Monday, June 7, 2010

ब्रज समाचार २०१०-०६-०८

नाला निर्माण के दौरान घाटों को पहुंचा रहे नुकसान

जिलाधिकारी और एएसआई से शिकायत की
आरोप : विकास कार्यों में लापरवाही उजागर
सेवायत और बाशिंदों में आक्रोश


वृंदावन (AU 2010.06.08)। वृंदावन समग्र विकास योजना के अंतर्गत यमुना किनारे जलनिगम द्वारा कराए जा रहे नाले निर्माण के दौरान घाटों और बुर्जी को नुकसान पहुंचाया जा रहा। इससे स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है। लोगों ने प्राचीन घाटों को नुकसान पहुंचाने पर डीएम और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग में शिकायत की है।

प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ों की योजनाओं के अंतर्गत यहां विकास कार्य कराए जा रहे हैं। इन कार्यों में सरकारी विभागों और ठेकेदारों की उदासीनता के चलते प्राचीन धरोहरों को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

सोमवार को जलनिगम द्वारा यमुना किनारे परिक्रमा मार्ग पर नाला निर्माण के दौरान बुलडोजर से की गई खुदाई से शृंगारवट और रानापत घाट की लगभग तीन सौ वर्ष पुरानी बुर्जियों को नुकसान पहुंचा है। बुर्जी के प्राचीन पत्थर क्षतिग्रस्त कर दिए हैं।

जलनिगम की इस लापरवाही से आसपास के लोगों में रोष है। शृंगारवट मंदिर में सेवायत अनूप गोस्वामी ने डीएम और एएसआई विभाग के अधिकारियों से बुर्जी को क्षति करने के संबंध में शिकायत की है।

स्थानीय निवासी बिरजो, विष्णु स्वामी और गोपाल ने कहा कि नाला निकालने के दौरान प्राचीन इमारतों को खतरा पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा कार्य में कोताही बरती जा रही है। उच्चाधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
फोटो- परिक्रमा मार्ग स्थित श्रृंगारवट पर नाला निर्माण के दौरान क्षतिग्रस्त बुर्जी का दृश्य।


वृंदावन को बनाया जा रहा कंक्रीट का जंगल

चंद्रास्वामी ने बांके बिहारी मंदिर के दर्शन किए
कथन : जल्द बनाएंगे विकास के लिए ट्रस्ट
विदेशी मुद्रा के मुकदमे से बरी


वृंदावन (AU 2010.06.08)। तांत्रिक चंद्रास्वामी का कहना है कि वृंदावन का विकास आधुनिकता के आधार पर नहीं बल्कि यहां की प्राचीनता को देखकर होना चाहिए। उन्होंने चिंतित होकर कहा कि यहां की हरियाली को नष्ट करके कंक्रीट का जंगल बनाया जा रहा है।

चंद्रास्वामी सोमवार को वृंदावन आए हुए थे। तराश मंदिर स्थित पंडित उदयन शर्मा के निवास पर उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर केंद्र और प्रदेश सरकार करोड़ों रुपये तो यहां खर्च कर रही है, लेकिन यह उचित प्लानिंग के तहत कार्य नहीं हो रहा है।

चंद्रास्वामी ने कहा कि वृंदावन का नाम आज विश्व के मानचित्र पर है। यहां का विकास यहां की संस्कृति से है और संस्कृति ही नष्ट हो जाएगी तो वृंदावन का धार्मिक महत्व भी खतरे में पड़ जाएगा।

उन्होंने कहा कि जल्द एक ट्रस्ट बनाकर वृंदावन के विकास के लिए जो बन सकेगा करेंगे। तांत्रिक चंद्रास्वामी ने कहा कि दिल्ली के पटियाला हाउस में चल रहे (फेरा) विदेशी मुद्रा के मुकदमे से वह बांके बिहारी की कृपा से बरी हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि बांके बिहारी के प्रति मन में अगाध श्रद्धा और भावना से ही उनको यह जीत मिली है। इस अवसर पर उन्होंने बांके बिहारी मंदिर और तराश मंदिर स्थित जमाई ठाकुर के दर्शन कर पूजा अर्चना की। उनके साथ सभासद पवन यादव, उदयन शर्मा, राजेश पंडित, राजू द्विवेदी आदि थे।



कृष्ण जन्मस्थान: नाम मात्र के मजिस्ट्रेटों के हाथ सुरक्षा

मथुरा (DJ 2010.06.08)। अत्यधिक संवेदनशील श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह मस्जिद पर विघटनकारी तत्व नजर टेढ़ी रखते हैं। पर इन धार्मिक स्थलों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। इन स्थलों की सुरक्षा को तैनात पांच मजिस्ट्रेटों में से एक को छोड़ अन्य को सुरक्षा बल पहचानते भी नहीं हैं। श्रद्धालुओं की भांति धार्मिक स्थल में प्रवेश करने पर उनके साथ भी टोकाटाकी की जाती है।

अयोध्या की घटना के बाद मथुरा में धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील कृष्ण जन्मस्थान-ईदगाह मस्जिद की हिफाजत के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश से भारी-भरकम सुरक्षा इंतजामात किये गये हैं। यहां चौबीसों घंटे मजिस्ट्रेटों की पालियों में ड्यूटी लगाई गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि आतंकी हमला होने या कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा होने पर सीआरपीएफ, पीएसी एवं सामान्य पुलिस को गोली चलाने का आदेश मजिस्ट्रेट ही दे सकता है। उनके पुलिस क्षेत्राधिकारियों के साथ बैठने के लिए कृष्ण जन्मस्थान पर विशेष कक्ष बनाया हुआ है।

शासन से उक्त धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए दो मजिस्ट्रेट खास तौर पर इसी काम के लिए जनपद भेजे गये थे। इनमें से एक मजिस्ट्रेट जितेन्द्र शर्मा ही इन धार्मिक स्थलों की सुरक्षा में लगे हुए हैं। इस बाबत भेजे गये एक और मजिस्ट्रेट राजीव गुप्ता इस समय एसडीएम मांट के रूप में काम कर रहे हैं। मौजूदा समय जिला विद्यालय निरीक्षक, उपनिदेशक कृषि प्रसार, एआर कोआपरेटिव एवं जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी को एक से लेकर दो महीने तक विभिन्न पालियों में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए लगाया हुआ है।

इस मुतल्लिक जिलाधिकारी डीसी शुक्ला के आदेश में इन चारों अफसरों का उल्लेख मजिस्ट्रेट के रूप में किया गया है। बातचीत में एक अफसर ने उनके पास मजिस्ट्रेट की शक्ति होने से इंकार किया है। बताया गया है कि डिप्टी कलेक्टर से इतर किसी अफसर को मजिस्ट्रेट पावर देने के लिए जिलाधिकारी को राज्यपाल की शक्तियों का प्रयोग करते हुए अलग से आदेश करना होता है।

यह बात दीगर है कि चुनाव जैसी घटनाओं में जहां बड़ी तादाद में जोनल एवं सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति की जाती है, डीएम एक ही आदेश में सभी को मजिस्ट्रेट पावर डेलीगेट कर देते हैं। डीएम को किसी भी अफसर को तीन महीने तक अस्थाई रूप से मजिस्ट्रेट पावर डेलीगेट करने का अधिकार बताया गया है।

रही बात कृष्ण जन्मस्थान-ईदगाह मस्जिद परिसर की सुरक्षा में तैनात विकास से जुड़े अफसरों की तो इन्हें फोर्स पहचानता तक नहीं है। इसका एक सीधा कारण उनके साथ लाल पगड़ी वाले अर्दली का न होना भी है। इस वजह से धार्मिक स्थल परिसर में प्रवेश करने पर अक्सर उनके साथ टोकाटोकी होती रहती है।



