Tuesday, July 6, 2010

2010-07-07 ब्रज का समाचार

वृंदावन प्रोजेक्ट ने गति पकड़ी : मंडलायुक्त


भीड़ के अनुरूप होंगे मुड़िया मेला के प्रबंध
जिला प्रशासन ने कार्ययोजना तैयार की
व्यवस्थाओं के लिए अफसरों को निर्देश


छाता (AU 2010.07.07)। कमिश्नर शंकर महादेव बोवड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री के ड्रीम वृंदावन प्रोजेक्ट के काम में गति आई है। गोवर्धन के मुड़िया पूर्णिमा मेले की व्यवस्थाओं को शीघ्र अंतिम रूप दिया जाएगा।

कमिश्नर ने मंगलवार को अमर उजाला से मुलाकात में कहा कि राजकीय मेला होने के नाते गोवर्धन में मुड़िया पूर्णिमा की व्यवस्थाओं को भीड़ की कसौटी पर कसना अफसरों की जिम्मेदारी होगा। मेले के लिए जिला प्रशासन ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। वह शीघ्र ही बैठक कर भीड़ को देखते हुए आवश्यक इंतजाम पर मंथन करेंगे।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। कोकिलावन में हुई छेड़छाड़, उपद्रव की घटना पर खेद जताते हुए मंडलायुक्त ने कहा कि इस प्रकरण की गंभीरता से जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद यहां सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए जाएंगे। प्रशासन की कोशिश है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

तहसील में जलभराव से मुश्किल

छाता। तहसील दिवस के दौरान तहसील परिसर में जलभराव पीड़ितों के साथ अफसरों के लिए भी सिरदर्द बना रहा। इस दौरान आए कमिश्नर को देखते ही अफसरों के चेहरे स्याह पड़ गए। इस दौरान तहसील के गेट पर चार से पांच फुट तक ऊंचा पानी भरा दिखाई दिया। बरसाना कालोनी, चंद्रपुरी कालोनी, लक्ष्मी नगर, गोरखधाम एवं ओल्ड जीटी रोड पर कई फुट पानी भरा रहा। राहगीर और वाहन स्वामी तमाम दिक्कतों के बाद अपने गंतव्य की ओर रवाना हो सके।



मानसी गंगा: मुड़िया पूनों मेला के नाम करोड़ों का फटका


गोवर्धन (DJ 2010.07.07)। किसी ने सपने में नहीं सोचा था कि जिस मानसी गंगा को स्वच्छ देखने के लिए वे तमाम कठिनाइयों को झेलते आ रहे हैं उसका ऐसा दर्दनाक अंत होगा। जी हां 22 करोड़ खर्च किये जाने के बाद भी गंगा में मैला पानी ही भरा जा रहा है।

लापरवाही की हदें तो तब पार हो गई कि बिना सफाई किये ही दल-दल पर गदेला पानी छोड़ा गया। इस जल में मुड़िया पूर्णिमा मेला में देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे।

दूसरी ओर जिस तरह का आला अफसरों का मेला से पहले योजना पूरी करने का अल्टीमेटम है उसे देखते हुए अभी तक सीवरेज प्लांट भी अधूरे पड़े हैं। कई कार्य अभी तक मुंह फैलाए हुए हैं।

करीब एक साल से ज्यादा का समय मानसी गंगा स्वच्छता के लिए योजना के अफसरों ने लगा दिया। पहले गंगा को खाली किया गया। पानी पम्पों सैट से बाहर किया गया। इसमें ही काफी दिन लग गये। इसके बाद मिट्टी खुदाई का कार्य शुरू हुआ जो कि जेसीबी मशीनों के जरिए कई महीनों तक चला।

इस दौरान मिट्टी तो निकाली गई लेकिन इससे करोड़ों की लागत से बनाया गया राधाकुंड परिक्रमा मार्ग गौशाला तक कच्चे मार्ग के रूप में तब्दील हो गया। अब उसी सड़क को नये सिरे ठीक करने के लिए कहा गया।

जाहिर है कि उस दोबारा पुरानी स्थिति पर लाने के लिए धनराशि खर्च होगी। इसके लिए राधाकुंड रोड पर पम्प स्टेशन भी कई करोड़ की लागत से बन रहा है। अभी तक इसका निर्माण भी पुरा नहीं हुआ है।

