Saturday, June 5, 2010

2010-06-06 ब्रज का समाचार

वृक्षों को नहीं काटने के लिए किया प्रेरित

हेरिटेज एलायंस ने पेड़ों पर रक्षासूत्र बांधे
रोष : विकास के नाम पर पेड़ों की कटान का किया विरोध

विश्व पर्यावरण दिवस


वृंदावन (AU 2010.06.06)। विश्व पर्यावरण दिवस पर शनिवार को ब्रज वृंदावन हेरिटेज एलायंस ने विकास योजना के अंतर्गत काटे जा रहे वृक्षों पर आपत्ति जताई है। भागवत निवास से लेकर बालाजी आश्रम तक एलायंस के कार्यकर्ताओं ने वृक्षों पर रक्षासूत्र बांधकर प्रशासन को इन्हें नहीं काटने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान सभी सदस्य और श्रद्धालु हाथों में बैनर लिए चल रहे थे, जिनमें वृक्ष अपने को कृष्ण लीला का साक्षी, शृंगार एवं पहचान कहकर न काटने का अनुरोध कर थे।

इस मौके पर हुई बैठक में राधारमण मंदिर के सेवायत आचार्य श्रीवत्स गोस्वामी एवं संत सेवकशरण महाराज ने कहा कि यमुना पुनः घाटों पर आए, इसके लिए हर ब्रजवासी और संतों को प्रयास करना होगा। महंत फूलडोल बिहारी दास, देवेंद्र चैतन्य, बलराम दास महाराज ने ब्रजवासियों आगे आकर वृंदावन को विनाश से बचाने का आह्वान किया। राजेंद्र अग्रवाल, जगन्नाथ पोद्दार, मधुमंगल शुक्ला एवं केजी गुप्ता ने प्रशासन से वृक्षों को न काटते हुए विकास कार्य करने की मांग की।

इस अवसर पर अनुरागी बाबा, बाबा सुखदेवदास, भागवताचार्य मृदुलकांत शास्त्री, प्रतिभा शर्मा, पद्मनाभ गोस्वामी, चंद्रप्रकाश शर्मा, आचार्य नरेश नारायण, बालकृष्ण गौतम, रामनारायण ब्रजवासी, सुरेशचंद्र शर्मा, जयकिशोर गोस्वामी, अतुल गोयल, निरूपमा, केटी वाल्टर आदि उपस्थित थे।


विश्व पर्यावरण दिवस पर पेड़ न काटे जाने के लिए प्रेरित करते वृंदावन हेरिटेज एलायंस के कार्यकर्ता।



पंचकोसीय परिक्रमा के अस्तित्व पर संकट

जिले के मार्ग पर बने पक्के मकान, चबूतरे

हीलाहवाली : आंखें मूंदे बैठा है पालिका और जिला प्रशासन

मथुरा (AU 2010.06.06)। लगातार अवैध कब्जों से मथुरा का पंचकोसीय परिक्रमा मार्ग संकरा होता जा रहा है। कहीं-कहीं तो कब्जेदारों ने परिक्रमा का रास्ता ही बदल डाला है। आस्था से परिक्रमा देने वालों में आहत दिखाई दे रहे हैं, लेकिन पालिका एवं जिला प्रशासन आंखें मूंदे बैठा हुआ हैं।

मथुरा शहर की १५ किलोमीटर की परिक्रमा में यमुना घाट के अलावा काफी मंदिर भी हैं। इनमें कई पौराणिक स्थल जैसे गोकरण नाथ महादेव, नीलकंठेश्वर महादेव, महाविद्या देवी, रंगेश्वर महादेव, कंकाली देवी, चामुंडा देवी, गायत्री मंदिर आदि पड़ते हैं। इन सभी आराध्यों की परिक्रमा लगाकर भक्त खुद को काफी धन्य महसूस करते हैं, लेकिन लगातार परिक्रमा मार्ग को कब्जा कर लोग श्रद्धालुओं की भावना को आहत करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

परिक्रमा मार्ग में कब्जा करके पक्के मकान खड़े हो चुके हैं। कहीं-कहीं तो पशुओं के लिए लड़ावनी बनाकर पशुओं को बांधकर रास्ते को भी रोक दिया गया हैं। परिक्रमा का रास्ता सकरा होता जा रहा हैं। सरस्वती कुंड, गणेश टीला, श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पीछे मल्लपुरा, यमुना किनारे तक को कब्जा करके भूमाफियाओं ने परिक्रमा मार्ग के रास्ते तक मोड़ दिया हैं। पालिका एवं जिला प्रशासन ने इन कब्जों की सुध आज तक नहीं ली हैं।

