Saturday, June 19, 2010

2010-06-20 ब्रज का समाचार

भागवत में सभी वेद और उपनिषदों का सार
सुदामा कुटी में सप्ताह का आयोजन शुरू
धर्म : गाजे-बाजे के साथ निकाली शोभायात्रा
श्रीमद्भागवत के अध्ययन से मिलता है चैन


वृंदावन (AU 2010.06.20)। सुदामा कुटी में आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में व्यासपीठ से नारायण दास महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत के अध्ययन एवं श्रवण से व्यक्ति निश्चित ही भगवत परायण बनता है। भागवत कथा व्यक्ति को शांति और समाज को क्रांति देने वाला ग्रंथ है।

उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत एक ऐसा ग्रंथ है, जिससे परम सत्य की अनुभूति, काल के भय से मुक्ति और भगवत्प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत भगवत् तत्व का एक ऐसा प्रकाश पुंज है, जो अपने प्रत्येक व्यक्ति का जीवन मंगलमय बनाता है। इससे पूर्व श्रीमद्भागवत शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई कार्यक्रम स्थल पर जाकर समाप्त हुई।

इसके बाद समारोह का शुभारंभ पंडित इंदूभूषण रामायणी ने भगवान श्रीकृष्ण के चित्रपट के समक्ष दीप-प्रज्वलन, भागवत महापुराण और कथाव्यास का पूजन कर किया। इंदुभूषण रामायणी ने कहा कि श्रीमद्भागवत भगवान श्रीकृष्ण की वागंमय स्वरूप है। यह ग्रंथ भगवान श्रीकृष्ण के मुख से ही निःसृत है। इस ग्रंथ को पंचम वेद माना गया है। सुदामा कुटी के संरक्षक महंत भगवानदास महाराज ने कहा कि भागवत रससिंधु है, क्योंकि इसमें समस्त वेदों और उपनिषदों का सार है।

इस अवसर पर महंत सुतीक्ष्ण दास महाराज, कल्पना यादव, अशोक यादव, डा. गोपाल चतुर्वेदी, महंत जगन्नाथ दास, महंत फूलडोल बिहारीदास, भरतलाल शर्मा आदि उपस्थित थे।

फोटो-पी-२ - वृंदावन के सुदामकुटी में श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ अवसर पर आयोजित समारोह में उपस्थित संतगण।



चरण पहाड़ी पर पेड़ कटते देख वन अफसर खफा

मथुरा (DJ 2010.06.20)। बठैन में स्थित पौराणिक स्थल चरण पहाड़ी से काटे गए पेड़ों को देखकर वन विभाग के अधिकारियों की त्यौरी चढ़ गईं। विभाग अब आरोपियों के खिलाफ मुकदमें की तैयारी कर रहा है।

विदित हो कि चरण पहाड़ी आश्रम से रास्ते के मामले को लेकर ग्रामीणों ने दर्जनों पेड़ काट डाले थे। किसी को भी पुराने फलदार एवं छायादार वृक्षों पर तरस नहीं आया और उन्हें कटवा दिया। मामला प्रकाश में आया तो विभाग ने टीम भेजकर मामले की जांच कराई। जहां वे बड़े स्तर पर काटे गए पेड़ों को लेकर हैरान रह सके।

धार्मिक स्थल से बड़े पैमाने पर हुए वृक्षों के कटान को लेकर वन विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए हैं। कोसी रेंज के अधिकारियों ने जागरण को बताया कि वाकई आश्रम से आरोपियों ने दर्जनों पेड़ों को काट डाला है। जिसकी कोई परमीशन भी नहीं ली गई थी। पेड़ों की लकड़ियों के बंदरबांट को लेकर मामला सामने आया है।

विभाग फिलहाल इस जांच में जुटा है कि पेड़ काटने वाले एवं उनकी लकड़ियों को ले जाने वाले कौन थे। इस मामले में विभाग द्वारा आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। आरोपियों की सूची बनाई जा रही है।

वहीं वन विभाग के हरकत में आने के बाद आरोपियों ने विभाग पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए ग्रामीण विभाग के दफ्तर पर भी पहुंच बताए। वहीं बढ़ते मामले को लेकर गांव में भी पंचायतों का दौर जारी है।

उधर पुलिस ने फिलहाल इस मामले में किसी भी प्रकार की तहरीर आने से इंकार किया है। पुलिस ने कहा कि अगर मामला थाने आया तो कार्रवाई होगी।



सारसों की गणना के लिए कंट्रोल रूम खोला


मथुरा (DJ 2010.06.20)। प्रदेश में सारसों की गणना का काम एक साथ रविवार को किया जाएगा। गणना दो चरणों में पूरी होगी। वन विभाग ने पचास टीमें बनाई है। कंट्रोल रूम की भी स्थापना की गई है। विभाग ने इसमें ग्रामीणों का भी सहयोग मांगा है।

जंगलों में सारसों की संख्या पता करने के लिए प्रदेश में एक साथ इनकी गिनती का काम शुरू किया जाएगा। वन विभाग ने इसकी पूरी तैयारियां कर ली है। दो-दो सदस्यीय पचास टीमों का गठन किया गया है। प्राकृतिक प्रेमियों और ग्रामीणों से भी इस काम सहयोग मांगा गया है। इसके लिए वन विभाग कार्यालय में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है।

क्षेत्र में सारस होने की जानकारी कंट्रोल रूम के नम्बर 2470294 पर दी जा सकती है। ग्रामीणों से जानकारी मिलने पर तत्काल टीम मौके पर पहुंच जाएगी। प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी डॉ. केएल मीणा ने बताया कि सुबह छह से साढ़े सात और शाम को पांच से साढ़े सात बजे के बीच संभावित स्थानों पर टीम पहुंच कर सारसों की गिनती करेंगी।



राज्य पक्षी सारस की गणना आज, तैयारी पूरी

वन विभाग ने अफसरों की ५० टीमें बनाईं
इंतजाम स्थापित किया गया कंट्रोल रूम
पक्षी प्रेमियों से फोन पर मदद मांगी


मथुरा (AU 2010.06.20)। प्रदेश भर में राज्य पक्षी सारस की गणना २० जून होगी। वन विभाग ने मथुरा मुख्यालय पर कंट्रोल रूम स्थापित किया है। गणना के दौरान डिजिटल कैमरे से सारस की फोटोग्राफी की भी व्यवस्था की गई है।

सारस की गणना के लिए मथुरा में ५० टीमें तैयार की गई हैं। हर टीम में विभाग के दो सदस्य हैं। ग्रामीण भी इन टीमों में रखे गए हैं। विभागीय कर्मचारियों के अलावा एनजीओ, प्रकृति प्रेमी एवं ग्रामीणों को भी काउंटिंग पर

लगाने का निर्णय लिया गया है।

टीमों को कंट्रोल रूम के नंबर २४७०२९४ पर सारस की लोकेशन से लेकर अन्य जानकारियां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। प्रभागीय वन निदेशक केएल मीणा ने बताया कि गणना के दौरान सारसों की डिजिटल कैमरे से फोटोग्राफी की व्यवस्था भी की गई है। सभी टीमों को रेंजवार लक्ष्य दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि गणना सुबह छह बजे से साढ़े सात बजे तक तथा सायं पांच से साढ़े सात बजे तक कराई जाएगी। उन्होंने प्रकृति प्रेमियों से गणना में मदद देने को कहा है।



कोसीकलां: पैसा है तो मिलेगा पानी

कोसीकलां (DJ 2010.06.20)। अगर आप गरीबी में और मजदूरी कर परिवार पालते हैं तो आपका कोसीकलां नगर में रहना बड़ा मुश्किल है। वजह कोसीकलां में अगर आपकी जेब में पैसा है तो पानी मिलेगा, अगर नहीं तो नहीं। पालिका के उन टैंकरों का इंतजार करना होगा जब अपनी मनमर्जी से आते हैं और जब वे चाहें पानी लाते हैं। ऐसे में समय पर पानी लेना है तो इस हाथ पैसा दो और उस हाथ पानी लो। यही कारण है कि उद्योगों के नगर में पानी भी एक बड़े उद्योग के रूप में तैयार हो गया है।

जनता की इस भीषण और हैरान करने वाली समस्या की ओर किसी ने अभी तक ध्यान नहीं दिया और जनता है कि हर चुनाव में मीठे पानी के इंतजाम होने की सुन पिघल जाती है और चुन देती है अध्यक्ष और सभासद।

