Photos by Vishakha Dasi.
प्रभु की घर वापसी के शुभ दिन की खुशी में किये गये धार्मिक आयोजन में हजारों देश-विदेश के श्रद्धालु महिला-पुरुष एवं बच्चों ने रथ की रस्सी खींच पुण्य कमाया। भगवन्नाम संकीर्तन संग भक्ति में लीन भक्तों का नृत्य एवं बैंडवाजों की मधुर ध्वनि वातावरण को अलौकिक रस सरिता से नहला गये। तीनों यात्राओं का पुष्प वर्षा से स्वागत, आरती तथा भोग अर्पित करने के लिये होड़ लगी।
उत्सव का आरंभ सबसे पहले भगवान द्वारिकानाथ के आंगन में शुरु हुआ। यहां अपरान्ह 1.30 यात्रा मनोरथ प्रभु के चल विग्रह रथ पर सवार हो गये। मंदिर के मुखिया विनोद शंकर, ब्रजेश महाराज की अगुवाई में भगवान का मनमोहक श्रंगार किया। रथ में आरूढ़ होकर प्रभु ने मंदिर के जगमोहन में भ्रमण किया। इस दौरान सैकड़ों भक्तों ने मंद-मंद मुस्कराते प्रभु की छवि का दीदार करके तथा रथ को खींच पुण्य प्राप्त किया। मनोरथ में हरी बाबू, प्रबंध निरीक्षक दीना नाथ शर्मा, विधि अधिकारी राकेश तिवारी एड. एवं बनवारी लाल समेत अनेकमंदिर सेवकों ने अपूर्व श्रद्धा एवं भक्तिभाव से योगदान दिया।
श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान की परंपरागत रथ यात्रा सायंकाल शुरु की गई। प्रभु जगन्नाथ नंदघोष, बलराम तालध्वज एवं देवी सुभद्रा दर्प दालान रथ पर विराजमान होकर चले। इन रथों को खींचने के लिये भक्तों में खूब होड़ लगी। बैंडवाजों, जन्म स्थान की कीर्तन मंडली एवं राधा कुंड से आई गौड़ीय साधु-संतों की टोली निरंतर प्रभु की जय-जयकार करती रही। जन्म स्थान पर श्रद्धालुओं को शीतल व मीठा जल पिलाया जाता रहा। प्रभु यात्रा के साथ चले हजारों भक्त डीग गेट, चौक, विश्राम बाजार, छत्ता बाजार, होली गेट, भरतपुर गेट होते हुये गंतव्य पर पहुंचे। यहां मंदिर प्रबंधकों की ओर से प्रसाद वितरित किया गया।
सांध्य वेला में गौड़ीय मठ सेवकों ने कचहरी रोड से रथ पर जगन्नाथ, सुभद्रा एवं बलराम को विराजमान करके तथा दूसरे डोले में चैतन्य महा प्रभु एवं अपने गुरु देव की छवि रखकर यात्रा शुरु की। भगवन्नाम संकीर्तन जगन्नाथा-सुदर्शना व अन्य मंत्रों पर थिरकते महिला-पुरुषों ने दर्शकों का मन मोह लिया।
रथ खींचने के लिए मची रही होड़
जन्मस्थान से धूमधाम से निकली जगन्नाथ रथयात्रा
द्वारिकाधीश को श्रंगार कराकर रथ से कराया भ्रमण
मथुरा (AU 2010.07.13)। श्रीकृष्ण जन्मस्थान से शहर में निकली जगन्नाथ रथ को खींचने के लिए लोगों में होड़ मची रही। रथयात्रा में श्रद्धालुओं भजनों पर झूमते हुए चल रहे थे। उधर, विश्व विख्यात द्वारिकाधीश मंदिर में ठाकुर जी का श्रंगार करके रथ में विराजमान कराया गया।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के तत्वावधान में मंगलवार को शहर में जगन्नाथ रथयात्रा निकाली गई। रथ पर भगवान श्रीकृष्ण, बलदेव एवं सुभद्रा विराजमान थे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान से रथयात्रा शहर की और बढ़ी तो श्रद्धालुओं ने जगन्नाथ जी का जयघोष लगाया। रथ को खींचने को लेकर श्रद्धालुओं में होड़ मची हुई थी।
रथयात्रा में चल रहे भजनों पर भक्त नाचते चल रहे थे। सबसे आगे चैतन्य महाप्रभु की झांकी, गोवर्धन की गौड़ीय मठ की कीर्तन मंडली एवं रथ पर विराजे श्रीकृष्ण, बलदेव एवं सुभद्रा जी के स्वरूप चल रहे थे। शहर से निकली रथयात्रा में ठाकुर जी की आरती उतारने के लिए लोगों में उत्साह दिखा।
