Sunday, July 18, 2010

2010-07-19 ब्रज का समाचार

मुड़िया पूनों: गिर्राजजी पर चढ़ेगा सफेद जहर


गोवर्धन (DJ 2010.07.18) । गोवर्धन में सोमवार से नौ दिवसीय मुड़िया पूनों मेले की शुरूआत के साथ ही इस धार्मिक जनपद के विभिन्न हिस्सों में सिंथेटिक दूध के रूप में सफेद जहर का कारोबार और गति पकड़ेगा। इन नौ दिनों की अवधि में गोवर्धन आने वाले लाखों श्रद्धालुओं में से अधिकांश यहां के विभिन्न मंदिरों में गिर्राज महाराज की शिलाओं पर दुग्धाभिषेक कर पुण्य कमाने की कामना करेंगे। लेकिन इनमें से अधिकांश इस बात से अनजान रहेंगे कि वे शिलाओं पर शुद्ध दूध नहीं, बल्कि सिंथेटिक व पाउडर का दूध चढ़ा रहे हैं। शुद्ध दूध न चढ़ाये जाने से श्री गिर्राज महाराज प्रसन्न होंगे या नहीं, यह अलग बात है।

फूड इंस्पेक्टर भले ही इस जनपद में सिंथेटिक दूध के कारोबार से इंकार करें पर वस्तु स्थिति इससे अलग बताई जाती है। हकीकत यह है कि जनपद में गायों की प्रजनन क्षमता घटने व इसके नतीजतन दूध का उत्पादन घटने के बाद भी जिस तरह इसकी कमी नजर नहीं आती, इसकी वजह सिंथेटिक दूध ही है। यहां बल्देव व छाता क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ गोवर्धन और इसके समीपवर्ती तमाम गांवों में अनाप-शनाप कमाई के लिये सफेद जहर का यह कारोबार फल फूल रहा है।

यदि फूड इंस्पेक्टरों की बातों को सच मान लिया जाये तो सवाल यह कि गोवर्धन कस्बा स्थित मुखारविंद मंदिर, दानघाटी, गया प्रसाद जी की समाधि के समीप चबूतरे पर स्थित श्री गिर्राज जी की शिला और जतीपुरा मुखारविंद पर श्रद्धालुओं को चढ़ाने के लिये रोजाना कई कुंतल दूध कहां से आता है? मूड़िया पूनों मेला अवधि के दौरान इन मंदिरों पर कितना दूध चढ़ाया जाता होगा, अकल्पनीय है।

गोवर्धन के मंदिरों पर चढ़ाने के लिये श्रद्धालुओं को कुल्हड़ों में जो दूध दिया जाता है, उसमें दूध कम पानी अधिक होता है। जबकि पैसे पूरे लिये जाते हैं। कहा तो यहां तक जाता है कि कम खर्च में अधिकाधिक मुनाफा कमाने के लिये गोवर्धन व वृंदावन के समीपवर्ती कुछ गांवों में लोग डिब्बा बंद दूध खरीदकर इस कारोबार में लिप्त हैं। इस बारे में पूछे जाने पर कार्यवाहक मुख्य खाद्य निरीक्षक अक्षय प्रधान ने जनपद में इस तरह का कारोबार होने से इंकार किया है।



शासन ने मांगा गोवर्धन बाईपास का एस्टीमेट


मथुरा (DJ 2010.07.18) । सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो गोवर्धन में लगने वाले जाम से श्रद्धालुओं को जल्द ही छुटकारा मिल जाएगा। गोवर्धन बाईपास निर्माण के लिए शासन से पीडब्ल्यूडी को एस्टीमेट तैयार कर भेजने के निर्देश दिए हैं। इसे चालू जुलाई माह के अंत तक भेजे जाने की संभावना जताई गई है। बाईपास का सर्वे कार्य पहले ही हो चुका है।

गोवर्धन में जाम की समस्या को खत्म करने के लिए बाईपास का निर्माण प्रस्तावित है। पालई गांव से शुरू होने वाला बाईपास राधाकुंड के पीछे होकर डीग रोड में मिल जाएगा। करीब साढ़े बाहर किलोमीटर लंबे बाईपास का निर्माण राज्य सड़क योजना के तहत कराया जाएगा। शासन ने लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड को इसका एस्टीमेट बनाकर भेजने के निर्देश दिए हैं। अधीक्षण अभियंता संतराम ने बताया कि बाईपास का सर्वे का पहले ही पूरा कर लिया गया था। अब इसका एस्टीमेट बनाया जाना है। उन्होंने बताया कि चालू माह जुलाई के अंत तक एस्टीमेट शासन को भेज दिया जाएगा।



किसानों को बारिश का इंतजार


मथुरा (DJ 2010.07.18) । मानसून का यही रवैया रहा तो फिर किसानों को नुकसान झेलना पड़ सकता है। जिले के किसान मूसलाधार बारिश का इंतजार कर रहे हैं। हफ्ता-दस दिन में बारिश नहीं हुई तो जिले के कुछ हिस्सों में फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है।

उमस भरी गर्मी जनमानस को सता रही है। कृषि शोध केंद्र राया पर रविवार को तापमान पैंतीस डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। न्यूनतम तापमान सत्ताइस डिग्री सेल्सियस बना हुआ है। आ‌र्द्रता 72 प्रतिशत दर्ज की गई। पिछले दो दिनों में राया, छटीकरा, छाता क्षेत्र में बारिश हो गई, लेकिन अन्य हिस्से अभी भी सूखे हैं। माना यह जा रहा है कि फरह, मगोर्रा, गोवर्धन, ओल, बलदेव आदि क्षेत्रों में हफ्ता-दस दिन बारिश नहीं हुई तो फसलों का मुरझाना शुरू हो जाएगा।

किसान धान की रोपाई में लगे हुए हैं। छाता तहसील में करीब सत्तर फीसदी हिस्से में धान की रोपाई का काम पूरा हो गया बताया गया है। ज्वार, बाजरा, उड़द, मूंग और तिल की बुवाई चल रही है। मौसम के जानकार डॉ. श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि जनपद के कुछ हिस्सों में पिछले दो दिनों में बारिश हो गई है। अभी भी बादल छाए हुए हैं और बारिश की संभावना बनी हुई है। उन्होंने बताया कि जुलाई के पहले पखवाड़े में पिछले साल के मुकाबले इस साल कम ही बारिश हुई है।



निहत्थों पर लाठी बरसाना क्रूरता: जैन


मथुरा (DJ 2010.07.18) । बिजली की मांग के बदले किसानों पर बरसी लाठियों की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई। रविवार को केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप आदित्य जैन ने ग्रामीणों से मुलाकात कर उनके घावों पर मरहम लगाने का प्रयास किया।

विद्युत मामले में कोसी में किसानों एवं उपभोक्ताओं पर प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज के मामले को लेकर कांग्रेसी नेता उमेश पंडित भी मौके पर पहुंचे थे। किसानों पर लाठियों के मामले को उन्होंने दिल्ली में कांग्रेसी वरिष्ठ नेताओं के समक्ष रखा। इस पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप आदित्य जैन ने कोसी पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात की। उन्होंने किसानों से हालचाल पूछा। बाद में पत्रकार वार्ता के दौरान श्री जैन ने कहा कि बसपा सरकार ने किसानों को हमेशा ही दर्द दिया है। प्रशासन ने राज्य सरकार के इशारे पर किसानों को उनकी जायज मांग के लिए लाठियां बरसाईं गईं।

उन्होंने कहा कि देहात में विकास कार्यो के लिए केंद्र पैसा दे सकता है। लेकिन क्रियान्वयन तो राज्य सरकार को ही करना है। इसमें घपला व लेटलतीफी हो रही है। वहीं 52 हजार ग्राम पंचायतों पर मात्र सात हजार सेक्रेटरी हैं। अगर सरकार कर्मचारी ही उपलब्ध नहीं कराएगी तो फिर विकास की कैसे उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने देहात के विकास कार्याें में धांधली को लेकर केन्द्र स्तर से क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यो की जांच के लिए वे पैनल बनाकर भेजेंगे। इस दौरान उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेसी नेता उमेश पंडित, दिनेश दीक्षित, राजेंद्र रैजा प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य, रमन लाल, महेश पाराशर, अमर सिंह, धर्मवीर, नेमचंद शर्मा, शीशपाल रावत, पुरुषोत्तम आरपीएल, योगेश शर्मा, श्यामवती डागर, तृप्ती उपाध्याय, रेखा अग्रवाल, पूनम अग्रवाल, पुष्पा शर्मा, एनएम अग्रवाल एडवोकेट आदि सहित तमाम लोग उपस्थित थे।


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