खननस्थल पर छापामारी १४ वाहन किए जब्त

लखनऊ से आई टीम ने चलाया अभियान
धर पकड़ : लगातार चेकिंग के बाद भी बंद नहीं हो रहा है खनन


बरसाना (AU 2010.06.08)। खनन माफियाओं के हौसलों को देख लखनऊ से आई अफसरों की टीम भी हैरत में पड़ गयी। बीती रात उक्त टीम ने स्थानीय पुलिस को साथ लेकर अभियान चलाया तो १४ वाहन खनन सामग्री ले जाते पकड़ लिये। सभी के खिलाफ खनन अधिनियम में कार्रवाई की जा रही है।

बीते दिनों खनन अधिकारी एके सिंह पर हुए हमले के बाद लखनऊ से आए अधिकारी भू वैज्ञानिक प्रभारी प्रवर्तन यूसी मिश्रा की टीम ने खनन से प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया था। इस दौरान कई क्रेशरों के संचालक और मजदूर भाग खड़े हुए। बावजूद इसके रात्रि में खनन का कार्य जारी रहा। इस आशय की सूचनाओं से एक बार तो अफसर भी हैरत में पड़ गए।

अधिकारियों ने पुलिस के साथ संयुक्त रणनीति बनाते हुए बीती रात अभियान चलाया। इस पर ग्राम संकेत और रीठौरा मार्ग पर चेकिंग के दौरान खनन का पत्थर लाते नौ ट्रैक्टर और गिट्टी लाते चार डंपर तथा एक में डस्ट को पकड़ लिया।

जिला खनन अधिकारी एके सिंह ने बताया क्षेत्र में पहाड़ों के अवैध खनन का कार्य किसी कीमत पर नहीं होने दिया जायेगा। इसके लिए लगातार चेकिंग अभियान चलाया जायेगा। टीम में लखनऊ के एसी शुक्ला, रंजीत निर्मल, जेके दत्ता, तहसील दार छाता और थाना बरसाना का पुलिस बल भी मौजूद था।



आस्था के जल में भी खजाना

मथुरा (DJ 2010.06.08)। बात सुनने में भले ही अटपटी लगे, लेकिन है सोलह आना सच। चाहे वह पतित पावनी यमुना हो या फिर कुंड सरोवर। वर्षो से ब्रज भूमि में आस्था के वशीभूत तमाम श्रद्धालु अपनी श्रद्धा के अनुरूप कीमती सिक्के डालकर प्रभु को प्रसन्न्न करते हैं। यही वजह है कि तमाम लोग आस्था के जल में खजाना खोजते नजर आ जाते हैं।

इस धार्मिक परम्परा को लेकर नई बहस छिड़ गई है, प्रबुद्ध लोग मानते हैं कि जल में डालने की बजाय इस राशि का उचित प्रयोग किया जाए। आमतौर पर कान्हा की नगरी में यमुना किनारे के प्राचीन घाट हों या फिर धार्मिक आस्था के केन्द्र प्राचीन कुंड या गिरिराज धाम स्थित प्राचीन मानसी गंगा। यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं में से तमाम श्रद्धालुओं को अक्सर अपनी श्रद्धा के अनुरूप जल में रुपये पैसे डालकर अपनी मेहनत के धन से कुछ अंश प्रभु के चरण मंं छोड़ते देखा जाता है।

दरअसल इसके पीछे श्रद्धालुओं का तर्क मिलता है कि वे यमुना मैया के चरणों में यह पैसे डालते हैं। कमोबेश यही बात गिरिराज धाम गोवर्धन की विशाल मानसी गंगा और मांट क्षेत्र में यमुना किनारे स्नान करने आने वाले तमाम श्रद्धालुओं की जुबान से सुनाई देती है। मजेदार बात यह है कि यमुना सहित कुंड सरोवरों में डलने वाले पैसों पर भी किसी की नजर रहती है।

