Friday, July 23, 2010

2010-07-23 ब्रज का समाचार

गुरुओं को भाया राम-नामी दुपट्टा


मथुरा (DJ 2010.07.22)। गुरु पूर्णिमा पर इस बार गुरुओं को राम-नामी दुपट्टा रिझायेगा। बाजार में इसकी जबरदस्त मांग बढ़ने लगी है। राम-नाम के चोले से होगा चेलों का उद्धार।
वैसे तो सुख, शांति, अमन-चैन और निर्मल काया को चेले अपने-अपने तरीकों से गुरुओं को मनाते हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन अलग-अलग तरीकों से पूजा करते हैं। गुरु को भेंट करने के लिए कपड़े, मेवा, फल मिठाई और फूल माला, चमेली, गुलाब, रजनीगंधा सरीखे जैसे इत्र ले जाते हैं। इस दिन गुरु को खुश करने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहता। लेकिन इस बार बाजार में कुछ और ही हवा है। अबकी बार बाजार गुरुओं को राम-नामी दुपट्टा भेंट करना चाहता है। इसके लिए दुकानदारों ने पहले से ही स्टॉक करना शुरू कर दिया है। क्योंकि दुकानदार सदगुरुओं की आवभगत में कोई कमी नहीं होने देना चाहते।
बताया जाता है पिछली गुरु पूर्णिमा पर चेलों ने गुरुओं को धौती-कुर्ता, बगलबंदी पहनाई। कुछ मॉडर्न शिष्यों ने अपने गुरुओं को शेरवानी तक भेंट की। जो पसंद न होने पर अभी तक रखी हुई हैं। पिछली बार गुरुओं को सबसे ज्यादा कपड़े ही भेंट किए गए।



मुड़िया मेला: 24, 26 को बंद रहेंगे गोवर्धन के स्कूल


मथुरा (DJ 2010.07.22)। गोवर्धन में मुड़िया मेले के दौरान बच्चों के लिए दिक्कतों की आशंका को देखते हुए ब्लाक के परिषदीय स्कूलों को 24 और 26 जुलाई को बंद रखने के निर्देश दिये गये हैं।
इस सम्बंध में गुरुवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला संयोजक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल बीएसए राजू राणा से मिला था। प्रतिनिधि मंडल ने स्कूल आने-जाने में छात्र और शिक्षकों को होने वाली दिक्कतें बतायीं। बीएसए श्री राणा ने शिक्षकों की मांग पर 24 और 26 जुलाई तक गोवर्धन ब्लॉक के सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश किये हैं। 25 जुलाई को रविवार है।



द्वारिकानाथ मंगल से लेंगे झूले में झोटा


मथुरा (DJ 2010.07.22)। नित्य लीला लीन प्रभु के सांसारिक रीति-रिवाज का पालन कर झूला में झूलने का मौसम मंगल से शुरु जाएगा। भगवान द्वारिकानाथ इसी दिन से भक्तों को झोटा देने और गीत सुनाने का मौका देंगे हैं। मंदिर सेवक 25 को सोने-चांदी के झूलों को तैयार करेंगे। मंदिर के युवराज वागीश कुमार महाराज शुक्रवार को मथुरा पहुंच रहे हैं।

श्रावण माह में महा शिव की पूजा-अर्चना करने की परंपरा है। वहीं खुशनुमा मौसम का आनंद भक्त और भगवान दोनों झूले में झूल कर लेते हैं। मंदिरों और घरों में भी प्रभु को झूला झुलाए जाकर पुण्य कमाना लोक में प्रचलित है। विश्व प्रसिद्ध द्वारिकाधीश मंदिर में प्रति वर्ष भगवान को सोने-चांदी के झूले में झुलाया जाता है। इस बार यह झूला उत्सव मंगलवार से भक्तों के मंगल करने आ रहा है। एक सोने तथा एक चांदी के झूले को रविवार को तैयार किया जाना है। व्यवस्थाओं को जांचने-परखने तथा बड़े मदन मोहन जी मंदिर के शरद बाबा के षटोत्सव में भाग लेने के लिये मंदिर के युवराज गोस्वामी वागीश महाराज शुक्रवार की सुबह मथुरा पहुंच रहे हैं। वापसी 24 को होने की उम्मीद है।

द्वारिकाधीश मंदिर के प्रबंध निरीक्षक दीना नाथ शर्मा के मुताबिक 27 जुलाई को हिंडोला दर्शन आरंभ हो जाएंगे। 2 अगस्त एकादशी को फूलों का हिंडोला, 8 को केसरिया घटा, 10 को अमावस के दिन हरी घटा, 11 को सोसनी घटा, 12 को फल-फूलों का हिंडोला, 13 को आसमानी घटा, 15 को गुलाबी घटा, 17 को लाल घटा, 19 को कला घटा, 21 को लहरिया घटा - 9 हिंडोले, 23 अगस्त को पूर्णिमा के दिन सफेद घटा, 26 को हिंडोला विजय का आनंद बरसेगा। श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव 2 सितंबर को तथा नंदोत्सव 3 सितंबर को भक्ति-भाव संग मनाए जाएंगे।



जनपद में वायरल व उल्टी दस्त का प्रकोप बढ़ा


मथुरा (DJ 2010.07.22)। मानसूनी बारिश के बाद अब वायरल समेत कई बीमारियां सेहत के लिये खतरा बन गई हैं। यही वजह कि इस समय अस्पतालों में रोगियों की संख्या बढ़ी है। कभी बारिश तो कभी धूप, जगह-जगह जलभराव और हवा में आ‌र्द्रता बढ़ने की वजह से इस समय तमाम तरह की बीमारिया परेशान कर रही हैं। वायरल के प्रकोप में तेजी आने के साथ-साथ उल्टी-दस्त के रोगी बहुतायत की संख्या में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। दूषित पानी पीने से पीलिया रोग के रोगी भी आ रहे हैं। जिला अस्पताल का मेडिकल और फीमेल वार्ड वायरल और उल्टी-दस्त के रोगियों से भरा पड़ा है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. पीपी पाठक और फिजीशियन डॉ. एके सचदेवा के अनुसार, उनके पास इलाज के लिये आने वाले रोगियों में खासी-जुकाम और बुखार तथा उल्टी-दस्त से पीड़ितों की संख्या अधिक है। इन दोनों चिकित्सकों के अनुसार वायरल का प्रकोप अभी और परेशान कर सकता है। त्वचा एवं चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ.सुरेंद्र सिंह का कहना है कि ह्यूमिनीडिटी आदि की वजह से फोड़ा-फुंसी और दाद-खाज के रोगियों की संख्या अन्य दिनों की तरह बढ़ी है।


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