Wednesday, July 7, 2010

2010-07-08 ब्रज का समाचार

ब्रज संस्कृति और विरासत अब परदे पर


जैन संग्रहालय बनेगा ब्रज कल्चरल आडीटोरियम
श्रव्य और दृश्य के माध्यम से बच्चे पाएंगे मार्गदर्शन
ब्रज से जुड़ी जानकारी देने को होगा ये पहला सेंटर


मथुरा (तृप्ति मिश्रा, अमर उजाला एक्सक्लूसिव, 2010.07.08) । अब ब्रज आने वाले देशी और विदेशी पर्यटक पर्दे पर ब्रज की कला, संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर को देखने के साथ ही उनके इतिहास से रू-ब-रू हो सकेंगे। इतना ही नहीं, इतिहास की किताबों से ऊब चुके बच्चे फिल्मों के माध्यम से अपना ज्ञान संग्रहित कर सकेंगे। कलक्ट्रेट स्थित जैन संग्रहालय को ब्रज कल्चरल आडीटोरियम और श्रव्य दृश्य केंद्र में तब्दील करने का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है।

जहां लैटेस्ट टेक्नोलॉजी और साउंड सिस्टम के साथ रोचक ढंग से ब्रज संबधित पुरातात्विक प्राचीन धरोहरों और उनसे जुड़ी संस्कृतियों की गाथा को स्क्रीन, प्रोजेक्टर और डॉक्यूमेंटरी के माध्यम से प्रदर्शित कर वर्णित किया जाएगा। इसी माध्यम से ब्रज की कला, गीत, संगीत, लठामार होली जैसे कई प्रसिद्ध विधाओं को भी प्रदर्शित किया जाएगा।

बच्चों के कोर्स संबधित इतिहास और पुरातत्व से जुड़े चैप्टरों को डॉक्यूमेंटरी, फिल्मों और ऐतिहासिक धारावाहिकों के माध्यम से दर्शाया जाएगा। यहां बच्चे मनोरंजन के लिए कार्टून फिल्मों लुत्फ उठा पाएंगे तो बुजुर्ग धार्मिक और कलात्मक फिल्मों का आनंद लेंगे।

सेंटर पर विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों, कार्यशालाओं, शिक्षा से जुड़े कार्यक्रमों आदि के आयोजन भी समय-समय पर किए जाएंगे। संग्रहालय निदेशक एके पांडे ने बताया कि आडीटोरियम के माध्यम से लोगों को ब्रज की संस्कृति से रू-ब-रू करानी की मंशा है। प्रस्ताव की स्वीकृति के साथ ही प्रस्ताव को मूर्तरूप देना शुरू कर दिया जाएगा।

इसी स्थान पर एक सैलिंग काउंटर भी खोला जाएगा। जहां म्यूजियम से जुड़ी वस्तुओं की बिक्री की जाएगी। गौरतलब है कि ब्रज संस्कृति की तमाम जानकारियां एक ही स्थान पर देने वाला यह ब्रज का पहला सेंटर होगा।

जैन संग्रहालय अब राजकीय संग्रहालय में

मथुरा। २००३ में जैन समाज के अलग से जैन म्यूजियम खोलने के अनुरोध पर इसे खोला बनवाया गया था, जो पर्यटकों को आकर्षित नहीं कर सका। अब यहां स्थित ६०-७० बेशकीमती कलाकृतियों को राजकीय संग्रहालय में अलग से जैन गैलरी बनाकर सजाया जाएगा। इससे बड़ी संख्या में पर्यटक भी अमूल्य जैन कलाकृतियों के आकर्षण और महत्व से रू-ब-रू हो सकेंगे। एके पांडे ने बताया कि दिल्ली दिगंबर महासभा के अध्यक्ष निर्मल कुमार सेठी से जैन संग्रहालय शिफ्ट करने की सहमति ले ली गई है।



