जन्म भूमि पर नटखट से दूरी के गीत
मथुरा (DJ 2010.07.26)। श्री कृष्ण जन्म स्थान परिसर सुमधुर स्वरों में प्रस्तुत भजन-संकीर्तन की धुनों से मंत्र मुग्ध हो गया। रसिक कलाकारों ने कृष्ण-रुक्मिणी चरित्र और शिव-पार्वती लीला का प्रदर्शन कर दर्शकों का आनंद वर्द्धन किया। बाबा भोले नाथ के तांडव भक्तों को चमत्कृत कर गया।
श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान एवं श्री कृष्ण संकीर्तन मंडल के तत्वावधान में इस भजन संध्या का आयोजन शास्त्रीय परंपराओं के अनुरूप बने छप्पन प्रकार के व्यंजन यहां मौजूद गिरिराज प्रभु को अर्पित करने के साथ किया गया।
कलाकारों गणेश प्रसाद बजाज, अनिल भाई, विजय बंसल, मन मोहन सर्राफ, वीरेंद्र मित्तल, भीकचंद, घनश्याम रसिक, अंशुल, कृष्णा, सुरेश चंद छैला एवं कृष्ण गोपाल शर्मा ने भजनों के द्वारा समां बाधा। बाल कलाकार ने पशु-पक्षियों की आवाज अपने मुंह से निकाल कर श्रोताओं को लोट-पोट किया।
गणेश वंदना से आरंभ समारोह देर रात्रि तक चला। श्री कृष्ण चबूतरे पर हुये इस बड़े कार्यक्रम में संस्थान सचिव कपिल शर्मा ने भक्तों का आभार व्यक्त किया तथा कलाकारों की प्रसंशा कर उनकी हौसला आफजाई की।
प्रादुर्भाव दिवस पर पूजे महर्षि वेद व्यास
मथुरा (DJ 2010.07.26)। वेद, पुराण, उपनिषदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास महाराज के प्रादुर्भाव दिवस पर भक्तों ने उनका विधि-विधान संग पूजन-अर्चन और वंदन किया। विद्वत समाज ने महर्षि की प्राचीन तपस्थली को गंदगी से मुक्त करने की आवाज भी उठाई। पूर्णिमा तिथि में सूर्योदय होने के चलते हजारों शिष्यों ने सोमवार में भी गुरुओं के पूजन का पुण्य प्राप्त किया।
मान्यता है कि महर्षि पाराशर के पुत्र वेद व्यास ने मथुरा में यमुना किनारे साधना एवं शास्त्र रचना की। यह स्थान कालांतर में कृष्ण गंगा के नाम से प्रसिद्ध हुआ। यहां महर्षि वेद व्यास का प्राचीन मंदिर भी मौजूद है।
श्रीमद् भागवत कथा आयोजन समिति ने महर्षि तपस्थल पर पहुंचकर उनका प्रादुर्भाव दिवस श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया। उत्सव का आरंभ संत राजा बाबा, समिति संस्थापक अमित शर्मा भारद्वाज द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के बाद हुआ। सेवकों ने महर्षि के चरणों का अभिषेक, पूजन, श्रंगार, वस्त्र अलंकरण व पुष्प सेवा कर आरती उतारी।
वक्ताओं ने गंदगी पर रोष व्यक्त भी किया। शिक्षाविद् डा. चंद्र किशोर पाठक की अध्यक्षता में आहूत धार्मिक उत्सव में प्रदीप गोस्वामी, डा. देवेंद्र शर्मा, श्याम सुंदर आचार्य, मदन व्यास, शैलेंद्र हकीम, कृष्णानंद शास्त्री, आचार्य प्रणव, दिनेश पुजारी, दीपक शास्त्री, भगवानसाचार्य ने आदि गुरु की वंदना की। संचालन आकाशवाणी के पूर्व उद्घोषक राधा बिहारी गोस्वामी ने किया।
प्राचीन परंपरा और शास्त्री विधि-विधान के मुताबिक पुर्णिमा तिथि के सूर्य सोमवार को उदय होने को आधार मानते हुये शिष्यों ने सोमवार को भी अपूर्व श्रद्धा के साथ गुरु पूजन किया। शिष्यों की भारी संख्या के होते हुये सुविधा के लिये रमनरेती महावन में गुरुशरणानंद महाराज का तथा द्वापरकालीन गौ गणना द्वारे गणेश चट्टी स्थित ठा. राज गोपाल जी प्रभु एवं मां महा लक्ष्मी मंदिर प्रागंण में परमहंस बंशी वाले महाराज का हजारों शिष्यों ने पूजन-अर्चन किया।