स्थिति यह है कि स्टेशन पर प्लांट तालाब तो बन गये हैं। इन्हें भी संचालन के योग्य बनाने जाने में काफी दिन लगेंगे। इसके अलावा मशीनी कार्य भी अभी शुरू नहीं हुआ है। इससे जल शोधन की व्यवस्था होनी है।

कई घाटों का निर्माण भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इस सबके बावजूद मुड़िया पूर्णिमा मेला की तैयारियों के हो हल्ला में मानसी गंगा में पानी छोड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया। बुधवार को हालत यह थी कि चक्लेश्वर की ओर से डाला जा रहा पानी गंदा मिट्टी युक्त था। वह भी गंदगी और कीचड़ युक्त मिट्टी से होकर गंगा में पहुंच रहा था। जिसे देख हर कोई तमतमा रहा था।

मौके पर लोगों का कहना था कि इतनी मोटी धनराशि खर्च होने के बाद भी इस योजना का इतना बुरा अंत होगा यह सोचा भी नहीं था। लोगों का यह भी कहना था कि हाल ही में मानसी गंगा से मिट्टी उठाई गई है, ऊपर से गंदा ही पानी छोड़ा जा रहा है। ऐसे में गंगा का पानी गदेला हो जाएगा और श्रद्धालुओं को फिर से गंदा जल ही दिखाई देगा। इससे भावनाएं आहत होंगी।

इस बारे में उप जिलाधिकारी सदर राकेश मालपाणी से जानकारी की गई तो उन्होंने कहा कि वे इस मामले को एडीएम प्रशासन के संज्ञान में लाएंगे। जल्द ही स्थिति का जायजा लेने जाएंगे।



गोवर्धन में अतिक्रमण हटाने पर हंगामा


गोवर्धन (DJ 2010.07.07)। सन 1992 से साल दर साल अतिक्रमण के नाम पर रोजी रोटी कुर्बान कर रहे दुकानदारों को फिर से तोड़फोड़ का दंश झेलना पड़ रहा है। मंगलवार को अफसरों ने जमकर तोड़ फोड़ कराई। मुख्य बाजार सहित कई सड़कों पर की गई तोड़फोड़ से गुस्साए लोग अफसरों से भिड़ गये। जमकर कहासुनी की गई। नारेबाजी की गई, बावजूद इसके कोई भी अपने रवैया से टस से मच होने को तैयार न हुआ। व्यापारियों ने बाजार कर दिया। अभियान को लेकर व्यापारी लामबंद होकर अपने निर्माण बचाने में लगे हुए हैं।

मुड़िया पूर्णिमा आते ही लोगों को जैसे किसी कहर का डर सताने लगता है। हर साल इसी मेला के नाम पर तोड़फोड़ की जाती है और अफसर निर्माण की सीमा रेखा खींच जाते हैं। अगले मेला के आने तक नये अफसर अपना रवैया अपनाते हैं और चल पड़ते हैं तोड़फोड़ के लिए। इसके तमाम प्रमाण कस्बा के व्यापारियों के पास मौजूद हैं, लेकिन मौजूदा कोई अफसर इस बात को सुनने को तैयार नहीं था।

इस मुड़िया पूर्णिमा मेला पर भी पुराना ढर्रा अपनाया जा रहा है। मंगलवार को भी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। मथुरा रोड से आगरा वाली प्याऊ से लेकर लठकोरी और बस स्टैंड होते हुए आन्यौर मार्ग पर मोदी भवन तक अभियान चलाया गया।

इसके बाद अफसर जेसीबी मशीन को लेकर बड़ा बाजार में उतर गये। इस दौरान शुरू से लेकर बाजार तक तमाम छोटे बड़े निर्माण ध्वस्त कर दिये गये। पैंठ बाजार की पुरानी दीवार ढहा दी गई। सड़क किनारे आने वाले मकान दुकान के बाहरी हिस्सों को ध्वस्त कर दिया गया।

इसी दौरान बड़ा बाजार में स्थिति उस समय लड़खड़ा गई जब नाले के ऊपर बने पक्के दासे और ऊपर लगे बॉक्स भी तोड़े जाने लगे। दुकानदारों का मोटा नुकसान होने पर व्यापार मंडल के सदस्य भी सामने आए, लेकिन उनका दबाव भी बेअसर दिख रहा था।

