Friday, July 23, 2010

2010-07-24 ब्रज का समाचार

ईमानदारी आज भी जिंदा है...


वृन्दावन (DJ 2010.07.23)। आज के भौतिकवादी युग में जहां पैसे के लिए लोग एक-दूसरे से लड़ने पर उतारू हैं ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दूसरे के पैसे को हराम समझते हैं। ऐसा ही एक वाकया वृन्दावन में उस समय प्रकाश में आया जब भाजयुमो के नगर प्रभारी एवं उसके मित्र रुपयों से भरे पर्स को लौटाने के लिए भागदौड़ करने में लगे हैं।

भाजयुमो नगर प्रभारी सुनील चतुर्वेदी एडवोकेट अपने मित्र राजीव त्रिपाठी के साथ प्रात: बाजार जाने के लिए घर से निकले। उसी दौरान मथुरा मार्ग स्थित वंशीवाला के समीप उन्हें एक पर्स पड़ा हुआ दिखाई दिया, जिसमें लगभग चार हजार रुपये, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड व अन्य जरूरी कागजात रखे थे। पैन कार्ड पर राकेश भूषण पुत्र इंदूभूषण का नाम अंकित था किन्तु उपयुक्त पता एवं फोन नम्बर न होने के कारण श्री चतुर्वेदी पर्स को तत्काल लौटा नहीं पाये। उनके द्वारा पर्स को सही व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। क्षेत्र में इस घटना को लेकर क्षेत्रवासियों ने श्री चतुर्वेदी एवं त्रिपाठी के प्रयास की प्रशंसा की है।



आये दिन धसक रही नवनिर्मित सड़क


मथुरा (DJ 2010.07.23)। सावधान! अगर आप मथुरा-वृन्दावन मार्ग पर सफल कर रहे हैं तो जरा संभलकर चलें। न जाने कब और किस जगह आपके नीचे की जमीन धंस जाये और आप दुर्घटना के शिकार हो जायें। क्योंकि इस मार्ग के निर्माण में ठेकेदारों ने भ्रष्टाचार की जो पटकथा लिखी उसने आम आदमी की जिंदगी को खतरे में डाल दिया है।जी हां!

हम बात कर रहे है वृन्दावन समग्र विकास योजना की। इस प्रोजेक्ट के लागू होने पर आम जनता को विकास की जो उम्मीदें थीं उसे विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर एक-एक कर तोड़ दिया। हाल यह है कि अब आम जनता इन विकास कार्यो से ऊब चुकी है। वृन्दावन प्रोजेक्ट में बरती गयी लापरवाही और मानकों के साथ खिलवाड़ का पूरा सच मथुरा-वृन्दावन मार्ग बयां कर रहा है।

इस मार्ग पर पागल बाबा मंदिर से लेकर मिर्जापुर धर्मशाला चौराहा तक जितनी जगह गहरे गड्ढे बन गये हैं उतनी ही गहरी है वृन्दावन प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की जडे़ं। इस योजनान्तर्गत जब उक्त मार्ग पर सीवर लाइन और फुटपाथ निर्माण का कार्य शुरू हुआ तभी से खुलेआम भ्रष्टाचार का खेल शुरू हुआ।

मिट्टी बेचकर अपनी जेबें भरने वाले अधिकारी और ठेकेदारों ने आम जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया। मानसून की बारिश ने ठेकेदारों की करतूत उजागर की है। हालत यह है कि उक्त मार्ग पर नित्यप्रति सड़क धंस रही है जो गहरा गड्ढा का रूप ले रहे हैं। ये गड्ढे किसी भी दिन बड़ा हादसा घटित कर सकते हैं।

मंगलवार को जयपुर मंदिर के समीप सड़क धंसने से जहां वाहन चालक बाल-बाल बचे कि बुधवार को टी.वी. सेनेटोरियम के समीप यकायक सड़क धंसने से गंभीर हादसा होते-होते बच गया। इसके अलावा उक्त मार्ग पर फुटपाथ पूरी तरह टूट चुका है और गहरे-गहरे गड्ढे बन चुके हैं।

सड़क धंसने का यह क्रम लगभग पन्द्रह दिन पूर्व मानसून की पहली बारिश के साथ ही शुरू हो गया जो आज भी अनवरत रूप से जारी है, लेकिन न तो अधिकारी और न ही ठेकेदारों को इन्हें दुरुस्त करने की इच्छा है। शायद अफसरों को किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है।



लोधी आश्रम पर कब्जे मामले में समाज में उभरा आक्रोश


मथुरा (DJ 2010.07.23)। संत कालोनी परिक्रमा मार्ग स्थित लोधी आश्रम में तथाकथित भूमाफियाओं द्वारा कब्जे के प्रयास के खिलाफ लोधी समाज का आक्रोश उभरकर सामने आ गया। स्वजातीय बंधुओं ने बैठक कर भूमाफियाओं को मुंहतोड़ जवाब देने का आह्वान किया।

परिक्रमा मार्ग स्थित लोधी समाज की सम्पत्ति के स्वामित्व को लेकर दो पक्षों में लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। जिसे लेकर लोधी समाज के स्वजातीय बंधु भारी आक्रोशित हैं। पूर्व में भी पूर्व सांसद स्वामी सच्चिदानंद हरी साक्षी की मौजूदगी में भूमाफियाओं के खिलाफ बैठक की गयी थी।