स्थिति यह रहती है कि इधर श्रद्धालुओं ने पैसे डाले नहीं कि कुछ देर बाद ही जल में पैसों की खोज होनी शुरू होती जाती है। जल में जाने वाले इस खजाने पर तैराक पैनी नजर रखते हैं। उनके लिए तो यह किसी आय के श्रोत से कम नहीं है। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि यमुना में पैसे खोजने वाले तैराक महीने भर में सैंकड़ों रुपये निकाल लेते हैं। उनके लिए तो यमुना और कुंड सरोवर अच्छी आमदनी का जरिया बनकर तैयार हो गया है



छह ब्लॉकों में बनेंगे नौ सौ रीचार्ज पिट

मथुरा (DJ 2010.06.08)। प्रदेश के लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल विभाग के प्रमुख सचिव ने जनपद के समस्याग्रस्त छह ब्लॉकों में 909 रीचार्ज पिट बरसात से पहले बना लिये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इन ब्लॉकों में नालों पर चेक डेम बनाकर जमीन के अंदर हो रही पानी की समस्या से निपटने की योजना भी है। इसके अलावा 59 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में मेंड़बंदी के काम भी कराये जाएंगे।

प्रमुख सचिव, लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल सुशील कुमार सोमवार को यहां पीडब्लूडी इंस्पेक्शन हाउस पर विभागीय कार्यो की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने इस साल जनपद के समस्याग्रस्त ब्लॉकों नौहझील, मांट, राया, बलदेव, मथुरा एवं छाता में वाटर रीचार्जिग को बनाये जाने वाले 909 पिटों का काम बरसात से पहले पूरा करने को संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये।

उन्होंने इन ब्लॉकों में नालों पर चेक डेम बनाये जाने के लिए भी विभागीय अधिकारियों से कहा। भूगर्भ जल रीचार्जिग की कार्ययोजना में समस्याग्रस्त ब्लॉकों में करीब 59 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में मेंड़बंदी का काम भी शामिल किया गया है।

प्रमुख सचिव ने इन कामों में मनरेगा के पैसे और मजदूरों का सदुपयोग किये जाने की जरूरत पर जोर दिया। कहा कि आम नागरिकों की इन कामों में सहभागिता के लिए उन्हें प्रेरित किया जाना चाहिए। स्वयंसेवी संगठनों से भी काम लिया जा सकता है। समीक्षा में यह पता चलने पर कि जनपद में भूगर्भ जल रीचार्जिग के बड़े काम के लिए पर्याप्त स्टाफ एवं सुविधाएं नहीं दी गई हैं, उन्होंने स्थानीय अफसरों से इस कमी को पूरा करने के लिए शासन से मांग करने को कहा। उन्होंने स्थानीय अफसरों के इस सुझाव को मान लिया कि नि:शुल्क बोरिंग के समय लाभार्थी किसान से रीचार्जिग पिट भी बनवा लिये जाएं।



किसान फिर लगाएगा धान पर दांव

मथुरा (DJ 2010.06.08)। पिछले साल सूखा में धोखा खा गए किसान फिर धान पर दांव लगाने के लिए जा रहे हैं। समय से मानसून के दस्तक देने की खबरों से उत्साहित किसानों ने नर्सरी डालना शुरू कर दिया है। जनपद में धान की रोपाई का लक्ष्य इस बार बढ़ा दिया गया है। करीब पचास हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई कराई जाएगी। इसके लिए विभाग ने पहले ही खाद बीज का इंतजाम कर लिया है। पिछले साल खरीफ की मुख्य फसल धान की रोपाई के लिए साढ़े तीन हजार हेक्टेयर से अधिक में नर्सरी डाली गई थी। इससे करीब चालीस हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई हो जाती।

