Wednesday, June 16, 2010

2010-06-17 ब्रज का समाचार

दशहरा सिर पर अब भी यमुनाजी मैली

पर्व पर स्नान करने में आएंगी दिक्कत
कोताही : पर्व से पहले नहीं की यमुना की पूर्ण सफाई
प्रशासनिक अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान


मथुरा (AU 2010.06.17)। गंगा दशहरा पर्व को महज चार दिन शेष रह गए हैं पर यमुना की मैली तस्वीर बदलती नहीं दिख रही है। प्रशासन ने पर्व के उपलक्ष्य में लगने वाले मेले से पहले कालिंदी को शुद्ध करने के दावे किए थे, वे भी उदासीन साबित हो रहे हैं।

२१ जून को गंगा दशहरा पर्व पर यमुना में स्नान की इच्छा लेकर दूर-दराज से तीर्थयात्री ब्रज पदार्पण करेंगे। कालिंदी की मैली सूरत एक बार फिर उनके इरादों में बाधा बनेगी। पर्व से पूर्व यमुना स्वच्छता के दावे तो किए जा रहे हैं पर इस संबंध में कारगर प्रयास आज तक नहीं किए गए। तीज-त्योहारों से पूर्व हर बार की तरह इस बार भी बिना सफाई के अतिरिक्त जल यमुना में छोड़ कार्यो की इतिश्री कर दी जाएगी, क्योंकि कालिंदी की वास्तविक सफाई संबधित पहलुओं को अभी भी दरकिनार किया जा रहा है। सबसे बड़ी समस्या नाला टैपिंग को लेकर थी, जो अब भी जस की तस बनी हुई है।

ये हैं स्थिति--
  • नहीं हुई यमुना सफाई से पूर्व नालों से पानी की निकासी
  • पानी फेंकने वाली वाटर लाइन की सफाई नहीं की
  • एसटीपी के गंदे पानी का यमुना में गिरना नहीं रुका
  • शोधन मशीनों की क्षमता नहीं बढ़वाई गई
  • नहीं हुआ नालों का टैपिंग कार्य
ये थे दावे--
  • यमुना में पानी लाना
  • दशहरा से पूर्व यमुना की पूर्णरूपेण सफाई
  • नाले टैप करना
  • एसटीपी का सुचारु संचालन


हल्की बूंदा से मौसम हुआ सुहाना


मथुरा (DJ 2010.06.17)। हल्की बूंदा एवं बादलों के बीच सूरज की लुकाछिपी पूरे दिन चलती रही। जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली एवं मौसम सुहाना बना रहा।

सुबह से ही धूप बहुत तेज नहीं निकली और बादलों के बीच से छिप-छिपकर सूरज निकलता रहा। बादलों के लुकाछिपी में आसमान में कई बार अद्भुत नजारा भी देखने को मिला।

बीती शाम से तेज हवाओं के रूख ने मंगलवार की शाम से ही मौसम में ठंडक घोल दी। बुधवार की प्रात: हल्की बूंदा-बांदी से हुई। जिसके बाद रुक-रुककर कई बार बूंदा-बांदी हुई। वहीं पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे। जिसके चलते लोगों को तीखी धूप से काफी राहत मिली।

वहीं किसान बूंदा-बांदी को लेकर खुश नजर आए। किसानों का कहना है कि जोरदार बरसात के बाद ही क्षेत्र में धान की रोपाई शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि खेतों की तैयारी पूर्ण हो चुकी है। अब बस बरसात का इंतजार है।



दलित किशोरी से गैंगरेप


मथुरा (DJ 2010.06.17)। वृंदावन कोतवाली अंतर्गत जैत पुलिस चौकी के गांव मघेरा में नामजद चार युवकों द्वारा एक दलित किशोरी के साथ सामूहिक दुराचार किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस घटना से गांव में आक्रोश व्याप्त है। पुलिस ने इसे प्रेम प्रसंग का मामला बताया है। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए गांव में पुलिस बल तैनात किया है। नामजद रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी युवकों की तलाश में दबिश दी है।

