Sunday, July 11, 2010

2010-07-12 ब्रज का समाचार

शहर फिर बना ताल-तलैया


पुलों के नीचे जलभराव से आवागमन ठप, निचले इलाकों के लोग भयभीत
३० मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई
आज भी बरसात होने की संभावना
जलभराव से फैल सकती हैं बीमारी


मथुरा (AU 2010.07.12)। रविवार को बरसात के बाद एक बार फिर शहर ताल-तलैया में तब्दील हो गया। परंपरागत स्थानों के अलावा कई कालोनियों में जलभराव ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दीं। कई स्थानों पर घरों में भी बरसात का पानी हिलोरे मारने लगा।

बीते मंगलवार को बरसात के बाद हुए जलभराव के नुकसान से जूझ रहे लोग रविवार को हुई बरसात से सिहर उठे। अपराह्न बाद तेज हवा के साथ आई बरसात ने गर्मी से राहत तो दी, लेकिन लोगों को जलभराव की चिंता भी सताने लगी।

शहर के तीनों रेलवे पुलों के नीचे पानी भरने से लोगों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। खासकर नए बस अड्डे के पुल के नीचे चार-चार फीट पानी भर गया। लोग रेलवे लाइन पर चढ़कर पार हुए। दुपहिया वाहनों में पानी घुस गया। कार व अन्य वाहनों को लोग भरतपुर गेट होकर निकालने को मजबूर हुए। कई रिक्शे डूब गए।

बीएसए कालेज के सामने, सोंख अड्डा, चंद्रपुरी, हनुमान नगर, नटवर नगर, राधिका विहार, बल्देवपुरी, द्वारिकापुरी, अंबेडकर नगर, बीएस कालेज के पीछे की एक दर्जन कालोनियां, नवनीत नगर, कंकाली, मधुवन एंकलेव, गोपाल नगर, कृष्णा नगर, रेलवे कालोनी, बैंक कालोनी, राधेश्याम कालोनी, राधा नगर, ब्रजनगर आदि क्षेत्रों में जलभराव से लोग दहशत में आ गए।

रविवार को देहात में भी वर्षा हुई है।

राया कृषि शोध केंद्र पर रविवार को ३० मिमी बरसात रिकार्ड की गई। केंद्र के वैज्ञानिक डा. श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि अधिकतम तापमान ३५ डिग्री व न्यूनतम २६ डिग्री सेल्सियस रहा। आर्द्रता का प्रतिशत ९२ फीसदी मापा गया है। सोमवार को भी बरसात की संभावना जताई गई है।

उधर, जलभराव से बीमारियां फैलने की आशंका है। लोगों का मानना है कि उन स्थानों के लोग बीमार हो सकते हैं। सबसे ज्यादा आशंका उन सैनिकों को हो रही है, जो सिविल एरिया में जलभराव वाले स्थलों के आसपास रहते हैं।



एक घंटे तक हुई बारिश से जलभराव


कई कालोनी में स्थित घरों में घुसा पानी
मंदिर जाने के लिए श्रद्धालु हुए परेशान


वृंदावन (AU 2010.07.12)। बारिश के बाद कई दिन से पड़ रही उमस भरी गर्मी से लोगों को रविवार की शाम हुई बरसात से भले ही कुछ राहत मिल गई हो, लेकिन बरसात लोगों के लिए मुसीबत भी बनकर आई। बरसात के बाद नगर के कई इलाकों में पानी भर गया। इससे अमावस्या के कारण दर्शनों के लिए मंदिर जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

बरसात के बाद नगर के विद्यापीठ चौराहा, हरिनिकुंज, रंगजी मंदिर चौराहा, संत कालोनी, परिक्रमा मार्ग क्षेत्रों ने नालों का रूप ले लिया। घुटने तक पहुंचे बरसात के गंदे पानी से लोगों का आवागमन अवरुद्ध हो गया।

हरिनिकुंज चौराहे और विद्यापीठ चौराहा पर रिक्शा पलटने से सवारियां चुटैल भी हो गईं। ज्यादा पानी के होने से कारण सड़क के गड्ढे दिखलाई नहीं पड़ रहे थे। उधर, मथुरा दरवाजा और गौरा नगर कालोनी में एक बार फिर से घरों और मकानों में पानी घुस गया। लगातार एक घंटे हुई बरसात से लोग घर से निकलना भी मुनासिब नहीं समझ रहे थे।