रोपाई से पहले ही मानसून धोखा दे गया और करीब तीस फीसदी नर्सरी पानी के अभाव में सूख गई। किसानों ने जैसे तैसे सिंचाई कर धान की रोपाई कर दी, लेकिन बाद में न बारिश हुई और न ही समय पर नहरी जल मिल पाया। इस स्थिति में धान सूख गया। जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन थे। उनकी ही फसल बच पाई। इन हालात में करीब चौबीस हजार हेक्टेयर में ही धान का उत्पादन हुआ। इस बार शासन ने जिले में धान का लक्ष्य 44928 हेक्टेयर से बढ़ाकर 50036 हेक्टेयर कर दिया है। इसमें 920 हेक्टेयर में सुगंध बासमती, 7000 में सुगंध की अन्य प्रजाति और 42116 हेक्टेयर में सामान्य धान की रोपाई कराई जाएगी। इसके लिए 3337 हेक्टेयर में नर्सरी तैयार की जानी है। समय से मानसून के दस्तक देने की खबर ने धान उत्पादक किसानों को उत्साहित कर दिया है।

छाता, चौमुहां और नंदगांव ब्लॉक में धान का सर्वाधिक उत्पादन किया जाता है। इसके अलावा नहरी इलाकों में भी धान की पैदावार की जाती है। किसानों ने धान की नर्सरी डालना शुरू कर दिया है।



तोड़ी भूमिगत पाइप लाइन, आपरेटर भगाया

मथुरा (DJ 2010.06.08)। मथुरा समेत विभिन्न जनपदों के गांवों में पेयजल संकट दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मांट की बिबावली ग्राम पंचायत में पेयजल परियोजना के तहत डाली गई भूमिगत पाइप लाइन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। पम्प आपरेटर को भी मारपीट कर भगा दिया गया है। लाचारी में गांव की महिलाएं और बच्चे दूसरे गांवों से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं।

इस ग्राम पंचायत में जल निगम की पेयजल परियोजना के तहत पानी की टंकी के निर्माण को जगह देने के सवाल पर ग्रामीणों में अनबन चली आ रही है। इसके चलते करीब पंद्रह दिन पूर्व गांव में परियोजना की भूमिगत पाइप लाइन को तोड़ दिया गया। इसके एक सप्ताह बाद पम्प आपरेटर को भी मारपीट कर भगा दिया बताया गया। शिकायतकर्ता ग्रामीण उक्त परियोजना को स्वजल धारा बता रहे हैं, पर जिला विकास अधिकारी रामधनी राम ने इससे इंकार किया है। दबंगों के डर से कोई ग्रामीण इसकी शिकायत ब्लॉक, पुलिस थाने या जिला मुख्यालय पर दर्ज कराने की हिम्मत नहीं जुटा सका।

इन हालात में गांव की महिलाएं एकाध किमी दूर ढकू और पीहरी गांव से पीने का पानी ला रही हैं। इस काम में बच्चे भी उनका हाथ बंटा रहे हैं।



नहीं ठीक हो सकी पानी की क्षतिग्रस्त लाइन

नगर के कई इलाकों में पेयजल किल्लत
मुसीबत : पालिक-जल निगम एक-दूसरे को बता रहे दोषी


वृंदावन (AU 2010.06.08)। नगर के कई इलाकों में अब भी पानी की भारी किल्लत बनी हुई है। पानी की कमी से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभाग एक दूसरे की जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं।

विगत चार दिन से मथुरा-वृंदावन मार्ग स्थित मुखर्जी पार्क के समीप जल निगम की राइजिंग लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। जल निगम इस लाइन को पालिका की लाइन बताकर अपना पल्ला झाड़ दिया जबकि पालिका प्रशासन ने इसे जल निगम की लाइन बताया। विभागों के गैरजिंमेदारी से नगर के गौरा नगर कालोनी, राधा निवास, मथुरा दरवाजा, अनाज मंडी, गौशाला नगर, सर्राफा बाजार, किशोर पुरा, सीएफसी क्षेत्र आदि इलाकों में पानी की किल्लत हो गई। पिछले माह जल निगम द्वारा लाइन को दुरुस्त भी कराया गया, लेकिन लाइन एक बार फिर से क्षतिग्रस्त हो गई है। लाइन ठीक करने के लिए गड्ढे भी खोद दिए गए, लेकिन पानी की लाइन को ठीक नहीं किया जा सका है।