गांव मघेरा निवासी रामसिंह की 14 वर्षीय पुत्री बबली मंगलवार रात करीब 8.30 बजे जंगल में शौच करने गई थी। गांव के तीन युवकों गंगाराम पुत्र मोती, विजय पुत्र रामप्रकाश, श्रवण कुमार पुत्र नटवर व पवन पुत्र नंगा धोबी ने किशोरी के साथ दुराचार किया। किशोरी ने घर आकर अपने साथ घटी घटना से अवगत कराया।

रात में ही मोहल्ले के बुजुर्ग लोगों से इस मामले पर विचार-विमर्श किया गया। गोपनीय तौर पर हुई बातचीत की जानकारी समाज में फैल जाने पर आक्रोश भड़क उठा। बुधवार सुबह आक्रोशित ग्रामीण पुलिस चौकी जैंत पर पहुंच गए। भीड़ ने रिपोर्ट दर्ज न करने पर आन्दोलन करने की धमकी भी दी। सूचना पर सीओ सदर, कोतवाली वृंदावन प्रभारी आरके सिंह पुलिस बल के साथ पहुंच गए। एसपी सिटी रामलाल वर्मा ने भी गांव मघेरा का दौरा कर पीड़ितों से बातचीत की।

श्री वर्मा का कहना है कि पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह प्रेम प्रसंग का मामला पाया गया है। पीड़ित किशोरी और पवन के बीच प्रेम प्रसंग चला आ रहा था। अन्य युवकों को गांव की रंजिश में फंसाया प्रतीत हो रहा है।

पुलिस दलितों के आक्रोश को देखते हुए पीड़ित की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ धारा 376, 506 आईपीसी व एससीएसटी एक्ट में नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया है। नामजद गांव छोड़कर भाग गए हैं। देर रात में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बी.डी.पाल्सन ने पीड़ित पक्ष से गांव जाकर मुलाकात की। पीड़ित को आश्वासन दिया कि उसे न्याय दिलाया जायेगा।



धीमी गति से चल रहे जेनर्म के काम

(JNNURM)

मथुरा (DJ 2010.06.17)। ड्रेनेज सिस्टम को ठीक करने का जिम्मा भारत सरकार ने एल एंड टी जैसी कंपनी को दिया है, लेकिन कंपनी शहर में अपने कद व छवि के अनुरूप कार्य नहीं कर रही। इसी प्रकार जेनर्म के अन्य प्रोजेक्ट भी बैलगाड़ी की गति से चल रहे हैं। जिलाधिकारी ने इस पर बुधवार को अधिकारियों के पेच कसे।

जिलाधिकारी दिनेश चंद्र शुक्ल ने जेएनएनयूआरएम के तहत मथुरा शहर में कराए जा रहे विकास कार्यो की समीक्षा की। उन्हें हर प्रोजेक्ट में धीमी गति से कार्य चलने का एहसास हुआ। बताया गया कि नर्म योजना में नगर के अंदर 62 किमी सीवर लाइन डालने की स्वीकृति हो चुकी है, लेकिन अब तक मात्र चार किमी कार्य ही ट्रांस यमुना एरिया में पूरा हो पाया है, जबकि पूरी परियोजना वर्ष अगले दो साल में पूरी की जानी है। शासन कार्यदायी संस्था जल निगम को 14 करोड़ की राशि पहली किश्त के रूप में प्रदान कर चुका है।

इसी प्रकार ड्रेनेज में 72.4 किमी नाले बनने हैं। अब तक 10.27 किमी ही कार्य हो पाया है। एल एंड टी इस कार्य को करा रही है, लेकिन कार्य की गति इतनी धीमी है कि प्रतीत ही नहीं हो रहा कि एक विशालकाय कंपनी इस कार्य को करा रही है। जगह-जगह सड़कें खुदी पड़ी हैं। जलभराव व जाम की समस्या पूरे शहर में बनी हुई है।

