Tuesday, June 1, 2010

2010-06-02 ब्रज का समाचार

वृंदावन प्रोजेक्ट: हरिनिकुंज चौराहे तक वन वे ट्रैफिक लागू होगा!

मथुरा (DJ, June 2, 2010। वृंदावन प्रोजेक्ट में शामिल वृंदावन-छटीकरा मार्ग व नाला निर्माण कार्य में तेजी व आये दिन रास्ता जाम की समस्या से बचने के लिये रमणरेती पुलिस चौकी से हरिनिकुंज चौराहे तक वन वे ट्रैफिक करने का निर्णय लिया जा सकता है। कार्यदायी संस्था के अफसर ने अपनी इस मंशा से जिला प्रशासन के अफसरों को अवगत करा दिया है। एसएसपी से भी वन वे ट्रैफिक लागू करने का आग्रह किया गया है।

छह किमी लंबे वृंदावन-छटीकरा मार्ग पर सीवर लाइन डलने के कार्य में देरी की वजह से निर्माण कार्य बाधित हो रहा है। पहले अतिक्रमण को भी इस कार्य में रोड़ा बताया जा रहा था, लेकिन करीब एक माह पहले आबादी वाले मार्ग से जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटवा दिया। लेकिन सीवर लाइन व सड़क निर्माण कार्य में अपेक्षाकृत तेजी नहीं आयी। सोमवार को आगरा मंडल के कमिश्नर श्री बोबड़े ने इस बारे में अधिकारियों से पूछताछ की तो कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग के साथ ही विकास प्राधिकरण के अफसरों ने सीवर लाइन पड़ने में देरी वजह बतायी। बताया गया कि अक्सर रास्ता जाम हो जाने की समस्या से भी मार्ग निर्माण कार्य में तेजी नहीं आ पा रही। बताते हैं कमिश्नर ने इस मार्ग पर वन वे ट्रैफिक लागू करने पर सहमति जता दी है। इसके बाद कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संतराम ने जिला प्रशासन के अफसरों को अपनी मंशा से अवगत कराते हुये एसएसपी बीडी पाल्सन से रमणरेती पुलिस चौकी से हरिनिकुंज चौराहे तक वन वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू करने का आग्रह किया है। एक्सईएन ने मौके पर कुछ पुलिस फोर्स की तैनाती करने की भी अपेक्षा की है।



गौरा नगर के मकानों में पानी घुसा, दरारें पड़ीं

लोगों ने जल निगम के खिलाफ किया प्रदर्शन
लापरवाही : सीवर लाइन डालने के दौरान पानी की पाइप क्षतिग्रस्त
कालोनी में पीने के पानी की किल्लत हुई, लोग परेशान


वृंदावन (AU, June 2, 2010)। जल निगम द्वारा गौरा नगर कालोनी में सीवर लाइन डालने के दौरान बरती जा रही लापरवाही से मकानों को खतरा हो रहा है। क्षेत्र की पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। इससे जहां क्षेत्र में पानी की किल्लत पैदा हो गई है, वहीं पानी रिसने से कई मकानों में दरारें पड़ गई हैं। लोगों ने जल निगम के खिलाफ प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे पालिका के ईओ ने गेंद जल निगम के पाले में डाल दी है।

गौरा नगर कालोनी स्थित चार संप्रदाय आश्रम के पीछे तार वाली गली में काफी समय से सीवर लाइन डालने का कार्य चल रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ठेकेदार की लेबर द्वारा गड्ढा खोदे जाने के दौरान नगर पालिका की पानी की लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई। इससे गड्ढे में पानी भर गया और धीरे-धीरे मिट्टी बह गई। मिट्टी बहने के कारण कई मकानों की नींव में पानी भर गया। इससे मकानों में दरारें पड़ गईं। वहीं मकानों में भी पानी भर गया।