फोटो-पी-१ :: रविवार को दोपहर बाद आई बरसात से जलमग्न हुआ वृंदावन का सीएफसी चौराहा।



यमुना में पानी बढ़ा, पौंटून पुल के पीपे बहे


वृंदावन-मांट मार्ग से आवागमन रुका
पुल के पीपों को ले जा रहे सुरक्षित स्थान पर
पैदल और दुपहिया वाहन चालकों को परेशानी


वृंदावन (AU 2010.07.12)। यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जलस्तर बढ़ने से किनारे रहने वाले लोग परेशान हैं। लगातार पानी के बढ़ते दबाव से वृंदावन मांट के मध्य बना पौंटून पुल के कई पीपे रविवार शाम बह गए। इस कारण वृंदावन-मांट मार्ग पर आवागमन रुक गया है।

आवागमन रुकने से प्रतिदिन आने जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पीपों के पुल के कर्मचारियों ने बाकी बचे पीपों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम प्रारंभ कर दिया है। पैदल और दुपहिया वाहन चालकों के पास यमुना पार करने का सहारा केवल नाव ही है। जबकि बड़े-छोटे वाहन वृंदावन पानी गांव के मध्य बने पक्के पुल से आ जा रहे हैं। इससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

स्थानीय पानीघाट के समीप कालोनी में रहने वाले महेश मल्लाह, बृजेंद्र सिंह कुशवाह ने बताया कि अगर यमुना का जलस्तर और बढ़ता है तो किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ सकता है।

यमुना में बढ़े जलस्तर के कारण पौंटून पुल के बह जाने के बाद नाव द्वारा यमुना पार करते लोग।



यमुना की जलकुंभी से दर्जनभर पशु मरे


तेज गति से बढ़ रहा कालिंदी में जलस्तर
मरे हुए पशुओं में गायों की संख्या ज्यादा
नागा बाबा की चार गाय मौत के मुंह में समाईं


मांट (AU 2010.07.12)। यमुना का शनिवार को अचानक जलस्तर बढ़ने और बड़ी मात्रा में जलकुंभी आने से एक दर्जन पशुओं के मरने की खबर है। इसमें से ज्यादातर गाय हैं। वे यमुना की जलकुंभियों में फंस गईं। इस बीच पानी बढ़ने से वे फंसते हुए बह निकलीं। मरे पशुओं में कुछ भैंस भी हैं।

मांट और आसपास गांव के ग्रामीण अपने पशुओं को चराने के लिए युमना के पास टीलों पर ले गए। बताया गया कि शनिवार शाम यमुना में पानी तेज गति से आया। पानी के साथ जलकुंभी भी काफी मात्रा में बहकर आ गई। पशु यमुना के पानी से होकर लौट रहे थे तभी वे जलकुंभी में फंस गए। इन पशुओं में गायें ज्यादा बताई गई हैं।

मांट मूला निवासी घनश्याम मल्लाह की भैंस, मांट राजा निवासी धर्मवीर की गाय और नागा बाबा मांट की चार गाय जलकुंभियों में बुरी तरह फंस गई। वे सभी पानी में डूबती चली गईं। वे फड़फड़ाते हुए निकलने के प्रयास करती रहीं लेकिन जलकुंभियों में से निकल नहीं पाईं।

ग्रामीणों का कहना है कि पानी के तेज बहाव के चलते अन्य लोगों के आधा दर्जन से अधिक पशु भी यमुना में बहे हैं। पानी के तेज बहाव और उसमें तैरती जलकुंभी को लेकर ग्रामीण बेहद परेशान हैं।



वर्षा के पानी में डूबने से दो चचेरे भाइयों की मौत


शौच करते पैर फिसलने से दलदल में फंसे
एक को बचाने प्रयास में दूसरा भी डूब गया


कोसीकलां (AU 2010.07.12) । गांव बठैनकलां में गहरे गड्ढे में भरे बरसाती पानी में डूबकर दो चचेरे भाइयों की मौत हो गई। आधा घंटा की मशक्कत के बाद दलदल में फंसे शवों को निकाला जा सका। घटना के बाद गांव में कोहराम मच गया।

