कभी भी चलाया जा सकता है अतिक्रमण हटाओ अभियान
सख्ती : नगरपालिका प्रशासन ने चिह्नांकरण कार्य शुरू कियाविद्यापीठ से हरिनिकुंज चौराहे तक लगाए लाल निशान
वृंदावन (AU 2010.06.16)। वृंदावन समग्र विकास योजना के अंतर्गत सड़क चौड़ीकरण में बाधक अतिक्रमणों को हटाने के लिए तीसरे चरण के अभियान की शुरुआत विद्यापीठ चौराहे से होगी। इसमें विद्यापीठ चौराहे से हरिनिकुंज चौराहे तक सड़क चौड़ीकरण में बाधक भवनों को ध्वस्त करने की योजना है।
इसके लिए मंगलवार को नगरपालिका प्रशासन ने इस मार्ग पर अतिक्रमण हटाने से पूर्व चिह्नांकन कार्य शुरू किया। पालिका के निर्माण विभाग के जेई ऋषिपाल सिंह के निर्देशन में कर्मचारियों द्वारा विद्यापीठ से हरिनिकुंज चौराहे तक मार्ग पर दुकानों और मकानों पर लाल निशान लगाए गए। निशान लगने के बाद लोगों में हड़कंप है। जेई ऋषिपाल ने बताया कि हरिनिकुंज चौराहे के बाद से पालिका की सीमा प्रारंभ हो जाती है। इस कारण जिला प्रशासन के आदेश मिलने के बाद मार्ग चौड़ीकरण से पूर्व पैमाइश कर ली गई थी। मंगलवार को चिह्नांकन शुरू कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि विद्यापीठ चौराहे पर सबसे कम मार्ग चौड़ा होने के कारण वहां दस फीट, इसके बाद आठ और चार फीट अतिक्रमण होने के चिह्न लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि लोग स्वयं ही अतिक्रमण हटा लें। जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। देर शाम पालिका प्रशासन द्वारा लोगों को तीन दिन का समय देते हुए मनादी भी कराई गई। इस अवसर पर पालिका के निर्माण विभाग के लिपिक पवन शर्मा सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
फोटो-पी-१ : वृंदावन के हरिनिकुंज मार्ग पर लाल निशान लगाता पालिका का कर्मचारी।
वृंदावन में बनेंगे गरीबों के लिए एक हजार मकान
अफसरों ने सीवेज कृषि फार्म भूमि को सहीं मानायोजना : कांशीराम गरीब शहरी आवास योजना के लिए भूमि का निरीक्षण किया
वृंदावन (AU 2010.06.16)। कांशीराम गरीब शहरी आवास योजना के अंतर्गत वृंदावन में लगभग एक हजार नए मकान बनाए जाने की योजना हैं। इस संबंध में जिले के आला अधिकारियों ने मंगलवार को वृंदावन सीवेज कृषि फार्म का स्थलीय निरीक्षण किया।
सोमवार को हुई बैठक में डीएम द्वारा अधीनस्थों को कांशीराम आवास योजना के अंतर्गत मकान बनाए जाने के लिए भूमि चिह्नित कर उसका ब्यौरा विप्रा को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। इस प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाते हुए मंगलवार को एसडीएम सदर राकेश मालपानी और विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता राकेश भाई ने वृंदावन सीवेज कृषि फार्म की भूमि को योजना के क्रियान्वयन के लिए अनुकूल बताया। इसके बाद अधिकारियों ने पालिकाध्यक्ष पुष्पा शर्मा से वृंदावन में भूमि देने के लिए बोर्ड प्रस्ताव पारित करने को कहा।
एसडीएम सदर राकेश मालपानी ने बताया कि कांशीराम गरीब शहरी आवास योजना के अंतर्गत एक हजार मकान बनाए जाने की योजना है। इसके लिए पालिका से भूमि लेकर योजना को पूर्ण कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पालिका प्रशासन से भूमि आवंटन के बारे में बातचीत हो गई है। वह इसे आगामी बोर्ड में प्रस्ताव रखेंगे। इस अवसर पर कानूनगो सदर सपन भारद्वाज, लेखपाल रघुवीर सहित पालिका कर्मी भी उपस्थित थे।
नारी हमेशा से पूजनीय : साध्वी ऋतंभरा
पंद्रह दिवसीय व्यक्तित्व विकास शिविर का समापनवृंदावन (AU 2010.06.16)। दीदी मां साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि आज का समय नारी को घर में बैठने का नहीं, पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का है। वे वात्सल्य ग्राम में आयोजित १५ दिवसीय व्यक्तित्व विकास शिविर के समापन अवसर पर बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी हमेशा से पूजनीय रही है। बिना नारी के लिए कोई भी कार्य पूरा नहीं हो सकता।
इस अवसर पर मैनपुरी जिला पंचायत अध्यक्ष सुमन यादव ने कहा कि वात्सल्य ग्राम में आयोजित व्यक्तित्व विकास शिविर में बालिकाओं ने प्रशिक्षण ग्रहण किया है, उससे प्रत्येक देश की बालिकाओं का मार्गदर्शन होगा। डूडा की परियोजना निदेशक अंजू सिंह ने कहा कि बदलते परिवेश में नारी जाति ने अपनी महत्वाकांक्षाओं को साकार कर आदर्श के जो नए आयाम स्थापित किये हैं, वह अनुकरणीय है।
इससे पहले साध्वी ऋतंभरा एवं स्वामी महेशानंद सरस्वती ने मां भारती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया। इसके बाद प्रशिक्षार्थियों ने घुड़सवारी, धनुष विद्या, रायफल शूटिंग, दंड प्रदर्शन, जूडो-कराटे, पीटी, पिरामिड के प्रदर्शन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस अवसर पर संजय भइया, साक्षी चेतना, साध्वी चेतन सिंधु, श्यामजी गुप्त, जयभगवान अग्रवाल, महेश खंडेलवाल, पूरनचंद्र अग्रवाल, कर्नल एसके पालीवल, आरके बाली, प्रसेन्न राप्तन, बालकृष्ण चतुर्वेदी, उमाशंकर राही, डा. कैलाश द्विवेदी, प्रियंका, रेनू आदि उपस्थित थे। संचालन ब्रह्मचारिणी शिरोमणि, नूतन पुंडीर ने किया।
फोटो-पी-४ : व्यक्तित्व विकास शिविर के समापन अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करतीं प्रशिणार्थी।
फोटो-पी-५ : वात्सल्य ग्राम में व्यक्तित्व विकास शिविर के समापन अवसर पर घोष प्रस्तुत करतीं प्रशिणार्थी।
ब्रज संस्कृति के अनुरूप कदंब के पौधे रोपेंगे
दो हजार पौधे लगवाने का लक्ष्य निर्धारितयोजना : धर्मपुरा श्मशान भूमि को चमकाने में जुटे अफसर
बीडीओ ने पौधारोपण के लिए खुदवाए कई गड्ढे
मथुरा (AU 2010.06.16)। फरह क्षेत्र के गांव धर्मपुरा की श्मशान भूमि में शीघ्र ही पेड़ लहलहाएंगे। ब्रज के प्राचीन स्वरूप को पुनः साकार करने की कोशिश में ग्राम पंचायत ने यहां दो हजार पौधे लगवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस भूमि को माडल के रूप में विकसित करने के लिए यहां अधिकाधिक संख्या में ब्रज संस्कृति के प्रतीक कदंब के वृक्ष लगाने की योजना बनाई गई है।
मुख्य विकास अधिकारी अजय शंकर पांडेय द्वारा ब्रज के प्राचीन स्वरूप को बरकरार रखने के लिए यहां की सभ्यता के अनुरूप पौधारोपण कराने की योजना तैयार कराई है। इसके तहत मनरेगा में बने तालाबों के किनारे पंचवटी की कल्पना साकार करने तथा बेकार पड़ी भूमियों को मॉडल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं। इसके अनुपालन में फरह के बीडीओ और जिला उद्यान अधिकारी ने विकास खंड के गांव धर्मपुरा में श्मशान भूमि के विकास की योजना तैयार की है।
इसके तहत् इस भूमि में दो हजार गड्ढे खोदे गए हैं। पौधारोपण अभियान शुरू होते ही इन गड़्ढ़ों में मुख्य रूप से कदंब के पौधे लगाने की योजना है। इनके अलावा कुछ औषधीय पौधे नीम, पीपल, बरगद आदि भी लगाए जाएंगे। यहीं नहीं पौधारोपण के साथ साथ भूमि को समतल कर इसे पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। बीडीओ पंकज कु मार ने स्वीकार किया कि धर्मपुरा में श्मशान भूमि को विकसित करने की तैयारियां की जा रही हैं।
अतिक्रमण हटाने को लेकर बवाल, पथराव
दोहनी कुंड पर हटाने गए थे, जेसीबी क्षतिग्रस्तमुसीबत : पर्यटन विभाग की दो दिन से हो रही किरकिरी
कार्यदायी एजेंसी के लेबर काम छोड़ भागे
बरसाना (AU 2010.06.16)। समीपवर्ती चिकसौली में प्राचीन दोहनी कुंड के जीर्णोद्धार के लिए मंगलवार को अतिक्रमण हटाने गई टीम पर ग्रामीणों ने पथराव कर दिया। आक्रोशित लोगों ने जेसीबी मशीन को क्षतिग्रस्त कर दिया। श्रमिकों में भगदड़ मच गई। ग्रामीणों ने अपने अतिक्रमण को हटाने से पूर्व मठाधीशों द्वारा किए गए अतिक्रमण को पहले हटाने की शर्त रख दी।
बरसाना के गांव चिकसौली स्थित प्राचीन दोहनी कुंड का जीर्णोद्घार किया जाना है। प्राचीन दोहनी कुंड के आसपास से अतिक्रमण हटाने को लेकर दो दिन से पर्यटन विभाग के अफसरों की खूब किरकिरी हो रही है। मंगलवार को पर्यटन विभाग द्वारा करार पर रखी गयी जेसीबी ने जैसे ही आसपास रखे बुर्जी बिटौरे ढहाए तभी खफा ग्रामीणों ने पथराव कर दिया। जेसीबी क्षतिग्रस्त कर दी और लेबर को भगा डाला। इससे वहां भगदड़ मच गई।
बाद में पर्यटन अधिकारी डीके शर्मा एवं इंजीनियर जगदीश सिंह चौधरी ने ग्रामीणों को योजना की जानकारी देते हुए सहयोग करने को कहा। ग्रामीणों ने ग्राम समाज की भूमि पर तमाम मठाधीशों के कब्जे का हवाला देते हुए पहले इन्हें हटाने की जिद पकड़ ली। मंगलवार की शाम एक बार फिर काम पर आई जेसीबी पर ग्रामीण महिलाओं ने फिर हमला बोलकर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया।
घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई है। इस मामले में कार्यदाई संस्था के चीफ इंजीनियर ने एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है। जिला पर्यटन अधिकारी डीके शर्मा ने बताया कि ग्रामीण इस भ्रम में थे कि तोड़फोड़ किसी निजी संस्था ने कराई है। उन्हें समझाकर मामला सुलझा लिया जाएगा।
बढ़ने लगी मंदिर के वार्षिकोत्सव में भीड़
मथुरा (DJ 2010.06.16)। नौहझील में श्रीझाड़ी हनुमान मंदिर के वार्षिकोत्सव में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। मंदिर में हनुमान जी के विशेष दर्शन के साथ ही मंदिर में रौनक दिखाई देने लगी। वहीं आयोजन में चहल पहल बढ़ने से व्यवस्थाओं को और बेहतर किया जा रहा है। मंदिर में चल रही कथा के दूसरे दिन कथा व्यास प्रदीप गौड़ कहा कि सभी ग्रंथों का सार श्रीमद् भागवत में है।कथा में उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन बड़े ही भाग्यों से मिलता है। इसलिए मनुष्य को सदैव अच्छे कार्य करने चाहिए। उन्होंने कहा श्रद्धालुओं को झाड़ी मंदिर पर हनुमान जी का महत्व भी समझाया। कहा कि इस पावन भूमि पर कथा का और भी महत्व बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद भागवत कथा श्रवण मात्र से ही मनुष्य का कल्याण संभव है। इस अवसर पर आयोजकों ने बताया कि आगामी दिनों में होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों में भीड़ बढ़ने के आसार को देखते हुए यहां व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
सीवर लाइन खुदाई से आई मकानों में दरार
वृन्दावन (DJ 2010.06.16)। वृन्दावन समग्र विकास योजना के अन्तर्गत परिक्रमा मार्ग में डाली जा रही सीवर लाइन एवं नालों के निर्माण कार्य के चलते मंगलवार को प्राचीन सूरज घाट क्षेत्र में मकानों में दरार आ गयी। जिसे लेकर क्षेत्रवासियों में भारी रोष व्याप्त है।नगर की पंचकोसीय परिक्रमा के सौंदर्यीकरण के उद्देश्य से विविध निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। जिसके प्रथम चरण में सीवर लाइन डालने एवं नालों के निर्माण का कार्य इन दिनों जोरों से चल रहा है। लेकिन सूरज घाट क्षेत्र में नालों के प्राचीन घाटों से सटे होने के कारण पूर्व में भी क्षेत्रवासियों ने अपनी आशंका जतायी थी, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने इस ओर कतई ध्यान नहीं दिया।
परिणाम स्वरूप बीते दिनों नालों के लिए की गई खुदाई के कारण क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन मकानों में दरार पड़ गयी है। खुदाई के कारण वासुदेव, मीना, नवल, महेन्द्र आदि के मकानों में भारी नुकसान हुआ है। जिसे लेकर क्षेत्रवासियों में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने प्रशासन से मुआवजा दिलाये जाने के साथ-साथ कार्यवाही की मांग की है।
पानी रिसने से चार मकानों को पहुंची क्षति
उदासीनता : नाला और सीवर निर्माण में हो रही लापरवाहीडेढ़ माह पूर्व सीवर के लिए खोदा था गड्ढा
वृंदावन (AU 2010.06.16)। सीवर योजना में जल निगम द्वारा बरती जा रही लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। विभाग अपनी मर्जी से विभिन्न इलाकों में सीवर लाइन डालने के लिए महीनों पहले गड्ढे खोद दिए जा रहे हैं। इससे मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों को भारी दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है। वहीं पानी रिसने से चार मकानों को क्षति पहुंची हैं। शिकायत के बावजूद अधिकारियों इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
परिक्रमा मार्ग स्थित सूरजघाट के पास जलनिगम द्वारा विगत डेढ़ माह पूर्व नाला और सीवर लाइन डालने के लिए गड्ढे खोद दिए गए। इसके बाद मार्ग को जस की तस हालत में छोड़ दिया गया है। गड्ढे होने के कारण परिक्रमार्थी, मार्ग से गुजरने वाले बच्चे और वृद्ध गड्ढों में गिरकर चुटैल हो रहे हैं, वहीं पानी रिसने से महेंद्र, मीरा, नवल और वासुदेव के मकानों को भारी क्षति पहुंची है। इन लोगों के मकानों में दरारें भी पड़ गईं हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि विगत डेढ़ माह पूर्व खोदे गए इन गड्ढों में बरसात का पानी भर गया है, जिसका असर यहां आसपास स्थित मकानों की नींव पर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि गड्ढा खोदने के दौरान सीवर और पानी की लाइन भी क्षतिग्रस्त हे गई है। इससे लोगों की मुसीबतें और भी बढ़ गईं हैं। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया तो मकान कभी भी धराशायी हो सकते हैं।
फोटो-पी-२ : सूरजघाट पर सीवर लाइन डालने के दौरान बरती जा रही लापरवाही के खिलाफ नारेबाजी करते स्थानीय लोग।
नहीं समझना चाहते कूड़ा प्रबंधन
मथुरा (DJ 2010.06.16)। फंडिंग एजेंसी जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन के पैसे से चल रही यमुना कार्ययोजना के द्वितीय चरण में प्रदूषण रोकने के उपाय समझाए जा रहे हैं। कूड़ा प्रबंधन पर विशेष जोर दिया जा रहा है, पर न तो संबंधित कंपनी व्यावहारिक उपाय अपना रही है और न ही जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी व आम जनता इसे गंभीरता से ले रही है।यमुना एक्शन प्लान की 1998 में शुरूआत होने के बाद से द्वितीय फेस वर्ष 2004 से चल रहा है। इसके तहत मथुरा शहर में सूचना, शिक्षा एवं संचार कार्यक्रम के तहत मथुरा के आईईसी, स्वयंसेवी संस्थाओं, शिक्षकों, नगर निकाय, सभासदों एवं अन्य स्टाक होल्डर्स के लिए प्रशिक्षण एवं क्षमता वर्धन कार्यक्रम किए जा रहे हैं। कूड़ा प्रबंधन यमुना नदी में जल प्रदूषण की रोकथाम व जल गुणवत्ता में सुधार के लिए जरूरी समझा गया है।
द्वितीय चरण में शहरी नागरिकों को ठोस कूड़ा प्रबंधन के बारे में जागरुक करना, ठोस कूड़ा प्रबंधन को बाहर के चयनित क्षेत्रों में कार्यान्वित करना व पालिका के कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाना है। माना जाता है कि मथुरा पालिका क्षेत्र में कूड़े के उद्गम स्थान पर एकीकरण की कमी है तो सड़कों की सफाई के लिए पर्याप्त मात्रा में सफाई कर्मी भी नहीं हैं। कूड़े के प्रबंधन के लिए उपयुक्त उपकरण भी नहीं हैं। कूड़े की ढुलाई खुले व बंद वाहनों में की जाती है, जबकि कूड़े का अंतिम निष्पादन असंशोधित होता है। रैग पिकर पुन:चक्रीय वस्तुओं को प्राधिकरण व पालिका के डिब्बों से उठाते हैं और कूड़े-करकट को छोड़ देते हैं। इससे अस्वच्छता बनी रहती है।
इस स्थिति से निपटने के लिए टेट्राटेक इंडिया लिमिटेड द्वारा वाटर वर्क्स में सेमिनार करायी गयी। मथुरा में गठित आईसीसी सेल में ईओ अध्यक्ष, सीएसआई सचिव के अलावा दो स्वच्छता निरीक्षक समेत सभासद, समाजसेवी व सेवानिवृत्त अधिकारी आदि सदस्य हैं, लेकिन मजे की बात यह रही कि इनमें से मात्र एक सभासद श्रीमती सुभा चौधरी ही कार्यक्रम में पहुंची। अन्य सभासद राजीव कुमार सिंह आदि अपनी रुचि के कारण पहुंचे थे। प्रबंधन समझने को समाज का लाइम लाइट में रहने वाला तबका ही तैयार नहीं है, जबकि इससे जुड़े एनजीओ भी कागजी औपचारिकता ही ज्यादा पूरी कर रहे हैं।
रोजी रोटी ने बनाए खतरे के खिलाड़ी
मथुरा। रोजी रोटी और अपने परिवार के लालन पालन करने के लिए गरीब मजदूरों को अपनी जान की भी परवाह नहीं रहती। भीषण गर्मी और तपिस के बावजूद मंजिलों ऊपर मजदूर दीवार पर सफेदी करने के लिए एक रस्से के सहारे घंटो तक लटका रहा। जिसे देख हर कोई यही सोच रहा था कि जरा सी चूक इसे मौत दे सकती है।ऐसा ही दृश्य कोसीकलां नगर में एक इमारत पर देखने को मिला। इमारत की बाहरी दीवार पर सफेदी कर रहा मजदूर कई मंजिल ऊपर महज एक रस्से के सहारे लटका हुआ था जबकि एक मजदूर ने उसका रस्सा एक सीड़ी में बांध रखा था। भीषण गर्मी और तपती दोपहरी में युवक चार मंजिला इमारत पर सफेदी कर रहा था तो वहां से गुजरने वाले लोग भी यह सोचने पर मजबूर हो गये कि यदि दूसरे मजदूर का जरा भी ध्यान चूका तो सफेदी करने वाले मजदूर को मजदूरी नहीं सिर्फ मौत ही मिलेगी।
ऐसे न जाने कितने मजदूर ऊंची ऊंची इमारतों पर जान पर खेलकर मजदूरी करते हैं।
सूरज-बादलों की लड़ाई, पारे की आफत आई
मथुरा। मौसम में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। कभी बादल सूरज को पटखनी दे रहे हैं, तो कभी सूरज बादलों पर हावी हो रहा है। दोनों की लड़ाई में बेचारे पारे की आफत आ गई है। दिन में कभी धूप रही तो कभी छांव। तापमापी पर पारा भी ऊपर-नीचे हो रहा है। मौसम के जानकर आने वाले 72 घंटे में बारिश होने का पूर्वानुमान लगा रहे हैं।जुलाई के पहले सप्ताह तक मानसून के यहां पहुंचने की उम्मीद है। प्री-मानसून के बादल डेरा जमाएं हुए हैं। पिछले तीन दिन से कभी बादलों की सेना सूरज पर हावी हो रही है तो कभी बादलों का चीर कर सूरज अपने तेज से चमक रहा है। मौसम के उतार-चढ़ाव से तापमापी पर पारा ऊपर नीचे हो रहा है। सुबह बादल छाए, लेकिन मौसम जल्द ही साफ हो गया। कृषि संभागीय परीक्षण एवं प्रदर्शन केंद्र राया की वेधशाला में तीन दिन पहले तापमान बढ़कर 41 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। मौसम के करवट बदलते ही तापमान में गिरावट का दौर शुरू हो गया। एक-एक पायदान नीचे खिसका तापमान मंगलवार को लुढ़क कर 39 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। आर्द्रता 50-55 प्रतिशत के बीच ही रिकार्ड की जा रही है। तापमान भले ही कम हो गया हो, लेकिन गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही है। दिन की धूप बर्दाश्त क्षमता से बाहर बनी हुई है। बढ़ी उमस भी परेशानी का कारण बनी हुई है। मौसम के जानकार वरिष्ठ शोध सहायक श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि आने वाले बहत्तर घंटे में बारिश होने की संभावना है।
बंदर ने ली अधेड़ की जान
मथुरा (DJ 2010.06.16)। घीया मंडी स्थित प्रभात बैंड में कार्यरत एक कर्मचारी की जान बंदर ने ले ली। यह कर्मचारी बंदर से शर्ट छुड़ाने के लिये लकड़ी की सीढ़ी पर चढ़ गया था, जैसे ही ऊपर पहुंचा बंदर ने हमला बोल दिया। एक मंजिल से गिरे अधेड़ ने दम तोड़ दिया।जालौन निवासी सुलेमान घीया मंडी में प्रभात बैंड की दुकान पर नौकरी करके अपने बच्चों का पेट पालन कर रहा था। वह सोमवार को ही जालौन से आया था।
मंगलवार को एक बंदर सुलेमान की शर्ट को अचानक उठा कर ले गया। सुलेमान ने बंदर से शर्ट छुड़ाने के काफी प्रयास किए, लेकिन बंदर ने शर्ट को नहीं छोड़ा और छत पर जाकर बैठ गया। सुलेमान लकड़ी की सीढ़ी लगाकर छत पर जाने लगा। जैसे ही वह छत के करीब पहुंचा, तभी बंदर ने हमला बोल दिया। सीढ़ी सहित गिरकर वह गंभीर रूप से घायल हो गया। बाद में उसकी मौत हो गई। सुलेमान के परिजनों को सूचना दे दी गई है।
आंकड़ों के मुताबिक अब नहीं रहा पेयजल संकट
आंकड़ेबाजी : पानी की ३४० शिकायतों के निस्तारण का दावाजल निगम और पंचायतों की अच्छी परफारमेंस
मथुरा (AU 2010.06.16)। आंकड़ों में जिले की पेयजल किल्लत खत्म हो गई है। कम से कम जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा प्रस्तुत आंकड़े तो यही साबित करते हैं। इनके अनुसार पेयजल के संबंध में की गई ३४० शिकायतों में से अधिकांश का निस्तारण हो चुका है। आवश्यकता के अनुसार जिले भर में कई स्थानों पर हैंडपंपों की मरम्मत, रीबोर एवं नए हैंडपंप लगाने का काम किया जा चुका है।
पेयजल किल्लत से जूझ रहे जनपद की इस समस्या को हल करने के लिए एक अप्रैल से मुहिम चलाई थी। इस दौरान न केवल अफसरों को दौड़ाकर समस्याग्रस्त क्षेत्रों का सर्वे कराया, बल्कि स्वयं भी ग्रामीण अंचल की धूल फांककर खराब हैंडपंपों की पहचान की। यही नहीं, ग्रामीणों की शिकायतें दर्ज करने के लिए अपने कार्यालय में कंट्रोल रूम की स्थापना कराई। इसमें आनी वाली शिकायतों को एक रजिस्टर में पंजीकृत करने की व्यवस्था भी की। उनके प्रयासों का सुपरिणाम आने लगा है।
जिला पंचायत राज अधिकारी की आख्या के अनुसार कंट्रोल रूम में प्राप्त ३४० शिकायतों के अनुरूप समस्याआें का निस्तारण कराया जा चुका है। इन शिकायतों में ३३१ नए हैंडपंप, २१८ रीबोर, १५४ की मरम्मत की मांग की गई थी। इसके सापेक्ष एक अप्रैल से अब तक ग्राम पंचायतों ने २८१० हैंडपंपों की मरम्मत की है। जल निगम ने ६९० हैंडपंपों को रीबोर करने के साथ ४२५ नए लगवाए हैं। २५ की मरम्मत की है। पेयजल सहायक के अनुसार ४९० नए हैंडपंपों की कोडिंग एवं २३९ रीबोर हैंडपंपों की कोडिंग के लिए सूची जल निगम एवं यूपी एग्रो को दी जा चुकी है। इनके अस्तित्व में आने के बाद जनपद से पेयजल समस्या लगभग समाप्त होने की संभावना है।
नए विद्युत पोल लगाने को लेकर तकरार
विरोध पर दो गलियों की काटी बिजलीआक्रोश : पुलिस के हस्तक्षेप के बाद हुई लाइन चालू
घर के सामने पोल लगाने का कर रहें विरोध
मथुरा (AU 2010.06.16)। । शहर की तंग गलियों में पुराने एवं नए विद्युत पोल लगाने में विद्युत निगम को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा हैं। उपभोक्ताओं से तकरार भी हो रही है। कहीं-कहीं तो विद्युत निगम के अफसरों को उपभोक्ताओं का विरोध भी झेलना पड़ रहा हैं। कई उपभोक्ता पोल को लेकर आपस में भिड़ रहे हैं।
शहर के कई इलाकों में विद्युत तारें जर्जर हो चुकी हैं। वहीं विद्युत पोल भी गिरने की कगार पर हैं। इन्हें बदलकर दुरुस्त करने के लिए निगम ने कमर कस ली है, लेकिन उसके आड़े आम जनता आने लगी हैं। विद्युत निगम को बंगाली घाट से लेकर चूना कंकड़ तक की गली में पुराने पोलों की जगह नए पोल लगाने में एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा। यहां पर उपभोक्ताओं ने घर के सामने पुराने पोल के हटने के बाद नए पोल को नहीं लगने दिया।
निगम को भी विरोध का सामना करना पड़ा। जर्जर तारें तो बदल गई, लेकिन नए पोल नहीं लग सके। कुछ ऐसा ही मसानी सब स्टेशन के अंतर्गत पड़ने वाले मंडी रामदास की गली कानूनगो एवं राजकुमार में भी हुआ। यहां लटक रही विद्युत तारों के लिए नए पोल लगाने गए विद्युत निगम के अफसरों को उपभोक्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। हर कोई अपने घर के सामने विद्युत पोल न लगने देने की बात करने लगा।
विद्युत निगम ने दोनों गली की सप्लाई को काट दिया और गोविंद नगर पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझा और काटी गई विद्युत आपूर्ति को सुचारु कर दिया गया। एसडीओ गौरव कुमार का कहना है कि फिलहाल पुलिस के आश्वासन पर बिजली चालू कर दी गई हैं। अब दोनों गलियों में लगने वाले विद्युत पोल पुलिस की मदद से जल्द लगवाएं जाएंगे।
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