स्थानीय निवासी राजू शर्मा, मनोज मिश्रा, प्राण वल्लभ दुबे, अभिनव मिश्रा आदि का कहना है कि क्षेत्र के लोग पिछले चार दिन से पानी की एक एक बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है। पालिका प्रशासन को अवगत करने पर सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। लोगों ने जिला प्रशासन से क्षेत्र की समस्या के निदान की मांग की है। वहीं पालिका के जलकल लिपिक योगेश कुमार ने बताया कि लाइन को ठीक कराने के लिए जल निगम को बता दिया गया है।



अब पकड़ी जाएगी बहानेबाजी

ग्राम पंचायत अधिकारी के साइन पहले, बाद में पहुंचेंगे फील्ड में

अंकुश : भ्रमण का ब्यौरा दर्ज कराने की व्यवस्था
राजीव भवन में महिला अफसर गैरहाजिर


मथुरा (AU 2010.06.08)। अब ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी बहाना नहीं बना सकेंगे। इनकी शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाएगी। हर विकास खंड मुख्यालय पर उपस्थिति रजिस्टर रखा जाएगा। इसमें हस्ताक्षर कर और अपनी फील्ड विजिट दर्शा कर ही वे काम में जुटेंगे। राजीव भवन में रखे उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर न करने के मामले में दो महिला अफसरों समेत तीन से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

सीडीओ अजय शंकर पांडेय को जनता एवं खंड विकास अधिकारियाें से निरंतर शिकायतें मिल रही हैं कि ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी तैनाती की ग्राम पंचायतों में नहीं जा रहे हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए सीडीओ ने सभी ग्राम पंचायत अधिकारियाें और विकास अधिकारियाें के विकास खंड मुख्यालयों पर उपस्थिति रजिस्टर तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
इस रजिस्टर में संबंधित ग्राम स्तरीय कर्मचारियों को हस्ताक्षर करने होंगे। इसके बाद जिस ग्राम पंचायत में उनका भ्रमण है। उसे भी अंकित करते हुए भ्रमण पर जाना होगा। इसकी मानीटरिंग का जिम्मा जिला स्तरीय अधिकारियों को दिया गया है। वे गांव में जाकर प्रधान एवं ग्रामीणों से पंचायत अथवा विकास अफसर कितने दिन आता है, माह की प्रथम एवं अंतिम डेट भी अंकित करेंगे।

इधर सोमवार को सीडीओ ने राजीव भवन में अफसरों की उपस्थिति चेक की। उपस्थिति पत्रक में लघु सिंचाई के सहायक अभियंता महेंद्र सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी पूजा अग्निहोत्री एवं डूडा की परियोजना अधिकारी अंजू सिंह गैरहाजिर पाए गए। इस पर सीडीओ ने तीनों से स्पष्टीकरण तलब किया है।



परिक्रमा मार्ग में ट्रैक्टर से महिला मृत

गोवर्धन/मथुरा (DJ 2010.06.08)। परिक्रमा मार्ग स्थित निर्माणाधीन आश्रम में काम करती एक मजदूर महिला की ट्रैक्टर से कुचल कर मौत हो गई। चालक बजरी से भरी ट्राली को छोड़ कर भाग निकला।

नीमगांव निवासी ३५ वर्षीय महिला वत्तो पत्नी सुजान सिंह परिक्रमा मार्ग में बन रहे एक आश्रम में मजदूरी कर रही थी। सोमवार की सायं बजरी लेकर एक ट्रैक्टर ट्राली आश्रम पर आई। चालक ट्रैक्टर ट्राली को बैक कर रहा था वहीं नजदीक में खड़ी महिला ट्राली से दब गई। चालक को जब इस बात का पता लगा तो उसने ट्राली से ट्रैक्टर को अलग किया और ट्रैक्टर को लेकर भाग गया। महिला को किसी तरह ट्राली के बीच से निकाला गया, लेकिन महिला की उस समय तक मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना मिलने पर गोवर्धन पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस ने महिला के शव का पंचायतनामा किया। बताया गया कि इस मामले में समझौते के प्रयास चल रहे थे। समाचार लिखे जाने तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी थी।



