Saturday, July 31, 2010

2010-07-31 ब्रज का समाचार

खूबसूरती के दीदार पर झाड़ियों का पर्दा


मथुरा (DJ 2010.07.30)। करोड़ों खर्च करके जिस कुसुम सरोवर को सजाया संवारा गया उसी का दीदार मुड़िया मेले में आये श्रद्धालु नहीं कर सके। यहां व्यवस्था के नाम पर झाड़ियों का पर्दा लगा दिया गया।

गोवर्धन में मेला की व्यवस्था के नाम पर पर्यटकों के साथ कितना बड़ा अन्याय किया गया यह देख हर कोई हैरान है, लेकिन है अफसोस कि प्रशासन में इस गम्भीर मसले पर पत्ता तक नहीं हिला। दरअसल पिछले दिनों गोवर्धन में लगे मुड़िया पूर्णिमा मेला में देश के तमाम राज्यों से लाखों पर्यटक यहां आये। इनके यहां आने का मकसद यही था कि गिरिराज महाराज की नगरी में परिक्रमा कर यहां धार्मिक और ऐतिहासिक प्राचीन स्थलों का दीदार किया जाए। इसी लिहाज से यहां के तमाम छोटे बड़े मंदिर और इमारतें सजाई गई थीं। इसी कड़ी में पुरातत्व विभाग के अधीन और पर्यटन विभाग की करोड़ों की योजना से प्राचीन कुसुम सरोवर भी पर्यटकों को रिझाने के लिए सजी थी। मौजूदा समय में कुसुम सरोवर की कलात्मक छतरियों को रात में भी कंसैप्ट लाइटों से जगमग रखा जाता है। इससे दिन के साथ-साथ रात में तो इमारत की खूबसूरती को चार चांद लग जाते हैं। व्यवस्था के चलते कुसुम सरोवर की बाहरी पांच फीट की दीवार और उसके ऊपर इतनी ऊंची ही लोहे की रैलिंग को कंटीली झाड़ियों से ढक दिया गया। इस बारे में पर्यटन अधिकारी डीके शर्मा का कहना है कि इस मामले में पुरातत्व विभाग से जानकारी करेंगे। प्रशासन ने यह व्यवस्था इसलिए की थी कि कुसुम सरोवर में नहाने के लिए भीड़ न घुसे।



नहर से जबरन ले जा रहे किसान पानी


मथुरा (DJ 2010.07.30)। छाता इलाके में मानसून की बेरुखी ने किसानों को धान की फसल बचाने के लिए पानी की चोरी करने के लिए मजबूर कर दिया है। आगरा कैनाल के शेषाई रेगूलेटर पर कर्मचारियों को डरा धमका कर रात में किसान कई दिन से अपर खंड के रजवाहों में जबरन पानी ले जा रहे हैं। सिंचाई विभाग ने अज्ञात किसानों के खिलाफ पड़ोसी प्रांत हरियाणा के हसनपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

जिले में धान का सर्वाधिक उत्पादन छाता तहसील के किसान कर रहे हैं। बारिश की कमी फसल को प्रभावित कर रही है। किसानों को नहरी पानी फसल को बचाने के लिए समय पर नहीं मिल पा रहा है। परेशान किसानों ने नहर से जबर्दस्ती पानी लेना शुरू कर दिया है। पड़ोसी प्रांत हरियाणा की सीमा में पड़ने वाले शेषाई रेगूलेटर पर पिछले तीन दिन से रोजना किसान रात में जाकर अपर खंड आगरा कैनाल के रजवाहा शेरगढ़, सहार, नंदगांव, कोसी और बुखरारी के जबरन गेट खोल कर पानी ले जा रहे हैं। विरोध करने पर कर्मचारियों को डरा धमका दिया जाता है। बताया गया है कि किसान रात में तीन से चार घंटे तक जम कर बैठे रहते हैं। उनके जाने पर ही सिंचाई विभाग के कर्मचारी गेट बंद कर पाते हैं। इससे रात में लोअर खंड आगरा कैनाल को मिलने वाले पानी में कटौती हो जाती है। शेषाई रेगूलेटर पर किसानों की जोर जबर्दस्ती से लोअर खंड आगरा कैनाल के किसानों के सामने दिक्कतें खड़ी हो रही बताई गई हैं। अपर खंड आगरा कैनाल के अवर अभियंता टीसी शर्मा ने बताया कि इस मामले में अज्ञात किसानों के खिलाफ पड़ोसी प्रांत हरियाणा के थाना हसनपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।



