Wednesday, July 21, 2010

वृन्दावन को पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया जाय

वृन्दावन (वृन्दावन इन्साफ, आचार्य नरेश नारायण) व्रज वृन्दावन धरोहर परिसङ्घ की एक बैठक किशोर वन में प्रभागीय वन निदेशक डा. के. एल. मीणा की अध्यक्षता में आयोजित की गयी । बैठक को सम्बोधित करते हुए श्रीविनायक सेवा समिति के अध्यक्ष आचार्य नरेश नारायण जी ने मांग की कि वृन्दावन को केन्द्र रखेते हुए सम्पूर्ण व्रज प्रदेश को पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र घोषित करना चाहिए । उन्होंने कहा कि इसके लिए परिसङ्घ के सदस्य अतिशीघ्र पर्यावरण मन्त्री जयराम रमेश से मुकाकात कर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा ।

वृन्दावन बन्धु के निदेशक जगन्नाथ पोद्दार ने कहा कि सम्पूर्ण ब्रज प्रदेश के पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र घोषित होने से ब्रज की पहाड़ियां अवैध खनन से बच पायेंगी तथा हरे वृक्ष नहीं कट पायेंगे ।

श्रीमती मञ्जु शर्मा ने कहा कि वृन्दावन में बन्दरों के प्रकोप से यहां की अरितिमा नष्ट हो रहा है । अधिवक्ता प्रतिभा शर्मा एवं कन्हैया गुप्ता ने कहा कि बन्दरों की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है तथा वे दिन प्रतिदिन हिंसक होते जा रहे हैं । राम नारायण ब्रजवासी ने कहा कि वृन्दावन में बन्दरों के आतंक से आम जनमानस त्रस्त है । डा. चन्द्रप्रकाश शर्मा ने कहा कि वन विभाग को कोई ऐसी कार्य योजना तैयार करनी चाहिए जिससे बन्दरों की जनसंक्या पर रोक लगे तथा इन्हें दूर जंगलों मे छुड़वाया जा सके ।

किशोर वन के सेवायत श्री गोविन्द किशोर गोस्वामी ने कहा कि किशोर वन निधिवन एवं सेवा कुंज की तरह ही राधा-कृष्ण की लीला स्थली है । इसको संरक्षित करने के लिएय् वन विभाग ब्रज वृन्दावन धरोहर परिसङ्घ की सहायता करें । प. सुरेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि किशोर वन के साथ साथ वृन्दावन के सभी देवालयों के बाग बगीचों में सघन वृक्षारोपण किया जाये ।

कार्य क्रम को सम्बोधित करते हुए प्रबागीय वन निदेशक डा. के.एल. मीणा ने कहा कि किशोर वन में जितनी भी वृक्षों की आवश्यकता होगी वनविभाग उपलब्ध करायेगा । उन्होंने पारम्परिक वृक्षों को वन विभाग किशोर वन एवं वंशीवट के लिये उपलब्ध करायेगी । इनकी सुरक्षा एवं देख रेख की व्यवस्था परिसङ्घ को करना होगा ।

इस अवसर पर सुशील चन्द्र शर्मा, गोविन्द महन्त (वंशीवट), बालकृष्ण गौतम, श्यामलाल शर्मा, घनश्याम किशोर गोस्वामी, इन्द्र प्रकाश पाहुजा, अंकित अग्रवाल, आचार्य ब्रजमोहन खाण्डल, कृष्ण गोपाल गुप्ता (पत्रकार), रवीन्द्र कुलश्रेष्ठ, अभिषेक आदि मौजुद थे । संचाल परिसङ्ग के संयोजक मधुमंगल शुक्ला द्वारा किया गया ।



श्रीधाम वृन्दावन के आतंकवादी बन्दर, जनता बेहद परेशान


वृन्दावन (मिली भारद्वाज) ॒ देश के अन्य शहरों में कहीं आतंकवादी तो कहीं माओवादियों की वजह से लोग परेशान हैं, परंतु भगवान् श्री-कृष्ण की नगरी में वृन्दावन वासी और दर्शनार्थी बन्दरों के आतंक से बेहद परेशान है । ये बन्दर दर्शनार्थियों के चश्मे और पर्श हाथ से छीन कर ले जाते हैं और दर्शनार्थी परेशान हो जाता है । जिसे आंखों से कम दीखता हो, उसका चश्मा बन्दर ले जाये और जिसके पर्श में धन व आवश्यक कागजात् हों, उसे बन्दर ले जाये तो सोचिये उसकी क्या स्थिति होगी ? आप कल्पना कर सकते हैं ।

नगर की स्थिति है कि आप बिना थैला के कोई सामान नहीं ला सकते । खुलेआम सामान ला रहे हैं और कौकन्ना हईं हैं तो आपके हाथ से सामान चला जाएगा, आप देखाते रह जाएंगे । कभी कभी तो थैला में से भी जबरन सामान ले लेते हैं । अगर आप निहत्ते हैं तो बन्दर आप पर वार भी कर सकता है ।

इतना ही नही बन्दर घरों में जबरन सामान ले जाते हैं । आप छतों पर सो नही सकते । सोते हुए को चुटैल कर जाते हैं । प्रत्येक गर्मी में बन्दरों के आतंक से छतों से कई लोग गिरकर मर जाते हैं । घायल तो रजाना होते रहते हैं ।

अभी हाल की घटना है कि चीरघाट पर वृन्दावन के प्रसिद्ध श्रीश्यामविहारी शर्मा सपत्नी दर्शनार्थ गये । बन्दर पत्नी के पैर से जबरन चप्पल निकाल कर ले गया, वह गिर पड़ी और चुटैल हो गयीं । इसी प्रकार हमारी माताजी बाहर खर्डी गाय को केख रही थी किं एक बन्दर आया और माताजी को कर्म के नीचे खोंचा मार गया, वह गिरने से बाल बाल बचीं । इसी प्रकार बन्दर स्कूल जानेवाले छोटे बच्चों को भी छेड़ते हैं, खा जाते हैं, गिरा देते हैं ।

बन्दरों का आतंक दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है । हर आम आदमी चाहे वह वृन्दावनवासी हो या दर्शनार्थी हो, सभी दुःखी हैं । इनको यथा शीघ्र पकड़वाने की व्यवस्था की जानी चाहिये । बन्दरों की बढ़ती जनसंख्या एक समस्या बन सकती है । अतः इनको पकड़वाना अत्यन्त जरूरी है । तभी कुछ राहत की सांस मिल सकती है ॥



वृन्दावन की स्थिति बड़ी खराब, है कोई देखने वाला


उत्तराखण्ड में हरिद्वार का दर्शन कर मन प्रफुल्लित हो उठता है । चारों ओर हरियाली तथा वर्षा होने के बाद भी कोई गंदगी नहिं, सर्वत्र स्वच्छ वातावरण । इसी कारण हरिद्वार में हमेशा भीड़ बनी रहती है । सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं । अधिक लूट-खसौट भी नहीं है । हरिद्वार में केवल मां गङ्गा केनाम पर ही दर्शनार्थी आती हैं और आनन्द की अनुभूति करता है ।

उत्तर प्रदेश स्थिति विश्व प्रसिद्ध श्रीधाम को देख लें, जहां भगवान् श्री-कृष्ण ने स्वयं लीलाएं की हैं, अनेकों मन्दिर हैं, यमुनाजी हैं, चौबीस घण्टे भजन, कीर्तन, पूजा-पाठ, अनुष्थान आदि कुछ-न-कुछ होता रहता है । ऐसे पवित्र श्रीधाम वृन्दावन की क्या दुर्दशा है, इसका वर्णन कर्ने से काफी कष्ट होता है । यहां की सभी व्यवस्थायें यहां के निवासी, नेता, व्यापारी प्रायः सभी बड़े उदासीन और लापरवाही के कारण बड़ी दयनीय स्थिति है ।

वृन्दावन में सर्वत्र कोच-खच्चड़ पानि भराव के साथ, बन्दर, कुत्ता, सुअरों के कारण राह चलना दुश्वार है । वृन्दावन वन नाम से है, हरियाली आपको देखने के लिए बड़ी मेहनत करनी पड़ेगी । तब कहीं हरियाली देख सकेंगे । पेयजल का संकट प्रदूषण युक्त जल से वृन्दावनवासी रोग ग्रस्त हैं । फल, सब्जी, सब महंगे हैं । कहने का तात्पर्य यह है कि यहां सब कुछ महंग और प्रदूषण युक्त है । इतनी अव्यवस्थाओं के बावजूद श्रीधाम वृन्दावन का नाम विश्व प्रसिद्ध है । इतनी असुविधाओं के होते, वृन्दावन की महिमा अपरम्पार है । यह सब राधारानी की कृपा का ही चमत्कार है । इन सब अव्यवस्थाओं को दूर करने वाला है कोई भाई का लाल ।


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