Friday, June 11, 2010

2010-06-12 ब्रज का समाचार

गोवर्धन में कराह उठते हैं परिक्रमार्थी

गोवर्धन (DJ 2010.06.12)। गोवर्धन में गिरिराज महाराज की तलहटी कभी ब्रजरज से सुरम्य लगती थी, पांव रखते ही तन, मन भक्ति में डूब जाता था, लेकिन विकास योजनाएं चली तो सुविधाओं के लिए लेकिन मनमर्जी कार्य चलने से बन गई श्रद्धालुओं के लिए मुसीबत।

जी हां हम बात कर रहे हैं गोवर्धन स्थित गिरिराज धाम की और सात कोस की परिक्रमा मार्ग की। पिछले एक साल से यहां 22 करोड़ की लागत से मानसी गंगा स्वच्छता योजना और परिक्रमा मार्ग के सौन्दर्यीकरण का काम चल रहा है। एक साल में रुक-रुक कर चले निर्माण कार्य को लेकर यहां लगातार मनमर्जी की जा रही है।

इसका खामियाजा भुगत रहे हैं देश के कोने-कोने से आने वाले तमाम श्रद्धालु और स्थानीय लोग। हालात यह है कि सीवर लाइन डालने के बाद सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। दिन भर कार्य चलने के बाद रात को काम बंद कर दिया जाता है, लेकिन दिन में उस मार्ग पर आने वाले यातायात को सुचारू करने के लिए वैकल्पिक मार्ग के संकेत नहीं लगाए जाते।

इससे पैदल राहगीरों और वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। इसके अलावा निर्माण कार्य में किस तरह की गुणवत्ता इस्तेमाल की जा रही है इसको देखने के लिए किसी भी अफसर पर तनिक फुरसत नहीं है। यही कारण है कि आग से सड़क बनती जा रही है और पीछे से चटकती जा रही है। इसकी वजह सीसी सड़क पर पर्याप्त पानी का छिड़काव तक नहीं हो पा रहा है। इससे सड़क की उम्र को लेकर सवाल उठ रहे हैं।



देर रात तक उमड़ते रहे भक्त

भीषण गर्मी भी नहीं डिगा सकी श्रद्धालुओं की आस्था

शनि जयंती : घड़ी की सुइयों के साथ बढ़ती जा रही थी भीड़
पुलिस फोर्स ने कोकिलावन मंदिर में डेरा डाला


कोसीकलां (AU 2010.06.12)। भीषण गरमी भी श्रद्धालुओं की आस्था को नही डिगा सकी। शनि जयंती की पूर्व संध्या पर कोकिलावन में श्रद्धालुओं का उमड़ना शुरू हो गया। सुरक्षा के मद्देनजर एसडीएम और सीओ ने वहीं डेरा डाल दिया।

कोसी से आठ किलोमीटर दूर कोकिलावन धाम में शुक्रवार की रात आठ बजे से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम जारी हो गया, जो देर रात तक बना रहा। श्रद्धालुओं ने कोकिलावन की परिक्रमा करनी शुरू कर दी। घड़ी की सुइयों के साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती जा रही थी।

परिक्रमा मार्ग में पैर रखने को भी जगह शेष नहीं थी। हर किसी को मंदिर पर जल्दी पहुंचने की होड़ मची थी। पूरे मंदिर परिसर को विद्युत की रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया। शनि दरबार को भी फूलों से सजाया गया।

शुक्रवार की शाम दिल्ली की ओर से आने वाली ईएमयू सवारी गाड़ियां श्रद्धालुओं से खचाखच भरी थीं। रेलवे स्टेशन के बाहर सरकुलेटिंग एरिया में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। बाहर खड़े टेंपो, जीप श्रद्धालुओं को भरकर शनिधाम पहुंचा रहे थे। एसडीएम राजपाल सिंह, सीओ बाबूलाल आर्य, कोतवाली प्रभारी ने फोर्स सहित मंदिर में ही डेरा डाल दिया। वह भीड़ को व्यवस्थित करने में जुटे थे। मंदिर के बाहर भंडारे लगाने वाले श्रद्धालुओं ने अपनी अपनी स्टाल सजा दी।

फोटो संख्या २-
कोसीकलां रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार की शाम कोकिलावन जाने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।