इधर, पानी की लाइन क्षतिग्रस्त होने से पिछले कई दिनों से क्षेत्र में पानी की किल्लत भी पैदा हो गई है। स्थानीय निवासी सुधा, हेमलता, कंचन, गीता, रंगनाथ, विष्णु मिश्रा, शंकर, मुकेश शिवराम आदि ने बताया कि पिछले कई दिन से लोग गड्ढे में पानी भरने के कारण घरों में कैद होकर रह गए हैं। उनका आरोप है कि कई बार शिकायत के बावजूद जल निगम के अधिकारियों ने मौका मुआयना करना भी जरूरी नहीं समझा। मौके पर पहुंचे पालिका के ईओ एसके शर्मा ने कहा कि लाइन जोड़ने की जिम्मेदारी जल निगम की है।


हरियाणा के राज्यपाल ने गोवर्धन में परिक्रमा लगाई


मथुरा (DJ, June 2, 2010)। हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया ने सपत्‍‌नीक गोवर्धन में जाकर गिर्राज महाराज की परिक्रमा लगाई। परिक्रमा पूरी करने के बाद वह दिल्ली रवाना हो गये। श्री पहाड़िया दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे पहले लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस पर आये। यहां करीब आधा घंटे रूकने के बाद वह वाहनों के काफिले के साथ परिक्रमा लगाने गोवर्धन रवाना हो गये। वाहन में बैठे-बैठे उन्होंने परिक्रमा पूरी की। इससे पहले मथुरा में लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में पत्रकारों ने उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन श्री पहाड़िया ने इंकार कर दिया। एसडीएम सदर राकेश मालपानी पूरे समय उनके साथ बने रहे।

हरियाणा के राज्यपाल ने कार से लगाई गिरिराज परिक्रमा

दानघाटी पर परिवार संग किया दुग्धाभिषेक
मथुरा/गोवर्धन (AU, June 2, 2010)। हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया ने सपरिवार मंगलवार को दानघाटी मंदिर पर दुग्धाभिषेक किया। इसके बाद उन्होंने कार से गोवर्धन परिक्रमा भी लगाई। कांग्रेसियों ने उनका जगह-जगह स्वागत अभिनंदन किया।

राजस्थान से चंडीगढ़ जाते समय हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया मंगलवार को कुछ देर के लिए पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में रुके। यहां कांग्रेसियों ने मनरेगा समिति के चेयरमैन ताराचंद गोस्वामी के नेतृत्व में उनका फूलमालाओं से स्वागत किया। इसके बाद राज्यपाल अपनी पत्नी शांति पहाड़िया एवं पुत्र के साथ गोवर्धन रवाना हो गए। यहां पहुंचकर उन्होंने परिवार के साथ दानघाटी मंदिर में दुग्धाभिषेक किया।

उन्होंने राधाकुंड होते हुए जतीपुरा की कार से परिक्रमा भी लगाई। परिक्रमा के बाद ब्रजेंद्र खंडेलवाल, अचल खंडेलवाल ने उनका पटुका ओढ़ाकर स्वागत किया। यहां राज्यपाल ने जलपान किया। राज्यपाल को मनरेगा समिति अध्यक्ष ताराचंद गोस्वामी, करन सिंह बघेल, मनीष लंबरदार, अंशु कौशिक, जीआर शर्मा, दिनेश दीक्षित कोटवन बार्डर तक छोड़ने गए।


वृद्धाश्रम के शिलान्यास समारोह की तैयारी शुरू

भूमि पूजन और शिलान्यास तीन को
आयोजन : राजबब्बर, रमाशंकर कठेरिया, जयंत चौधरी के आने की संभावना


वृंदावन (AU, June 2, 2010)। बांके बिहारी सेवक संगठन के तत्वावधान में हरिदास बिहारी वृद्ध आश्रम का तीन जून को होने वाले भूमि पूजन एवं शिलान्यास समारोह की तैयारियों पर मंथन के लिए मंगलवार को हरिदास मंदिर प्रांगण में सभा हुई। सभा की अध्यक्षता करते हुए ललित वल्लभ गोस्वामी ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बांके बिहारी सेवक संगठन द्वारा जो हरिदास बिहारी वृद्ध आश्रम को बनाने का बीड़ा उठाया है, उसमें किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि इसमें भजन एवं साधना करने वाले वृद्धों को ही रखा जाएगा। कार्यक्रम संयोजक प्रहलाद वल्लभ गोस्वामी ने बताया कि वृद्धा आश्रम का निर्माण मोतीझील स्थित क्षेत्र में पूरा होगा तथा यहां का भक्तिमय वातावरण वृद्ध भक्तों को वृंदावन से जोड़ेगा।