वृक्षारोपण: वन विभाग को छोड़ कोई नहीं जागा नींद से


मथुरा (DJ 2010.07.08)। मानसून की बारिश होते ही वन विभाग ने तो वन क्षेत्रों में पौधे रोपने का काम शुरू कर दिया है, लेकिन अन्य विभाग अभी नींद से नहीं जागे हैं। यहां तक उन्होंने सरकारी नर्सरियों से पौधे खरीदने के लिए आर्डर भी नहीं दिए हैं।

मानसून सत्र में वन विभाग को चार लाख और अन्य विभागों को छह लाख पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया है। पौधे रोपने के लिए अभी तक बारिश का इंतजार किया जा रहा था। पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बारिश से भूमि में पर्याप्त नमी हो गई और इसी नमी पर पौधों की रोपाई का काम शुरू कर दिया गया है। वन विभाग के कोसीकलां, गोवर्धन, मांट, बलदेव और मथुरा रेंज में पौधों की रोपाई की जा रही है।

सूत्र बताते हैं कि वन विभाग के अलावा जिन विभागों को पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया था। उन विभागों ने अभी तक वन और उद्यान विभाग की नर्सरियों से पौधे खरीदने का काम शुरू नहीं किया है। यहां बताते चले कि पौधे रोपने को तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए बीते मई माह में जिलाधिकारी ने बुलाई बैठक में सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दे दिए थे कि वन और उद्यान विभाग की नर्सरियों से ही पौधे क्रय किए जाएं।

शासन का भी यही निर्देश है कि पहले वन और उद्यान विभाग की नर्सरियों से ही पौधे क्रय किए जाएं। जब वहां खत्म हो जाए तभी प्राइवेट नर्सरियों से पौधे लिए जाएं।

बताया गया है कि अभी तक किसी भी विभाग ने वन विभाग को पौधे खरीदने का आर्डर नहीं दिया है। माना यही जा रहा है कि अभी अन्य विभागों ने पौधे रोपने का काम शुरू नहीं कराया है।

बताया गया है कि ग्राम्य विकास विभाग ने कुछ ही ग्राम पंचायतों में गड्ढे खोदने का काम कराया कराया है, जबकि उसे पांच लाख पौधे रोपने है। इससे जाहिर होता है कि पौधे रोपने के काम में जानबूझकर देरी की जा रही है।

इधर डीएफओ डॉ. केएल मीणा ने बताया कि वन विभाग ने पौधे रोपने का काम शुरू कर दिया है। सेना ने भी नर्सरियों से पौधे लेना शुरू कर दिया है।



बारिश का पानी भरने से गिरा मकान


मथुरा (DJ 2010.07.08)। बारिश का पानी भर जाने से गत दिवस मटिया गेट पर एक मकान गिर गया था। कांग्रेस ने जिला प्रशासन से पीड़ित को मुआवजा दिए जाने की मांग की है।

गत दिवस हुई जोरदार बारिश का पानी मटिया गेट निवासी नईम मिस्त्री के मकान में भर गया था। इससे मकान गिर गया और हजारों रुपये का नुकसान हुआ। कांग्रेस की जिला मनरेगा निगरानी समिति के चेयरमैन ताराचंद गोस्वामी ने कार्यकर्ताओं के साथ मटिया गेट पहुंच कर पीड़ित से मुलाकात कर हर संभव मदद किए जाने का आश्वासन दिया।

श्री गोस्वामी ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में पीड़ित मुआवजा दिए जाने की मांग की। इस मौके पर मोहम्मद जिलानी कादरी, लोकेश शर्मा, अनवर कुरैशी, नबाव मास्टर आदि मौजूद थे।



