अतिक्रमण के जबड़े में पुरातात्विक खजाना
मथुरा (DJ 2010.07.28)। तमाम पुरातत्व और सांस्कृतिक प्रेमियों के लिए जानकारी का खजाना समझे जाने वाले पुरातात्विक महत्व के प्राचीन सौंख टीले की पहचान पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। चारों ओर से टीले की जड़ें कमजोर करने में अतिक्रमणकारी लगे हुए हैं। इसके बाद भी अफसरों का कतई ध्यान नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि यह वही प्राचीन टीला है जहां भारत और जर्मनी के बीच समझौता होकर हुई खुदाई में नार्दन इंडिया के पहले नाग मंदिर के पुरा अवशेष मिले थे।
मथुरा से बीच मिलोमीटर की दूरी पर स्थित सौंख भले ही देखने में सामान्य कस्बा लगता हो, लेकिन इसकी पहचान देश के बाहर विदेशों में भी है, खासकर जर्मनी में तो और भी ज्यादा है। लेकिन पुरातात्विक महत्व के इस टीले की पहचान बरकरार रखने के लाले पड़ सकते हैं। टीले को चारों ओर से धीरे-धीरे टीले का कटान कर अपनी जमीनों में मिलाया जा रहा है।
यहां तैनात विभागीय कर्मचारी देखभाल करने में सक्षम नहीं है। टीले पर बढ़ती झाड़ियों के कारण सड़क किनारे से टीले को देख पाना भी आसान नहीं है। इसी का फायदा अतिक्रमणकारी उठा रहे हैं। यह हालत तो तब है जब मौका लगते ही आसपास के ग्रामीण टीले की खुदाई भी करने लगते हैं और कुछ निकलता है तो उसके बारे में बताना भी जरूरी नहीं समझते।
ऐसा विगत वर्षो में दो बार हो चुका है। एक बार कुछ सिक्के मिले थे तो दूसरी बार एक आधी क्षतिग्रस्त तलवार मिली थी। सिक्कों का मामला तो पुलिस चौकी तक पहुंचा था। ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि पुरातत्व विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी यहां झांककर भी देखना पसंद नहीं करते।
हर रोज शहर में शुरू हो रही एक नयी सड़क
मथुरा (DJ 2010.07.28)। नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर उपाध्याय ने कहा है कि शहर के किसी न किसी वार्ड में हर रोज एक नई सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो रहा है। जनता को केवल उन्हें अनुरोध पत्र पहुंचाना है।
चेयरमैन बुधवार को बाहरी क्षेत्र में घनी आबादी वाले पूजा एन्क्लेव में छह लाख की लागत से बनी सीसी सड़क के लोकार्पण कार्यक्रम में बोल रहे थे। पंट्टिका का अनावरण वरिष्ठ कांग्रेसी नेता चौ. सरदार सिंह व नारियल तारा चंद्र गोस्वामी ने फोड़ा। स्थानीय सभासद आशा सिंह व उनके पति राजवीर सिंह के नेतृत्व में लोगों ने उनका स्वागत किया।
चेयरमैन ने कहा कि यह सड़क शुरू से ही कच्ची है, जिसका निर्माण कराने का ख्याल किसी जनप्रतिनिधि को नहीं आया। यह आश्चर्यजनक है। राजेश गौतम व स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में अन्य सड़कें व ट्यूबवैल लगवाने का ज्ञापन सौंपा। पूर्व मंत्री चौ. सरदार सिंह ने कहा कि पालिका का कांग्रेसी बोर्ड शहर में अभूतपूर्व कार्य करा रहा है, जो जन अपेक्षा के अनुरूप है। सभासद आशा चौधरी व राजवीर सिंह ने कहा कि भाजपा का प्रतिनिधित्व होते हुए भी चेयरमैन ने विकास कार्य कराकर सकारात्मक संदेश दिया है।
पाप-पुण्य को योग अग्नि में भस्म कर दो : जयगुरुदेव
मथुरा (DJ 2010.07.28)। संत जयगुरुदेव ने कहा है कि ईश्वर ने पाप-पुण्य का विधान बनाया है। जब सुरत निकाली जाएगी तो उसका हिसाब होगा। दुष्कर्मो की बहुत बड़ी सजा विभिन्न प्रकार के नर्को में मिलेगी। इसलिये योग अग्नि जलाओ और पाप-पुण्य दोनों को उसमें भस्म कर दो।
गुरु पर्व का समापन होने के बाद आश्रम में उपस्थित शिष्यों को प्रवचन देते हुए बुधवार को बाबा ने बताया कि आपको ध्यान रहना चाहिये कि हमें भजन करना है। सुरत को अपने घर चलने के लिये कोई काम नहीं करते।
संत ने शासन-प्रशासन से कहा है कि मंदिर के सामने फ्लाई ओवर बनाकर मंदिर की सुंदरता खराब हो जायेगी। पुल बनने से अच्छा है कि कार्यक्रम के समय रास्ता डायवर्ट कर दिया जाये। ये सड़कें बनी हुई हैं। जगह है, फिर क्यों धन खर्च करते हैं पुल बनाने में। पहले जब कहा था कि मथुरा के चारों तरफ रिंग रोड बना दीजिये कानपुर, ग्वालियर से आएंगे और उधर से होकर दिल्ली निगल जाएंगे। इसको भी बना रहने दीजिए इसमें कोई खर्चा नहीं है।