जल निगम के अभियंता ने डीएम को बताया कि अब जल्द ही कंपनी अपना बैचिंग प्लांट मथुरा में लगाने जा रही है, जिससे कार्य तेजी से खिंचेगा और सितबंर 11 तक कार्य पूरा करा दिया जाएगा।

सालिड वेस्ट मैनेजमेंट में बताया गया कि कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। एक वार्ड में डोर टू डोर कूड़ा एकत्र करना शुरू हुआ है, धीरे-धीरे सभी वार्डो में कूड़ा एकत्र कर एक स्थान पर डंप किया जाएगा और वहां कम्पोस्ट खाद बनाने का आटोमेटिक प्लांट लगेगा। इसके लिए 11 हैक्टेयर जमीन की जांच-पड़ताल की जा रही है।

यातायात व्यवस्था में बताया गया कि जिले को साठ नई बसें मिल चुकी हैं। एआरएम के अनुसार तीस बसें विभिन्न मार्गो पर चलायी जा रही हैं। अन्य तीस के लिए चालक-परिचालक की व्यवस्था की जा रही है। नर्म में गरीब व्यक्तियों को मलिन बस्तियों में पक्के आवास निर्माण के तहत 214 करोड़ से पांच हजार सात सौ 38 आवासों का निर्माण कराया जा रहा है।



बाढ़ योजना तैयार पर नाले नहीं साफ


मथुरा (DJ 2010.06.17)। बाढ़ आए फिर जमकर बरसे बदरा। दोनों ही स्थिति में निचले इलाके के ग्रामीणों को करना पड़ेगा जल भराव का सामना। खरीफ की फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं। अभी बरसाती नालों की सफाई का काम पूरा नहीं हो सका। अधिकांश नाले झाड़ और सिल्ट से अटे पड़े हैं। जबकि बाढ़ की चिंता सताने लगी है।

जिलाधिकारी दिनेश चन्द्र शुक्ला की अध्यक्षता में पांच मई को कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप की हुई बैठक में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की गई गई। इसमें तीस मई तक नालों की सफाई का कार्य पूरा कराए जाने के निर्देश दिए गए थे।

बाढ़ आने या फिर अधिक वर्षा होने की स्थिति में जल निकासी के लिए करीब 167 बरसाती नाले हैं। बताया गया है कि अपर खंड आगरा कैनाल की गांव रनवारी से निकली राल ड्रेन यमुना में गिरती है। आधा दर्जन से अधिक गांवों में भरने वाले पानी की निकासी इसी ड्रेन से होती है। गांव लालपुर से निकली हुलवाना ड्रेन आगे जा कर गोवर्धन ड्रेन में मिल गई है। जल प्लावन वाले क्षेत्र लालपुर, दहगांव, कामर, गिड़ोह के पानी की निकासी का काम हुलवाना ड्रेन करती है।

गांव खरोट के करीब दो किलोमीटर ऊपर से निकली कोसी आर्टिरियल ड्रेन गांव खरोट, अजीजपुर, दौताना, छाता, सेममरी और परखम क्षेत्र में होने वाले जल भराव की निकासी कर पानी को यमुना डालती है।

गांव बठैन, कमई, जाब, खायरा, डहरौली इलाके में भरने वाले पानी को खींच कर बठैन ड्रेन गोवर्धन ड्रेन में डालने का काम करती है। कामा रेगूलेटर से निकली अंतर्राज्यीय गोवर्धन ड्रेन हाथिया, सौंख और रसूलपुर को जलमग्न होने से बचाती है।

आगरा कैनाल लोअर खंड तृतीय का लालपुर नाला सोन, सैंहा, नगला सांमत, चक और पीलुआ नाला गांव पीलुआ इलाके में होने वाले जल भराव को कम करते हैं।

