Wednesday, July 14, 2010

2010-07-15 ब्रज का समाचार

मुडि़या पूर्णिमा: फिर होगा एक ही रास्ते पर जाम


मथुरा (DJ 2010.07.14)। उत्तर भारत के प्रख्यात राजकीय मुड़िया पूर्णिमा मेले में देश विदेश से तमाम श्रद्धालु गिरिराज धाम नगरी में आएंगे लेकिन कैसे? मथुरा रोड को छोड़ कर बाकी सभी रास्ते बेकार हैं। यों तो गोवर्धन जाने के लिए हाइवे से पांच रास्ते हैं लेकिन इनमें चार पर रात की बात छोड़िए कोई दिन में भी नहीं जाना चाहता।

गोवर्धन गिरिराज धाम में 25 जुलाई को मुड़िया पूर्णिमा मेले का आयोजित होगा। मौजूदा समय में गोवर्धन आने जाने के लिए मथुरा-गोवर्धन रोड के अलावा कोई ऐसा रोड नहीं है जिससे श्रद्धालुओं का सुरक्षित और आसानी से आवागमन हो सके।

21 किलोमीटर दूरी के मथुरा रोड की करीब-करीब स्थिति संतोष जनक है, लेकिन अन्य रास्तों में गोवर्धन-सौंख भरतपुर रोड गोवर्धन से सौंख तक तो ठीक है, लेकिन इससे महज पांच सौ मीटर दूरी पर गांव लोरिया पट्टी और फौंडर से लेकर मगोर्रा तक रोड बेहतर स्थिति में नहीं है।

गांवों में रोड उखड़ा पड़ा है, इसमें गांव की गलियों का गंदा पानी भरा रहता है। मंडी चौराहे से सौंख जाने के लिए भी एक किलोमीटर सड़क खराब है। इसी तरह से गोवर्धन से लेकर बरसाना तक रोड गांव नीमगांव, भगोसा, पलसों से आगे बरसाना तक बेहद खराब हो गया है।

आए दिन रोड पर चलने वाले वाहनों को नुकसान सहना पड़ता है। इसी तरह से बरसाना से नंदगांव होकर कोसीकलां तक रोड पूरी तरह से ऊबड़ खाबड़ है। यहां से होकर रात में निकलना किसी भी वाहन से खतरे से खाली नहीं है। कभी यहां वाहनों के टायर फट जाते हैं तो कभी छुटपुट पंचर होने से वाहन सवार बेकार हो जाते हैं। नंदगांव से कोसीकलां तक तो हालत और भी खराब है।

कमोवेश यही हालत गोवर्धन से छाता रोड की हो गई है। जगह-जगह रोड पर गहरे गड्ढे हो गये हैं। राह निकलना मुश्किल हो जाता है। यह हालत तो तब है जब कि कोसीकलां से गोवर्धन तक रोड बनाने में लोक निर्माण विभाग ने चालीस ठेकेदार लगाए थे।

गुणवत्ता सुधारने का यह प्रयास और भी नुकसान देय साबित हुआ। इन सड़कों पर रास्ते की हालत जगह-जगह खराब होने के कारण लोगों का मोह भंग होता जा रहा है। गोवर्धन से दिल्ली जाने वाले श्रद्धालु ज्यादातर सीधे बरसाना होकर जाने की बजाय मथुरा से होकर निकलना सुरक्षित समझते हैं।



आगरा के लिए छोड़ा गया 4510 क्यूसेक पानी


मथुरा (DJ 2010.07.14)। आगरा को गोकुल बैराज से साढ़े चार हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है।

पिछले दिनों यमुना का जलस्तर बढ़ जाने से गोकुल बैराज पर पानी का स्तर बढ़कर 163.70 मीटर हो गया था। बैराज पर पानी का स्तर बढ़ जाने से आगरा को छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा में वृद्धि कर दी गई। बुधवार को 4510 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बताया गया है कि अभी भी बैराज पर 163.40 मीटर पर पानी का लेवल बना हुआ है।



नौहझील बंधा कमजोर,घुस सकता है कालिंदी का पानी


मथुरा (DJ 2010.07.14)। आधा दर्जन से अधिक गांवों की बाढ़ से सुरक्षा को बना नौहझील बंधा लगातार कमजोर हो रहा है। जगह-जगह इसमें खंदी हो गई है। बंधा की मरम्मत की योजना तो मंजूर हो गई, लेकिन अभी तक धनराशि रिलीज नहीं हो सकी है। यही वजह है कि अभी तक बंधा की मरम्मत नहीं हो सकी है।

यमुना की बाढ़ से ग्राम पंचायत नौहझील, जाफरपुर, कौलाना, मरुआता, सिंगौनी, अभयपुरा, रामगढ़ी, मनीगढ़ी आदि की सुरक्षा को बना बंधा लगातार कमजोर हो रहा है। यमुना किनारे 9.5 किलोमीटर लंबे और 1.2 मीटर ऊंचे बंधा की मरम्मत के लिए पिछले साल भेजी गई 481.28 लाख रुपये की योजना को नाबार्ड ने मंजूरी दे दी है।

दो माह पहले बंधा की मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग ने टेंडर कर दिए थे, लेकिन बाद में धनराशि न मिलने के कारण इनको निरस्त कर दिया गया। नौहझील प्रतिनिधि के अनुसार बंधे पर जानवर घूम रहे हैं। जानवरों ने इस पर जगह-जगह खंदी बना दी है।

कई स्थानों से बंधा क्षतिग्रस्त हो गया है। माना यह जा रहा है कि लगातार कमजोर हो रहे बंधा यमुना में जल स्तर बढ़ने पर कट सकता है। जानकारों का कहना है कि पानी का बहाव जब खंदी में जाएगा तो इसमें कटाव बढ़ जाएगा। इस स्थिति में आधा दर्जन से अधिक गांवों के लिए खतरा तो पैदा हो सकता है।


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