जगह-जगह रथयात्रा का पुष्प वर्षा करके स्वागत किया गया। शर्बत एवं पानी की प्याऊ लगाकर यात्रा में चल रहे भक्तों की सेवा की। होली गेट पर पहुंचने पर भाजपा नेता मदनमोहन श्रीवास्तव के नेतृत्व में रथयात्रा की आरती उतारी गई और स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में प्रदीप गोस्वामी, चिंताहरण चतुर्वेदी, पन्नालाल, दिनेश चंद, अशोक वार्र्ष्णेय आदि थे। रथयात्रा पुनः जन्मस्थान पहुंची। यहां हर कोई भक्ति से सराबोर दिखाई दिया।
रथयात्रा में सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी, संयुक्त मुख्य अधिशासी राजवी श्रीवास्तव, सुरक्षा प्रभारी विजय बहादुर सिंह, ओएसडी गिर्राज शरण गौतम मौजूद रहे। उधर, द्वारिकाधीश मंदिर में ठाकुर जी को विशेष श्रंगार से सजाया गया। उन्हें रथयात्रा में विराजमान कराकर भ्रमण कराया गया। श्रद्धालु झूमकर जयघोष करते चल रहे थे। इस मौके पर विधि अधिकारी राकेश तिवारी, प्रबंधक निरीक्षक दीनानाथ शर्मा, हरीबाबू, बनवारी लाल मौजूद रहे।
भगवान जगन्नाथ के जयघोष से गूंजा नगर
रथ खींचने के लिए उमड़ा भक्तों का रेला
श्रद्धालुओं ने रथयात्रा का कई जगह स्वागत किया
सप्त देवालयों से धूमधाम से निकाली गई रथयात्रा
वृंदावन (AU 2010.07.13)। भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ाभूमि श्रीधाम वृंदावन मंगलवार को भगवान जगन्नाथ की जयकारों से गुंजायमान हो उठी। चहुंओर जय जगन्नाथ, जय बलराम और जय सुभद्रा की जयकारे सुनाई पड़ रहे थे। नगर के सप्त देवालयों सहित अन्य मंदिरों से निकाली गई रथ यात्राओं को खींचने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। सायं चार बजे ज्ञानगुदड़ी जगन्नाथ घाट स्थित जगन्नाथ मंदिर से तीन अलग-अलग फूलों से सुसज्जित रथों में भगवान जगन्नाथ, बलराम और बहिन सुभद्रा को विराजमान कर नगर भ्रमण कराया गया।
श्रद्धालुओं ने स्थान-स्थान पर भगवान जगन्नाथ की आरती उतारकर पूजा-अर्चना की। रथयात्रा में चल रहे श्रद्धालु संगीत की मधुर तान पर थिरकते चल रहे थे। वहीं ठा.श्री राधा दामोदर में रथ महोत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया। राधा श्याम सुंदर मंदिर प्रांगण में रथ यात्रा निकाली गई। प्राचीन मदनमोहन मंदिर, गोपीनाथ मंदिर, गोविंद देव मंदिर, गोकुंलानंद मंदिर सहित अन्य मंदिरों से रथ यात्रा निकाली गई। सभी रथ नगर भ्रमण करते हुए ज्ञान गुदड़ी स्थित उद्धव तीर्थस्थल पहुंचे।
जैसे ही रथ ने ज्ञान गुदड़ी पहुंचे संपूर्ण क्षेत्र भगवान जगन्नाथ की जयकारों से गुंजायमान हो उठा। रथों ने उद्धव तीर्थस्थल की परिक्रमा की और अपने गंतव्य की ओर चले गए। देर सायं सभी देवालयों और मंदिरों में फूल बंगले सजाए गए। जगन्नाथ रथयात्रा के लिए पालिका एवं पुलिस प्रशासन ने व्यापक इंतजाम कर रखे थे।
फोटो-पी-१ :: रथयात्रा महोत्सव के अवसर पर जगन्नाथ मंदिर द्वारा निकाले गए रथ के साथ श्रद्धालु।
फोटो-पी-२ :: रथयात्रा महोत्सव के अवसर पर गोपीनाथ मंदिर द्वारा निकाले गए रथ को रस्से से खींचते श्रद्धालु।
फोटो-पी-३ :: रथयात्रा महोत्सव के अवसर पर भव्य फूल बंगले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देते ठाकुर राधा वल्लभ लाल।
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