इसी क्रम में गुरुवार को प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त छोटेलाल वर्मा, सांसद गंगाचरण राजपूत समेत अनेक राजनैतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में स्वजातीय लोगों ने भूमाफियाओं के खिलाफ जमकर आक्रोश जताया। उनका कहना था कि किसी भी कीमत पर समाज की सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द नहीं होने दिया जायेगा। वक्ताओं का कहना है कि उक्त सम्पत्ति को समाज हित में सामाजिक कार्यो के लिए उपयोग में लाया जायेगा।




मेला में गैर हाजिर पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही


मथुरा (DJ 2010.07.23)। मुड़िया मेले के लिए विभिन्न जनपदों से यहां तैनात किये गए पुलिस कर्मियों में से सैकड़ों से अधिक कर्मी मेला ड्यूटी से अनुपस्थित हैं।

मेला प्रारम्भ हुए दो दिन बीत जाने पर भी आमद न कराने वाले ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ उनके गृह जनपदों को रपट भेजी जा रही है। बता दें कि मेलों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रदेश के अनेकों जनपदों से पुलिस फोर्स की व्यवस्था की गई थी। मगर उक्त में से करीब दो सैकड़ा से अधिक पुलिस कर्मी अपनी ड्यूटी से नदारद हैं और नहीं उनके द्वारा आमद की गई है। सीओ आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि ऐसे दो सौ से अधिक पुलिस कर्मियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही के लिए एसएसपी के माध्यम से उनके जनपदों में रपट भेजी जा रही है।



गुरु तुम्हारे रुपयों के भूखे नहीं: जयगुरुदेव


मथुरा (DJ 2010.07.23)। संत बाबा जयगुरुदेव महाराज ने कहा है कि गुरु के बिना कोई पूजा नहीं होती। हां यदि सदगुरु की पूजा आपने कर ली तो समझो सबकी पूजा हो गई। जैसे समुद्र में नदियां समाई हैं ठीक उसी प्रकार गुरुदेव में सभी पूजा निहित हैं। जो गुरु की भक्ति करते हैं वे एक क्षण में संसार सागर से पार हो जाते हैं।

गुरु पूर्व पर आश्रम में आए श्रद्धालुओं को प्रवचन देते महाराज ने कहा कि गुरु की महिमा अपार है और उसका वर्णन नहीं किया जा सकता। गुरु आपके रुपये-पैसे के भूखे नहीं होते। जो समझदार हैं वे धन को गुरु की सेवा में खर्च करके अपना काम बना लेते हैं। संत ने बताया कि जब साधना के समय आपकी सूरत ऊपर चढ़ जाएगी तो आप गुरु को वहां देखोगे।

संत ने कहा कि जब व्यक्ति बूढ़ा हो जाता है तब उसकी हालत बूढे़ बैल की तरह हो जाती है। जैसे बूढ़े बैल को कोई नहीं बांधता वैसे ही आपकी दशा हो जाती है। तब मालूम होता है समय का महत्व, लेकिन तब-तक समय निकल चुका होता है। इसलिये जवानी में ही सब काम कर लो कल्याण होगा। उन्होंने बताया यह तन दुर्लभ है। इसका भगवान के भजन के लिए सदुपयोग कर लो।



जयगुरुदेव मन्दिर (hi.brajdiscovery.org)

बाबा जय गुरुदेव का वास्तविक नाम तुलसीदास है। उनके गुरु श्री घूरेलाल जी थे जो अलीगढ़ के चिरौली ग्राम (इगलास तहसील) के निवासी थे। उन्हीं के पास बाबा वर्षों रहे। उनके गुरु जी ने उनसे मथुरा में किसी एकांत स्थान पर अपना आश्रम बनाकर ग़रीबों की सेवा करने के लिए कहा था। अतः जब उनके गुरु जी का सन 1948 की अगहन सुदी दशमी को शरीर नहीं रहा, तब उन्होंने अपने गुरु स्थान चिरौली के नाम पर सन 1953 में मथुरा के कृष्णा नगर में चिरौली संत आश्रम की स्थापना करके अपने मिशन की शुरुआत की। बाद में बाबा जय गुरुदेव ने सन 1962 में मथुरा में ही आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर स्थित मधुवन क्षेत्र में डेढ़ सौ एकड़ भूमि ख़रीदकर अपने मिशन को और अधिक विस्तार दिया। बाबा जय गुरुदेव अपने प्रत्येक कार्य में अपने गुरुदेव का स्मरण कर जय गुरुदेव का उद्घोष करते हैं इसलिए वह बाबा जय गुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध हो गये। उन्हें उनके वास्तविक नाम तुलसीदास के नाम से बहुत कम व्यक्ति जानते हैं।



जंक्शन पर बढ़ने लगी श्रद्धालुओं की भीड़


मथुरा (DJ 2010.07.24)। मुडिया पूर्णिमा व बाबा जय गुरुदेव मेला में देश भर सेश्रद्धालुओं की भीड़ का आना शुरु हो गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये रेलवे प्रशासन जुटा हुआ है।

गुरुवार को मुड़िया व बाबा जयगुरुदेव के आश्रम पर श्रद्धालुओं को आने का क्रम शुरु हो गया है। जंक्शन पर प्रात: से ही भीड़ का जमावड़ा होने लगा है। यहां से काफी लोग गिर्राज महाराज की परिक्रमा लगाने को जा रहे है वहीं बाबा के काफी अनुयायियों की भीड का जंक्शन पर जमावड़ा शुरु हो गया है। सुरक्षा के लिये आरपीएफ-जीआरपी जुटी हुई है। आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट आगरा ने मथुरा जंक्शन व गोवर्धन में मेला में भाग लेने आने वाली भीड़ की जानकारी कर सुरक्षा व्यवस्थाओं को परखते हुए अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।