कुदरवन, जुनसुटी और ऊंचा गांव इलाके में भरने वाले पानी को कुदरवन नाला कम करता है।

जुनसुटी और बोरपा क्षेत्र के पानी की निकासी बोरपा नाले होती है।

कुंजेरा नाले से कुंजेरा और राधाकुंड नाले से राधाकुंड, मुखराई, सेरसा क्षेत्र में होने वाले जलभराव से ग्रामीणों को छुटकारा दिलाता है।

गांव हरीपुरा और कंचनपुर के जलभराव को जिखनगांव नाला कम करता है।

मांट ब्रांच गांव पचहेरा, भूरेका, कोलाहार, पथवाला, कराहरी, ईखू, नवल गढ़, राया, ब्यौंही, विजहारी, महावन, अलीपुर, पचावर, बलदेव, बिंलदपुर नाले से दर्जनों गांवों में होने वाले जलभराव कम होता है।

बताया गया है कि पिछले तीन साल से इन नालों की सफाई नहीं हो सकी है। सफाई न होने से बरसाती नालों में पानी तेजी से नहीं निकल पाएगा। अभी तक इनकी सफाई का काम भी शुरू नहीं हो पाया है। जबकि जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून आने की पूरी संभावनाएं हैं और अभी भी आसमान में प्री मानसून के बादल छाए हैं। माना यह जा रहा है कि प्री मानसून की बारिश ठीक हो गई तो फिर नालों की सफाई मानसून से पहले नहीं हो पाएगी।



फिर गिने जाएंगे सारस


मथुरा (DJ 2010.06.17)। भोजन और आश्रय स्थल की कमी से प्रदेश में सारस पक्षी की संख्या में लगातार कम हो रही है। वन विभाग सारसों के संरक्षण की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए प्रदेश में एक साथ बीस जून को इनकी गिनती की जाएगी।

प्रदेश का पक्षी कहे जाने वाले सारस लगातार कम हो रहे हैं। खेतों में कीटनाशक रसायन का प्रयोग और तालाबों में मछली पालने से इनके सामने भोजन का संकट खड़ा हो गया है। आश्रय स्थल भी खत्म हो रहे हैं। हालात सारस के विपरीत पैदा हो जाने से या तो यह दूसरे क्षेत्रों में पलायन कर रहे या फिर इनकी मौत हो रही है।

करीब तीन साल पहले वन विभाग ने सारसों की गिनती कराई थी। उस समय जिले में करीब दो सौ जोड़े सारस पक्षी पाए गए थे। वन विभाग सारस के संरक्षण के लिए योजना तैयार कर रहा है।

प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग डॉ. केएल मीणा ने बताया कि बीस जून को प्रदेश भर में सारसों की गणना की जा रही है। सारसों की गणना के लिए जिला स्तर पर तैयारियां कर ली गई है।

उन्होंने बताया कि इसमें पचास टीमों को एक साथ संभावित स्थानों पर भेजा जाएगा। इसके अलावा महाविद्यालयों के छात्रों का भी सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सारस जल भराव वाले स्थान पर अधिक पाए जाते हैं। ऐसे स्थानों का चिन्हित किए जाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।



सड़क निर्माण में तालमेल का अभाव

मथुरा (DJ 2010.06.17)। जेनर्म में मथुरा शहर के अंदर करीब दो हजार करोड़ के विकास कार्य होने हैं। वाटर स्टोर्म योजना चल रही है, सीवरेज की पाइप लाइन पर कार्य शुरू होने जा रहा है और पेयजल पाइप लाइन के लिए शहर में खुदाई होगी ही, इसके बावजूद विप्रा और पालिका की ओर से नयी सड़कें बनायी जा रही हैं। जाहिर है इनकी उम्र ज्यादा लंबी नहीं होगी।