बाबा ने कहा है कि जब महोली गांव की सड़कों को बनवा रहे थे तो गांव के उस पार मिट्टी पड़ रही थी। सड़क कहां जाएगी पूछने पर बताया गया कि ये आगे मोड़ से सीधी दिल्ली रोड में मिल जाएगी। उस सड़क पर काफी मिट्टी पड़ी हुई है। लेकिन कार्य फिर बंद कर दिया। वह योजना कहां चली गई। आप अपना नाम करना चाहते हो तो आम जन को जो फायदा हो वह काम करो।
हर किसान लगाए एक कदम्ब का पौधा
मथुरा (DJ 2010.07.28)। मुख्य विकास अधिकारी ने किसानों से एक -एक कदम्ब का पौधा लगाए जाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि इसका संरक्षण भगवान श्री कृष्ण का प्रसाद समझ कर किया जाए।
जवाहर बाग में आयोजित औद्यानिक निवेश वितरण मेला में मुख्य विकास अधिकारी अजय शंकर पांडेय ने कहा कि इस बार वृहद स्तर पर कदम्ब के पौधे रोपने की तैयारी की गई थी, लेकिन दुर्भाग्य यह रहा कि इतने पौधों का इंतजाम नहीं हो पाया, लेकिन अगले साल कदम्ब के पौधों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।
उन्होंने किसानों से कहा कि वे अपने खेत पर एक कदम्ब का पौधे अवश्य लगाएं और इसकी सुरक्षा भगवान श्री कृष्ण का प्रसाद समझ कर करें।
सबक सिखा गई मूड़िया पूर्णिमा
मथुरा (DJ 2010.07.28)। आस्था के समुंदर श्रद्घालुओं के सैलाब के गोता लगाने के साथ ही इस बार मुडिया पूनो मेले पर कुछ “कलंक” भी लग गये। प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्थाओं के बावजूद इस मेले के दौरान शीतलकुंड और राधाकुंड में स्नान के दौरान आठ श्रद्घालु डूब गये। परिक्रमा मार्ग पर अफरा-तफरी मची रही। सड़क हादसों में कई श्रद्घालुओं की मौत हो गई। मेला तो निपट गया, लेकिन प्रशासन को कई सबक भी सिखा गया।
प्रशासन ने इस आयोजन के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। विभिन्न विभागों के अधिकारियों की फौज को कदम-कदम पर तैनात किया गया तो चप्पे-चप्पे पर इंतजाम के लिए जिम्मेदारियां सौंप दी थी। मुड़िया पूनो मेला ड्यूटी करने वाले कुछ मजिस्ट्रेटों की निगाह में अनेक ऐसी खामियां हुईं, जिनका परिक्रमार्थियों के हित में निराकरण कराया जा सकता है।
मसलन, मुड़िया पूनो मेला और पुरुषोत्तम मास जैसे बड़े धार्मिक अवसरों पर जब श्रद्धालुओं सैलाब उमड़ता है, इन श्रद्धालुओं की आस्था को कई मंदिर भुनाने में लगे रहते हैं। लाउडस्पीकरों पर एनाउंसमेंट किया जाता है कि उक्त मंदिर के दर्शन जरूर करें अन्यथा यात्रा पूर्ण नहीं होगी। इसका सबसे सटीक उदाहरण मानसी गंगा मंदिर है।
मानसी गंगा में मेले के दौरान आठ श्रद्धालुओं की डूबकर मौत हो गयी। हालांकि मानसी गंगा स्नान के लिए प्रशासन ने फब्बारों की व्यवस्था की थी। लेकिन मंदिर पर भीड़ का दबाव बना रहा। मानसी गंगा मंदिर उन अन्य मंदिरों में एक है जहां एनाउंसमेंट होता है।
इसी तरह राधा कुंड में भी दो लोगों की डूबकर मौत हुई। अधिकारी के मुताबिक, यह एनाउंसमेंट रोका जाना चाहिये।
तीन सौ पचास बीघा धान डूबा
मथुरा (DJ 2010.07.28)। नहरों की कमजोर पटरियों ने किसानों की बर्बादी की कहानी फिर लिखना शुरू कर दी है। रही सही कसर सिंचाई विभाग के अफसर पूरी कर रहे हैं। सुरीर माइनर की पटरी को टूटे हुए तीन दिन हो गए, लेकिन अभी तक कोई भी अफसर पटरी को बंद कराने के लिए नहीं पहुंचा। नगला जगरूपा के किसानों के साढ़े तीन सौ बीघा धान डूब गए। पानी मकानों से लग गया है। कभी भी गांव में घुस सकता है।
दैनिक जागरण ने पहले ही सिंचाई विभाग के अफसरों और किसानों को आगाह किया था कि नहरों की कमजोर पटरियां टूट कर खरीफ की फसलों को फिर बर्बाद करेंगी। सिंचाई विभाग के अफसरों ने समय रहते नहरों की कमजोर पटरियों की मरम्मत कराए जाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
कुछ दिन पहले ही रजवाहा गौराई की पटरी टूट जाने से दर्जनों किसानों की फसल डूब गई थी। अब सुरीर माइनर की पटरी नगला जगरुपा के समीप तीन दिन पहले टूट गई। किसानों ने पटरी को रोकने के प्रयास किए, लेकिन उनको सफलता नहीं मिल सकी। तीन दिन से लगातार किसानों के खेतों में पानी चल रहा है। प्रभावित किसान सिंचाई विभाग के अफसरों को लगातार जानकारी दे रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी पीड़ा नहीं सुनी गयी है।
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