किसी ने सोचा नहीं था कि पानी लीटर के भाव खरीदकर पीना पड़ेगा। एक-एक बूंद पानी का हिसाब किताब लगाना पड़ेगा। लेकिन यहां तो जिदंगी के काफी वर्ष टैंकरों से पानी खरीद कर पीते-पीते गुजर रहे हैं। टैंकर और ड्रमों के साथ ही केन बिकते हैं। असल में पानी की एक बूंद की कीमत कितनी होती है यह पूछना हो तो जरा कोसीकलां वासियों से पूछिये। यहां अगर टैंकर पानी लेकर जरा सी देर कर ले तो लगता है कि पानी नसीब नहीं होगा। कहावत है जल ही जीवन है। लेकिन नगर के वाशिंदों को व्यवस्थाओं के अभाव में हर रोज इस जीवन के लिए जंग सी लड़नी पड़ रही है। वायदा करने वाली नगर पालिका भी पुराने ढर्रे से उबरना नहीं चाहती है। करीब एक लाख की आबादी मात्र आधा दर्जन नलकूपों के भरोसे पर है। बाकी शेष भी खारी पानी होने के कारण लोग इसे अन्य घरेलू कामों में प्रयोग कर रहे हैं। पानी के लिए तरसती जनता के लिए नगर पालिका प्रशासन अभी तक कोई कोई ठोस उपाय नहीं ढूंढ सकी है।

नगर में पिछले डेढ़ दशक से चला आ रहा पानी का संकट यथावत है। चुनाव हुए, उनमें वायदे हुए और पानी की स्थिति पर कोई ध्यान नहीं है। लेकिन समस्या वहीं की वहीं है। पेयजल का संकट आज भी नगर में सुरसा के मुंह की तरह फैलता जा रहा है। नगर पालिका द्वारा किए गए पानी के हर इंतजाम जवाब दे गए। जिससे व्यवस्था पुराने हाल से भी बदतर हो गई है। वर्तमान में नगर की आधी से अधिक आबादी पेयजल के लिए दिन रात के चैन को गंवाए बैठी है।

नगर पालिका के जल अनुभाग के अनुसार नगर में अब तक करीब दर्जन भर से नलकूप तैयार हो चुके हैं। लेकिन उनमें से पांच नलकूप ही पानी से जनता की प्यास बुझा रहे हैं। पालिका द्वारा लगाए गए राम नगर स्थित वाटर व‌र्क्स, हाइवे, गोपाल बाग व निकासा मोहल्ले की ओर लगे नलकूप ही सही कार्य कर रहे हैं। लेकिन ये नलकूप उस समय सफेद हाथी साबित होते हैं जब विद्युत समस्या आती है। चूंकि नगर पालिका द्वारा अभी तक नलकूपों के लिए जनरेटर की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इससे पानी की आपूर्ति विद्युत आपूर्ति पर आधारित होकर रह गई है।




आसमान फिर हुआ लाल

मथुरा (DJ 2010.06.20)। आसमान से फिर आग बरसने लगी है। पिछले तीन दिन में पारा तीन डिग्री चढ़कर शनिवार को 43 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। आने वाले बहत्तर घंटे में आंधी व गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।

चार दिन पहले तक चल रहा सूरज और बादलों के बीच लुकाछिपी का खेल खत्म हो गया है। फिलहाल आसमान साफ है और सूरज की किरण सीधे पृथ्वी पर पड़ रही है। तापमापी पर पारा फिर उछाल भरने लगा है। कृषि संभागीय परीक्षण एवं प्रदर्शन केंद्र राया की वैधशाला पर तीन दिन में पारा तीन डिग्री सेल्सियस चढ़ गया। शनिवार को पारे ने एक साथ दो डिग्री सेल्सियस की छलांग भरी और यह 41 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर 43 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।

न्यूनतम तापमान में भी एक डिग्री की वृद्धि हुई। 25 डिग्री से बढ़कर 26 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। आर्द्र ता 50 से 54 प्रतिशत के बीच बनी हुई है। पारा चढ़ने के साथ ही एक बार फिर कान्हा की नगरी भीषण गर्मी की चपेट में आ गई है। सूरज चढ़ते ही धूप असहनीय हो जाती है और दोपहर की धूप बर्दाश्त क्षमता से बाहर हो गई है। दुपहिया वाहनों पर चलने में बदन झुलस रहा है। भीषण गर्मी में विद्युत कटौती लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रही है। दोपहर में बिजली गुल हो जाने से लोग घरों में उबल रहे हैं।