वे इस दौरान एसडीएम सदर राकेश मालपानी और लोक निर्माण विभाग के अधिषासी अभियंता संत राम के समक्ष तमाम दलील देते रहे, लेकिन उनकी एक न सुनी गई और जेसीबी अपना काम करती रही।



परिक्रमा मार्ग में चला बुलडोजर, तकरार


आन्यौर परिक्रमा मार्ग में आश्रम, भवन निशाने पर
योगेश्वर आश्रम में दस फुट तोड़फोड़
कई अन्य आश्रमों से हाथ नही लगाया
पक्षपात बरतने पर जमकर तकरार हुई


मथुरा/गोवर्धन (AU 2010.07.07)। आन्यौर परिक्रमा मार्ग में दानघाटी से मंगलवार को अतिक्रमण हटाए गए। आश्रम, दुकानों और भवनों में जमकर तोड़फोड़ की गई। कई खोमचे, ढाबे समेत अस्थाई दुकानें भी हटवा दी गईं। अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। कई बार तकरार हुई। लोगों ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण करार दिया। एक आश्रम को छोड़े जाने और कई अन्य आश्रमों में तोड़फोड़ करने से गुस्सा उमड़ पड़ा।

मुड़िया पूर्णिमा पर उमड़ने वाली परिक्रमार्थियों की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने मंगलवार को गोवर्धन में दानघाटी से अतिक्रमण हटवाए। इस दौरान राधा फार्मेसी कंपनी की दीवार ढ़हा दी गई। सौंख अड्डे एवं बड़े बाजार में जमकर तोड़फोड़ की गई। इस बीच रालोद नेता दीपक चौधरी व्यापारियों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने एसडीएम सदर राकेश मालपानी व अन्य अफसरों से अतिक्रमण हटाने को दो दिन की मोहलत मांगी लेकिन एसडीएम इनकार किया।

अभियान में सबसे ज्यादा तोड़फोड़ दानघाटी के समीप आन्यौर परिक्रमा मार्ग स्थित योगेश्वर आश्रम के बाहर की गई। वहां लगभग दस फुट अंदर तक तोड़फोड़ की गई। आश्रम का गेट तोड़ दिया जबकि पड़ोस के रामानंद आश्रम समेत कई अन्य आश्रमों में तोड़फोड़ नहीं की गयी। इस पर योगेश्वर आश्रम के महंत स्वामी सुरेशानंद पुरी महाराज जी ने सख्त आपत्ति की। महाराज जी का कहना था कि प्रशासन को पहले ही इस तोड़फोड़ की जानकारी देनी चाहिए थी।

अतिक्रमण हटाने का अभियान या तो अन्यौर से चलाना चाहिए था या फिर दानघाटी से बीच में चलाने का क्या तुक? अभियान में पक्षपात किया जा रहा है। कई व्यवसाइयों ने आरोप लगाए कि तमाम दुकानें अतिक्रमण सीमा में न होने पर भी ढहाई गई हैं और कई को छोड़ा गया है। एसडीएम सदर राकेश मालपानी ने इन सभी आरोपों से इंकार किया। उन्होंने कहा कि नाप के बाद अतिक्रमण चिह्नित हुआ है और उन्हीं स्थानों पर तोड़फोड़ की कार्रवाई हुई है।



बारिश से जनता निहाल शहर बेहाल


मथुरा (DJ 2010.07.07)। तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से जनता निहाल हो गई तो शहर बेहाल हो गया। दोपहर गिरे पानी से शहर की सड़कें नाला बन गई। निचले हिस्सों की दुकान और मकानों में पानी घुस गया।

होली गेट पर खड़े सैकड़ों वाहनों के साइलेंसर डूब गए। इनको स्टार्ट करने में वाहन स्वामियों के पीसने छूट गए। अनाज मंडी में चबूतरे डूब गए और उन पर रखा अनाज भीग गया।

ब्लॉक मथुरा में 225 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। तीन दिन में तापमान में अप्रत्याशित 9 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। आर्द्र ता 92 प्रतिशत पर पहुंच गई है। मौसम के जानकार अगले चौबीस घंटे में अभी ओर बारिश होने की संभावनाएं व्यक्त कर रहे हैं।

मानसून सत्र की सबसे जोरदार बारिश मंगलवार को दोपहर बाद हुई। करीब बत्तीस मिनट तक लगातार गिरे पानी ने शहर की तस्वीर ही बदल कर रख दी। बारिश के पानी को नाले नालियां नहीं झेल सके। सड़कें नाले में तब्दील हो गईं।

हालात ये थे कि होली गेट चौराहे पर फुटपाथ के ऊपर होकर पानी दुकानों में घुस गया। फुटपाथ किनारे खड़े सैकड़ों स्कूटर, मोटर साइकिल और कारों के साइलेंसर डूब गए।

चौक बाजार, स्वामी घाट पर पानी का जबर्दस्त प्रेशर रहा। दर्जनों दुकानों में पानी छह सात इंच तक खड़ा हो गया। व्यापारी नेता सूरजभान सर्राफ ने बताया कि दुकानों को खोलने पर ही पता चलेगा कि किस में कितना नुकसान हुआ है।

अंतापाड़ा और अम्बाखार में शायद ही कोई दुकान-मकान शेष रह होगा, जिसमें पानी न घुसा हो। विकास मार्केट के पास दुकानों में लबालब पानी भर गया। शाम को दुकानदार पानी निकालते रहे।

पुराने और नये बस स्टैण्ड के सामने रेलवे पुलों के नीचे फिर पानी भर गया। इससे आवाजाही ठप रही। निचले इलाके की कालोनी द्वारिका पुरी, अग्रसेन नगर, आवास विकास, प्रोफेसर कालोनी, मंशा पुरी, जमुना बिहार, आनंद पुरी, टुण्डा बिहार, रूकमणि बिहार, जनकपुरी में सैकड़ों मकान और दुकानों में एक से दो फीट तक पानी भर गया।

आनंद पुरी निवासी कांग्रेस नेता ठाकुर बिहारी लाल ने बताया कि पिछले सत्रह साल में पहली बार इतनी बारिश हुई कि कालोनी में दुकान और मकानों में पानी खड़ा हो गया।

चन्द्रपुरी, नटवर नगर, अम्बेडकर कालोनी, सुखदेव नगर, कृष्णा नगर, बलदेव पुरी, माधवपुरी, डीग गेट, जयसिंह पुरा, राधेश्याम कालोनी में भी यही हालत उत्पन्न हो गए। थाना हाइवे और मंडी पुलिस चौकी में भी पानी भर गया। हाइवे थाने के आवासों में रहने वाले पुलिसकर्मी शाम को घर छोड़कर दूसरे स्थानों पर जाने लगे।

मंडी के आढ़ती राजकुमार अग्रवाल और दीन दयाल अग्रवाल ने बताया कि अनाज मंडी जलमग्न हो गई। पानी चबूतरों के ऊपर चढ़ गया और निचले हिस्से की दुकानों में घुस गया। इनमें रखा सैकड़ों क्िवटल अनाज भीग गया।

यमुना पार की दर्जनों कालोनियों में भी जलभराव हो गया। आईसीटी ने सदर ब्लॉक पर 225 एमएम बारिश रिकार्ड की। राया के कृषि शोध केंद्र पर 25 एमएम बारिश हुई। बरसाना और शेरगढ़ में भी जमकर पानी गिरा। गोवर्धन, महावन, बल्देव, नौहझील, मांट में बूंदाबांदी हुई। फरह में पांच एमएम बारिश रिकार्ड की गई। तापमान में पिछले तीन दिन में नौ डिग्री सेल्सियस की अप्रत्याशित गिरावट आई। आ‌र्द्रता 92 प्रतिशत रिकार्ड की गई। मौसम के जानकर अगले चौबीस घंटे में ओर बारिश होने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं।



वर्षा से कराह उठे व्यापारी


मथुरा (DJ 2010.07.07) । बारिश का पानी दुकानों में घुस जाने से व्यापारियों को मोटा नुकसान हुआ है। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर प्रभावित व्यापारियों को दैवीय आपदा राहत कोष से मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है। बुधवार को व्यापारी समस्या को लेकर जिलाधिकारी से भेंट करेंगे। व्यापार मंडल ने चेतावनी दी है कि यदि प्रभावित व्यापारियों को जल्द राहत नहीं पहुंचाई गई तो आंदोलन किया जाएगा।

दोपहर बाद हुई जोरदार बारिश से होली गेट अंदर के बाजारों में तमाम व्यापारियों की दुकानों में पानी भर गया। इससे चौक बाजार, नया बाजार, स्वामी घाट छत्ता बाजार के दर्जनों व्यापारियों को मोटा नुकसान हुआ है।