खेतों में बढ़ती क्षारीयता को रोकेगा ढैंचा

मथुरा (DJ 2010.06.12)। खेतों में लगातार बढ़ रही क्षारीयता को रोकने का काम ढैंचा करेगा। जिले में लघु सीमांत और अनुसूचित जाति के किसानों को कृषि विभाग हरी खाद के लिए नि:शुल्क बीज देगा। गत दिवस कृषि विभाग को 1800 कुंतल ढैंचा का बीज प्राप्त हो गया। इसको वितरण के लिए ब्लॉक स्तरीय विभागीय गोदामों पर भेजा रहा है।

खारी पानी से लगातार खेतों की सिंचाई किए जाने से भूमि में क्षारीयता बढ़ रही है। रसायनिक उर्वरकों के मनमाने प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर हुई और जीवांश की मात्रा में भी भारी कमी आई है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. एएस गुजैल ने बताया कि ढैंचा का स्वभाव अम्लीय होता है। इसका पीएच मान चार प्रतिशत है। इसकी मूसला जड़ें होती हैं जो मिट्टी को पोली और भुरभुरी बनाती है।

एक हेक्टेयर में ढैंचा की हरी खाद बनाए जाने से सत्तर से अस्सी किलोग्राम तक नाइट्रोजन प्राप्त हो जाती है। उन्होंने बताया कि ढैंचा जमीन की क्षारीयता को कम करने के साथ-साथ उसको ऊसर होने से बचाता है। साथ ही जीवांश कार्बन की मात्रा भी बढ़ जाएगी। खेतों में बढ़ती क्षारीयता को रोकने, उर्वरा शक्ति और जीवांश की मात्रा बढ़ाने के लिए लघु सीमांत और पच्चीस प्रतिशत अनुसूचित जाति के किसानों को नि:शुल्क ढैंचा का बीज दिया जाएगा। प्रभारी जिला कृषि अधिकारी बलवीर सिंह ने बताया कि गत दिवस 1800 कुंतल ढैंचा का बीज प्राप्त हो गया है। इसको वितरण के लिए ब्लॉक स्तरीय बीज गोदामों पर भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि हरी खाद तैयार करने को किसान अभी ढैंचा की बुवाई कर सकते हैं। इसका समय चल रहा है।



नाला निर्माण के दौरान जल निगम के ठेका कर्मी पर हमला

घटना : हमलावरों ने चाकू प्रहार कर घायल किया
बाद में देखने की धमकी देते हुए भाग गए


वृंदावन (AU 2010.06.12)। वृंदावन समग्र विकास योजना में गौरा नगर कालोनी में चल रहे नाला निर्माण के दौरान ठेका कर्मचारी पर स्थानीय लोगों ने हमला बोल दिया। हमलावरों ने चाकू प्रहार कर कर्मचारी को घायल कर दिया। शोर सुनकर मौके पर पहुंचे अन्य कर्मचारियों और लोगों को देख हमलावर बाद में देख लेने की धमकी देते हुए भाग खड़े हुए। इस संबंध में पीड़ित ने कोतवाली में तहरीर दी है।

वृंदावन समग्र विकास योजना के अंतर्गत जल निगम द्वारा इन दिनों गौरा नगर कालोनी में नाला निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए जल निगम ने एटा के एक निजी ठेकेदार को कार्य दे रखा है। इसी कार्य में गुरुवार की रात वृंदावन राधा निवास निवासी नेत्रपाल वाल्मीकि नाला खुदाई का कार्य करा रहा था। इस दौरान गौरा नगर कालोनी निवासी गोली नामक व्यक्ति सड़क से होकर गुजरा। इस बीच नेत्रपाल का कंधा उससे लग गया। इस पर गोली नाराज हो गया। जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज करने लगा।

नेत्रपाल के विरोध करने पर गोली और उसके साथियों ने जेब से चाकू निकालकर नेत्रपाल पर प्रहार किया। चाकू नेत्रपाल के सिर में लग गया। इससे उसका सिर फूट गया। शोर सुनकर पास ही कार्य कर रहे अन्य कर्मचारी और स्थानीय लोगों को आता देख हमलावर भाग खड़े हुए। घटना के संबंध में नेत्रपाल ने कोतवाली में तहरीर दी है। पुलिस ने घायल का चिकित्सीय परीक्षण कराया है।


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