वृक्ष बढ़ाएंगे किसानों की आमदनी

मथुरा (DJ 2010.06.20)। अभी तक खेती के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य, मुर्गी पालन और औद्यानिक फसलें कराकर किसानों की आमदनी बढ़ाये जाने के प्रयास किए जा रहे थे। अब पौधे रोप कर किसानों की आमदनी बढ़ाने काम किया जाएगा। इसके लिए चार प्रजातियों के पचास हजार पौधे खेतों लगवाने का काम वन विभाग करेगा।

कृषि विविधीकरण परियोजना में परंपरागत खेती से हटाकर पशुपालन, मुर्गी, मत्स्य पालन के साथ औद्यानिक फसलें कराकर किसानों की आमदनी बढ़ाने की कवायद की जा रही है। अब सरकार ने वृक्षों से किसानों की आमदनी बढ़ाने की योजना तैयार की है। किसानों के खेतों पर सागौन, सेमल, पॉपुलर और आंवला के वृक्ष तैयार कराए जाएंगे। पहले चरण में पचास हजार पौधे लगाए जाने की योजना है। डीएफओ डॉ. केएल मीणा ने बताया कि गोवर्धन, मथुरा, कोसी, बलदेव और मांट रेंज में दस-दस हजार पौधे चारों प्रजातियों के रोपे जाएंगे। पौधे की कीमत किसानों को ही चुकानी पड़ेगी। वन विभाग केवल पौधे उपलब्ध कराकर उनको रोपने का काम कराएगा। उन्होंने बताया कि इमारती लकड़ियों में सागौन की लकड़ी को बेहतर माना गया है। करीब बीस साल में इसकी लकड़ी तैयार हो जाएगी। माचिस और लकड़ी के हल्के आयटम बनाने में सेमल और पॉपुलर की लकड़ी काम आएगी। सेमल दस और पॉपुलर छह साल में तैयार हो जाएगा। आंवला से किसानों को फल मिलेगा। आंवला तीन चार साल में तैयार हो जाएगा। इन वृक्षों को तैयार करने में किसानों की फसलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। डीएफओ ने बताया कि किसानों ने इसमें सहयोग दिया तो इसका दोहरा फायदा होगा। किसानों की आमदनी में इजाफा तो होगी ही साथ ही पर्यावरण भी शुद्ध होगा।



चेन तोड़तीं चार महिलाएं पकड़ीं

कोकिलावन में श्रद्धालुओं ने पुलिस के हवाले किया
बुरी फंसी : पकड़ी गई स्नेचिंग गिरोह की महिलाओं में मां-बेटी भी
आधा दर्जन श्रद्धालुओं की चेन और पर्स पार कर दिए

कोसीकलां (AU 2010.06.20)। कोकिलावन धाम में शनिदेव की परिक्रमा करने आए आधा दर्जन श्रद्धालुओं की चेन और पर्स पार हो गए। वहीं श्रद्धालुओं ने सतर्कता बरतते हुए चेन स्नेचिंग गिरोह की चार महिलाओं को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पकड़ी गई महिलाओं में मां-बेटी भी हैं।

दिल्ली निवासी शकुंतला पत्नी रामप्रकाश सोनी शनिवार की तड़के चार बजे शनिदेव मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना कर रही थीं। इसी दरम्यान चेन स्नेचिंग गिरोह की एक महिला ने उनकी चेन खींच ली। जिस समय महिला चेन खींच रही थी, उसको वहां बैठे पुजारी ने देख लिया और शोर मचा दिया। तभी महिला को पकड़ लिया। महिला की मदद से गिरोह की तीन अन्य सदस्यों को भी पकड़ लिया। एक सदस्य जंजीर लेकर भाग जाने में सफल रहा। पुलिस पकड़ी गई महिलाओं को थाने ले आई, जहां उनसे पूछताछ की।

पकड़ी गई महिलाओं ने अपने नाम जैंत निवासी माया पत्नी पप्पू, कमलेश पुत्री पप्पू, पिंकी पत्नी विजेंद्र और सोनी पुत्री राहुल बताया। पुलिस ने बताया कि माया एवं कमलेश मां-बेटी हैं। वे पूर्व में भी कई बार पकड़ीं जा चुकी हैं। पुलिस ने चारों का चालान कर दिया।