साप्ताहिक बंदी के कारण दुकानों के बंद रहने से व्यापारी अपने सामान की सुरक्षा नहीं कर पाए, लेकिन बारिश थमने के बाद जब व्यापारियों ने दुकानों खोली तो हालात देखकर उनकी आत्मा कराह उठी।

प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के बाद अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष मुरारी अग्रवाल ने बताया कि नगर पालिका का ट्रोला बह जाने से पानी रुक गया और दुकानों में भर गया। इससे दर्जनों व्यापारियों को भारी नुकसान पहुंचा है।

उन्होंने जिला प्रशासन से प्रभावित व्यापारियों को तत्काल दैवीय आपदा राहत कोष से मुआवजा दिए जाने की मांग उठते हुए कहा कि इस मामले को लेकर व्यापारी बुधवार को जिलाधिकारी से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि व्यापारियों की मांग को स्वीकार नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।

पानी से शहर हो गया जाम

मथुरा। इन्द्रदेव की तीसरे दिन हुई मेहरबानी ने यातायात व्यवस्था को पटरी से उतार दिया। पूरा शहर जाम हो गया। हर तरफ पानी ही पानी भरा हुआ था। बारिश के थम जाने के करीब आधे घंटे बाद तक सड़कों पर लबालब पानी भरा रहा। नाले नालियों इस पानी को खींच नहीं पा रहे थे। वाहन चालकों ने निकलने के लिए गलियों की तरफ रुख किया तो उनमें जाम की स्थिति पैदा हो गई। बारिश के बाद लोग वाहनों को स्टार्ट कराने के लिए मिस्त्री खोजते रहे।



मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात


बस्तियां, बाजार, सड़क, पार्कों में कई-कई फीट पानी
पूरे शहर को ताल-तलैया में तब्दील कर दिया
इस बार ऊंचे क्षेत्रों वाले घरों में जा घुसा पानी


मथुरा (AU 2010.07.07)। मूसलाधार बारिश ने मंगलवार को शहर के कई स्थानों पर बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए। कई-कई फुट पानी भर गया। कई बस्ती, कालोनी, सड़क, पार्क पानी में डूब गयीं।

मंगलवार को ढाई से साढ़े तीन बजे तक हुई मूसलाधार बारिश ने पूरे शहर को ताल-तलैया में तब्दील कर दिया। शहर के हजारों घर, दुकानों मेें पानी जा घुसा। उनका भारी नुकसान हुआ। वाहन सड़क पर दौड़नें बंद हो गए। जिनका सामान डूबा वे आंसू न रोक सके। हर कोई पालिका एवं जिला प्रशासन को कोसते दिखा। लोग कह रहे थे कि पालिका ने यदि समय रहते नाले साफ करा दिए होते तो इतना जलभराव न होता।

बारिश से शहर की प्रत्येक सड़क पानी से लबालब दिखी। शहर का ऐसा कोई हिस्सा होगा, जलभराव न हुआ हो। अभी तक तो निचले इलाकों में पानी प्रवेश करता था, लेकिन अबकी बारिश ने उन स्थानों से भी ऊंचे इलाके चपेट में ले लिए।

कई दुकानों का सामान ही बहकर चला गया। बरसात के कारण वाहनों की रफ्तार भी थम गई। आफिस एवं कचहरी से लौट रहे लोगों ने कृष्ण्नानगर जाने के लिए हाइवे का सहारा लिया। अपने घरों से बेघर हुए लोग पालिका एवं जिला प्रशासन को कोसते नजर आए।

इन स्थानों पर दुकानों में घुसा पानी


मथुरा (AU 2010.07.07) । मंगलवार की बरसात से दुकानों में घुसे पानी ने लाखो रुपए के सामान को खराब कर दिया।

मंगलवार के बाजार बंदी के कारण दुकानदार घरों में मस्त से थे, वहीं बरसात के पानी ने उनकी दुकान में घुसकर तबाही मचाई। शहर के घीयामंडी, नया बाजार, स्वामीघाट, चौक बाजार, डोरी बाजार, मंडी रामदास, बैरागपुरा, छत्ता बाजार, कोतवाली रोड, होलीगेट, जयसिहंपुरा, डीगगेट, भरतपुरगेट, जंक्शन रोड, भैंस बहोरा, स्टेट बैंक, विकास बाजार, जवाहर हाट, क्वालिटी तिराहा, आगरा-मथुरा रोड, आर्य समाज, बंगालीघाट में बनी दुकानों में भरे पानी की खबर पर दुकानदार दौड़ पड़े। दुकानें खोलकर देखी तो वह हतप्रभ रह गए। सैकड़ों दुकानों का सामान पानी में जलमग्न हो चुका था। दुकान का पानी निकालने में जुटे। हर कोई पालिका की कार्यप्रणाली को कोसता दिखा।

