Tuesday, June 22, 2010

2010-06-23 ब्रज का समाचार

मथुरा में पुर्नजन्म की अजब कहानी

मथुरा (DJ 2010.06.23)। सुरीर कस्बे से करीब छह वर्ष पूर्व सड़क दुर्घटना में मौत का शिकार हुए युवक के पुर्नजन्म होने का मामला प्रकाश में आया है। खैर के समीप गांव दरकन नगरिया में जन्मे एक बालक ने पूर्व जन्म में टैंटीगांव का सोनू होने की बात कहीं और टैंटीगांव आकर अपने परिजनों को भी पहचान कर सभी हैरान कर डाला।

खैर के समीप स्थित गांव दरकन नगरिया में ओम चौधरी की पत्नी श्रीमती राधा ने करीब पांच वर्ष पहले एक बालक को जन्म दिया। जिसका नाम उन्होंने गौरव चौधरी रखा। धीर-धीरे बालक जब बड़ा होने लगा तो उसकी बातें सुन-सुनकर परिजन चकरा जाते थे।

यह बालक अपने आप को टैंटागांव का सोनू उर्फ यतेन्द्र पुत्र अशोक कुमार शर्मा बताते हुए कहता था कि उसकी मौत दुर्घटना में हो गयी थी और टैंटीगांव में उसके माता-पिता, बहन व पत्नी रहते हैं और टैंटीगांव जाने की जिद करता था।

आखिरकार ओम चौधरी अपने भाई मलिखान सिंह के साथ इस बालक को लेकर सोमवार को टैंटीगांव पहुंचे तो यह बालक आगे-आगे चलकर अशोक कुमार शर्मा के घर में घुस गया और उनको अपना पिता कहते हुए लिपट गया। इतना ही नहीं, इस बालक ने अपनी मां रजनी शर्मा, बहन कुसमलता एवं पत्नी को भी पहचान लिया।

यह बालक घर के कमरों में ऐसे घूमता फिरा कि वह सब कुछ जानता है। इस बालक के सोनू होने की बात सुनकर टैंटीगांव में उसे देखने के लिए लोगों का अशोक कुमार के घर तांता सा लग गया।

इस बालक ने पूछने पर तमाम बातें बताई, लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण बालक घबराने लगा। इसके कारण उसे कमरे में आराम करने के लिए सुला दिया। बाद में टैंटीगांव के अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि करीब 6 वर्ष पूर्व उनके बेटे सोनू की मांट के समीप सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी। उसके द्वारा पूर्व जन्म की बातें बताने से विश्वास हो गया है कि मेरे बेटे का पुर्नजन्म गौरव के रूप में हो गया है। इस बालक को टैंटीगांव में सोनू के रूप में ही देखा जा रहा है। हालांकि बालक को लेकर ओम चौधरी अपने घर वापिस चले गये हैं, लेकिन एक पुर्नजन्म की चर्चा लोगों में छिड़ गयी है।



अभिमान पतन का कारण : डा. मनोजमोहन

वृन्दावन (DJ 2010.06.23)। गांधी मार्ग स्थित श्रीनाथ धाम में आयोजित दिव्य श्रीराम कथा के अवसर पर व्यासपीठ से प्रवचन करते हुए मानस राजहंस डा. मनोज मोहन शास्त्री ने मंगलवार को कहा कि विद्या अहंकार रहित होकर प्राप्त करनी चाहिए। रामजी ने जो विद्या प्राप्त की उसने समाज को नई दिशा प्रदान की। श्री शास्त्री ने कहा कि विश्वामित्र जब दशरथ जी के पास राम, लक्ष्मण को मांगने गये तो दुखी मन से उन्होंने कहा कि अब आप ही इनके पिता हैं। श्रीराम ने अनेकों राक्षसों का वध किया। फिर धनुष यज्ञ में पधारे। श्री शास्त्री ने कहा कि सीताजी की विदाई के समय सभी श्रोताओं को अश्रुपात हो रहा था।