उन्होंने बताया कि वृद्ध आश्रम का शिलान्यास तीन जून को सायं चार बजे सुखदा भक्ति आश्रम के निकट मोतीझील पर होगा। उन्होंने बताया कि शिलान्यास समारोह में संत-महंतों के अलावा फीरोजाबाद के सांसद राज बब्बर, आगरा के सांसद रमाशंकर कठेरिया और मथुरा के सांसद जयंत चौधरी के आने की संभावना है। इस अवसर पर पूर्व सभासद मुकेश गौतम, प्रहलाद दास अग्रवाल, आचार्य नवल बिहारी गोस्वामी, गोविंद शर्मा, बिट्ठल चौहान आदि उपस्थित थे।
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हरिदास बिहारी वृद्ध आश्रम के शिलान्यास समारोह की तैयारी पर चर्चा करते आयोजक।


यमुना कार्ययोजना: नोडल अफसर का निरीक्षण रहा बेमानी

मथुरा (DJ, June 2, 2010। यमुना कार्ययोजना की स्थिति इसलिए भी बदतर है कि अफसरों के निरीक्षण भी दिखावटी ही रह गए हैं। वरना क्या मजाल कि नोडल अधिकारी निरीक्षण करके हिदायतें दें और एक महीने तक उस पर अमल ही न हो।

यमुना कार्ययोजना के नोडल अधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) ने ठीक एक माह पहले दोनों एसटीपी समेत नालों, यमुना और सीवेज पंपिंग स्टेशनों का निरीक्षण किया। उन्हें बाढ़ पुरा एसपीएस पर छह में चार पंप ही ठीक मिले थे, जबकि एक बड़ा व एक छोटा पंप खराब था। सिल्ट से नाला इस कदर अटा हुआ था। बंगाली घाट एसपीएस पर चार में से तीन पंप खराब थे। मसानी पंप पर एक बड़ा पंप व जनरेटर खराब था। एसपीएस का चैनल सिल्ट से अटा पड़ा था। इसी तरह दोनों एसटीपी भी गंदे पानी का शोधन नहीं कर रहे थे।

एक माह बाद स्थिति नहीं बदली। प्रदूषण कारी उद्योगों में ईटीपी (Effluent Treatment Plant) संचालन की मानीटरिंग नजर नहीं आ रही। अधिकांश इकाइयां इन्हें चला ही नहीं रहीं, जिससे यमुना में विषाक्त रसायन घुल रहे हैं। दिसंबर 09 में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को एक सप्ताह के अंदर ईटीपी व सीटीपी (Chemical Treatment Plant) संचालन संबंधी जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश तत्कालीन नोडल अधिकारी ने जारी किए थे, लेकिन मामले में क्या कार्यवाही की गयी।

कार्ययोजना के आरंभ में तय किए गए कई बिंदुओं पर तो अब तक अमल नहीं हुआ है। चांदी उद्योग के लिए शहर बाहर जगह आवंटित करने की कार्यवाही अभी तक जिला प्रशासन स्तर पर लंबित है। दो साल पहले एक बार फिर से इसकी फाइल चली थी, फाइल तो अवैध कंट्टी घर को स्थान दिलाने की भी चली थी, लेकिन विप्रा उपाध्यक्ष इसमें कोई नतीजा नहीं दे सके।