व्यापारियों के नुकसान के लिए पालिका जिम्मेदार


डीएम ने दिया सर्वे कराने का आश्वासन

मथुरा (जागरण प्रतिनिधि, 2010.07.08): बारिश से हुए नुकसान के लिए व्यापारियों ने नगर पालिका को जिम्मेदार ठहराते हुए बुधवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। जिलाधिकारी ने व्यापारियों को नुकसान का सर्वे कराकर हर संभव मदद दिए जाने का आश्वासन दिया है।

गत दिवस हुई जोरदार बारिश का पानी स्वामी घाट, डोरी बाजार और नया बाजार की कई दुकानों में भर गया था। इससे व्यापारियों का भारी नुकसान हुआ था। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष रविकांत गर्ग के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने प्रभावित बाजारों का दौरा किया। इसके बाद प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी दिनेश चंद शुक्ल से मुलाकात कर नुकसान के लिए नगर पालिका को जिम्मेदार ठहराते हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति किए जाने की मांग की।



आगरा कैनाल में बढ़ा पानी


मथुरा (DJ 2010.07.08)। बारिश से आगरा कैनाल में पानी की बढ़ोत्तरी हो गई है। कैनाल को सुरक्षित रखने के लिए गत दिवस हरियाणा की नहरों में पानी छोड़ना पड़ा। मांट ब्रांच की नहर पर बारिश का कोई असर नहीं पड़ा है। इसमें अभी भी मांग से कम पानी चल रहा है।

बारिश होते ही सिंचाई के पानी की मांग घट गई है। हरियाणा और दिल्ली में बारिश होने के बाद यमुना के पानी में मामूली बढ़ोत्तरी बताई जा रही है। जबकि आगरा कैनाल में पानी बढ़ गया है। गत दिवस कैनाल में पानी बढ़ने से टूटने का खतरा बढ़ गया था। कैनाल को सुरक्षित रखने के लिए हरियाणा की नहरों में पानी छोड़ना पड़ा। हालांकि बुधवार को हरियाणा की नहरों को बंद करा दिया गया है।

अपर खंड आगरा कैनाल के अधिशासी अभियंता रमाकांत रस्तोगी ने बताया कि फरीदाबाद पर आगरा कैनाल में ढाई हजार क्यूसेक पानी चल रहा है। इसमें अभी तीन सौ क्यूसेक पानी की ओर बढ़ोत्तरी हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस पानी को लोअर खंड आगरा कैनाल को दिया जा रहा है। वहीं मांट ब्रांच को अभी भी मांग से कम पानी मिल रहा है।

खंड सीमा बालनपुर पर 1300 क्यूसेक के सापेक्ष 850 क्यूसेक पानी ही उपलब्ध हो पाया। इसमें से ढाई सौ क्यूसेक पानी मथुरा-आगरा की पेयजल आपूर्ति के लिए दिया जा रहा है।



गंदगी ही मंडी का श्रृंगार


मथुरा (DJ 2010.07.08)। कृषि उत्पादन मंडी समिति का गंदगी ही श्रृंगार बन गई है। फल एवं सब्जी और अनाज मंडी परिसर में चारों तरफ कीचड़ ही कीचड़ नजर आ रही है। इसमें कूड़ा-करकट सड़ रहा है। परिसर में उठ रही बदबू ने आढ़ती, किसान और उपभोक्ताओं का ठहरना मुश्किल कर रखा है। दुकानें भी जर्जर हो गई है। बारिश का पानी छतों से टपक कर फल, सब्जी और अनाज को बिगाड़ रहा है। आढ़ती और किसान दोनों ही नुकसान झेल रहे हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग स्थिति कृषि उत्पादन मंडी समिति के एक परिसर में फल एवं सब्जी मंडी तो दूसरे परिसर में अनाज मंडी है। दोनों ही परिसरों में चारों तरफ गंदगी-गंदगी ही नजर आ रही है। हर तरफ कूड़ा-करकट फैला हुआ है। पिछले दिनों में हुई बारिश से समूचे परिसर में कीचड़-कीचड़ ही दिखाई पड़ रही है। इसमें पड़ा कूड़ा-करकट सड़ रहा है।