भूमाफिया एवं कब्जेदारों को हौसले बुलंद हैं। मल्लपुरा के बाशिंदों एवं वार्ड सभासद रुप सिंह ने कई बार जिला एवं पालिका प्रशासन को मल्लपुरा में हो रहे कब्जे को लेकर शिकायत की, लेकिन उसकी सुध भी नहीं लगी गई। पालिकाध्यक्ष श्याम सुंदर उपाध्याय बिट्टू ने बताया कि उन्होंने कब्जा हटवाने के लिए ईओ को निर्देशित किया है। कार्रवाई नहीं होने से स्थानीय लोगों में काफी उबाल हैं।



मोड़ी जाएगी यमुना की राह

मथुरा (DJ 2010.06.06)। गांव रामपुर, मझौई और औहावा के लोग अब बेफिक्र चादर तान कर सो सकते हैं। तीनों गांवों के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे को टालने की योजना को भारत सरकार की तकनीकी सलाहाकार समिति ने मंजूरी दे दी है। यमुना में समाने के मुहाने पर खड़े तीनों गांवों की तरफ से पत्थर की ठोकर बनाकर जल धारा को मोड़ दिया जाएगा। इस काम पर सात करोड़ रुपये से अधिक का खर्चा होगा।

गांव रामपुर, मझौई और ओहावा यमुना के किनारे पर बसे हुए हैं। करीब डेढ़ दशक पहले यमुना की जल धारा का रुख तीनों गांवों की तरफ हो गया था। धीरे-धीरे हुए भूमि कटान से तीनों गांवों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा। जल स्तर बढ़ने के साथ ही इन गांवों के यमुना में डूबने का खतरा बढ़ता ही चल गया।

गांव रामपुर से करीब पन्द्रह मीटर, मझौई से बीस मीटर और औहावा से दस मीटर की दूरी पर होकर यमुना बह रही है। तीनों गांवों की सैकड़ों बीघा जमीन भी यमुना में समा गई। तमाम परिवारों की जमीन चले जाने से उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया।

बीते साल सिंचाई विभाग ने यमुना में तीनों गांवों को डूबने से बचाने के लिए पत्थर की ठोकर बनाकर जल धारा को मोड़ने की 11.89 करोड़ रुपये की योजना बनाकर शासन को भेजी थी। पहले शासन ने इस योजना पर कुछ आपत्तियां लगाकर वापस कर दिया। सिंचाई विभाग ने इन आपत्तियों को दूर कर सेटेलाइट का नक्शा तैयार कर पुन: शासन को भेज दिया।

शासन ने इसको अपनी मंजूरी के साथ स्वीकृति के लिए भारत सरकार की तकनीकी सलाहाकार समिति को भेज दिया। तकनीकी सलाहकार समिति की 12 मई को दिल्ली में हुई बैठक में योजना को स्वीकृति तो प्रदान कर दी गई, लेकिन साथ ही इसमें कुछ कटौती भी कर दी। तीनों गांवों में अब एक दर्जन पत्थर की ठोकर बनाए जाने के लिए 7.14 करोड़ रुपये दिन जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता रमाकांत रस्तोगी ने भारत सरकार की तकनीकी सलाहाकार समिति की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि योजना पर काम शुरू करने के लिए धनराशि मिलने का इंतजार है। धनराशि मिलते ही इस पर काम शुरू करा दिया जाएगा।

नौहझील प्रतिनिधि के अनुसार बाढ़ की स्थिति पैदा होने पर तीनों गांवों के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है। औहवा के ग्रामीण संदीप और दाऊजी ने बताया कि गांव से यमुना दस मीटर दूर होकर बह रही है। सैकड़ों बीघा जमीन यमुना में समा गई और गांव कभी भी यमुना में डूब सकता है।



गोकुल बैराज : राइजिंग लाइन फिर हुई क्षतिग्रस्त

वृंदावन में पानी की किल्लत, लोगों में रोष
मुसीबत : मुखर्जी पार्क के समीप पेयजल लाइन टूटी
सड़क पर बह गया हजारों लीटर पानी


वृंदावन (AU 2010.06.06)। जल निगम और पालिका की पेयजल लाइन की राइजिंग लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे जहां नगर में पानी की किल्लत शुरू हो गई है। वहीं पानी सड़कों पर बह रहा है। हालात यह हैं कि कई इलाकों में लोगों को एक एक बूंद पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।

मुखर्जी पार्क के समीप जल निगम की पाईप लाइन से पानी बह रहा है। इसके क्षतिग्रस्त होने से गौरा नगर कालोनी, मथुरा गेट, गोविंद घेरा, राधा निवास, अनाज मंडी आदि इलाकों में पालिका के नलकूपों से सप्लाई दी जा रही है, लेकिन यह सप्लाई नाकाफी साबित हो रही है।