कृषि मेला में उत्पादन बढ़ाने पर बल


मथुरा (DJ 2010.07.30)। कृषि मेला में जैविक उर्वरक एवं कीटनाशकों का इस्तेमाल कर उत्पादन बढ़ाये जाने पर बल दिया गया। वैज्ञानिकों ने किसानों को फसल सुरक्षा और मृदा सुधार के उपाय बताए। मेले में 45-45 हजार रुपये की छूट पर दो किसानों को टै्रक्टर भी वितरित किए गए।

कृषि तकनीकी प्रबंध अभिकरण के तहत शुक्रवार को जवाहर बाग में कृषि मेले का आयोजन किया गया। मेला का उद्घाटन करने के बाद किसानों को संबोधित करते हुए प्रभारी जिलाधिकारी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि किसान जैविक उर्वरक एवं कीटनाशकों का इस्तेमाल कर उत्पादन बढ़ाने पर अधिक ध्यान दें। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से सलाह मशविरा कर खेती में आधुनिक तकनीकी भी अपनाएं जाने को भी किसानों से कहा। उप कृषि निदेशक बलवीर सिंह ने विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुआ बताया कि बीज एवं कृषि यंत्र छूट पर दिए जा रहे हैं। किसानों से इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने को कहा। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. संतोष कुमार मिश्रा ने खरीफ फसलों की समसामयिक समस्याओं की जानकारी देते हुए उनके निदान के उपाय बताए। कृषि वैज्ञानिक डॉ. वाई के शर्मा ने मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए हरी खाद, नाडेप व वर्मी कम्पोस्ट और गोबर की खाद का इस्तेमाल किए जाने सलाह देते हुए किसानों को मृदा परीक्षण को नमूना लेने की तकनीकी बताई। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एएस गुजैल ने धान की फसलों में लगने वाली बीमारियों से बचने के उपाय बताए। इससे पूर्व प्रभारी जिलाधिकारी ने गांव राल और मघेरा के एक-एक किसान को कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत 45-45 हजार रुपये की छूट पर ट्रैक्टर वितरित किए।



मथुरा शहर दीपावली से पहले जगमग होगा


मथुरा (DJ 2010.07.30)। दीपावली से पहले शहर में गलियां, तिराहे-चौराहे और प्रमुख मार्ग जगमगाएंगे। पालिका परिषद सौ सेमी मास्ट लाइट नगर में प्लान के तहत लगाएगी। इसके अलावा दस हजार सीएफएल लाइट भी बस्तियों में लगेंगी।

मथुरा नगर पालिका की आमदनी बढ़ने के साथ उन्हें खर्च करने की योजना भी तैयार हो रही है।

अब नये सिरे से शहर को जगमगाने की योजना तैयार हुई है। यदि बोर्ड एकमत हुआ तो आने वाले महीनों में जो बड़ी धनराशि पालिका परिषद को मिलने वाली है, उससे सुदृढ़ प्रकाश व्यवस्था के साथ-साथ अन्य विकास कार्य कराए जाएंगे।

योजना के मुताबिक शहर भर में दस हजार सीएफएल लाइट लगायी जानी हैं। ये लाइटें गरीब-दलित, पिछड़ी व मुस्लिम बस्तियों में प्राथमिकता पर लगेंगी।

योजना के मुताबिक शहर में सौ सेमी मास्ट लाइट तिराहे-चौराहे व प्रमुख मार्गो पर लगेंगी, जिनमें प्रमुख स्थल, मंदिर, यमुना के घाट आदि प्रमुख तौर पर शामिल किए जाएंगे। पालिका प्रशासन पीपीपी के माध्यम से सोलर लाइट लगवाने के प्रयास में भी है। इस संबंध में दिल्ली की कुछ कंपनियों से वार्ता भी शुरू हुई है।

नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर उपाध्याय ने बताया है कि पालिका परिषद के खाते में चार करोड़ की धनराशि सितंबर तक हो जाएगी है।




इस बार कम महिलाएं बनेंगी प्रधान


मथुरा (DJ 2010.07.30)। ओबीसी बहुल स्थानीय जनपद में इस बार महिलाओं को प्रधान के 47 आरक्षित पदों का घाटा होने जा रहा है। अनुसूचित एवं अन्य पिछड़ी जातियों के पुरुषों को उनकी कीमत पर 62 पद ज्यादा मिलेंगे। प्रधान के सामान्य पदों की संख्या भी पिछले पंचायत चुनाव की अपेक्षा पांच कम हो गई है।

पिछले और सितंबर में होने जा रहे अगले पंचायत चुनाव में प्रधान पदों के लिए लागू आरक्षण में अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ी जाति के महिला-पुरुषों के पदों की संख्या कमोबेश एक समान है। पांच वर्ष पहले हुए पंचायत चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए 105 प्रधान पद आरक्षित किये गये थे तो इस बार यह संख्या 103 पर ठहरी है। अन्य पिछड़ी जातियों के महिला-पुरुषों के लिए आगामी पंचायत चुनाव में जहां 127 प्रधान पद आरक्षित किये गये हैं वहीं पिछले चुनाव में इनके लिए प्रधानों के 128 पद रिजर्व किये गये थे। आगामी पंचायत चुनाव में सामान्य महिलाओं के लिए आरक्षित 81 पद बीते चुनाव की अपेक्षा आठ ज्यादा हैं।

दोनों पंचायत चुनावों में प्रधान पद के आरक्षण में जो सबसे बड़ा फर्क दिखाई दे रहा है वह अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ी जातियों की महिलाओं एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग आरक्षित पदों की संख्या में है। पिछले पंचायत चुनाव में जिले की कुल 479 ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जाति महिला के 53 एवं पुरुषों के 52 प्रधान पद आरक्षित किये गये थे। आगामी पंचायत चुनाव में इसी जाति के महिला एवं पुरुषों के लिए आरक्षित प्रधान पद क्रमश: 36 एवं 67 हैं। अन्य पिछड़ी जातियों की महिलाओं के लिए इस बार प्रधान के 45 पद आरक्षित हैं, पिछले चुनाव में यह संख्या 93 थी। आगामी पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ी जातियों के 82 पुरुष आरक्षित सीटों पर प्रधान चुने जाएंगे, वहीं पिछले चुनाव में पुरुषों के 35 प्रधान पद ही आरक्षित किये गये थे।

अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ी जातियों के महिला-पुरुषों के लिए आरक्षित प्रधान पद की संख्या में फर्क आने का बड़ा कारण चक्रानुक्रम आरक्षण ही है। पिछले पंचायत चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की सरकार ने पिछड़ी जाति बहुल जिलों में रैपिड सर्वे कराकर पचास प्रतिशत से ज्यादा पिछड़ी जातियों वाली ग्राम पंचायतों में प्रधान का पद महिला के लिए आरक्षित कर दिया था। आगामी पंचायत चुनाव में ये ग्राम पंचायतें पुन: ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं की गई हैं।



विप्रसभा नेता चुने, शपथ ग्रहण कल`


मथुरा (DJ 2010.07.30)। अखिल भारतीय ब्राह्माण महासभा कदम्ब बिहार की इकाई का चुनाव सम्पन्न हो गया। शपथ ग्रहण समारोह रविवार को होगा।

सभा अध्यक्ष होती लाल शर्मा, उपाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण शर्मा व रमेश चंद्र गौतम, महा सचिव विपिन शर्मा, कोषाध्यक्ष चंद्र मोहन उपाध्याय, संगठन मंत्री आशा राम व मुकेश उपाध्याय, ऑडीटर पीएल शर्मा, संरक्षक राम कृष्ण मिश्र, अनुरूद्ध चौबे, हरिहर नाथ शर्मा, संत शरण, जीडी शर्मा, द्वारिका प्रसाद कटारा, एमएल शर्मा, इंद्रजीत शर्मा एवं रमेश चंद्र शर्मा को चुना गया है।


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