यमुना प्रदूषण मुक्ति के लिए करेंगे आंदोलन

पांच से आंदोलन की करेंगे शुरुआत : बाबा

आक्रोश : सरकारी कार्यशैली पर नाराजगी जताई


वृंदावन (AU, June 2, 2010)। दिनोंदिन बद से बदतर होती यमुना की हालत को लेकर चिंतित स्वामी मोहनानंद लाल बाबा द्वारा यमुना प्रदूषण मुक्ति के लिए पांच जून से आंदोलन की शुरूआत की जाएगी।

लालबाबा द्वारा अब यमुना प्रदूषण मुक्ति के लिए पांच जून से अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे। आंदोलन के माध्यम से वह नगर पालिका एवं एनजीओ संस्थाओं की कार्यशैली से भी जनमानस को अवगत कराएंगे। संत मोहनानंद बाबा ने डीएम को लिखे पत्र में बताया कि उनके द्वारा अपर जिलाधिकारी को ५८ पन्नों में साक्ष्य उपलब्ध कराकर अपने बयान दर्ज करा जांच दल भेजे जाने की मांग की, लेकिन यह जांच प्रक्रिया सिर्फ कागजों में ही सिमटकर रह गई है।

उन्होंने बताया कि उनका यमुना को स्वच्छ कराने के लिए पत्राचार तकरीबन छह मास से चल रहा है, पर प्रशासनिक अमले द्वारा यमुना शुद्धि को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

यमुना में बढ़ते प्रदूषण से चिंतित लाल बाबा ने पत्र में कहा कि वह अब यमुना प्रदूषण मुक्ति के लिए पांच जून से २१ जून तक आंदोलन करेंगे। उनके अनुसार यह आंदोलन यमुना के विभिन्न घाटों, श्मशान भूमि, केशीघाट, खपाटिया घेरा के अलावा लखनऊ और दिल्ली में भी चलाया जाएगा। इसके माध्यम से वह यमुना को शुद्ध कराने के लिए प्रयास करेंगे साथ ही नगर पालिका एवं एनजीओ द्वारा यमुना के नाम पर लिए जा रहे लाभ के संबंध में लोगों एवं उच्चाधिकारियों को अवगत कराएंगे।


पारे ने फिर भरी उछाल

मथुरा (DJ, June 2, 2010। तापमापी पर पारा एक बार फिर उछाल भरने लगा है। मंगलवार को जिले में औसत तापमान ने दो डिग्री सेल्सियस से अधिक की छलांग लगाई और पारा 44.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। 45.7 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ शहरी क्षेत्र सबसे अधिक गर्म रहा।

पिछले दिनों बूंदाबांदी के बाद पारा नीचे लुढ़क आया था और गर्मी से राहत भी मिली। मौसम के साफ होते ही सूरज भी आग बरसाने लगा है। तापमापी पर पारे ने उछाल भरना शुरू कर दिया है। आईसीटी/सीएफटी के थर्मामीटरों पर मंगलवार को औसत तापमान 42.3 डिग्री सेल्सियस से छलांग लगाकर 44.9 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। दोहपर में निकली तेज धूप असहनीय रही। शहर में तापमान 44.8 डिग्री से बढ़कर 45.7 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। मांट में 45 डिग्री, फरह में 45.5 डिग्री, नौहझील में 45.6 डिग्री, राया में 44.8 डिग्री, बलदेव में 44.5 डिग्री, छाता में 45 डिग्री, नंदगांव में 44.2 डिग्री, चौमुहां में 44.3 डिग्री और गोवर्धन में 45.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। गर्मी ने एक बार फिर अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। दोपहर में निकलने पर एक बार फिर धूप से शरीर में जलन का अहसास किया जाने लगा है। सहायक विकास अधिकारी कृषि रक्षा केएल वर्मा ने बताया कि तापमान बढ़ गया है और उच्च तापक्रम पर धान की नर्सरी डालने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।


दबाव में सिंचाई विभाग के अफसर

मथुरा (DJ, June 2, 2010। गंगा-यमुना में पानी की कमी ने सिंचाई विभाग के अफसरों के पसीने छुड़ा रखे हैं। शासन का अफसरों पर दबाव है कि टेल तक पानी पहुंचाए और तालाब भरवाएं। मगर नहरों में इतना पानी नहीं आ रहा है कि दोनों काम हो जाए। दरअसल में मेरठ से ही पानी में कटौती की जा रही बताई गई है।