धार्मिक नगरी की वजह से मथुरा में विकास कार्यो के लिए पैसे की बरसात हो रही है, पर मिल रही धनराशि के जल्द से जल्द यूटिलाइज कराने के फेर में विभागों के बीच आपसी सामंजस्य का प्लान तक तैयार नहीं कराया गया है। धरातल पर विकास व निर्माण कार्य कराने वाले विभाग अपनी-अपनी ढपली बजा रहे हैं।

मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण को ही लें। विकास प्राधिकरण अवस्थापना निधि से ढेर सारे कार्य हर साल कराता है। इस बार भी करीब छह करोड़ के कार्य प्राधिकरण क्षेत्र में होने हैं, जिनमें मथुरा शहर का भी अहम हिस्सा शामिल है। एक अहम बात यह भी है कि विकास प्राधिकरण अपने विवेक के आधार पर यह तय करता है कि कौन से विकास कार्य कहां होने हैं। शहर में ही कई सड़कों के कार्य पहले से चल रहे हैं और आने वाले कुछ दिनों में फिर से टेंडर प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।

इसी तरह नगर पालिका ने हाल ही में दो करोड़ चालीस लाख से वाडऱ्ो में सड़कें बनाने की निविदा प्रक्रिया पूरी करायी है। अभी सड़कों की एक खेप और तैयार हो रही है। जाहिर है दोनों विभागों से शहर में ताबड़तोड़ सड़कें तो बनायी जा रही हैं, पर यह नहीं सोचा जा रहा कि इनकी उम्र आखिर कितनी लंबी होगी।

जेनर्म में सीवरेज व वाटर पाइप लाइन का कार्य भी शुरू होना है और अगले डेढ़-दो साल के अंदर पूरा शहर और उसके बाद शहर अंदर की गलियां तक खुदी नजर आएंगी, तब करोड़ों के व्यय से बची ये सड़कें कहां तक सलामत रहेंगी।

जाहिर है कि जिस तरह से जेनर्म में उच्च स्तर पर सामंजस्य न बनने से राजकीय निर्माण निगम गरीबों के मकानों के साथ-साथ सीवर लाइन भी डाल रहा है, जबकि जेनर्म में ही जल निगम को भी सीवरेज का कार्य वृहद स्तर पर करना है। उसी तरह जिला प्रशासन ने संबंधित विभागों के बीच कोई तालमेल नहीं बिठाया है, जिससे अपनी ढपली अपने राग का माहौल बना हुआ है।



पौधेरोपण की तैयारियां शुरू

मथुरा (DJ 2010.06.17)। वन विभाग ने मानसून सत्र में पौधे रोपण की तैयारियां शुरू कर दी है। बुधवार को प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग ने बुलाई वन क्षेत्राधिकारियों की बैठक में गड्ढे भरने और नर्सरियों में पौधों की छंटनी करने के निर्देश दिए। पहली बारिश के बाद ही पौधे रोपण का काम शुरू हो जाएगा।

वन विभाग को मानसून सत्र में करीब चार लाख पौधों का रोपण करना है। विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग डॉ. केएल मीणा ने मांट, बलदेव, मथुरा, गोवर्धन और कोसी के वन क्षेत्राधिकारियों की बैठक बुलाई।

इसमें वन क्षेत्राधिकारियों को पूर्व में खोदे गए गड्ढे मिट्टी और खाद से भरने का काम शुरू कराए जाने के निर्देश दिए गए। बैठक के बाद श्री मीणा ने बताया कि मानसून की पहली बारिश होते ही पौधे रोपण का काम शुरू कर दिया जाएगा। इससे पहले सभी गड्ढे मिट्टी एवं खाद से भर दिए जाएंगे।



प्रोजेक्ट उड़ान में ब्राड बैंड को लगे पंख


मथुरा (DJ 2010.06.17)। घर बैठे कनेक्शन देने और कनेक्शन की प्रक्रिया ज्यादा से ज्यादा तीन दिन के अंदर पूरी करने का लाभ ब्राड बैंड को मिल रहा है। अब निगम के चार हजार से ज्यादा ब्राड बैंड यूजर हैं, जिनमें तीन सौ कनेक्शन तो पिछले डेढ़ महीने में लगे हैं।

संचार निगम का प्रशासन उड़ान प्रोजेक्ट पर सर्वाधिक ध्यान दे रहा है। इसके अंतर्गत संचार निगम की किसी भी सेवा के लिए उसके दिए नंबर पर एसएमएस या कॉल करके रजिस्ट्रेशन कराना होता है। रजिस्ट्रेशन पुणे में दर्ज होता है। निगम की यह केंद्रीयत सेवा पूरे देश के लिए हैं, जहां संबंधित जिलों के निगम कार्यालयों को आवेदन रेफर कर दिया जाता है।

नेट के जरिए डिमांड मिलते ही प्रोजेक्ट उड़ान के लिए तय की गयी अधिकारियों की टीम संबंधित उपभोक्ता के घर जाकर न केवल फार्म आदि भरती है, बल्कि पूरी प्रक्रिया अपनाकर तीन दिन के अंदर कनेक्शन उपलब्ध करा देती है।

बताया गया है कि उड़ान में ज्यादा कनेक्शन निगम को ब्राड बैंड के मिल रहे हैं। पिछले डेढ़ महीने में ही निगम प्रशासन ने तीन सौ से ज्यादा कनेक्शन दिए हैं, जो एक उपलब्धि है। वर्तमान में चार हजार से ज्यादा ब्राड बैंड उपभोक्ता जनपद में हो गए हैं।

निगम अधिकारियों का कहना है कि जिले की इंटरनेट मार्केट में अभी काफी स्पेश है। ब्राड बैंड किसी भी निजी कंपनी के नेट कनेक्शन से ज्यादा त्वरित और सस्ता है, लिहाजा उपभोक्ता इसे हाथों-हाथ ले रहे हैं।

महाप्रबंधक राधेश्याम पांडेय ने बताया है कि निगम का प्रयास सभी नेट उपभोक्ताओं को ब्राड बैंड कनेक्शन उपलब्ध कराना है। उड़ान के तहत एसएमएस पर भी डिमांड रजिस्टर करायी जा सकती है।



कुंड से अतिक्रमण हटाने के लिए अल्टीमेटम

एसडीएम के साथ पर्यटन अफसरों ने की वार्ता
सख्ती : बाधा डालने वालों के खिलाफ होगी एफआईआर
उपद्रव से आजिज आकर २४ घंटे की मोहलत


बरसाना (AU 2010.06.17)। गांव चिकसौली में दोहनी कुंड के आसपास अतिक्रमण हटाने के दौरान बार-बार हो रहे उपद्रव पर प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। अतिक्रमणकारियों को कुंड के आसपास से अतिक्रमण हटाने के लिए २४ घंटे का अल्टीमेटम दिया है। चेतावनी दी गई है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो जबरन खाली कराने की कार्रवाई की जाएगी। इसमें बाधा डालने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी।

पर्यटन विभाग गांव चिकसौली स्थित दोहनी कुंड के जीर्णोद्धार के साथ आसपास के क्षेत्र में पार्क बनवाने में जुटा है। इस दौरान कुंड के पास अतिक्रमणों को हटाने के दौरान ग्रामीण पथराव से लेकर जेसीबी मशीन में तोड़फोड़ तक कर चुके हैं। गत शाम भी ग्रामीणों ने जेसीबी में तोड़फोड़ कर कर्मचारियों को भगा दिया था।

इस मामले में बुधवार को पर्यटन विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर अनूप श्रीवास्तव, एसडीएम छाता राजपाल सिंह, तहसीलदार छाता कुलदेव सिंह समेत तहसील के अन्य अफसर वार्ता के लिए चिकसौली पहुंचे। एतिहातन बरसाना पुलिस के साथ दो ट्रक पीएसी भी बुलाई गई थी। इस दौरान असिस्टेंट डायरेक्टर पर्यटन ने ग्रामीणों को जानकारी दी कि योजना का क्रियान्वयन पर्यटन विभाग करा रहा है। कुंड के जीर्णोद्धार के बाद आसपास के क्षेत्र को पार्क के रूप में विकसित किया जाना है। सौंदर्यीकरण के बाद यहां पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा। इसका लाभ ग्रामीणों को ही मिलेगा।

एसडीएम छाता राजपाल सिंह ने कहा कि कुछ लोग निजी लाभ के लिए ग्रामीणों को भड़का रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों को अतिक्रमण हटाने के लिए २४ घंटे का समय दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि इस अवधि में अतिक्रमण नहीं हटे तो उन्हें जबरन हटवा दिया जाएगा। बाधा डालने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी।
इस मौके पर चीफ इंजीनियर चौ. जगदीश सिंह, पर्यटन अधिकारी डीके शर्मा, कन्हैया, राम, पूर्व प्रधान राधाचरन, सुरेश, विजेंद्र, सतीश, कलुआ आदि थे।


कंपोस्ट खाद बनाने के लिए आटोमैटिक प्लांट लगेगा

सिस्टम के लिए ११ हेक्टेअर भूमि की तलाश
समीक्षा बैठक :६२ किमी सीवर लाइन डालने की स्वीकृति मिली
जेनर्म में ३० और बस चलाने को स्टाफ की जरूरत


मथुरा (AU 2010.06.17)। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनपद में कंपोस्ट खाद बनाने का आटोमैटिक प्लांट स्थापित किया जाएगा। इसके लिए ११ हेक्टेयर भूमि तलाशी जा रही है। इस प्लांट के लिए वार्डों से ‘डोर टू डोर’ कूड़ा इकट्ठा किया जा रहा है। इस कूड़े को एक स्थान पर एकत्र कर प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। प्लांट में कूड़े को रीसाइकिल कर उपयोगी अवयवों में तब्दील कर दिया जाएगा।

यह जानकारी जेनर्म योजना के तहत् कराए जा रहे विकास कार्यों की डीएम दिनेश चंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के दौरान दी गई। बताया गया कि जेनर्म योजना में नगर में ६२ किलोमीटर सीवर लाइन डालने की स्वीकृति मिल चुकी है। अब तक मात्र यमुनापार क्षेत्र में चार किलोमीटर लाइन डाली जा चुकी है। इस परियोजना को मार्च २०१२ में पूर्ण किया जाना है। इसके लिए शासन ने जलनिगम को प्रथम किश्त के रूप में १४ करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान कर दी है।

ड्रेनेज की समीक्षा में बताया गया कि इसमें ७२.४ किलोमीटर की ड्रेनेज बननी है। अभी तक १०.२७ किलोमीटर क्षेत्र में काम पूर्ण हो सका है। कार्यदाई संस्था एलएंडटी के अभियंता ने अवगत कराया कि काम में तेजी लाने के लिए शीघ्र ही कंपनी अपना बैचिंग प्लांट स्थापित करेगी। ड्रेनेज का काम सितंबर २०११ तक पूर्ण हो जाएगा।

एआरएम रोडवेज ने बताया कि जेनर्म के तहत् जिले को ६० नई बस उपलब्ध हो गई हैं। ३० बस विभिन्न मार्गों पर संचालित हो रही हैं। शेष ३० बसों के लिए चालक-परिचालक की व्यवस्था करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इधर, मलिन बस्तियों में पक्के आवासों के संबंध में जानकारी दी गई कि २१४ करोड़ की इस योजना में ५७३८ आवासों के निर्माण का काम किया जाना है। इस मौके पर डीएम ने सभी कार्यदाई संस्थाओं की शिथिलता पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कामों में तेजी लाई जाए। साथ ही माहवार लक्ष्य निर्धारित कर कार्य की गुणवत्ता पर भी नजर रखी जाए।