उधर, शहर के वह इलाके भी अछूते नहीं रहे, जहां कभी पानी ने दस्तक नहीं दी। शहर के घीयामंडी तक की दुकानों में पानी भर गया। शैलेंद्र हकीम एवं विशन हकीम की दुकानों में पानी भरने से काफी नुकसान हुआ।

नहीं खोला फाटक, लगा रहा जाम

मथुरा। बरसात से शहर में हुए जलभराव के चलते रेलवे के बी फाटक (श्रीकृष्ण जन्मस्थान) होकर निकले वाहन घंटों जाम में फंसे रहे। ट्रेन गुजरने के बाद भी फाटक पर मुस्तैद कर्मचारी ने गेट को नहीं खोला। जाम इस कदर था कि गेट खुलने के बाद ट्रेन आने पर पुनः गेट बंद करना बमुश्किल हो जाता। वाहन चालकों ने इस रास्ते को आसानी के लिए चुना वही सिरदर्द बन गया।

थाना हाइवे बरसात के पानी में डूबा

मथुरा। मूसलाधार हुई बारिश के कारण निचले स्थान पर बने थाना हाईवे में पानी भर गया। जलभराव के चलते कागजात भीग गए। आनन-फानन में फायर ब्रिगेड की दो दमकलें मंगवाकर पानी निकालना शुरु किया गया। पानी निकालने के कारण हाइवे से गुजरने वाले वाहनों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हर कोई पुलिस-प्रशासन की मनमानी को कोस रहा था।



वृंदावन में मुसीबत बनकर आई बरसात


सड़कें जलमग्न, राहगीर हुए परेशान
वर्षा से नगर के कई इलाके बने ताल तलैया


वृंदावन (AU 2010.07.07)। मंगलवार की दोपहर हुई बरसात के बाद नगर के कई इलाकों ने ताल तलैया का रूप ले लिया। इससे लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा। राहगीर जहां के तहां खड़े हो गए। सड़कों पर हुए जलभराव ने श्रद्धालुओं को काफी परेशानी उठानी पड़ी। वहीं बरसात ने नगर पालिका की मानसून को लेकर की गई तैयारियों की पोल खोल दी।

मंगलवार की दोपहर बाद लगभग दो बजे आई तेज बरसात ने नगर के विद्यापीठ, हरि निकुंज, मोतीझील सहित अन्य इलाकों में बरसात के पानी ने नालों का रूप ले लिया घुटने तक पहुंचे वर्षा के गंदे पानी से लोगों का आवागमन अवरुद्ध हो गया। सड़क किनारों की दुकानों में नालियों का गंदा पानी भरने से दुकानदारों को नुकसान का सामना करना पड़ा। सड़कों पर पानी कमर तक आने से चार पहिया वाहन फंस गये। कई जगह रिक्शा पलटने से सवारियां मामूली रूप से चोटिल भी हो गई।

पालिका प्रशासन द्वारा विगत काफी दिनों से मोतीझील नाले और नालियां साफ ने कराने के कारण पानी भर गया। क्षेत्रीय निवासी रामनरेश, विद्यासागर मिश्रा, राजकुमार ने पालिका प्रशासन समस्या की गंभीरता को देखते हुए नाले की सफाई कराने की मांग की है।

फोटो-पी - मंगलवार की दोपहर आई बरसात के बाद जलमग्न हुआ मोतीझील मार्ग।



बुझी खेतों की क्त्रयास अब लहलहाएंगी फसलें


मथुरा (DJ 2010.07.07)। मानसून ने पिछले तीन दिनों में खेतों में पर्याप्त नमी कर दी है। खरीफ की मुख्य फसल धान की रोपाई का काम गति पकड़ने लगा है। बाजरा, ज्वार, ढैंचा, उड़द, मूंग और तिल की बुवाई मौसम साफ होते ही हो जाएगी। किसान बीजों का इंतजाम करने लगे हैं। सरकारी बीज गोदामों और निजी विक्रेताओं के यहां बीज खरीदने को किसानों की लंबी लाइन लगी हुई है।

