Saturday, June 12, 2010

2010-06-13 ब्रज का समाचार

२० लाख श्रद्धालुओं ने लगाई परिक्रमा

शनि अमावस्या पर कोकिलावन में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

आस्था : विधिवत शनि देव की पूजा-अर्चना की


कोसीकलां (AU 2010.06.13)। भीषण गरमी भी श्रद्धालुओं की आस्था को नहीं डिगा सकी। शनि जयंती पर कोकिलावन में २० लाख श्रद्धालुओं ने परिक्रमा कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। शनिदेव की पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं को व्यवस्थित करने के लिए मंदिर प्रबंधकों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं बिहारी जी मंदिर में फूल बंगला की झांकी के दर्शनों के लिए भी श्रद्धालु पीछे नहीं रहे।

कोसी से आठ किलोमीटर दूर कोकिलावन धाम में शुक्रवार की रात्रि में ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम जारी हो गया। यह शनिवार की देर रात्रि तक बना रहा। श्रद्धालुओं ने कोकिलावन की परिक्रमा कर शनि देव की पूजा-अर्चना की।

मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ इस कदर थी कि वे आराध्य के दर्शन कर मनौती मांग रहे थे। कष्ट पर भक्तों की आस्था भारी पड़ी। मंदिर परिसर में पैर रखने को भी जगह शेष नहीं थी। हर कोई श्रद्धालु शनि देव की पूजा-अर्चना करने के लिए उत्सुक नजर आ रहा था। मंदिर के बाहर हजारों श्रद्धालु लाइन में लगे थे।

जन-जन के आराध्य बिहारी जी महाराज के अद्भुत दर्शनों की अभिलाषा लेकर आए भक्तों का हृदय दर्शन खुलते ही आनन्द के सागर में हिलोरे मारने लगा। फूलों की महकती सुगंध मंदिर को अलोकित कर रही थी। मंदिर के महंत प्रेमदास महाराज अपने अधीनस्थों के साथ व्यवस्थाओं में जुटे रहे। भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। मंदिर परिसर के समीप प्रातः से ही भंडारे पाने के लिए लाइनें लगी हुई थीं। वहां मौजूद लोग श्रद्धालुओं को पकड़-पकड़कर प्रसाद ग्रहण करा रहे थे।

२० घंटे तक श्रद्धालु जाम में फंसे रहे। पूरे मंदिर परिसर में पुलिस नाम की कोई व्यवस्था नही थी। इसके चलते श्रद्धालुओं को काफी परेशानी उठानी पड़ी।

फोटो संख्या-३ कोकिलावन (कोसीकलां) में शनि देव मंदिर के प्रवेश द्वार पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।



शनि के जयघोष से गूंजा मंदिर प्रांगण

कोकिलावन में सूर्य की तपिश पर भारी पड़ी भक्तों की आस्था

आयोजन : शनि महाराज के अभिषेक में उमड़े श्रद्धालु
महाआरती के दर्शन कर सभी भक्ति में डूबे


कोसीकलां (AU 2010.06.13)। जैसे ही सोमवार और शनिवार की रात में घड़ी की सुइयों ने १२ बजाए, वैसे ही पूरा कोकिलावन धाम ‘जय-जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी, सूरज के पुत्र प्रभु छाया मतहारी’ से गुंजायमान हो उठा। पूरा मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया। मंदिर जाने वाले मार्ग पर २० घंटे तक हजारों श्रद्धालु जाम में फंसे रहे।

शनि जयंती महोत्सव में भाग लेने के लिए श्रद्धालुओं का क्रम शुक्रवार की देर रात्रि से ही जुड़ने लगा। १२ बजते ही मंदिर में श्रद्धालु ही नजर आने लगे। मंदिर के महंत महामंडलेश्वर प्रेमदास ने शनि महाराज का दूध, दही, शहद, खांड और गंगाजल से मंत्रोच्चारण के मध्य अभिषेक किया तो पूरा मंदिर शनिदेव के जयघोष से गुंजायमान हो उठा। तत्पश्चात महाआरती की गई। मंदिर परिसर में बधाई गायन किया गया। बधाई गायन में श्रद्धालुओं ने ‘श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी, नीलांबार धार नाथ गज की असवारी’ को गाकर वहां मौजूद श्रद्धालुओं को नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। भगवानदास, मिश्रीदास, श्यामदास, प्राणचंद्र, ज्ञानदास, बंशीदास, वृंदावनदास, ब्रहमस्वरुप, जानकीदास आदि ने शनिदेव की महिमा का बखान किया। सुबह हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया। शनिदेव के फूल बंगला की झांकी सजाई गई। इस मौके पर रूपचंद मुनीम, प्रहलाद, रामसिंह, भगवान सिंह, नंदलाल, उदय सिंह, धर्मलाल, देवीराम, महेंद्र, गिरधर सरपंच, विजेंद्र पहलवान आदि थे।



मंदिर के चारों ओर ५-५ किलोमीटर तक रहा जाम

२४ घंटे तक जाम हजारों वाहन फंसे रहे

परेशानी : प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त
जाम से कराह उठे श्रद्धालु


कोसीकलां (AU 2010.06.13)। शनि जयंती के चलते कोकिलावन में करीब एक लाख वाहन २४ घंटे तक जाम में फंसे रहे। मंदिर के चारों ओर पांच-पांच किलोमीटर तक जाम लगा रहा। जाम में हजारों वाहन फंसने से श्रद्धालु कराह उठे। प्रशासन द्वारा किए गए सुरक्षा इंतजामों को भीड़ ने ध्वस्त कर डाला।

कोकिलावन में शुक्रवार की रात आठ बजे से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगा। १२ बजते ही मंदिर के चारों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई। नंदगांव रोड पर सुरवारी से लेकर मंदिर तक, नंदगांव से मंदिर तक, बठैन तक जाम लगा रहा। मंदिर पर सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर तैनात पुलिसकर्मी गायब थे। जाम को खुलवाने में पुलिस ने भी कोई रुचि नहीं दिखाई। दिखाने के लिए आठ एसआई, चार महिला दरोगा, आठ महिला कांस्टेबिल, ४० कांस्टेबिल और चार ट्रैफिक पुलिस के जवान वहां तैनात किए गए, जो गरमी से बचाव के लिए पेड़ों की छांव में बैठे नजर आ रहे थे। श्रद्धालुओं को अपने वाहन शनिदेव के भरोसे कोकिलावन मोड़ पर खड़ा कर ही पैदल मंदिर तक पहुंचना पड़ा। मंदिर प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा व्यवस्था में ३५ निजी गार्डों को लगाया गया था।

जर्जर सड़क होने से श्रद्धालु हुए परेशान

शनिवार को कोकिलावन में लगे जाम ने शालीमार रोड़ की पोल खोल दी है। सड़क पर चारों तरफ गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं। आठ-दस वर्ष से क्षतिग्रस्त पड़ी कोसी-नंदगांव मार्ग (१० किलोमीटर) में से पीडब्ल्यूडी ने सात किमी मार्ग का निर्माण हरीपुरा तक करा दिया है। राजमार्ग से वाहन शालीमार रोड को मुड़कर कोकिलावन जा रहे थे। सड़क पर दो-दो फुट गहरे गड्ढे होने से वाहन चालक परेशान हो गए।

मूकदर्शक बनी रही पुलिस फोर्स भी

कोकिलावन में उमड़े श्रद्धालुओं के सैलाब ने पुलिस प्रशासन की सभी व्यवस्थाएं भंग कर दी। प्रशासन ने कोसी के अलावा जनपद के कई थानों का फोर्स भी वहां तैनात किया, लेकिन श्रद्धालुओं के दबाव के आगे फोर्स बेबस नजर आ रहा था। कोकिलावन मोड़ पर तैनात फोर्स तो वाहनों को व्यवस्थित करता नजर आया। वहीं, बठैन की ओर से आने वाहनों की कोई रोक-टोक नहीं थी।



शनिदेव के दर्शन के लिए भक्त उमड़े

वृंदावन (AU 2010.06.13)। ज्येष्ठ मास की शनि अमावस्या के पावन अवसर पर यहां के मंदिरों में हर दिन की अपेक्षा शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। नगर के प्रमुख बांके बिहारी, राधा वल्लभ, राधारमण मंदिर, राधादामोदर, सनेह बिहारी, श्याम सुंदर आदि मंदिरों में भक्तों थी। श्रद्धालुओं ने वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा लगाई।

बड़ी अमावस्या पर प्रातःकाल से ही परिक्रमार्थियों ने मनोकामना पूर्ति के लिए पंचकोसीय परिक्रमा लगाना शुरू कर दिया। पुरुष, महिला और बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। पूरी श्रद्धा के साथ परिक्रमार्थियों की आस्था अपने चरम पर थी। संपूर्ण परिक्रमा मार्ग में श्रद्धालुओं का समूह भजन-कीर्तन करते परिक्रमा लगाते देखे गए। मंदिरों में फूल बंगले भी सजाए गए।

परिक्रमा मार्ग स्थित गोपालखार से लेकर अटल्ला चुंगी और कैमारवन, संत कालोनी एवं अटल्ला के समीप चल रहे सीवर कार्य के कारण परिक्रमाथियों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा।



पति की दीर्घायु के लिए रखा वट सावित्री व्रत

सुहागिनों ने कथा सुन बरगद की पूजा की

मान्यता : सावित्री ने यमराज से मांगा था वरदान


वृंदावन (AU 2010.06.13)। पति की दीर्घायु की कामना का पर्व “वर अमावस्या” धर्मनगरी में शनिवार को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इस पावन पर्व पर महिलाओं ने सोलह शृंगार करके बरगद (वट वृक्ष) का पूजन कर परिक्रमा लगाई। इसके बाद महिलाओं ने व्रत रखकर सावित्री की कथा सुनी।

शनिवार को सुहागिन महिलाओं ने सुहाग का पिटारा दान कर पति की दीर्घायु की कामना की। परिक्रमा मार्ग बड़े रास मंडल और बिहार घाट स्थित प्राचीन वट वृक्ष की पूजा करने के लिए सुबह से ही महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपने घरों में भी प्रतीक स्वरूप बरगद की डाल स्थापित कर पूजा की। कुछ महिलाएं सोलह शृंगार कर हाथों में पूजा के थाल लिए वट वृक्ष की ओर जाती दिखाई दीं। महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा कर परिक्रमा लगाईं, तत्पश्चात कथा कर व्रत रखा।

महिमा शर्मा, पायल, शालिनी अग्रवाल, रजनी शर्मा ने व्रत के विषय में बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार सावित्री ने अपने पतिव्रत धर्म के प्रभाव से यमराज से पति की दीर्घायु का वरदान प्राप्त कर लिया था। इसी के मद्दे नजर महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना और सभी मनोरथों की पूर्ति के लिए वट सावित्री व्रत करती हैं।

कैप्शन- पति की दीर्घायु के लिए बड़े रास मंडल में स्थित वट वृक्ष का पूजन करतीं महिलाएं।



विहिप का प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर शुरू

हिंदू ने सभी के भलाई का कार्य किया

बेबाक : हिंदुओं का जाग्रत होकर करनी होगी हिंदुत्व की रक्षा


वृंदावन (AU 2010.06.13)। विश्व हिंदू परिषद् का प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर शनिवार से परमेश्वरी देवी धानुका विद्यालय में शुरू हो गया। शिविर में आए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि हिंदू ही वर्ग एवं समाज को एक साथ लेकर चलता है। हिंदू हमेशा सबके हित की बात करता आया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश की विडंबना यह है कि जो हिंदुत्व का संदेश जनमानस तक पहुंचाता है, वह सांप्रदायिक हो जाता है।

साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि जो भी नियम कायदे-कानून बनते हैं, वो हिंदू धर्म पर कुठाराघात करने के लिए ही होते हैं। अब समय आ गया है हिंदू समाज को जाग्रत होकर हिंदुत्व की रक्षा करने है। अपनी संस्कृति को बचाने का संकल्प लेना होगा। विहिप के प्रशिक्षण शिविर के संयोजक ठा. रमेश सिंह ने कहा कि इस १५ दिवसीय अभ्यास वर्ग में कार्यकर्ताओं को कार्य करने की शैली और उन्हें संगठन से जोड़ना एवं विहिप द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न प्रकल्पों के बारे में जनमानस को अवगत कराना है। शिविर में प्रदेश भर से लगभग तीन सौ कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं।

इससे पहले साध्वी ऋतम्भरा ने मां सरस्वती के चित्रपट पर दीप प्रज्ज्वलन कर शिविर का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विहिप प्रदेश कार्यवाह प्रदीप पांडे, प्रदेश संगठन मंत्री महावीर, प्रांतीय संगठन मंत्री राघवेंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष ठा. ओमप्रकाश सिंह, अमरकांत मिश्रा, देवेंद्र सिंह राठौर, विजय बहादुर, विहिप नगर अध्यक्ष सौरभ गौड़, जगदीश जादौन, कार्यवाह जिलाध्यक्ष बच्चू सिंह, शिशुपाल सिंह आदि लोग उपस्थित थे।



बादलों को उड़ा ले गई आंधी

मथुरा (DJ 2010.06.13)। मौसम में बदलाव की बयार फिर चलने लगी है। शनिवार को अपरान्ह बाद अचानक बादल घिर आए और छिटपुट बूंदाबांदी भी हुई। इसी बीच आई धूल भरी आंधी बादलों को उड़ाकर ले गई। तापमापी पर पारा बढ़कर चालीस डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। बदलते हुए मौसम का स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

एक सप्ताह पहले हुई बारिश से सूरज की तपन कमजोर पड़ गई थी। पारा भी कृषि संभागीय परीक्षण एवं प्रदर्शन केंद्र राया पर नीचे लुढ़क कर 35 डिग्री सेल्सियस पर आ गया था। आर्द्र ता बढ़कर 72 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। मौसम के साफ होते ही तापमान ने फिर उछाल भरना शुरू कर दिया। एक-एक पायदान बढ़ा तापमान शनिवार को 40 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। आर्द्र ता घट कर चालीस प्रतिशत पर आ गई। धूप भी बर्दाश्त क्षमता से बहार से हो गई है। दोपहर में सड़कों पर चलने में धूप की चुभन महसूस की जा रही है। दोपहर बाद मौसम ने फिर करवट बदल ली। अचानक बादलों की सेना घिर आई और सूरज उनके बीच खो गया। छिटपुट बूंदाबांदी शुरू होते ही धूल भरी आंधी भी चलने लगी। करीब दस मिनट तक चली आंधी बादलों का उड़ा ले गई। इसके बाद फिर मौसम साफ हो गया और धूप निकल आई। बदलते हुए मौसम का स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कृषि वैज्ञानिक मौसम के इस बदलाव को खेती बाड़ी के लिहाज से अच्छा बता रहे हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ. संतोष कुमार मिश्रा का कहना है कि खरीफ की फसलों को इस मौसम का लाभ मिलेगा।



कॉमनवेल्थ गेम: सड़क सुधार के लिए पी डब्ल्यू डी का 25 करोड़ का

मथुरा (DJ 2010.06.13)। शहर की सड़कों की बदहाली कॉमनवेल्थ गेम शुरू होने से पहले दूर हो पाएगी या नहीं। यह सरकार की मंशा पर निर्भर है। पीडब्ल्यूडी ने पच्चीस करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। इसको मंजूरी मिल गई तो बदहाल सड़कों की तस्वीर बदल जाएगी। अन्यथा की स्थिति में विदेशी और श्रद्धालु इन्हीं सड़कों पर कष्ट झेल कर ही जाएंगे।

देश की राजधानी में होने जा रहे कॉमनवेल्थ गेम के रोमांचक मुकाबलों को देखने के लिए विदेशी खेल प्रेमी भारत आएंगे। भारत आने पर ताज तो उनको अपनी तरफ आकर्षित करेगा ही साथ ही कृष्ण की लीलाएं भी उनको इस धार्मिक नगरी में आने के लिए प्रेरित करेंगी। जब उनको यहां की बदहाल सड़कों से गुजरना पड़ेगा तो विदेशों में कान्हा की नगरी की छवि धूमिल ही होगी। इसकी मुख्य वजह है कि शहर की सड़कें बदहाल स्थिति में है। होली गेट से लेकर पुराने बस अड्डे, भरतपुर गेट से लेकर स्टेट बैंक चौराहे, भूतेश्वर से लेकर मंडी समिति चौराहे, होली गेट से भरतपुर गेट तक, संग्रहालय रोड, नेशनल हाइवे से श्री कृष्ण जन्म भूमि, गोविंद नगर थाने के सामने का रोड, भूतेश्वर रोड, मसानी से जन्मभूमि रोड क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इनमें कई स्थानों पर गहरे गड्ढे हो गए हैं और गिट्टी निकल आई है। पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता संतराम ने बताया कि इन मार्गो की मरम्मत के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि शासन ने जल्द प्रस्ताव को मंजूर कर धनराशि आवंटित कर दी तो कॉमनवेल्थ गेम से पहले सड़कों की दुर्दशा दूर कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इन सड़कों की मरम्मत के लिए कम से कम एक महीने का समय चाहिए। उन्होंने बताया कि भूतेश्वर पर कंकाली के पास और सौंख रोड़ पर पातीराम मंदिर के सामने जल निगम ने सड़कों को तोड़ा है। उनकी मरम्मत का काम जल निगम ही कराएगा। इसके लिए दो बार जल निगम को पत्र लिख दिया गया है। बताया गया है कि जिलाधिकारी ने भी जल निगम को तोड़ी गई सड़कों की मरम्मत के लिए पत्र लिख दिया है, लेकिन अभी तक सड़कों की मरम्मत का कार्य जल निगम ने शुरू नहीं कराया है। वहीं दूसरी तरफ शहर रालोद के अध्यक्ष श्याम चतुर्वेदी ने जिलाधिकारी और पीडब्ल्यूडी को भेजे पत्र में सड़कों की मरम्मत कॉमनवेल्थ गेम शुरू होने से पहले कराए जाने की मांग करते हुए कहा है कि कॉमनवेल्थ गेम के दौरान मथुरा-वृंदावन में बड़ी संख्या में विदेशी और श्रद्धालुओं के आने की संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों की बदहाली को दूर नहीं किया गया तो विदेशों में कृष्ण की नगरी की विपरीत छवि उभर कर आएगी। उन्होंने कहा कि शहर में गंदगी भी फैली हुई है। सफाई व्यवस्था पर पालिका प्रशासन का ध्यान नहीं है। नालियों का पानी सड़कों पर भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले को लेकर ज्ञापन भी दिया जाएगा।



सड़कों पर कीचड़ की कामन समस्या

मथुरा (DJ 2010.06.13)। कॉमनवेल्थ गेम हों या मथुरा का कोई और त्यौहार। सड़कों पर कीचड़ जमा रहने की समस्या कामन है। खास बात ये है कि रेलवे स्टेशन से जन्म भूमि, गोवर्धन जाने वाले रास्ते पर ही बीएसए कालेज के सामने महीनों से कीचड़ जमा है। एक तरफ की सड़क कीचड़ और गंदे पानी से लबालब ही रहती है। यह स्थिति सौंख अड्डा-भरतपुर गेट रोड, डीग गेट-वृंदावन रोड, मसानी के आसपास भी बनी रहती है। हाइवे पर मंडी के आस-पास, सौंख रोड पर, गोवर्धन चौराहे के पास भी यही हालत रहती है। सड़क बन भी गयी तो इन हालात में कॉमनवेल्थ गेम तक चलेगी इसकी गारंटी नहीं।



अधूरा ही रह जायेगा ग्रीन मथुरा का सपना

मथुरा (DJ 2010.06.13)। पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए जिले में तैंतीस प्रतिशत भू-भाग हरा-भरा होना चाहिए, लेकिन यहां एक प्रतिशत भू-भाग पर भी पेड़ पौधे नहीं हैं। पौधे लगाने की तैयारियां भी अभी आधी अधूरी है। अभी तक वन विभाग को छोड़कर किसी भी विभाग ने मानसून सत्र में पौधे रोपने को गड्ढे खोदने का कार्य शुरू नहीं कराया है। हाथों-हाथ गड्ढे खोद कर रोपे गए पौधों के मरने की गुंजाइश ज्यादा रहेगी। इन हालातों में मथुरा को ग्रीन मथुरा बनाने का ग्राम्य विकास मंत्री उत्तर प्रदेश का सपना अधूरा ही रह जाएगा।

प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री बीते माह अप्रैल के अंतिम सप्ताह में मथुरा भ्रमण के लिए आए थे। भ्रमण के दौरान उनको कहीं भी हरियाली नजर नहीं आई। पेड़ पौधों की कम संख्या देखकर हैरत में पड़े मंत्री ने शासन से मिले पौधे रोपण के लक्ष्य को दोगुना से अधिक बढ़ाए जाने के निर्देश दिए थे। मंत्री के निर्देश पर मानसून सत्र में 345150 पौधे रोपने के लक्ष्य को बढ़ाकर 1041350 कर दिया गया। सर्वाधिक 5 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य ग्राम्य विकास विभाग को दिया गया। दूसरे नम्बर पर वन विभाग को रखा गया। वन विभाग को 4 लाख पौधे रोपने हैं। उर्जा विभाग को 2600, औद्योगिक विकास को 9100, आवास एवं शहरी नियोजन को 14950, सिंचाई को 11050, लोक निर्माण विभाग को 7800, सहकारिता को 650, भूमि एवं जल संसाधन विभाग को 5200, उद्यान विभाग को 50000, शिक्षा विभाग को 10000 और कृषि विभाग को 30000 पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया। पौधे रोपने के लिए तीस मई तक गड्ढे खोदने को कहा गया था। वन विभाग का दावा है कि विभाग ने चार लाख गड्ढे सड़कों के किनारे, वन ब्लॉक और नहरों के किनारे खोद दिए हैं। बताया गया है कि ऊर्जा, औद्योगिक विकास, आवास एवं शहरी नियोजन, लोक निर्माण, सहकारिता, भूमि एवं जल संसाधन, उद्यान विभाग, शिक्षा विभाग और कृषि विभाग ने अभी तक गड्ढे खोदने का काम शुरू नहीं किया है। ग्राम्य विकास विभाग की भी आधी अधूरी तैयारियां है। बताया गया है कि फरह ब्लॉक की ग्राम पंचायत धर्मपुरा में एक ही स्थान पर दो हजार गड्ढे खोद दिए गए हैं। अन्य ब्लॉकों की ग्राम पंचायतों में यह काम शुरू नहीं हो पाया है। जबकि सर्वाधिक पौधे ग्राम्य विकास विभाग को ही लगाने हैं।



विभागीय जंग में फंसी सीवर लाइन

प्लेटफार्म पर सीवर उफनाया, यात्रियों का बदबू से बुरा हाल

मुसीबत : बंद है सीवर एक्जिस्टिंग लाइन
शौच निवृत्ति तक को तरस रहे यात्री


मथुरा (AU 2010.06.13)। एक तो निर्माण के दौरान सीवर लाइन नहीं बनाई, ऊपर से पुरानी सीवर लाइन को कंक्रीट डालकर दबा दिया। बावजूद इसके खामी पर परदा डालने को रेलवे का निर्माण विभाग प्लेटफार्म को दूसरे विभाग को हस्तांतरित करने की जुगत में है। यह कारनामा है रेलवे के कंस्ट्रक्शन विभाग का। निकास न होने से सीवर रोजाना ओवरफ्लों होकर बह रहा है। इससे प्लेटफार्म पर ठहरना तक मुश्किल हो गया है।

कासगंज-मथुरा सेक्शन में आमान परिवर्तन के दौरान इस रूट के सभी स्टेशनों का उच्चीकरण हुआ था। जंक्शन स्टेशन की पूर्वी साइड स्थित प्लेटफार्म सात को भी तोड़कर पुनः बनाया गया था। निर्माण विभाग को प्लेटफार्म सात के नीचे से होकर जाने वाली सीवर लाइन का पुनर्निर्माण कराना था। जल्दबाजी में १८ इंच की सीवर लाइन का निर्माण नए सिरे से कराने के बजाय उसे कंक्रीट से दबा दिया गया।

वर्तमान में लाइन के एक्जिस्टिंग मैनुअल प्लेटफार्म के नीचे करीब दस से बारह फुट नीचे दबी है। इस कारण स्टेशन का सीवर रोजाना ओवरफ्लो हो रहा है। इस कारण सभी शौचालय उफना रहे हैं। इसके बावजूद निर्माण विभाग खांमी को ठीक कराने के बजाय इस प्लेटफार्म को आईओडब्ल्यू विभाग को हैंडओवर करने की जुगत में है। आईओडब्ल्यू विभाग ने खामी दुरुस्त किए बिना इसे टेकओवर करने से इंकार कर दिया है। मंडलीय जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र ढिल्लन ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी।

शौच तक को तरस रहे हैं यात्री
मथुरा (AU 2010.06.13)। सीवर उफनाने होने के कारण यात्रियो को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शौचालय उफनाये होने से वे शौच निवृत्ति तक को तरस रहे हैं। दर्जनों शिकायतों के बावजूद किसी अफसर के कानों पर जूं नहीं रेंगी है।


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