इस मौके पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ज्ञानेश कुमार, नगर मजिस्ट्रेट मनोज सिंह समेत विकास से जुड़े विभागों के अफसर मौजूद थे।



मूर्तियों के बाद सिक्कों की वीथिका खोलने की तैयारी

राजकीय संग्रहालय की खोई रौनक लौटी
प्लानिंग : मूर्ति गैलरियों संग कुछ स्पेशल सिक्कों का डिस्प्ले शुरू


मथुरा (AU 2010.06.17)। राजकीय संग्रहालय की खोई रौनक अब लौटने लगी है। लंबे अर्से बाद पर्यटकों को म्यूजियम की अनमोल धरोहरों के अवलोकन का मौका मिलने वाला है। बहुमूल्य प्रतिमाओं की गैलरियां खुलने के बाद पेंटिंग्स और बहुमूल्य सिक्कों को भी जल्द गैलरियों में अवलोकन के लिए सजाया जाएगा।

राजकीय संग्रहालय में २५००० प्राचीन बहुमूल्य सिक्के संग्रहीत हैं। इनमें १७८ स्वर्ण, ५६४८ चांदी एवं १८४२४ कॉपर के सिक्के हैं। इनमें प्राचीनकाल के पंचमार्क कोइन, ट्राइबल कोइन, नागवंश, कुषाण काल, गुप्तकाल, मथुरा शेली, राजपूत काल, मध्यकाल के सिक्के बहुत लोकप्रिय हैं। देश-विदेश में इनकी ख्याति फैली हुई है। दस वर्षों से अधिक समय से यह सिक्के संग्रहालय के स्टोर रूम में धूल फांक रहे थे। संग्रहालय के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण का कार्य होने के साथ ही इनको शो केस में सजाया जाने लगा है। इसके बाद सिक्कों की अलग गैलरी में इनको ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

मूर्तियों की वीथिकाओं के साथ ही सिक्कों के डिस्प्ले किए जाएंगे। फिलहाल मूर्तियों की गैलरियों में ही बहुत स्पेशल सिक्कों को पर्यटकों के लिए सजाया जा रहा है। इसके बाद नई बन रही इमारत में सिक्कों की वीथिका खोले जाने के योजना है। संग्रहालय में आने वाले पर्यटकों की खास रूप से सिक्के देखने की चाहत होती है।



पानीपत की युवती ब्वाय फ्रेंड से मिलने आई, बंदी

ब्वाय फ्रेंड और उसका दोस्त भी पकड़ा

बरसाना (AU 2010.06.17)। पुलिस ने पीली कोठी तिराहे से बाइक सवार युवती और दो लड़कों को पकड़ लिया। पुलिस ने तीनों को अश्लील हरकतें करने के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया।

बुधवार की रात करीब १२ बजे एक बाइक से दो युवक और एक युवती आ रहे थे। पीली कोठी तिराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पूछताछ करने पर पुलिस को उनकी बातों पर शक हुआ। पुलिस तीनों को थाने ले गई। थाने में पूछताछ करने पर युवती ने खुद को गुहाना रोड, पानीपत, हरियाणा की रहने वाली बताया। युवकों में से एक ने अपने को गांव हथाना, कोसीकलां निवासी बच्चू सिंह और दूसरे ने गांव बरहाना कोसीकलां निवासी अमित बताया।

युवती का कहना था कि अमित उसका ब्वाय फ्रेंड है और पिछले एक साल से उसके साथ प्रेम चल रहा है। तीनों गोवर्धन की परिक्रमा के लिए जा रहे थे। पुलिस ने युवती द्वारा दिए गए उसके जीजा के फोन नंबर पर जब बातचीत की तो कथित जीजा ने युवती को अपनी साली होने से इंकार कर दिया। पुलिस ने तीनों को अश्लील हरकतें करने के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया।

फोटो- बरसाना पुलिस द्वारा अश्लील हरकतें करते पकड़े गए दोनों युवक।

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