Wednesday, July 21, 2010

2010-07-22 ब्रज का समाचार

गोवर्धन: मुड़िया मेले में अव्यवस्थाओं पर डीएम नाराज


गोवर्धन (DJ 2010.07.21)। गोवर्धन मुड़िया मेले में अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जताते हुए डीएम ने भी स्पष्ट कर दिया है कि पीडब्लूडी कर्मियों की लापरवाही की वजह से कोई अप्रिय घटना घटने पर विभाग के अफसर ही जिम्मेदार होंगे। डीएम श्री शुक्ल ने मंगलवार-बुधवार की रात को पैदल ही परिक्रमा मार्ग और गोवर्धन कस्बे का भ्रमण किया। इस दौरान लोक निर्माण विभाग द्वारा कराये जा रहे कई कार्य अधूरे मिले।

पीडब्लूडी अफसरों ने संपर्क मागरें की मरम्मत, रखरखाव व सुरक्षा की दृष्टि से बेरिकेडिंग आदि कार्यो को 19 जुलाई तक पूरा कराने का आश्वासन दिया था, जबकि ये कार्य अब तक अधूरे हैं। खराब सफाई व्यवस्था की वजह से गोवर्धन बस स्टैंड, मानसी गंगा व दानघाटी मंदिर आदि स्थानों पर जलभराव और कूड़े के ढेर मिले। सफाई कर्मी केवल औपचारिकता का निर्वाह करते दिखे। गंदगी वाले स्थानों पर नगर पंचायत गोवर्धन और जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा लगाये गये सफाई कर्मी कार्य करते नजर नहीं आये।


गोवर्धन में अव्यवस्थाओं से आहत श्रद्धालु


गोवर्धन (DJ 2010.07.21)। आधी अधूरी व्यवस्थाओं के सहारे गिरिराज धाम में प्रख्यात मुड़िया पूर्णिमा मेला शुरू हो गया। अव्यवस्थाओं के चलते मेले में आने वाले तमाम श्रद्धालुओं की श्रद्धा और गिट्टियों से पांव आहत होना तय है। जरा सी बरसात प्रशासन के हाथ पैर फुला रही है।

गिरिराज महाराज की नगरी का मुड़िया पूर्णिमा मेला शुरू हो गया। सूरज ढलने के बाद ही भीड़ गोवर्धन पहुंचने लगी। परिक्रमार्थियों की भीड़ बढ़ गयी। राजस्थान के डीग रोड और मथुरा रोड से सर्वाधिक भीड़ गोवर्धन आई। जबकि सौंख मार्ग और बरसाना मार्ग से कम ही श्रद्धालु गोवर्धन आए। हालांकि शाम को मौसम सुहावना था।

बारिश ने परिक्रमा मार्ग में जलभराव बना दिया। दंडवती के साथ भीड़ ने कई स्थानों से परिक्रमा उठाई। परिक्रमा देने आए श्रद्धालुओं ने बताया कि गोवर्धन को जोड़ने वाले रास्तों को ठीक नहीं कराया गया है। कई जगह गड्ढों में रेत भर दिया गया है। परिक्रमा मार्ग में बिखरी पड़ी गिट्टियों को भी नहीं हटाया गया है। यही बारीक गिट्टी श्रद्धालुओं के पांवों को घायल करने का काम करेंगी।

मेला के दौरान चौबीस घंटे बिजली की आपूर्ति दिए जाने के विद्युत निगम के दावे की पहले दिन ही हवा निकलती नजर आई।



डग्गेमार वाहनों के धुएं में उड़ रहे आदेश


गोवर्धन (DJ 2010.07.21)। गोवर्धन गुरू पूर्णिमा मेला शुरू होने के बाद भी डग्गेमार वाहन अधिकारियों के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। यहां प्राइवेट वाहनों का बोलबाला है परिक्रमार्थी श्रद्धालु वाहनों की छतों पर सफर करने को मजबूर हैं।

बता दें कि मुड़िया पूर्णिमा की तैयारियां के दौरान जनपद के आलाधिकारियों द्वारा डग्गेमार प्राइवेट वाहनों पर प्रतिबन्ध सहित यात्रियों को वाहनों की छत पर सफर न करने के निर्देश दिये थे। उप्र परिवहन निगम ने भी 1000 बसें यात्रियों को लाने ले जाने के लिए तैयार कर ली हैं। मगर मंगलवार से प्रारम्भ हो चुके राजकीय मेले में बुधवार सायं तक प्राइवेट डग्गेमार वाहन बेखौफ दौड़ रहे थे। इतना ही नहीं मेले के दौरान बसों की छतों पर यात्रियों को सफर करने से रोकने के लिए 8 सिपाहियों की 8 टीमें लगाने की घोषणा पर भी अमल होता नहीं देखा गया तथा कहीं भी पैट्रोलिंग टीमें नहीं दिखी।



मुड़िया पूनो तक शासन ने वीआईपी, वीवीआईपी से हाथ जोड़े


गोवर्धन (DJ 2010.07.21)। मुड़िया पूनो पर्व पर श्रद्घालुओं के सैलाब के आगे शासन और प्रशासन ने वीआईपी और वीवीआईपी से हाथ जोड़ लिये हैं। 27 जुलाई तक चलने वाले इस आयोजन की व्यवस्थाओं में व्यस्त अधिकारियों ने अनुरोध किया है कि इस तारीख तक कोई भी वीआईपी और वीवीआईपी के प्रोग्राम न बनाये जायें। क्योंकि मथुरा आगमन पर इनके लिए आतिथ्य और सुरक्षा का इंतजाम कर पाना सम्भव नहीं हो पायेगा।

गोवर्धन में मेले की शुरूआत होने के साथ ही स्थानीय और बाहरी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। एक सप्ताह तक चलने वाले इस मेले में पचास लाख से अधिक लोगों की भीड़ उमड़ेगी। मेले की व्यवस्था को लेकर जिला व पुलिस प्रशासन के अफसर हलकान हैं। इस परिस्थिति में यहां यूपी व देश के विभिन्न स्थानों से लाव-लश्कर के साथ आने वाले विशिष्ट और अति विशिष्ट व्यक्तियों की यहां आवाजाही अफसरों के लिये और परेशानी की वजह बन जाती।

जिला प्रशासन की ओर से शासन को पत्र भेजकर मुड़िया पूनो मेला अवधि के दौरान मथुरा में ऐसे व्यक्तियों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया गया था। शासन ने इसे मान लिया है। प्रदेश शासन के सचिव प्रोटोकाल नवनीत सहगल ने भारत सरकार के कैबिनेट सेक्रेट्री, सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, सभी राज्यों के राज्यपालों के एडीसी आदि को पत्र भेजकर स्पष्ट कर दिया है कि मुड़िया पूनों मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की वजह से विशिष्ट और अतिविशिष्ट व्यक्तियों को ठहराने और सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने समेत जिला व पुलिस प्रशासन के सामने तरह-तरह की कठिनाइयां आएंगी। ऐसे में प्रोटोकाल का पालन करना अफसरों के लिये मुश्किल भरा कार्य होगा।



कनेर, गेंदा, गुलाब व रायरेल से महका द्वारिकाधीश मंदिर


मथुरा (DJ 2010.07.21)। राजाधिराज भगवान द्वारिकाधीश का मंदिर बुधवार को गेंदा, गुलाब, कुंज, रायरेल सरीखे अनेक सुगंधित पुष्पों से महक उठा। नफीरी, बैंडवाजों की मधुर ध्वनि तथा प्रभु को रिझाने वाले भजनों की स्वर लहरियों से वातावरण चहकता रहा। इस दौरान भक्त समुदाय का तन-मन आनंद रस से खूब सराबोर हुआ।

बाबा भोले नाथ को प्रिय श्रावण मास एवं चातुर्मास से पूर्व हुये पुष्प बंगला सजाने का आयोजन प्रसिद्ध उद्यमी महेश पाठक ने किया। पूर्व घोषित मनोरथ को मोहक बनाने के लिये विभिन्न प्रकार के पुष्प दिल्ली से मंगाए गये। मंदिर के साथ इसके सभी द्वारों को बहु विधि सजाया गया। मंदिर का श्रंगार और सूर्यास्त के बाद रोशनी से जगमग श्रद्धालुओं को सम्मोहित करते रहे। मुखिया विनोद शंकर के नेतृत्व में भक्त दल द्वारा किया गया प्रभु एवं माता का श्रंगार को निहारने के लिये स्थानीय के साथ परदेशी यात्री भी भारी संख्या में मौजूद रहे।



अवध से मथुरा पहुंचा सोशल वर्कर दल


मथुरा (DJ 2010.07.21)। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की जन्म भूमि से सोशल वर्क का अध्ययन करने के लिये एक दल प्रभु कृष्ण की नगरी में आ पहुंचा। इसमें शामिल युवाओं ने कालिंदी एवं शहर की दशा देखी और मंदिरों में दर्शन कर पुण्य कमाया। भगवान के नगर की दुर्दशा से युवा दिल बहुत दु:खी होता रहा।

डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विद्यालय में मास्टर आफ सोशल वर्क में अध्ययन कर रहे हैं। जगह-जगह का जमीनी ज्ञान प्राप्त करने के लिये वहां से 52 सदस्यीय युवा दल ने मथुरा-वृंदावन का भ्रमण किया। इनमें से छह सदस्यों संत कुमार सिंह, अमित सिंह, संदीप शुक्ला, दिनेश तिवारी एवं राज कुमार ने जन शिक्षण संस्थान प्रथम के कृष्णापुरी स्थित अध्ययन केंद्र का दौरा किया। यहां मौजूद प्रशिक्षार्थी बालिकाओं को ज्ञान बांटा तथा संस्थान को जरूरी सुझाव दिये।



नहीं भरे गये तीन सौ तालाब


मथुरा (DJ 2010.07.21)। गर्मियों में हर साल गांवों में लोगों के साथ ही पशुओं के पीने के पानी के लिए की जाने वाली कवायद रस्म अदायगी होती है, यह जनपद में मानसून आने तक तीन सौ एक तालाब सूखे रह जाने में दिखाई दे रहा है। भू-गर्भ जल स्तर लगातार नीचे खिसकने से 1200 कुओं का पानी भी सूख गया है।

इन गर्मियों में प्रशासन का सारा जोर ग्रामीण क्षेत्र में स्थाई एवं अस्थाई रूप से खराब हैण्डपम्पों की दुरुस्ती पर रहा। इसके बेहतर नतीजे भी सामने आए। हर साल की भांति सिंचाई विभाग ने नहर-रजवाहों से गांवों के तालाब भरे जाने में कोताही दिखाई। कहा जा सकता है कि ग्राम प्रधान भी इस मामले में उनसे पीछे नहीं रहे। सिंचाई विभाग के इस संबंध में दावों की पोल जिला स्तरीय अधिकारियों के निरीक्षण में तो खुल ही गई थी। अब जिला पंचायत राज विभाग के आंकड़ों ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।

विभाग से अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को भेजी साप्ताहिक सूखा रिपोर्ट में बताया गया है कि मौजूदा समय देहात में कुल 1290 तालाबों में से तीन सौ एक तालाब सूखे पड़े हैं। कुंओं की स्थिति और भी खराब है। जनपद के गांवों में 2053 कुंओं में से मात्र 826 कुंओं में ही पानी है, शेष सूखे पड़े हैं।



जल भराव: कुछ तो सुधरे हालात


मथुरा। एक घंटे की बारिश के दौरान जगह-जगह जलभराव तो हुआ, पर उसकी ताकत अब कमजोर पड़ गयी है। कुछ अतिक्रमण हटाने के बाद हुई नाला सफाई ने बुधवार की बारिश पर अपना असर दिखाया।

बुधवार की सायं में एक घंटे जोरदार बारिश हुई, इससे जगह-जगह जलभराव तो हुआ, पर यह ज्यादा देर तक बना नहीं रह सका। नए बस स्टेंड, भूतेश्वर और कैंट रेलवे पुलिया आदि के नीचे भरा पानी जल्दी ही निकल गया। इसी तरह होली गेट पर बारिश के दौरान एक साइड पर पानी भर गया, लेकिन यह भी थोड़ी ही देर में निकल गया। इससे उन दुकानदारों को राहत मिली, जो नालियां अवरुद्ध होने के कारण होने वाले जलभराव से अब तक परेशान थे।

लेकिन बाहरी कालोनियों में जलभराव पर कोई असर नहीं पड़ा। यह कई घंटे बना रहा और लोगों को अपने घर से बाहर निकलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

बता दें कि मुड़िया पूनो का मेला शुरू हो चुका है और पालिका की टीमें नाले-नालियों की सफाई में जुटी हुई हैं। पिछले दिनों लगातार नालों से अतिक्रमण हटाकर सिल्ट निकलवाई गई है। हालांकि यह जरूरत के मुताबिक नहीं हो सका है।

ऐसा भी पहली बार हुआ है, जब जिला प्रशासन ने मुड़िया पूर्णिमा मेला से पहले नगर में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान नहीं चलवाया है। इससे पहले महोली रोड, श्री कृष्ण जन्मस्थान समेत कई स्थानों पर मार्ग और नाले साफ कराए जाते रहे हैं। पिछले दिनों में पालिका ने भी अपने ही बूते अतिक्रमण हटवाए हैं, जबकि किसी भी हालात का सामना करने के लिए किसी मजिस्ट्रेट और पुलिस की मौजदूगी में अतिक्रमण हटते रहे हैं।


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