हालात यह हैं कि आढ़ती, किसान और उपभोक्ताओं का परिसर में ठहरना मुश्किल हो गया है। फल एवं सब्जी मंडी में तो आढ़तियों और फड़ लगाने वाले कीचड़ के बीच ही फल एवं सब्जी बेचने को मजबूर हैं। दुकानों की भी हालत ठीक नहीं है।

फर्श, दीवार और छतों का प्लास्टर भी उखड़ गया है। सब्जी में मंडी में करीब पच्चीस फीसदी दुकानों की दीवार और छतें जर्जर हो गई हैं। बारिश का पानी टपक कर दुकानों में भर रहा है। टीन शेड भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। शटर और जंगलों को आढ़तियों ने रस्सी बांध कर रोक रखा है।

जल निकासी की कोई सुविधा नहीं है। नालियां कूड़े करकट से अवरुद्ध हो गई है। बारिश का पानी परिसर में ही जमा हो रहा है। फल एवं सब्जी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद हबीब और चौधरी आनंदस्वरूप ने बताया कि दुकानों की मरम्मत के लिए कई बार मंडी सचिव से कहा गया है, लेकिन अभी तक मरम्मत का कार्य शुरू नहीं कराया गया है।

बारिश के दौरान आढ़तियों को ही नहीं किसान और उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां फल एवं सब्जी खरीदने के लिए आ रहे लोगों को कीचड़ के बीच से गुजरना पड़ रहा है। अनाज मंडी के हालात भी ज्यादा ठीक नहीं है। पचास फीसदी दुकानों की स्थिति जर्जर बताई जा रही है।



शहर डूबने के बाद चेता प्रशासन


जलभराव पर जल निगम और पालिका को फटकार
डीएम ने दोनों विभाग के अफसर तलब किए
देर रात्रि तक जलभराव स्थलों का निरीक्षण
सभी स्थलों पर पंप सेट लगाने के निर्देश


मथुरा (AU 2010.07.08)। समूचा नगर वर्षा के पानी से लबालब हो गया। नाली, नालों का पानी घरों में दस्तक देने लगा, तब कहीं जाकर प्रशासन की आंख खुली। डीएम डीसी शुक्ला ने जलभराव पर जल निगम एवं पालिका के अफसरों को तलब कर कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने स्वयं जलभराव स्थलों का निरीक्षण किया। इसके बाद रात्रि में ही पानी की निकासी के लिए जेट पंप लगाने के आदेश जारी कर दिए।

नगर के ध्वस्त ड्रेनेज सिस्टम और लगातार वर्षा ने शहर के हालात बिगाड़कर रख दिए हैं। चहुंओर जलभराव, गंदगी, जाम के झाम ने शहर का ट्रैफिक अस्त-व्यस्त हो गया है, लेकिन अब तक इस मामले में आंख मूंदकर बैठे प्रशासन ने आखिरकार त्राहिमाम कर रही जनता की सुध अब ली है। डीएम शुक्ल ने ध्वस्त ड्रेनेज एवं सीवरेज सिस्टम के लिए जलनिगम एवं पालिका को जिम्मेदार ठहराते हुए अफसरों को कड़ी फटकार लगाई है।

रात्रि में ही जलनिकासी के लिए जेट पंप लगाने का निर्देश दिया है। सुपरवीजन की जिम्मेदारी अपर जिलाधिकारी प्रशासन एवं नगर मजिस्ट्रेट को दी है। इससे पूर्व उन्होंने स्वयं जलभराव स्थलों का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति की परख की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जलनिकासी में जो भी अवरोध हो, उसे हटाकर पानी निकाला जाए। पालिकाध्यक्ष को पूरे नगर का भ्रमण कर यह सुनिश्चित करने को कहा कि कहीं जलभराव तो नहीं है। उन्होंने पानी निकालने के बाद गंदगी भी तत्काल उठाने को कहा।

धोखा दे गए एलएंडटी के पंप

मथुरा। डीएम के निर्देश पर नए बस स्टैंड पुल एवं भूतेश्वर पर जल निकासी को लगाए गए एलएंडटी के पंप कुछ ही देर में ठप पड़ गए। इससे हड़कंप मच गया। बाद में पालिका ने चार पंप सेट लगाकर स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन लगातार वर्षा ने इन कोशिशों को कामयाब नहीं होने दिया।



संघ के ब्रज प्रांत में नए चेहरे


मथुरा (DJ 2010.07.08)। बाइस जिलों वाली ब्रज प्रांत कार्यकारिणी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने युवाओं पर भरोसा जताया है। करीब पंद्रह साल बाद पूरी कमेटी में आमूलचूल परिवर्तन किया गया है और प्रमुख पदों पर नए चेहरे लाए गए हैं। संघ में उच्च स्तर पर होने वाले परिवर्तन की यह शुरूआत कही जा रही है।

कैडर वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में सीढ़ी दर सीढ़ी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाती है, पर यह पहली बार हुआ है, जब ब्रज प्रांत को सक्रिय बनाए रखने के उद्देश्य से नए चेहरे लाए गए हैं। एक भर्ती तो सीधे जिला स्तर से की गयी है, जिसमें विभाग कैडर को नजरंदाज कर दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों कासगंज में 22 जिलों वाले ब्रज प्रांत की बैठक हुई, उसी में यह बड़ा परिवर्तन किया गया है। प्रांत कार्यकारिणी में संघ प्रांत चालक ए पी सिंह, सह प्रांत चालक चंद्रपाल तिवारी और प्रांत कार्यवाह गोविंद बिहारी अग्रवाल को ही नियमित रखा गया है, पर उनके अलावा पूरी कार्यकारिणी बदल दी गयी है।

बौद्धिक प्रमुख रहे श्याम नारायण त्रिपाठी के स्थान पर एके कानौडिया लाए गए हैं। इससे पहले वह सह प्रांत बौद्धिक प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। जबकि श्री त्रिपाठी को कार्यकारिणी मेंबर बनाया गया है।

प्रांत शारीरिक प्रमुख के रूप में मथुरा के जिला कार्यवाह रहे प्रदीप श्रीवास्तव को जिम्मेदारी दी गयी है। यह इस मामले में नयी पहल है, जिसमें आगरा विभाग स्तर को लांघ कर जिले स्तर से किसी को सीधे प्रांत में स्थान मिला है। प्रदीप श्रीवास्तव दो साल से ओटीसी के मुख्य शिक्षक भी रह चुके हैं। इस दायित्व को संभाल रहे सुभाष बोहरा कार्यकारिणी सदस्य बनाए गए हैं। सह शारीरिक प्रमुख फीरोजाबाद के विभाग प्रचारक रहे उमेश चंद्र को बनाया है।

प्रांत संपर्क प्रमुख अशोक कुलश्रेष्ठ के साथ सह संपर्क प्रमुख राजकुमार सिंह बनाए गए हैं। सेवा प्रमुख बिरजा शंकर के साथ सह सेवा प्रमुख भगवान सिंह बनाए गए हैं तो व्यवस्था प्रमुख राजकुमार अग्रवाल के साथ सह व्यवस्था प्रमुख पद का दायित्व विजय बंसल को दिया गया है।

प्रांत कार्यकारिणी के दो सदस्य डा. चंद्रभान गुप्त और राधेश्याम हैं, पर अब दो नए सदस्य और जुड़ गए हैं। सूत्रों का कहना है कि लंबे समय बाद इतना बड़ा परिवर्तन हुआ है और इसमें भी युवाओं को जगह दी गयी है, ताकि प्रांत के 22 जनपदों में संघ सक्रियता से कार्य कर सके।


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