Tuesday, July 13, 2010

पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने किया मंदिरों का अवलोकन

वृन्दावन (DJ 2010.07.12, निजस्व संवाद दाता)। वृन्दावन नगर के प्राचीन गोविंददेव जी मंदिर में रविवार को छत का पत्थर टूटकर गिर जाने की घटना को पुरातत्व विभाग ने गंभीरता से लिया है। सोमवार को आगरा के पुरातत्व अधीक्षक ने विभाग द्वारा संरक्षित विभिन्न मंदिरों का अवलोकन कर अधीनस्थों को आवश्यक दिशानिर्देश दिये।

उल्लेखनीय है कि रविवार को नगर के प्राचीनतम गोविंददेव जी मंदिर के भीतरी हिस्से का पत्थर टूटकर गिर गया था। हालांकि पत्थर गिरने के समय मंदिर में किसी व्यक्ति के न होने से कोई गंभीर घटना घटित नहीं हो सकी थी। लेकिन पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित प्राचीन मंदिर का पत्थर गिरने की घटना से हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी।

सोमवार को आगरा संभाग के निदेशक ए.आर. सिद्दकी वृन्दावन पहुंचे। उन्होंने सर्वप्रथम गोविंददेव जी मंदिर में बारीकी से निरीक्षण किया एवं मंदिर में चल रहे जीर्णोद्धार कार्य के विषय में जानकारी लेते हुए अधीनस्थों को बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दिये।

तदोपरांत श्री सिद्दकी केशीघाट स्थित जुगलकिशोर मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने मंदिर की दशा देखकर अधीनस्थों को इसमें सुधार की हिदायत दी एवं चीरघाट से केशीघाट तक निर्माणाधीन पुल की स्थिति के विषय में भी जानकारी हासिल की।

यहां गौरतलब है कि चीरघाट से केशीघाट के मध्य बन रहे पुल को पुरातत्व विभाग ने अपनी सीमान्तर्गत मानते हुए नोटिस दिया था। इसी क्रम में सामाजिक कार्यकर्ता मधुमंगल शुक्ला द्वारा उच्च न्यायालय जनहित याचिका दायर किये जाने पर निर्माण कार्य रुकवा दिया गया था। इस बिंदु को भी श्री सिद्दकी ने गंभीरता से परखा, लेकिन इस विषय में कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।


जुगल किशोरजी मंदिर के पास ब्रज वृन्दावन हेरितज एलायन्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने श्री सिद्दिकी के साथ मुलाकात की । उस में शामिल थे सर्वश्री आचार्य नरेश नारायण, मधुमङ्गल शुक्ला, रामनारायण बृजवासी, रवीन्द्र कुलश्रेष्ठ, मनमोहन पारीख एवं जगन्नाथ पोद्दार ।

प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि एएसआई के संरक्षित स्मारकों को ध्यान से रखा जाएं, और कि किसीको उनके आसपास में गैरकानूनी निर्माण करने की अनुमति न दी जाए । श्री सिद्दीकी ने बताया कि ऐसे निर्माण कार्य के बारे में रिपोर्ट पाते ही वे इसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करेंगे ।

उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर वह अर्धचन्द्राकार पुल के निर्माण का समर्थन नहीं करते हैं । एलायंस के सदस्यों ने पिछले महिने भेजे हुए जानकारी अधिकार (राइट टु इनफोर्मेशन) पत्र का उत्तर देने के लिये अनुरोध किया ।

एलायंस के सदस्यों ने यह मांग भी की है कि ऐतिहासिक केशी घाट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के द्वारा संरक्षित किया जाए. श्री सिद्दीकी ने कहा कि यदि मथुरा जिला मजिस्ट्रेट इस ऐतिहासिक और महत्त्वपूर्ण धरोहर का संरक्षण करने के विषय में एक पत्र एएसाई के महानिदेशक को भेजें तो कुछ किया जा सकता है ।

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