सुदामा चरित्र सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु

वृन्दावन (DJ 2010.06.23)। सत्य, नम्रता व त्याग यह तीन गुण जिसके भी जीवन में हों वह संत से भगवंत बन जाता है। निष्काम संत और प्रभु भक्त के आत्ममिलन से होने वाले सत्संग की कथा, समाधि से युक्त साधक के लिए सदा मोक्ष प्रदायिनी होती है।

वृन्दावन के गोविंद घेरा स्थित साक्षीगोपाल परिसर में अखिल भारतीय श्री पंच झाड़िया निर्मोही अखाड़ा प्राचीन सिंहपौर हनुमान मंदिर के साकेतवासी महंत लालदास महाराज के ब्रज रज प्राप्ति महोत्सव पर आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ में व्यासपीठ से महंत मदनमोहन दास महाराज ने सुदामा चरित्र का बखान करते हुए कहा कि भागवत में श्री राधारानी तथा परम भक्त सुदामा जी का नाम वैसे ही अदृश्य है जैसे दूध में घी।

भक्त के जीवन में जहां से तृष्णा समाप्त होती है वहीं उसे उसके मन-मंदिर में श्रीकृष्ण की भक्ति का शुभारंभ होता है। उन्होंने कहा कि श्री सुदामा जी दरिद्र न होकर परम संतोषी, सत्संगी विप्र थे। श्रीकृष्ण की प्रेरणा रूपी धर्म परायणा पत्नी सुशीला ने पतिदेव सुदामा जी को द्वारिकानाथ के पास जाने का निवेदन किया तो सुदामा जी ने कहा कि देवी! यदि तुम किसी कामना से मुझे मेरे सखा श्रीकृष्ण के पास भेजना चाह रही हो तो मैं कदापि नही जाऊंगा। पर यदि तुम मुझे श्रीकृष्ण दर्शन की कामना से प्रेरित कर रही हो तो मैं वहां अवश्य जाऊंगा। उन्होंने कहा कि प्रभु का विस्मरण ही विपत्ति है तथा स्मरण ही सम्पत्ति है।



गर्मी से डिहाईड्रेशन के मरीजों की संख्या बढ़ी

अस्पतालों में मरीजों की लगी कतार
सलाह : चिकित्सकों ने अधिक पानी पीने की दी सलाह


वृंदावन (AU 2010.06.23)। भीषण गर्मी के कारण डिहाईड्रेशन से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। नगर के अधिकतर अस्पतालों में मरीजों की भरमार हो गई हैं। मरीजों में उल्टी, दस्त, बुखार एवं पेट दर्द की शिकायत मिल रही है। मरीजों में अधिकतर बच्चे और वृद्ध देखे जा सकते हैं।

भीषण गर्मी और बढ़ते तापमान के कारण नगर में बीमारियों ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। नगर के अस्पतालों में अधिकतर बेड भरे हैं। पिछले तीन दिनों से बढ़ी गर्मी की तपिश के कारण स्थानीय रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम में मरीजों की संख्या में यकायक बढ़ोत्तरी हुई है। अस्पताल के सभी जनरल एवं प्राइवेट वार्ड भी मरीजों से भरे पड़े है। मरीजों में अधिकतर कम उम्र के बच्चे और वृद्ध हैं। वहीं सरकारी हैजा अस्पताल में भी मरीजों की संख्या में दिनोंदिन बढ़ोत्तरी हो रही है। नगर के प्राइवेट अस्पताल एवं नर्सिंग होम में भी मरीजों की भीड़ देखी जा सकती है।

इस बारे में सरकारी हैजा अस्पताल के मेडिकल आफीसर पीयूष चौबे का कहना है कि हर वर्ष मौसम बदलने पर यह रोग फैलते हैं। लोगों को गर्मी से बचना चाहिए। उनके अनुसार उल्टी, दस्त एवं बुखार से ग्रसित पीड़ितों को दवा देकर बीमारी को नियंत्रण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीमारी से बचने के लिए धूप में न निकलें और अगर निकलें भी तो चेहरे को पूरी तरह से ढककर ही निकले। उन्होंने कहा कि डिहाईड्रेशन से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें।



पारे से पसीना-पसीना हुए किसान

मथुरा (DJ 2010.06.23)। भीषण गर्मी एवं बढ़ते पारे ने किसानों के दिल की धड़कन बढ़ा दी है। एक पखवाड़े पूर्व आसमान में घिरे बादलों को देखकर धान की रोपाई की तैयारी में जुटे किसान अब परेशान हैं। नर्सरी भी झुलस रही है। बरसात में देरी अगेती रोपाई के रास्ते में रोड़ा बन सकती है।

पिछले कई दिनों से तापमान के तेवर कुछ ज्यादा ही तीखे नजर आ रहे हैं। आसमान की ओर से आदमी व पशु पक्षियों से लेकर फसलें भी झुलस रही है। बढ़ते पारे ने धान की तैयार हो रही नर्सरी पर भी प्रभाव डाला है। किसानों के अनुसार भीषण गर्मी के कारण नर्सरी झुलस रही है। जिसके लिए हर रोज सिंचाई की आवश्यकता पड़ रही है।

किसानों ने बताया कि यदि इस समस्या से जल्द छुटकारा नहीं मिला तो नर्सरी की ऊपर से कटाई की आवश्यकता पड़ सकती है। चूंकि अगेती रोपाई करने वाले किसानों की पिछले पखवाड़े से ही पूरी तैयारी थी।

आसमान में छाए बादलों के बरसने के इंतजार में वे रुके हुए थे। किसान वैज्ञानिकों की मानसून के बारे में की जा रही भविष्यवाणी को लेकर चल रहे थे। लेकिन मानसून की धीमी पड़ी रफ्तार ने किसानों के सारे गणित को बिगाड़ दिया है।

किसानों ने बताया कि अगर जल्द बरसात नहीं हुई तो अगेती खेती करने वाले किसानों पर इसका काफी प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि मौसम विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा जताई जा रही 25 जून तक मानसून के यूपी में पहुंचने की संभावना से किसानों को थोड़ी राहत मिली है। लेकिन तापमान के तेवरों ने उनकी धड़कनों को बढ़ा रखा है।



सूरज हुआ लाल, जीना हुआ मुहाल

मथुरा (DJ 2010.06.23)। जून माह के उत्तरा‌र्द्ध में सूरज की चढ़ती त्योरी आम जनमानस ही नहीं पशु-पक्षियों के लिये भी परेशानी का कारण बन गयी है, ऊपर से उमस भरी गर्मी ने हाल-बेहाल कर दिया। तापमान एक डिग्री सेंटीग्रेड बढ़ कर 47 पर पहुंच गया। इसके चलते आग उगलते सूरज की तपिश से लोगों के बदन जलने लगे हैं।

पिछले कुछ दिनों से सूरज के तेवर तल्ख होते जा रहे हैं। यही कारण है कि सूरज की त्योरी के चढ़ने से आम जन कराह उठा है। मंगलवार को अगर तापमान की बात करें तो एक डिग्री चढ़ गया है। प्रात: से ही उमस भरे वातावरण में लोगों को दिक्कतें होने लगी, हालात ये रहे कि शरीर से पसीना सूखने का नाम नहीं ले रहा था, तो बेचैनी बढ़ रही थी। ज्यों-ज्यों दिन निकलता गया सूरज की तपिश ने लोगों का घरों से निकलना बंद करा दिया। जरुरत मंद लोग ही सड़कों पर नजर आ रहे थे। बदन को झुलसा देने वाली तपिश ने जीना मुहाल कर दिया, तो पशु-पक्षी भी अकुला उठे।

कृषि संभागीय परीक्षण एवं प्रदर्शन केन्द्र राया के तापमापी ने सूरज की त्योरी को पढ़ा तो वह कल से दो डिग्री ऊपर यानि 45 डिग्री मापा गया, न्यूनतम तापमान 28 डिग्री तो आद्रता 41 डिग्री रही। वहीं दूसरी ओर आईसीटी के तापमानी ने भी एक डिग्री बढ़ते हुए 47 डिग्री मापा। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि सूर्य की तपिश ने आमजनों को व्याकुल कर दिया।

सड़कों पर तो लोगों को जला देने वाली गर्मी का सामना करना पड़ा। हालत ये थे कि घर हो अथवा ऑफिसों में लगे कूलर की बात क्या करें एसी भी साथ छोड़ गये, लोगों को लग ही नहीं रहा था कि एसी चल रहे हैं। देहातों में गर्म हवाओं के थपेड़ों ने और हालत खराब करके रख दी। उमस के कारण लोगों ने बच्चों के अलावा परिवारी जनों को नीबू की शिकंजी ग्लूकोज का सेवन कराया, ताकि बीमारी से बचा जा सके।



सियासी पचड़े में कोसी गोवर्धन रोड का निर्माण

मथुरा (DJ 2010.06.23)। कोसीकलां से नंदगांव व बरसाना होते हुए गोवर्धन जाने वाले मार्ग के प्रोजेक्ट को केंद्र द्वारा अस्वीकृत किए जाने से क्षेत्र वासी काफी आहत है। क्षेत्रीय लोग इस रुकावट के पीछे राजनीति का द्वंद करार दे रहे हैं।

कोसीकलां-गोवर्धन मार्ग ब्रज के सबसे व्यस्ततम मार्गो में शुमार है। हर माह इस मार्ग से लाखों श्रद्धालु यात्रा करते हैं। वहीं इस मार्ग पर छाता एवं गोवर्धन विधान सभा के तमाम गांव जुड़े हुए हैं। पड़ौसी राज्य राजस्थान की सीमा की सीमा भी जुड़ी हुई है। लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी इस मार्ग की हालत सुधारे नहीं सुधर पा रही है।

पहले तो पीडब्ल्यूडी का उदासीन रवैया ही इस मार्ग की दुर्दशा को सुधारने में रोड़ा रहा, लेकिन जब विभाग ने प्रयास किया तो इसके प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने खामियों के कारण वापस लौट दिया। ऐसे में निर्माण की उम्मीद एक बार फिर ओझल हो गई, इस मार्ग की विडम्बना को लेकर स्थानीय लोग परेशान हैं।

ग्रामीण विजय सिंह कहते हैं कि कई दशक गुजर गए और कई नेताओं का नेतृत्व भी बदल गया। लेकिन इस कोसी-गोवर्धन मार्ग के हालात कभी नहीं बदल पाए। उन्होंने बताया कि इस मार्ग के घटिया हाल का उनके एवं उनके बच्चों के जीवन पर बुरा असर पड़ रहा है। जिसकी शासन प्रशासन अनदेखी कर रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि इस मामले में राजनीति हो रही है। राजनीति में श्रेय लेने के चक्कर में ही यह प्रोजेक्ट केन्द्र ने वापस कर दिया है।

इस मार्ग से अक्सर निकलने वाले खजान सिंह कहते हैं कि जर्जर हाल के चलते इस मार्ग के किनारे बसें गांवों में रहने वाले लोग ज्यादातर धूल जनित रोगों से प्रभावित हैं। मसलन लोग दमे एवं टीबी की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। वे कहते हैं कि जब किसी गांव तक पहुंचने के रास्ते ही घटिया होंगे तो फिर उसके विकास का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

इस पर भी राजनीतिक दांव पेंच अपनाकर इसे राजनीति का अखाड़ा बनाया जाता रहा है। जो कि जनता के साथ अन्याय है। कोसी से राजस्थान की यात्रा के लिए बस में यात्रा करने वाले राहगीर विनोद चंदेल का कहना है कि उनकी अगर मजबूरी न होती तो वे यहां आना कतई पसंद नहीं करते। वे हैरान है कि यहां की इस वर्षो पुरानी समस्या को नेता सुलझा नहीं पाए हैं।



तालाब पर पानी पीने जाती पशु को ट्रक ने रौंदा

मथुरा (DJ 2010.06.23)। खारे पानी की समस्या से जूझ रहे गांव नगला मौजी के एक पशु पालक को गांव से दूर तालाब पर पशुओं को पानी पिलाने की कीमत भैंस की जान देकर चुकानी पड़ी। कस्बा सुरीर के समीपवर्ती गांव नगला मौजी में खारे पानी की समस्या विगत कई वर्षो से चली आ रही है। गांव में पीने लायक पानी न होने से ग्रामीण पीने का पानी दूर से भरकर लाते हैं। ऐसे ही पशुओं को भी पानी पिलाने के लिए गांव से काफी दूर तालाब पर ले जाते हैं।

मंगलवार को रोजाना की तरह गांव नगला मौजी निवासी सीताराम पुत्र हरीशंचद्र अपने पशुओं को पानी पिलाने के लिए गांव से करीब दो किमी. दूर बिजलीघर के समीप स्थित तालाब पर ले गया, जहां पशुओं का पानी पिलाने के बाद उन्हें लेकर वापिस लौट रहा था, तभी राया-नौहझील मार्ग पर सड़क पार करते समय टैंटीगांव की ओर से आ रहे ट्रक ने एक भैंस में टक्कर मार दी। इससे भैंस की मौके पर ही मौत हो गयी। दुर्घटना के बाद चालक ट्रक को भगा ले गया, जिसका कहीं पता नहीं चल सका। पीड़ित ने कोतवाली में भी सूचना दी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।



उड़नखटोले से विदा कराके लाया दुल्हन

गोवर्धन में उतरने से पूर्व हेलीकाप्टर से लगाई गिरि परिक्रमा
अजबगजब : दुल्हन महज १२ किमी दूर डीग के गांव सावई की
नायाब क्षणों को नजरों में कैद करने उमड़ पड़ा हुजूम
भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने किया लाठीचार्ज


गोवर्धन (AU 2010.06.23)। शाहजहां ने बेगम मुमताज को ताजमहल गिफ्ट कर दांपत्य जीवन में चार चांद लगा दिए थे, तो गोवर्धन के एक युवक ने अपनी दुल्हन को हेलीकाप्टर से विदा करा कर लाने के पलों को यादगार बना दिया। इन नायाब क्षणों को नजरों में कैद करने को दुल्हन के गांव व दूल्हे के यहां हुजूम उमड़ पड़ा।
मथुरा के गोवर्धन कस्बे में मंगलवार प्रातः जो कुछ भी हुआ, वह स्थानीय लोगों के लिए एक यादगार पल बन गया। जिले के बड़े-बड़े उद्योगपति और नामी-गिरामी लोगों को पीछे छोड़ते हुए कस्बे का उत्साही तुलसी केशोरैया अपनी दुल्हन को हेलीकाप्टर से लेकर आया। फाइनेंस कार्य में लगे रवि कैशोरया का पुत्र तुलसी अपनी दुल्हन राजकुमारी को वास्तव में राजकुमारी की तरह राजस्थान के गांव सावई (डीग) से उड़नखटोले से विदा कराकर लाया।

दुल्हन का गांव सावई गोवर्धन से मात्र १२ किमी दूर डीग क्षेत्र में है। हेलीकाप्टर इस गांव से महज पांच मिनट में गोवर्धन आ गया। सेवन सीटर हेलीकाप्टर में वर-वधू के अलावा वर की तीन बहनें और पिता बैठकर आए। गोवर्धन में उतरने से पूर्व हेलीकाप्टर से ही परिक्रमा भी लगाई गई। वधू के गांव में भीड़ ज्यादा एकत्रित हो गई। वहां तीन बार पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा।

एक सपने के सच होने जैसा
राजकुमारी ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी विदा हकीकत में किसी राजकुमारी की भांति होगी। बीए कर रहीं राजकुमारी का ख्वाब था कि कोई राजकुमार आए और उनको राजसी ठाठ-बाट के साथ हेलीकाप्टर में विदा कर ले जाए। अपने इस सपने को पूरा करने का श्रेय वह अपने पति तुलसी को देती हैं और उनके इस कदम से वह काफी खुश हैं। दुल्हन राजकुमारी ने अमर उजाला को बताया कि यह सब एक सपने के सच होने जैसा है। खुशी व्यक्त करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं।

दूल्हे ने दादा की तमन्ना पूरी की

दूल्हे तुलसी केशोरैया ने बताया कि उनके दादा गोपीनाथ की इच्छा थी उनके नाती की दुल्हन उड़नखटोले में विदा होकर घर की चौखट चढ़े। यह उनकी यह तमन्ना पूरी की गई है।

एक लाख रुपये से अधिक हुआ खर्च

दुल्हन को हेलीकाप्टर से विदा कराने के लिए एक लाख रुपये से अधिक खर्च हुए। भरतपुर जिले में लंबे समय के बाद अपने आप में इस तरह का यह पहला ही मामला सामने आया है।

बाराती तो दावत खाकर सोमवार रात ही गिर्राजजी के परिक्रमा मार्ग से निकल गए। मगर दूल्हा और उसके पिता गांव में ही रुक गए और मंगलवार प्रातः दिल्ली से आए हेलीकाप्टर से गोवर्धन के लिए रवाना हुए। इस संबंध में रवि के शूरिया ने पिछले दिनों भरतपुर के डीएम कार्यालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। इसके आधार पर उसे हेलीकाप्टर लाने की मंजूरी मिली। इस हिसाब से प्रशासन के अलावा सरकारी तंत्र ने भी व्यवस्थाएं कीं। गांव में पीडब्ल्यूडी द्वारा हेलीपेड का निर्माण कराया गया। पुलिस फोर्स भी लगाया गया। प्रातः लगभग आठ बजे दिल्ली से एक निजी कंपनी का हेलीकाप्टर ग्राम सावई में आया तो इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। आधा घंटा तक हेलीकाप्टर खड़ा रहा। बाद में रवि कुमार उसका पुत्र तुलसीराम और पुत्रवधू राजकुमारी इस पर सवार होकर अपने घर के लिए रवाना हुए।



कान्हा की नगरी में भीषण गंदगी

मथुरा (DJ 2010.06.23)। मथुरा पालिका के कामकाज का ढर्रा किसी से छिपा नहीं है। मानसून आने को है लेकिन पालिका अभी तक शहर के अधिकांश नालों की सफाई नहीं करा पाई है। अधिकतर नाले अभी भी गंदगी से अटे पड़े हैं। अगर किसी नाले की सफाई हो भी गई है तो अभी तक सिल्ट नहीं उठवाई गई है। नाले के सहारे पड़ी सिल्ट हवा के साथ घरों में घुस रही है। ऐसी स्थिति में शहर को नरक बनने से कोई नहीं बचा पायेगा। नये बस स्टैण्ड रेलवे पुल की बात तो छोड़िए। यहां तो बिन बरसात ही पानी भर जाता है।

शहर में वनखंडी से लेकर सुभाष नगर तक नाले से करीब एक पखवाड़ा पहले निकली सिल्ट अभी घरों के सामने ही पड़ी है। हवा का झोंका चलने पर धूल घरों में पहुंचती है। जबकि अंतापाड़ा नाला अभी भी सिल्ट से लबालब है। यहां सिल्ट निकालने की अभी शुरूआत भी नहीं हुई है। इतना ही नहीं मंगलवार को नये बस स्टैंड रेलवे पुल के नीचे बिन बारिश के जलभराव हुआ। भूतेश्वर-सौंख रोड और बीएसए कालेज से लेकर भूतेश्वर के समीप तक सड़क किनारे लंबे समय से पानी भरा हुआ है।

जिलाधिकारी डीसी शुक्ल ने मई माह में नगर पालिका के ईओ आदि अफसरों की बैठक बुलाकर 31 मई तक सभी नालों की सफाई का कार्य पूरा करा देने के निर्देश दिये थे। लेकिन नगर पालिका प्रशासन पर इसका असर नहीं हुआ। मंडी समिति से भूतेश्वर की ओर आने वाले नाले हों या देवनगर से नये बस स्टैंड की आने वाला नाला। बीएसए कालेज के पीछे का नाला हो या कंकाली के आसपास का। सभी सिल्ट से लबालब हैं।

अंतापाड़ा नाला तो पूरी तरह सिल्ट से भरा पड़ा है ही, आसपास की नालियों तक की महीनों से सफाई नहीं हुई है। इन नालों की सफाई कब तक पूरी नहीं हो पायेगी। लेकिन इतना तय है कि इनकी सफाई नहीं हुई तो ये बारिश की शुरूआत के बाद शहरी जनता पर कहर ढाएंगे। घरों में पानी भरेगा। अंबेडकर कालोनी के लोग तो अभी से बारिश की शुरूआत के बाद अंजाम को सोचकर परेशान हैं।



कार्बन डाईआक्साइड में कमी बड़ी उपलब्धि

जायजा : केंद्रीय पेट्रोलियम सचिव का रिफाइनरी दौरा
देश में पेट्रोलियम उत्पाद आपूर्ति में अहम योगदान


मथुरा (AU 2010.06.23)। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय भारत सरकार के सचिव एस.सुंदरेशन ने मथुरा रिफाइनरी के गैस टरबाइन के लिए प्रयुक्त फामी कूलर का उद्घाटन किया।

सोमवार को सचिव सुंदरेशन ने न्यू यूनिट कंट्रोल रूम तथा वहां इकॅलाजीकल पार्क का भ्रमण कर वहां वृक्षारोपण किया। उन्होंने एनवार्यनमेन्टल पार्क देखकर कहा कि यहां का हरा भरा विकसित पार्क एवं उसमें चिड़ियों का समूह अपने आप में स्वच्छ पर्यावरण का संदेश दे रहा है। इस मौके पर हुए कार्यक्रम में रिफाइनरी उच्च प्रबंधन एवं अधिकारियों से पेट्रोलियम सचिव ने कहा कि उनका मथुरा रिफाइनरी का दौरा एक सुखद अनुभव रहा। मथुरा रिफाइनरी देश में पैट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति में अपना शानदार योगदान दे रही है।

निदेशक रिफाइनरीज बी.एन बंकापुर ने मथुरा रिफाइनरी चालू होने के आरंभिक वर्षों के दौरान इसकी ताजमहल से नजदीकी होने के कारण पर्यावरणीय कठिनाईयों की चर्चा की। कार्बन डाईआक्साइड का स्तर पर्याप्त रूप से कम हुआ है। रिफाइनरी की शोधन क्षमता ६ मिलियन टन वार्षिक से ८ मिलियन टन वार्षिक हुई। दोनों अधिकारियों के समक्ष मथुरा रिफाइनरी के वित्तीय कार्य निष्पादन, परियोजना एवं अन्य उपलब्धियों पर आधारित प्रस्तुतीकरण किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन में कार्यकारी निदेशक जेपी गुहाराय ने किया।

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