आईसीटी आरकेवीवाई (राष्ट्रीय कृषि विकास योजना) ने आगमी चार दिनों तक क्षेत्र में मानसूनी वर्षा का क्रम जारी रहने का एसएमएस किसानों को भेजा है।

पिछले तीन दिनों में इतनी बारिश हो गई है कि खरीफ की फसलों की बुवाई आसानी से हो जाएगी। अब तक ब्लॉक मांट में 630 एमएम, राया में 252 एमएम, मथुरा में 450, छाता में 259 एमएम, बलदेव में 328 एमएम, फरह में 120 एमएम, गोवर्धन में 220 एमएम, नौहझील में 305 एमएम, चौमुहां में 248 और नंगगांव में 419 एमएम बारिश आईसीटी के वेदर स्टेशनों पर रिकार्ड की गई है।

बारिश होते ही किसानों ने धान की रोपाई का काम शुरू कर दिया है। ब्लॉक नौहझील में 40 फीसदी किसान धान की रोपाई कर चुके हैं। जबकि नंदगांव में अभी तक 33 फीसदी किसान ही रोपाई कर पाए हैं। ब्लॉक राया में अभी तक रोपाई का काम शुरू नहीं किया गया है।

अन्य ब्लॉकों में 6 से 15 फीसदी रोपाई ही हो पाई है। आईसीटी आरकेवीवाई ने आगमी चार दिनों तक क्षेत्र में मानसूनी वर्षा का क्रम जारी रहने का एसएमएस किसानों को भेजा है। मौसम के साफ होते ही बाजरा, ज्वार, ढैंचा, उड़द, मूंग, और तिल की बुवाई शुरू हो जाएगी। किसानों ने बीजों का इंतजाम करना शुरू कर दिया है। सरकारी बीज गोदाम पर बीज खरीदने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ने लगी है।

उप कृषि निदेशक बलवीर सिंह ने बताया कि बड़ी संख्या में किसान ब्लॉक स्तरीय बीज गोदामों पर बाजरा और तिल का बीज खरीदने के लिए आ रहे हैं। निजी विक्रेताओं ने बताया कि बारिश होते ही ज्वार, बाजरा, तिल के बीजों की बिक्री में इजाफा हो गया है।

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. संतोष कुमार मिश्रा ने कहा कि मौसम साफ होते ही किसानों को खरीफ की फसलों की बुवाई शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने किसानों को खाली खेत न छोड़ने की सलाह देते हुए कहा कि किसान जिन खेतों में कोई फसल नहीं लेते, उनमें ढैंचा की अवश्य बुवाई कर दें। इससे हरी खाद हो जाएगी। उप कृषि निदेशक अशोक कुमार तेवतिया ने किसानों को बीज शोधन करके ही बोने को कहा है।




मथुरा में सवा तीन लाख नये गरीब परिवार


मथुरा (DJ 2010.07.07)। यह तो कम्प्यूटर ही बताएंगे कि पिछले आठ सालों में जनपद में कितने नये गरीब परिवार वजूद में आए, पर शहरी और देहात क्षेत्र में तीन लाख 27 हजार 812 परिवारों ने बीपीएल आधारित योजनाओं पर हक की दावेदारी जता दी है। जनपद के गांवों में शहरों की बनिस्बत तीन गुने नये गरीब परिवार चिन्हांकित किये गये हैं।

गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर कर रहे नये परिवारों के ये आंकड़े मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के सर्वे में सामने आए हैं। पिछले करीब छह माह से चल रहे सर्वे में जनपद के शहरी और देहात क्षेत्रों में नये बीपीएल परिवारों का चिन्हांकन कार्य पूरा हो गया है। जिले की तीन नगरपालिका परिषद एवं तेरह नगर पंचायतों के कुल 238 वार्डो में 74,587 नये बीपीएल परिवार चिन्हित किये गये हैं। वहीं 479 ग्राम पंचायतों में 2,53,225 नये गरीब परिवार वजूद में आए बताए गए हैं। जिले की मथुरा और छाता तहसील में एक-एक लाख से भी ज्यादा परिवारों ने गरीब होने का दावा किया है।

