Sunday, June 13, 2010

2010-06-14 ब्रज का समाचार

पांच साल तक खड़े रहेंगे बाबा शिवानन्द गिरी

मथुरा (DJ 2010.06.14)। यह भी कठिन संकल्प है। जगत कल्याण और शांति के लिए महज 24 वर्ष की उम्र में ही युवा सन्त शिवानन्द गिरी ने पांच साल तक खड़े रहने का संकल्प लिया था। अब उनके संकल्प को पूरा होने में एक साल और बचा है।

मथुरा सादाबाद मार्ग पर बलदेव स्थित आश्रम पर बाबा शिवानन्द गिरी ने बताया कि उन्हें अपने माता-पिता का मालूम नहीं है। माता पिता द्वारा उन्हें बचपन में ही जूना अखाड़ा इलाहाबाद को दान में दे दिया था। महन्त बालयोगेश्वरानन्द के सानिध्य में चार वर्ष की उम्र से ही सन्यासी जीवन जी रहे हैं। अब उनकी उम्र चौबीस वर्षीय की हो गयी है।

बीस वर्ष सन्त जीवन के पूरे हो गये हैं। वर्तमान में चार वर्ष पूर्व उनके मन में विश्व शान्ति व जनमानस के कल्याण के लिए कुछ करने का विचार आया तभी उन्होंने पांच साल तक खड़े होने का संकल्प लिया था। चार वर्ष खड़े होते-होते पूरे हो गये। एक वर्ष शेष है। वे खड़े होकर ही सभी कार्य पूरे कर रहे हैं। वे पूरी रात दिन झूलों के सहारे खड़े होकर ही सोते हैं और अन्य कार्य करते हैं। मोटर साईकिल आदि वाहन पर वे खड़े होकर ही चलते हैं। उनके मन में विश्व शान्ति व जनमानस के कल्याण की कामना है।



अब जनपद में मेट्रो सिटी जैसी आवोहवा

मल्टीप्लैक्स खुलने से लोगों का बढ़ा रुझान

बदलाव : मेट्रो सिटी की तर्ज पर खरीददारी, सैर-सपाटा
सप्ताहांत में आनंद लेने के लिए जा रहे मॉल


मथुरा (AU 2010.06.14)। कृष्ण की नगरी के बाशिंदों को अब मेट्रो सिटी जैसी आवोहवा रास आने लगी है। शहर में तेजी से विकसित हो रही मॉल कल्चर की छाप स्थानीय लोगों पर छा रही है। मल्टीप्लैक्स के आगाज से मनोरंजन के मायने भी बदल गए हैं। मॉल कल्चर संस्कृति को अपनाते हुए अब लोगों को यहां अपनी दिनचर्या बदलनी पड़ रही है।

खासकर उच्च और मध्यम वर्ग के परिवारों में घूमने-फिरने की बात हो तो अब शहरवासियों की जुबान पर शॉपिंग माल्स व मल्टीप्लैक्स का नाम तेजी से आने लगा है। परिवारीजनों के साथ सैर-सपाट करना हो अथवा सप्ताहांत में घूमना-फिरना, लोग मॉल्स और मल्टीप्लैक्स की ही शरण में जाना पसंद कर रहे हैं। मॉल कल्चर को लोगों ने सर माथे लेना प्रारंभ कर दिया है।

शहर के मध्य नए बस अड्डे पर खुला मॉल हो या हाइवे पर बड़े शॉपिंग कांप्लैक्स का निर्माण शहरवासियों ने इनमें खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद क्रिसमस, न्यू ईयर पार्टी आदि के होने से युवाओं पर इनका सुरुर छाने लगा। धीरे-धीरे बच्चे भी इनमें रुचि दिखाने लगे। अब तो यहां घूमना शहर वासियों की प्राथमिकता में शुमार हो गया है। यही कारण है कि रिफाइनरी, डींग गेट, होली गेट, कृष्णा नगर आदि प्रमुख क्षेत्रों में शॉपिंग मॉल्स का धड़ाधड़ निर्माण किया जाने लगा है।

मिनी थिएटर बनाने की योजना
मथुरा। जिले में मल्टीप्लैक्स के सुखद अहसास ने इस कल्चर को संजीवनी प्रदान करने का काम किया है। रिफाइनरी के बाद अन्य स्थानों पर भी इनके खोले जाने की योजना बनाई जा रही हैं। मॉल स्वामी भी मिनी थिएटर स्थापित कर दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करने की योजना बना चुके हैं।


No comments: