Monday, July 12, 2010

2010-07-12 ब्रज का समाचार (2)

यमुना की जलकुंभी में फंस आधा दर्जन पशु मरे


मथुरा (DJ 2010.07.12)। मांट के समीप यमुना नदी में अचानक जल स्तर बढ़ने से उसमें बह कर आयी जलकुम्भी में फंसकर आधा दर्जन दुधारू पशुओं की मौत हो गई। कुछ किसानों के पशु गायब बताए जा रहे हैं।

यमुना नदी में जल स्तर बढ़ गया है। बरसात के दिनों में बरसाती पानी में बहकर जलकुम्भी काफी बड़ी मात्रा में आ रही है। गांव मांट राजा के समीप जलकुंभी किनारे जमा हो गई है। यहां पर अक्सर ग्रामीणों के पशु यमुना नदी में विचरण करते हैं।

रविवार को पशु यमुना नदी के पानी में विचरण कर रहे थे। इसी दौरान कुछ पशु जलकुंभी में फंस गए। इसके बाद उनका कोई पता नहीं चल सका। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इनमें नागा बाबा की चार दुधारू गाय, घनश्याम निवासी मांट मूला की एक भैंस और वीरी ंिसंह निवासी मांट राजा की एक भैंस जलकुंभी में फंस कर मौत का शिकार हो गई। बताते हैं कि इन पशुओं को काफी मशक्कत के बाद यमुना से निकाला जा सका। कुछ ग्रामीणों के पशु अचानक गायब बताए जा रहे हैं। इनका पता लगाने में ग्रामीण जुटे हुए हैं।



परिक्रमा मार्ग से अतिक्रमण हटवाये


मथुरा (DJ 2010.07.12)। परिक्रमा मार्ग पर अतिक्रमण की शिकायत ग्राम प्रधान द्वारा किए जाने के बाद गांव बिरजूगढ़ी में राजस्व विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से अतिक्रमण हटाए।

प्रात: 10 बजे थानाध्यक्ष नौहझील केसी शर्मा मय फोर्स के राजस्व टीम के साथ जेसीबी मशीन लेकर गांव बिरजूगढ़ी मरहला पहुंचे, जहां परिक्रमा मार्ग पर डालचंद और उसके दो भाइयों ने अवैध रूप से परिक्रमा मार्ग पर मकान निर्माण कर रखे थे। जिन्हें पहले से ग्राम पंचायत द्वारा चिंहित कर रखा था। जेसीबी मशीन द्वारा अवैध अतिक्रमणों को हटवाकर परिक्रमा मार्ग खाली कर दिया।



बागबानी को मिलेगी आर्थिक मदद


मथुरा (DJ 2010.07.12)। मौसम उद्यान रोपण के लिए अनुकूल हो गया है। यदि किसान आंवला, अमरूद, बेल, बेर, नींबू और आम की बागबानी करना चाहते हैं तो उन्हें आर्थिक सहायता दी जाएगी। जिला उद्यान विभाग ने किसानों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

जिले में 5015 हेक्टेयर में आंवला, 5477 हेक्टेयर में अमरूद, 136 हेक्टेयर में आम और 3066 हेक्टेयर में बेर, बेल और नींबू के बाग लगे हुए हैं। अब इनका रकबा भी बढ़ जाएगा। इस बार अमरूद 75 हेक्टेयर, आम 20 हेक्टेयर, बेल, बेर और नींबू 20 हेक्टेयर तथा 75 हेक्टेयर में आंवला के नये उद्यान लगवाए जाएंगे। उद्यान विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

उद्यान लगाने वाले किसानों को उद्यान विभाग से आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। जिला उद्यान अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि आम की यूनिट लगाने के लिए करीब 22 हजार रुपये की लागत आएगी। इसी तरह आंवला की यूनिट 23340 रुपये, अमरूद की यूनिट 21750 हेक्टेयर में लग जाएगी। बेल, बेर और नींबू की यूनिट 18950 रुपये में लगेगी। आंवला, अमरूद, आम, बेर, बेल नींबू का उद्यान लगाने के लिए किसानों को 75 फीसदी अनुदान दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि पहले साल में साठ प्रतिशत और दूसरे व तीसरे साल में बीस-बीस प्रतिशत अनुदान किसानों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि उद्यान लगाने के लिए किसानों का चयन शुरू कर दिया गया है। किसान अपने आवेदन जवाहर बाग स्थित कार्यालय से प्राप्त कर जमा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को उद्यान लगाने मंब कोई नुकसान नहीं है। उद्यान के साथ किसान दूसरी फसलें भी ले सकते हैं। इससे किसानों को दोहरा लाभ होगा।



यमुना में बढ़ा जल स्तर, पोंटून पुल टूटा


मथुरा (DJ 2010.07.12)। विगत दिनों हुई मानसून की बारिश के कारण उत्तर भारत के विभिन्न क्षेत्रों में आयी बाढ़ के कारण हालात बिगड़ गये हैं। वहीं रविवार को यमुना में छोडे़ गये पानी से जलस्तर में अचानक हुई बढ़ोत्तरी से जहां निचले क्षेत्र के निवासियों में हड़कंप मच गया है वहीं यमुना पार करने के लिए बना पोंटून पुल भी टूट गया है। जिससे आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

विगत दिनों प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के कारण कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी। अच्छी बारिश के कारण यमुना में पानी छोड़ दिये जाने के कारण रविवार को अचानक यमुना में वृद्धि हो गयी।

भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना के किनारे सैकड़ों बीघा कृषि भूमि जलमग्न हो गयी। जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है। अचानक हुई जलवृद्धि के कारण किसानों को भारी आर्थिक क्षति झेलनी पड़ रही है। इधर यमुना में हुई अचानक जलवृद्धि के कारण यमुना पर बना पेंटून पुल भी बह गया है। जिससे वृन्दावन एवं मांट के मध्य आवागमन को लेकर यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

मानसून की पहली बारिश को लेकर ही यमुना के जलस्तर में काफी वृद्धि हो चुकी है। अगर यही हालत रहे तो भविष्य में यमुना के जलस्तर में और भी वृद्धि हो सकती है। यमुना में अचानक आये पानी के कारण निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी बाढ़ जैसे खतरे की परेशानी सताने लगी है। कुछ इलाकों में क्षेत्रवासियों ने बाढ़ जैसे हालातों से बचने के लिए उपाय करना भी शुरू कर दिया है।



जलभराव और जाम से लगा जनजीवन पर ब्रेक


मथुरा (DJ 2010.07.12)। दोपहर में करीब एक घंटे की बारिश ने नगर के जीवन में अगले चार घंटे तक ब्रेक लगाए रखे। कई जगह वाहन पानी में फंस गए तो कुछ मार्गो पर यातायात का लोड बढ़ गया।

दोपहर बाद हुई बारिश खुशगवार मौसम के साथ-साथ दुकानदारों और सड़क पर चल रहे लोगों के लिए मुसीबत बनकर आयी।

चौक बाजार की सड़क पर भरा पानी रिक्शों को बहा ले गया तो छत्ता बाजार, होली गेट, नये बस स्टैण्ड पर मोटर साइकिल, रिक्शे और कारें जलभराव में फंस गयीं। होलीगेट पर भी दो स्कूटरों के पानी में बहने की खबर है। बारिश का पानी कई बाजारों में दुकानों के अंदर चला गया। इससे दुकानदारों को एक बार फिर नुकसान झेलना पड़ा। होली गेट के दुकानदारों ने तो किसी तरह लकड़ी का तख्ता व शटर गिराकर पानी अंदर आने से रोका।

रविवार की दोपहर तीन बजे बाद गिरे पानी को नाले-नालियां नहीं झेल पाए। निचले इलाकों में तो स्थिति खराब रही ही, तमाम कालोनियां एक बार फिर जलमग्न हो गयीं।

होली गेट चौराहे पर पचास मीटर की सड़क इंटर लाकिंग होने से स्थिति ज्यादा खराब हो रही है। इस कारण चौराहे की सड़क कुछ इंच ऊंची हो गयी है, जिससे बाजार में जलभराव निकल नहीं पा रहा।

बारिश के बंद होने के काफी देर तक पानी भरा रहा। इस दौरान वाहन चालक और राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। भूतेश्वर तिराहे पर पहले से ही पानी भरा हुआ था। यहां एकदम से स्पीड प्रभावित हुई तो यही स्थिति नए बस स्टैंड की रही। फलस्वरूप पूरा यातायात गोविंद नगर रेलवे क्रासिंग की ओर डायवर्ट होने से इस मार्ग पर सायं बाद तक जाम लगा रहा।

नये बस स्टैंड के समीपवर्ती रेलवे पुल के नीचे हुए जलभराव से वाहन चालकों को किशोरी रमण इंटर कालेज या फिर धौली प्याऊ से हाइवे होकर कृष्णा नगर की तरफ जाना पड़ा। केआर इंटर कालेज मार्ग पर निर्माणाधीन होने से यहां मिंट्टी फिसलन भरी होने से कई वाहन व राहगीर रपट गए। कंकाली के सामने भी जलभराव हो जाने से लोगों के वाहन फंसे देखे गए। अंतापाड़ा और अम्बाखार क्षेत्र में लोगों को जलभराव से जूझना पड़ा।

निचले इलाके की कालोनी द्वारिका पुरी, अग्रसेन नगर, आवास विकास, प्रोफेसर कालोनी, मंशा पुरी, जमुना बिहार, आनंद पुरी, टुण्डा बिहार, रुक्मिणी विहार, जनकपुरी में भी जलभराव ने स्थानीय नागरिकों के लिए मुसीबतें खड़ी कर दी। चन्द्रपुरी, नटवर नगर, अम्बेडकर कालोनी, सुखदेव नगर, कृष्णा नगर, बलदेव पुरी, माधव पुरी, डीग गेट, जयसिंह पुरा, राधेश्याम कालोनी में पानी घरों के अंदर भी चला गया।

फल एवं सब्जी और अनाज मंडी में पानी व गंदगी भरने से कारोबार प्रभावित रहा। इस बीच पंपिंग स्टेशन नालों के पानी का लोड नहीं सह पाए और गंदगी सीधे यमुना में गिरती रही। जलभराव होने से पालिका के स्वच्छता विभाग के कर्मचारियों को रविवार के अवकाश में मशीनों के साथ सड़कों पर उतरना पड़ गया।



अस्सी प्रगणकों पर शनि हुए मेहरबान


मथुरा (DJ 2010.07.12)। कर्मो के हिसाब से न्याय देने वाले शनि देव लापरवाही के बावजूद मकान गणना में लगे अस्सी प्रगणकों पर मेहरबान हो गए और उनके खिलाफ पालिका प्रशासन चाहते हुए भी मुकदमा दर्ज नहीं करा पाया।

द्वितीय शनिवार के साप्ताहिक अवकाश ने लापरवाह प्रगणकों को एक और दिन की मोहलत प्रदान करा दी। अन्यथा मकान सूचीकरण और गणना को अंतिम रूप देकर सामग्री जमा करने का आज अंतिम दिन था। शनिवार की सायं तक हर हाल में सामग्री जमा करायी जानी थी।
बीते दिन अधिशासी अधिकारी जनार्दन राय द्वारा अंतिम रूप से प्राथमिकी दर्ज कराए जाने की चेतावनी देने के बावजूद शनिवार को मात्र 38 ने ही अपनी सामग्री जमा करायी। इस तरह अब तक कुल 362 प्रगणक ही अपने काम को अंजाम दे चुके हैं, जबकि नगर पालिका क्षेत्र में 442 प्रगणक गणना कर रहे हैं।

इस तरह शेष 80 प्रगणकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए सूची बनायी जानी थी, पर द्वितीय शनिवार के साप्ताहिक अवकाश के कारण ऐसा नहीं हो सका। अधिशासी अधिकारी ने अब रविवार के अवकाश में शाम तक सामग्री जमा कराने का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा है कि एक और दिन प्रगणकों को मिल गया है, इसका लाभ उठाते हुए उन्हें कार्य पूरा कर देना चाहिए।



मुड़िया मेला की तैयारी में ढील पर डीएम नाराज


मथुरा (DJ 2010.07.12)। मुड़िया पूर्णिमा मेला की तैयारियों को लेकर निर्माण कायरें में बेहद धीमी गति को लेकर जिलाधिकारी ने कई अफसरों की क्लास लगा दी। कार्य की गति से नाखुश डीएम ने समय सीमा तय करते हुए कई विभागों को निर्देश दिये।

मुड़िया पूर्णिमा मेला की तैयारियों में ढील और कार्य में अनदेखी से हो रही लापरवाही को लेकर दैनिक जागरण द्वारा लगातार छापी गई खबरों का संज्ञान लेते हुए मेला क्षेत्र का भ्रमण किया। शनिवार की शाम को प्रशासनिक अमले के साथ पहुंचे जिलाधिकारी डीसी शुक्ला और एसएसपी बीडी पाल्सन ने समूचे परिक्रमा क्षेत्र का जायजा लिया।

इस दौरान परिक्रमा मार्ग में मार्ग निर्माण की धीमी गति को लेकर एवं गोवर्धन में सड़क निर्माण को गति को लेकर डीएम ने नाराजगी जताते हुए लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशाषी अभियंता संतराम के पेंच कसते हुए उन्हें 15 जुलाई का समय दिया, इस पर संतराम के अनुरोध पर समय सीमा को 19 जुलाई तक कर दिया गया।

इसी दौरान राधाकुंड परिक्रमा मार्ग में मानसी गंगा से निकाली गई कीचड़ युक्त मिट्टी को मार्ग किनारे डली छोड़ दिये जाने से नाराज डीएम ने प्रोजेक्ट प्रबंधक की खिंचाई कर दी। साथ ही नगर पंचायत के ईओ को भी निर्देशित किया कि मानसी गंगा में नालियों को न बहने दें। इस दौरान डीएम ने सफाई व्यवस्था ठीक ठाक रखने के लिए भी निर्देश दिये।



कोकिलावन: खाकी के साए में शनि भक्त


मथुरा (DJ 2010.07.12)। कोकिलावन धाम में शुक्रवार और शनिवार को छावनी का सा माहौल रहा। वहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने पुलिस सुरक्षा में परिक्रमा की एवं शनि भगवान के दर्शन किए।

शनिदेव धाम कोकिलावन में शुक्रवार की अर्धरात्रि से शुरू हुए मेले के दौरान चप्पे- चप्पे पर पुलिस की तैनाती रही। परिक्रमा मार्ग से लेकर मंदिर के द्वार एवं सूरज कुंड के चारों ओर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। विदित हो कि पूर्व में हुई घटना को लेकर पुलिस ने इस बार शनिदेव धाम कोकिलावन में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे।

काफी संख्या में पुलिस बल को देखकर एक बारगी तो श्रद्धालु भी सहमे दिखे। उधर पुलिस द्वारा वाहनों को सुव्यवस्थित रखने के लिए लागू की गई टोकन व्यवस्था के चलते वहां का नजारा एकदम बदला-बदला नजर आया। बाहर मार्ग पर जाम के हालात कई बार बने। लेकिन वहां मौजूद ट्रैफिक पुलिस ने कन्ट्रोल कर लिया।

इस बीच वहां की सुरक्षा व्यवस्था की जांच परख के लिए अधिकारियों ने रात्रि में कई बार औचक निरीक्षण भी किए। जबकि फोन पर बीच-बीच में स्थिति के बारे में जानकारी करते रहे। वहीं कुंड के आसपास महिला कांस्टेबलों के अलावा दो राउंड बनाए गए। कुंड पर महिला कांस्टेबल तैनात की गई। जबकि बाहरी घेरे में पुरुष कांस्टेबल तैनात किए गए। पुरुष कुंड पर पुलिस की नजरें जमी रही। दो सैक्शन पीएसी के जवानों ने परिक्रमा मार्ग की सुरक्षा की। पुलिस बल का सबसे ज्यादा ध्यान कुंड की तरफ था।


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