वहीं शनिवार की सुबह राधा निवास अंबेडकर पार्क के समीप पालिका की आपूर्ति लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई। इससे काफी देर तक कई फुट ऊंची पानी की बौछार उठती रहीं। लोगों की शिकायत पर कर्मचारियों ने लाइन से सप्लाई को बंद किया।

जल निगम के जलकल अभियंता परशुराम गौतम का कहना है कि गोकुल बैराज लाइन कहीं से भी क्षतिग्रस्त नहीं हुई। अगर शिकायत मिलेगी तो उसे दुरुस्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जल निगम की सभी राइजिंग लाइन ठीक हैं। इधर, नगर पालिका के ईओ एसके शर्मा ने मोबाइल फोन नहीं उठाया।



खनन विभाग की टीम पर हमला, हड़कंप

पुलिस के पहुंचने से पूर्व भागे खननकर्ता
घटनाक्रम : नंदगांव में मिट्टी का खनन रोकने गई थी टीम


कोसीकलां (AU 2010.06.06)। नंदगांव में मिट्टी खनन को रोकने गई खनन विभाग की टीम पर खननकर्ताओं ने हमला बोल दिया। बाद में टीम अपनी जान बचाकर भाग आई।

शनिवार की प्रातः करीब नौ बजे खनन विभाग की टीम पुलिस चौकी के समीप मिट्टी ढोकर ले जा रहे ट्रैक्टर-ट्राली की जांच करनी शुरू कर दी। बताते हैं कि टीम के सदस्य निजी गाड़ी से जांच करने पहुंचे थे। इसलिए किसी को इसका अंदाजा भी नहीं लगा कि जांच करने वाले अधिकारी किस विभाग के हैं।

इसी दौरान टीम के किसी सदस्य ने ट्रैक्टर-ट्राली वाले को डंडा मार दिया। इससे ट्रैक्टर ट्राली वाले आक्रोशित हो उठे और उन्होंने टीम पर हमला बोल दिया। अचानक हमले को देख खनन विभाग की टीम के लोग इधर-उधर दौड़कर जान बचाई। सूचना मिलने पर पहुंची बरसाना पुलिस को मौके पर कोई भी नहीं मिला। बताते चलें कि कोसी क्षेत्र में मिट्टी खनन का काम जोरों पर चल रहा है। क्षेत्र का कोई गांव शायद मिट्टी खनन से अछूता होगा। प्रशासनिक अधिकारियों को मिट्टी ढो रहे ट्रैक्टर दिखाई नहीं दे रहे हैं।



झमाझम बारिश से जलभराव

मथुरा (DJ 2010.06.06)। देर रात शनिवार को हुई झमाझम बारिश से पूरे शहर में जल भराव हो गया। जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से लोगों को दुकानों को बंद कर लौटते समय भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

देर रात हुई झमाझम बारिश से पूरा शहर जल भराव की चपेट में आ गया। नालों की सफाई न होने से स्थिति ज्यादा ही भयंकर हो गई। होली गेट पर पानी ही पानी हो गया। होली गेट अंदर छत्ता बाजार, चौक बाजार विश्राम बाजार क्षेत्र में दुकानों में बारिश का पानी प्रवेश कर गया। घाट किनारे भी पानी भर गया। नये और पुराने बस स्टैंड के समीप वर्ती रेलवे पुल और भूतेश्वर रेलवे पुल के नीचे पानी भर गया। लोगों को रेल पटरी पार कर जाना पड़ा। इससे लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी उठानी पड़ी। वाहन चालक काफी दूर चक्कर काट कर अपने घरों को पहुंचे। भूतेश्वर कंकाली पर पहले से पानी भरा हुआ था, लेकिन बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए। यहां करीब घुटनों तक पानी खड़ा हो गया। तमाम वाहन इसमें फंस गए। शहर में क्वालिटी रोड और डेम्पियर नगर में जल भराव की स्थिति पैदा हो गई। वहीं कई बस्तियों में भी पानी भर जाने से लोगों की दिक्कतें हुई। नाले नालियों के चौक होने से गंदगी सड़कों पर उतर गई। जब लोग अपने कामकाज से घरों को लौटे तो उनको भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। उनकी दिक्कतें तब उस और बढ़ गई, जब विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। शहर अंधकार में डूब गया। इससे पैदल राहगीर गिरते-पड़ते अपने गंतव्य तक पहुंचे।



बरसात से मौसम हुआ खुशगवार

पारसौली में बिजली का तार गिरने से दो मासूम बच्चे झुलस गए
आफत : देहात में अंधड़ से पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए
शहर में देर सायं तेज बरसात से जगह-जगह जलभराव


मथुरा (AU 2010.06.06)। दिन भर उमस के बाद सायं तेज हवाओं के साथ ही बरसात ने मौसम खुशगवार बना दिया। शहर में कई स्थानों पर जलभराव और कीचड़ होने से राहगीर परेशान हो उठे। इधर अंधड़ ने देहात में एक बार फिर उथल पुथल मचा दी। कई स्थानों पर पेड़ उखड़ने तथा बिजली खंभे गिरने आपूर्ति गड़बड़ा गई।

छाता संवाददाता के अनुसार शनिवार को तेज अंधड़ ने क्षेत्र में तबाही मचाई। इस दौरान आसपास के गांवों के टीन, छप्पर उड़ गए। विद्युत पोल और कई पेड़ उखड़ गए। इस दौरान भदावर, खायरा, आजनौठ, पिसावा, करेहला, कमई, सहार, सांखी, नरी सेमरी, नदवारी, अलवाई, छाता, लाड़पुर, पैगांव, दौताना, गोहारी, सेनवा, नौगांव एवं तरौली में कई ग्रामीणों के छप्पर उड़ गए। सैकड़ों पेड़ और विद्युत पोल उखड़ने से विद्युत व्यवस्था चरमरा गई। अंधड़ के बाद वर्षा से कई इलाके जलमग्न हो गए।

सुरीर क्षेत्र के गांव पारसौली में आंधी के चलते टूटे विद्युत तारों की चपेट में आकर घर के बाहर खेल रहा सुभाषचंद्र का चार वर्षीय पुत्र दिवांशु और देवीचरन का इतना ही बड़ा पुत्र भूरा बुरी तरह झुलस गया। अंधड़ ने राया, बल्देव, मांट, शेरगढ़, कोसी, बरसाना, गोवर्धन, फरह आदि क्षेत्रों में भी विद्युत व्यवस्था भंग कर डाली। वृंदावन में भी जोरदार बारिश हुई।

तेज अंधड़ के कारण बिजली विभाग को जनपद की आपूर्ति ठप करनी पड़ी। अंधड़ थमने के दो घंटे के बाद भी कर्मचारी सप्लाई चालू करना भूल गए। इससे लोगों को परेशानी भुगतनी पड़ी। शहर में देर सायं तेज बरसात से कई स्थानों पर जलभराव हो गया जिससे आवागमन ठप्प हो गया।

इसके अलावा बलदेव में भी प्रातः से ही अचानक तेज हवाओं के साथ तेज आंधी के साथ हल्की वर्षा ने मौसम सुहावना कर दिया। प्रातः से ही लेकर देर शाम तक आंधी का सा वातावरण होता रहा है वही हवाओं के साथ में पानी बरसने से गर्मी से राहत मिली। प्रातः चार बजे से ही आयी तेज हवा के साथ हल्के से पानी से सभी नींद से जाग गये और छत्तों पर सो रहे सभी भागने लगे, हल्की वर्षा से गर्मी से राहत मिली। तेज हवा से बिजली के खंभे, तार, होर्डिंग्स, घरों की टीन के उड़ने से नुकसान हो गया। कई स्थानों पर बड़ा हादसा होते होते टल गया।



शमशान में जमासान, खूब चली चिता की लकड़ियां

मथुरा (DJ 2010.06.06)। थाना कोसीकलां अंतर्गत शमशान में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब चिंता पर रखे युवक की पत्‍‌नी अपने मायके पक्ष के कुछ लोग व तीन बच्चों को लेकर वहां जा पहुंची। यहां पर अंतिम संस्कार के दौरान ही मारपीट शुरू हो गई। पुलिस ने मौके पहुंच कर मामला शांत कराया।

हुआ यह कि ओमवीर निवासी कोसीकलां नशे का आदी था। उसकी इस आदत से उसकी पत्‍‌नी परेशान थी। पिछले दिनों ओमवीर की पत्‍‌नी अपने तीन बच्चों को लेकर अपने मायके चली गई। इस बीच ओमवीर की हालत और बिगड़ गई। उसे लाइफ लाइन अस्पताल, आगरा भर्ती कराया। शनिवार को उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।

परिजन शव को कोसी ले आए। बताते हैं कि मृतक की पत्‍‌नी को जानकारी दिए बगैर उसका अंतिम संस्कार करने पहुंच गए। इसकी जानकारी किसी तरह से मृतक की पत्‍‌नी ओमवती को लग गई। फिर क्या था वह अपने मायके पक्ष से कुछ लोगों को लेकर सीधे शमशान जा पहुंची। यहां पर इन लोगों का ओमवीर के परिवारीजनों से कहासुनी हो गई।

इसके बाद दोनों ओर से शमशान में जो भी मिला एक-दूसरे पर दे मारा। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि हमलावरों ने चिता की लकड़ियों का हथियार के रूप में प्रयोग किया। सूचना पर कोसी कलां पुलिस भी शमशान पहुंच गई। ओमवती ने पति के भाईयों पर हत्या करने का आरोप लगाते हुए एक तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।


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