रविवार अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे भोहना थोक निवासी गंगाराम का दस वर्षीय पुत्र उमेश अपने चचेरे भाई कपिल पुत्र गोपाल और अन्य दोस्तों के साथ खेलने निकल गया। खेल-खेल में बच्चे निर्माणाधीन बठेन-बरहाना मार्ग पर पहुंच गए। वहां पिछले दिनों जेसीबी से मिट्टी खोदकर डाली गई थी। इससे सड़क के दोनों किनारे गहरे गड्ढे बने थे। इन्हीं में बरसाती पानी भरा था।

बताते हैं कि सभी बच्चे गड्ढे में भरे पानी में नहाने लगे। इस दौरान उमेश का पैर फिसल गया और पानी में डूबता चला गया। उमेश को डूबता देख कपिल भी उसे बचाने के लिए गड्ढे में कूद गया। दोनो भाई पोखर में डूबते चले गए।

दोनों को डूबते देख उनके साथियों ने बचाव के लिए शोर मचाना शुरू कर दिया। बच्चों की आवाज पर आसपास के खेतों में कार्य कर रहे ग्रामीण चीखपुकार सुनकर वहां आ गए। दोनो को किसी तरह गड्ढे से निकाला।

थोड़ी ही देर मे वहां काफी भीड़ हो गई। दोनों को उपचार के लिए कोसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतकों के परिजनों ने बगैर किसी कार्रवाई के उनका अंतिम संस्कार कर दिया।



आवास, भूखंड के ड्रा का इंतजार खत्म


रुक्मणि विहार परियोजना के लिए ड्रा २७ से
लगातार चार दिन तक चलेगी आवंटन प्रक्रिया
पहले दो दिन आवासीय भूखंडों के ड्रा खुलेंगे
दुर्बल और अल्प आय के आवंटन दो तरह से


मथुरा (AU 2010.07.12)। विकास प्राधिकरण (विप्रा) की रुक्मणि विहार परियोजना में आवास और प्लाट पाने का इंतजार करने वालों की आस जल्द पूरी होगी। विप्रा ने शनिवार को आवासीय भूखंड और भवनों के ड्रा की तिथियां घोषित कर दी हैं। इनके ड्रा २७ से ३० जुलाई तक निकाले जाएंगे।

विप्रा की रुक्मणि विहार परियोजना में भूखंड और आवासों के ड्रा की तिथियां शनिवार को घोषित कर दी गई हैं। इनके आवंटन २७ जुलाई से शुरू होकर लगातार चार दिन तक चलेंगे। इसमें २७ जुलाई को आवासीय भूखंड आर-१ (५०० वर्गमीटर), आर-२ (३०० वर्गमीटर) तथा आर-३ (२०० वर्गमीटर) के ड्रा निकाले जाएंगे। जबकि २८ को आर-४ (१५० वर्ग मीटर), आर-५ (९८ वर्गमीटर) और आर-६ (५० वर्गमीटर) के लिए सुबह ११ बजे से ड्रा निकलेंगे।

यही नहीं, २९ को दुर्बल आय वर्ग के लिए भवनों का दो तरह से आवंटन होगा। इसमें किराया पद्धति में ड्रा खुलने पर आवंटी को दस साल में किश्तों द्वारा पैसा जमा करना होगा। दूसरी स्कीम अल्प आय वर्ग भवन में सेल्फ फाइनेंस की है।

‘पहले आओ पहले पाओ’ पद्घति से इसमें पहले आवेदन करने वालों को सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत् एक साल में सारा पैसा जमा करना होगा। यदि इस स्कीम से सभी प्लाट आवंटित नहीं हो पाते हैं और चंद मकानों पर ज्यादा लोगों की दावेदारी रहती है तो ड्रा निकालकर मकानों का आवंटन किया जाएगा। विप्रा सचिव मानवेंद्र सिंह ने बताया कि ड्रा के लिए तिथियां विज्ञापित करा दी गई हैं।


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