पांच राज्यों के संस्कृत शिक्षकों को ट्रेनिंग दी

केंद्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर में लगा शिविर

मथुरा (AU 2010.06.08)। केंद्रीय विद्यालय संगठन लखनऊ संभाग के अधीन पांच राज्यों के ६७ संस्कृत शिक्षकों के लिए केंद्रीय विद्यालय, रिफाइनरी नगर में प्रशिक्षण शिविर लगाया गया। शिविर में उत्तर प्रदेश सहित चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली के शिक्षकों ने भाग लिया।

इस मौके पर प्राचार्य डा. जीबी पांडेय ने बताया कि संस्कृत हमारी सबसे प्राचीन भाषा है। इस भाषा के माध्यम से बच्चों में मानव मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ाने में सहायता मिलती है। इसमें संस्कृत शिक्षकों की अहम भूमिका है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और केआर टीचर्स ट्रेनिंग कालेज के प्राचार्य डा. एसडी सिंह ने संस्कृत और संस्कृति पर विचार प्रस्तुत किए। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि और रिफाइनरी के मुख्य मानव संसाधन प्रबंधक एके सिन्हा, उप प्रबंधक टीके विश्वास द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।


इस मौके पर केंद्रीय विद्यालय बाद के प्राचार्य पीडी चतुर्वेदी, केंद्रीय विद्यालय मथुरा कैंट के प्राचार्य डा. आरएस गर्ग आदि थे। संचालन डा. श्रीमती चित्रा मेहरोत्रा ने किया। इस अवसर पर संसाधक आरके अग्निहोत्री भी उपस्थित थे।

फोटो २४ -केंद्रीय विद्यालय रिफाइनरी नगर में लगे शिविर में मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए रिफाइनरी के मुख्य मानव संसाधन प्रबंधक ए के सिन्हा।



कामनवेल्थ रैली की जिम्मेदारी सौंपी

मथुरा (DJ 2010.06.08)। जिला ओलंपिक संघ के तत्वावधान में आयोजित कामनवेल्थ गेम्स २०१० के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए आयोजित रैली को लेकर खिलाड़ियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी।
अग्रवाल अतिथि में आयोजित बैठक में आयोजन सचिव कन्हैया गुर्जर ने जिमनास्टिक के लिए निमाई हालधर, शूटिंग और तीरंदाजी के लिये छत्रपाल सिंह, नेट बाल के लिए अरविंद चित्तोड़िया और विजय चौहान, कुश्ती के लिए चंद्रवीर सिंह, अरुण कुमार सिंह आर्य, वेटलिफ्टिंग के लिए प्रहलाद चौधरी, हेमंत गहलोत, तैराकी के लिए धीरेंद्र सिंह, बैडमिंटन के लिए केजी यादव, टेबिल टेनिस के लिये राकेश, मुक्केबाजी में मुकेश यादव, मनोज वर्मा, साइकिलिंग के लिए चंद्रकांत अरोड़ा व लॉन बॉल के लिये प्रदीप कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। पंजीयन कार्य महालक्ष्मी स्पोर्ट्स और इंटरनेशनल स्पोर्ट्स पर होगा।



भूगर्भ जल बचाने के लिए एक्शन प्लान

प्रमुख सचिव ने तीन विभागों को सौंपी जिम्मेदारी

समीक्षा बैठक : ड्राई एरिया में स्थित छह ब्लाकों में क्रियान्वयन
जनपद के लिए ६६.५८ करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार


मथुरा (AU 2010.06.08)। प्रमुख सचिव (लघु सिंचाई) सुशील कुमार ने घटते भूगर्भ जलस्तर पर चिंता जताते हुए संबंधित विभागों से इसे खिसकने से रोकने, वर्षा के जल को फिर से रीचार्ज करने और ड्राई एरिया ब्लाकों में नए ग्राउंड वाटर प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन करने पर बल दिया।

प्रमुख सचिव सुशील कुमार ने सोमवार को लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में ग्राम विकास, लघु सिंचाई और भूमि संरक्षण विभाग के इंजीनियर और अधिकारियों की बैठक ली। समीक्षा बैठक में उन्होंने बताया गया कि ड्राई एरिया में स्थित छह ब्लाक में ग्राउंड वाटर बढ़ाने के लिए नई कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके लिए ६६.५८ करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार है। प्रोजेक्ट क्रियान्वयन की जिम्मेदारी ग्राम विकास, लघु सिंचाई और भूमि संरक्षण विभाग को संयुक्त रूप से दी गई है। ग्राम विकास विभाग तालाबों के जीर्णोद्धार और पिट रिचार्ज का काम करेगा। जबकि लघु सिंचाई विभाग को पिट रिचार्ज और चेकडैम बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।

भूमि संरक्षण विभाग को ड्राई एरिया में मेड़बंदी का काम दिया गया है। इसके लिए मनरेगा से ६०.०२ करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। प्रमुख सचिव सुशील कुमार ने बताया कि इस पंचवर्षीय योजना में ड्राई एरिया वाले ब्लाक मांट, नौंहझील, राया, मथुरा, बलदेव और छाता में ९०९ रीचार्ज पिट बनाने की योजना है। चेकडैम का निर्माण ग्राउंड वाटर रीचार्ज के लिए उपयोगी है। इसके लिए समस्याग्रस्त ब्लाकों में पानी की ड्रेनों पर चेकडैम बनाए जाएं।

उन्होंने भूमि संरक्षण विभाग को छह ब्लाक में ५९ हजार हेक्टेयर मेड़बंदी करने को कहा है। अंत में लघु सिंचाई विभाग के कायर्ाें की समीक्षा में धीमी प्रगति पर असंतोष जताया गया। प्रमुख सचिव ने इस मामले में कई अफसरों से जवाब तलब कर कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

इस मौके पर अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) श्रीशचंद वर्मा, डीडीओ रामधनीराम, परियोजना निदेशक डीपी मिश्रा समेत ब्लाक एवं अन्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

फोटो : ठंडी हवाओं ने मौसम सुहाना किया, राहत



तापमान में गिरावट से गर्मी का असर कम

कोसीकलां (AU 2010.06.08)। मौसम में बदलाव आने से लोगों को कुछ राहत मिली है। सोमवार को भी बूंदाबांदी और आसमान पर छाए रहे बादलों ने गरमी से कुछ निजात दिलाई। सुबह ही मौसम सुहाना रहा। दोपहर में उमस भरी गरमी के बाद ठंडी हवाओं ने मौसम को खुशनुमा कर दिया। आसमान में बादलों की लुकाछिपी चलती रही।

सूर्यदेव के प्रकोप के चलते आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया। हालात यह थे कि गरमी के चलते प्रातः से ही सड़कों और बाजारों में सन्नाटा पसर जाता था। तीन दिनों से लगातार हो रही हल्की बरसात और तेज आंधी ने मौसम को खुशनुमा बना दिया। सोमवार को सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए थे। लोग अनुमान लगा रहे थे कि बारिश होगी। पर हवाओं ने बादलों को उड़ाना शुरू कर दिया। कभी धूप तो कभी छांव ने मौसम खुशनुमा बना दिया। सांय चार बजे के करीब बूंदाबांदी होने एवं ठंडी हवाओं से मौसम सुहाना हो गया। बाजारों में भी चहल-पहल बढ़ गई।

शेरगढ़ संवाददाता के अनुसार कसबे में मौसम के बदलाव से लोगों ने काफी राहत महसूस की। भीषण गरमी में लोग पसीना-पसीना हो गए और इंद्र देव से राहत देने की प्रार्थना कर रहे थे। उन्होंने आखिर उनकी सुन ही ली।


No comments: