशहरा है। इस विशेष पर्व पर स्नान करने वाले हजारों की संख्या में उमड़ेंगे, पर उनकी आस्था घायल न हो, इतना सोचने के लिए भी जिला प्रशासन तैयार नहीं है। ताजा पानी लाने की कोई कवायद नजर नहीं आ रही।

यह हद तो तब है, जब यही आला अफसर अपने शुभ के लिए द्वारिकाधीश मंदिर और यमुना में पूजा-अर्चना करते नजर आ जाते हैं, पर यमुना और श्रद्धालुओं के शुभ के लिए उनके पास दिखावटी कवायद करने का भी समय नहीं है। लोगों की आस्था मैली न हो, इसके लिए इस बार जिला प्रशासन ने ताजा पानी लाने का कोई प्रयास ही नहीं किया है।

मुड़िया पूनो मेले के लिए प्रशासनिक बैठक एक-दो दिन में होने जा रही है, पर गंगा दशहरा पर मथुरा-वृंदावन की यमुना का क्या महत्व है, इसका एहसास उसे नहीं है। गंगा दशहरा पर एक हजार क्यूसेक ताजे पानी की मांग की जाती रही है। यमुना कार्ययोजना के नोडल अफसर से लेकर जिलाधिकारी तक के दरवाजे ताजा पानी लाने के लिए खटखटाए जा चुके हैं। अब तो यह मांग भी बेमानी हो गयी लगती है।

चार दिन बाद दशहरा है। जाहिर है अगर आज से भी हिंडन से पानी चला तो भी दशहरा तक इसका यहां आना मुश्किल होगा। जबकि ऐसे आसार दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे। यह जरूर हो सकता है कि एक-दो दिन में पानी आने का कोई कागजी दावा जारी किया जाए।

नोडल अधिकारी व अपर जिलाधिकारी प्रशासन श्री चंद्र वर्मा स्थानांतरण के बाद अपना चार्ज छोड़ चुके हैं, पर उनकी जगह मेरठ से आने वाले कैलाश चंद्र अभी तक यहां नहीं पहुंचे हैं। फलस्वरूप सिंचाई विभाग व शासन को एक अदद पत्र तक नहीं लिखा जा सका है। अभी पत्र चला ही नहीं है तो समय रहते पानी आएगा कैसे। पूरी आशंका है कि 21 जून को दशहरा वाले दिन भी यमुना में कीचड़ और कीड़े तैरते नजर आएंगे। यह हाल तो तब है, जब यमुना कार्ययोजना के अंदर प्रशासन का ताजे पानी को लेकर गंभीर दायित्व बनता है। पर जवाबदेही से बचने की पूरी कोशिश की जा रही है।



कड़ी मेहनत से ही मिल सकती है मंजिल : निशा

अभिनेत्री ने किए बांके बिहारी के दर्शन

वृंदावन (AU 2010.06.18)। बॉलीवुड अभिनेत्री निशा कोठारी का कहना है कि अगर व्यक्ति सच्ची लगन और मेहनत से कार्य करे तो वह कोई भी मंजिल तक पहुंच सकता है। कड़ी मेहनत ही सफलता की कुंजी है।

निशा गुरुवार को वृंदावन आई थीं। इस मौके पर तराश मंदिर स्थित पं. उदयन शर्मा के निवास पर पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में हर अच्छे कलाकार को अपनी प्रतिभा दिखाने को मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड अब भारतीय संस्कृति के अनुरूप ज्यादा फिल्में बनने पर जोर दे रहा है। इन फिल्मों में देश की ज्वलंत समस्या, राजनीति तथा संस्कृति को पेश किया जा रहा है।

निशा ने कहा कि वह अब तक बॉलीवुड में १५ हिंदी फिल्मों में कार्य कर चुकी हैं। इनमें उनकी अब तक की अच्छी फिल्म अज्ञात रही।

निशा कोठारी ने बताया कि उन्होंने रामगोपाल वर्मा के निर्देशन में कई फिल्मों में काम किया है। अब वह बॉलीवुड के और बड़े डायरेक्टरों के साथ काम करना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि उनकी इच्छा बॉलीवुड के नामी अभिनेताओं के साथ काम करने की भी है।

उन्होंने बॉलीवुड में अंडरवर्ल्ड के संबंधों को सिरे से नकार दिया। पत्रकार वार्ता के बाद निशा ने बांके बिहारी मंदिर दर्शन कर पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर नीरजा शर्मा, सभासद पवन यादव आदि उपस्थित थे।



किसानों को उर्वरकों की कमी नहीं खलेगी

शासन ने एक रैक एनपीके उर्वरक भेजा

व्यवस्था : ३९३२ मीट्रिक टन खाद गोदाम में उपलब्ध
सहकारी संघों को उर्वरक की सप्लाई शुरू
गुरुवार को संघों को भेजा पांच ट्रक उर्वरक


मथुरा (AU 2010.06.18)। खरीफ फसल के सीजन को देखते हुए शासन ने ३९३२ मीट्रिक टन एनपीके-१०-२६२६ का रैक भेज दिया है। डीएम ने आवश्यकता को देखते हुए इसका आवंटन के आदेश दिए हैं। इसके अनुपालन में कृषि विभाग ने एनपीके का वितरण शुरू कर दिया। गुरुवार को पांच-छह ट्रक एनपीके उर्वरक विभिन्न संघों को सप्लाई किया गया।

प्री-मानसून बारिश के बाद खरीफ के सीजन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इससे उत्साहित जनपद के किसानों ने धान की नर्सरी डालने का काम शुरू कर दिया है। इस हकीकत से वाकिफ शासन ने फसलों के लिए अति आवश्यक उर्वरक एनपीके-१०-२६२६ की आपूर्ति गत दिवस भेज दी। इसकी ३९३२ मीट्रिक टन एक रैक कृषि विभाग को बुधवार की शाम प्राप्त हो गई।

विभाग ने इसके वितरण के लिए सहकारी समितियों, जिला सहकारी संघ और पीसीएफ को उर्वरक आवंटन का लक्ष्य तय कर दिया है। इसमें से सहकारी समितियों को ३५०० मीट्रिक टन खाद दी जाएगी, जबकि जिला सहकारी संघ को २७२ मीट्रिक टन तथा पीसीएफ को २३२ मीट्रिक टन एनपीके वितरण का लक्ष्य तय किया है। गुरुवार से इसका वितरण शुरू हो गया। उप कृषि निदेशक बलवीर सिंह ने बताया कि लक्ष्य के अनुरूप एनपीके की सप्लाई शुरू कर दी गई है। गुरुवार को भी पांच-छह ट्रक एनपीके सप्लाई की गई।



आंधी में उड़ गए विद्युत निगम के पच्चीस लाख

मथुरा (DJ 2010.06.18)। पिछले दिनों आए आंधी-तूफान में विद्युत निगम को खंभे, कंडक्टर और तारों के टूटने से करीब पच्चीस लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

पिछले दिनों में आए आंधी-तूफान से विद्युत निगम के जनपद भर में करीब आठ सौ खंभे टूट गए। सर्वाधिक खंभे ग्रामीण क्षेत्रों में गिरे। बताया गया है कि ट्यूबवेल के लिए विद्युत कनैक्शन लेने वाले किसानों ने खंभों को कम गहराई पर गाड़ दिया था। इसकी वजह से पहले खंभे झुक गए और हवा के दबाव से टूट कर गिर गए। कहीं-कहीं पेड़ों के तारों पर टूट कर गिर जाने से भी खंभे टूटे।

खंभे टूटने से तार और कंडक्टर भी क्षतिग्रस्त हो गए। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता देवेन्द्र पचुरिया ने बताया कि करीब पच्चीस लाख रुपये की सामग्री आंधी-तूफान की भेंट चढ़ गई। इसका सत्यापन कराया जा रहा है।



अब तो बादल ही बुझाएंगे खेतों की प्यास

मथुरा (DJ 2010.06.18)। गंगा-यमुना में पानी की कमी का खामियाजा जिले के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। मिल रहा पानी सिंचाई के लिए नाकाफी है। किसान अफसरों से पानी मांग रहे हैं। अफसर भी मजबूर हैं। नहरों के संचालन के लिए ऊपर से ही कम पानी मिल रहा है। इन हालातों में लगता है कि अब तो इन्द्र देव की मेहरबानी ही खेतों की प्यास बुझा पाएगी।

पानी के संसाधन वाले किसानों के खेतों में तो फसलें लहलहा रही हैं, लेकिन नहरों पर निर्भर किसानों के खेतों में फसलें मुरझा रही या फिर खेत खाली पड़े हुए हैं। खड़ी फसलों को बचाने और पलेवा कर बुवाई करने के लिए किसानों को नहरों से भरपूर पानी नहीं मिल पा रहा है। टेल के किसान तो बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे बताए गए हैं।

सिंचाई विभाग के अफसर गंगा-यमुना से कम पानी मिलने के बात कह कर अपनी मजबूरी जता रहे हैं। बताया गया है कि गंगा-यमुना से आगरा कैनाल को मिलने वाला पानी मांग से कम मिल रहा है। इसमें भी हरियाणा में करीब चार सौ क्यूसेक पानी की चोरी की जा रही बताई गई है।

गुरुवार को आगरा कैनाल के फरीदाबाद हैड पर 1100 क्यूसेक पानी मिला। शेषाई रेगुलेटर पहुंचते-पहुंचते यह पानी पांच सौ क्यूसेक ही रह गया। हरियाणा में केवल एक नहर में पानी दिया जा रहा बताया गया है, जबकि शेष बंद है। मिल रहे पानी से आगरा कैनाल के अपर खंड की नहरें चलाई जा रही है।

लोअर खंड तृतीय को पानी नहीं मिल पा रहा है। जबकि इस खंड के किसान भी पानी की मांग कर रहे हैं। इसकी वजह है कि गोवर्धन विधान सभा क्षेत्र में खारी पानी की समस्या है।

मांट ब्रांच का हाल ही बुरा है। देहरा हैड पर 890 क्यूसेक पानी मिला है। मांट ब्रांच की खंड सीमा बालनपुर पर यह ढाई सौ क्यूसेक ही रह गया। इस पानी में से एक सौ अस्सी क्यूसेक पानी हरनौल स्केप से आगरा-मथुरा की पेयजल सप्लाई को दिया जा रहा है। पन्द्रह-पन्द्रह क्यूसेक पानी से बाजना और जरारा राजवाहा चलाए जा रहे हैं। इन दोनों राजवाहों की तली में पानी होने से कुलाबे खींच नहीं पा रहे हैं। बताया गया है कि कागजों पर अधिक और नहरों में कम पानी चल रहा है। सर्वाधिक परेशानी टेल के किसानों को हो रही है।



पीडी के निलंबन से डीआरडीए में खलबली

सांसद-विधायक निधि की जांच अंजाम तक पहुंची तो कई नपेंगे
मनरेगा : डीएम, सीडीओ समेत कई जांच के दायरे में
प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास करा रहे हैं जांच
शासन ने सीडीओ कार्यालय से लिया रिकार्ड


मथुरा (AU 2010.06.18)। उत्तर प्रदेश सहकारी निर्माण एवं विकास लिमिटेड से मनरेगा के काम कराने के मामले में शासन की कार्रवाई से डीआरडीए () विभाग में खलबली मची गई है। जांच के दायरे में इस संस्था द्वारा किए सांसद और विधायक निधि के काम भी हैं। यदि इस मामले में भी जांच सिरे तक पहुंची तो तत्कालीन डीएम और सीडीओ समेत आधा दर्जन अधिकारी और कर्मचारी नप सकते हैं। वहीं, जांच रिपोर्ट के आधार पर परियोजना निदेशक (पीडी) समेत दो लिपिक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर दी है।

यूपी सहकारी निर्माण एवं विकास लिमिटेड से मनरेगा के तहत् गांव पेलखू में इंटरलाकिंग रोड समेत १५.३५ लाख रुपये के काम कराने के मामले में किसी ने ग्राम विकास विभाग से शिकायत की थी। इस पर प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास ने मामले में पेमेंट पर रोक लगाते हुए सभी जिलों से इस संस्था के कामों का विवरण तलब किया था। सीडीओ कार्यालय ने १४ अक्तूबर २००९ को रिपोर्ट प्रेषित कर दी।

मनरेगा में काम कराने की पुष्टि होते ही शासन ने इस मामले में जांच बैठा दी। नेशनल मानीटर मनरेगा बीके चौबे ने जांच की। जांच रिपोर्ट के आधार पर परियोजना निदेशक डीपी मिश्र समेत दो लिपिक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर दी। यही नहीं, इस संस्था द्वारा किए गए सांसद और विधायक निधि के कामों की जांच भी शासन स्तर पर की जा रही है। इसके लिए शासन ने पिछले तीन साल में हुए विधायक और सांसद निधि के कामों का ब्यौरा तलब कर लिया है।

सूत्रों के मुताबिक प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास विभाग के आदेश पर हो रही जांच यदि अंजाम तक पहुंची तो सांसद निधि का काम देखने वाले कनिष्ठ लिपिक, ड्राफ्ट मैन, सहायक अभियंता, तत्कालीन सीडीओ और डीएम भी मुश्किल में आ सकते हैं। वहीं, विधायक निधि की जांच में कनिष्ठ लिपिक, प्रमोशन पर स्थानांतरित हुए तत्कालीन जेई, एई, पीडी, सीडीओ और डीएम पर गाज गिरनी तय है।

सीडीओ अजय शंकर पांडेय ने बताया कि इस मामले में शासन स्तर से कोई आदेश नहीं मिला है। इस वजह से कोई टिप्पणी संभव नहीं है।


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