शिविर में घुस जयगुरुदेव भक्त को गोली मारी
मथुरा (DJ 2010.07.26)। जयगुरुदेव मेला में शामिल होने आए जगनेर आगरा के व्यवसायी को अज्ञात युवक ने शिविर में घुसकर कर गोली मार दी। गोली व्यवसायी के सीने को खरोंचती हुई निकल गई।
भोला शर्मा पुत्र राम खिलाड़ी निवासी बाग बसेड़ी रोड जगनेर, आगरा जयगुरुदेव मेला में सत्संग में शामिल होने परिवार के साथ आया हुआ था। भोला सलेमपुर रोड स्थित आगरा शिविर में रुका हुआ था। सुबह करीब सवा दस बजे वह अपने शिविर में परिवार के साथ बैठा था तभी अज्ञात युवक शिविर में आया। उस व्यक्ति ने बच्ची से पूछा पापा कहां हैं। बच्ची द्वारा कैंप के अंदर होने की बात कही।
इसके बाद युवक तेजी से कैंप के अंदर घुस गया और भोला शर्मा के ऊपर फायर ठोंक दिया और भाग गया। उसने पलट कर यह भी नहीं देखा कि गोली भोला के लगी है या नहीं। गोली लगते ही आसपास के शिविरों से लोग आये पर वह भाग चुका था।
गोली लगने की सूचना पर बाबा के भक्तों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में घायल को आश्रम के पदाधिकारी रामप्रताप व संतराम चौधरी जिला अस्पताल लेकर आए। सूचना पर थाना हाइवे पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। आश्रम पदाधिकारी संतराम का कहना है कि घायल का दो दिन पूर्व किसी से विवाद हुआ था। भोला उसे नहीं जानता।
इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बी.डी. पाल्सन का कहना है कि मामला आपसी विवाद का प्रतीत हो रहा है। थाना हाइवे मामले की जांच में जुट गई है।
कलियुग में भक्ति व सेवा सर्वश्रेष्ठ साधन -- जयगुरुदेव
मथुरा। प्रख्यात संत बाबा जयगुरुदेव ने कहा है कि कलियुग में जीव के लिये सबसे मुफीद रास्ता सेवा तथा भक्ति का है। जीव यदि न्योछावर हो जाना सीख जाय तो उसके सभी काम बन जाते हैं। जीवन आनंदमय हो जाता है। इस युग में लोग बुराइयों में लिप्त हैं और बिना गुरु कृपा के पार जा ही नहीं सकते।
गुरु पर्व पर मथुरा आये शिष्यों एवं उनके परिजनों को प्रवचन देते बाबा ने बताया कि सदगुरु मिल जाने के बाद कुछ मिलना शेष नहीं रह जाता। इस मिलन के बाद जीव के जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति का समय आने लगता है। माना जा सकता है कि अब भक्त को जन्मना-मरना नहीं पड़ेगा। यदि शिष्य गुरु भक्ति कर ले तो सदगुरु की कृपा उसे क्षण भर में पार कर देगी।
बाबा का कहना है कि जीवन-मरण के निश्चित समय की तरह संत मिलन का मुहूर्त तय होता है। संत मिलन एक महानतम घटना है। इस मिलन की तिथि, समय पूर्व जन्म में तय हो जाता है। जिन पुण्य आत्माओं को सौभाग्य जागता है उन्हीं को संतों की शरण मिलती है। मगर बिनु हरि कृपा मिलै नहिं संता इस बात को भी हमें ध्यान रखना चाहिये। भगवान को कभी विस्मृत नहीं करना चाहिये। बाबा महाराज ने यहां आने वाले हजारों शिष्यों तथा उनके परिवारीजनों को ढ़ेर सारा आशीष दिया। सच्चे मार्ग पर शाकाहारी जीवन जीने, भगवत नाम स्मरण करने की सीख दी। इनके दर्जनों वे युवक-युवती भी शामिल हैं जो यहां आयोजित किये गये दहेज रहित विवाह समारोह में परिणय सूत्र बंधन में बंधे हैं।