एक अन्य मामले में कोकिलावन दर्शन करने आए बल्लभगढ़ निवासी सुभाष पाल की जेब को जेब कटों ने उनकी जेब में रखे आठ सौ रुपये एवं एटीएम कार्ड पार कर दिए। वहीं बल्लभगढ़ निवासी सुरेश पाल एवं हथीन निवासी मोहित कुमार की जेब को भी साफ कर दिया।



संसार में पिता से बढ़कर कोई शुभचिंतक नहीं

पापा को गिफ्ट देकर आज मनाएंगे फादर्स-डे
सुकून : पिता की बात को मानकर मिलती है तसल्ली


मथुरा (AU 2010.06.20)। फादर्स-डे (२० जून) पर अपने पिता के आदर्श अपनाने के लिए संकल्प लेने का दिन है। पिता के बताए मार्ग पर चलकर कामयाबी मिलना आसान ही नहीं, बल्कि दिल को सुकून भी हासिल होता है। कई बार उनकी बताई बातों से बड़ी समस्याओं का समाधान चुटकियों में हो जाता है। इसीलिए लोगों का मानना है कि संसार में पिता से बढ़कर कोई मार्गदर्शक और शुभचिंतक नहीं है।

टैक्स एक्सपर्ट अभिषेक गर्ग ने अपने पिता से प्रेरित होकर वकालत का पेशा चुना। वह बताते हैं बचपन से ही उन्हें अपने पापा का प्रोफेशन भाता था। पापा का क्लाइंटों को समझाने का तरीका, अफसरों से जिरह और अपने पक्षकार के लिए जी-जान एक कर देने का जज्बा उन्हें प्रेरित करता था। उनके पिता अधिवक्ता रमेश गर्ग भी अपने बेटे के कार्य करने के तौर-तरीके से खुश है।

युवा उद्यमी प्रतुल अग्रवाल ‘अलंकार’ का कहना है कि उनके पिता किशन स्वरूप एलन विद्युत विभाग में इंजीनियर हैं। एक भाई आईएएस और एक डॉक्टर है। इसके बावजूद उन्होंने आटा उद्योग को अपनाया। पिता ने समय-समय पर साथ दिया, मार्गदर्शन मिला और कामयाबी कदमों में आ गई। पिताजी के बताए मार्ग पर चलकर दिल को तसल्ली मिली है।

पापा हैं रॉल मॉडल
मथुरा (AU 2010.06.20) । इंटर की परीक्षा में ९६ प्रतिशत अंक हासिल करने वाली शताक्षी गर्ग के पिता वेटरिनरी विश्वविद्यालय में डीन एसके गर्ग है। शताक्षी का कहना है कि पापा के विश्वास ने ही पढ़ाई में सफलता और करिअर चुनने की आजादी दी है। वहीं, ९५.४ प्रतिशत अंक हासिल करने वाली श्रद्धा सक्सेना भी अपने पापा डा. सत्यमित्र को ही रॉल मॉडल मानती हैं। फादर्स-डे पर वो अपने पिता को गिफ्ट देने की तैयारी कर रही हैं।

वो दुनिया में नहीं है फिर भी साथ
मथुरा। बचपन में ही पिता का साया सिर से उठने के बाद भी संजय पाठक ने हार नहीं मानी। भाई ने पिता के फर्ज पूरा किया। पहले पढ़ाई की और अब बाजना में बोर्डिंग स्कूल का संचालन कर रहे हैं। फादर्स-डे के बारे में पूछे जाने पर उनकी आंखें भर आईं। उन्होंने कहा कि पापा पास नहीं हैं, फिर भी हमारे साथ हैं। मां सरोज पाठक से पापा के बारे में सुनकर बहुत अच्छा लगता है।

फादर्स-डे पर गिफ्ट
  • फोटो फे्रम, सीनरी और धार्मिक तस्वीर
  • रिस्ट वॉच, ब्रासलेट तथा लॉकेट
  • धार्मिक पुस्तकें, टी-शर्ट, शेविंग किट
  • डिजिटल डायरी, लैपटॉप स्टैंड

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