धान की नर्सरी को नहीं मिलेगा पर्याप्त पानी

मथुरा (DJ, June 2, 2010। गर्मी की मार से नहर और रजवाहे भी नहीं बच पा रहे हैं। नहरों को भरपूर पानी न मिल पाने से वे रजवाहों की भी प्यास नहीं बुझा पा रही हैं। हालत ये है कि अधिकांश रजवाहे सूखे पड़े हुए हैं। ऐसे में आगरा कैनाल और मांट ब्रांच से किसानों को धान की नर्सरी डालने के लिए जरुरत भर का पानी नहीं मिल पाएगा। हैड भाग के किसान तो जोड़-तोड़ कर काम चला लेंगे, लेकिन टेल हिस्से के खेत प्यासे ही रहेंगे।

धान की रोपाई के लिए पौधे तैयार करने को नर्सरी डालने का वक्त आ गया है। लेकिन किसानों को पानी की समस्या सता रही है। मांट ब्रांच ने देहरा हैड पर 2000 क्यूसेक पानी की मांग की थी, लेकिन मंगलवार को 750 क्यूसेक पानी ही मिल पाया। निचली मांट ब्रांच खंड गंगा नहर की सीमा बालनपुर तक आते-आते पानी 550 क्यूसेक ही रह गया। बालनपुर पर प्राप्त पानी में से 250 क्यूसेक पानी पड़ोसी जनपद हाथरस की नहरों के संचालन के लिए आवंटित कर दिया गया है। 210 क्यूसेक पानी हरनौल स्केप के माध्यम से यमुना में मथुरा-आगरा की पेयजल आपूर्ति के लिए डाला जा रहा है। शेष करीब 90 क्यूसेक पानी निचली मांट ब्रांच खंड गंगा नहर में चल रहा है। भीषण गर्मी में जल हानि भी अधिक बढ़ गई है। बताया गया है कि निचली मांट ब्रांच खंड गंगा नहर का कोई भी रजवाह फिलहाल नहीं चल पा रहा है। यही स्थिति आगरा कैनाल लोअर खंड तृतीय की है। शेषाई पर 1500 क्यूसेक पानी की मांग की गई थी, लेकिन 700 क्यूसेक पानी ही उपलब्ध हो पाया। सहायक अभियंता लोअर खंड तृतीय अमर सिंह ने बताया कुछ पानी अड़ीग सिस्टम दिया जा रहा तो शेष पानी आगरा के किसानों को सिंचाई के लिए दिया जा रहा है। जिले में पड़ने वाले खंड के रजवाह नहीं चल पा रहे हैं।


मनरेगा में जिले का लेबर बजट जटा

मथुरा (DJ, June 2, 2010)। बीते साल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में आवंटित बजट का 69 फीसदी हिस्सा ही व्यय हो पाने का नतीजा चालू वित्तीय वर्ष में जिले का लेबर बजट घटने मंन दिखाई दिया है। इस साल रोजगार परक योजना में मजदूरी मद में 30.62 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं। वित्तीय वर्ष के शुरुआती दो महीनों में लक्ष्य से अधिक मानव दिवस सृजित करने के लिए शासन में संयुक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक की पीठ थपथपाई गई है।

गुजरे वित्तीय वर्ष भारत सरकार की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जिले में कराये गये कामों को लेकर अफसरों की जान सांसत में रही। मजदूरों को जॉब कार्ड न मिलने, उनकी मजदूरी का भुगतान न होने एवं योजना के कामों में जेसीबी के इस्तेमाल आदि की शिकायतों के निस्तारण में अफसर पूरे साल चकरघिन्नी रहे। इन हालात में जिले में आवंटित लेबर बजट के करीब 45.87 करोड़ रुपये में से 28.76 करोड़ ही पूरे साल में व्यय हो पाए। यहां यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि आवंटित लेबर बजट में जिले को 41.54 करोड़ रुपये ही मिल पाए थे।