रेलवे: पांच दिन में कमाये सवा करोड़
मथुरा (DJ 2010.07.26)। रेलवे के लिये मुडिया, गुरु पूर्णिमा और बाबा जय गुरुदेव मेला में भाग लेने आने वालों से रिकार्ड आय हुई है। अभी तक पांच दिन में करीब सवा करोड़ रुपये की आय हो चुकी है।
उत्तर मध्य रेलवे प्रतिवर्ष ब्रज मंडल में लगने वाले इस परम्परागत मेला कार्यक्रम में भाग लेने आने वालों की सुविधा के लिये मेला स्पेशल ट्रेन संचालित करता है। इस समय भी रेलवे ने मथुरा से आगरा, ग्वालियर, झांसी व बांदीकुई के लिये छह मेला स्पेशल ट्रेन 21 से 27 जुलाई तक चलायी हैं। इसके अलावा यात्रियों को आसानी से टिकट उपलब्ध कराने के लिये मथुरा जंक्शन पर सात, बाबा जय गुरुदेव मेला स्थल पर तीन व गोवर्धन में दो अतिरिक्त टिकट काउंटर की व्यवस्था की है तो रविवार से चार ट्रेनों में अतिरिक्त कोच बढाने के साथ ही तीन मेला स्पेशल और चला दी है। बताते हैं 22 जुलाई को 36 हजार यात्रियों से 13 लाख रुपये, 23 जुलाई को 34 यात्रियों से17 लाख रुपये, 24 जुलाई को 42 हजार यात्रियों से 22 लाख रुपये, 25 जुलाई को 56 हजार यात्रियो से 36 लाख रुपये व 26 जुलाई को 55 हजार यात्रियों से करीब देर शाम तक 40 लाख रुपये की आय प्राप्त की है। अब तक करीब सवा करोड़ रुपये की आय हो चुकी है। मुख्य टिकट पर्यवेक्षक मान सिंह मीना ने यह जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे द्वारा दी गयी यात्रियों को हर संभव सुविधा के चलते अभी तक यह आय हुई है आगामी दो दिन में करीब पचास लाख रुपये की आय होने की संभावना है।
मेला स्पेशल बस: बंटे एक करोड़ के कट टिकट
मथुरा (DJ 2010.07.26)। मुड़िया पूर्णिमा मेला यूपी रोडवेज के लिये बड़े मुनाफे वाला साबित हुआ है। मथुरा-गोवर्धन के बीच संचालित करीब एक हजार मेला स्पेशल बसों में लगभग एक करोड़ रुपये के टिकट बिके। इनमें ई-मशीन, कट और ब्लैंक टिकट शामिल हैं।
निगम अफसरों के मुताबिक रोडवेज ने इस मर्तबा एक हजार बसें मेला स्पेशल के तौर पर संचालित कीं। जिनमें बाहर से आने वाली अधिकांश बसों में ई-टिकट मशीन से टिकट बनाये गये। मथुरा डिपो के टिकट सैक्शन से बीस रुपये के तीन लाख तथा पच्चीस रुपये की बिक्री वाले ढ़ाई लाख मूल्य के कट टिकट जारी किये गये। इनके अलावा अनेक परिचालकों ने ब्लैंक टिकट भी बेचे। स्थानीय टिकट सैक्शन से जारी टिकटों का वास्तविक विक्रय मूल्य एक करोड़ बाईस लाख पचास हजार है।
टिकट सैक्शन के प्रभारी चरन दास ने बताया, कि यहां से जारी टिकटों में कितने बेचे गये तथा कितने शेष बचे इसका हिसाब अभी नहीं लगा है। श्री दास के मुताबिक सोमवार सायं तक दिये गये टिकटों में से वापसी का हिसाब टिकट काउंटर से अभी नहीं मिला है। नये बस स्टेंड पर मेला संचालन कर रहे स्टेशन इंचार्ज संतोष कुमार अग्रवाल ने बताया, कि कितनी बसें चली इसका सही-सही विवरण अभी उपलब्ध नहीं है। परंतु अनुमान है कि लगभग एक हजार बसें संचालित हुईं।
श्री अग्रवाल ने बताया, कि चेक पोस्ट हटा ली गई हैं, स्टाफ तथा अन्य रीजनों की अधिकांश बसें वापस लौट गई हैं। इस समय करीब दो बसें ही मथुरा में संचालित हैं। श्री अग्रवाल ने कहा, कि बिना टिकिट यात्री पकड़े जाने की जानकारी सोमवार तक नहीं मिली है।
ब्राड बैंड का आए दिन बज रहा बैंड