योजनांतर्गत जिले में 298 ग्राम पंचायतों एवं शहरी निकायों के 154 वार्डो के नये गरीब परिवारों की कम्प्यूटरों में डाटा फीडिंग भी कर दी गई है। जिला विकास अधिकारी रामधनी राम के मुताबिक जिन 1,53,835 परिवारों की डाटा फीडिंग हुई है उनमें से 1,32,329 परिवारों के आंकड़े अपलोड कर इंटरनेट पर भी डाल दिये गये हैं। योजना में सर्वेक्षित परिवारों की डाटा फीडिंग के लिए तीन संस्थाओं को मंगलवार तक 2,46,021 फार्म दिये गये थे।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2001 की जनगणना पर आधारित बीपीएल सर्वे सूची-2002 में जनपद के शहरी क्षेत्र में 34,360 एवं देहात में 42,290 गरीब परिवार चिन्हित किये गये थे। जनगणना में जिले की कुल आबादी 20 लाख 74 हजार 51 सामने निकलकर आई।




कमिश्नर को सुनाया दुखड़ा, महिला प्रधान को मिलेगा न्याय


छाता/ महावन (DJ 2010.07.07)। छाता तहसील दिवस में फरियादियों की शिकायतें सुनने आये कमिश्नर सुधीर महादेव बोवड़े को भी रूपनगर की महिला प्रधान श्रीमती मुन्नी ने दुखड़ा सुनाया।

उन्होंने बताया कि सेक्रेट्री व कुछ अन्य लोग उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाकर विकास कार्यो के लिये आने वाली धनराशि में बंदरबांट कर रहे हैं, जबकि उन्हें हर अफसर की दर पर भटकने के बाद भी प्रधान पद का चार्ज नहीं दिया जा रहा।

महावन तहसील दिवस में जिलाधिकारी डीसी शुक्ल से पचावर गांव के तमाम पट्टेधारकों ने कब्जा न मिलने संबंधी शिकायत की। जांच-पड़ताल में पता चला कि कुछ जमीनों के दो-दो पट्टे किये गये हैं। इस मामले में कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं।

कमिश्नर श्री बोवड़े छाता तहसील दिवस में करीब पौन घंटा बैठकर फरियादियों की समस्याएं सुनते रहे। रूप नगर प्रधान की शिकायत पर उन्होंने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ज्ञानेश कुमार को मामले की जांच-पड़ताल कराकर महिला प्रधान को न्याय दिलाने के निर्देश दिये।

यहां गौरतलब है कि यह ग्राम प्रधान कुछ माह पहले तत्कालीन कमिश्नर राधा एस. चौहान से भी मिली थी, उन्होंने सीडीओ अजय शंकर पांडेय को शिकायत की जांच कर प्रधान को चार्ज दिलाने के निर्देश दिये थे, लेकिन तत्कालीन कमिश्नर के आदेश पर अमल नहीं किया गया।

छाता तहसील दिवस में 170 शिकायतें आयीं और इसमें से सात का मौके पर निराकरण करा दिया गया। इन शिकायतों में दस दुबारा आयी थीं।

महावन तहसील दिवस की अध्यक्षता करते हुये डीएम श्री शुक्ल ने कहा कि अफसर तीन दिन में हैंडपंप स्थापना, पारिवारिक लाभ योजना, इंदिरा आवास, सड़क निर्माण और बिजली खंबे लगाने से संबंधित मांग पत्रों की जांच करा लें। जहां कार्य करना मानकों में संभव नहीं, उस बारे में संबंधित आवेदक को कारण सहित बता दिया जाये। पचावर समेत कई अन्य गांवों में जलभराव की समस्या से संबंधित प्राप्त आवेदनों पर डीएम ने ग्राम पंचायतों में नाली बनाकर जल निकासी कराने के निर्देश दिये।

उन्होंने पिछले तहसील दिवसों में प्राप्त आवेदनों के निस्तारण की भी समीक्षा की और संबंधित विभागों के अफसरों को इनका निराकरण समय से कराने के लिये कहा। इस मौके पर एसएसपी बीडी पाल्सन, प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी अवधेश तिवारी, उप जिलाधिकारी राम सिंह गौतम समेत कई दर्जन अफसर उपस्थित थे।

महावन तहसील दिवस में 163 शिकायतें आयीं और इनमें से केवल तीन का ही मौके पर निस्तारण हो सका। सदर तहसील दिवस में आयीं 85 शिकायतों में से चार और मांट तहसील दिवस में आयीं 59 शिकायतों में से चार का मौके पर निस्तारण किया गया।


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