Friday, July 16, 2010

2010-07-17 ब्रज का समाचार

मौसम ने पौधे रोपण पर लगाया ब्रेक


मथुरा (DJ 2010.07.16)। वन विभाग की नर्सरियों में लहलहा रहे पौधों को लगाने के लिए मानसूनी बारिश का इंतजार किया जा रहा है। पिछले दिनों हुई बारिश के बाद पौधे रोपने का जो अभियान वन विभाग ने शुरू किया था, उसे बारिश न होने के कारण बीच में ही रोकना पड़ गया है। विभाग ने अभी तक पचपन हजार पौधे रोपे हैं, जबकि अन्य विभागों ने कहीं भी पौधे नहीं रोपे हैं।

चालू माह के पहले सप्ताह में हुई बारिश के बाद विभाग ने पचपन हजार पौधे रोप दिए, लेकिन मानसून के आंख दिखा दिए जाने से वन विभाग को पौधे रोपने के अभियान को बीच में ही ब्रेक देना पड़ गया है। दुबारा अभियान को शुरू करने के लिए बारिश का इंतजार किया जा रहा है। गौर तलब है कि वन विभाग को चार लाख पौधे रोपने हैं, जबकि ग्राम्य विकास विभाग को सभी दस ब्लॉकों में पांच लाख पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया है। करीब एक लाख पौधे ऊर्जा, औद्योगिक विकास, आवास एवं शहरी नियोजन, सिंचाई, सहकारिता, उद्यान, कृषि और शिक्षा विभाग को लगाने हैं। सूत्र बताते हैं कि अभी इन विभागों ने पौधे रोपने की कोई रिपोर्ट वन विभाग को नहीं भेजी है। इससे यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन विभागों ने अभी तक पौधे रोपने को काम शुरू नहीं किया है।



सरकारी आक्सीजन से लहलहाएंगी औषधीय फसलें


मथुरा (DJ 2010.07.16)। आने वाले समय में सरकारी मदद से जिले में औषधीय फसलें लहलहाएंगी। किसानों को तुलसी, ब्राह्माी, बेल और एलोबेरा की खेती करने के लिए अनुदान दिया जाएगा। उद्यान विभाग ने इसके लिए आवेदन मांगे हैं।

परंपरागत खेती से किसानों का ध्यान हटाकर उनको औषधीय फसलों से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। अभी तक औषधीय फसलों में वृंदावन के आसपास ही तुलसी की खेती की जा रही है, जबकि ब्राह्माी, बेल और एलोबेरा की खेती किसान नहीं कर रहे हैं।

तुलसी, ब्राह्माी, बेल और एलोबेरा की खेती से किसानों को जोड़ने के लिए सरकारी मदद दी जाएगी। किसानों से सौ हेक्टेयर में तुलसी की खेती कराई जाएगी। इसके लिए छह हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा। आठ हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान देकर पांच हेक्टेयर में ब्रह्माी की खेती कराई जाएगी। दस हेक्टेयर में ऐलोबेरा की खेती कराने को साढ़े आठ हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा।

बीस हेक्टेयर में बेल की खेती कराए जाने को बीस हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान मिलेगा। बताया गया है कि बेल विलुप्त हो रही है। औषधीय फसलों के लिए उन्नत प्रजाति के पौधे और बीज उपलब्ध कराने को एक नर्सरी की स्थापना भी कराई जाएगी। एक हेक्टेयर में नर्सरी स्थापित करने को किसान को तीन लाख पन्द्रह हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। 75 हजार रुपये का अनुदान देकर फल एवं बीजों को सुखाने के लिए ड्राइंग शैड का निर्माण कराया जाएगा।

जिला उद्यान अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि औषधीय फसलें करने वाले किसानों से आवेदन पत्र मांगे गए हैं। उन्होंने बताया कि जो किसान तुलसी की खेती कर रहे हैं, उनको भी सरकारी मदद दी जाएगी। वे भी आवेदन कर सकते हैं।



कमिश्नर को नहीं भायी रिपेयर


मथुरा (DJ 2010.07.16)। मंडल आयुक्त सुधीर एम बोबड़े को राया से लेकर नौहझील तक बनी सड़क का पेचवर्क क्वालिटी वाला नहीं दिखा। उन्होंने नाराजगी जताते हुए भुगतान न करने के आदेश किए हैं। इससे पहले उन्होंने गोकुल में डूडा द्वारा बनाए गए गरीब आवासों की गुणवत्ता भी परखी।

मंडलायुक्त एसएम बोबड़े ने शुक्रवार को गोकुल में डूडा द्वारा बनाए जा रहे आवासों का निरीक्षण किया। यहां उन्होने गुंणवत्तापूर्ण कार्य पूरे करने के सख्त आदेश दिए। तत्पश्चात उन्होंने राया से लेकर नौहझील तक बने मार्ग का निरीक्षण किया। 19 करोड़ की लागत से यह सड़क दूसरी बार बनी है। इससे पहले शासन से आयी टीम ने सड़क निर्माण को मानकों से परे बताया था।

बाद में मंडलायुक्त ने इसका निरीक्षण कर जगह-जगह सड़क खराब होने पर इसका पेच वर्क कराने के आदेश किए थे। सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग की निर्माण खंड इकाई ने इसका पेचवर्क कराया, लेकिन मंडलायुक्त इससे संतुष्ट नहीं दिखे। उन्होंने लोनिवि अधिकारियों से इसकी कैफियत पूछी तो उन्हें बताया गया कि विभाग ने ठेकेदार का भुगतान अभी नहीं किया है। उन्होंने भुगतान न करने के आदेश किए और निर्माण कार्य जल्द दुरुस्त कराने को कहा।

तत्पश्चात उन्होंने मांट से डांगौली व पानी घाट होते हुए पागल बाबा मंदिर के सामने तक बने मार्ग का निरीक्षण भी किया। लेकिन इस मार्ग पर कहीं भी वह अपनी गाड़ी से नीचे नहीं उतरे। बताया गया है कि मंडलायुक्त ने इस




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