मथुरा (DJ 2010.07.26)। भारत संचार निगम एक ओर जहां ब्राड बैंड के पांच हजार के आसपास उपभोक्ताओं को सेवा दे रहा है, वहीं उसकी यह सेवा आए दिन बाधित हो रही है। अभी तक पुराने सर्वर से नए सर्वर पर सभी कनेक्शन शिफ्ट नहीं हो सके हैं।
पिछले पंद्रह दिन में अब तक तीन-चार बार ब्राड बैंड की सेवा ठप हो चुकी है। उपभोक्ताओं को 691 एरर के साथ यूजर नेम व पासवर्ड चेंज होने की सूचना नेट कनेक्ट करते ही मिल रही थी। इस वजह से रविवार के अवकाश में ब्राड बैंड धारक नेट सर्फिग आदि नहीं कर सके।
बताया गया है, कि निगम ने नया सर्वर लगाया हुआ है, पर इस पर अभी तक सभी कनेक्शन शिफ्ट नहीं हुए हैं। अधिकारियों को दो-दो सर्वर हैंडल करने में परेशानी हो रही है। पुराने सर्वर में यूजर नेम व पासवर्ड आदि चेंज करने के की-वर्ड स्थानीय अधिकारियों के हाथ में है, जबकि नए सर्वर का पूरी तरह संचालन बैंगलोर से हो रहा है। अधिकारी आए दिन आने वाली समस्याओं से निजात पाने के लिए नए सर्वर पर ही सभी कनेक्शन संचालित करने का मन बनाए हुए हैं, पर सभी नंबर शिफ्ट न होने से उन्हें दो-दो सर्वर हैंडल करने पड़ रहे हैं।
हर-हर बम-बम से गूंजे शिवालय
मथुरा (DJ 2010.07.26)। भक्तों ने सोमवार को श्रावण मास का प्रथम त्यौहार मानकर हर-हर बम-बम का घोष करते हुये औघड़दानी बाबा भोले नाथ की अपूर्व श्रद्धा एवं भक्ति के साथ पूजा-अर्चना की। प्रभु के रंगेश्वर, भूतेश्वर, गोकर्णनाथ, गर्तेश्वर, नील कंठेश्वर तथा चिंता हरण मंदिरों पर लम्बी कतारें लगीं।
सोमवार को सूर्य देव का उदय पूर्णिमा तिथि में हुआ। पुरातन मान्यताओं के अनुसार जिस तिथि में सूर्य उदय होते हैं, वहीं दूसरे दिन के सूर्योदय तक भोग करती है। परंतु ब्रजवासी भक्त शायद रविवार को मनाये गये गुरु पर्व तथा वर्तमान को अधिक महत्व देते हुये सोमवार को ही प्रभु की शरण में पहुंच गये।
भक्त समुदाय ने सुबह से ही शिवालयों में जाना शुरु कर दिया। मंदिर सेवकों ने भी इसी सोमवार को श्रावण का प्रथम दिन मानते हुये तैयारियां कीं। सेवक महिला-पुरुष एवं बालक-बालिकाएं थोड़े में ही प्रसन्न हो जाने वाले महा शिव के लिये वेल पत्र, धतूरा, सुगंधित पुष्प, हार, भांग, बेल, मिष्ठान इत्यादि लेकर दौड़ लिये। रंगेश्वर में भक्त समाज ने देर सायं बर्फ का बंगला सजाकर मोहक छवि के दर्शन कराए। अन्य मंदिरों पर पुष्पों के बंगला सजाए गये।
शिव भक्त स्त्री-पुरुषों ने सोमवार को व्रत रखकर भगवान से मुराद पुरी करने की भी याचना की। भक्तों द्वारा सुबह से लेकर अपरान्ह तक चढ़ाए गये जल, गंगा जल और दुग्ध से शिवालय की नालियां भर गई। प्राचीन तथा सिद्ध स्थान महावन में यमुना किनारे स्थित चिंताहरण मंदिर पर भक्तों का बढ़ा मेला लगा।
चतुर्वेद समाज सेवकों ने किया गोदावरी का सम्मान
PIC1मथुरा (DJ 2010.07.26)। स्वामी प्रकाशानंद की पुत्र वधु, विश्वनाथ महाराज की पत्नी भक्ति मूर्ति श्रीमती गोदावरी का तपस्वनी, आदर्श एवं विदुषी महिला के तौर पर सम्मान किया गया। चतुर्वेद मानव सेवा समाज द्वारा एक भवन में आयोजित समारोह में संगीताचार्य कन्हैया लाल चतुर्वेदी ने पद गायन तथा सारंगी वादक हरी बाबू कौशिक ने सम्मान में पद पढ़ वातावरण को संगीतमय बनाया।
No comments:
Post a Comment