बीते साल पूरा लेबर बजट न खप पाने के चलते चालू वित्तीय वर्ष के लिए केन्द्र ने इस मद में 30.62 करोड़ रुपये ही आवंटित किये हैं। यह पैसा किस्तों में मिलना शुरू हो गया है, पर योजना के काम मार्च के अंत में शेष रह गये 15.83 करोड़ से जारी रहे। इस साल मई महीने तक मनरेगा में पांच करोड़ 48 लाख रुपये लेबर बजट में व्यय किये जा चुके हैं। इस पैसे से तीन करोड़ 81 लाख मानव दिवस सृजित किये गये हैं, जबकि निर्धारित लक्ष्य तीन करोड़ 29 लाख मानव दिवस का था। अप्रैल व मई महीने में योजनांतर्गत 11 हजार से कुछ अधिक परिवारों को रोजगार दिया गया है।

सेटेलाइट के कैमरे में कैद होने लगी मामूली सी आग

फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया ने डेवलप किया सेटेलाइट इमेजनरी सिस्टम
सहूलियत : हर डीएफओ के मोबाइल पर आ रहे अग्निकांड के एसएमएस
१४ मई से एक जून तक मथुरा में आठ अग्निकांड की सूचना मिली


मथुरा (AU, June 2, 2010)। देश में कहीं भी जरा सी चिंगारी निकली नहीं कि सेटेलाइट तत्काल उसे अपने कैमरे में कैद कर कंप्यूटर के स्क्रीन पर डाल रहा है। सेटेलाइट की मदद से अब फायर ब्रिगेड को आग की सूचना पाने में बड़ी मदद मिलने जा रही है। इससे धन और जनहानि रोकने में सहायता मिलेगी।

यह कमाल कर दिखाया है फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया ने। उसके देहरादून स्थित मुख्यालय को सेटेलाइट इमेजरी सिस्टम से जोड़ दिया गया है। ये सिस्टम कुछ ही देर में वन्य अफसरों तक आग लगने की सूचना पहुंचाने लगा है। १७ दिन पूर्व शुरू हुए इस सिस्टम से मथुरा जनपद में अब तक दर्जनभर अग्निकांड पता चले चुके हैं। यही नहीं, अन्य जिलों को भी अग्निकांड की सूचनाएं मिलने लगी हैं।

दरअसल, जंगल में आग लगने की जानकारी देरी से मिलने के कारण वन विभाग को जब-तब मुश्किलों से दो-चार होना पड़ता था। इससे निपटने के लिए वन विभाग ने सेटेलाइट इमेजरी सिस्टम की मदद ली। अब चुटकियों में पता लग रहा है कि आग कहां लगी है। आग लगते ही तत्काल एसएमएस से संबधित जिले के वन विभाग को सूचित किया जा रहा था।

१४ मई से फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के मुख्यालय ने इस सेवा का विस्तार किया। अब सेटेलाइट के जरिए पूरे देश में आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग हो रही है। जहां भी गैर वन क्षेत्र में अग्निकांड हो रहे हैं, वहां के वन विभाग के डीएफओ को फारेस्ट सर्वे आफ इंडिया एसएमएस के जरिए सूचना दे रहा है। एसएमएस में अग्नि प्रभावित क्षेत्र की दिशा और अग्निकांड का टाइप अंकित रहता है। सेटेलाइट एक मीटर वर्गाकार में कहीं भी लगी आग को कैमरे में कैद कर कंप्यूटर पर भेजने में सक्षम है।

मथुरा में सेटेलाइट के जरिए १४ मई से एक जून तक आठ अग्निकांड डिटेक्ट किए जा चुके हैं। ये अग्निकांड १४ से १७, २४ से २६, २८ मई के अलावा एक जून को हुए हैं। प्रभागीय वन निदेशक मथुरा केएल मीना ने एसएमएस से वन और शहरी क्षेत्र के अग्निकांड की पड़ताल में मदद मिली है।

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